hotaks444
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सीमा: देखो बेटा जो कुछ भी कल हुआ और जो भी तुमने देखा उसे भूल जाओ…
दीप्ति: बस ?
सीमा: और क्या ?
दीप्ति: आप को अपने किए हुए पर ज़रा भी शरम नही आ रही….कितनी आसानी से कह दिया कि, में सब भूल जाउ…आपने अपनी ही बेटी के साथ ये सब क्यों किया….
सीमा: देखो दीप्ति…..में वही कहूँगी जो मेरे मन है….और जो मेने किया में उसके लिए ज़रा भी शर्मिंदा नही हूँ….शायद तुम्हें नही पता पर तुम्हारे पापा ने आज तक मुझे शारीरिक सुख कभी नही दिया…और अगर मेने अपनी जिंदगी के कुछ पल एंजाय कर भी लिए तो क्या है…..
दीप्ति: आप कैसी औरत हो मा…ठीक है आपने साहिल के साथ एंजाय किया और आगे भी करती रहना….पर मुझे अब उससे शादी नही करनी है….
सीमा: मुझे तो लगा था कि तुम साहिल से प्यार करती हो…
दीप्ति: हां करती हूँ….पर इसका मतलब ये नही कि वो मुझे धोखा देता रहे…और में चुप चाप देखती रहू….
सीमा: देखो दीप्ति….इसमे साहिल की कोई ग़लती नही है….सारी कसूर मेरा है… मेने ही उसे ये सब करने के लिए उकसाया था
दीप्ति: पर आपने साहिल के साथ ही क्यों….
सीमा: देख दीप्ति में अब सीधे-2 मुद्दे की बात पर आती हूँ…तुम्हे तो तुम्हारे पापा का पता है….और ये सब ऐशों आराम ये सारी दौलत ये पैसा जायदाद सब मेरे पापा की दी हुई है,……और आगे चल कर ये सब तुम्हारे और साहिल के नाम कर दूँगी….पर तुम्हे मेरे साथ साहिल को शेर करना होगा…मेरी भी लाइफ है…मेरा भी दिल करता है वो सब करने का जो बाकी के दूसरी औरतें करती है…..अगर मेने कर लिया तो हरज ही क्या है
उस दिन के 1 महीने के बाद: -
साहिल अपने रूम में बैठा हुआ था….कि तभी उसका मोबाइल बजा….साहिल ने अपना मोबाइल उठा कर देखा तो स्क्रीन पर दीप्ति का नाम था….आज दीप्ति ने उसे करीब 1 मंथ बाद कॉल थी…साहिल ने कॉल पिक की….
साहिल: हेलो….
दीप्ति: हेलो तुषार….कैसे हो….?
साहिल: में ठीक हूँ तुम कैसी हो…?
दीप्ति: में ठीक हूँ….पर तुम्हे इससे क्या….एक बार भी फोन नही किया…?
साहिल: वो मुझे लगा के तुम नाराज़ हो और मुझसे बात नही करोगी…
दीप्ति: हां नाराज़ तो हूँ पर तुमने तो एक बार भी मुझे मनाने की कॉसिश नही की.
साहिल: किस मुँह से करता…मेरी तो हिम्मत ही नही हो रही थी…
दीप्ति: उसी मुँह से जब तुम मम्मी की टाँगे उठा कर ले रहे थे हीहे…
साहिल दीप्ति की बात सुन कर एक दम से चोंक गया…”ये क्या कह रही हो तुम”
दीप्ति: (हंसते हुए) जो तुम सुन रहे हो….अच्छा एक बात कहूँ…..?
साहिल: हां बोलो….
दीप्ति: मम्मी तुम्हे बहुत याद कर रही है….
साहिल: तुम क्या बोल रही हो में समझ नही पा रहा…..
दीप्ति: लो मम्मी से बात करो…वही तुम्हे समझायँगी….
सीमा: हेलो साहिल कैसे हो ?
साहिल: जी में ठीक हूँ…आप कैसे हो…और ये दीप्ति को क्या हो गया…?
सीमा में ठीक हूँ…और उसे कुछ नही हुआ…वो दरअसल दीप्ति को इस बात से कोई इतराज नही है….कि हमारे बीच कैसा रिस्ता है….
साहिल: (खुस होते हुए) आप सच कह रहे है….
सीमा: हां एक दम सच….फिर दीप्ति को लेजाने कब आ रहे हो….तुम्हारी दीप्ति तुम्हारा इंतजार कर रही है….
साहिल: अब इसके बारे में में क्या कह सकता हूँ….
फिर दीप्ति ने थोड़ी देर साहिल से बात की और फोन रख दिया….
“दोस्तो आज दीप्ति और साहिल की शादी हो गई है….साहिल ने अपने पिता रमेश के साथ अपना बिज़्नेस सेट कर लिया है…पर वो अपना अलग घर बना कर सहर में अपनी पत्नी दीप्ति के साथ रह रहा है….और साथ में उसकी सास सीमा भी ज़्यादा तर उसके घर में ही रहती है…दुनिया की नज़र में सीमा और साहिल का रिश्ता सास और दामाद का है….पर सच्चाई कुछ और ही है…..दोनो साहिल के मुन्सल लंड का मज़ा आज भी ले रही है…दीप्ति अपनी मा से साहिल का लंड क्यों शेर करने पर राज़ी हो गई…ये मुझे भी पता नही…पर तीनो है खुश….”
