hotaks444
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प्रिया के साथ पहले किसी ने यूँ नहीं किया था आज जो मर्द उसे मिले थे वो झटपट चुदाई पर आ जाते थे मानो उन्हें कोई ट्रेन पकड़नी हो । मित्तल उसके अंग अंग को छूता , उसके लबों को चूमता उसके गालों को ,उसकी गर्दन को चूमते चाटते हुए पूरे इत्मीनान के साथ धीरे-धीरे उसके स्तंनो तक पहुंचा जब प्रिया को मित्तल के होंठ अपने निप्पल पर महसूस हुए तो आनंद की एक लहर उसके जिस्म और दिमाग में दौड गयी । मित्तल ने बेहद प्यार से उसकि एक चूची को होंठो में ले लिया और हल्के-2 चूसते हुए वो अपने दूसरे हाथ से प्रिया नाज़ुक होंठो से खेल रहा था ....प्रिया को ऐसा लग रहा था मानो उसका बाप नहीं बल्कि उसका कोई प्रेमी यह कर रहा हो ...उसे धीरे-2 अपनी चूची पर मित्तल के सख्त होंठो का बढ़ता दबाव महसूस हो रहा था । "ओह्ह....आह.....ओह ममा....." कहते हुए उसने अपनी बाहों से मित्तल की पीठ को जकड़ लिया अब वो भूल चुकी थी कि वो कौन है और कौन उसके स्तन को चूस रहा है ।
प्रिया के स्तंनो को जी भर चूस लेने के बाद वो उसके पेट को चूमता हुआ उसकी नाभि तक आया और उसके सुंदर नेवल को चूमने के बाद उसने प्रिया कि जीन्स खोल दी और उसकी काले रंग की पैंटी को नीचे खिसकाने के बाद वो मुस्कुराते हुए प्रिया की शेव की हुई छोटी सी चूत को निहारने लगा । कितनी सुंदर कितनी आकर्षक और मादकता से परिपूर्ण थी उसकी बेटी की योनि । योनि का मुख इतना मुलायम और गोरा था कि वो खुद हैरान रह गया ...उसने प्रिया की टाँगों के बीच आते हुए अपना मुंह उसकी फुद्दी पे लगा दिया ।
प्रिया(टाँगों को सिकोड़ते हुए)-आह....पप्पपाया...पापा.... उफ्फ....।प्रिया काँपती सी बोली ।
मित्तल ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी बेटी की हसीन चूत को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे चाट लिया ।
"आह...आह....पपपप....अअअअअअअ....पापा" प्रिया की मधुर सिसकी का संगीत पूरे कमरे में गूँज गया ।
मित्तल ने अपना नाक प्रिया की चूत के दाने पे सेट किया और उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा .....
"आह....मां...पप्पा.....उफ्फ्फ .....क्या कर रहे हो मर जाऊंगी मैं ......मेरे..... पापा.... खा जाओ....आह.....ऐसे ही......आह....कुछ हो रहा है....आह.....पापा होने वाला है मेरा..." प्रिया ने मित्तल की एक्सपर्ट चुसाई के आगे पूरी तरह हथियार डाल दिए थे ।
"प्रिया.....प्रिया के पापा आप दोनों कँहा हो " मित्तल के कानों में अपनी पत्नी की आवाज़ किसी काँटे की तरह लगी । वो रुक गया लेकिन बस एक पल के लिए इस समय प्रिया को इस हालत में छोड़ देने का मतलब होता सारे बने बनाए खेल को बिगाड़ देना । मित्तल ने झट से प्रिया के होंठों को अपने एक हाथ से बंद कर दिया और अपनी जीभ से प्रिया चूत को चोदने लगा ......
"प्रिया....प्रिया......तुम घरपर हो क्या ? " मित्तल को फिर अपनी पत्नी की आवाज़ सुनाई दी । उसने अपनी रफ्तार और तेज़ कर दी ....प्रिया का बदन अब अकड़ने सा लगा था मतलब साफ था कि उसका ऑर्गैज़म करीब है । मित्तल ने अपनी जीभ को उतना तेज़ चलाना शुरू कर दिया जितना वो चला सकता था .....प्रिया की कमर ऊपर को उठी और उसकी चूत ने पानी का फव्वारा सा छोड़ दिया ....मित्तल इस अमृत का आखिरी कतरा तक पी गया । प्रिया निढाल सी हो बिस्तर पे पसर गयी ।
मित्तल ने बिना वक्त गँवाते हुए प्रिया और उसके कपड़ों को उठाया और बाथरूम की तरफ भागा । और बाथरूम में प्रिया को शावर के नीचे कर शावर चालू कर दिया । ठीक इसी वक्त उसकी पत्नी मालती कमरे में दाखिल हुई " प्रिया के पापा आप नाहा रहे हो क्या?"
मित्तल-हां क्या हुआ ।
मालती-कब से आवाज़ें लगा रही हूँ आप जवाब ही नहीं दे रहे ।
मित्तल- यहाँ आवाज़ सुनाई ही नहीं दी , कब आई तुम ?
