hotaks444
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नैना
ज़िंदगी अचानक से तब्दील हो गयी थी. सब कुछ ऐक दम से बदल गया था. बहारें
अच्छी नही लगती थी और ना ही किसी चीज़ मे कोई मज़ा आ रहा था. बेडरूम की
खिड़की से आने वाली सूरज की रोशनी पहले कितनी अच्छी लगा करती थी लेकिन अब
इस रोशनी मे भी वो खूबसूरती नही रही थी.
नैना अभी इन्ही सोचों मे गुम थी कि बाहर से शान की ज़ोरे दार आवाज़ ने
जैसे नैना को डरा सा दिया. शान ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहे थे कि जल्दी
नाश्ता लगाओ मुझे ऑफीस से देर कर्वाओ गी क्या?
यह सुनते ही नैना भागती हुई किचन की तरफ़ गयी और फ़ौरन टेबल पे नाश्ता लगा दिया.
रोज़ की तरह आज भी शान का मूड ठीक नही था. ऐक वो दिन थे जब शान सुबह का
आगाज़ नैना के लिप्स पे ऐक लोंग डीप किस के साथ करते थे और जब तक यह किस
ना होजाता शान को नाश्ता करने का मज़ा ना आता था. और ऐक यह दिन थे कि शान
और नैना नाश्ता की टेबल पे खामोशी से बैठे नाश्ता कर रहे थे कि जैसे ऐक
दूसरे को जानते ही ना हों.
नैना उमर मैं कोई 28 बरस की थी. ज़िश्म बिल्कुल 22 साल की जवान लर्की की
तरह. पतली कमर, दिखने मैं लगे कि अभी झुकने से जिसम दो टुकड़े हो जाए गा.
हिप्स भरे हुए और ब्रेस्ट ऐसे कि देखने वाला देखता ही रह जाए. नीले रंग
की शलवार कमीज़ मे बहोत ही प्यारी लग रही थी नैना. शान भी कोई कम खूबसूरत
नही थे 5-10 इंच कद चौड़ा सीना और बहोत की खूबूरत स्मार्ट जिस्म कि कोई
भी लर्की फिदा हो जाए. लेकिन यह खूबसूरती सिर्फ़ बाहर के लोगों के लिये
थी ना कि इन दोनो के आपस के बीच.
नाश्ता करते हुए नैना ने खामोशी को तोड़ते हुए पूछा कि आज ऑफीस से कितने
बजे वापसी होगी? शान ने गुस्से मे जवाब दिया क्यूँ?
नैना: जी वो मुझे कुछ कपड़े लाने बाज़ार जाना था तो सोचा आप आ जाए तो
इकट्ठे चले. शान ने दोबारा घुसे से कहा क तुम्हारा फज़ूल खर्ची क एलवा और
कोई काम हे भी या नही. और गुस्से से नाश्ता छोड़ते हुए ऑफीस की तरफ़ निकल
गये. नैना बस पीछे से जैसे आवाज़ ही देती रह गयी कि नाश्ता तो करते जाओ.
नैना फिर वहाँ नाश्ते की टेबल पे बैठ गयी और कुछ सोचने लगी. ऐक वक़्त था
कि नाश्ते की टेबल पे शान की बाते ही ख़तम नही होती थी. सुबह का आगाज़ इस
तरहा से होता था कि जैसे पूरे साल की खुशियाँ आज ही मिल गयी हों. ऑफीस
जाने से पहले शान नैना को ज़ोर से गले लगाते और डीप लीप किस करने के बाद
रवाना होते.
यही सोचते हुए नैना ने टेबल से तमाम बर्तन उठाए और किचन मे रख के दोबारा
अपने कमरे मे आ गयी और अपना बिस्तेर ठीक करने लगी. और सफाई के दौरान बेड
के तकिये के नीचे से शान की तस्वीर निकाली और इस तस्वीर को देख के ऐक
दफ़ा फिर नैना कहीं खो गयी.
