Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 68 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

शालु: बदजात औरत अपनी चूत की आग शांत करने के लिए तूने अपने ही सागे बेटे को फाँस लिया,, यह तो बेचारा जवानी का मारा है,, इसकी उम्र में तो यह सब चीजे करना आम बात है,,, तू तो बूढी हो रही है,,,और समझदार भी है…तुझे शर्म नही आयी अपने बेटे के साथ चुदवाते हुए,, और बेशरमी से अपनी चूत और गांड मरवा रही है। हे भगवन क्या क्या हो रहा है इस दुनिया में…घोर कलयुग आ चुका है…हे भगवन अब तो अवतार ले ही लो और पापियो का नाश कर दो…

रत्ना अपने खूबसूरत जिस्म को ढके हुए शालु की बाते सुन रही थी और अब उसकी आँखों में पानी आने लगा था,, ऐसा लग रहा था की रत्ना सोच रही हो की मैंने सचमूच एक घोर पाप कर डाला है और दुनिया और भगवन इस गंदे कर्म के लिए मुझे कभी माफ़ नही करेंगे…

देवा भी वहां नंगा खड़ा हुआ था क्युकी वह उन दोनों औरतो को चोद चुका था । उसे उनके सामने नंगा होने का कोई फ़र्क़ नहि था। देवा भी शालु की बाते सुन कर शॉक था और मन ही मन सोच रहा था की… यह साली छिनाल क्या बक रही है…खुद तो अपने ही बेटे से चुदवाती है और यहाँ चूतियापा कर रही है…

शालु अब भी अपना प्रवचन दे रही थी और रत्ना का रोना चलु हो गया था । जब देवा ने रत्ना को सिसकते हुए देखा तो उसे शालु पे ग़ुस्सा आने लाग। वह कुछ बोलना तो चाह रहा था पर उसे समझ में नहीं आ रहा था की शालु और उसके बीच का सम्बन्ध रत्ना के सामने बताना ठीक रहेगा की नही,,,कहिं ऐसा न हो की रत्ना उससे चुदवाना छोड़ दे यह जान कर की मै कितनी औरतो की ले चुका हूँ…

देवा इन ही खयालो मै खोया हुआ सही और गलत का फैसला सोच ही रहा था की रत्ना के मोटे मोटे आँसु टपकने लगे थे। वो चाहते हुए भी शालु के सामने कुछ बोल नहीं पा रही थी और सिर्फ रोते जा रही थी…जब शालु ने देखा की रत्ना के आंसू निकल गए है तो वो झुक गयी उसके आगे और उसके आंसू पोंछने लगी थी…

शालु,,,अरे मेरी नाजुक कली तू तो रोने लगी…मुझे माफ़ कर दे मै तो बस मजे ले रही थी।
ये बात सुनके रत्ना चौंक गयी और रोते हुए ही शालु को देखने लगी जिसके मुखडे पर अब एक शैतानी मुस्कान थी,,देवा भी यह देख के समझ गया की शालु सिर्फ मजाक कर रही थी। शालू मन ही मन सोचने लगी।
यह तो मेरे टेस्टइ फेल हो गयी…

रत्ना के मुँह से अब भी शब्द नहीं निकल रहे थे और वह अब बहुत कंफ्यूज हो गयी थी…अभी तक शालु उससे दुनियादारी की बात कर रही थी और अब अचानक वो बोल रही है की मै मजाक कर रही थी…
 
आखिर यह सब हो क्या रहा है…भला एक माँ को अपने बेटे से चुदवाते देख कोई औरत ऐसा मजाक कैसे कर सकती है…रत्ना के पल्ले कुछ नहीं पड रहा था…देवा अब मुस्कुरा रहा था और शालु को देखते हुए अपने लंड को मसलने लगा…

शालु रत्ना को अपनी तरफ सवालिया नज़रो से देखते हुए समझ गयी की रत्ना कंफ्यूज हो गयी है…वह बोलती है,,,मेरी जान तू तो बड़ी कमिनी निकली अपने ही बेटे से चुदवा रही थी और अपनी सबसे अच्छी सहेली को इस बारे मै बताया तक नहीं…

