Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की - Page 8 - SexBaba
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Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की

राहुल(जल्दी से लोअर और टॉप पहन के रसोई की तरफ जाते हुए)-क्या है ?
तनु-रसोई में आ और ऊपर की शेल्फ से घी का डिब्बा उतार के दे मुझे ।
राहुल(राहुल की नज़र फिर से तनु के मोम्मों और निक्कर से उभर रही गाँड़ पर पड़ती है ,"यह आज मुझे जीने नहीं देगी " वो मन में सोचता है )-पीछे तो हट । राहुल ऊपर की शेल्फ खोलकर देखता है "यार इसमें तो कई डिब्बे हैं घी वाला कौनसा है ?"
तनु-तू न सच में डफर है चल मुझे ऊपर उठा मैं खुद देख लूँगी ।
राहुल-गिर-विर जाएगी एक दिन बिना घी के खाना खा ले ।
तनु(राहुल को घूरते हुए)-तू मुझे उठाएगा या मम्मी को बता दूँ मैं ?
"एक नम्बर की चंट है कुतिया कहीं की" राहुल मन में सोचता हुआ तनु के पीछे आ जाता है और उसे डरते डरते कमर से पकड़ता है ....तनु की नंगी ,पतली और मखमली कमर को छूते ही दोनों के बदनों में बिजली दौड़ जाती है । "क्या कर रहा है ऊपर से पकड़ गुदगुदी होती है" तनु कसमसाते हुए कहती है । राहुल तनु की बात सुनकर तोड़ा चकरा जाता है क्योंकि उसके हाथ पहले ही कमर के ऊपरी हिस्से पर थे वो ज़रा सा भी हाथ ऊपर करता तो तनु के मम्में दब जाते ।
तनु(वो भूख से बेहाल हो रही थी)-सोच क्या रहा है उठा न ?

राहुल तनु के मम्मों को अपने हाथों से दबोचते हुए उसे ऊपर उठा देता है । तनु तो उसे कंधों से पकड़कर उठाने को कह रही थी इस अचानक हुए हमले से वो बौखलाहट में हाथ पैर मारने लगती है । तनु का बैलेंस खराब हो गया है यह सोचकर राहुल ने उसे और ज़ोर से पकड़ लिया तनु के बड़े - 2 मम्में अब राहुल के हब्शी हाथों में वैसे ही गूंथे हुए थे जैसे आटा .। अब तनु को दर्द होने लगा था जिसकी वजह से और तेजी से हाथ पैर चलाने लगी और उसे संभालने के चक्कर में राहुल ने उसके स्तंनो को और ज़ोर से दबा दिया ...इस तरह तनु के मम्में राहुल के हाथों में पिचक से गए आखिर तनु को इतना दर्द होने लगा कि वो चीख पड़ी "राहुल मेरे बूब्स छोड़ मुझे दर्द हो रहा है" ।
राहुल ने तनु की जल्दी से नीचे उतारा तो किसी पागल बिल्ली की तरह उस पर झपटी और जो भी चीज़ उसके हाथ मे आई वो उसने राहुल पे फेकना शुरू कर दी और "आह ...पागल... जानवर... गधा.." बोलते हुए राहुल को मरती रही । राहुल ने उसके हाथ पकड़कर उसे रोकने की कोशिश की तो वो अनजाने में उसपर चाकू से वार कर बैठी । चाकू का वार तो राहुल ने हाथ से रोक लिया पर एक बड़ा सा जख्म उसके बाएं हाथ पर होगा । खून की एक मोटी धारा राहुल के हाथ से फूट निकली ।इतना खून देखकर कर तनु बेहोश होकर ज़मीन पे गिर पड़ी ।

राहुल ने किसी तरह बर्फ लगाकर खून का बहना कम किया और फिर अपने हाथ पर पट्टी बांध दी और तनु को उठाकर उसके कमरे में लेटाया । उसके बाद की फटाफट फिर से रसोई में आया और ज़मीन पे गिरा हुआ अपना खून साफ किया । इसके बाद वो तनु के पास बैठकर उसके माथे पे ठंडी पट्टियों को रखकर उसे होश मे लाने लग गया ।
राहुल को तनु की चिंता तो थी ही पर उसके साथ-2 वो सोच रहा था कि तनु के आने से पहले अगर कोई घर पर आ गया तो क्या होगा? पर आज उसकी किस्मत उसके साथ थी तनु होश आ गया । उसे देखते ही तनु चिल्लाने लगी "मैंने तेरा हाथ काट दिया ...मैंने तेरा हाथ काट दिया "
राहुल ने अपना हाथ मुँह पर रखकर तनु की आवाज़ों को रोका और अपना दिखाते हुए बोला" हाथ कटा नहीं है बस चोट लगी है..चिल्लाओ मत कोई सुन लेगा "
तनु-दिखा मुझे।
राहुल-यह ले देख अम्मा कर ले तसल्ली ।
तनु-तुमने मुझे वँहा से क्यों पकड़ा था ?
 
राहुल-तुने ही कहा था ऊपर से मैं तो कमर से पकड़ रहा था ।
तनु- उफ्फ तुम भी न मेरा मतलब था कि मुझे कंधों से पकड़ ।
राहुल-ज्यादा दर्द हो रहा है वँहा ।
तनु(टॉप के ऊपरहो जाने से उसके मम्में काफी ज्यादा दिख रहे थे , अपनी हालत देख वो शर्मा जाती है वो झटपट टॉप को नीचे करती है)- होगा नहीं क्या इतने ज़ोर से पकड़ता है क्या कोई ?
राहुल-सॉरी तनु ।
तनु-राहुल मुझे भी माफ कर दे मेरी वजह से तेरा हाथ कट गया । तू मम्मी को बता देना और डॉक्टर के पास चले जाना ।
राहुल-पागल है क्या मम्मी को बताऊंगा तो पता है कितनी डांट पड़ेगी दोनों को ,मैं अकेले ही चला जाऊँगा डॉक्टर के पास ।
तनु- मैं भी चलूँगी तेरे साथ शाम में मुझे मार्किट जाना है एक किताब लेने तब तू भी चलना ।
राहुल-ठीक है, अब तुम रेस्ट करो मेरी ट्यूशन का टाइम हो रहा है 6.30 के आसपास आऊँगा तब चलेंगे ।
राहुल और तनु पहली बार आपस में इतने प्यार से बात कर रहे थे । एक तरफ राहुल इतना सब होने के बाद भी खुश था तो दूसरी तरफ तनु एक उलझन थी । वो समझ नहीं पा रही थी कि वो क्यों राहुल के इतने करीब जा रही है जबकि वो मनोज के साथ रिलेशनशिप में है ।