यह तस्वीर आज से 3 साल पुरानी थी जब शान का रिश्ता नैना क लिये माँगा गया
था और यह तस्वीर नैना को दिखाने के लिये दी गयी थी. शान पिक्चर मैं बहोत
खूबसूरत लग रहे थे. शान और उन के पेरेंट्स आज से 3 साल पहले नैना की
फॅमिली के साथ मिले थे और उन्है पहली नज़र मे ही नैना अच्छी लग गयी और
रिश्ता माँग लिया.
नैना की अम्मी और शान की अम्मी ऐक ही स्कूल ओर कॉलेज मैं पढ़ती थी और
शादी के बाद फिर दोबारा उस वक़्त मिली जब दोनो के बचे जवान हो चुके थे.
नैना इक्लोति बेटी जब कि शान भी इक्लोता ही बेटा था. दोनो फॅमिलीस की
मुलाक़ात अचानक ऐक दिन एरपोर्ट पे होगयी शान की फॅमिली अमेरिका से आ रही
थी और नैना और उस की फॅमिली नैना के अब्बू को सी ऑफ करने गये थे.
नैना उस दिन ब्लॅक शलवार कमीज़ मे थी. एर पोर्ट पे हर बंदा बस नैना को ही
देखे जा रहा था. जिस्म ऐसा कि जैसे किसी ने संगे-मरमर को तराश के ऐक मूरत
बना दी हो. काले लिबास मे नैना का सॉफ शॅफॉफ चेहरा सब को आकर्षक दिख रहा
था. पतली कमर, राउंड हिप्स, बूब्स ऐसे कि दिल करे कि नज़र ही ना हटे. और
ऐसे मैं शान की नज़र उस पे पड़ी तो बस जैसे दीवाना से होगया और एरपोर्ट
पे ही अपने पेरेंट्स से कह दिया कि मुझे तो बस नैना से ही शादी करनी है.
नैना को भी को शान ऐक नज़र मे जैसे पसंद आ गया हो. और इस तरह एरपोर्ट पे
ढेर सारी बाते करते हुए दोनो फॅमिलीस अपने अपने घरों को चली गयीं.
नेक्स्ट डे नैना सो के उठी तो अम्मी ने उसे बताया कि जल्दी से तैय्यार हो
जाओ तुम्हारे रिश्ते के लिये आ रहे हैं शान और उस की फॅमिली. यह सोच के
जैसे हैरान सी हो गयी कि अभी कल ही मुलाक़ात हुई और आज रिश्ता. इतने मे
नैना की अम्मी ने दोबारा शान की अम्मी से बात की और कहा कि शान की कुछ
पिक्चर्स भी साथ ले आइये गा फॅमिली वालों को दिखाने के लिये. और यह कह के
किचन मे चली गयीं.
नैना अभी उस तस्वीर को ले के ख़यालों मे गुम थी कि अचानक डोर बेल बजी और
उसे ख़याल आया कि दूध वाला कब से बेल दे रहा था और वो उस तस्वीर के अतीत
मे ही गुम हुई पड़ी है. जल्दी से किचन से बर्तन लिया और दूध ले के किचन
मे चूल्हे पर चढ़ाया बाय्ल करने के लिये. और दोबारा रूम मे आ के चीज़े
समेटने लगी. सारा कमरा साफ करने के बाद वो फोटो आल्बम ले के बैठ गयी और
अपनी एंगेज्मेंट के फोटो देखने लगी.
--------------
रिश्ते से तो इनकार जैसे किया ही नही था नैना या उस की फॅमिली ने और झट
से दोनो खानदान ऐक हो गये थे. और नेक्स्ट वीक ही एंगेज्मेंट की रसम रख
दी. एंग़ेज़मेंट वाले दिन तो जैसे नैना ने क़यामत ही ढा दी थी शान पे.
गुलाबी रंग के जोड़े मे किसी गुलाब से कम नही लग रही थी. शान का तो जैसे
दिल कर रहा था कि अभी उठे और यहाँ सब के सामने नैना को अपनी बाँहों मे ले
दुनिया से बेख़बर हो के प्यार मे गुम हो जाए. लेकिन ऐसा हो नही सकता था.