रत्ना को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर तब भी उसे महसूस हो गया की वो पकड़ी तो गयी है पर शालु किसी को कुछ नहीं बतायेगी। वह अब थोड़ी रिलैक्स होने लगती है,, अब भी उसने अपने बदन को ढ़का हुआ था,,,वह हकलाते हुए कहती है…
रत्ना: ओह्ह्ह…मैं…वोह.....शालु…वाह…दरअसल,,,शालु..... थी…की…वाह…मुझे...माफ़…मुझे माफ़……कर ...दे......मैं..... वो…
रत्ना को हकलाते देख कर शालु मंद मंद मुस्कुराने लगती है और सोचने लगती है की मैंने ज्यादा मजाक कर लिया ।यह तो बहुत डर गयी है…
शालु: साली तू तो बड़ी कुतिया की तरह गाँड मरा रही थी वो भी अपने ही सगे बेटे से बेशरम होकर…रंडी लग रही थी बिलकुल…

मैंने सोचा था की अगर मै तेरे सामने भी आ जाऊ तब भी तू अपना रन्डीपना नही छोड़ेगी और मेरे सामने ही अपने बेटे से अपनी गांड मरवाती रहेगी…पर तेरी तो गांड ही फट्ट गयी मुझको देख कर और मोटे मोटे आंसू बहाने लगी…कम से कम घर का दरवाजा तो बंद कर लेती अपनी चुदाई शुरू करने से पहले…इतना भी कण्ट्रोल नहीं हुआ तुझे…यह बोलते हुए शालु हँसने लगी।

रत्ना शालु की बाते सुनकर चौंक सी गयी और वह ....अब तक भरोसा कर चुकी थी की शालु किसी से कुछ नहीं कहेगी और मै अब भी अपने बेटे…अपने सुहाग…अपने मालिक देवा से मस्त होके चुदवा सकती हूँ।…यह सोचते हुए रत्ना के चेहरे पर फिर से ख़ुशी की लहर आ गयी।
 
अपडेट 103





रत्ना को मुस्कुराते देख शालु बोली....हाये मेरी जान बड़ी खुश लग रही है लगता है अपने बेट के साथ बहुत मजे कर लिए है…और वो देवा को देखने लगी। रत्ना भी शर्मा जाती है और अपना चेहरा छुपा लेती है।

अब रत्ना काफी रिलैक्स थी…वो बोली,,,शालु तू तो जानती ही है की देवा के बापू के जाने के बाद से मैंने सिर्फ मूली गाजर से काम चलाया है…तू अच्छे से जानती है की मेरी राते कैसे गुजरी है…कितनी तकलिफ में रही हूँ मैं…

5 साल से मै खुद पर कितना कण्ट्रोल करके आयी हूँ…कई बार मैंने सोचा भी था क्यों न किसी से करवा लु बाहर…पर बदनामी के डर से मैंने कभी कोई ऐसा कदम नही उठाया…5 साल मेरी जिंदगी और मेरी चूत के लिए 100 सालो के बराबर गुजरी है…दुनियादारी की फिकर में मेरी सारी जिंदगी तडपती हुई गुजरी है…

इसी सोच में की देवा के बापू लौट आयेंगे और हम फिर से ख़ुशी से रहेगे…ऐसा सोचते हुए मैंने कभी दूसरी शादी भी नही करी…लेकिन अब जब मैं जान गयी की देवा के बापू इस दुनिया में नहीं रहे है…

मेरी उम्र इतनी ज्यादा है की अब कौन मुझसे शादी करेगा…कौन अब मेरा हाथ थामेगा इस उमर में…पर तभी मेरे जीवन में एक नयी उमंग आयी…और वो कोई और नहीं मेरा प्यारा…राज दुलारा…मेरा मेहनती बेटा था…देवा ने मुझे यह एहसास दिलाया की मै अब भी जवान हुँ…और मुझे यह विश्वास दिलाया की मुझे अपनी जिंदगी में ही सब कुछ पाने का पूरा अधिकार है जो मैंने इन 5 सालो में कभी नहीं पाया…देवा ही मेरी जिंदगी में एक नया पडाव लाया…और मुझे समझाया की मै अभी बुढी नहीं हुई हूँ… मै अब भी बहुत सुन्दर और गदराये बदन की औरत हुँ…

उसी ने मेरी सोयी हुई औरत को जगाया जिसे मै 5 सालो से दफनाये बैठी थी…उसी ने मेरे जिस्म की आग को चिंगारी दी और मुझ को सुखी रहने का आमंत्रण दिया…उसी ने मुझे यह एहसास कराया की इस दुनिया में मै अब भी अपने जिस्म को फिर से चैन और सुख दे सकती हूँ।

