hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
प्यास बुझती ही नही-10
अबाउट स्मृति:
स्मृति शर्मा 32 यर्स ओल्ड एक विडो लेडी है जो कि रश्मि की बड़ी बहन है………………आज से 5 साल पहले उसकी शादी ब्रजेश कुमार (गूव्ट. टीचर) से हुई थी..पर इस शादी के 2 साल बाद एक कार आक्सिडेंट मे उसकी मौत हो गयी…….स्मृति काफ़ी उदास रहने लगी…..अनुकंपा के आधार पर उसे गूव्ट. ने उसे जॉब दे दी…पर फिर भी वो उदास रहने लगी……………..घर वाले उसकी शादी उसी के देवर राज से शादी करना चाहते थे…पर इसके लिए स्मृति तैयार नही थी………………………….वो घर से 9 बजे निकलती थी और शाम की 5 पीयेम घर आ जाती थी……………दिन तो कट जाता था पर रात काटना स्मृति को काफ़ी मुस्किल होता था….उसके पुराने संस्कार ही उसके दुश्मन बन गये थे….वो अपने जेहन से ब्रजेश को निकाल नहीपा रही थी….उसे कुच्छ भी अच्छा नही लग रहा था…………सिर्फ़ रो धो कर अपने आपको शांत करती थी……….वैसे कई मर्द उसे पाने की फेराक मे थे….स्कूल मे ही कई टीचर जो कि उसके पति के फ्रेंड थे…उन्होने शादी का प्रस्ताव भेजा पर स्मृति ने उसे खारिज कर दिया……………..अतः स्मृति के मा पापा ने राजेश को फोन मिलाया और स्मृति के बारे मे सब कुच्छ बता दिया……………..
एक दिन राजेश बिना किसी को बताए वो देहरादून चला गया…….घर पर रश्मि को फोन करके वो सिर्फ़ इतना बोला कि मुझे ऑफीस के काम से देहरादून जाना पड़ रहा है…अगर समय मिलेगा तो तुम्हारे मा-पापा से मिल लूँगा…………………………………………..रश्मि भी अपने मा पापा के पास जाना जाहती थी पर उन्दिनो उसका एम बी ए का एग्ज़ॅम चल रहा था….उसने सिर्फ़ इतना ही कहा…ठीक है….जाओ और जाते ही फोन कर देना………………………….
राजेश देहरादून जाते ही सीधे स्मृति के स्कूल मे चला गया……………………………..स्मृति उसे देखते ही हक्की-बक्की रह गयी…………………..
स्मृति: अरे आप…………….ये अचानक…व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़?
राजेश: हां………..यान्हा ऑफीस के काम से आया था…सोचा तुमसे मिलता चलु
स्मृति: अच्छा किया.......आप बैठो मे अभी चाय भेजती हू...और वो रूम से बाहर आ गयी और ऑफीस बॉय को चाय लाने को बोल गयी...थोड़ी देर मे छुट्टी हो गई....दोनो स्कूल से बाहर आ गये एक ऑटो किया और फिर मालिवरा चॉक आ गये वन्हा एक रेस्टोरेंट मे आ गये और दोनो नेस्नॅक्स का ऑर्डर दिया...
स्मृति: तुम क्या लोगे.....??? लंच या स्नॅक्स
राजेश: लंच........क्योकि मेने सुबह से कुछ नही खाया....
स्मृति: मे स्नॅक्स और चाय लूँगी.....
उसने वेटर को ऑर्डर बुक करवा दिया........................................................
.......................................................................................................
स्मृति: और बताओ...रश्मि कैसी है...
राजेश: ठीक है...पर कोई प्रोग्रेस नही....
स्मृति: मतलब?
राजेश: वही फॅमिली डेवेलपमेंट की
स्मृति:ओह पर क्यो....अब तो तुम्हारी भी शादी को 1 साल हो चुका है.
राजेश: अभी वो मना करती है....बोलती है 3 साल बाद सोचेंगे.
