Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता - SexBaba
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Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता

hotaks444

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Nov 15, 2016
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लेखक-Sexy Reet 
आआआअहह छ्चोड़ो ना सर उम्म्म्मम प्लीज़ औछ्ह्ह्ह्ह क्या कर रहे हो आप आआहह प्लीज़ सर मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ मुझे छोड़ दीजिए.
..........
ये थी डीएवी कॉलेज की इंग्लीश की टीचर जोत वर्मा. इन्होने ने इसी एअर कॉलेज में बतौर इंग्लीश टीचर जाय्निंग की थी. और जब से जाय्निंग की थी तब से ही पूरा कॉलेज इनके उपर फिदा था. स्टूडेंट तो स्टूडेंट उनके प्रोफ़्फेसर'स भी जोत मेडम के उपर लट्तू हुए फिरते थे. मॅम का फिगर 34-30-36 का था जिसने कि पूरे कॉलेज के मर्दों की नाक में दम कर रखा था.

अक्सर मॅम टाइट फिटिंग के सलवार कमीज़ पहनती थी जिनमे से उनका शरीर कुछ ज़्यादा ही आकर्षक लगता था. वैसे मॅम एक शादी शुदा औरत थी और उनकी शादी को 2 साल हो चुके थे. उनकी पोस्टिंग इस कॉलेज में हो गई थी इसलिए उन्हे अपना शहर छोड़ कर यहाँ पे आना पड़ा था उनके पति का वहाँ कुछ बिजनेस था इसलिए वो वही रहकर बिजनेस संभाल रहे थे और मॅम यहाँ पे कॉलेज के हॉस्टिल में टीचर'स के लिए बने रूम'स में रहती थी.

होस्टेल वार्डन एक सर विकी मल्होत्रा थे जिनकी निगाह जोत मॅम पे पहले दिन से ही थी. मगर उन्हे कभी मौका नही मिल पाया था जोत मॅम के साथ कुछ छेड़खानी का. वैसे वो पूरे कॉलेज में अपने थरकि पाने के कारण मसहूर थे.

आज जब जोत मॅम उन्हे एक फाइल देने उनके कॅबिन में आई तो वो अपने आप को रोक नही सके और उन्होने मॅम को खीच कर अपनी गोद में बिठा लिया था. उनके हाथ जोत मॅम के मम्मों को कमीज़ के उपर से ही मसल रहे थे और जोत मॅम उनसे आज़ाद होने की आसफल कोशिश कर रही थी. सर ने पूरी ताक़त के साथ मॅम को जाकड़ रखा था. जोत मॅम आहें भरती हुई उन्हे बोल रही थी.

जोत- प्लीज़ विकी सर मुझे छोड़ दीजिए ये क्या कर रहे हो आप.

विकी-अरे मॅम आपकी इस जवानी को लूटने के लिए तो सारा कॉलेज मरा जा रहा है और आप चाहती है कि मैं हाथ आया ये सुनहेरा मौका गवा दू.
तभी विकी के टेबल पे रखा फोन बज उठा और विकी का दिल किया कि फोन को उठाकर बाहर फेंक दे. उसने एक हाथ से मज़बूती से जोत मॅम को अपनी गोद में बिठाए रखा और दूसरे हाथ से फोन उठाया.

विकी-हेलो.

लड़की-सर दो लड़कियाँ आई हैं हॉस्टिल की फीस जमा करने.
विकी का तो पूरा मूड ऑफ हो गया और उसने कहा.

विकी-ओके अंदर भेज दो उन्हे.
विकी ने जोत मॅम के गाल पे एक किस की और उन्हे आज़ाद कर दिया. जोत मॅम ने अपने कपड़े ठीक किए इतने में दो लड़कियों ने दरवाज़े पे दस्तक दी.
'मे आइ कम इन सर'

विकी-यस कम इन.

वो दोनो लड़कियाँ अंदर आ गई. विकी तो उनको देखता ही रह गया दोनो एक दूसरी से बढ़कर खूबसूरत थी. एक लड़की ने चुरिदार पहन रखा था और उसका शरीर चुरिदार में ऐसा लग रहा था जैसे मुश्क़िल से फसा रखा हो. कमाल का फिगर था उसका 34-28-34 का और दूसरी लड़की ने जीन्स-टॉप पहन रखा था और वो भी कमाल की खूबसूरत थी. उसका चंचल सा चेहरा ही बताता था की वो बहुत नॉटी लड़की है. उसका शरीर पूरा फिट था और उसका फिगर 32-28-34 का था और दिखने में बहुत सुंदर थी. वो दोनो आगे बढ़ी तो उनमे से जिसने चुरिदार पहना था वो बोली.
'सर हम हॉस्टिल के लिए फीस जमा करवाने और अपना रूम नंबर. पता करने आए थे'

विकी-ओके फीस दो और अपना नाम बताओ.
जिसने जीन्स पहनी थी वो बोली.
'जी मेरा नाम प्राची है'

विकी ने उसकी तरफ देखा और फिर निगाहें दूसरी लड़की की तरफ की.
'जी मेरा नाम नवरीत कौर'

विकी-ओके यहाँ साइन करो और तुम्हारा रूम नंबर. है 202.
उन दोनो ने फीस जमा करवाई और साइन कर दिए.

रीत- थॅंक यू सर.

विकी- ओके यू गो.
जोत मॅम तो पहले ही वहाँ से निकल चुकी थी. और अब रीत और प्राची भी वहाँ से निकली और हॉस्टिल की तरफ चल पड़ी.

प्राची-रीत दीदी ये बॅग बहुत भारी है.

रीत-चुप चाप चलती रह बस रूम तक ही जाना है अब काम चोर कहीं की.

प्राची-मुझसे नही उठाया जा रहा.
और उसकी नज़र एक चश्मा लगाए बैठे लड़के पे पड़ी. उसने रीत को आवाज़ दी.

प्राची-रीत दीदी रूको मैं अभी इंतज़ाम करती हूँ.
और उसने उस लड़के को आवाज़ दी.

प्राची- हाई मिस्टर इधर आओ.
वो लड़का उठ कर आया और बोला 'जी कहिए'

प्राची-कहिए क्या मुझे नही पहचाना मैं तुम्हारी सीनियर हूँ.
लड़का उसकी तरफ देखता रहा और बोला 'जी कहिए'

प्राची-रेगिंग का नाम सुना है ना.
वो लड़का थोड़ा घबरा गया और बोला 'जी सुना है'

प्राची-तो वोही रेगिंग तुम्हारी होने वाली है.
वो लड़का बिल्कुल डर गया.