नैना भी शान की आँखों मे यह देख के समझ गयी थी कि शान के दिमाग़ मे क्या
चल रहा है और दुपट्टे से अपना सीना छुपा लिया और थोड़ा शर्मा सी गयी. वो
रात तो जैसे नैना और शान के लिये ज़िंदगी की सब से लंबी रात थी. इधर शान
नैना को सोच सोच के तडप रहा था और उधर नैना खुशी से फूले नही समा रही थी.
बस टाइम था कि जैसे गुज़र ही नही रहा था. ऐक दम से जैसे ज़िंदगी मे बहोत
कुछ हासिल हो गया हो.
-------------
नैना अभी इसी सोच मे गुम थी कि किचन से कोई आवाज़ आइ. और ऐक दम से दौड़ते
हुए वो किचेन मे गयी और देखा कि दूध बाय्ल हो के बर्तन से बाहर गिर गया
था. और अपने आप को कोसते हुए चूल्हा सॉफ करने लगी.........
नैना किचन से वापिस आइ और दोबारा पिक्चर्स देखने लगी और फिर अपने अतीत मे खो गयी.
----------
एंगेज्मेंट के बाद शान का नैना के घर आना जाना शुरू हो गया. शान को ऐक
कंपनी मे प्रॉजेक्ट मॅनेजर की पोस्ट पे जॉब मिल गयी थी और नैना का घर उस
की कंपनी के रास्ते मे ही पड़ता था. शान हर दूसरे दिन ऑफीस से वापसी पे
नैना के घर से चक्कर लगाता हुआ जाता था. एंगेज्मेंट को कोई 3 महीने गुज़र
गये थे और शान अब नैना के घर ऐक फॅमिली मेंबर की तरह हो गया था. सो अगर
कभी शान नैना के कमरे मे चला जाए या दोनो अकेले बैठ के बाते कर रहे हों
तो नैना के पेरेंट्स मे से किसी कोई ऑब्जेक्षन ना होता था.
----------
नैना अभी पिक्चर्स देख ही रही कि नेक्स्ट पिक्चर ने जैसे ऐक दम से ऐक नयी
दास्तान सुना दी हो. पिक्चर मे नैना ऐक हाथ मे फूलों का गुलदस्ता लिये
खड़ी थी और ऐक हाथ मे आइस क्रीम थी. यह वो रात थी जिस मे नैना की ज़िंदगी
मैं ऐक बहोत बड़ा ट्विस्ट आया था. यह वो रात थी जब नैना और शान फर्स्ट
टाइम डिन्नर के लिये अकेले गये थे.
--------
नैना के अबू बिज़्नेसमॅन थे इस लिये उन्है हर महीने इंटरनॅशनल विज़िट के
लिये जाना पड़ता था और शायद यही वजह थी कि शान और नैना का मिलाप भी एर
पोर्ट पर ही हुआ था नैना और उसकी अम्मी सी ऑफ करने गये थे और शान और उस
की फॅमिली अमेरिका से आ रही थी. आज भी कुछ ऐसा ही हुआ था नैना के अबू को
3 दिन के लिये आउट ऑफ कंट्री जाना था और वो सुबह की पहली फ्लाइट से चले
गये. शान ने रात को नैना और उस की अम्मी के साथ डिन्नर का प्लान किया और
उन्है फोन पे बता दिया की वो आज कहीं आउट डिन्नर करेंगे .
नैना की अम्मी ने तो जाने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हों ने अपनी उमर
गुज़ार ली अब तुम दोनो चले जाओ और कहाँ मैं कबाब मे हड्डी बन क तुम दोनो
को डिस्टर्ब करती रहूं गी. शान की तो जैसे चाँदी ही हो गयी. ठीक रात 8
बजे वो नैना क घर पहॉंच गया. और जा के नैना की अम्मी से गुप शुप करने
लगा. नैना कहीं नही दिख रही थी. शान के पूछने पे नैना की अम्मी ने कहा वो
तैय्यार हो रही हे अपने रूम मे और बस आती ही होगी.