रमा और गरिमा लगभग एक साथ 3.30 घर पहुँची ,तब तक राहुल ,तनु को खाना देकर ट्यूशन जा चुका था और तनु अपने कमरे में थी ।रमा को डर था कि कहीं गरिमा या तनु को शक न हो जाए इसलिए उसने जानबूझ तोड़े गुस्से में गरिमा से पूछा " गरिमा इतनी देर कँहा थी तू ? आजकल तेरा घूमना फिरना कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है "
गरिमा- सहेली के घर चली गयी थी इसलिए लेट हो गयी ।
रमा(उसे गरिमा के सीधे साफ जवाब से खुशी भी और गुस्सा भी आया )-देख रही हूं जैसे-2 एग्जाम पास आ रहें तू कुछ ज्यादा ही घूमने लगी है ।
गरिमा(रमा के पास आकर उसके चेहरे पर किस करते हुए)-टेंशन मत लो मां इस बार भी क्लास में फर्स्ट ज़रूर आऊँगी ।तुम तो ऐसे ही शक करती रहती हो ।
रमा(उसे अनजान बनने में बड़ा मजा आ रहा था)- जा तनु को बुला ला मैं तुम दोनों के लिए खाना निकाल लाती हूँ ।
गरिमा- मेरे लिए मत निकलना मैंने फ्रेंड के घर खा लिया है । फिर वो तनु को आवाज़ लगाती है " तनु नीचे आ मम्मी खाने के लिए बुला रही हैं ।
तनु-मैंने खा लिया है तुम दोनों खा लो ।
रमा- ठीक है , ट्यूशन होमवर्क कर के फिर मनोज आता होगा चार बजने वाले हैं ।मैं अपने रूम में रेस्ट करने जा रही हूँ मुझे तंग मत करना ।
रमा अपने कमरे में चली गयी और गरिमा तनु के पास आ गयी ।
तनु-कँहा थी तू ? तेरा तो हॉफ डे था आज ?
गरिमा(वो अपनी छोटी बहन का उतरा हुआ चेहरा देखकर पहचान गयी कि आज नकचढ़ी का मूड खराब है)-क्या बात है नकचढ़ी तेरा मूड क्यों खराब है ? मनोज आज पढ़ाने नहीं आ रहा क्या ?
तनु-मेरा मूड बिल्कुल ठीक है ,बस मैं कुछ सोच रही हूँ।
गरिमा-अच्छा तो नकचढ़ी सोचती भी है ।
तनु-देखो मेरा मज़ाक मत उड़ाओ नहीं तो मैं बात नहीं करूँगी ।
गरिमा-अच्छा बाबा माफ कर दे मुझे गलती हो गई चल अब यह बता क्या सोच रही थी ।
तनु-तुझे नहीं लगता कि राहुल अचानक बदल गया है ।
गरिमा-हम्म अब कपड़े तो ढंग से पहनता है ।
तनु-नहीं यार ....
तनु पिछली रात वाली घटना गरिमा को बताने ही जा रही थी कि मनोज आ गया ।
 
गरिमा-अच्छा बाबा माफ कर दे मुझे गलती हो गई चल अब यह बता क्या सोच रही थी ।
तनु-तुझे नहीं लगता कि राहुल अचानक बदल गया है ।
गरिमा-हम्म अब कपड़े तो ढंग से पहनता है ।
तनु-नहीं यार ....
तनु पिछली रात वाली घटना गरिमा को बताने ही जा रही थी कि मनोज आ गया ।
गरिमा-तू आज गेस्ट रूम में ही पढ़ ले मैं बहुत थक गई हूँ यार ।
तनु-ठीक है ,पर आज रात तू घरपर ही है ना ?
गरिमा-हाँ यार तू जा न जल्दी वरना वो ऊपर आ जायेगा । उसे कहना कि गरिमा को बुखार है और वो सो रही है ।
तनु-ठीक है ।
तनु को तो केवल शक था और अपनी भावनाओं को दबाने के लिए वो अपने इस शक को बढ़ावा दे रही थी लेकिन कोई था जो राहुल के बारे में इन सबसे ज्यादा ही नहीं बल्कि उसके अतीत के साथ वो यह भी जानता था कि राहुल अनाथ कैसे हुआ और वो इस समय एक गुप्त जगह पे बैठा एक गहरी साजिश रच रहा था । उसके कई गुलामों में से एक था मित्तल ।
अँधरे से भरी एक गुफा में जो दूर कहीं अनजानी जगह पर थी मित्तल एक अजीब सी आकृति के सामने सिर झुकाए खड़ा था । वो अजीब सी आकृति दिखने में तो इंसान ही लग रही थी पर उसका बदन ऐसा था मानो सफेद धुँए का बना हो उसके आरपार देखा जा सकता था आर पार जाया जा सकता था वो थी एक आत्मा ....खूंखार कंसक की आत्मा ।
कंसक- मेरे बच्चे बता क्या खबर है ।
मित्तल-छे और लड़कियों को लाया जा चुका है ।
कंसक- काम बहुत ही धीरे हो रहा है मैंने तुम्हें इतनी दौलत दी है उसका प्रयोग करो लड़कियों को खरीदो जँहा से खरीद सकते हो क्योंकि तुम जानते हो कि मैं सिर्फ औरतों का दूध पी कर ही ज़िंदा रह सकता हूँ ।
मित्तल-भगवन बिना बदन के आप कभी शक्तिशाली नहीं हो सकते ,अब जब वो खास लड़का मिल चुका है तो हमें वो प्रकिया शुरू कर देनी चाहिए ।
कंसक-यह मैं जानता हूँ मुझे मत सिखा , उस प्रक्रिया से पहले उस लड़के का 29 लड़कियों से संभोग करना ज़रूरी है तभी वो प्रक्रिया सफल होगी । लेकिन इस रूप में मैं इतना शक्तिशाली नहीं कि उसके दिमाग पर पूरी तरह से काबू पा सकूँ । लेकिन उसका भी उपाय मैंने सोच लिया है ।
मित्तल- क्या उपाय है ? भगवन
कंसक-पहले मेरे लिए दूध लाओ मुझे कमज़ोरी महसूस हो रही है । एक भूरे बालों वाली अंग्रेजन कमरे में एक बड़ा सा जग लेकर दाखिल होती है ।