प्राची-ये बॅग उठाओ और हॉस्टिल के रूम नंबर. 202 में पहुचा दो. रीत दीदी अपना बॅग भी दो.

रीत उसकी बातें सुन कर मुस्कुरा रही थी. प्राची हमेशा ऐसी हरकतें करती रहती थी. रीत तो उसे अच्छी तरह से जानती थी क्योंकि वो दोनो एक ही गाओं से थी. रीत ने प्राची का कान पकड़ते हुए कहा.

रीत-सीधी होकर अपना बॅग उठा ले. और उस लड़के को बता दिया कि ये तो खुद 1स्ट एअर की स्टूडेंट है और प्राची को उस से सॉरी माँगने का कहा.
प्राची ने उसे सॉरी बोला और बॅग उठाकर रीत के साथ चल पड़ी.

प्राची-क्या रीत दीदी कितना अछा प्लान तैयार किया था मैने आपने सब चौपट कर दिया.
रीत मुस्कुरात हुई बोली.

रीत-एक बॅग का बोझ नही उठा सकती तू ज़िंदगी का बोझ क्या उठाएगी तू.

प्राची-आप जो हो बोझ उठाने के लिए मुझे क्या ज़रूरत है. वैसे भी अगर इंसान के पास दिमाग़ हो तो वो सारे बोझ आसानी से उठा लेता है.
और ऐसे ही बातें करते करते वो दोनो रूम में पहुच गयी.
 
रीत और प्राची हॉस्टिल में पहुच गई. बाहर लगे नोटीस बोर्ड पे वो अपने रूम की लोकेशन ढूँडने लगी.
प्राची को रूम नंबर. 202 लिखा दिखाई दिया और उसके सामने 4 नाम लिखे थे उन्हे देखते ही प्राची बोली.

प्राची-रीत दीदी हमारे साथ 2 और लड़कियाँ भी हमारी रूम मेट्स होंगी.

रीत-तो क्या हुआ हॉस्टिल में ऐसे ही अड्जस्ट करना पड़ता है.
उन्होने बाहर खड़े गार्ड से रूम की चाबी ली और रूम की तरफ चल पड़ी.

वो दोनो रूम में पहुचि और उसके अंदर एंटर किया. कमरा ना तो ज़्यादा बड़ा था और ना ही छोटा. लेकिन 4 लोग आसानी से रह सकते थे उसमे.

प्राची-दीदी क्या इतने से कमरे में हम 4 गर्ल्स रहेंगी.

रीत-बिल्कुल.

प्राची-धत्त तेरे की.

रीत-ज़्यादा बक बक मत कर ये हमारा घर नही है जो तू एक रूम में अकेली सोएगी. मैने पहले भी कहा था यहाँ पे अड्जस्ट करना पड़ेगा. में वॉशरूम में जा रही हूँ फ्रेश होने अगर वो दोनो लड़कियाँ आयें तो उनके साथ कोई शरारत मत करना.

प्राची-ओके दीदी आप जाओ मैं उतनी देर आराम करती हूँ इस बेड पे.
और वो धडाम से बेड के उपर गिर गई.
रीत ने कपड़े लिए और वॉशरूम में घुस गई.

रीत को नहाने गये हुए कुछ ही वक़्त बीता होगा कि दरवाज़े पे किसी ने नॉक किया. प्राची एकदम बेड पे से उठी और उसने सोचा कि ज़रूर ये उनकी रूम मेट्स होंगी. उसके दिमाग़ में एक शरारत सूझी. अक्सर उसका दिमाग़ ऐसी हरकतों के लिए तेज़ चलता था.
उसने उन्दोनो की हालत भी पतली करने की सोची.

वो आगे बढ़ी और दरवाज़ा खोला तो सामने 2 लड़कियाँ बॅग लेकर खड़ी थी. दोनो ने सलवार कमीज़ पहना था और दोनो रीत और प्राची की तरह खूबसूरत थी. प्राची ने उन्हे एक बार उपर से नीचे तक देखा और फिर झुक कर उन्हे आदाब करती हुई बोली.

प्राची-आइए मेडम आप का ही इंतेज़ार हो रहा था.

वो दोनो अंदर आई और उनमे से एक बोली.
'जी हमारा इंतेज़ार वो क्यूँ'

प्राची डरावनी सी हँसी हँसी और बोली.
प्राची-मेडम जी सीनियर'स को अपने जूनियर'स का इंतेज़ार नही होगा तो किसका होगा.
उनके चेहरे के भाव थोड़े बदल गये और फिर से वोही लड़की बोली 'पर आप हमारा इंतेज़ार क्यूँ करेंगी'
प्राची सामने रखी एक चेर पे बैठ गई और बोली.

प्राची-अरे यार मैं तो बे-सबरी से इंतेज़ार कर रही थी कि आप आओ और हम आप की रॅगिंग कर सके.
रॅगिंग का नाम सुनते ही उनके होश उड़ गये.

प्राची-तो सबसे पहले अपना नाम बताओ.
उनमे से एक लड़की जो की थोड़ी लंबे कद की थी वो बोली 'जी मेरा नाम करुणा है'

प्राची-अरे मेडम पूरा नाम नही रखा मा बाप ने.

करुणा-जी करुणा गुप्ता.

प्राची-ओके और मेडम आपका.
'जी मेरा नाम नीतू वेर्मा है'

प्राची-गुड और ये बॅग में क्या है.

नीतू-जी हमारे कपड़े हैं.

प्राची-चेक कर्वाओ. वैसे भी तुम्हारे जैसी भोली शकल की लड़कियाँ आज कल बॅग में बॉम्ब लिए फिरती होती है.
नीतू ने बॅग प्राची की तरफ बढ़ा दिया और प्राची उसे खोल कर उसके कपड़े देखने लगी और उनमे से एक रेड कलर की ब्रा और पैंटी निकाल ली.

प्राची-लो मेडम इन्हे पकडो और अपने कपड़ो के उपर से इन्हे पहनो.
नीतू की हालत तो बिल्कुल पतली हो गई.

नीतू-ये आप क्या बोल रही हैं.

प्राची-नहाते वक़्त कान सॉफ नही करती क्या जो तुम्हे समझ नही आई मेरी बात.
नीतू का चेहरा देखने लायक था और तो और उसकी आँखों में से आँसू तक निकल आए.
नीतू की आँखों में आँसू देखकर एक दफ़ा तो प्राची ने सोचा कि अब रहने दूं पर फिर उसने सोचा रीत दीदी के आने तक तो मज़ा किया जाए.