स्मृति: यही हाल सभी कपल का है.....जब वक़्त रहता है तो अवाय्ड करते है पर अगर समय निकल जाता है तो अफ़सोस करते है.....
अब मुझे ही लो.............जब मेरे पति चाहते थे तो मे मना करती थी ..और अब???????????????????????????????????????????????
थोड़ी देर खामोशी च्छाई रही...........पर राजेश ने कहा...
राजेश: देखो....जो हुआ वो अब दुबारा नही आएगा....क्योकि जाने वाले लौट कर नही आते.....उनके बारे मे सोचना बेकार है...ये जिंदगी है इसे जीना ही होगा....तुम अपने बारे मे सोचो....खूबसूरत हो...जवान हो....कोई बच्चा नही है...आपको
कोई भी तुम्हे अपना सकता है.............................मेरी बात मानो और शादी कर लो...................................
स्मृति: मुझे कुच्छ अच्छा नही लगता...लोग क्या कहेंगे...मा पापा तो बोलते है...कुच्छ लड़को के ऑफर भी आए है...........पर मे मना कर देती हू.
राजेश: पर क्यो?
स्मृति:ब्रजेश की याद आ जाती है
राजेश: अगर तुम बुरा ना मानो तो मे एक लड़के की ऑफर दू...मेरे साथ काम करता है पर है वो एक दम काला.............नाम भी है उसका "कल्लू प्रसाद"
पर तुम्हे रानी बनाकर रखेगा..............बोलो क्या बोलती हो
स्मृति की आँखो मे आँसू आ गये....वो कुच्छ नही बोली और वो टेबल से उठ कर वॉश बेसिन मे आ गयी....पिछे पिछे राजेश भी आ गया........................
पर कुछ नही बोला...
________________________________________
टेबल पर लंच लग चुका था....राजेश ने लंच करने लगा और स्मृति सॅंडविच और चाय पिनेलगि....थोड़ी देर और इधर-उधर की बाते होने लगी...तभी जोरो की आँधी आने लगी...........................................
स्मरती: ओह माइ गॉड....लगता है बारिश होनेवाली है.
राजेश: अरे मेरा लगेज तो होटेल मे है..मे कैसे जाऊँगा वन्हा
स्मृति: तुम होटेल मे क्यू गये...घर चलो
राजेश: अरे ये अफीशियल टूर है....ऑफीस की तरफ से होटेल बुक हुआ है...चलो होटेल वन्हा से घर आ जाऊँगा...और मम्मी-पापा से मिल लूँगा...पर रुकुंगा नही
स्मिरिटी: क्यो नही रुकोगे?
राजेश: रश्मि को अच्छा नही लगेगा?
स्मृति: पर क्यू?
राजेश: इसलिए कि उस घर मे उसकी खूबसूरत बहन रहती है.
स्मृति: बुरी तरह शर्मा गयी....वो अपनी नज़रे दूसरी तरफ फेर ली.....पर तब तक राजेश नेउसके हाथ पकड़ लिए...........
स्मृति: ये क्या कर रहे है..............छोड़िए मेरा हाथ
राजेश: ओह....यस.......और उसका हाथ छोड़ दिया.....बहुत नरम हाथ है आपका.....बिल्कुल रश्मि के जैसा. उसके भी काफ़ी कोमल हाथ और अंग है.
स्मरीत; तो बहन है मेरी तो रहेगी ही.
राजेश: पर आपका जवाब नही......फ्लर्ट किया राजेश ने....और उसके आन्सर का इंतजार करने लगा....
आन्सर तो नही दिया स्मृति ने..सिर्फ़ इतना ही कहा...चलो नही तो ऑटो भी नही मिलेंगे...ये देहरादून है...देल्ही नही...........भागो....
राजेश और स्मृति दोनो एक ऑटो की तरफ भागे पर ऑटो नही रुका............बारिश सुरू हो चुकी थी......स्मृति इस समय वाइट कलर की सूट पहने हुए थी और सलवार ग्रीन कलर का था....................राजेश का हाथ पकड़े हुए दूसरे ऑटो की तरफ गयी............राजेश भी उसे गौर से देख रहा था...उसके मन मे लड्डू फूटने लगे...तभी एक ऑटो आ कर रुका...कहा चलना है मम्शह्ब....