मेरे देवा ने ही यह एहसास दिलाया की मै किसी भी मरद को लुभा सकती हूँ…मेरे अपने सगे बेटे ने ही मुझे यह भरोसा दिलाया की जो हम करेंगे वह किसी मायने में गलत नहीं होगा…क्युकी माँ बेटे होने से पहले हम दोनों औरत और मरद है…हमारी भी अपनी जरूरतें है…हमे भी किसी का अपने बदन पर स्पर्श चाहिए…हमे भी पूरा हक़ है वह करने का जो एक औरत और मरद के बीच होना नेचुरल है…चाहे हमारे बीच माँ-बेटे की दिवार है पर उस दिवार को गिराने से किसी का नुकसान नहीं अगर यह बात किसी और को बाहर न पता चले…
 
शालु,,,,देवा तू तो बड़ा कमीना निकला। अपनी ही माँ के साथ मजे करता है…और तो और दिवाना भी बना लिया है तूने रत्ना को अपना…रत्ना यह सुन कर किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह शर्मा जाती है।

उसे शरमाते देख देवा बोलता है,,,लगता तो कुछ ऐसा ही है शालु पर मेरे से ज्यादा मेरी माँ इसकी दीवानी हो गयी है…और उसने अपने लंड की तरफ इशारा करा जो अभी तक खड़ा हुआ था और शालु की तरफ पॉइंट कर रहा था…उसका लंड चमक रहा था।


शालु ने उसके लंड को जब देखा तो उसने सोचा…रत्ना बड़ी भाग्यवान है उसे ऐसा लंड मिला है जो हमेशा उसके आस पास ही रहने वाला है…इसकी तो अब पूरी जिंदगी में चुदाई पक्की ही है…शालू को रत्ना से जलन हो रही थी।
रत्ना देवा के मुँह से अपनी माँ को अपने लंड का दीवाना होने वाली बात सुनके बहुत ज्यादा शर्मा गयी थी और उसने अपने मुह को तकिये के नीचे छुपा लिया…रत्ना को ऐसा करते देख शालु और देवा हँसने लगे।

शालु: अरे रत्ना मेरी जान इतना तो मत शर्मा अब मेरे सामने…देवा बेटा सही ही बोल रहा है…आखिर मैने यह तेरा दिवानापन अपनी आँखों से ही देखा है…यह कहते हुए शालु देवा को एक आँख मारती है…देवा शालु को देखते हुए अपना लंड हाथ में पकड़ कर हिलाने लगता है जिसे देख कर शालु उसे इशारो में कहती है…अभी नही बेटा कुछ टाइम तुम अपनी नयी दुल्हन के साथ ही मजे करो…मैं बाद मे मजे दूंगी…शालू आँख मारती है…रत्ना अब उठ कर बैठ जाती है पर अपने ऊपर से चादर नहीं हटाती और शरमाति हुई नज़रो से देवा को अपने पास नंगा खड़ा देख कर और शर्मा जाती है और बोलती है,,,,कैसा बेशर्म जैसा खड़ा है कपडे तो पहन ले अपनी काकी के सामने…

शालु: अरे कोई बात नही रत्ना,,,मैं वैसे भी जा रही हूँ बस…बेकार में उसे कपडे मत पहना…क्युकी फिर से तो उतारना ही है आखिर मेरे जाते ही…


रत्ना शालु की बात सुन कर शरमाती हुई नज़रो से कहती है…शालू तू वैसे आयी क्यों थी? इस सवाल को सुनकर शालु बोलती है…अरे हाँ मै तो तुम लोगो को ऐसे देख कर ओह भूल ही गयी की मै किस काम से आयी थी…रत्ना जब याद आ जायेगा मै दोबारा आकर बता दूंगी की क्या काम था…तब तक तो मजे कर और बेफिक्र रह मै किसी को कुछ पता नहीं लगने दूंगी। मैं जानती हूँ की तूने कितना दर्द सहा है…तू बिलकुल फिकर मत कर और खुश रह…
 
रत्ना: शुक्रिया मेरी प्रिय सखि तू मुझे अच्छे से समझती है…इस पर शालु बोली,,,चल वह तो मै समझती ही हूँ की तू कितनी बड़ी कमीनी है…लेकिन अब मेरे जाने के बाद यह दरवाजा जरुर बंद कर लेना कहीं कोई और न आ जाये इस बार तुम्हारी मस्ती के बीच…रत्ना यह सुनकर शर्मा जाती है…शालू दोनों को बाय करके घर से निकल जाती है…