नीतू ने एक एक करके अपनी दोनो टाँगें उठाई और पैंटी अपनी सलवार के उपर से ही पहन ली. उसने सफेद सलवार कमीज़ पहना था और उसके उपर रेड पैंटी देखकर प्राची को तो हसी आ रही थी मगर वो उसे रोके हुए थी. फिर नीतू ने अपनी चुनी उतारी और ब्रा भी पहन ली और करुणा को ब्रा के हुक लगाने को कहा. करुणा ने हुक लगा दिए और सहमी सी खड़ी हो गई वो सोच रही थी कि अब मेरे साथ क्या होगा.

नीतू को ऐसी हालत में देख प्राची ज़ोर से हँसने लगी और बोली.

प्राची-वाह आप तो एक दम मस्त लग रही हो ऐसे ही ब्रा और पैंटी लगाकर जाया करो कहीं भी. एक अलग फॅशन चल पड़ेगा देखना और उसका सारा क्रेडिट तुम्हे ही जाएगा.
प्राची ने अपना मोबाइल. उठाया और उसकी एक फोटो ले ली.
तभी रीत वॉशरूम से निकली और सामने नीतू के पहने हुए कपड़े देखकर हँसने लगी और बोली.

रीत-अरे ये कैसी ड्रेस पहनी है आपने.

नीतू-जी इन्होने बोला पहन ने को.
रीत की हसी एकदम से गायब हो गई और वो सारी बात समझ गई और प्राची की तरफ गुस्से से देखते हुए बोली.

रीत-ये सब क्या है कुत्ति.
प्राची अपना सिर खूज़ाती हुई बोली.

प्राची-वो दीदी......बस ऐसे ही.......मैं तो....

रीत-चुप कर मैं तो की बच्ची चल उठ और सॉरी बोल इनको.
प्राची उठी और नीतू और करुणा के सामने जाकर खड़ी हो गई और कान पकड़ कर बोली.

प्राची-सॉरी करुणा दीदी और सॉरी नीतू दीदी मैं तो आपसे मज़ाक कर रही थी मुझे माफ़ कर दो प्लीज़ मैं तो खुद जूनियर हूँ. और उसने पहले नीतू को गले लगाया और उसकी गाल पे किस की और फिर करुणा के. जब वो ऐसे ही किस करने के लिए रीत की तरफ मूडी तो रीत ने उसे थप्पड़ दिखाया और प्राची मुस्कुराती हुई जाकर अपने बॅग में से कपड़े निकालने लगी और तेज़ कदमो के साथ वॉशरूम में घुस गई.

उसके जाने के बाद रीत बोली.
रीत-प्लीज़ इसे माफ़ कर देना ये बस ऐसी ही है हर वक़्त इसे शरारत सूझती रहती है.
करुणा और नीतू को अब थोड़ा सकून मिला.
 
(अब जाकर करुणा और नीतू को थोड़ा सकून मिला)
करुणा-कुछ भी हो ये लड़की है बहुत क्यूट.
रीत-ये तो है वैसे इसका नेम प्राची है पर मैं इसे प्यार से कूटी ही बुलाती हूँ.
फिर रीत ने नीतू की तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोली.
रीत-अरे पगली अब तो अपने ये वस्त्र उतार दे ऐसे ही खड़ी है.
फिर वो तीनो हँसने लगी और नीतू ने अपनी ब्रा और पैंटी उतार कर बॅग में डाल दी.
प्राची भी नहा कर फ्रेश हो गई और फिर करुणा और नीतू भी फ्रेश होकर अपना समान सेट करने लगी. कमरे में 4 अलमारी बनी हुई थी उन्होने अपने अपने कपड़े अलमारी'स में सेट कर दिए.
अब उन्हे अपने सोने के लिए बेड सेट्टिंग करनी थी. पूरे रूम में 4 बेड थे मतलब हर एक का अलग अलग बेड था. रीत प्राची को देखती हुई बोली.
रीत-कूटी बता तू अपना बेड कहाँ सेट करना चाहती है क्योंकि सब से ज़्यादा प्रॉब्लम तू ही क्रियेट करने वाली है.
प्राची-अरे मैं रीत दीदी के पास ही अपना बिस्तेर रखूँगी. दीदी हम ऐसा करते हैं कि इस कॉर्नर में हम अपने बेड लगा लेते है और दूसरे कॉर्नर में करुणा दीदी और नीतू अपना बेड सेट कर लेंगी. क्यू करुणा दीदी सही कहा ना मैने.
प्राची ने दोनो कॉर्नर'स में इशारा करते हुए कहा.
रीत-पहली बार तूने अकल्मंदी की बात की.
वो सब हँसने लगे और सब ने मिलकर बेड सेट्टिंग करते हुए सोने का इंतज़ाम कर लिया. सब काम निपटा कर प्राची बोली.
प्राची-मुझे अब भूख लग रही है कब से पेट में चूहे छलांगे लगाते फिर रहे हैं.
रीत-भूख तो हमे भी लग रही है चलो पहले सब खाना खाकर आते है.
वो सब हॉस्टिल की कॅंटीन में खाना खाने गयी और फिर आकर अपने रूम में आराम करने लगी. अब रूम में सारा समान सेट हो चुका था. और वो चारो बैठकर बातें कर रही थी.
रीत-रूम सेट्टिंग के चक्कर में तो हम ने एक दूसरे के बारे में भी कुछ नही जाना. पहले मैं ही बता देती हूँ. ये है प्राची और मैं नवरीत हम दोनो का गाओं एक ही है और हमने साथ साथ ही स्कूल की स्टडी कंप्लीट की है और अब साथ साथ यहाँ पे आई हैं.
प्राची-और सबसे बड़ी बात मैं अपनी रीत दीदी को बहुत प्यार करती हूँ और दीदी भी मुझसे बहुत प्यार करती हैं भले हम सग़ी बहने नही है मगर सग़ी से कम भी नही.
रीत-बिल्कुल कूटी सही कहा तुमने. मैं हमेशा इसे कूटी ही बुलाती हूँ और ये मुझे दीदी ही बुलाती है क्योंकि मैं इस से एक साल बड़ी हूँ. मैं 21य्र्स की हूँ और ये 20 की है.
करुणा और नीतू ध्यान से उनकी बातें सुन रही थी और जब वो चुप हुई तो करुणा बोली.
करुणा-आप दोनो को तो अपने प्यार के बारे में बताने की ज़रूरत नही है वो तो दिख ही रहा है. जहाँ तक मेरी बात है तो मैं हरियाणा के एक गाओं से हूँ और वही से अपनी पिछली स्टडी कंप्लीट की है. और अब यहाँ पे आपके साथ आ गई हूँ और मेरी एज भी रीत आपके जितनी ही है मतलब अब ये प्राची मुझे भी दीदी बुलाएगी.
प्राची-बिल्कुल करुणा दीदी. और आप नीतू मेडम आप भी बताओ कुछ या फिर फिर से रॅगिंग शुरू करू.
नीतू ने उसकी पीठ पे एक थप्पड़ मारा और बोली.
नीतू-अब मैं तुम्हारी बातों में नही आने वाली बड़ी आई सीनियर.
वो सब हँसने लगे और फिर नीतू ने अपनी बात शुरू की.
नीतू-मैं देल्ही से हूँ और स्कूल की स्टडी वही एक स्कूल में पूरी की और अब यहाँ चंडीगढ़ आई हूँ नयी शुरुआत के लिए और यहाँ पे आपका साथ पाकर मुझे बेहद खुशी हो रही है. यहाँ तक एज का सवाल है तो मैं भी प्राची की एज यानी कि 20साल की हूँ अब इसके साथ तो मेरी खूब दाल गलेगी और आप दोनो को मैं इस कूटी की तरह दीदी ही बुलाउन्गि.
रीत-ज़रूर नीतू मैं तो खुश हूँ कि मुझे एक और छोटी सिस्टर मिल गई. और तुम दोनो को संभालने के लिए एक दीदी करुणा. ये कूटी तो मुझे दिन भर परेशान करती रहती है अब तो मैं और करुणा मिलकर इसे अच्छे से ठीक करेंगी.
प्राची-मुझे ठीक करने के सपने मत देखो दीदी आप कहीं मैं और नीतू मिलकर आप को ही ना बिगाड़ दें.
रीत-बस बस बड़ी आई बिगड़ने वाली चलो अब रात बहुत हो गई है मुझे तो नींद आ रही है.
करुणा-हां रीत नींद तो मुझे भी आ रही है.
रीत-चल कूटी उठ अब बिस्तेर पे चल सुबह उठ कर कॉलेज भी जाना है जल्दी सो जा नही तो मुझे ही पता है कि तुम्हे सुबह उठाने के लिए कितना कष्ट उठाना पड़ेगा.
प्राची-अच्छा दीदी आप देखना मैं सबसे पहले रेडी हो जाउन्गि उठ कर.
रीत-देखूँगी जब रेडी हो जाओगी अब चुप चाप सो जा वैसे भी सारा दिन काम करने की वजह से थक गई हूँ मैं तो.
और रीत ने करुणा को लाइट ऑफ करने को कहा और करुणा ने लाइट ऑफ की और वो चारों अपनी आज से शुरू हुई नयी लाइफ के बारे में सोचती हुई नींद के आगोश में खो गई.
 