ऑल ईज़ वेल
रिगार्ड
तुषार…
दीप्ति: बस ?
सीमा: और क्या ?
दीप्ति: आप को अपने किए हुए पर ज़रा भी शरम नही आ रही….कितनी आसानी से कह दिया कि, में सब भूल जाउ…आपने अपनी ही बेटी के साथ ये सब क्यों किया….
सीमा: देखो दीप्ति…..में वही कहूँगी जो मेरे मन है….और जो मेने किया में उसके लिए ज़रा भी शर्मिंदा नही हूँ….शायद तुम्हें नही पता पर तुम्हारे पापा ने आज तक मुझे शारीरिक सुख कभी नही दिया…और अगर मेने अपनी जिंदगी के कुछ पल एंजाय कर भी लिए तो क्या है…..
दीप्ति: आप कैसी औरत हो मा…ठीक है आपने साहिल के साथ एंजाय किया और आगे भी करती रहना….पर मुझे अब उससे शादी नही करनी है….
सीमा: मुझे तो लगा था कि तुम साहिल से प्यार करती हो…
दीप्ति: हां करती हूँ….पर इसका मतलब ये नही कि वो मुझे धोखा देता रहे…और में चुप चाप देखती रहू….
सीमा: देखो दीप्ति….इसमे साहिल की कोई ग़लती नही है….सारी कसूर मेरा है… मेने ही उसे ये सब करने के लिए उकसाया था
दीप्ति: पर आपने साहिल के साथ ही क्यों….
सीमा: देख दीप्ति में अब सीधे-2 मुद्दे की बात पर आती हूँ…तुम्हे तो तुम्हारे पापा का पता है….और ये सब ऐशों आराम ये सारी दौलत ये पैसा जायदाद सब मेरे पापा की दी हुई है,……और आगे चल कर ये सब तुम्हारे और साहिल के नाम कर दूँगी….पर तुम्हे मेरे साथ साहिल को शेर करना होगा…मेरी भी लाइफ है…मेरा भी दिल करता है वो सब करने का जो बाकी के दूसरी औरतें करती है…..अगर मेने कर लिया तो हरज ही क्या है
उस दिन के 1 महीने के बाद: -
साहिल अपने रूम में बैठा हुआ था….कि तभी उसका मोबाइल बजा….साहिल ने अपना मोबाइल उठा कर देखा तो स्क्रीन पर दीप्ति का नाम था….आज दीप्ति ने उसे करीब 1 मंथ बाद कॉल थी…साहिल ने कॉल पिक की….
साहिल: हेलो….
दीप्ति: हेलो तुषार….कैसे हो….?
साहिल: में ठीक हूँ तुम कैसी हो…?
दीप्ति: में ठीक हूँ….पर तुम्हे इससे क्या….एक बार भी फोन नही किया…?
साहिल: वो मुझे लगा के तुम नाराज़ हो और मुझसे बात नही करोगी…
दीप्ति: हां नाराज़ तो हूँ पर तुमने तो एक बार भी मुझे मनाने की कॉसिश नही की.
साहिल: किस मुँह से करता…मेरी तो हिम्मत ही नही हो रही थी…
दीप्ति: उसी मुँह से जब तुम मम्मी की टाँगे उठा कर ले रहे थे हीहे…
साहिल दीप्ति की बात सुन कर एक दम से चोंक गया…”ये क्या कह रही हो तुम”
दीप्ति: (हंसते हुए) जो तुम सुन रहे हो….अच्छा एक बात कहूँ…..?
साहिल: हां बोलो….
दीप्ति: मम्मी तुम्हे बहुत याद कर रही है….
साहिल: तुम क्या बोल रही हो में समझ नही पा रहा…..
दीप्ति: लो मम्मी से बात करो…वही तुम्हे समझायँगी….
सीमा: हेलो साहिल कैसे हो ?
साहिल: जी में ठीक हूँ…आप कैसे हो…और ये दीप्ति को क्या हो गया…?
सीमा में ठीक हूँ…और उसे कुछ नही हुआ…वो दरअसल दीप्ति को इस बात से कोई इतराज नही है….कि हमारे बीच कैसा रिस्ता है….
साहिल: (खुस होते हुए) आप सच कह रहे है….
सीमा: हां एक दम सच….फिर दीप्ति को लेजाने कब आ रहे हो….तुम्हारी दीप्ति तुम्हारा इंतजार कर रही है….
साहिल: अब इसके बारे में में क्या कह सकता हूँ….
फिर दीप्ति ने थोड़ी देर साहिल से बात की और फोन रख दिया….
“दोस्तो आज दीप्ति और साहिल की शादी हो गई है….साहिल ने अपने पिता रमेश के साथ अपना बिज़्नेस सेट कर लिया है…पर वो अपना अलग घर बना कर सहर में अपनी पत्नी दीप्ति के साथ रह रहा है….और साथ में उसकी सास सीमा भी ज़्यादा तर उसके घर में ही रहती है…दुनिया की नज़र में सीमा और साहिल का रिश्ता सास और दामाद का है….पर सच्चाई कुछ और ही है…..दोनो साहिल के मुन्सल लंड का मज़ा आज भी ले रही है…दीप्ति अपनी मा से साहिल का लंड क्यों शेर करने पर राज़ी हो गई…ये मुझे भी पता नही…पर तीनो है खुश….”
ऑल ईज़ वेल
रिगार्ड
तुषार…