क्रमशः..........
ज़िंदगी अचानक से तब्दील हो गयी थी. सब कुछ ऐक दम से बदल गया था. बहारें
अच्छी नही लगती थी और ना ही किसी चीज़ मे कोई मज़ा आ रहा था. बेडरूम की
खिड़की से आने वाली सूरज की रोशनी पहले कितनी अच्छी लगा करती थी लेकिन अब
इस रोशनी मे भी वो खूबसूरती नही रही थी.
नैना अभी इन्ही सोचों मे गुम थी कि बाहर से शान की ज़ोरे दार आवाज़ ने
जैसे नैना को डरा सा दिया. शान ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहे थे कि जल्दी
नाश्ता लगाओ मुझे ऑफीस से देर कर्वाओ गी क्या?
यह सुनते ही नैना भागती हुई किचन की तरफ़ गयी और फ़ौरन टेबल पे नाश्ता लगा दिया.
रोज़ की तरह आज भी शान का मूड ठीक नही था. ऐक वो दिन थे जब शान सुबह का
आगाज़ नैना के लिप्स पे ऐक लोंग डीप किस के साथ करते थे और जब तक यह किस
ना होजाता शान को नाश्ता करने का मज़ा ना आता था. और ऐक यह दिन थे कि शान
और नैना नाश्ता की टेबल पे खामोशी से बैठे नाश्ता कर रहे थे कि जैसे ऐक
दूसरे को जानते ही ना हों.
नैना उमर मैं कोई 28 बरस की थी. ज़िश्म बिल्कुल 22 साल की जवान लर्की की
तरह. पतली कमर, दिखने मैं लगे कि अभी झुकने से जिसम दो टुकड़े हो जाए गा.
हिप्स भरे हुए और ब्रेस्ट ऐसे कि देखने वाला देखता ही रह जाए. नीले रंग
की शलवार कमीज़ मे बहोत ही प्यारी लग रही थी नैना. शान भी कोई कम खूबसूरत
नही थे 5-10 इंच कद चौड़ा सीना और बहोत की खूबूरत स्मार्ट जिस्म कि कोई
भी लर्की फिदा हो जाए. लेकिन यह खूबसूरती सिर्फ़ बाहर के लोगों के लिये
थी ना कि इन दोनो के आपस के बीच.
नाश्ता करते हुए नैना ने खामोशी को तोड़ते हुए पूछा कि आज ऑफीस से कितने
बजे वापसी होगी? शान ने गुस्से मे जवाब दिया क्यूँ?
नैना: जी वो मुझे कुछ कपड़े लाने बाज़ार जाना था तो सोचा आप आ जाए तो
इकट्ठे चले. शान ने दोबारा घुसे से कहा क तुम्हारा फज़ूल खर्ची क एलवा और
कोई काम हे भी या नही. और गुस्से से नाश्ता छोड़ते हुए ऑफीस की तरफ़ निकल
गये. नैना बस पीछे से जैसे आवाज़ ही देती रह गयी कि नाश्ता तो करते जाओ.
नैना फिर वहाँ नाश्ते की टेबल पे बैठ गयी और कुछ सोचने लगी. ऐक वक़्त था
कि नाश्ते की टेबल पे शान की बाते ही ख़तम नही होती थी. सुबह का आगाज़ इस
तरहा से होता था कि जैसे पूरे साल की खुशियाँ आज ही मिल गयी हों. ऑफीस
जाने से पहले शान नैना को ज़ोर से गले लगाते और डीप लीप किस करने के बाद
रवाना होते.
यही सोचते हुए नैना ने टेबल से तमाम बर्तन उठाए और किचन मे रख के दोबारा
अपने कमरे मे आ गयी और अपना बिस्तेर ठीक करने लगी. और सफाई के दौरान बेड
के तकिये के नीचे से शान की तस्वीर निकाली और इस तस्वीर को देख के ऐक
दफ़ा फिर नैना कहीं खो गयी.