सुबह सबसे पहले करुणा की आँख खुली तो उसने देखा कि सभी फिलहाल सो रही थी. वो वॉशरूम में घुसी और फिर उसने ब्रश किया. उसने देखा वो तीनो अभी भी बे-सुध सो रही थी. वो नीचे कॅंटीन में गई और अपने और उन तीनो के लिए एक थर्मोस में चाय डलवाई और वापिस रूम की तरफ चल पड़ी.
रीत की आँख खुली तो उसने साथ वाले बेड पे देखा प्राची उल्टी होकर पेट के बल लेटी हुई थी. दीन-दुनिया से बिल्कुल बेख़बर वो घोड़े बेच कर सो रही थी. उस से आगे का बेड खाली था मतलब करुणा उठ चुकी थी और उस से आगे नीतू भी अपने राजकुमार के सपने लेती हुई सो रही थी. रीत उठी और वॉशरूम में जाकर फ्रेश हो गई और ब्रश कर के बाहर निकली तो करुणा सामने चेर पे बैठ दिखाई दी. करुणा ने रीत को देखते ही 'गुड मॉर्निंग' विश किया और कहा.
करुणा-रीत आप अपनी चाय ले लो और इनको भी उठा दो ये भी फ्रेश होकर चाय पी लेंगी.
रीत-अरे वाह आप तो मेरी अम्मी की तरह बेड पे ही चाय ले आई.
वो दोनो हँसने लगी और रीत ने जाकर नीतू को जगाया और वो उठ कर वॉशरूम में जाने लगी फिर उसने प्राची को पकड़ कर हिलाया.
रीत-अरे कूटी उठ अब क्यू सूरज से शर्त लगाकर सो रही है कि जब तू उठेगा मैं भी तब ही उठुँगी.
प्राची नींद में बोलती है.
प्राची-सोने दो ना मम्मी.
रीत ने हँसते हुए उसे बेड पे से धक्का दिया और बोली.
रीत-मम्मी की बच्ची मैं रीत हूँ तेरी मा नही तू घर पे नही सो रही उठ जल्दी से रेडी हो कॉलेज भी जाना है.
प्राची रीत के धक्का देने से नीचे गिर जाती है और आँखें मल्ति हुई खड़ी होती है.
प्राची रीत और करुणा को चाय पीते देख बोलती है.
प्राची-दीदी मुझे भी चाय दो जल्दी.
रीत-सीधी तरह जाकर ब्रश करले पहले आँखें खुली नही अभी चाय चाहिए महारानी को.
इतने में नीतू वॉशरूम से बाहर निकलती है और प्राची भाग कर अंदर चली जाती है. चाय पीने के बाद वो बारी बारी से नहा कर कॉलेज के लिए रेडी हो जाती हैं.
आज उनका पहला दिन था कॉलेज में इस लिए चारो एग्ज़ाइटेड थी.
रीत ने एक ग्रीन कलर का सलवार कमीज़ पहना था जो कि उसके गोरे बदन पे काफ़ी जच रहा था. नीतू ने भी ब्लू कलर का सलवार कमीज़ ही पहना था. प्राची और करुणा ने जीन्स-टॉप पहन रखा था.
वो चारो कलाज में एंटर हुई तो सभी लड़कों की नज़र उनके उपर थी. और हो भी क्यूँ ना वो चारो एक से बढ़कर खूबसूरत थी. उन्होने अपनी क्लास में एंटर किया तो देखा क्लास में काफ़ी स्टूडेंट्स थे. लड़कियों के मुक़ाबले लड़के ज़्यादा थे. वो जाकर एक दूसरी के साथ ही 2 बेंचस पे बैठ गई.
उधर जोत मॅम के उपर एक और मुश्क़िल आन पड़ी थी उसे विकी सर को फिर से एक फाइल पकड़ाने जाना था मगर उनकी हिम्मत नही हो रही थी क्योंकि वो जानती थी कि अगर वो उनके कॅबिन में जाएगी तो वो ज़बरदस्ती दबोच लेंगे और फिर से कल की तरह उसके साथ ज़बरदस्ती करेंगे. फिर उसके दिमाग़ में एक प्लान आया और वो क्लास की तरफ जाने लगी जहाँ पे उसे लेक्चर लगाना था.
रीत और वो तीनो आपस में बातें कर रही थी तभी जोत मॅम क्लासरूम में दाखिल हुई और उन्होने 1स्ट बेंच पे बैठी एक लड़की को वो फाइल दी और उसे विकी सर के पास पहुचाने को कहा. उस लड़की ने फाइल मॅम से ली और क्लासरूम से बाहर निकल गई. मॅम ने राहत की साँस ली और क्लास में रखे लेक्चर स्टॅंड के पास पहुच गई और उसपे अपने हाथ रखकर बोली.
जोत मॅम-सो प्यारे स्टूडेंट्स माइ नेम इस जोत वेर्मा.
आंड आइ आम युवर इंग्लीश लेक्चरार. आइ हॅव डन एम.ए. इंग्लीश फ्रॉम पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़. फिर आगे वो अपनी इंट्रो देती रही. वो लड़की फाइल पकड़ा कर वापिस आई और बोली.
'मॅम आपको सर ने बुलाया है'
सबसे लास्ट में 3 लड़के बैठे हुए थे विकी सर के द्वारा मॅम को बुलाए जाने की बात सुनकर वो आपस में बातें करने लगे
'साला बहुत थर्कि है ज़रूर जोत मॅम को दबोचने के चक्कर में है'
दूसरा बोला 'हां यार बात तो तेरी सही है वैसे साली ये मॅम भी कम नही है देख कैसे टाइट टाइट कपड़े पहनती है साली का जिस्म आग लगा देता है सीने में'
फिर तीसरा लड़का बोला 'अबे चुप करो सुन ने तो दो मॅम अपने गुलाबी होंठों से क्या बोल रही है'
जोत मॅम को तो पता था कि वो क्यूँ उसे बुला रहे हैं. उन्होने सर के पास ना जाने का फ़ैसला किया और बोली.
जोत मॅम-ओके स्टूडेंट टू यू ऑल आर फ्रेशर'स आप लोगो को कैसा लग रहा है यहाँ पे आकर.
सभी ने एक सुर में जवाब दिया कि उन्हे अच्छा लग रहा है.
जोत-ओके गुड. अगर आपके मन में कोई सवाल आ रहा है तो आप पूछ सकते हो.
सभी एकदुसरे का मूह देखने लगे. तभी एक हाथ उपर उठा और ये प्राची का था.
जोत मॅम ने उसे देखा और बोली.
जोत मॅम-यस प्लीज़ वॉट'स युवर नेम?
प्राची खड़ी हुई और बोली.
प्राची-जी माइ नेम ईज़ प्राची आंड मेरा सवाल ये है कि यहाँ पे रॅगिंग तो नही होती.
रीत को तो उसकी बात सुनकर हसी आ रही थी कि कल जो खुद रॅगिंग का नाटक कर रही थी आज वो खुद ही रॅगिंग से डर रही थी.
प्राची की बात सुनकर एक लड़का बोला जो कि थोड़ा मोटा सा था 'अरे तुम जैसी हसीना से कोई रॅगिंग क्यूँ करेगा'
प्राची को तो उसकी बात सुनकर गुस्सा आ गया और वो बोली.
प्राची-अबे मोटू ज़्यादा बक बक मत कर नही तो दूँगी एक कान के नीचे.
रीत ने उसकी कमर पे चूटी काटी और उसे चुप रहने का इशारा किया.
 
