Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 82 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

अपडेट 130



“मोहब्बत”
हर किसी के लिए इस शब्द का अलग मतलब होता है,
दिल-ओ-जान से प्यार करने वालो के लिए तो यह पूरी दुनिया होता है।
प्यार करने वालो के लिए जिने की दुआ होता है,
और नफरत करने वालो के लिए यह सिर्फ एक शब्द ही होता है…
पर देवा और नीलम का प्यार तो इन सब से बढ़कर था उनके लिए तो यह पूरा जहां ही था…
कुछ पल ही बीते थे देवा के मुँह से वो शब्द निकले हुए,
जीसे सुन कर शालु और रश्मि तो बिलकुल चौंकी हुई थी।
पर नीलम की आँखों से तो आंसू बह रहे थे…
नीलम बिना कुछ बोले ही देवा से अलग हुई और अपना चेहरा पकड़ते हुए भागने लगी अपने घर की तरफ,
नीलम को भागता देख शालु और रश्मि चीखे… “नीलम कहाँ जा रही है…रुक जा…”
देवा तो मूरत बना हुआ खड़ा रहा उसकी आवाज में इस वक़्त इतना भार झेलने की ताक़त नहीं थी।
वह ना ही नीलम का नाम ले सकता था और ना ही उससे नजरे मिला सकता था…
देवा ने सर उठाकर शालु और रश्मि की तरफ गुस्से से देखा और वहाँ से जाने लगा…
शालू: “अरे देवा कहाँ जा रहे तुम…”
देवा ने कुछ जवाब नहीं दिया…
नीलम काफी तेजी से भाग रही थी उसे पता ही नहीं चला की वो गलत रास्ते पर जा रही है।
वह बस रोते हुए भाग रही थी…
कुछ देर भागने के बाद नीलम को एहसास हुआ की वो जंगल के भीतर आ चुकी है और उसे सामने एक झोपड पट्टी दिखाई देती है,
वह समझने में देर नहीं करती की वो एक शराब खाने के बाहर ही खड़ी है।
नीलम रोते हुए वही जमीन पर बैठ जाती है और जोर जोर से रोने लगती है।


इधर देवा चलते हुए अपने मन में नीलम का रोता चेहरा याद करता है और वहीँ रुक जाता है जब उसके कानो में आवाज पड़ती है।
रश्मि: “देवा सुनो…”
देवा पीछे मुडता है और रश्मि की तरफ गुस्से से देखता है....
रश्मी उसके गुस्से भरे चेहरे को देख डर जाती है और रोने लगती है पर अपनी हल्कि सी आवाज निकालती है…
रश्मि “वो वीरा ने… वीरा ने नीलम को जंगल की तरफ भागते देखा है…
तूम जानते हो न की उस गाँव के शुरुआत में कितने गुंडे दारू पीकर बैठे रहते है…”
देवा रश्मि की बात सुनकर तुरंत उसी गाँव की तरफ तेज रफ़्तार से भागने लगता है…
 