यह तस्वीर आज से 3 साल पुरानी थी जब शान का रिश्ता नैना क लिये माँगा गया
था और यह तस्वीर नैना को दिखाने के लिये दी गयी थी. शान पिक्चर मैं बहोत
खूबसूरत लग रहे थे. शान और उन के पेरेंट्स आज से 3 साल पहले नैना की
फॅमिली के साथ मिले थे और उन्है पहली नज़र मे ही नैना अच्छी लग गयी और
रिश्ता माँग लिया.
नैना की अम्मी और शान की अम्मी ऐक ही स्कूल ओर कॉलेज मैं पढ़ती थी और
शादी के बाद फिर दोबारा उस वक़्त मिली जब दोनो के बचे जवान हो चुके थे.
नैना इक्लोति बेटी जब कि शान भी इक्लोता ही बेटा था. दोनो फॅमिलीस की
मुलाक़ात अचानक ऐक दिन एरपोर्ट पे होगयी शान की फॅमिली अमेरिका से आ रही
थी और नैना और उस की फॅमिली नैना के अब्बू को सी ऑफ करने गये थे.
नैना उस दिन ब्लॅक शलवार कमीज़ मे थी. एर पोर्ट पे हर बंदा बस नैना को ही
देखे जा रहा था. जिस्म ऐसा कि जैसे किसी ने संगे-मरमर को तराश के ऐक मूरत
बना दी हो. काले लिबास मे नैना का सॉफ शॅफॉफ चेहरा सब को आकर्षक दिख रहा
था. पतली कमर, राउंड हिप्स, बूब्स ऐसे कि दिल करे कि नज़र ही ना हटे. और
ऐसे मैं शान की नज़र उस पे पड़ी तो बस जैसे दीवाना से होगया और एरपोर्ट
पे ही अपने पेरेंट्स से कह दिया कि मुझे तो बस नैना से ही शादी करनी है.
नैना को भी को शान ऐक नज़र मे जैसे पसंद आ गया हो. और इस तरह एरपोर्ट पे
ढेर सारी बाते करते हुए दोनो फॅमिलीस अपने अपने घरों को चली गयीं.
नेक्स्ट डे नैना सो के उठी तो अम्मी ने उसे बताया कि जल्दी से तैय्यार हो
जाओ तुम्हारे रिश्ते के लिये आ रहे हैं शान और उस की फॅमिली. यह सोच के
जैसे हैरान सी हो गयी कि अभी कल ही मुलाक़ात हुई और आज रिश्ता. इतने मे
नैना की अम्मी ने दोबारा शान की अम्मी से बात की और कहा कि शान की कुछ
पिक्चर्स भी साथ ले आइये गा फॅमिली वालों को दिखाने के लिये. और यह कह के
किचन मे चली गयीं.
नैना अभी उस तस्वीर को ले के ख़यालों मे गुम थी कि अचानक डोर बेल बजी और
उसे ख़याल आया कि दूध वाला कब से बेल दे रहा था और वो उस तस्वीर के अतीत
मे ही गुम हुई पड़ी है. जल्दी से किचन से बर्तन लिया और दूध ले के किचन
मे चूल्हे पर चढ़ाया बाय्ल करने के लिये. और दोबारा रूम मे आ के चीज़े
समेटने लगी. सारा कमरा साफ करने के बाद वो फोटो आल्बम ले के बैठ गयी और
अपनी एंगेज्मेंट के फोटो देखने लगी.
--------------
रिश्ते से तो इनकार जैसे किया ही नही था नैना या उस की फॅमिली ने और झट
से दोनो खानदान ऐक हो गये थे. और नेक्स्ट वीक ही एंगेज्मेंट की रसम रख
दी. एंग़ेज़मेंट वाले दिन तो जैसे नैना ने क़यामत ही ढा दी थी शान पे.
गुलाबी रंग के जोड़े मे किसी गुलाब से कम नही लग रही थी. शान का तो जैसे
दिल कर रहा था कि अभी उठे और यहाँ सब के सामने नैना को अपनी बाँहों मे ले
दुनिया से बेख़बर हो के प्यार मे गुम हो जाए. लेकिन ऐसा हो नही सकता था.