राजेश: होटेल गॅलक्सी चलो....
स्मृति: होटेल गॅलक्सी क्यो....?
राजेश: वन्हा मेरा समान है ..........कपड़े नही लेंगे क्या?
स्मृति:हाअ ह्हाआ
स्मृति और राजेश दोनो होटेल गॅलक्सी की तरफ चले गये...होटेल मे स्मृति आना नही चाह रही थी पर राजेश की वजह से होटेल की रूम मे आ गयी....
रूम काफ़ी बड़ा था....सारे ऐशो-आराम थे......एसी ऑन था..उसे ठंडक लग रही थी...तभी चेर पर राजेश का एक ब्रीफ जो कि अभी भी गीला था.....देखा....
उस ब्रीफ को गौर से देखने के बाद वो काफ़ी रोमांचित हो गयी...आज पहली बार किसी दूसरे मर्द के ब्रीफ देख रही थी...राजेश बाथरूम मे चला गया था....
उसने उसे उठा कर देखा...ब्रीफ से एक खुसबू आ रही थी शायद उसके लंड की....................
स्मृति ने उसे सूँघा...फिर वही पर रख दिया और मिरर की तरफ आ गयी....वो अपने आपको देखी.....वाकई वो काफ़ी सुन्दर दिख रही थी....वो अपने आपको ठीक किया....बालो को सँवारा....तब तक राजेश भी आ गया......................चलो...............पर मे ज़्यादा देर तक नही रहूँगा...............
स्मृति: हस्ते हुए.............पहले चलो तो सही...............बाकी का देखा जाएगा.................
स्मृति और राजेश ने होटेल से वही ऑटो द्वारा मालिवरा रोड आ गये रश्मि के घर............................जहा उसका ससुराल था....रास्ते मे राजेश ने स्वीट ली और स्मृति ने दूध...और सब्जी........
अबाउट स्मृति:
स्मृति शर्मा 32 यर्स ओल्ड एक विडो लेडी है जो कि रश्मि की बड़ी बहन है………………आज से 5 साल पहले उसकी शादी ब्रजेश कुमार (गूव्ट. टीचर) से हुई थी..पर इस शादी के 2 साल बाद एक कार आक्सिडेंट मे उसकी मौत हो गयी…….स्मृति काफ़ी उदास रहने लगी…..अनुकंपा के आधार पर उसे गूव्ट. ने उसे जॉब दे दी…पर फिर भी वो उदास रहने लगी……………..घर वाले उसकी शादी उसी के देवर राज से शादी करना चाहते थे…पर इसके लिए स्मृति तैयार नही थी………………………….वो घर से 9 बजे निकलती थी और शाम की 5 पीयेम घर आ जाती थी……………दिन तो कट जाता था पर रात काटना स्मृति को काफ़ी मुस्किल होता था….उसके पुराने संस्कार ही उसके दुश्मन बन गये थे….वो अपने जेहन से ब्रजेश को निकाल नहीपा रही थी….उसे कुच्छ भी अच्छा नही लग रहा था…………सिर्फ़ रो धो कर अपने आपको शांत करती थी……….वैसे कई मर्द उसे पाने की फेराक मे थे….स्कूल मे ही कई टीचर जो कि उसके पति के फ्रेंड थे…उन्होने शादी का प्रस्ताव भेजा पर स्मृति ने उसे खारिज कर दिया……………..अतः स्मृति के मा पापा ने राजेश को फोन मिलाया और स्मृति के बारे मे सब कुच्छ बता दिया……………..
एक दिन राजेश बिना किसी को बताए वो देहरादून चला गया…….घर पर रश्मि को फोन करके वो सिर्फ़ इतना बोला कि मुझे ऑफीस के काम से देहरादून जाना पड़ रहा है…अगर समय मिलेगा तो तुम्हारे मा-पापा से मिल लूँगा…………………………………………..रश्मि भी अपने मा पापा के पास जाना जाहती थी पर उन्दिनो उसका एम बी ए का एग्ज़ॅम चल रहा था….उसने सिर्फ़ इतना ही कहा…ठीक है….जाओ और जाते ही फोन कर देना………………………….