नीलम शराब खाने के बाहर रोये जा रही थी।
गुंडा 1: “अरे छम्मक छल्लो इधर का रास्ता कैसे पकड़ लिया…”
नीलम के कानो में यह आवाज पड़ी तो उसने अपनी नज़ारे घुमा कर देखा तो पाया की उसे 5 गुंडों ने घेर लिया है…
ये देख कर नीलम की गांड फट गयी…
गुंडा 2: “क्या कड़क माल है भाई… आज तो लंड को आराम मिल जायेगा…”
नीलम उन लोगो की बातो को सुनकर डर जाती है और उठकर भागने की कोशिश करती है…पर एक गुण्डा उसके सामने कुदकर उसका रास्ता रोक लेता है…
गुंडा 3:“ अबे चूतिये ऐसी मस्त माल देख कर तो मै अपने लंड को आराम ही नहीं दूंगा…”
एक गुण्डा नीलम की तरफ बढ़ता है तो नीलम उसे धक्का देती है…
गुंडा 2: “ए साली राँड़…तू कहीं नहीं जा पायेगी तू चुपचाप साथ दे… तुझे भी मजा मिलेगा…”
नीलम: “बचाओ देवा”
देवा जो अभी जंगल के अंदर घुस चुका था उसके कानो में नीलम की यह आवाज पड़ती है और वो और तेजी से भागता हुआ उस आवाज के पीछे जाने लगता है…
गुंडा 4: “इसकी गांड तो एक दम हलवा लग रही है मसलने में मजा आयेगा…”
गुंडा 5: “साली के चुचे भी मस्त लगते है, चीख़ने का कोई फायदा नही, हमे मजे देगी तो अच्छी तरह एक दिन में घर पर पंहुचा देंगे…”
सारे गुंडे शैतानो जैसे हँसने लगते है और नीलम का तो डर कर बुरा हाल हो गया था…
एक गुण्डा तभी आगे बढा और उसने नीलम के दुपट्टा को खीच कर उसके जिस्म से अलग कर दिया…
गुंडा 1: “आह साली के चुचो के बीच रगडूंगा अपने लौडे को सबसे पहले… फिर चोदूँगा दम लगा कर…हाहाहाहा”
नीलम को यह बाते सुनकर बहुत डर लग रहा था उसे एहसास हुआ की उसे वहाँ से भाग कर यहाँ नहीं आना चाहिए था…
नीलम: “मुझे बचाओ देवेंद्र”
और एक गुण्डा नीलम की तरफ अपना हाथ बढाता हुआ उसके कमीज पर रखने वाला होता है की तभी एक लकड़ी का टुकड़ा आ कर सीधा उसके हाथ पर लगता है…
गुंडा 2:“आह्ह्ह्ह”
और उस गुंडे के हाथ से खून निकलने लगता है।
सभी गुंडे उसे देख चौंक जाते है और अपनी गर्दन मोडते है और नीलम भी अपनी गरदन घुमाकर देखती है…
की तभी पेड़ की एक टहनी लेकर देवा उछल कर सामने आता है और सभी लोगो के कदम डगमगा जाते है। गुंडे देवा को देखकर चौंक जाते है। क्योंकि उन्होंने देवा को मारने के पैसे लिए थे।
 
