hotaks444
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रश्मि ने उसके लंड को अपने हाथ मे लिया और उसे चूसने लगी....आज पहली बार उसके लंड का स्वाद उसे अच्छा लग रहा था......लंड इतना मोटा था कि उसके मुँह मे नही आ रहा था ....पर फिर भी रश्मि चूसने की कोशिश कर रही थी...फिर अपना सिर उठाकर पूछा.....
रश्मि: तुम मुझे छोड़ तो नही दोगे ना???? जैसे राजेश ने छोड़ा
राज: अरे नही मेरी जान....तुम तो मेरी जान से भी ज़्यादा हो.........................पर तुम ऐसे सवाल क्यो पुच्छ रही हो
रश्मि: एक डर सा लगता है.......कल के डेट मे कोई उल्टा सीधा हो जाए तो कोई तो हो जो नाव को पार लगाएगा
राज: तुम बेफ़िक्र रहो...जब तक मे जीवित रहूँगा...तब तक तुम मेरी बीबी की तरह रहोगी.....और हां मे अपना बिजनेस पार्ट्नर भी बनाने जा रहा हू...तभी तो मे कह रहा था कि तुम शॉप जाय्न कर लो.....जो मे दूसरे को जॉब दे रहा हू ....वो तुम करो.....नौकरी भी और एंजाय भी....और एक आँख मार दी...राज ने.
रश्मि: मुक्का मारते हुए....बदमास...मे सब जानती हू...तुम नेहा और अनिता के पिछे क्यो पड़े हो......क्या इरादा है......??????
राज: इरादा तो नेक है मेरी जान....पर तुम्हे जितना चोदो.....नशा और होता है.....एक बार और हो जाए....
रस्मी: नही.....सुबह के 8 बज गये है........और खाना भी बनाना है...दीदी आती होगी...
राज: अरे ये रहती कहां है?
रश्मि:पूजा करने गयी थी...मंदिर
राज: जिंदगी भर पूजा ही करेगी या इस पति को खुराक देगी.
रश्मि: इस पति को खुराक देने के लिए मे जो हू.....
राज: यानी की तुमने अपना काम बाँट लिया है
रश्मि : जी....रात को मे और दिन की दीदी
राज: और दोपहर को...???
रश्मि: नेहा, सुनीता, अनिता...और ना जाने कौन कौन.....
राज: तुम बहुत उस्ताद हो गयी हो....किसने बताया ये सब?
रश्मि: बस मालूम है...तुम्हारे मोबाइल को सर्च किया था...जिसमे अनिता का मिस्स्कल्ल और स्मस पढ़ा
राज; अरे ....???? तुम तो अभी से ही वाइफ बन गयी मेरी.
रश्मि: ऑफ कोर्स...वो तो मे हू ही.....
तभी घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया......
रश्मि: शायद कोई है...मे जाती हू...आप बाथरूम मे चले जाओ....ना जाने कौन होगा...?????
अनिता की शादी के दिन तय हो गये…..वो अपना शादी का कार्ड ले कर आज आई थी….पूरे हॉस्पिटल और मेडिकल शॉप मे स्टाफ को कार्ड बाँटा…सभी ने उसे मुबारकबाद दिया……राज ने भी उसे मुबारकबाद दिया…पर अनिता कुच्छ बुझी बुझी आज दिखी…उसे ऐसा लग रहा था कि अब उसकी आज़ादी ख़त्म हो रही है……तब राज ने उसे चोट की…..
राज: क्या हुआ मेडम…तुम्हे तो खुस होना चाहिए….तुम्हारी शादी हो रही है…..वेल हॅपी?
अनिता की आँखो मे आँसू आ गये…….पर बोली कुच्छ नही…ह्म्म्म्मम
राज: तुम्हारे जो ख्वाब थे वो पूरे हो रहे है….हर लड़की का एक सपना होता है…शादी कर ससुराल जाना और जी भर कर जिंदगी का आनंद लेना……पर तुम इतनी उदास क्यो हो?
अनिता: पता नही…पर मुझे कुच्छ अच्छा नही लग रहा है….
राज: ये स्वाभाविक है….हर लड़की को शादी से पहले होता है….एग्ज़ाइट्मेंट तो होगी ही शादी की.
तुम एक बहुत अच्छी लड़की हो…..हमे तुम्हारे जाने का मलाल रहेगा….
अनिता: क्यो सर?
राज: क्योकि तुम काफ़ी सेक्सी जो हो….
अनिता: ओह फिर फ्लर्ट?
राज: क्या करे आदत से मजबूर जो हू…..