मित्तल ऐसी जगह पर एमी जैक्सन जैसी सुपर मॉडल और फिल्मों की अदाकारा को देखकर हैरान रह जाता । एमी जैक्सन सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी वो बिना किसी शर्म लिहाज के चलती हुई कंसक के पास आ गयी और उसे दूध से भरा हुआ जग दिया और कंसक के अगले हुक्म का इंतजार करने लगी ।
मित्तल उसके खूबसूरत चेहरे मादक बदन को भेड़िये जैसी नज़रों से घूर रहा था ।
कंसक-इस समय किसका दूध लाई हो एमी ?
एमी-भगवन इस समय अमीषा पटेल और सलमा हायेक का है ।
मित्तल के मन में तो बस एमी और उसका सेक्सी बदन घूम रहा था उसकी सेक्सी फोटोज़ देख देखकर मित्तल ने खूब मुठ मारी थी ।
कंसक-मित्तल लगता है तुझे हमारी नई बच्ची पसन्द है ।
मित्तल(डरते हुए)- भगवन इस सुंदरी को कौन नहीं पसंद करेगा ?
 
मित्तल के मन में तो बस एमी और उसका सेक्सी बदन घूम रहा था उसकी सेक्सी फोटोज़ देख देखकर मित्तल ने खूब मुठ मारी थी ।
कंसक-मित्तल लगता है तुझे हमारी नई बच्ची पसन्द है ।
मित्तल(डरते हुए)- भगवन इस सुंदरी को कौन नहीं पसंद करेगा ?
कंसक(एमी के तोता पुरी आमों जैसे स्तंनो को सहलाते हुए)-जा बच्ची जितनी देर मैं यह देसी-विदेशी मिक्स दूध पीता हूँ तू मेरे इस गुलाम के लिंग को शांत कर अभी इसे मेरे कई काम करने हैं ।पर ध्यान रहे दूध के खत्म होने से पहले इसकी कामवासना खत्म हो जानी चाहिये । इतना कहकर कंसक पत्थर के बने एक बड़े से सिंहासन पर बैठ गया और चुस्कियां लेकर दूध पीने लगा ।
एमी ने मित्तल का हाथ पकड़कर उसे एक कुर्सी पर बिठा दिया और मित्तल पास नीचे जमीन पर घुटनों के बल बैठते हुए धीरे-2 बड़ी लगन से उसकी पैंट की ज़िप खोलकर मित्तल का 10इंची लन्ड बाहर निकाल लिया और उसके टट्टे सहलाते हुए उसके लिंग पर जँहा-तहां चूमने लगी ।"आह...आह..."मित्तल सिसक उठा ।एमी ने अपने सेक्सी होंठ हल्के से खोलते हुए मित्तल के लन्ड के टोपे को मुँह में भर लिया और होंठों से उसके लन्ड पर दबाव बनाते हुए उसे चूसने लगी मित्तल अपने लौड़े पर एमी के नरम और सेक्सी होंठो की गर्मी और दबाव को बड़ी मुश्किल से सहन कर पा रहा था ..."उफ्फ...एमी क्या चूसती हो...आह ...आह..." मित्तल मदहोश सा बोलता जा रहा था । अभी एमी को चुसाई शुरू किए पाँच मिनट भी नहीं हुए थे कि मित्तल एक लम्बी आह के साथ झड़ गया । एमी ने उसके वीर्य की एक बूँद भी बेकार जाने नहीं दी और सारा वीर्य गटक गई ।
कंसक-वाह एमी वाह तूने मुझे भी पछाड़ दिया है तुझे इस काम के लिए चुनकर मैंने कोई गलती नहीं कि ।
एमी ने मित्तल का मुरझाया हुआ लन्ड वापिस उसकी पैंट में खोंसते हुए उसकि ज़िप बन्द कर दी और कंसक के पास जाकर बोली "कौनसे काम के लिए भगवन"
कंसक-मित्तल अब यह बबिता की जगह लेगी और बाकी सबको बताएगी की बबिता की दूसरे शहर में नोकरी लग गयी है इसलिए वो वँहा चली गयी है ।
मित्तल- भगवन मैं समझा नहीं ,बबिता क्यों जाएगी दूसरे शहर ।
कंसक-यह काम हो चुका है ,एक बड़ी कंपनी का मालिक तेरी ही तरह मेरा गुलाम । मेरे कहने पर उसने बबिता को ज्यादा तनख्वाह का लालच देकर बुला लिया है और बबिता निकल भी चुकी है दूसरे शहर जाने के लिए । तेरा काम यह है कि तूने मनोज से बबिता को फ़ोन करवाना है ताकि बबिता अपने सभी छात्रों के फोन करे और उनसे कहे कि अब उसकी जगह उसकी बहन तनीषा यानी हमारी एमी उन्हें पढ़ाएगी ।
कंसक-एमी 4 बजने में कुछ ही समय रह गया है तुम जल्दी से बबिता के घर जाओ और उसकी जगह लो ....और काम पूरा करो ।
एमी-भगवन इतने कम समय में मैं बबिता के घर नहीं पहुँच सकती ।
कंसक-तो मैं पहुँचा देता हूँ । कंसक इतना कहकर चुटकी बजता है और एमी गायब हो जाती है ।
मित्तल-भगवन एक शंका है ।
कंसक-पूछो ।
मित्तल-भगवन बबिता का मकान मालिक कोई अड़चन न पेश कर दे ।
कंसक-ऐसा होने से बबिता खुद रोकेगी ।
मित्तल-वो कैसे ।
कंसक-मनोज के कहने पर वो अपने मकान मालिक को भी फोन करके बताएगी की अब उसकी जगह कुछ दिनों के लिए उसकी बहन तनीषा रहेगी ।
मित्तल-भगवन मेरे लिए कोई हुक्म ।
कंसक- मित्तल तुम हमसे एक अप्सरा को छुपा के रखोगे इसकी उम्मीद नहीं कि थी मैंने ।
मित्तल-भगवन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया कोई गलतफहमी है ।
कंसक-हम तुम्हारी बेटी प्रिया की बात कर रहे हैं वो हमें पसंद है उसे त्यार करो हमारे लिए ।
मित्तल-पर वो मेरी बात मानती ही नहीं है ,आप तो जानते ही हैं मनोज जैसे कई केस हो चुके हैं उसके साथ ।
 