जोत मॅम ने उस लड़के को उसकी बदतमीज़ी के लिए डांटा और उसे क्लास से निकाल दिया और प्राची को देखती हुई बोली.
जोत मॅम-अरे नही बेटा आपके साथ यहाँ पे कोई रॅगिंग नही करेगा और अगर कोई करे तो सीधा आकर मुझे बताना या फिर प्रिन्सिपल सर के पास कंप्लेंट करना ओके.
प्राची-ओके मॅम थॅंक यू.
फिर मॅम ने कुछ देर और बातें की और फिर लेक्चर का टाइम पूरा होते ही क्लास में से बाहर निकल कर अपने कॅबिन की तरफ चल पड़ी. उन्हे सामने से विकी सर आते हुए दिखाई दिए उन्होने तिरछी नज़रों से देखा तो पाया कि वो उसे ही घूर रहे थे.
मॅम ने अपनी नज़रें नीची की और अपनी चाल से चलती रही. जैसे ही विकी सर उसके पास आए तो उन्होने मॅम को रोका और बोले.
सर-अरे मॅम मैने आपको बुलाया था.
जोत मॅम की धड़कने बढ़ी हुई थी उनके चारों और स्टूडेंट्स आ जा रहे थे. वो अपने आप के उपर कंट्रोल करती हुई बोली.
मॅम-वो सर मैं लेक्चर अटेंड कर रही थी.
सर अपने लंड को पॅंट के उपर से ही मसल्ते हुए बोले और उनकी इस हरकत को मॅम ने भी देख लिया.
सर-ओके अब तो आप फ्री हो चलो कॅबिन में चलते हैं मुझे आपकी दी हुई फाइल के बारे में कुछ डिस्कशन करनी है.
मॅम की धड़कने और भी तेज़ हो गई थी. अब उन्हे कुछ सूझ नही रहा था. वो कुछ सोचती हुई बोली.
मॅम-आप चलिए सर मैं आती हूँ.
मॅम की बात सुनकर सर धीरे से बोले.
सर-मुझे पता तो है कि तुम नही आओगी मगर कब तक बचाओगि इस जवानी को मेरे हाथ से.
और वो अपनी बात कहने के बाद मुस्कुराए और वहाँ से चल दिए.
उनके जाने के बाद जोत मॅम की साँसें कंट्रोल हुई और वो तेज़ कदमो के साथ चलती हुई. अपने कॅबिन में घुस गई.
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रीत न्ड पार्टी कॅंटीन में एक मेज़ के इरद गिर्द डेरा जमाए बैठी थी. और उनके सामने ही एक मेज़ पे 2 लड़के बीते थे. एक का नाम था करण मल्होत्रा आंड दूसरे का हॅरी जाधव बचपन के फ़्रेंड थे और स्कूल लाइफ उन्होने साथ साथ ही बिताई थी. हॅरी एक हॅंडसम लड़का था गोरा रंग, लंबा कद और एकदम फिट बॉडी. वहीं पे करण भी कुछ कम नही था उसका रंग हॅरी जितना गोरा नही था मगर एक अथलेटिक बॉडी का मालिक होने की वजह से वो बहुत हॅंडसम दिखता था.
वो दोनो आपस में कुछ बात कर रहे थे.
करण-यार रेहान कहाँ पे रह गया.
हॅरी-अरे आता ही होगा.
रेहान से इन दोनो मुलाक़ात आज ही हुई थी वो क्लास में उनके पास ही बैठा था और उनकी जान पहचान हो गई थी.
तभी रेहान आता हुया दिखाई दिया और वो उनके पास आकर बैठ गया.
करण-अरे कहाँ रह गया था तू यार.
रेहान-कुछ नही यार वॉशरूम गया था.
करण-अरे छोड़ वॉशरूम को वो सामने देख हसीनो का डेरा.
तीनो ने उस मेज़ की तरफ देखा यहाँ पे रीत, करुणा, प्राची और नीतू बैठी थी.
रेहान-अरे वाह यार वो देख एक तो वोही है जो क्लास रूम में उस मोटू का बाज़ा रही थी.
हॅरी-हां यार वोही है.
रेहान-अरे यार चारों एक से बढ़कर एक हैं. क्या मस्त शरीर है सालियों का.
करण ने करुणा की तरफ इशारा करते हुए कहा.
करण-हां यार देख उस जीन्स वाली को कैसे टाँग पे टाँग चढ़ाए बैठी है. दिल करता है अभी जाकर टाँगें उठाकर घुसा दूं.
हॅरी-अरे करण यार तेरी सोच इतनी गिरी हुई है क्या हर एक लड़की को एक ही नज़र से देखता है.
करण-हॅरी यार तुझे पता तो है मैं दिल का बुरा नही हूँ अभी तो मैं आज़ाद हूँ किसी भी लड़की को देखता हूँ तो बस ऐसी ही फीलिंग आती है. जिस दिन कोई इस दिल में घुस गई उस दिन के बाद मैं किसी और की तरफ देखूँगा भी नही.
हॅरी-हां यार वो तो मैं जानता हूँ कि तू दिल का बुरा नही है.
करण-वैसे जब मैने उस लड़की के बारे में ग़लत कहा तो तुझे मिर्ची क्यू लगी. कहीं पसंद तो नही आ गई वो तुझे.
हॅरी-अबे साले हट कुछ भी सोचता है.
करण-वैसे लड़की सुंदर है.
हॅरी-हां यार सच बटाऊ तो वो मुझे भी सुंदर लगी.
रेहान-अरे वाह तूने तो यार सेलेक्ट भी करली. वैसे लड़की सच में सुंदर है. वैसे मुझे भी वो ग्रीन कलर के सूट वाली सुंदर लग रही है.
रेहान ने रीत की तरफ इशारा किया.
करण-वाह आप दोनो ने तो अपनी अपनी सेलेक्ट कर ली अब बचा मैं.
रेहान-तू उस को पटा ले जिसने क्लास में मोटू की बाज़ई थी.
करण-लड़की तो सुंदर है पर यार वो तो मुझे बात बात पे गाली निकालेगी जीना हराम कर्देगि मेरा देखा नही कैसे लौमड़ी की तरह टूट पड़ी थी मोटू पे.
रेहान और हॅरी उसकी बात सुनकर हँसने लगे.
हॅरी-बात तो तेरी सही है. फिर उसे देख ले जो ब्लू कलर का सूट पहने बैठी है. वो भी सुंदर है.
करण-हां यार लड़की तो पटाका है. अब तो जीना मरना बस इसी के संग होगा.
और वो ऐसे ही बातें करते रहे.
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प्राची तिरछी नज़र से देख रही थी कि वो तीनो लड़के उनकी तरफ देखकर बातें करते हुए हंस रहे थे.
प्राची-रीत दीदी वो देखो 3 मजनू लाइन मार रहे हैं हम सब के उपर.
 