लेकिन वो नहीं जानते है सबसे ज्यादा खतरनाक कौन हो सकता है?
एक सच्चा प्यार करने वाला आशिक़…
अगर उसकी माशूक़ा के साथ कोई छेड छाड़ करे तो खून की नदिया बहा सकता है…
सभी गुंडों ने देवा को देखा…
गुंडा 3: “अबे ओये साले ज्यादा श्यानपंती मत कर हम नामी बदमाश है, हमसे पन्गा मत ले, इस लड़की को हमारे पास छोड जा तेरी जान बख्श देंगे…”
देवा उसकी आवाज सुनकर चौंक जाता है वह समझ जाता है की ये वही गुंडे है जो उस दिन जंगल में भागे थे।
देवा ने नीलम की तरफ देखा उसका रो रो कर बुरा हाल हो गया था…
वह देवा को देख कर खुश हुई और उठ कर उसकी तरफ भागने लगी, की एक गुंडे ने उसे पकड़ लिया।
गुंडा 5:“आयी साली बहन की लौड़ी ज्यादा न फुदक…और तू छोरे चला जा यहाँ से वरना आज ही मारा जायेगा बेकार में …”
नीलम: “देवा…”
नीलम की दर्द भरी आवाज देवा के कानो में पड़ती है और देवा जमीन पर से एक पत्थर उठा कर उस गुंडे 5 के मुँह पर मारता है।
जीससे वो गुण्डा चीख़ता हुआ अपना मुँह पकड़ लेता है…
गुंडा 5 “आह्ह्ह्ह”
चारो गुंडे देवा की तरफ दौड़ते है और देवा उन चारो की तरफ बेख़ौफ़ भागने लगता है और कुदकर दो के मुँह पर अपनी लात चलाता है जिससे चारो जमीन पर गिर पडते है…
देवा नीलम को इशारे से अपनी तरफ बुलाता है नीलम भागते हुए देवा के गले लग जाती है,
नीलम, “देवा देवा यह लोग…”
देवा:“मेरे जीते जी यह तुम्हे छू तक नहीं सकते अब नीलम…”
और देवा की नजर सामने पड़ती है एक गुण्डा हाथ में चाक़ू लिए उसकी तरफ दौडता हुआ आ रहा था…
देवा ने उसे देखते ही नीलम को अपने पीछे किया और अपनी हाथेली जैसे हथोड़ा उसके पेट पे मारा,
जीससे वो गुण्डा २० फ़ीट दुर जा कर गिरा…
दूसरा गुण्डा भी उठा और एक सारिया उठा कर देवा की तरफ आने लगा।
उसने सारिया हवा में घुमाते हुए देवा को मारना चाहा पर देवा ने उस सरिया को हाथ में पकड़ लिया और उस गुंडे के लंड पर लात मार दिया…
नीलम यह सब देखे जा रही थी।
उसे बहुत डर लग रहा था।
बाकि २ गुंडे उठे और हथोड़ा ले कर देवा की तरफ बढे।
गुंडा 4: “साले तेरी माँ को चोदूँ हमसे पंगा लेता है । आज तू जिन्दा नहीं बचेगा।अभी बताता हुँ तुझे…”
और देवा ने वहीँ से खड़े खड़े एक छलाँग लगाया और कुंगफु स्टाइल में अपनी लात घुमा कर उसके मुँह पर दे मारा।
उस गुंडे के हाथ से वो हथोड़ा छूट गया और दूसरे के पैरो पर जा गिरा जिससे वो गुण्डा दर्दनाक तरीके से चीखा….......
 
आखिरी बचा गुण्डा देवा की तरफ देखते हुए उसे मारने को आगे बढा देवा भी उसे शेर जैसी नजारो से देखता हुआ आगे बढा।
पर वो गुण्डा रास्ते में ही देवा का ग़ुस्सा देख और अपने साथियों की हालत देख कर वहाँ से भागने लगा जिसे देवा ने दौड़ कर पकड़ लिया और उसे मार मार कर पूछने लगा उस दिन के बारे में…
उस गुंडे ने बताया की शहर से एक आदमी आया था उसने तुमको जान से मारने के लिए पैसे दिए थे।

देवा:कौन था हरामी क्या नाम था उसका।

गुंडा 5: हम उसे नहीं जानते भाई।हमें माफ़ कर दो आज के बाद हम इस इलाके में दिखाई नहीं देंगे ये कहकर वो देवा के पैर पकड़ लेता है।


