hotaks444
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लेखक-Sexy Reet
आआआअहह छ्चोड़ो ना सर उम्म्म्मम प्लीज़ औछ्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो आप आआहह प्लीज़ सर मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दीजिए.
..........
ये थी डीएवी कॉलेज की इंग्लीश की टीचर जोत वर्मा. इन्होने ने इसी एअर कॉलेज में बतौर इंग्लीश टीचर जाय्निंग की थी. और जब से जाय्निंग की थी तब से ही पूरा कॉलेज इनके उपर फिदा था. स्टूडेंट तो स्टूडेंट उनके प्रोफ़्फेसर'स भी जोत मेडम के उपर लट्तू हुए फिरते थे. मॅम का फिगर 34-30-36 का था जिसने कि पूरे कॉलेज के मर्दों की नाक में दम कर रखा था.
अक्सर मॅम टाइट फिटिंग के सलवार कमीज़ पहनती थी जिनमे से उनका शरीर कुछ ज़्यादा ही आकर्षक लगता था. वैसे मॅम एक शादी शुदा औरत थी और उनकी शादी को 2 साल हो चुके थे. उनकी पोस्टिंग इस कॉलेज में हो गई थी इसलिए उन्हे अपना शहर छोड़ कर यहाँ पे आना पड़ा था उनके पति का वहाँ कुछ बिजनेस था इसलिए वो वही रहकर बिजनेस संभाल रहे थे और मॅम यहाँ पे कॉलेज के हॉस्टिल में टीचर'स के लिए बने रूम'स में रहती थी.
होस्टेल वार्डन एक सर विकी मल्होत्रा थे जिनकी निगाह जोत मॅम पे पहले दिन से ही थी. मगर उन्हे कभी मौका नही मिल पाया था जोत मॅम के साथ कुछ छेड़खानी का. वैसे वो पूरे कॉलेज में अपने थरकि पाने के कारण मसहूर थे.
आज जब जोत मॅम उन्हे एक फाइल देने उनके कॅबिन में आई तो वो अपने आप को रोक नही सके और उन्होने मॅम को खीच कर अपनी गोद में बिठा लिया था. उनके हाथ जोत मॅम के मम्मों को कमीज़ के उपर से ही मसल रहे थे और जोत मॅम उनसे आज़ाद होने की आसफल कोशिश कर रही थी. सर ने पूरी ताक़त के साथ मॅम को जाकड़ रखा था. जोत मॅम आहें भरती हुई उन्हे बोल रही थी.
जोत- प्लीज़ विकी सर मुझे छोड़ दीजिए ये क्या कर रहे हो आप.
विकी-अरे मॅम आपकी इस जवानी को लूटने के लिए तो सारा कॉलेज मरा जा रहा है और आप चाहती है कि मैं हाथ आया ये सुनहेरा मौका गवा दू.
तभी विकी के टेबल पे रखा फोन बज उठा और विकी का दिल किया कि फोन को उठाकर बाहर फेंक दे. उसने एक हाथ से मज़बूती से जोत मॅम को अपनी गोद में बिठाए रखा और दूसरे हाथ से फोन उठाया.
विकी-हेलो.
लड़की-सर दो लड़कियाँ आई हैं हॉस्टिल की फीस जमा करने.
विकी का तो पूरा मूड ऑफ हो गया और उसने कहा.
विकी-ओके अंदर भेज दो उन्हे.
विकी ने जोत मॅम के गाल पे एक किस की और उन्हे आज़ाद कर दिया. जोत मॅम ने अपने कपड़े ठीक किए इतने में दो लड़कियों ने दरवाज़े पे दस्तक दी.
'मे आइ कम इन सर'
विकी-यस कम इन.