कंसक-हम तुम्हारी बेटी प्रिया की बात कर रहे हैं वो हमें पसंद है उसे त्यार करो हमारे लिए ।
मित्तल-पर वो मेरी बात मानती ही नहीं है ,आप तो जानते ही हैं मनोज जैसे कई केस हो चुके हैं उसके साथ ।
कंसक-तो उसे करो त्यार और जल्दी ।
मित्तल-वो बेटी है मेरी ।
कंसक(वो दो बार ताली बजता है ,उसके हाथ में हीरों से भरी हुई एक थैली प्रकट हो जाती है)- मित्तल यह लो हमारी तरफ से और प्रिया जल्दी मान जानी चाहिए ।
मित्तल(हीरों को देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह जाती हैं ,वो सोचता है कई करोड़ के होंगे यह तो)- जी भगवन काम हो जाएगा ,मेरी बेटी आपकी सेवा करेगी इससे अच्छी बात उसके लिए कुछ हो ही नहीं सकती ।
दूसरी तरफ इस साजिश से अनजान राहुल ट्यूशन के लिए बबिता के घर पहुंचा तो बबिता की जगह एक तौलिए में लिपटी एक अनजानी लड़की को देखकर वो हैरान रह गया ।

राहुल -जी दीदी हैं मेरी क्लास थी ।
लड़की-मेरा नाम तनीषा है ,मैं बबिता की छोटी बहन हूँ आओ अंदर आओ । ठीक इसी समय उसका तौलिया कुछ नीचे खिसकने के कारण उसके गोरे स्तन कुछ उघड़ जाते हैं ।वो शर्माते हुए तौलिए को ठीक करती है ।
राहुल-मैं बाद में आऊँ क्या दीदी ?
तनीषा-नहीं नहीं अंदर आओ और मुझे दीदी नहीं मैम कहा करो,आज से मैं ही तुम्हें पढ़ाऊंगी ।
राहुल(तनीषा की मादक अदायों के कारण कुछ झेंपते हुए अन्दर जाता है)- बबिता दीदी कँही गयीं हैं क्या (वो सोच रहा था आज मुझे बबिता से कोई काम दिलवाने की बात करनी थी और बबिता को आज ही जाना था).
तनीषा(अपने होंठों को दांतों से काटते हुए) -हम्म बबिता की दूसरे शहर में जॉब लग गयी है इसलिए वो चली गई और कह के गयीं हैं कि उनके सब बच्चों को आज से मैं ही पढ़ाऊंगी । तुम बैठो मैं कपड़े पहनकर आती हूँ ।
राहुल कि नज़र न चाहते हुए भी तनीषा के कामुक और तराशे हुए बदन से नहीं हट रही थीं उसकी नज़र दूसरे कमरे की तरफ जा रही तनीषा कि उठी हुई गाँड़ और गोरी लम्बी टाँगों पे जा रही थी ।
तनीषा ने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया पर कुंडी नहीं लगाई और दरवाजा तोड़ा सा खुला रह गया था जिसमें से उसकी पीठ सोफ़े पर बैठे राहुल को नज़र आ रही थी । राहुल की नज़र उसपर चिपक गयी थी । राहुल ने तनीषा को तौलिया खोलते देख एक बार अपनी नज़र दूसरी तरफ घुमा ली पर फिर वो तनीषा की तरफ चली गयी वो तनीषा को पीछे से देख रहा था गोरी पीठ पर काली ब्रा की डोरियां ऐसे लग रही थीं मानों गिफ्ट पैकेट को बांधने वाले रिबन हों ,उसकी पतली ,कर्वी कमर और छोटी से पैंटी से दिखती उसकी गोरी-गोरी ,गोल उठी हुई गाँड़ देखकर राहुल का लन्ड पाजामे में सख्त होने लगपडा ।
 
राहुल यह तो जानता नहीं था कि तनीषा जो असली में एमी जैक्सन थी जानबूझकर उसे उत्तेजित कर रही थी ।एमी ने कनखियों से देखा कि राहुल ने मुँह दूसरी और घुमा लिया है तो वो अपनी सफलता पे मुस्कुरा उठी और अपने कपडे पहने लगी ।
"अपने आप पर काम और वासना को हावी मत होने देना" राहुल को पिंकि के शब्द याद आ रहे थे । "सही है पहले जो हो गया सो हो गया यह मेरी टीचर है इसको मुझे बुरी नज़र से नहीं देखना चाहिए" उसने मन में सोचा ।

"राहुल तू नादान है जो उस पिंकि की बातों में आ रहा है वासना भागने की नहीं बल्कि मज़े की चीज़ है ...तू सोच तनीषा के नरम होंठ तेरे लन्ड को जब चूमेंगे तो तुझे कितना मज़ा आएगा" फिर वही अदृश्य आवाज़ उसके दिमाग में गूंज उठी । "राहुल वासना ने ही तो तुझे ठीक किया है तुझे इतनी शक्तियों का मालिक बनाया है और तू इसी से भाग रहा है....देख उसको उसके अपार सौंदर्य को ...आज तक तुझे मिला ही क्या है ? बूढ़ी रमा ? या वो छिनाल बबिता " अदृष्य आवाज़ राहुल के दिलो दिमाग पर छा सी गयी ।

राहुल ने अपना सिर उठाकर तनीषा के कमरे की तरफ देखा मिनी सफेद रंग की सीलव लेस टॉप और उसके ऊपर काला कोट जो खुला हुआ था जो मानो राहुल से कह रहा था " राहुल अगर मेरे बटन बंद होते तो क्या तू इस सुंदर नेवल को देख पाता?"

तनीषा(कमरे से बाहर आते हुए ) - सॉरी मुझे देर लग गयी मुझे क्लास का टाइम पता नहीं था न ।

राहुल(राहुल की नज़र न चाहते हुए भी ,तनीषा की क्लीवेज पे अटक गई थी , उसने दूसरी ओर देखने की कोशिश करते हुए कहा)- नहीं मैम इट्स ओके ।

तनीषा-(राहुल के गाल को खींचते हुए )- बड़े प्यारे हो तुम अगर तुम बुरा न मानों तो क्या मैं कॉफी बना लूँ ?

