Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 83 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

अपडेट 32



रत्ना को खेतो की तरफ आता देख देवा बढा खुश था।

आज पहली बार वो अपनी माँ के साथ खुले आसमान के नीचे चुदाई जो करने वाला था।

रत्ना देवा को देख कर मुस्करायी।

रत्ना “क्या बात है बेटे क्यों इतना खुश हो"।

देवा, “आप तो जानती ही है माँ की आपका बेटा क्यों खुश है।”

रत्ना “नहीं मैं नही जानती तुम ही बता दो…।”

देवा “अरे, आज मै और आप साथ में……।”

रत्ना “हम्म…साथ में क्या…”

देवा “आप और मै साथ में खुले आसमान के नीचे…।।यहाँ खेतो में…।।”

रत्ना “हम्म…खेतो में क्या करेंगे…।”

देवा “खाना खाएंगे…रोज की तरह इसीलिए खुश है तुम्हारा बेटा…”

रत्ना हँस पडी… “बस खाना…।”

देवा “क्यू माँ कुछ और भी करना था क्या उससे पहले?”

रत्ना “मुझे तो लगा था की हम पहले कुछ मेहनत करेंगे फिर खाना खाएंगे…।”

रत्ना ने इशारा करते हुए कहा…

देवा “क्या मेहनत करे माँ…”

रत्ना… “यह तो तुम समझ ही सकते हो बेटा…।”

देवा “नहीं समझा माँ बता भी दो…”

रत्ना “अपना हल चला कर मेहनत करने की बात कर रही हु…”

देवा “पर खेतो में तो अभी फसल बोई है अभी क्या फायदा हल चलाने का माँ।।”

रत्ना (शर्माते हुए,,) “मैं खेतो की बात ही कब कर रही हूँ…”

देवा रत्ना की बात समझ जाता है… “तो कहा और कौन सा हल चलाने की बात कर रही हो…”

रत्ना “तुम जानते हो अच्छे से…”

देवा “तब भी मै तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हूँ…”

रत्ना (गर्दन नीचे कर के) “अपने लंड को मेरी चूत और गांड में हल की तरह…”

देवा “और कहाँ लोगी मेरा लंड माँ तुम?”

रत्ना “यहाँ खुले में…”

देवा “और कैसे लोगी?”

रत्ना, “पूरी नंगी होके…।”

देवा “कोई देख लेगा तो…”

रत्ना “देखने दो मुझे तो बस अपने बेटे का लंड चाहिए अपने तीनो छेदों में…।”

देवा “तो किसने रोका है छिनाल चल शुरू हो जाते है फिर…।”

रत्ना देवा को देखते हुए मुस्कुरायी और उसके सामने ही अपने हाथो में अपने चुचे ले कर उन्हें कपडे के ऊपर से ही मसलने लगी।
 
रत्ना को ऐसा करते देख देवा गरम होना शुरू हो गया और उसका लंड खड़ा होने लगा…

कुछ ही पल में रत्ना ने अपने बेटे के सामने अपने ऊपर के सारे कपडे निकाल फ़ेंके और मुस्कराते हुए अपने नंगे चुचो को हाथ में लिए मसलने लगी…



देवा “आह जल्दी कर सारे कपडे उतार अपने…नंगी हो जा मेरी जान ”

देवा की बात सुनकर रत्ना ने अपने बाकी के भी कपडे उतार दिए और पूरी की पूरी नंगी हो गयी।।

सुरज की रोशनी से रत्ना का नंगा जिस्म चमक रहा था…

रत्ना पूरी नंगी अपने बेटे के सामने खुले आसमान के नीचे दिन की रोशनी में चूदने के लिए बेक़रार हुई पोज़ देती है।।



देवा रत्ना के उतावलेपन को देख कर उसकी तरफ बढ़ता है और अपने एक हाथ से उसके बड़ी बड़ी चुचियां मसलने लगता है और दूसरे से उसकी गरम गरम चुत को मसलने लगता है…

देवा “आह कितनी गरम चुत है तेरी माँ आज रगड कर चोदूँगा यहाँ तुझे…”

रत्ना “आह चोद न मादरचोद…रोज घर पर तो चोदता ही है यहाँ भी भोग लगा दे मेरे तीनो छेदो का…मेरे लाल…चोद अपनी माँ को रंडियो की तरह… भर दे मेरे तीनो छेद अपने लंड के पानी से…आह मसल मेरे चुचो को और मेरी चुत को भी…।”