अनिता: अच्छा चलो मुझे कुच्छ शॉपिंग करनी है.
राज: एक शर्त पर चलूँगा….
अनिता: कैसी शर्त?
राज: हमलोग हज़्बेंड वाइफ बन कर चल्लेंगे….
अनिता: ये कैसे संभव है
राज: क्यो नही है?
अनिता : तो आप ही बताओ……और फिर हम दोनो मे उम्र का फासला ज़्यादा भी है
राज: तो क्या हुआ…..दिल से तो हम बन सकते है
अनिता:ह्म ……….अच्छा चलो….और कड़क आवाज़ मे बोली…..जिसमे रौब भी था और अपनापन भी
राज: अरे ये क्या?
अनिता: प्रॅक्टीस कर रही हू वाइफ बनने की
राज: तो फिर मुझे अपनी बाँहो मे उठाओ और दोनो हाथ उप्पर कर दिया
अनिता: उसकी तरफ झुकी और राज ने अपनी दोनो बाँहे उसकी गर्देन के चारो तरफ कर ली और उसे उठा लिया…………..अरे ये क्या….आपने तो मुझे गोदी मे उठा लिया…?
राज: अरे मेरी वाइफ हो तो इतना तो हक़ बनता ही है…………
अनिता: ओ…मिस्टर. वाइफ हू सिर्फ़ मन से तन से नही….ओके?? रिमेंबर
राज: जैसे आपकी इच्छा…पर मन से हो ना…?
अनिता: कुच्छ नही बोली …सिर्फ़ मुस्कुरा दी……………………अब चलो
राज ने उसे अपनी बाँहो मे लिया और उसके गालो पे एक किस कर दिया.
अनिता और राज बाइक पर सवार हो कर जाने लगे तभी अनिता का फोन आ गया …ये फोन था उसकी मा का….राज ने बाइक को किनारे कर दिया और अनिता अपनी मा से बाते करने लगी……करीब 3 मीं तक बाते होती रही और फिर अनिता ने बोला...मम्मी..मुझे थोड़ी देरी होगी...मे करीब 10 बजे तक आऊँगी....तुम खाना खा कर सो जाना.....मा: ठीक है बेटा.....तू अपना ख्याल रखना....
अनिता: ओके......
राज उसे बहुत गौर से घूर रहा था...आज अनिता एक वाइट सूट पहने हुए थी...वाइट शूयिट मे वो एक दम परी लग रही थी जब इंटरॅक्षन ख़त्म हुआ तो राज ने टोका...................क्या बात है आज लगता है मेडम कुच्छ ज़्यादा ही मुझे परेशान करेगी....
अनिता: क्यो...आपको परेशानी क्यो होने लगी.....? शादी की बात है.....शॉपिंग तो करनी होगी...
राज: मेडम.............ठीक है...जल्दी चलो...मौसम खराब होने वाला है....और फिर हम लेट भी हो रहे है......................
वो बात कर ही रहे थे कि ज़ोर ज़ोर से आँधी और आने लगी........................लो आपने कहा और शैतान हाज़िर....आपकी नज़र लग गयी....प्रोग्राम कंसिल.
राज: प्रोग्राम कंसिल क्यो...??? चलो बैठो..और उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी.........................तभी बारिश जोरो की होने लगी.....आँधी और पानी का मिलन ऐसा लग रहा था कि आज राज और अनिता का भी मिलन ना हो जाए........................तभी राज ने गाड़ी रोड के किनारे लगाई और दोनो एक घर की बाल्कनी मे चले गये....और अपने आपको बारिश से बचाने लगे..................बारिश जोरो की होने लगी...............उस जगह पर सिर्फ़ ये दोनो ही थे.....पानी से अनिता और राज थोड़ा भींग चुके थे....अनिता के बाल और सूट गीले हो चुके थे.......जब 30 मीं तक बारिश नही बंद हुई तो राज ने घर को गौर से देखा....घर के मुख्य द्वार पर एक ताला लगा हुआ था....जैसे लगे मानो घरवाला कही बाहर गया हुआ है.....................राज ने अनिता से कहा...अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो हम्दोनो इस घर मे चले?
अनिता: पर कैसे?
राज: कोई उपाय करते है
अनिता: मुझे सर्दी लग रही है....और पानी की लपते तेज हो गयी है....कही बीमार ना हो जाऊ
राज: अरे नही...मुझे रहते हुए तुम बीमार नही होगी...और हस्ने लगा...
अंटिया: यान्हा कोई चालाकी नही चलेगी ....बॉस. तुम वो ख़याल भी मत रखना.