राहुल(उसे तनीषा का स्पर्श किसी बिजली के झटके सा लगा था ,इस समय तनीषा उससे जान भी मांगती तो राहुल जान भी दे देता)- बना लो मैम ।

तनीषा-तुम भी चलो किचेन में इतनी देर कॉफी बनती मैं तुमसे पूछ लूँगी की तुम क्या क्या पढ़ चुके हो और क्या पढ़ना है ।

राहुल उसके पीछे-2 चल पड़ा । "कौनसी क्लास में हो तुम " तनीषा ने गैस पे बर्तन चढ़ाते हुए पूछा ।

राहुल(उफ्फ इसकी गाँड़ कितनी गोल है..मन में सोच रहा था)- बाहरवीं ।

तनीषा(राहुल को घूरते हुए)-काफी बड़े हो । नाम क्या है तुम्हारा ?

राहुल- राहुल ।

तनीषा-ओह तुम हो राहुल , बबिता बड़ी तारीफ करती थी तुम्हारी देखते हैं कैसे स्टूडेंट साबित होते हो तुम ।

राहुल- अच्छा होने की कोशिश करूँगा ,पूरा मन लगाकर पढ़ूँगा ।

तनीषा पूरी क्लास के टाइम किसी न किसी तरह राहुल की सिड्यूस करती रही थी ,कभी झुककर अपनी क्लीवेज दिखाती तो कभी मुँह में उँगली डालकर सेक्सी मुँह बनाती । तनीषा चाहती तो राहुल को आज ही सेक्स के लिए मजबूर कर देती पर वो चाहती थी कि राहुल के सिर पर सेक्स का भूत ऐसा सवार हो कि उसे हर लड़की में सिर्फ चूत-मोम्मे और गाँड़ नज़र आएं । राहुल क्लास से बाहर निकला तो उसका लौड़ा इतना टाइट हो चुका था कि कच्छे में दुखने लगा था । वो घर पहुंचा तो तनु बज़ार जाने के लिए तैयार बैठी थी पर वो तनु को अनदेखा कर सीधे बाथरूम में घुस गया ताकि मुठ मारकर अपनी गर्मी शांत कर सके ।
 
राहुल बाथरूम से बाहर निकला तो तनु उसे आज एक नए ही रूप में नज़र आई । छोटे - छोटे और मॉर्डन कपडे पहनने वाली तनु आज नीले रंग के सलवार-कमीज में थी ।कानों में झुमके औऱ बाल संवरे हुए पर खुले हुए थे और उसके दोनों कंधों से होते हुए उसके आकर्षक स्तंनो को और आकर्षक बना रहे थे ।
तनु -कितना टाइम लगाते हो बाथरूम में मैं कब से इंतजार कर रही थी ।
राहुल-सॉरी प्रेशर था यार ।
तनु(चिल्लाते हुए ताकि रमा को उसकी आवाज़ सुनाई दे जाए जो रसोई में काम कर रही थी)-मम्मी जा रहे हैं हम ।
रमा-जल्दी आ। जाना और झगड़ना मत ।
तनु-मैं कँहा झगड़ा करती हूँ एक्टिवा ले जा रही हूँ ।
रमा- एक्टिवा ले जा रही है तो कोमल आँटी के यँहा से होती आना ,कोमल को मैंने कोई काम वाली देखने के लिए कहा था पूछ लियो कोई मिली के नहीं ।
तनु-ठीक है ।
राहुल तो अकेले तनु के साथ बाजार जाने को लेकर ही बेहद उतेजित था और तनु के एक्टिवा पर बैठने की बात सुनकर तो उसकी उत्तेजना सातवें आसमान पर पहुँच गयी थी । तनु ने स्कूटी स्टार्ट की और राहुल को पीछे बैठने के लिए कहा । राहुल ने एक्टिवा पर बैठकर डरते डरते तनु कि पतली कमर को हल्के हाथों से पकड़ लिया । तनु के बदन की भीनी-2 महक उसे मदहोश सी करती जा रहा थी ।
तनु-तुम इतनी देर कँहा थे ट्यूशन तो 5.30 खत्म होती है ना तुम्हारी ।
राहुल-वो बबिता दीदी की दूसरे शहर में जॉब लग गयी हैं ना इसलिए वो चली गईं हैं ।
तनु-तो फिर तू और जल्दी आ जाता ।
राहुल-आ कैसे जाता वो अपनी बहन (बहन बोलते वक्त उसके मन में तनीषा की वो तस्वीर उभर आई जब तनीषा का तौलिया नीचे सरक जाने से उसके स्तन उघड़ आये थे ...तनीषा के बारे में सोचते हुए उसका लन्ड हरकत करने लगा था) को बोलकर गयीं हैं पढ़ाने को ।
तनु-क्या नाम है उसकी बहन का ?
राहुल-तनीषा ।
तनु-पढ़ाती कैसा है ?
राहुल-ठीक ही पढ़ाती है ।
तनु(स्कूटी रोकते हुए)- चलो उतरो क्लीनिक आ गया ।
राहुल स्कूटी से उतरकर क्लीनिक की तरफ देखता है तो क्लीनिक के गेट के ऊपर लगा हुआ बड़ा सा बोर्ड नज़र आता है "अपना वीर्य दान करें ,बदले में मालामाल हो जाएं" बोर्ड को पढ़ते हुए राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है वो सोच लेता है कि यही वो काम है जो उसे गरीब से अमीर बनाएगा ।
तनु और राहुल क्लीनिक में दाखिल होते हैं तो राहुल की नज़र खूबसूरत रिसेप्शनिस्ट पर पड़ती है । सफेद टॉप और काले रंग के स्कर्ट में वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी । वो तनु और राहुल की कंप्यूटर में एंट्री करके उन्हें 100 रुपए का बिल थमाती है और उन्हें रूम नंबर 4 में जाने के लिए कहती है ।
ड्रेसिंग रूम में जब सिस्टर राहुल के हाथ की पट्टी खोलती है तो तनु को राहुल की हथेली पर लगा हुआ चीरा नज़र आता है जो हथेली के एक कोने से दूसरे कोने तक जा रहा था । "कितना ज्यादा कट गया है , और राहुल ने मुझे कुछ नहीं कहा और एक मैं हूँ जो उससे झगड़ती रहती हूं तनु मन में सोचती है ।
सिस्टर-इतना ज्यादा कैसे कट गया ?
राहुल- अंधेरे था कुछ खोज रहा था मैं तो चाकू से कट गया ।
सिस्टर(तनु की तरफ देखते हुए)- अपने बॉयफ्रेंड से कहिए कि ध्यान से चीज़ें ढूंढा करे तोड़ा और कट जाता तो मुश्किल हो सकती थी ।
तनु(बॉयफ्रेंड शब्द सुनकर तनु के पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ जाती है)-जी हम ब...(वो बहन-भाई बोलने वाली थी पर न जाने क्यों उसे यह बोलना अच्छा नहीं लगा ) बस दोस्त हैं हम ।
सिस्टर(पट्टी बाँधते हुए)- ओह सॉरी आप दोनों को देखकर लगा कि ....
तनु-कोई बात नहीं ,इट्स ओके ।
सिस्टर-कल सुबह फिर ड्रेसिंग करवा लेना ।
तनु-तुम कल सुबह ड्रेसिंग करवालोगे न ?
राहुल-हम्म । वो सोच रहा था कि इसी बहाने वो वीर्य दान के बारे में भी पूछ लेगा ।
तनु-राहुल क्या सोच रहे हो ?
राहुल-कुछ भी तो नहीं ।
तनु-मतलब कि अभी तक नाराज़ हो मुझसे ?
राहुल-नहीं मैं क्यों नाराज़ होने लगा तुमसे ।
तनु- तुम इसीलिए नाराज़ हो न कि मेरी वजह से तुम्हारा हाथ कट गया ।
राहुल-नहीं यार बिल्कुल भी तो नहीं ,मैं तो कुछ और सोच रहा था ।
तनु - फिर बताओ क्या बात है ?
राहुल- तुम मुझ पर हँसोगी यार रहने दो ।
तनु-बताओ न यार ...तुम्हें मेरी कसम सच्ची सच्ची बताना क्या सोच रहे थे ।
राहुल- तुमने वो स्पर्म डोनट करने वाला बोर्ड देखा ?
तनु- पागल हो क्या ?
राहुल-मैंने कहा था तुम मेरा मज़ाक बनाओगी ।
तनु- नहीं यार लेकिन तुम्हें इसकी जरूरत क्या है ।
राहुल-तनु तुम तो जानती हो यार सब.....मुझे लगता है मुझे अब कुछ काम कर लेना चाहिए पर पढ़ते हुए कोई और काम तो इम्पॉसिबल है ।
तनु(कुछ देर सोचने के बाद)- ठीक है मैं रिसेप्शन पे बात करके आती हूँ । वो रिसेप्शनिस्ट से बात करने चली जाती है और एक छोटी सी शीशी लेकर वापिस आती है ।
राहुल-क्या कहा उसने ?
तनु -यह शीशी दी है अगर यह तुम एक बार में भर सकते हो तो कल आकर टेस्ट दे जाना ।
 