देवा जोर जोर से रत्ना के चुचे और चुत मसल रहा था।



कुछ पल ऐसे ही खुले आसमान के नीचे अपने माँ के चुचे मसलने के बाद देवा रत्ना की चूत को मसलता हुआ उसके होठो को भी चुसने चाटने लगता है।।

रत्ना भी बेशरम सी खेतो में नंगी अपने बेटे से अपनी चुत मसलवाते हुए उसके होठो को चूस रही थी।चारों तरफ फसल लहलहा रही थी और बीच में रत्ना अपने देवा की बाहों में लहलहा रही थी।
 
देवा और रत्ना कुछ देर तक ऐसे ही एक दूसरे के होठो को चुसते रहे।

और फिर अलग हुए।।

देवा “माँ यहाँ खुले में करने में एक अलग ही एहसास आ रहा है…।”

रत्ना “हाँ जान बहुत अच्छा लग रहा है मुझे यहाँ नंगी होकर…आज अपने जन्मस्थान के दर्शन कर ले इन खेतो में। आजा बेटा…”

देवा “करता तो रोज ही हूँ दर्शन पर आज का एहसास जिंदगी भर याद रहेगा…”

रत्ना देवा के सामने पीठ के बल बैठ जाती है और अपनी दोनों टाँगे खोल लेती है।।

देवा अपनी माँ की बेशरमी से प्रभावित हो जाता है और नीचे होता हुआ उसके होठो को दोबारा चूसने लगता है।।



फिर देवा रत्ना की गर्दन पर चुमते हुए नीचे की तरफ बढ़ता हुआ उसके चुचों के निप्पल को मुह में ले लेता है और चूसने लगता है

रत्ना “आह चूस देवा चूस अपने माँ के चुचियों को…।काट ले मेरे निप्पल को।
निपप्ल को…आह देवा…चूस रे……चूस अपनी माँ के चुचियों का दूध…”

देवा रत्ना के निप्पल को काटता हुआ रत्ना के निप्पल चुसता है…



कुछ देर अपने माँ के चुचे चूस कर और निप्पल काटकर देवा नीचे बढ़ता हुआ रत्ना की नाभी को काटता है।।

रत्ना “आह मादरचोद कमीने………मारेगा क्या मुझे…”

देवा कुछ पल और रत्ना के पेट पर प्यार करता है और फिर नीचे आकर उसकी गरम गरम चूत पर अपने हाथ फेरता हुआ उसके ऊपर अपनी जीभ चलाने लगता है।
 
रत्ना “आह चूस अंदर तक डाल अपनी जीभ…चोद अपनी माँ को अपनी जीभ से पूरी जीभ डाल दे अंदर अपनी…आह ज़ालिम……चूस अपनी माँ की चूत को…अंदर तक डाल दे अपनी जीभ…आह”

देवा अपनी माँ की चुत में अपनी दो उंगलिया घुसा कर अपनी जीभ चुत पर चलाने लगता है…

रत्ना “आह और जोर से चला दम ना है उंगलियो में…पूरी घुसा दे उंगलिया…और अंदर डाल अपनी जीभ…”

यह सब खुले आसमान के नीचे करके रत्ना का मजा दोगुना हो चुका था…

कुछ देर बाद देवा उठ जाता है और रत्ना भी नंगी अपने पैरो पर बैठ जाती है।।

उसका मुँह देवा के लंड के सामने था।।

उसने अपना हाथ आगे बढाकर देवा के कपडे उतारना शुरू कर दिया।।



कुछ ही पलो में रत्ना ने खेतो के बीच खुले आसमान के नीचे अपने बेटे को भी पूरा नंगा कर दिया…

देवा का लंड भी रत्ना के नंगे जिस्म की तरह खिली हुई धूप में चमक रहा था…

जिसे देख कर रत्ना को देवा के लंड पर बड़ा प्यार आया और उसने लपक कर देवा के लंड को अपने मुँह में भर लिया और उसे चुसने लगी बेशरम सी पूरी नंगी खुले खेत में…