देवा ने बाकी पड़े गुंडो के मुँह पर एक एक लात और मारा…
देवा: “मादरचोद बहन के लौडो मेरी नीलम के साथ छेड छाड़ करते हो…तुमहारे हाथ पैर काट कर कुत्तो को खिला दूंगा अगर दूबारा कभी इस इलाके में दिख गए या नीलम को छेडा तो…”
गुंडा 2: “माफ़ कर दो भाई, अब नहीं करेंगे…”
देवा ने उन्हें छोड दिया वो लोग उठ कर नीलम से माफ़ी माँग कर वहाँ से चले गए…
नीलम भागते हुए देवा के गले लग गयी।
देवा ने भी अपनी नीलम को अपनी बांहो में ले के जकड लिया…
देवा: “तुम्हे कुछ हुआ तो नहीं…।”
नीलम: “हुआ है बहुत कुछ…”
देवा डर जाता है, “क्या उन्होंने कुछ किया तुम्हारे साथ गलत…”
नीलम, “नहीं कुछ नहीं किया…”
देवा: “तो ऐसा क्यों कहा की कुछ हुआ है तुम्हे ”
नीलम: “मैने तो सही ही कहा की मुझे हुआ है कुछ…”
देवा को समझ नहीं आया…और वो सवालिया नजरो से नीलम को देख रहा था…
नीलम उसे देख कर मुस्कुरायी और अपने होठो को उसके होंठो पर रख दिए…
और उसके होठो को चूसना शुरू कर दिया।
ये नीलम का पहला ऐसा चुम्बन था जिसमे उसने देवा के होठो को चूसा है…
देवा भी नीलम की कमर को पकड़ कर अपनी जीभ उसके मुँह में ड़ालने लगा और दोनों ने एक वाइल्ड किस शुरू कर दी…
कुछ पलो तक दोनों एक दूसरे के होठो को चुसते चाटते हुए बांहो में रहे और फिर जब नीलम की साँस अटकी तो उसने देवा के मुँह को छोड़ा,,
देवा ने नीलम को देखा।
वह मुस्कुरा रही थी और उसकी आँखे बंद थी…
और उसे एहसास भी हुआ की नीलम का हाथ उसके मोटे तगडे लंड को पहली बार
दबा रहा था जो की नीलम को चुमने के दौरान खड़ा हो चुका था…
देवा ने एक गहरी आह ली और नीलम के कान में कहा…
देवा:“यह तुम्हारा ही है नीलम…मेरी पहली पत्नी पर इसका सबसे ज्यादा हक होगा……”
नीलम देवा की बात सुनकर शर्मा गयी और मुस्कुराने लगी।
उसने देवा के लंड को छोड दिया और उससे दुर अपने गाँव की तरफ भागने लगी…
देवा भी ख़ुशी में नीलम के पीछे पीछे भाग खड़ा हुआ…
कुछ ही पल में दोनों अपने गाँव आ गये, देवा नीलम को छोडने उसके घर तक गया…
 
घर के बाहर ही शालू, नूतन, रश्मि और पप्पू परेशान खड़े थे…
नीलम को अपनी तरफ ख़ुशी से आता देख उन लोगो ने चैन की साँस ली।
नीलम देवा का हाथ पकडे हुए उसके साथ आ रही थी।।
ये देख कर शालु की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
और उसके आँखों से आंसू बहने लगा।
घर पहुँच कर अपनी माँ को ख़ुशी से रोता देख नीलम उसके गले से लग गयी और रश्मि भी उन दोनों के साथ गले से लग गयी…नीलम ने जब जंगल की सभी बाते बताई तो सभी देवा की बहादुरी की प्रशंशा करने लगे।
नीलम: “माँ मुझे सब कुछ मंजूर है, मुझे बस मेरे देवा की दुल्हन बना दो जल्द से जल्द……”
नीलम के मुँह से यह बात सुनकर देवा को सबसे ज्यादा ख़ुशी हुई।
रत्ना भी तब तक वहां आ चुकी थी उसके भी कान में नीलम की यह बात पड़ी और उसे भी बहुत ज्यादा खुशी हुई…जब रत्ना को ये बात पता चली की देवा ने किस बहादूरी से नीलम की इज़्ज़त बचाई थी तो उसे अपने बेटे पर बहुत गर्व हुआ।
रश्मी… “क्या बात है जीजा जी क्या 'जादू चला दिया मेरी बहन पर की इतनी उतावली हो गयी है वो शादी के लिए…”
रश्मी की बात सुनकर सब लोग हँसने लगे और नीलम ने उसे प्यार से एक थप्पड़ मारा…
रत्ना:“चलो सब ठीक हो गया अब… नीलम बस जल्द से जल्द हमारे घर की बहु बन कर आ जा… कसम से सास बनने की मुझे बहुत जल्दी है…”
नीलम रत्ना की बात सुनकर मुस्कुरायी और अपनी गरदन नीचे कर के शर्माने लगी…
नुतन, “अच्छा मामीजी… सास बनने की जल्दी है या सौतन बनने की?”
नुतन की यह बात सुन सब उसे घूर कर देखने लगे,
जीससे नूतन डर सी गयी की उसने कुछ गलत कह दिया है…।
पर अचानक ही सभी खिलखिला कर हँसने भी लगे…
शालु:“सौतन तो है पहले से ही पर मेरी बेटी की बात अलग है क्युकी वह देवा का सच्चा प्यार है जिससे देवा एक अलग ही जगह देगा अपनी जिंदगी में…”
शालु की बात सुन कर सब लोग खुश हुए…
शालु आगे बढ़कर देवा के हाथ में अपनी बेटी का हाथ रख देती है…
 