रीत-तू लाइन मरवा ही क्यू रही है अगर तू उन्हे कोई ग्रीन सिग्नल देगी तो वो तो गाड़ी इस तरफ लाएँगे ही.
प्राची-अरे दीदी वो कब के हमारी तरफ देख कर बातें कर रहे हैं.
करुणा-तो करने दे ना प्राची अक्सर मजनू सुंदर लड़कियों की तारीफ में बातें करते ही रहते है.
करुणा की बात सुनकर वो 4रो हँसने लगी.
नीतू-वाह करुणा दीदी आपको बड़ा एक्सपीरियन्स है कितनो से तारीफ करवा चुकी हो.
करुणा-अरे कहाँ यार मैं तो अभी तक इन अकेले सुनसान रास्तों में भटक रही हूँ.
प्राची-दीदी किसी के साथ टांका फिट कर्लो देखना इन सुनसान रास्तों में कैसे घमासान होता है.
करुणा-हां कूटी अब तो कुछ ना कुछ होगा ही. वैसे तू बता तेरी इस कभी ना रुकने वाली जीभ को किसी ने अपने होंठों में क़ैद कर के चुप करवाया या नही.
प्राची-ना ना ना दीदी हम तो ऐसी बातों से दूर ही रहते हैं. हमें नही लड़ाना किसी के साथ इश्क़-विश्क़. मैं तो कहती हूँ आप सब भी इस झमेले में ना ही पडो तो अच्छा है क्यूंकी अक्सर यहाँ के ख़ुदग़र्ज़ लोग दिल तोड़ दिया करते हैं. बस फिर टूटा दिल लेकर बैठे रहो देवदास की तरह.
रीत-कूटी सभी उंगलियाँ एक समान नही होती. कुछ अच्छे लोग भी है जो अपने प्यार के लिए जान की बाज़ी तक लगा देते हैं.
नीतू-बिल्कुल सही कहा रीत दीदी. ये कूटी क्या जाने इस इश्क़ के नशे को.
प्राची-ह्म्‍म्म लगता है तू खूब अच्छे से जानती है.
नीतू-इतने अच्छे से भी नही यार. स्कूल में मेरा एक बॉय फ़्रेंड था जो रोज़ाना सुबह क्लास रूम में मेरे इन गुलाबी होंठों का रस चूस्ता था. एक दिन हम पकड़े गये बस उस दिन के बाद वो कम्बख़्त मुझसे दूर ही रहने लगा.
प्राची-मतलब तेरा श्री गणेश कर दिया उसने.
नीतू-अरे नही बस उपर उपर से ही चूमता-चाट ता था. नीचे का द्वार तो मैने दिखाया तक नही था उसे.
रीत-मतलब तुम तीनो अभी तक वर्जिन हो.
प्राची रीत की तरफ आँखें निकालते हुए.
प्राची-तुम तीनो का क्या मतलब क्या दीदी तुम वर्जिन नही हो. कहीं मुझसे चोरी चोरी मेरे भैया को साईयाँ तो नही बना रखा था आपने.
रीत-एक कान के नीचे लगाउन्गि खीच कर. मेरा ये मतलब नही था. आइ आम ऑल्सो वर्जिन.
प्राची-अरे दीदी मुझे तो इसलिए शक़ हुआ क्योंकि मेरे भैया तो आपके उपर लार टपकाते है. एक आप ही हो जो उन्हे घास तक नही डालती थी.
रीत-चुप कर बड़ी आई भैया की तरफदार.
प्राची-हम तो चुप ही हैं अब मेरे भैया का आपको ख्याल कैसे आएगा यहाँ तो और बहुत मिल जाएँगे.
और वो सब ऐसे ही हसी मज़ाक करती रही.
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दूसरे टेबल पर जहाँ रेहान, करण और हॅरी बैठे थे वो भी अपनी बातों में मस्त थे.
करण-अरे रेहान यार तू रहता कहाँ है.
रेहान-हॉस्टिल में रहता हूँ यार. साली हॉस्टिल में भी कोई ज़िंदगी है क्या.
करण-अरे तो ऐसा कर हमारे साथ ही आ जा हम यही शहर एक फ्लॅट रेंट पे लेकर रह रहे हैं.
हॅरी-हां रेहान बात करण की ठीक है. हम दोनो ही रहते हैं फ्लॅट में तू आ जाएगा तो हमे भी कंपनी मिल जाएगी.
रेहान-पर यार मैने अब हॉस्टिल की फीस भर दी है.
हॅरी-अरे यार तू उसकी टेंशन मत ले हॉस्टिल वॉर्डन सर मेरे पापा के अच्छे दोस्त हैं मैं पापा से कहकर तुम्हारी फीस वापिस करवा दूँगा.
रेहान-अरे वो थर्कि तुम्हारे पापा का दोस्त है.
हॅरी-हां यार मेरे पापा के साथ उसका काफ़ी उठना बैठना है.
रेहान-ओके यार ऐसा हो जाए फिर तो मज़ा आ जाए.
करण-हां यार तीनो मिलकर मस्ती करेंगे.
हॅरी-पर मस्ती करने के लिए कोई आइटम भी तो चाहिए.
रेहान जहाँ पे रीत न्ड पार्टी बैठी थी उस तरफ इशारा करता हुआ बोला.
रेहान-हां यार इनमे से पता कर्लो अगर कोई चालू हुई तो उसी की फाड़ डालेंगे.
हॅरी-नही यार ये तो सभी शरीफ लगती हैं.
रेहान-बाकी का तो मैं कह नही सकता लेकिन ये प्राची ज़रूर मुझे चालू लगती है. जब से हम यहाँ बैठे हैं तब से इधर ही देख रही है.
कारण-नही यार असल में कुछ लड़कियों की आदत होती है हर लड़के की तरफ देखना मगर वैसे फँसती किसी के साथ भी नही.
रेहान-हो सकता है मगर ऐसी चूत अगर मिल जाए तो मज़ा बहुत देती है. देख तो कितना गोरा चेहरा है मैं तो चूस चूस कर लाल कर्दुन्गा.
हॅरी उनकी बातों के सिलसिले को रोकता हुआ.
हॅरी-सालो चलो अब उस थर्कि के पास जाकर रेहान की फीस की बात करते है. लड़कियाँ बाद में ताड़ लेना.
वो तीनो विकी सर के कॅबिन की तरफ चल देते हैं. और वहाँ जाकर हॅरी अपने पापा के बारे में उन्हे बताता है तो विकी रेहान की फीस वापिस करने को तयार हो जाता है और अपनी फीस वापिस लेकर रेहान अपना समान हॉस्टिल
 
