hotaks444
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“मोहब्बत”
हर किसी के लिए इस शब्द का अलग मतलब होता है,
दिल-ओ-जान से प्यार करने वालो के लिए तो यह पूरी दुनिया होता है।
प्यार करने वालो के लिए जिने की दुआ होता है,
और नफरत करने वालो के लिए यह सिर्फ एक शब्द ही होता है…
पर देवा और नीलम का प्यार तो इन सब से बढ़कर था उनके लिए तो यह पूरा जहां ही था…
कुछ पल ही बीते थे देवा के मुँह से वो शब्द निकले हुए,
जीसे सुन कर शालु और रश्मि तो बिलकुल चौंकी हुई थी।
पर नीलम की आँखों से तो आंसू बह रहे थे…
नीलम बिना कुछ बोले ही देवा से अलग हुई और अपना चेहरा पकड़ते हुए भागने लगी अपने घर की तरफ,
नीलम को भागता देख शालु और रश्मि चीखे… “नीलम कहाँ जा रही है…रुक जा…”
देवा तो मूरत बना हुआ खड़ा रहा उसकी आवाज में इस वक़्त इतना भार झेलने की ताक़त नहीं थी।
वह ना ही नीलम का नाम ले सकता था और ना ही उससे नजरे मिला सकता था…
देवा ने सर उठाकर शालु और रश्मि की तरफ गुस्से से देखा और वहाँ से जाने लगा…
शालू: “अरे देवा कहाँ जा रहे तुम…”
देवा ने कुछ जवाब नहीं दिया…
नीलम काफी तेजी से भाग रही थी उसे पता ही नहीं चला की वो गलत रास्ते पर जा रही है।
वह बस रोते हुए भाग रही थी…
कुछ देर भागने के बाद नीलम को एहसास हुआ की वो जंगल के भीतर आ चुकी है और उसे सामने एक झोपड पट्टी दिखाई देती है,
वह समझने में देर नहीं करती की वो एक शराब खाने के बाहर ही खड़ी है।
नीलम रोते हुए वही जमीन पर बैठ जाती है और जोर जोर से रोने लगती है।
इधर देवा चलते हुए अपने मन में नीलम का रोता चेहरा याद करता है और वहीँ रुक जाता है जब उसके कानो में आवाज पड़ती है।
रश्मि: “देवा सुनो…”
देवा पीछे मुडता है और रश्मि की तरफ गुस्से से देखता है....
रश्मी उसके गुस्से भरे चेहरे को देख डर जाती है और रोने लगती है पर अपनी हल्कि सी आवाज निकालती है…
रश्मि “वो वीरा ने… वीरा ने नीलम को जंगल की तरफ भागते देखा है…
तूम जानते हो न की उस गाँव के शुरुआत में कितने गुंडे दारू पीकर बैठे रहते है…”
देवा रश्मि की बात सुनकर तुरंत उसी गाँव की तरफ तेज रफ़्तार से भागने लगता है…
“मोहब्बत”
हर किसी के लिए इस शब्द का अलग मतलब होता है,
दिल-ओ-जान से प्यार करने वालो के लिए तो यह पूरी दुनिया होता है।
प्यार करने वालो के लिए जिने की दुआ होता है,
और नफरत करने वालो के लिए यह सिर्फ एक शब्द ही होता है…
पर देवा और नीलम का प्यार तो इन सब से बढ़कर था उनके लिए तो यह पूरा जहां ही था…
कुछ पल ही बीते थे देवा के मुँह से वो शब्द निकले हुए,
जीसे सुन कर शालु और रश्मि तो बिलकुल चौंकी हुई थी।
पर नीलम की आँखों से तो आंसू बह रहे थे…
नीलम बिना कुछ बोले ही देवा से अलग हुई और अपना चेहरा पकड़ते हुए भागने लगी अपने घर की तरफ,
नीलम को भागता देख शालु और रश्मि चीखे… “नीलम कहाँ जा रही है…रुक जा…”
देवा तो मूरत बना हुआ खड़ा रहा उसकी आवाज में इस वक़्त इतना भार झेलने की ताक़त नहीं थी।
वह ना ही नीलम का नाम ले सकता था और ना ही उससे नजरे मिला सकता था…
देवा ने सर उठाकर शालु और रश्मि की तरफ गुस्से से देखा और वहाँ से जाने लगा…
शालू: “अरे देवा कहाँ जा रहे तुम…”
देवा ने कुछ जवाब नहीं दिया…
नीलम काफी तेजी से भाग रही थी उसे पता ही नहीं चला की वो गलत रास्ते पर जा रही है।
वह बस रोते हुए भाग रही थी…
कुछ देर भागने के बाद नीलम को एहसास हुआ की वो जंगल के भीतर आ चुकी है और उसे सामने एक झोपड पट्टी दिखाई देती है,
वह समझने में देर नहीं करती की वो एक शराब खाने के बाहर ही खड़ी है।
नीलम रोते हुए वही जमीन पर बैठ जाती है और जोर जोर से रोने लगती है।
इधर देवा चलते हुए अपने मन में नीलम का रोता चेहरा याद करता है और वहीँ रुक जाता है जब उसके कानो में आवाज पड़ती है।
रश्मि: “देवा सुनो…”
देवा पीछे मुडता है और रश्मि की तरफ गुस्से से देखता है....
रश्मी उसके गुस्से भरे चेहरे को देख डर जाती है और रोने लगती है पर अपनी हल्कि सी आवाज निकालती है…
रश्मि “वो वीरा ने… वीरा ने नीलम को जंगल की तरफ भागते देखा है…
तूम जानते हो न की उस गाँव के शुरुआत में कितने गुंडे दारू पीकर बैठे रहते है…”
देवा रश्मि की बात सुनकर तुरंत उसी गाँव की तरफ तेज रफ़्तार से भागने लगता है…