शालु: “बेटा मै तुझे अपनी बेटी ही नहीं अपनी इज़्ज़त भी सौप रही हूँ…। हम सब लोग अब जानते है की तेरी जिंदगी में कितनी औरते है, पर मुझसे वादा कर की मेरी बेटी को कभी दुःख नहीं पहूँचने देगा, उसकी जरुरत, उसके जज़्बातो का तू हमेशा हमेशा ख़याल रखेगा और उसके चेहरे पर कभी शिकन नहीं आने देगा...”
देवा ने शालु की बात सुनकर नीलम के हाथ को अपने दोनों हाथो में ले कर अपने सीने से लगा लिया और कहा…
देवा:“जिस दिन मै ऐसा करने में नाकामयाब रहा वो दिन मेरी जिंदगी का आखिरी दिन होगा…”
देवा की बात सुन नीलम ने अपना हाथ उसके मुँह पर रखा और कहा…
नीलम, “ख़बरदार अगर दोबारा यह शब्द अपने जेहन में भी लाये…मरे तुम्हारे दुश्मन… मै और तुम तो अनन्त काल तक एक साथ रहेंगे…हमारा प्यार ब्रह्माण्ड की गहराईओ से भी गहरा है देवेन्द्र… खुदा का वास्ता है तुम्हे यह कभी दोबारा मत कहना क्युकी तुम नहीं तो नीलम भी नहीं…मुझे सिर्फ तुम्हारा साथ चाहिए और तुम्हारे प्यार के सागर से चुल्ली भर प्यार… और कुछ नहीं…”
नीलम की बात सुनकर देवा ने उसे कस कर अपने गले से लगा लिया……
दोनो का बेइंतहा प्यार शालु और रत्ना के लिए किसी मिसाल से कम नहीं लग रहा था…
आज सभी के चेहरे पर ख़ुशी के भाव थे।
कुछ पल बाद दोनों एक दूसरे से अलग हुए और सभी अपने अपने घर की तरफ चले गए…
फ़िर कुछ ख़ास नहीं हुआ।
क्यूंकि अब सब कुछ सामने आ चुका था तो नीलम के घर पे होने के बावजूद शालु अपने बेटे और बहु के साथ अय्याशी करती रही रात भर और रश्मि नीलम के साथ उसके कमरे में सोने चलि गयी।
देवा और रत्ना ने उस रात कुछ नहीं किया।
वह चुप चाप खाना खा कर सोने चले गये।
 