नैना भी शान की आँखों मे यह देख के समझ गयी थी कि शान के दिमाग़ मे क्या
चल रहा है और दुपट्टे से अपना सीना छुपा लिया और थोड़ा शर्मा सी गयी. वो
रात तो जैसे नैना और शान के लिये ज़िंदगी की सब से लंबी रात थी. इधर शान
नैना को सोच सोच के तडप रहा था और उधर नैना खुशी से फूले नही समा रही थी.
बस टाइम था कि जैसे गुज़र ही नही रहा था. ऐक दम से जैसे ज़िंदगी मे बहोत
कुछ हासिल हो गया हो.
-------------
नैना अभी इसी सोच मे गुम थी कि किचन से कोई आवाज़ आइ. और ऐक दम से दौड़ते
हुए वो किचेन मे गयी और देखा कि दूध बाय्ल हो के बर्तन से बाहर गिर गया
था. और अपने आप को कोसते हुए चूल्हा सॉफ करने लगी.........
नैना किचन से वापिस आइ और दोबारा पिक्चर्स देखने लगी और फिर अपने अतीत मे खो गयी.
----------
एंगेज्मेंट के बाद शान का नैना के घर आना जाना शुरू हो गया. शान को ऐक
कंपनी मे प्रॉजेक्ट मॅनेजर की पोस्ट पे जॉब मिल गयी थी और नैना का घर उस
की कंपनी के रास्ते मे ही पड़ता था. शान हर दूसरे दिन ऑफीस से वापसी पे
नैना के घर से चक्कर लगाता हुआ जाता था. एंगेज्मेंट को कोई 3 महीने गुज़र
गये थे और शान अब नैना के घर ऐक फॅमिली मेंबर की तरह हो गया था. सो अगर
कभी शान नैना के कमरे मे चला जाए या दोनो अकेले बैठ के बाते कर रहे हों
तो नैना के पेरेंट्स मे से किसी कोई ऑब्जेक्षन ना होता था.
----------
नैना अभी पिक्चर्स देख ही रही कि नेक्स्ट पिक्चर ने जैसे ऐक दम से ऐक नयी
दास्तान सुना दी हो. पिक्चर मे नैना ऐक हाथ मे फूलों का गुलदस्ता लिये
खड़ी थी और ऐक हाथ मे आइस क्रीम थी. यह वो रात थी जिस मे नैना की ज़िंदगी
मैं ऐक बहोत बड़ा ट्विस्ट आया था. यह वो रात थी जब नैना और शान फर्स्ट
टाइम डिन्नर के लिये अकेले गये थे.
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नैना के अबू बिज़्नेसमॅन थे इस लिये उन्है हर महीने इंटरनॅशनल विज़िट के
लिये जाना पड़ता था और शायद यही वजह थी कि शान और नैना का मिलाप भी एर
पोर्ट पर ही हुआ था नैना और उसकी अम्मी सी ऑफ करने गये थे और शान और उस
की फॅमिली अमेरिका से आ रही थी. आज भी कुछ ऐसा ही हुआ था नैना के अबू को
3 दिन के लिये आउट ऑफ कंट्री जाना था और वो सुबह की पहली फ्लाइट से चले
गये. शान ने रात को नैना और उस की अम्मी के साथ डिन्नर का प्लान किया और
उन्है फोन पे बता दिया की वो आज कहीं आउट डिन्नर करेंगे .
नैना की अम्मी ने तो जाने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हों ने अपनी उमर
गुज़ार ली अब तुम दोनो चले जाओ और कहाँ मैं कबाब मे हड्डी बन क तुम दोनो
को डिस्टर्ब करती रहूं गी. शान की तो जैसे चाँदी ही हो गयी. ठीक रात 8
बजे वो नैना क घर पहॉंच गया. और जा के नैना की अम्मी से गुप शुप करने
लगा. नैना कहीं नही दिख रही थी. शान के पूछने पे नैना की अम्मी ने कहा वो
तैय्यार हो रही हे अपने रूम मे और बस आती ही होगी.
क्रमशः..........