वो दोनो लड़कियाँ अंदर आ गई. विकी तो उनको देखता ही रह गया दोनो एक दूसरी से बढ़कर खूबसूरत थी. एक लड़की ने चुरिदार पहन रखा था और उसका शरीर चुरिदार में ऐसा लग रहा था जैसे मुश्क़िल से फसा रखा हो. कमाल का फिगर था उसका 34-28-34 का और दूसरी लड़की ने जीन्स-टॉप पहन रखा था और वो भी कमाल की खूबसूरत थी. उसका चंचल सा चेहरा ही बताता था की वो बहुत नॉटी लड़की है. उसका शरीर पूरा फिट था और उसका फिगर 32-28-34 का था और दिखने में बहुत सुंदर थी. वो दोनो आगे बढ़ी तो उनमे से जिसने चुरिदार पहना था वो बोली.
'सर हम हॉस्टिल के लिए फीस जमा करवाने और अपना रूम नंबर. पता करने आए थे'
विकी-ओके फीस दो और अपना नाम बताओ.
जिसने जीन्स पहनी थी वो बोली.
'जी मेरा नाम प्राची है'
विकी ने उसकी तरफ देखा और फिर निगाहें दूसरी लड़की की तरफ की.
'जी मेरा नाम नवरीत कौर'
विकी-ओके यहाँ साइन करो और तुम्हारा रूम नंबर. है 202.
उन दोनो ने फीस जमा करवाई और साइन कर दिए.
रीत- थॅंक यू सर.
विकी- ओके यू गो.
जोत मॅम तो पहले ही वहाँ से निकल चुकी थी. और अब रीत और प्राची भी वहाँ से निकली और हॉस्टिल की तरफ चल पड़ी.
प्राची-रीत दीदी ये बॅग बहुत भारी है.
रीत-चुप चाप चलती रह बस रूम तक ही जाना है अब काम चोर कहीं की.
प्राची-मुझसे नही उठाया जा रहा.
और उसकी नज़र एक चश्मा लगाए बैठे लड़के पे पड़ी. उसने रीत को आवाज़ दी.
प्राची-रीत दीदी रूको मैं अभी इंतज़ाम करती हूँ.
और उसने उस लड़के को आवाज़ दी.
प्राची- हाई मिस्टर इधर आओ.
वो लड़का उठ कर आया और बोला 'जी कहिए'
प्राची-कहिए क्या मुझे नही पहचाना मैं तुम्हारी सीनियर हूँ.
लड़का उसकी तरफ देखता रहा और बोला 'जी कहिए'
प्राची-रेगिंग का नाम सुना है ना.
वो लड़का थोड़ा घबरा गया और बोला 'जी सुना है'
प्राची-तो वोही रेगिंग तुम्हारी होने वाली है.
वो लड़का बिल्कुल डर गया.
प्राची-ये बॅग उठाओ और हॉस्टिल के रूम नंबर. 202 में पहुचा दो. रीत दीदी अपना बॅग भी दो.
रीत उसकी बातें सुन कर मुस्कुरा रही थी. प्राची हमेशा ऐसी हरकतें करती रहती थी. रीत तो उसे अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वो दोनो एक ही गाओं से थी. रीत ने प्राची का कान पकड़ते हुए कहा.
रीत-सीधी होकर अपना बॅग उठा ले. और उस लड़के को बता दिया कि ये तो खुद 1स्ट एअर की स्टूडेंट है और प्राची को उस से सॉरी माँगने का कहा.
प्राची ने उसे सॉरी बोला और बॅग उठाकर रीत के साथ चल पड़ी.
प्राची-क्या रीत दीदी कितना अछा प्लान तैयार किया था मैने आपने सब चौपट कर दिया.
रीत मुस्कुरात हुई बोली.
रीत-एक बॅग का बोझ नही उठा सकती तू ज़िंदगी का बोझ क्या उठाएगी तू.
प्राची-आप जो हो बोझ उठाने के लिए मुझे क्या ज़रूरत है. वैसे भी अगर इंसान के पास दिमाग़ हो तो वो सारे बोझ आसानी से उठा लेता है.
और ऐसे ही बातें करते करते वो दोनो रूम में पहुच गयी.