अपडेट 131



हर रात के बाद सुबह होती ही है…
अन्धेरे को मिटाने के लिए रौशनी की एक किरण ही काफी होती है…
और लोगो को दोबारा मिलने के लिए एक वजह ही काफी होती है…
गुंडो से अपनी नीलम को बचा कर देवा ने अपने सच्चे प्यार का एहसास पूरी तरह नीलम को करवा दिया था।
नीलम का परिवार और रत्ना अब देवा के बारे में सब कुछ जानते थे…
नीलम ने देवा के प्यार को क़बूल करके उसकी पहली पत्नी बनने को भी राजी हो चुकी है।
अब वो खुशनुमा पल ज्यादा दुर नही
जो देवा और नीलम की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण लम्हा जोड़ने वाला है…
दीन पे दिन हफ्ते पे हफ्ते निकलते गये।
नीलम और देवा रोज नदी किनारे मिलते और बहुत देर देर तक बाते करते।
देवा ने नीलम को अपनी जिंदगी से जुडी लगभग हर एक बात बता दी थी।
जिससे नीलम के दिल में देवा पर विश्वास मजबूत होता जा रहा था…
देवा ने नीलम को अपने द्वारा की लगभग हर चुदाई का ब्यौरा दे दिया था।
जिसे नीलम शरमाते हुए सुनी थी।
शुरूवात में तो नीलम बहुत शर्मा कर देवा के मुँह से यह बाते सुनती थी।
पर वक़्त के साथ नीलम उन्हें गौर से और कम शर्म से सुनने लगी।
नीलम इस बात का ध्यान रखती की देवा उसके सामने इतना भी खुल कर बात न करे की नीलम शर्म से पानी पानी हो जाए।
या फिर नीलम या देवा अपना आपा खो बैठे और शादी से पहले ही एक्साइटमेंट में कुछ कर न बैठे…
देवा को भी अब ख़ुशी थी की नीलम के साथ वो काफी हद तक खुल चुका था और ऐसा शायद ही कुछ रहा होगा जिसे देवा ने न बताया हो।
ऐसे ही देवा रोज सुबह अपने खेतो पर काम करता
दोपहर को नीलम के साथ बैठ कर गप्पे मारता और खाना खाता और शाम को खाना खा कर अपनी माँ रत्ना के साथ हमबिस्तर होता…
नीलम ने उसे अपनी शादी तक रश्मि या शालु के साथ कुछ भी करने से मना कर दिया था जिससे रश्मि को नीलम पर बहुत ग़ुस्सा भी आ रहा था।
पर नीलम ने उसे समझा कर मना लिया था…
दिन ब दिन नीलम और देवा का प्यार और गहराता जा रहा था…
पण्डितजी से भी बात हो चुकी थी और उन्होंने साफ़ मना कर दिया था की इस समय शादी का सही मुहरत नहीं है…
 
आज…
पुरे 2 महिने गुजर चुके है……
देवा अपने खेतो पर काम कर रहा है की तभी उसे खबर मिलति है की पदमा ने कल रात एक बच्चे को जनम दिया है…
देवा यह सुनकर अपना सारा काम छोड देता है और भागता हुआ पदमा के घर जाता है…
वहाँ उसे पदमा का पति मिलता है जिसकी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं था वो बस गाँव में मिठाई बाटने जा ही रहा था…
देवा: “काका मुबारक मुबारक…… बेटे के जनम की बधाई हो…”
देवा उसके गले लग जाता है और मन में सोचता है। “साले तुझे तो मुझे मुबारक कहना चाहिए …”
फिर पदमा का पति गाँव में मिठाई बाटने चल देता है,
देवा घर के भीतर जाता है उसे आज बहुत ख़ुशी हो रही थी क्युकी पदमा की कोख ने देवा को पहली पहली बार बाप बनाने का सुख जो दिया था…
अंदर पहुँच कर देवा देखता है की कुछ औरते वहां पहले से ही बैठी बच्चे को देख कर कह रही थी…
“हाय कितना सुन्दर बच्चा जनमा है तूने पदमा एक दम तेरे पे गया है…पर अपने बाप से ज्यादा समानता नहीं दिख रही इसमें…”
ये सुनकर पदमा मुस्कुरायी और देवा भी पदमा को देख कर मुस्कराया।
और चुप चाप उन औरतो के साथ बैठ गया…
कुछ देर बात सारी औरते चलि गयी तब पदमा ने देवा को कहा…
पदमा: “मुझको बच्चे का सुख दे कर तूने मुझे बहुत बड़ी ख़ुशी दी है देवा…”
देवा: “ख़ुशी तो तुमने मुझे दी है पदमा काकी पहली बार बाप बनने का एहसास बहुत निराला लग रहा है…”
और देवा पदमा के पास आ जाता है।
बच्चा पदमा के पास ही था।
देवा ने उसके चेहरे को देखा और उसके नाजुक से हाथो पर चुमते हुए कहा…
देवा: “इस दुनिया में तुम्हारा स्वागत है मेरे बच्चे… तुम्हारा बाप तुम्हारा ख़याल जरुर रखेगा…”
देवा ने पदमा को भी चुमा।
पदमा की आँखो से आंसू बह रहे थे…
देवा: “अरे रो क्यों रही हो…”
पदमा: “बस ऐसे ही देवा, मुझे सुनने में आया है की नीलम और तेरी शादी तय हो गयी है… कब है…”
देवा: “अभी तारीख नहीं पक्की हुई है पर शायद आज हो जाये…पंडित शाम को मिलेगा…”
पदमा: “मैं बहुत खुश हूँ तेरे लिए देवा…भगवान करे तेरी जिंदगी में ख़ुशी ही ख़ुशी रहे…”
और पदमा अपने बच्चे के सर को सहलाने लगी…
देवा: “काकी मै समझ रहा हूँ पर तुम चिंता मत करो यह देवा तुम्हे नहीं भुलेगा कभी…”
और पदमा देवा को देख मुस्करायी।
“यह मै जानती हूँ… एक बाप अपने बच्चे की माँ को कभी नहीं भूल सकता…”
और देवा भी मुस्कुराया और कुछ देर बाद पदमा के घर से निकल पड़ा…
 