राज: देखते है? पहले अंदर तो चलो. राज ने अनिता के हेर मे लगे क्लिप को निकाला और उसे ताले मे घुसा कर खोलने की कोशिश करने लगा
क्रमशः.......................................
रश्मि: तुम मुझे छोड़ तो नही दोगे ना???? जैसे राजेश ने छोड़ा
राज: अरे नही मेरी जान....तुम तो मेरी जान से भी ज़्यादा हो.........................पर तुम ऐसे सवाल क्यो पुच्छ रही हो
रश्मि: एक डर सा लगता है.......कल के डेट मे कोई उल्टा सीधा हो जाए तो कोई तो हो जो नाव को पार लगाएगा
राज: तुम बेफ़िक्र रहो...जब तक मे जीवित रहूँगा...तब तक तुम मेरी बीबी की तरह रहोगी.....और हां मे अपना बिजनेस पार्ट्नर भी बनाने जा रहा हू...तभी तो मे कह रहा था कि तुम शॉप जाय्न कर लो.....जो मे दूसरे को जॉब दे रहा हू ....वो तुम करो.....नौकरी भी और एंजाय भी....और एक आँख मार दी...राज ने.
रश्मि: मुक्का मारते हुए....बदमास...मे सब जानती हू...तुम नेहा और अनिता के पिछे क्यो पड़े हो......क्या इरादा है......??????
राज: इरादा तो नेक है मेरी जान....पर तुम्हे जितना चोदो.....नशा और होता है.....एक बार और हो जाए....
रस्मी: नही.....सुबह के 8 बज गये है........और खाना भी बनाना है...दीदी आती होगी...
राज: अरे ये रहती कहां है?
रश्मि:पूजा करने गयी थी...मंदिर
राज: जिंदगी भर पूजा ही करेगी या इस पति को खुराक देगी.
रश्मि: इस पति को खुराक देने के लिए मे जो हू.....
राज: यानी की तुमने अपना काम बाँट लिया है
रश्मि : जी....रात को मे और दिन की दीदी
राज: और दोपहर को...???
रश्मि: नेहा, सुनीता, अनिता...और ना जाने कौन कौन.....
राज: तुम बहुत उस्ताद हो गयी हो....किसने बताया ये सब?
रश्मि: बस मालूम है...तुम्हारे मोबाइल को सर्च किया था...जिसमे अनिता का मिस्स्कल्ल और स्मस पढ़ा
राज; अरे ....???? तुम तो अभी से ही वाइफ बन गयी मेरी.
रश्मि: ऑफ कोर्स...वो तो मे हू ही.....
तभी घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया......
रश्मि: शायद कोई है...मे जाती हू...आप बाथरूम मे चले जाओ....ना जाने कौन होगा...?????
अनिता की शादी के दिन तय हो गये…..वो अपना शादी का कार्ड ले कर आज आई थी….पूरे हॉस्पिटल और मेडिकल शॉप मे स्टाफ को कार्ड बाँटा…सभी ने उसे मुबारकबाद दिया……राज ने भी उसे मुबारकबाद दिया…पर अनिता कुच्छ बुझी बुझी आज दिखी…उसे ऐसा लग रहा था कि अब उसकी आज़ादी ख़त्म हो रही है……तब राज ने उसे चोट की…..
राज: क्या हुआ मेडम…तुम्हे तो खुस होना चाहिए….तुम्हारी शादी हो रही है…..वेल हॅपी?
अनिता की आँखो मे आँसू आ गये…….पर बोली कुच्छ नही…ह्म्म्म्मम
राज: तुम्हारे जो ख्वाब थे वो पूरे हो रहे है….हर लड़की का एक सपना होता है…शादी कर ससुराल जाना और जी भर कर जिंदगी का आनंद लेना……पर तुम इतनी उदास क्यो हो?
अनिता: पता नही…पर मुझे कुच्छ अच्छा नही लग रहा है….
राज: ये स्वाभाविक है….हर लड़की को शादी से पहले होता है….एग्ज़ाइट्मेंट तो होगी ही शादी की.
तुम एक बहुत अच्छी लड़की हो…..हमे तुम्हारे जाने का मलाल रहेगा….
अनिता: क्यो सर?
राज: क्योकि तुम काफ़ी सेक्सी जो हो….
अनिता: ओह फिर फ्लर्ट?
राज: क्या करे आदत से मजबूर जो हू…..
अनिता: अच्छा चलो मुझे कुच्छ शॉपिंग करनी है.
राज: एक शर्त पर चलूँगा….
अनिता: कैसी शर्त?
राज: हमलोग हज़्बेंड वाइफ बन कर चल्लेंगे….