देवा अपनी माँ की आँखों में देखता हुआ उससे अपना लंड चुसवा रहा था…

देवा “आह तेरा मुँह कितना गरम है रत्ना मेरी रांड…चूस…चुस अपने बेटे के लंड को बेशरमी से…चूस अपने बेटे के लंड को नंगी खुले खेत में…चूस साली रंडी चुस,,,,”

रत्ना अपनी राफ्तार को बढा देती है और तेजी से अपने मुँह में अपने बेटे के लंड को अंदर बाहर करती हुई उसका पूरा लंड चुसने लगती है।
 
रत्ना “आह मेरे बेटे का लौडा तो मै कभी ना छोड़ू……जहाँ कहेगा वहां दूंगी अपने तीनो छेद अपने बेटे को…।अपने बेटे की बीवी हूँ मैं…रखैल हूँ मैं…रांड़ हूँ अपने बेटे के लंड की…”

देवा रत्ना के सर को पकड़ कर उसके मुँह में जोर जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगता है…

देवा बेहरहमी से अपने माँ के मुँह को चोदते हुए चीख़ता है…

देवा “ले साली ले....ले अपने बेटे के लौडे को…खा जा साली राँड़…ले रत्ना बहन की लौडी…ले पूरा ले साली…साली लंड की प्यासी औरत ले……तेरी माँ को चोदुं साली कुतिया……तेरी बेटी को चोदुं…बहनचोद मादरचोद है तेरा बेटा…ले खुले आसमान के नीचे ले अपने बेट के लंड को…”

देवा चिलाते हुआ अपनी माँ के मुँह में अपना लंड पेल रहा था…

वहाँ दोनों खुले आम नंगे खेतो के बीच यह काम कर रहे थे…

कुछ देर ऐसे ही रत्ना के मुँह को चोदने के बाद देवा ने रत्ना के मुँह से अपने लंड को बाहर निकाल लिया…

रत्ना “आह ज़ालिम चोद मुझे…पेल अपना लंड…चोद मादरचोद……यहाँ बेहरहमी से चोद अपनी माँ को खुले आसमान के नीचे…”

और रत्ना अपने बेटे के सामने कुतिया बन जाती है।

देवा भी इंतजार नहीं करता और पीछे से अपना लंड रत्ना की चुत पे सेट करता है और एक जोरदार झटका मारते हुआ कहता है…

देवा “ले साली खा लंड अपनी चुत से आज…अपने मादरचोद बेटे का लंड महसूस कर इस खेत में अपनी चुत के अंदर…”



देवा ने बहुत जोर का झटका मारा था की रत्ना के हाथ भी झटके को सह नहीं पाये और रत्ना नीचे गिर पड़ी…।

रत्ना “आह,माँ मार डाला……हाय रे ज़ालिम्म धीरे कर………आहह……उई माँ…………आआह्ह्ह्ह मेरी चूत…आहह”

रत्ना को बहुत दर्द हो रहा था क्युकी देवा सटा सट रत्ना की चुत को चोदे जा रहा था अपने सांड़ जैसे लंड से।
 
वह बिना रुके रत्ना की चुत में अपना लंड पेलता हुए उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा…

देवा “बोल साली बोल कौन है तेरे छेदों का मालिक…बोल साली…रंडी…”

रत्ना “आअह्ह्ह्हह मार मतत…तु ही है मेरे रोम-रोम का मालिक…आआह्ह्ह्हह्ह ज़ालिम…मत मार…दरद हो रहा है.....आह्ह्ह्हह”

देवा “नखरे मत कर साली…मेरी मरजी कैसे भी चोदूँ तुझे…चूप चाप चुदायेगी तू बस…ले साली रंडी…”

और देवा ने गांड पर एक और थप्पड़ मारते हुए रत्ना की चुत को चोदना जारी रखा…

कुछ पलो के बाद देवा ने अपना लंड बिना रत्ना की चुत से निकाले उसे अपनी गोद में उठाया और खुद लेट कर उसे अपने लंड पर बैठा कर चोदना शुरू कर दिया।।

रत्ना “आअह्हह्ह्ह्हह चोद और जोर से चोद अपनी माँ को खुले खेत के बीच…दम लगा कर घूस्सा अपना लंड अंदर तक…”

देवा रत्ना की गांड पर थप्पड़ मारते हुए गांड की फाँके फ़ैलाता हुआ उसकी चूत में अपना लंड पेले जा रहा था।