उसने नदी किनारे जाकर नीलम को भी खुशखबरी दी…
नीलम, “मुबारक हो आपको…आप बाप बन गए…”
देवा: “तुम्हारे मुह से सुन कर बहुत अजीब लग रहा है पर धन्यवाद…”
और देवा और नीलम हँसने लगे…।
खाना खाने के बाद देवा खेतो पर दोबारा चल दिया…
शाम को खेतो में काम करने के बाद देवा अपने घर पर आ गया।
अंदर आकर उसे पता चला की पण्डितजी भी घर पर है शादी की तारीख निकालने के लिये।
देवा “नमस्कार पण्डितजी…”
पण्डितजी:“राम राम बेटा…तुम्हारे लिए एक अच्छी खबर है…”
देवा ने यह सुनकर वही बैठी रत्ना को देखा जो मुस्कुरा रही थी…
देवा: “और वो क्या है…”
पण्डितजी “शालू भाभीजी ने मुझे तीन तारीखे पक्की की है शादी के लिए…अब तुम्हे तय करना है की तुम्हे उनमें से कौन सी तारीख सही लग रही है…”
देवा यह सुनकर बहुत खुश हुआ और हाथ मुँह धो कर अपनी माँ रत्नना के साथ बैठ गया…
देवा: “तो बताइये पण्डितजी क्या तारीख़े है ”
पण्डितजी… “सारी तारीखें 2 महिने के अंतर्गत है…सबसे पास की तारीख आज से 20 दिन बाद की है ।दुसरी 29 दिन बाद और तीसरी 45 दिन के बाद…”
देवा सुनकर खुश हुआ की दो महिने में नीलम उसकी हो जाएगी…
रत्ना “इनमें से कौन सी ज्यादा अच्छी रहेगी पंडितजी…”
पण्डितजी: “सबसे अच्छा मुहरत 29 दिन बाद है वैसे पर बाकी भी सही ही है।
भाभीजी…”
देवा:“अच्छा हम सोचते है पंडितजी…तैयारियां भी तो उसी हिसाब से करनी होंगी आखिर…”
रत्ना: “हाँ बेटा पर ज्यादा देर करके भी कुछ नही होगा मेरे ख्याल से 20 दिन में सारी तैयारियां हो जाएँगी…”
देवा रत्ना की बात पर गौर करता है पर वो चाहता है की नीलम और उसकी शादी अच्छे से हो और अच्छे समय पे हो…
देवा: “माँ मेरे ख्याल से २९ दिन बाद वाली तारिख ही सही रहेगी…
रत्ना:“जैसी तुम्हारी मरजी बेटा…।तो अब तुम्हे घोड़ी पे बिठाने का समय आ ही गया आखिर…”
और सब हँसने लगे…
पंडित के जाने के बाद देवा और रत्ना शालु के घर पर शगुन ले के गए और उन्हें खुशखबरी सुनाई…
 