रत्ना अपने जिस्म पर लपेटी हुई चादर को पकडे शालु के पीछे जाती है और दरवाजा बंद करके लॉक कर देती है…और कुछ टाइम वहां चादर लपेटे ही दरवाजे के सहारे खड़ी रहती है और सोचने लगती है आज तो बच गए पर अब से सावधानी बरतनी होगी…यह सोचते हुए वह वापस अपने कमरे में चलि जाती है जहाँ उसे देवा बेड पर लेटा हुआ मिलता है।वह अपना लंड हिला रहा था और जोर जोर से चींख रहा था…आह रत्ना मेरी जान तेरी चूत फाड़ दूंगा अपने लंड से……………………आहह रत्ना चूस अपने पति का अपने बेटे का अपने सुहाग का लण्ड…………
मुँह की गहराइयो में ले तू अपने सगे बेटे का लण्ड…………………चूस जोर से खा जा मेरे लंड को…………आहह…………………तेरी गाण्ड माँरू मेरी माँ……………………आह्ह्ह आहह अपनी माँ को चोदता हूँ मैं………………आह्ह्ह्हह्ह।

यह कहते हुए देवा झड जाता है और उसके लंड से लावा फूट पड़ता है जो उडके सीधा उसके पैर पर आ गिरता है…रत्ना यह देख के मुस्कुराती है और अपने बदन से चादर हटा देती है और पूरी की पूरी मादरजात बेशर्म सी नंगी हो जाती है…और दरवाजे पर ही अपनी गांड देवा की तरफ करके पलटकर खड़ी हो जाती है…और बोलति है,,,,,आह्ह बेटा,,,,,,अपनी माँ के बारे में ऐसा सोचना अच्छी बात नही……आह्ह्ह्ह।
और यह कहते हुए हुये मुस्कुराने लगती है।

देवा के कानो में जब रत्ना की आवाज पड़ती है तो वो दरवाजे की तरफ मुडकर देखता है और वो नजारा देख कर अपने चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान ले आता है ।
 
अपडेट 104





देवा ने दरवाजे पर खड़ी अपनी नंगी माँ की आँखों में देखते हुए अपना हाथ अपने मुरझाये हुए लंड पर रखा और जोर से बोला…
आह रत्ना……
तू मेरी माँ है और इतनी गदराये बदन की मालिक है की कौन तेरे लिये ऐसा ना सोचेगा।
आह माँ तेरी चूत का दिवाना हूँ मैं…
तेरी मोटी गांड का मालिक हूँ मैं...
तेरे जिस्म के रोम-रोमं का गुलाम हूँ मैं।
तेरी मक्खन जैसी चूचियों(ब्रेस्टस)के लिये पागल हूँ मैं
भला ऐसी क़यामत ढाने वाले जिस्म के बारे में बेटा नही सोचेगा तो भला कौन सोचेंगा।
अपने सगे बेटे के मुँह से अपने जिस्म की प्रशंसा सुन दरवाजे पर अपने बेटे को अपने पूरे नंगे जिस्म का दीदार कराती एक माँ के मुह से एक जोरदार
”आह”
निकल जाती है और एक माँ अपने सगे बेटे के सामने बेशरम जैसी अपने जिस्म पर हाथ फेरने लगती है……
और अपनी चुचियों को सहलाते हुए देवा के लंड को निहारती हुई अपने मुँह में एक ऊँगली डालकर एक और सेक्सी आहहह निकालती है…
अपनी माँ को ऐसे देख कर देवा अपने लंड पर हाथ चलाने लगता है…
अब उसका लंड फिर से खड़ा होने लगता है…।
रत्ना की नजर अब उसे बता रही थी की देवा चाहे अभी कुछ पल पहले ही झडा था पर अब उसका लंड उसकी माँ के गदराये जिस्म को देख कर फिर से खड़ा हुआ था…
रत्ना यह देख कर बोली…
””आह देवा बेटा तू तो बहुत बड़ा हो गया है…।
अपनी ही माँ को देख कर गर्मं हो रहा है……………
हाय राम कैसा बेटा है मेरा अपनी ही सगी माँ को देख कर अपना लंड हिला रहा है……
गंदा लड़का…
उह्ह्ह्ह।
ये कहते हुए रत्ना का हाथ खुद बा खुद अपनी चूत पर चला जाता है और वो उसी तरह देवा को देखती हुई मुस्कराती हुए अपनी चूत रगड़ने लगती हैं…
देवा यह सीन देख कर बोलता है……
क्या माँ तू भी तो बेशरम सी अपने नंगे बेटे के सामने नंगी खडी हुई अपनी चूत रगड रही है…।
और बिना झिझके हुये अपने सगे बेटे के सामने नंगी ही खडी अपनी मोटी गाँण्ड दिखा रही है।
 