मालती-अभी कुछ देर पहले , मैं रामु से कहकर कुछ खाने को बनवाती हूँ आप इतनी देर नहा कर आ जाओ ।
मित्तल- ठीक है । मालती के जाने के बाद उसे प्रिया का ख्याल आया जो डरी-सहमी अपने कपडे पहन रही थी ।" चली गयी वो किचन में गयी है तुम जल्दी से कपडे पहनो और अपने कमरे में जाओ मैं किचन में मालती को उलझता हूँ । प्रिया ने हाँ में सिर हिला दिया ।
मित्तल खुशी से भरा हुआ रसोई में चला गया । उसने आज वो पा लिया था जिसे वो कई दिनों से पाना चाहता था चाहे आज उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी थी पर वो जनता था कि अब प्रिया उसकी है बस उसकी ।
end
प्रिया के स्तंनो को जी भर चूस लेने के बाद वो उसके पेट को चूमता हुआ उसकी नाभि तक आया और उसके सुंदर नेवल को चूमने के बाद उसने प्रिया कि जीन्स खोल दी और उसकी काले रंग की पैंटी को नीचे खिसकाने के बाद वो मुस्कुराते हुए प्रिया की शेव की हुई छोटी सी चूत को निहारने लगा । कितनी सुंदर कितनी आकर्षक और मादकता से परिपूर्ण थी उसकी बेटी की योनि । योनि का मुख इतना मुलायम और गोरा था कि वो खुद हैरान रह गया ...उसने प्रिया की टाँगों के बीच आते हुए अपना मुंह उसकी फुद्दी पे लगा दिया ।
प्रिया(टाँगों को सिकोड़ते हुए)-आह....पप्पपाया...पापा.... उफ्फ....।प्रिया काँपती सी बोली ।
मित्तल ने अपनी जीभ को बाहर निकाला और अपनी बेटी की हसीन चूत को नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे चाट लिया ।
"आह...आह....पपपप....अअअअअअअ....पापा" प्रिया की मधुर सिसकी का संगीत पूरे कमरे में गूँज गया ।
मित्तल ने अपना नाक प्रिया की चूत के दाने पे सेट किया और उसकी चूत को आइसक्रीम की तरह चाटने लगा .....
"आह....मां...पप्पा.....उफ्फ्फ .....क्या कर रहे हो मर जाऊंगी मैं ......मेरे..... पापा.... खा जाओ....आह.....ऐसे ही......आह....कुछ हो रहा है....आह.....पापा होने वाला है मेरा..." प्रिया ने मित्तल की एक्सपर्ट चुसाई के आगे पूरी तरह हथियार डाल दिए थे ।
"प्रिया.....प्रिया के पापा आप दोनों कँहा हो " मित्तल के कानों में अपनी पत्नी की आवाज़ किसी काँटे की तरह लगी । वो रुक गया लेकिन बस एक पल के लिए इस समय प्रिया को इस हालत में छोड़ देने का मतलब होता सारे बने बनाए खेल को बिगाड़ देना । मित्तल ने झट से प्रिया के होंठों को अपने एक हाथ से बंद कर दिया और अपनी जीभ से प्रिया चूत को चोदने लगा ......
"प्रिया....प्रिया......तुम घरपर हो क्या ? " मित्तल को फिर अपनी पत्नी की आवाज़ सुनाई दी । उसने अपनी रफ्तार और तेज़ कर दी ....प्रिया का बदन अब अकड़ने सा लगा था मतलब साफ था कि उसका ऑर्गैज़म करीब है । मित्तल ने अपनी जीभ को उतना तेज़ चलाना शुरू कर दिया जितना वो चला सकता था .....प्रिया की कमर ऊपर को उठी और उसकी चूत ने पानी का फव्वारा सा छोड़ दिया ....मित्तल इस अमृत का आखिरी कतरा तक पी गया । प्रिया निढाल सी हो बिस्तर पे पसर गयी ।
मित्तल ने बिना वक्त गँवाते हुए प्रिया और उसके कपड़ों को उठाया और बाथरूम की तरफ भागा । और बाथरूम में प्रिया को शावर के नीचे कर शावर चालू कर दिया । ठीक इसी वक्त उसकी पत्नी मालती कमरे में दाखिल हुई " प्रिया के पापा आप नाहा रहे हो क्या?"
मित्तल-हां क्या हुआ ।
मालती-कब से आवाज़ें लगा रही हूँ आप जवाब ही नहीं दे रहे ।
मित्तल- यहाँ आवाज़ सुनाई ही नहीं दी , कब आई तुम ?
मालती-अभी कुछ देर पहले , मैं रामु से कहकर कुछ खाने को बनवाती हूँ आप इतनी देर नहा कर आ जाओ ।
मित्तल- ठीक है । मालती के जाने के बाद उसे प्रिया का ख्याल आया जो डरी-सहमी अपने कपडे पहन रही थी ।" चली गयी वो किचन में गयी है तुम जल्दी से कपडे पहनो और अपने कमरे में जाओ मैं किचन में मालती को उलझता हूँ । प्रिया ने हाँ में सिर हिला दिया ।
मित्तल खुशी से भरा हुआ रसोई में चला गया । उसने आज वो पा लिया था जिसे वो कई दिनों से पाना चाहता था चाहे आज उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी थी पर वो जनता था कि अब प्रिया उसकी है बस उसकी ।
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