लगभग 20 मिनट तक रत्ना अपने बेटे के लंड पर ऐसे ही सवारी कर रही थी…

दोनो खूब शोर मचाते हुए चुदाई का मजा मार रहे थे…।

देवा “अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है माँ…।”

रत्ना “आअह्ह्ह्हह तू नहीं बोलता तब भी तेरी यह छिनाल खुद तेरे तगडे लंड को अपने गांड के छेद में घुसा ही देती बेटा……चोद बस मुझे पेल कर आज इस खेत में…इस खेत का रोम रोम मेरे जिस्म की आग से आंच पा ले ऐसे चोद अपनी माँ को…”

और देवा ने अपना लंड रत्ना की चूत से निकाला और रत्ना अपने देवा के ऊपर बैठे बैठे ही पलट गयी और अपने पैरो और हाथों के सहारे फिर से कुतिया बन गई और अपने गांड को देवा के लंड पर रगड़ने लगी…
 
देवा रत्ना का इशारा पाकर अपना लंड सीधा उसकी गांड के दरवाजे पर रख कर एक जोरदार झटका मारता है जिससे रत्ना की अब तक की सबसे तेज चीख़ निकलती है…

रत्ना आहह हह चोद देवा अपनी माँ की गांड मार जोर से पुरा लंड अंदर डाल दे गांड में…”अरे जालिम थोडा थूक तो लगा दे मेरी गाँड में। मेरी गाँड में दर्द हो रहा है।

देवा: होने दे साली रंडी तू मेरी प्यारी कुतिया है। तेरी गांड कितनी मस्त है साली।तूने मुझे बहुत तड़पाया है उसका बदला तेरी गांड से ही लूंगा।

देवा रत्ना के कमर को अपने हाथो में कैद करके जोर जोर से झटके मारते हुआ रत्ना की गांड मारने लगता है।।



रत्ना की चीखे हर झटके के साथ तेज होती जा रही थी आज खेत के बीच चुदाई के एहसास ने उसमे नई ताक़त भर दी थी की वो देवा के हर झटके का मजा लेते हुए उसे और तेजी से चोदने को प्रोत्साहित कर रही थी…
इस हिंदी कहानी के लेखक और संपादक राकेश है।
देवा “ले रत्ना अपने बेट के लंड को छिनाल…”
मैं तुझे खेतों में दौड़ा दौड़ाकर तेरी गाँड मारना चाहता हूँ साली रंडी।मैं तेरे दोनों पैरो को उठा रहा हूँ तू अपने दोनों हाथों के बल चलेगी और मैं तेरी गाँड मारता रहूँगा। ठीक है कुतिया।

रत्ना: ठीक है मैं कोशिश करती हूँ।

यह कहकर रत्ना अपने दोनों हाथों के सहारे खेत में चलने लगती है और देवा अपनी कुतिया बनी माँ की गाँड मारने लगता है।कुछ देर बाद रत्ना तेज तेज चलने लगती है।ऐसा लगता है जैसे देवा अपनी माँ को दौड़ा दौड़ा कर उसकी गाँड मार रहा है।

दूर से ऐसा लग रहा है जैसे कोई कुत्ता किसी गली की कुतिया को भगा भगा के चोद रहा हो।कुछ देर में रत्ना थक के रुक जाती है लेकिन देवा उसकी मोटी गाँड फाड़ता रहता है।

देवा:आह साली रंडी। कितनी गरम गाँड है तेरी। मेरा लण्ड पिछल रहा है।

रत्ना:आह बेटे तूने तो आज अपनी माँ को सचमुच की कुतिया बना दिया है। अब थोड़ी देर मेरी चूत में भी पेल दे।मेरी चूत आग उगल रही है।
 
देवा अपना मोटा लण्ड अपनी माँ की गाँड से निकाल कर रत्ना के मुँह में पेल देता है।
रत्ना: अरे बेटा अपना लंड को साफ तो कर लेता। मेरी गाँड से निकाल के मेरे मुँह में पेल दिया।क्या क्या लगा होगा उसमे.....

देवा: चुप साली रंडी। तू मेरी रांड है तुझे जैसे मन करेगा तुझे चोदुँगा।तू मेरा लंड ठीक से चूस.....