देवा के मुँह से यह बात सुनते ही रत्ना एक हाथ से अपनी चूत रगडने लगती है और दूसरे हाथ से अपने मम्मे को दबाने लगती है…
और बोलती है…
”””आह मेरा बेशरम बेटा तू ही तो पहले मेरे सामने नंगा हुआ था…
मै नही…
और वैसे भी घर पर हम्म्म दोनों के अलावा और कोई है भी नही…
तो मैंने सोचा अपने ही प्यारे जवान बेटे के सामने क्या दिखावा……और क्या....
कपडे पहनना तो एक दिखावा ही है…।
मैं तो आज से ही नंगी रहुंगी पूरे दिन……
जीसे देखना हो देखे और जिसे निचोड़ना है निचोड ले……
आह्ह्ह्हह्ह।
पर मैं आज अपने बदन पर कुछ भी नही पहनने वाली…
ऐसे ही पूरी नंगी घूमूंगी अपने घर में पूरे दिन बस……
जो काम करुँगी नंगी ही रह कर करूंगी……
आह्हह्हह्हह्हह।
अपनी नंगी माँ के मुँह से यह शब्द सुनकर देवा बहुत खुश हो जाता है और बोलता है…
””””आह रत्ना मेरी छिनाल माँ जरूर रह नंगी पूरे दिन पर एक चीज जरुर पहने रहना………
रत्ना: वह क्या मेरे देवा…
देवा: अपने नये पति के नाम का मंगलसूत्र……
बस वह पहने रहना और बाकि कपडे पहनने की कोई जरुरत नही है…
देवा के मुँह से सुनकर रत्ना बोली: आहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
हाँ जरुर पहनूंगी अपने नए पति के नाम का मंगलसूत्र…
और कुछ भी नहीं पहनूँगी……
आज रत्ना पुरी नंगी ही रहेगी सर से लेकर पाँव तक…
चाहे कुछ हो जाये……
पर मेरे पति को भी आज पूरे दिन नंगा ही रहना होगा पूरा…
आह।
रत्ना के मुँह से यह शर्त सुनकर देवा मुस्कुराते हुए कहता है…
देवा:अरे मेरी छिनाल तेरा नया पति तो तेरे हुस्न को देखकर ही नंगा रहेगा…
जब तक तेरे जिस्म पर एक भी कपडा नही आता तब तक तेरे नये पति यानी की…
तेरा सुहाग…
तेरे जिस्म का भूखा जानवर…
तेरा अपना सगा बेटा...
तेरी चूत....
गाँड
बड़ी बड़ी चूचियों
तेरे जीस्म का प्यासा मालिक तेरा देवा भी एक कपडा नही पहनेगा…
और तेरे साथ ही पूरे दिन नंगा रहेगा और तेरी भुख को शांत करेगा…
मेरी रानी…
मेरी माँ……
मेरी रत्ना……
आहहह
रत्ना: आह मेरे बेटे आ अपनी माँ को प्याररर कररर……
मेरी चूत चाट…
आह्ह्ह्हह्ह्ह…
ऐसा कहते हुए रत्ना नंगी ही देवा की तरफ बढ़ने लगती है और देवा भी खड़ा हो जाता है…
रत्ना उसके पास आकर देवा को अपनी बाहों में भर लेती है…
 