अनिता: ये कैसे संभव है
राज: क्यो नही है?
अनिता : तो आप ही बताओ……और फिर हम दोनो मे उम्र का फासला ज़्यादा भी है
राज: तो क्या हुआ…..दिल से तो हम बन सकते है
अनिता:ह्म ……….अच्छा चलो….और कड़क आवाज़ मे बोली…..जिसमे रौब भी था और अपनापन भी
राज: अरे ये क्या?
अनिता: प्रॅक्टीस कर रही हू वाइफ बनने की
राज: तो फिर मुझे अपनी बाँहो मे उठाओ और दोनो हाथ उप्पर कर दिया
अनिता: उसकी तरफ झुकी और राज ने अपनी दोनो बाँहे उसकी गर्देन के चारो तरफ कर ली और उसे उठा लिया…………..अरे ये क्या….आपने तो मुझे गोदी मे उठा लिया…?
राज: अरे मेरी वाइफ हो तो इतना तो हक़ बनता ही है…………
अनिता: ओ…मिस्टर. वाइफ हू सिर्फ़ मन से तन से नही….ओके?? रिमेंबर
राज: जैसे आपकी इच्छा…पर मन से हो ना…?
अनिता: कुच्छ नही बोली …सिर्फ़ मुस्कुरा दी……………………अब चलो
राज ने उसे अपनी बाँहो मे लिया और उसके गालो पे एक किस कर दिया.
अनिता और राज बाइक पर सवार हो कर जाने लगे तभी अनिता का फोन आ गया …ये फोन था उसकी मा का….राज ने बाइक को किनारे कर दिया और अनिता अपनी मा से बाते करने लगी……करीब 3 मीं तक बाते होती रही और फिर अनिता ने बोला...मम्मी..मुझे थोड़ी देरी होगी...मे करीब 10 बजे तक आऊँगी....तुम खाना खा कर सो जाना.....मा: ठीक है बेटा.....तू अपना ख्याल रखना....
अनिता: ओके......
राज उसे बहुत गौर से घूर रहा था...आज अनिता एक वाइट सूट पहने हुए थी...वाइट शूयिट मे वो एक दम परी लग रही थी जब इंटरॅक्षन ख़त्म हुआ तो राज ने टोका...................क्या बात है आज लगता है मेडम कुच्छ ज़्यादा ही मुझे परेशान करेगी....
अनिता: क्यो...आपको परेशानी क्यो होने लगी.....? शादी की बात है.....शॉपिंग तो करनी होगी...
राज: मेडम.............ठीक है...जल्दी चलो...मौसम खराब होने वाला है....और फिर हम लेट भी हो रहे है......................
वो बात कर ही रहे थे कि ज़ोर ज़ोर से आँधी और आने लगी........................लो आपने कहा और शैतान हाज़िर....आपकी नज़र लग गयी....प्रोग्राम कंसिल.
राज: प्रोग्राम कंसिल क्यो...??? चलो बैठो..और उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी.........................तभी बारिश जोरो की होने लगी.....आँधी और पानी का मिलन ऐसा लग रहा था कि आज राज और अनिता का भी मिलन ना हो जाए........................तभी राज ने गाड़ी रोड के किनारे लगाई और दोनो एक घर की बाल्कनी मे चले गये....और अपने आपको बारिश से बचाने लगे..................बारिश जोरो की होने लगी...............उस जगह पर सिर्फ़ ये दोनो ही थे.....पानी से अनिता और राज थोड़ा भींग चुके थे....अनिता के बाल और सूट गीले हो चुके थे.......जब 30 मीं तक बारिश नही बंद हुई तो राज ने घर को गौर से देखा....घर के मुख्य द्वार पर एक ताला लगा हुआ था....जैसे लगे मानो घरवाला कही बाहर गया हुआ है.....................राज ने अनिता से कहा...अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो हम्दोनो इस घर मे चले?
अनिता: पर कैसे?
राज: कोई उपाय करते है
अनिता: मुझे सर्दी लग रही है....और पानी की लपते तेज हो गयी है....कही बीमार ना हो जाऊ
राज: अरे नही...मुझे रहते हुए तुम बीमार नही होगी...और हस्ने लगा...
अंटिया: यान्हा कोई चालाकी नही चलेगी ....बॉस. तुम वो ख़याल भी मत रखना.
राज: देखते है? पहले अंदर तो चलो. राज ने अनिता के हेर मे लगे क्लिप को निकाला और उसे ताले मे घुसा कर खोलने की कोशिश करने लगा
क्रमशः.......................................