सब लोग बहुत खुश हुए और नीलम शरमाने लगी…
शालु ने देवा और रत्ना का मुँह मीठा करवाया और शगुन भी दिया…
शालु: “चलो रोका तो आज ही हो गया…अब बस शादी की तैयारीयाँ शुरू कर देते है जोर शोर से…”
देवा और नीलम एक दूसरे को बार बार देख रहे थे और नीलम बुरी तरह शर्मा रही थी…
फिर माँ बेटे अपने घर लौट गए…
कुछ दिन और बीते देवा और नीलम का मिलना अब शालु ने बंद करवा दिया था इसलिए देवा अब अपने खेतों पर ही काम करता और दोपहर को रत्ना खेतो पर देवा के लिए खाना लेकर आती…
देवा और रत्ना का प्यार काफी गहरा हो चुका था देवा रत्ना को हर रात तो नहीं चोदता था पर दोनों सोते एक ही साथ थे…
एक रात जबरदस्त चुदाई के बाद देवा और रत्ना बाते कर रहे थे की और कैसे कहाँ कहाँ चुदाई कर सकते है…
की तभी देवा के दिमाग में एक बात आयी जो रत्ना ने उसे अपनी पहली चुदाई में कही थी…
देवा बोला रत्ना से, “माँ याद है तुम्हे जब पहली पहली बार चोदा था ओह तुमने मुझसे कहा था की तुम मुझसे खेतो में भी चुदवाना चाहती हो…”
रत्ना: “अरे नहीं नहीं बेटा मैंने जोश में कहा होगा पर खेतो में चुदाई करना बहुत खतरनाक है अगर किसी ने हमे देख लिया तो…”
देवा: “देखने दे उसका क्या जा रहा है हमारी मर्जी…”
रत्ना देवा के गाल पर हल्का सा थप्पड़ मारती है…
रत्ना: “अपने बेटे के लिए यह रत्ना कुछ भी करने को तैयार है…।”
और देवा खुश हो गया…
देवा: “तो कल दोपहर को खाना खाने से पहले तुम्हारी जम कर चुदाई करेगा तुम्हारा यह बेटा…”
और देवा अपनी माँ के नंगे चुचे दबाते हुए उसके ऊपर लेट गया और दोनों नंगे ही सो गए…



अगली सुबह।
आज शादी को २३ दिन बचे थे…।
पर देवा के मन में तो सिर्फ अपनी माँ की खेतो में जम कर चुदाई करने का ख्याल ही था…
देवा खेतो की तरफ निकल गया और तभी उसे कुछ याद आया और वो शालु के घर पर चल दिया…
उसने पप्पू को बाहर बुलाया और उसे सब समझा दिया की आज वो अपनी माँ को खेतो में चोदेगा इसलिए उसे चौकीदारी करनी है की कोई आदमी ना आ जाये और उन्हें देख ना ले…
पप्पू को अंदर ही अंदर लगा की देवा ने क्या उसे चौंकीदार समझा है…
पर उसे मना भी नहीं कर पाया…
देवा और पप्पू खेतो में आ गए जहाँ पहले देवा ने काम करा और पप्पू ने भी उसका हाथ बटाया,
दोपहर का समय आ गया और देवा ने कहा…
देवा:“माँ आती ही होंगी देख कहीं वो तुझे न देख ले……वो नहीं चाहती की किसी को आज का कार्यक्रम पता चले या कोई देखे…इसलिए सतर्क रहना कोई ना आ पाए…”
और पप्पू खेतो के बाहर निकल गया।
कुछ ही पलो में रत्ना देवा को आते हुए दिखाई पड़ी और दोनों ने एक दूसरे को देख एक मुस्कुरा दिया…
 
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