तनु(कुछ देर सोचने के बाद)- ठीक है मैं रिसेप्शन पे बात करके आती हूँ । वो रिसेप्शनिस्ट से बात करने चली जाती है और एक छोटी सी शीशी लेकर वापिस आती है ।

राहुल-क्या कहा उसने ?

तनु -यह शीशी दी है अगर यह तुम एक बार में भर सकते हो तो कल आकर टेस्ट दे जाना ।

राहुल-कल कैसे दूँगा ? मेरे तो हाथ पर चोट लगी है ?

तनु-जानती हूँ ,पर कल ही टेस्ट देना होगा तुम्हें क्योंकि परसों डॉक्टर विदेश जा रहे हैं पूरे दो महीने के लिए और पैसे इतने ज्यादा हैं कि मैंने सोचा यह काम तुम्हारे लिए सही रहेगा ।

राहुल-कितने पैसे देंगे?

तनु-पाँच हज़ार ।

राहुल-एक महीने के ? सही है इतने पैसे तो काफी होंगे मेरे लिए ।

तनु-एक महीने के नहीं डफर एक बार के । अब चलो उधर उस रूम में चलना है ।

राहुल-अभी देनी है क्या ?

तनु-घर पे कैसे करेगा ? चल अब ।

राहुल और तनु एक केबिन में आ जाते हैं । तनु दरवाजे को कुंडी लगाती है और राहुल को शीशी देती है ।

तनु-मैं दूसरी तरफ मुड़ती हूँ तू इसे भर दे जल्दी ।

राहुल-जल्दी कैसे करूँ ? इसमें तो टाइम लगेगा ।

तनु-अपना वो निकाल और भर दे ना ।

राहुल(राहुल पैंट की बेल्ट को एक हाथ से खोंलेने की कोशिश करते हुए)-ऐसे थोड़े होता है यार रहने देते हैं ।

तनु(तनु देखती है एक हाथ से राहुल बेल्ट नहीं खोल पा रहा)-डर लग रहा है क्या ? और ला मैं खोल दूँ तेरी बेल्ट ,मैंने ही चाकू मारा है तुझे तो इतनी हेल्प तो कर ही सकती हूँ ।
तनु राहुल के पास आ जाती है और उसकी बेल्ट खोलने के बाद उसकी जीन्स का बटन खोल देती है ।

राहुल-क्या कर रही है ?

तनु-बकवास मत कर और चुपचाप मुझे करने दे ,मुझे पता है कैसे करते हैं ।

तनु नीचे घुटनों के बैठते हुए राहुल की पैंट नीचे खींचती है औऱ राहुल के कच्छे के उभार से समझ जाती है कि उसका काम उतना भी आसान नहीं होने वाला । वो शर्म से मरी जा रही थी पर राहुल पर तरस उसे ज्यादा आ रहा था वो जानती थी घर में राहुल की हैसियत एक नोकर से ज्यादा कुछ नहीं है इसलिए वो दिल से उसकी मदद करना चाहती थी । तनु ने एक लंबी साँस ली और राहुल के कच्छे को नीचे सरका दिया ।

राहुल का 15इंची मूसल लन्ड किसी साँप की तरह उसके चेहरे से टकराया " ओह माई गॉड इट्स ह्यूज" तनु हैरानी से राहुल के लन्ड को निहारते हुए बोली । तनु राहुल के लन्ड को बिल्कुल वैसे ही देख रही थी जैसे बच्चा खिलौने को देखता है ।

राहुल आज तक इतना उतेजित कभी नहीं हुआ था बबिता और सनी लियोनी को एक घण्टे तक चोदने के बाद भी वो झाड़ता नहीं था और इधर तनु की सिर्फ नज़र ही उसे उसके चरम तक ले जा चुकी थी । \

तनु ने डरते-2 अपने दोनों हाथों से उसका मूसल लन्ड पकड़ लिया और उसे धीरे-2 बड़े प्यार से मुठियाने लगी । तनु के छूते ही राहुल को लगा जैसे उसका लावा किसी भी समय फूट सकता है उसने बोतल को अपने टोपे के छेद पर लगा दिया और उसका लन्ड बोतल में अपना लावा उगलने लगा ...बोतल भर जाने के बाद भी उसका लन्ड काफी देर तक लावा उगलता रहा ...