आआआअहह छ्चोड़ो ना सर उम्म्म्मम प्लीज़ औछ्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो आप आआहह प्लीज़ सर मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दीजिए.
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ये थी डीएवी कॉलेज की इंग्लीश की टीचर जोत वर्मा. इन्होने ने इसी एअर कॉलेज में बतौर इंग्लीश टीचर जाय्निंग की थी. और जब से जाय्निंग की थी तब से ही पूरा कॉलेज इनके उपर फिदा था. स्टूडेंट तो स्टूडेंट उनके प्रोफ़्फेसर'स भी जोत मेडम के उपर लट्तू हुए फिरते थे. मॅम का फिगर 34-30-36 का था जिसने कि पूरे कॉलेज के मर्दों की नाक में दम कर रखा था.
अक्सर मॅम टाइट फिटिंग के सलवार कमीज़ पहनती थी जिनमे से उनका शरीर कुछ ज़्यादा ही आकर्षक लगता था. वैसे मॅम एक शादी शुदा औरत थी और उनकी शादी को 2 साल हो चुके थे. उनकी पोस्टिंग इस कॉलेज में हो गई थी इसलिए उन्हे अपना शहर छोड़ कर यहाँ पे आना पड़ा था उनके पति का वहाँ कुछ बिजनेस था इसलिए वो वही रहकर बिजनेस संभाल रहे थे और मॅम यहाँ पे कॉलेज के हॉस्टिल में टीचर'स के लिए बने रूम'स में रहती थी.
होस्टेल वार्डन एक सर विकी मल्होत्रा थे जिनकी निगाह जोत मॅम पे पहले दिन से ही थी. मगर उन्हे कभी मौका नही मिल पाया था जोत मॅम के साथ कुछ छेड़खानी का. वैसे वो पूरे कॉलेज में अपने थरकि पाने के कारण मसहूर थे.
आज जब जोत मॅम उन्हे एक फाइल देने उनके कॅबिन में आई तो वो अपने आप को रोक नही सके और उन्होने मॅम को खीच कर अपनी गोद में बिठा लिया था. उनके हाथ जोत मॅम के मम्मों को कमीज़ के उपर से ही मसल रहे थे और जोत मॅम उनसे आज़ाद होने की आसफल कोशिश कर रही थी. सर ने पूरी ताक़त के साथ मॅम को जाकड़ रखा था. जोत मॅम आहें भरती हुई उन्हे बोल रही थी.
जोत- प्लीज़ विकी सर मुझे छोड़ दीजिए ये क्या कर रहे हो आप.
विकी-अरे मॅम आपकी इस जवानी को लूटने के लिए तो सारा कॉलेज मरा जा रहा है और आप चाहती है कि मैं हाथ आया ये सुनहेरा मौका गवा दू.
तभी विकी के टेबल पे रखा फोन बज उठा और विकी का दिल किया कि फोन को उठाकर बाहर फेंक दे. उसने एक हाथ से मज़बूती से जोत मॅम को अपनी गोद में बिठाए रखा और दूसरे हाथ से फोन उठाया.
विकी-हेलो.
लड़की-सर दो लड़कियाँ आई हैं हॉस्टिल की फीस जमा करने.
विकी का तो पूरा मूड ऑफ हो गया और उसने कहा.
विकी-ओके अंदर भेज दो उन्हे.
विकी ने जोत मॅम के गाल पे एक किस की और उन्हे आज़ाद कर दिया. जोत मॅम ने अपने कपड़े ठीक किए इतने में दो लड़कियों ने दरवाज़े पे दस्तक दी.
'मे आइ कम इन सर'
विकी-यस कम इन.