रत्ना देवा के लंड को किसी कुतिया की तरह चाटने चूसने लगती है।कुछ देर में ही देवा फिर रत्ना को कुतिया बना देता है और उसकी चूत में अपना मोटा लौड़ा पेल देता है।फिर रत्ना की कभी चूत तो कभी गाँड मारने लगता है।


देवा सटा सट रत्ना को चोदता ही जा रहा था वो दोनों क़रीब आधे घंटे से खेतो के बीच पूरे नंगे हुए चुदाई कर रहे थे और खूब चीख़ भी रहे थे…।।

रत्ना को आज किसी बात से मतलब नहीं था चाहे कोई भी देख ले उसे फर्क नहीं पडने वाला था इसलिए वो बस अपनी चुदाई का पूरा मजा लेना चाहती थी जो की वो ले भी रही थी…

10 मिनट और देवा ने रत्ना की गांड को बुरी तरह चोदा और फिर अपना लौडा बाहर निकाल लिया…

रत्ना देवा के लंड के सामने बैठ गई और उसका पानी निकलने का इंतजार करने लगी…

देवा रत्ना की उत्सुक्ता देख अपने लंड को हिलाते हुए सारा पानी उसके मुँह में भर देता है…



रत्ना देवा के लंड को चारो तरफ से चाट कर साफ़ कर देती है और फिर दोनों एक दूसरे को चुमकर कपडे पहन कर खाना खाने बैठ जाते है…

खाना ख़तम करने के बाद रत्ना कुछ पल तक उठ नहीं पाती क्युकी देवा की चुदाई से उसके दोनों छेदों में बहुत दर्द था पर वह काफी खुश भी थी क्यों आज पहली बार उसने खुले आसमान के नीचे अपने ही बेटे के साथ चुदाई करी थी…।

यह लमहा दोनों कभी नहीं भुलेंगे…।

किस्मत से दोनों को किसी ने नहीं देखा था।।

थोड़ी देर बाद रत्ना का दर्द कम हुआ तो वो उठ कर अपने घर चल दी…
 
अपडेट 133



देवा अभी नंगा ही लेटा हुआ था।
पप्पू को आता देख देवा थोड़ा उठा।
पप्पू देवा को जमीन पर नंगा लेटा देख मुस्कराया,
पप्पु, “लगता है बहुत मजे मारे है रत्ना काकी के साथ।”
पप्पू देवा के नंगे खड़े लंड को देख रहा था…
देवा:“हाँ मजा तो आया पहली बार खुले में जो चुदाई की और वो भी अपनी माँ के साथ…”
पप्पु, “हाँ बाहर तक गूंज रही थी आवाज़े तुम्हारी, रश्मि भी आयी थी तुमसे मिलने आवाज़े भी सुन ली थी और मुझसे अंदर जाने की जिद्द कर रही थी…”
देवा: “तो आने देता दो-दो चुत मारने को मिल जाती…सोने पे सुहागा ”
पप्पु, “तूने ही तो कहा था की किसी को मत आने देना अंदर ”
देवा:“हाँ कहा था पर चूतिये रश्मि तो सब जानती है। पहले से वो देख भी लेती तो भी कुछ नहीं होता…”
पप्पू देवा के खड़े लंड को काफी देर से देख रहा था…
देवा:“क्या है साले… मूड बन रहा है तेरा मेरा लंड देख कर क्या”
पप्पु: “हाँ देवा गांड मार ले मेरी बड़े दिनों से नहीं लिया है अंदर…”
देवा:“नहीं अभी नहीं अभी तो थक चुका हूँ,,बाद मे मारूँगा तेरी गांड”
पप्पु, “तेरा लौडा चुस्स लुँ फिर?”
देवा: “हाँ चूस ले साले”
और पप्पू देवा के लंड को देखता हुआ उसके आगे बैठ जाता है और उसके लौडे को चुमते हुए अपने मुँह में ले लेता है।
देवा:“आअह्हह्ह्ह्ह चुस साले…मेरे होने वाले साले,,,,साले नामर्द……चूस अपने जीजा के लौडे को…”
पप्पू कुछ देर देवा का लंड चूसता है जब तक देवा पप्पू के मुँह में अपना पानी नहीं छोड देता।
फिर देवा उठ कर अपने कपडे पहन लेता है।
और वहां रश्मि भी आ जाती है।
रश्मि: चोद लिए रत्ना काकी को…मुझे बुलाने की सोची भी नहीं एक बार?”
देवा:“अरे यार माँ अभी ऐसे नही कर पायेंगी किसी के साथ…”
रश्मि: “अपनी बहु के सामने भी नहीं करेगी क्या।”
देवा:“पता नहीं”
रश्मी पप्पू के मुँह से निकलते वीर्य को देखति है।
रश्मि: “भाई तुमने मुँह मीठा भी कर लिया”
और देवा और रश्मि हँसने लगे।
पप्पू ने अपना मुँह साफ़ किया और उठ गया।
पप्पु:“देवा मै कल रश्मि को छोड़ने जा रहा हूँ उसके ससुराल तू भी चल ले और ममता को गाँव ले आ शादी को ज्यादा दिन नहीं बचे है वैसे भी ”
देवा:“क्या रश्मि को छोडने?”
और देवा रश्मि की तरफ देखने लगता है।
 