रेहान अब करण और हॅरी के साथ उनके फ्लॅट पे शिफ्ट हो चुका था. और अब उन्हे एक साथ रहते हुए 1 वीक हो चुका था इसलिए वो अच्छे दोस्त बन चुके थे. रीत आंड पार्टी पे उनकी ट्राइ अभी तक चालू थी पर किसी की भी बात आगे नही बढ़ पाई थी.
उधर रीत, करुणा, प्राची न्ड नीतू भी आपस में काफ़ी घुल मिल गई थी. प्राची की हरकतें उसी तरह से चालू थी. उसने उन तीनो के नाक में दम कर रखा था. लेकिन वो तीनो भी परेशान होने की बजाए प्राची की क्यूट बातों का मज़ा लेती थी. अब वो भी सब भी समझ चुकी थी कि कोनसा लड़का किस पे ट्राइ मार रहा है. उनके ग्रूप में भी अब उनके बारे में चर्चा होने लगी थी.
आज फिरसे वो चारो कॅंटीन में एक टेबल के इर्द-गिर्द बैठी थी. लेकिन रेहान पार्टी उन्हे कहीं दिखाई नही दे रही थी.
उन तीनो को अपने आस पास ना पाकर प्राची बोली.
प्राची-अरे आज तो मेरे तीनो जीजू कही दिखाई नही दे रहे.
रीत-चुप कर आई बड़ी जीजू वाली.
प्राची-अरे दीदी अब आपके आशिक़ मिया को मैं जीजू नही तो और क्या कहु.
रीत-कोन किसका आशिक़.
प्राची आँखें नचाती हुई बोली.
प्राची-बड़ी भोली बन रही हो आप मैं सब जानती हूँ वो रेहान कैसे आपके पीछे लार टपकाता फिर रहा है और वो करण का बच्चा तो इस चालू नीतू के पीछे पड़ा है और बाकी बचा हॅरी वो तो बस करुणा दीदी को ही घूरता रहता है. मैने देखा है क्लास में तीनो की नज़र बस आप के उपर ही रहती है और अब तो आप की तरफ से भी ग्रीन सिग्नल मिलने लगा है उन्हे.
नीतू-ज़्यादा बक बक मत कर प्राची की बच्ची मुझे चालू बोलती है खुद तो तू बड़ी सती सावित्री है.
प्राची-देखा जलन हुई ना मुझे तो लगता है ये नीतू की बच्ची उस करण के साथ कुछ कर भी चुकी होगी.
नीतू थोड़ा गुस्से से.
नीतू-देखो ना रीत दीदी ये क्या आनाप शनाप बक रही है.
रीत-कूटी बस अब चुप कर जिस दिन तेरे दिल में कोई उतर गया ना फिर देखूँगी तुम्हे.
प्राची-अरे दीदी हमने तो अच्छे से ताला लगा रखा है दिल के दरवाज़े को.
नीतू-मगर दिल चुराने वाले चोर दरवाज़े से नही दीवार से कूद कर चुरा ले जाते हैं.
प्राची-तो चालू नीतू मैने दीवार पे भी काँच लगा रखा है.
नीतू-तुमसे बातों में कोई नही जीत सकता.
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उधर रेहान एंड पार्टी आज कुछ कर गुज़रने के मूड में थी. रेहान ने सोच रखा था कि वो आज उनके पास जाकर बैठेगा और दोस्ती का हाथ उनकी तरफ बढ़ाएगा.
इसी प्लान के चलते वो कॅंटीन में गया और रीत एंड पार्टी यहाँ पे बैठी थी उस तरफ चल पड़ा.
उसे अपनी तरफ आता देख प्राची बोली.
प्राची-लो रीत दीदी के सैयाँ और मेरे जीजू तो आ रहे हैं सामने.
रीत-तू आज मार खाएगी मुझसे.
इतने में रेहान उनके पास आकर बोला.
रेहान-हाई गर्ल्स.
प्राची-हेलो रेहान.
रेहान-क्या मैं यहाँ आप के साथ बैठ सकता हूँ.
रीत-या शुवर.
रेहान ने साथ वेल टेबल के पास से एक कुर्सी उठाई और रीत न्ड प्राची के बीच रखकर उसपे बैठ गया.
करुणा-बोलो रेहान आज हमारे पास कैसे.
रेहान-अरे यार मैने सोचा हम एक ही क्लास में है तो जान पहचान तो होनी चाहिए.
रीत-यस बिल्कुल सही कहा आपने.
रेहान-में तो हमेशा सही ही कहता हूँ रीत जी बस लोग अंदाज़ा ग़लत लगा लेते हैं.
प्राची-ओह अच्छा जी. मगर इतना ओवर-कॉन्फिडेन्स भी भारी पड़ता है इंसान के उपर.
रेहान-अरे यार मैं ओवर-कॉन्फिडेंट थोड़े ही हूँ. ये तो भरोसा है मुझे खुद पे कि मैं हमेशा सही ही बोलता हूँ.
रीत-ओके चलो छोड़ो अब आते ही बोरिंग टॉपिक शुरू कर दिया.
प्राची रीत की तरफ आँख नचाते हुए.
प्राची-तो दीदी आप कोन्से टॉपिक पे बात करना चाहती हैं.
रीत गुस्से से प्राची को देखते हुए.
रीत-मेरा मतलब है कुछ और बात करो ना स्टडी के बारे में.
प्राची-अरे दीदी रेहान जी कोई टीचर थोड़े है जो इनके साथ स्टडी की बातें की जायें.
रेहान-बात तो ठीक है प्राची की.
इतने में करण और हॅरी भी वहाँ पे पहुच जाते हैं. रेहान उनकी इंट्रो उन चारो के साथ करवाता है और वो दोनो भी वहीं पे उनके साथ बैठ जाते हैं.
रेहान-मेरा तो आज दिल लगा है इस कॉलेज में 1 हफ़्ता तो बहुत बोरिंग गुज़रा.
प्राची-आज तो आपका दिल लगना ही था रीत दीदी जो आपके पास......मेरा मतलब हैं हम 4 लड़कियाँ जो आपके पास बैठी हैं.
रीत तो जैसे काँप उठी प्राची की बात सुनकर उसका दिल कर रहा था कि अभी प्राची को पकड़ कर पीटे मगर प्राची रीत को देख कर जानबूझ कर मुस्कुरा रही थी.
करण-अरे लड़कियाँ पास बैठने से क्या होता है प्राची.
प्राची-अब ये बात तो या फिर आप तीनो जानते होगे या फिर ये तीनो जानती होंगी.
सब उस की बात सुनकर सकपका गये.
रीत बात को बदलते हुए.
रीत-ओके तो आप लोग क्या पीना चाहोगे.
लेकिन प्राची तो आज उनकी अच्छी क्लास लेने के मूड में थी वो अपने होंठों पे जीभ फिराते हुए बोली.
प्राची-अरे दीदी पीना तो ये कुछ और चाहते हैं मगर अब आपकी मर्ज़ी आप चाहे कुछ भी पिला दो.
प्राची तो उन सबको झटके पे झटका दिए जा रही थी.
रेहान-कुछ भी हो प्राची बातें बहुत प्यारी करती है.
प्राची रीत, करुणा न्ड नीतू की तरफ इशारा करते हुए बोली.
प्राची-आपको तो प्यारी लगेगी ही आपके हक में जो हो रही हैं बातें ज़रा इनको पूछ कर देखो कि कैसी लग रही है मेरी बातें इन्हे.
रीत, करुणा न्ड नीतू तीनो गुस्से से प्राची को देख रही थी जैसे आज उसे खा ही जाएँगी मगर प्राची उन्हे आँखों ही आँखों में इशारे करती हुई और जला रही थी.
 