वो दोनो लड़कियाँ अंदर आ गई. विकी तो उनको देखता ही रह गया दोनो एक दूसरी से बढ़कर खूबसूरत थी. एक लड़की ने चुरिदार पहन रखा था और उसका शरीर चुरिदार में ऐसा लग रहा था जैसे मुश्क़िल से फसा रखा हो. कमाल का फिगर था उसका 34-28-34 का और दूसरी लड़की ने जीन्स-टॉप पहन रखा था और वो भी कमाल की खूबसूरत थी. उसका चंचल सा चेहरा ही बताता था की वो बहुत नॉटी लड़की है. उसका शरीर पूरा फिट था और उसका फिगर 32-28-34 का था और दिखने में बहुत सुंदर थी. वो दोनो आगे बढ़ी तो उनमे से जिसने चुरिदार पहना था वो बोली.
'सर हम हॉस्टिल के लिए फीस जमा करवाने और अपना रूम नंबर. पता करने आए थे'
विकी-ओके फीस दो और अपना नाम बताओ.
जिसने जीन्स पहनी थी वो बोली.
'जी मेरा नाम प्राची है'
विकी ने उसकी तरफ देखा और फिर निगाहें दूसरी लड़की की तरफ की.
'जी मेरा नाम नवरीत कौर'
विकी-ओके यहाँ साइन करो और तुम्हारा रूम नंबर. है 202.
उन दोनो ने फीस जमा करवाई और साइन कर दिए.
रीत- थॅंक यू सर.
विकी- ओके यू गो.
जोत मॅम तो पहले ही वहाँ से निकल चुकी थी. और अब रीत और प्राची भी वहाँ से निकली और हॉस्टिल की तरफ चल पड़ी.
प्राची-रीत दीदी ये बॅग बहुत भारी है.
रीत-चुप चाप चलती रह बस रूम तक ही जाना है अब काम चोर कहीं की.
प्राची-मुझसे नही उठाया जा रहा.
और उसकी नज़र एक चश्मा लगाए बैठे लड़के पे पड़ी. उसने रीत को आवाज़ दी.
प्राची-रीत दीदी रूको मैं अभी इंतज़ाम करती हूँ.
और उसने उस लड़के को आवाज़ दी.
प्राची- हाई मिस्टर इधर आओ.
वो लड़का उठ कर आया और बोला 'जी कहिए'
प्राची-कहिए क्या मुझे नही पहचाना मैं तुम्हारी सीनियर हूँ.
लड़का उसकी तरफ देखता रहा और बोला 'जी कहिए'
प्राची-रेगिंग का नाम सुना है ना.
वो लड़का थोड़ा घबरा गया और बोला 'जी सुना है'
प्राची-तो वोही रेगिंग तुम्हारी होने वाली है.
वो लड़का बिल्कुल डर गया.
प्राची-ये बॅग उठाओ और हॉस्टिल के रूम नंबर. 202 में पहुचा दो. रीत दीदी अपना बॅग भी दो.
रीत उसकी बातें सुन कर मुस्कुरा रही थी. प्राची हमेशा ऐसी हरकतें करती रहती थी. रीत तो उसे अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वो दोनो एक ही गाओं से थी. रीत ने प्राची का कान पकड़ते हुए कहा.
रीत-सीधी होकर अपना बॅग उठा ले. और उस लड़के को बता दिया कि ये तो खुद 1स्ट एअर की स्टूडेंट है और प्राची को उस से सॉरी माँगने का कहा.
प्राची ने उसे सॉरी बोला और बॅग उठाकर रीत के साथ चल पड़ी.
प्राची-क्या रीत दीदी कितना अछा प्लान तैयार किया था मैने आपने सब चौपट कर दिया.
रीत मुस्कुरात हुई बोली.
रीत-एक बॅग का बोझ नही उठा सकती तू ज़िंदगी का बोझ क्या उठाएगी तू.
प्राची-आप जो हो बोझ उठाने के लिए मुझे क्या ज़रूरत है. वैसे भी अगर इंसान के पास दिमाग़ हो तो वो सारे बोझ आसानी से उठा लेता है.
और ऐसे ही बातें करते करते वो दोनो रूम में पहुच गयी.