रश्मी: मैं शादी से एक हफ्ते पहले आ जाऊँगी, वैसे भी मेरी इस वक़्त क्या जरुरत है लोग बिना बताये मजे लेते है और हमे भनक तक नहीं लगने देते।”
पप्पू रश्मि की बात सुनकर मुस्कराया।
देवा: “सही कहा तेरी कोई जरुरत नहीं यहाँ कल छोड आते है तुझे और ममता और उसके घरवालो से भी मिल आऊंगा मैं…”
रश्मी देवा के पीठ पर एक घूस्सा मारती है।
और पप्पू हँसने लगता है
फिर तीनो अपने घर निकल जाते है।
आज देवा नीलम से नहीं मिला।
वह सीधे अपने घर पहुच गया जहाँ पर शालु और रत्ना बैठे बाते कर रहे थे…
शालु देवा को देखकर मुस्कुरायी…
देवा ने रत्ना की तरफ देखा और रत्ना शरमाने लगी…
देवा: “क्या हुआ रत्ना क्यों शर्मा रही हो…”
शालु देवा के मुँह से रत्ना सुनकर मुस्कुरायी पर रत्ना देवा को गुस्से से देखने लगी…
शालु: “क्या बात है जमाई राजा बड़ी जल्दी आ गए खेतो से…लगता है बहुत थकान हो गयी है काम करके…”
और शालु मुस्करायी।
देवा: “हाँ काकी आज बहुत काम किया है खेतो में…”
और देवा रत्ना को आँख मारता है।
शालु को रश्मि ने सब बता दिया था की देवा ने रत्ना को खेत में चोदा है आज।
शालु: “रत्ना कितना मेहनती है तेरा बेटा…बहुत काम करता है खेत में…”
रत्ना शालु से आँखे नहीं मिला पा रही थी उसे समझ आ गया था की शालु क्यु इतना कह रही है।
रत्ना उठि और शरमाती हुई घर के अंदर चलि गयी और देवा और शालु हँसने लगे…
शालु: “और आज तो खुला खुला प्यार किया अपनी माँ को एक बेटे ने…”
देवा: “हाँ बहुत मजा आया अगली बार तुझे भी चोदूँगा खुले में शालु पप्पू के साथ मिलकर…”
शालु:“अच्छा मै भी देखति हु कितनी बेशरमी से चोदता है तू…”
और शालु ने आगे बढ़कर देवा के लंड को सहलाया और मुस्कुराते हुए दरवाजा खोल कर चलि गयी।
देवा घर के भीतर गया तो उसे रत्ना बाथरूम से निकलती दिखाई दी।
रत्ना देवा को देख कर मुस्करायी।
रत्ना: “शालू को कैसे पता चला…”
देवा: “अरे अब तक तो सबको पता चल गया होगा…”
रत्ना: “क्या कैसे…”
देवा:“मैने पप्पू को रखवाली के लिए लगाया था जब तुझे खेत में चोद रहा था तब। वहां रश्मी आयी उसे भी तेरे साथ मिलकर खुले में चुदवाना था मुझसे…पर पप्पू ने आने नहीं दिया…अब तक तो नीलम को भी पता चल चुका होगा।”
रत्ना देवा की बात सुनकर मुस्करायी।
 
Back
Top