तनु(वीर्य से लथपथ अपने हाथों को देखते हुए)- सारे हाथ गंदे कर दिए तुमने तो ...इतना कोई छोड़ता है क्या इतने स्पर्म से तो 10 बोतल भर जाती ।

राहुल-इसे कोई कंट्रोल कर सकता है क्या जितना हर बार निकलता है उतना ही निकला ।

तनु(रुमाल से अपने हाथ साफ करते हुए)-बोतल को बंद कर मैं जितनी देर रिसेप्शनिस्ट को दे कर आती तू कपडे पहन ले । वो वीर्य से भरी हुई बोतल लेकर बाहर चली जाती है ।
 
तनु(रिसेप्शनिस्ट से, जो कंप्यूटर पे कुछ देख रही थी)- एक्सक्यूज मी ।

रिसेप्शनिस्ट- आई मस्ट से यू आर लकी ।

तनु- वट ?

रिसेप्शनिस्ट- तुम्हारे बॉयफ्रेंड का साइज ....मैंने देखा ....एंड यु वर आल्सो गुड नहीं तो काफी समय लग जाता ।

तनु(रिसेप्शनिस्ट की बात सुनकर वो शर्म से लाल हो जाती है)- आप हमारी मर्ज़ी के बिना कैसे देख सकतीं हैं हमें ।

रिसेप्शनिस्ट- यह हमारी पॉलिसी है वरना लोग चीट कर सकते हैं , स्पर्म एक ही बार का होना चाहिए इसिलए करना पड़ता है , लेकिन क्लाइंट की प्रिवेसी का हम पूरा ध्यान रखते हैं ।

तनु(रिसेप्शनिस्ट को बोतल देते हुए) -इट्स ओके , यह रही बोतल ।

रिसेप्शनिस्ट - यह रहे फ्रॉम , कल इन्हें जमा करवा देना और 5000 पेमेंट आपको कर दी जाएगी । "ओह मिस्टर राहुल अभी मैं आपकी गर्लफ्रैंड से आपकी ही तारीफ कर रही थी ...कल मैं ही आपका टेस्ट लूँगी" वो राहुल को आते हुए देखकर कहती है ।

राहुल- थैंक्स मैंम । कल कितने बजे ?

रिसेप्शनिस्ट - कल 12 बजे से पहले क्योंकि उसके बाद डॉक्टर नहीं होंगे ।

तनु(राहुल से फुसफुसती है)- चलो भी अब इससे ही बातें करते रहोगे क्या ?

राहुल-मैंने कब बातें कि ?

तनु- तो मैं कर रही हूँ न ? चलो अब पहले ही लेट हैं हम ।

राहुल(तनु के साथ क्लीनिक से बाहर आते हुए) - थैंक्स तनु ,सिर्फ तुम्हारी वजह से ही हो पाया यह सब।

तनु- यह सब मैंने सिर्फ इसलिए किया क्योंकि तुम्हारा हाथ मैंने ही काटा था ...वरना मैं इतना गन्दा काम कभी न करती ।

तनु की बात सुनकर राहुल की सारी खुमारी उतर जाती है । वो तो सोच रहा था कि शायद वो तनु को पंसद आने लगा है पर यह जानकर की तनु ने यह सब मजबूरी में और एहसान उतारने के लिए किया था उसका मन उदास हो गया ।

इधर तनु राहुल को ऐसी बातें बोलकर अपने मन में उठ रहे बवंडर को शांत कर रही थी । "गन्दा क्यों कहा मैंने.... उसका वो तो कितना प्यारा था ....पर क्या करूँ मैं...वो है तो भाई चाहे गोद लिया हुआ ही .." तनु एक्टिवा स्टार्ट करते हुए सोचती है ।

राहुल-तनु सॉरी यार आगे से .....

तनु- अब ज्यादा नाटक मत कर और हाँ कल आएगा तो इस रिसेप्शनिस्ट से ज़रा बचके रहियो ।

राहुल-वो क्यों ?

तनु-ठीक नहीं लगी मुझे कुछ ।

इधर राहुल और तनु करीब आ रहे थे तो दूसरी तरफ मित्तल अपने घर में एक साजिश को अंजाम देने के लिए त्यार था बस प्रिया के आने की देरी थी । मित्तल ने प्रिया को फ़ोन करके बुला चुका था और अब वो अपने घर के आफिस रूम में नँगा कुर्सी बैठा प्रिया का इंतजार कर रहा था । उसने अपनी कुर्सी दीवार की तरफ घुमा रखी थी ताकि प्रिया आते ही उसे न देख पाए । मित्तल तब से कामाग्नि में जल रहा था जब से उसने प्रिया का वीडियो देखा था ।
 
इधर राहुल और तनु करीब आ रहे थे तो दूसरी तरफ मित्तल अपने घर में एक साजिश को अंजाम देने के लिए त्यार था बस प्रिया के आने की देरी थी । मित्तल ने प्रिया को फ़ोन करके बुला चुका था और अब वो अपने घर के आफिस रूम में नँगा कुर्सी बैठा प्रिया का इंतजार कर रहा था । उसने अपनी कुर्सी दीवार की तरफ घुमा रखी थी ताकि प्रिया आते ही उसे न देख पाए । मित्तल तब से कामाग्नि में जल रहा था जब से उसने प्रिया का वीडियो देखा था ।

पापा आपने मुझे बुलाया था उसे प्रिया की आवाज़ सुनाई दी । उसने दीवार पर लगे शीशे से अपनी बेटी को देखा । सफेद रंग की शर्ट और जीन्स में प्रिया को देखते ही उसके का जानवर उसपर हावी हो गया और वो उससे वैसे ही खेलने लगा जैसे शेर अपने शिकार से खेलता है ।

मित्तल- आओ बैठो ।

प्रिया-पापा क्या बात है जो इतनी अर्जेंटली मुझे बुलाया आपने ।

मित्तल(अपने खड़े हो चुके लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया तुम्हारी इन हरकतों के कारण न जाने कितनी बार मैं और हमारा परिवार बदनाम होते होते बचा है । तुम जवान हो ,सेक्सी हो और मानता हूँ कि तुम्हारे शरीर की जरूरतें हैं पर .....