देवा का हाथ रत्ना की गांड पर चला जाता है और वह उससे जोर से दबाने लगता है…
रत्ना: आह्ह्ह्ह…देवा……
बेटे……
हलके से दबा.......
मेरी गांड आहह्ह्ह्ह।
फिर देवा उसकी गांड छोडता है और रत्ना उसके सीने से हट कर उसके चेहरे पर चुम्मो की वर्षा कर देती है…
और फिर अपने होठो को उसके होठों पे रख के चूसने लगती है…
देवा भी अपने माँ के होठो को चूसने लगता है…
वह दोनों एक दूसरी को होठो को चुसते हुए एक दूसरे की आँखों में देखने लगते है…
सच्ची अब ये माँ बेटे पूरी तरह बेशरम हो चुके थे…
तभी दोनों अपनी जीभे लडाने लगते है और एक दूसरे की जीभ चूसने लगते है…
देवा लगतार रत्ना की बड़ी बड़ी चुचियों को अपने हाथो में मसल रहा था…
कुछ देर देवा और रत्ना एक दूसरे की जीभ चूसते रहे और रत्ना अपने बेटे से अपना जिस्म भी मसलवाती रही…
फिर देवा अलग हुआ और रत्ना को अपने साथ बिस्तर पर ले आया और उसे लिटा दिया…
देवा: आहह मेरी जान मेरी माँ…
तेरे को तो मै कभी प्यार करना न छोड़ू....
जब भी तुझे चोदता हूँ तो मेरे को एक अलग आनन्द का अहसास होता है…
जब भी मै तेरी चूत या गांड की अपने लंड से धज्जीया उड़ाता हुआ तुझे बेरहमी से चोदता हूँ तब मेरे को एक संतुष्टी की भावना मिलती है…
जब भी मै तेरे मस्त मोटे मोटे मम्मो को मसलता हूँ तो मेरे हाथो को सुकून मिलता है…
जब भी मै तेरे मुह मै अपना लंड ड़ालता हूँ तो मुझे ख़ुशी का एहसास मिलता है…
और जब भी मै तेरे मुँह से एक आह्ह्हह्ह्ह्ह सुनता हूँ। ओह मेरा रोम-रोम दहल उठता है…
हाय मेरी जान.....
मेरी पत्नी…
मेरी छिनाल.....
मेरी अपनी सगी माँ…
तेरे को चोदना अब मेरा मकसद बन चुका है…
ये देवा तेरा सुहाग तेरे जिस्म के लिए हर समय प्यासा ही रहेगा।
और यह कहते हुए देवा उसके मुँह पर चूमने लगता है और रत्ना के रोम रोम में सनसनी फैल जाती है…
और उसके मुँह से एक आह्ह्ह निकल जाती है।
रत्ना: आह्ह्ह मेरी जान लेगा क्या…
बेटे अपनी माँ के साथ ये सब करके तुझे शर्म नही आती क्या?
आहह्ह्ह्ह।
तू तो मुझे दिवाना बना चुका है……
आह…
मेरे बेटा……
मेरी चुत चाट ना बहुत तप रही है।
ठंडा कर दे ना।
 
अपडेट 105




रत्ना की बात सुनकर देवा नीचे जाते हुए अपनी माँ के दोनों चुचियों को अपने हाथो में जकड लेता है और उनको बुरी तरह दबाने लगता है…।
अपने चूचियों पर देवा के सख्त हाथो के मर्दन से रत्ना की आहें निकलने लगती है और वो जोर जोर से आह आह देवा ....आह्ह ..... देवा………मेरे पति आआह।अ…अपनी माँ के चुचियों को प्यारर से दबा अहा……आह…मैं कहीं नहीं जा रही हूँ।…आहह्ह्ह्ह आराम से…कहने लगती है…
अब देवा धीरे धीरे करके अपनी माँ की चुचियों को पकड़ नीचे की तरफ बढ़ने लगता है और उसकी नाभि से खेलते हुए उसके दोनों चूचियों के निप्पल्स को अपनी उँगलियों में पकडे जोर से दबाने लगता है…रत्ना देवा की इस हरकत से जोरदार चीख निकालती है…
आह्ह्ह्ह………।।
क्या कर रहा है।
आह…उई माँ…………………
मत कर आहह्ह्ह्ह
हे भगवान....
आह बेटे…
ओह……………………आह………………नही देवा
आह बहुत दर्द हो रहा है आह छोड़ दे मेरे निप्प्लस आह ओह्ह हाय राम आह…………
बहुत दर्द हो रहा है आहहह देवा छोड दे…
देवा सच्ची बहुत जोर से उसके दोनों निप्पल्स को दो-दो उंगलियो में लिए दबा रहा था जोर से और उसकी नाभि में अपनी जीभ पेल रहा था…
रत्ना लगातार जोर जोर से चीख़ कर देवा को उसके निप्पल छोड़ने के लिए गिडगिडा रही थी पर देवा उसे और भी जोर से दबाने लगा…………
और थोड़ी टाइम बाद उसने जब उसके निप्पल छोड़े तो रत्ना ने एक चैन की साँस ली…
उसके निप्पल बिलकुल सुर्ख लाल हो चुके थे…देवा अब और नीचे बढ़ता है और अब उसका मुह चूत के ठीक ऊपर था…
वह कुछ पल अपनी माँ की चूत को प्यार से देखता हुआ एक ऊँगली उसकी नाभी क छेद में ड़ालने लगता है…
देवा: माँ यही है ना मेरा जन्म स्थान जहाँ से 20 साल पहले मै बाहर निकला था…
यही है न वह जगह जहाँ मेरे पैदा होने से 9 महिने पहले मेरे बापू ने अपना लंड डालकर तुझे चोदा था और अपना पानी छोडकर तुझे गर्भवती किया था??
रत्ना: हाँ मेरे बेटे…
यह वही जगह है जहाँ से मेरा देवा निकला था और जहाँ तेरे बापू ने अपना लंड डालकर मुझे चोद कर गाभिन किया था…
और मेरी कोख भरी थी…
 