राजेश देहरादून जाते ही सीधे स्मृति के स्कूल मे चला गया……………………………..स्मृति उसे देखते ही हक्की-बक्की रह गयी…………………..
स्मृति: अरे आप…………….ये अचानक…व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़?
राजेश: हां………..यान्हा ऑफीस के काम से आया था…सोचा तुमसे मिलता चलु
स्मृति: अच्छा किया.......आप बैठो मे अभी चाय भेजती हू...और वो रूम से बाहर आ गयी और ऑफीस बॉय को चाय लाने को बोल गयी...थोड़ी देर मे छुट्टी हो गई....दोनो स्कूल से बाहर आ गये एक ऑटो किया और फिर मालिवरा चॉक आ गये वन्हा एक रेस्टोरेंट मे आ गये और दोनो नेस्नॅक्स का ऑर्डर दिया...
स्मृति: तुम क्या लोगे.....??? लंच या स्नॅक्स
राजेश: लंच........क्योकि मेने सुबह से कुछ नही खाया....
स्मृति: मे स्नॅक्स और चाय लूँगी.....
उसने वेटर को ऑर्डर बुक करवा दिया........................................................
.......................................................................................................
स्मृति: और बताओ...रश्मि कैसी है...
राजेश: ठीक है...पर कोई प्रोग्रेस नही....
स्मृति: मतलब?
राजेश: वही फॅमिली डेवेलपमेंट की
स्मृति:ओह पर क्यो....अब तो तुम्हारी भी शादी को 1 साल हो चुका है.
राजेश: अभी वो मना करती है....बोलती है 3 साल बाद सोचेंगे.
स्मृति: यही हाल सभी कपल का है.....जब वक़्त रहता है तो अवाय्ड करते है पर अगर समय निकल जाता है तो अफ़सोस करते है.....
अब मुझे ही लो.............जब मेरे पति चाहते थे तो मे मना करती थी ..और अब???????????????????????????????????????????????
थोड़ी देर खामोशी च्छाई रही...........पर राजेश ने कहा...
राजेश: देखो....जो हुआ वो अब दुबारा नही आएगा....क्योकि जाने वाले लौट कर नही आते.....उनके बारे मे सोचना बेकार है...ये जिंदगी है इसे जीना ही होगा....तुम अपने बारे मे सोचो....खूबसूरत हो...जवान हो....कोई बच्चा नही है...आपको
कोई भी तुम्हे अपना सकता है.............................मेरी बात मानो और शादी कर लो...................................
स्मृति: मुझे कुच्छ अच्छा नही लगता...लोग क्या कहेंगे...मा पापा तो बोलते है...कुच्छ लड़को के ऑफर भी आए है...........पर मे मना कर देती हू.
राजेश: पर क्यो?
स्मृति:ब्रजेश की याद आ जाती है
राजेश: अगर तुम बुरा ना मानो तो मे एक लड़के की ऑफर दू...मेरे साथ काम करता है पर है वो एक दम काला.............नाम भी है उसका "कल्लू प्रसाद"
पर तुम्हे रानी बनाकर रखेगा..............बोलो क्या बोलती हो
स्मृति की आँखो मे आँसू आ गये....वो कुच्छ नही बोली और वो टेबल से उठ कर वॉश बेसिन मे आ गयी....पिछे पिछे राजेश भी आ गया........................
पर कुछ नही बोला...
________________________________________
टेबल पर लंच लग चुका था....राजेश ने लंच करने लगा और स्मृति सॅंडविच और चाय पिनेलगि....थोड़ी देर और इधर-उधर की बाते होने लगी...तभी जोरो की आँधी आने लगी...........................................
स्मरती: ओह माइ गॉड....लगता है बारिश होनेवाली है.