प्रिय(अपने बाप को ऐसे बातें करते देख उसका दिमाग चकरा गया)-क्या हुआ पापा ।

मित्तल-क्या नहीं हुआ यह पुछो । आज फिर एक वीडियो आया है जिसमें तुम उस दो कौड़ी के मनोज के साथ ......बैठ जाओ खड़ी क्यों हो ?

प्रिया(बैठते हुए)-इस मनोज को मैं मार डालूँगी मैं ।

मित्तल-मारने से क्या होगा ,गलती मनोज की नहीं है।

प्रिया-पापा आप मुझे गलत कह रहे हैं ?

मित्तल-प्रिया इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है गलती है तुम्हारी इस जवानी की गर्मी का जिसे कोई मर्द शांत नहीं कर पा रहा । कहते हुए मित्तल अपनी कुर्सी घुमाकर प्रिया के सामने आ जाता है ।

प्रिया(ऐसा मूसल लन्ड उसने आज तक नहीं देखा था ,इतना मोटा और लम्बा..वो चाहते हुए भी अपनी नज़रें अपने बाप के लन्ड से नहीं हटा पा रही थी )-प..पपप....पापा आप पागल हो गए हैं क्या ,प्लीज़ अपने कपड़े पहनों ।

मित्तल(अपने लन्ड को सहलाते हुए)- प्रिया इसकी आग भी कोई लडक़ी भुझा नहीं पाई और तेरी भी कोई लन्ड ।

प्रिया अपने बाप के मुँह से लन्ड शब्द सुनकर प्रिया पर एक डर एक अनहोनी की आशंका छा जाती है । वो कुर्सी से खड़े होने की कोशिश करती है पर मित्तल जल्दी से प्रिया के पीछे आ जाता है और उसके कंधों पर हाथ रखकर उसे उठने से रोक देता है ।

मित्तल(प्रिया के कंधे सहलाते हुए) - मनोज ने जो किया उसकी सजा उसे मिल चुकी है उसकी बहन के साथ वही हुआ जो उसने तेरे साथ किया था ।

प्रिया-आपने.... मतलब आएशा का एक्सीडेंट नहीं हुआ ? आपने उसके साथ बलात्कार ....। प्रिया अपनी बात पूरी न कर पाई ।

मित्तल- आएशा को भी लन्ड चाहिए था और मैंने बस उसकी इच्छा पूरी की है प्रिया । मैं चोद उसे रहा था और सपने तेरे देख रहा था । मित्तल अब प्रिया के स्तंनो को कमीज के ऊपर से सहला रहा था ।

प्रिया-क्या कर रहे हैं पापा ....छोड़िए मुझे ।

मित्तल(प्रिया के कान को चाटते हुए फुसफुसाता है)- तू मेरी ज़रूरत पूरी कर सकती है और मैं तुझे । किसी को पता नहीं चलेगा । किसी भी और मर्द से ज्यादा खुश रखूँगा मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ मैं तुझसे ।

प्रिया(वो अपने स्तंनो पर अपने पिता के बड़े मूसल लौड़े का स्पर्श महसूस कर रही थी....मित्तल की बातें उसे उलझा रही थीं ....उसके अंदर की असन्तुष्ट औरत उसे समर्पण कर देने के लिए उकसा रही थी )- यह गलत है ऐसा नही हो सकता , यह पाप है ।

मित्तल- नहीं पाप तो अपनी आत्मा को असंतुष्ट रखना होता है , सभी धर्मों में यही कहा गया कि आत्मा की संतुष्टि ही परम पुण्य है । कई देवताओं ने अपनी बेटियों के साथ ही संभोग किया है । कहते-2 मित्तल प्रिया को कुर्सी से खींचते हुए खड़ा करता है और बाहों में भर लेता है ।

प्रिया-आह...पापा मुझे कुछ हो रहा है ....जाने दो न मुझे ।

मित्तल -बस एक बार प्रिया एक बार मुझे अपनी प्यारी फुद्दी को चूम लेने दे ...बस एक बार इतना रहम कर मुझ पर .....तेरी कसम उसके आगे तेरी इच्छा के विरुद्ध मैं कुछ नहीं करूँगा । तरस खा अपने इस कमीने बाप पर ।

प्रिया को अपने बाप पर गुस्सा और तरस दोनों आ रहे थे । उससे अपने बाप की हालत देखी नहीं जा रही थी । वो बस जल्दी से यह सब खत्म करना चाहती थी । प्रिया की खामोशी ने मित्तल को ग्रीन सिग्नल दिखा दिया था । उसने प्रिया को उठा लिया और उसे लेकर अपने बेडरूम में ले आया ।

प्रिया को बिस्तर पर लिटाकर मित्तल उसकी टाँगों के बीच आ गया मित्तल ने एक बार अपनी बेटी के खूबसूरत चेहरे की ओर देखा प्रिया की बंद आँखों और तेज़ चलती साँसों को देख वो खुद को ज्यादा देर रोक नहीं पाया और उसने प्रिया कि सफेद कमीज के बटनों को खोल दिया प्रिया की काली जालीदार ब्रा से झलकते उसके खूबसूरत स्तंनो को उसने कुछ पल यूँ निहारा जैसे कोई पुजारी देवता के मिल जाने पर अपने देवता को निहारता है । मित्तल ने झुककर जब प्रिया के स्तनों के बीचोबीच चूमा तो एक मादक सी सिसकी प्रिया के मुँह से निकल गयी । मित्तल ने प्रिया की ब्रा को नीचे कर प्रिया के मोसम्मियों के आकार के स्तंनो को नंगा कर दिया और उन्हें ऐसे सहलाने लगा मानो मोसम्मियों को खाने से पहले उनके अंदर के रस का ज्याजा ले रहा हो ।
 
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