यही वो जगह है जिसमे 2 साल बाद दोबारा तेरा बापू जिस मे झडा था और मेरी कोख दोबारा भरी…
यही वो जगह है जहाँ से तेरी छोटी बहन तेरी पहली जान ममता निकली थी 18 साल पहले…
यही वो जगह है जहाँ मै 5 साल से मूली गाजर से काम चला रही हूँ…यही वो जगह है जहाँ से रोज रात आग निकलती रही है पिछले 5 सालो से…
यही वो जन्नत का दरवाजा है जिसे पार करके हर मरद एक औरत को चोदता है…
यही वह जगह है जिसमे तूने कल अपना लंड डाल कर मुझे रात भर चोदा था…
यही वो जगह है जिसे तूने चोदा और “मादरचोद” बना है…
यही वो जगह है जिसे तू आज फिर से कई बार चोदेगा…
यही वह जगह है जिसका तुझे मेरी जिंदगी भर ख्याल रखना है……बेटे…
अब तू ही मेरा पति है…।
तू ही मेरा सुहाग है…।
तु ही मेरी चूत गांड और मम्मो का मालिक है…
अब मेरा रोम रोम तेरा गुलाम है…
इसकी क़द्र करना और मुझे कभी चोदना मत छोडना…।
मै सदा तुझे हर तरह का सुख दूंगी……
अब और मत रुक चाट मेरी चूत को…
खूब चाट…
मेरी गांड को मेरे पूरे जिस्म को…
ये कहते हुए रत्ना देवा की तरफ आशा भरी नजारो से देखने लगती है…
देवा भी अपनी माँ की आँखों में झाँकता हुआ उसकी चूत के ऊपर चूमता है…


और उसे तब अपनी माँ की तपती हुई चूत का एहसास होता है की वाक़ई उसकी माँ की चूत बहुत तड़प रही है…
वह एक बार और चूत के ऊपर चाटता हुआ नीचे बढ़ने लगता है और फिर अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपनी माँ की चूत के ऊपर फिराने लगता है…
रत्ना आह करते हुए अपने एक निप्पल को अपनी ऊँगली में पकड़ लेती है और देवा की जीभ से चटाई का मजा लेने लगती है…
देवा अपनी जीभ अब उसकी चूत के होठो से ले जाते हुए चूत के दाने के ऊपर फिराने लगता है…
और रत्ना की एक और आह्ह्ह निकल जाती है…
रत्ना: आह देवा.......
मेरे मादरचोद बेटे.......
मेरे पति.........
चाटो मेरी तडपती चूत को घूसा दो अपनी पूरी जीभ उसमे अंदर तक डाल दो अपनी जीभ अपनी माँ की चूत में…
आह्ह्ह्ह।
आह्हह्ह्ह्ह
ऐसे ही……
आहह्ह्ह्ह....
देवा मेरे देवा…
आहह ऐसे ही चूस मेरी चूत को…।।
अपनी रत्ना की चूत को चूस चाट मेरी गांड भी…
आह चुस बेटे.....
रत्ना बिस्तर पर तडपती हुई चूत को अपने बेटे देवा से चुसवा रही थी…
और अपनी चुचियों को अपने हाथो में लिए मसल भी रही थी और कभी कभी अपने देवा के सर पर हाथ रखके उसे अपनी चूत पर दबा रही थी…
 
Back
Top