राजेश: अरे मेरा लगेज तो होटेल मे है..मे कैसे जाऊँगा वन्हा
स्मृति: तुम होटेल मे क्यू गये...घर चलो
राजेश: अरे ये अफीशियल टूर है....ऑफीस की तरफ से होटेल बुक हुआ है...चलो होटेल वन्हा से घर आ जाऊँगा...और मम्मी-पापा से मिल लूँगा...पर रुकुंगा नही
स्मिरिटी: क्यो नही रुकोगे?
राजेश: रश्मि को अच्छा नही लगेगा?
स्मृति: पर क्यू?
राजेश: इसलिए कि उस घर मे उसकी खूबसूरत बहन रहती है.
स्मृति: बुरी तरह शर्मा गयी....वो अपनी नज़रे दूसरी तरफ फेर ली.....पर तब तक राजेश नेउसके हाथ पकड़ लिए...........
स्मृति: ये क्या कर रहे है..............छोड़िए मेरा हाथ
राजेश: ओह....यस.......और उसका हाथ छोड़ दिया.....बहुत नरम हाथ है आपका.....बिल्कुल रश्मि के जैसा. उसके भी काफ़ी कोमल हाथ और अंग है.
स्मरीत; तो बहन है मेरी तो रहेगी ही.
राजेश: पर आपका जवाब नही......फ्लर्ट किया राजेश ने....और उसके आन्सर का इंतजार करने लगा....
आन्सर तो नही दिया स्मृति ने..सिर्फ़ इतना ही कहा...चलो नही तो ऑटो भी नही मिलेंगे...ये देहरादून है...देल्ही नही...........भागो....
राजेश और स्मृति दोनो एक ऑटो की तरफ भागे पर ऑटो नही रुका............बारिश सुरू हो चुकी थी......स्मृति इस समय वाइट कलर की सूट पहने हुए थी और सलवार ग्रीन कलर का था....................राजेश का हाथ पकड़े हुए दूसरे ऑटो की तरफ गयी............राजेश भी उसे गौर से देख रहा था...उसके मन मे लड्डू फूटने लगे...तभी एक ऑटो आ कर रुका...कहा चलना है मम्शह्ब....
राजेश: होटेल गॅलक्सी चलो....
स्मृति: होटेल गॅलक्सी क्यो....?
राजेश: वन्हा मेरा समान है ..........कपड़े नही लेंगे क्या?
स्मृति:हाअ ह्हाआ
स्मृति और राजेश दोनो होटेल गॅलक्सी की तरफ चले गये...होटेल मे स्मृति आना नही चाह रही थी पर राजेश की वजह से होटेल की रूम मे आ गयी....
रूम काफ़ी बड़ा था....सारे ऐशो-आराम थे......एसी ऑन था..उसे ठंडक लग रही थी...तभी चेर पर राजेश का एक ब्रीफ जो कि अभी भी गीला था.....देखा....
उस ब्रीफ को गौर से देखने के बाद वो काफ़ी रोमांचित हो गयी...आज पहली बार किसी दूसरे मर्द के ब्रीफ देख रही थी...राजेश बाथरूम मे चला गया था....
उसने उसे उठा कर देखा...ब्रीफ से एक खुसबू आ रही थी शायद उसके लंड की....................
स्मृति ने उसे सूँघा...फिर वही पर रख दिया और मिरर की तरफ आ गयी....वो अपने आपको देखी.....वाकई वो काफ़ी सुन्दर दिख रही थी....वो अपने आपको ठीक किया....बालो को सँवारा....तब तक राजेश भी आ गया......................चलो...............पर मे ज़्यादा देर तक नही रहूँगा...............
स्मृति: हस्ते हुए.............पहले चलो तो सही...............बाकी का देखा जाएगा.................
स्मृति और राजेश ने होटेल से वही ऑटो द्वारा मालिवरा रोड आ गये रश्मि के घर............................जहा उसका ससुराल था....रास्ते मे राजेश ने स्वीट ली और स्मृति ने दूध...और सब्जी........