रेहान-अरे नही रीत जी आज तो हमारी दोस्ती का पहला दिन है इसलिए आज की ट्रीट हमारी तरफ से आप बताओ क्या लोगे.
अब रीत प्राची के बोलने से पहले ही बोल पड़ी.
रीत-ओके तो हम सब कॉफी लेंगे.
और रेहान ने कॉफी का ऑर्डर दे दिया.
प्राची-रीत दीदी आप अकेली कॉफी ही लोगि या कुछ और भी लोगि.
नीतू जो काफ़ी देर से चुप थी वो बोली.
नीतू-हम तो अकेली कॉफी से काम चला लेंगे अगर तुम्हे कुछ चाहिए तो तू ले ले.
इतने में कॉफी आ गई और वो सब कॉफी पीने लगे.
रीत-कॉफी बहुत अच्छी है कूटी है ना.
प्राची-हां दीदी कॉफी तो अच्छी है और साथ साथ कॉफी ऑर्डर करने वाले भी अच्छे हैं.
हॅरी-जिन के लिए कॉफी ऑर्डर की है वो भी कम नही है.
करुणा-अरे वाह तारीफ कुछ ज़्यादा नही हो रही हॅरी.
कारण-अरे करुणा जी अब अच्छी चीज़ की तो सब तारीफ करते ही है क्यू नीतू.
नीतू-अरे हॅरी आप किस चीज़ को अच्छी बता रहे हैं कॉफी को या......
रेहान-वैसे अच्छी तो दोनो हैं कॉफी भी और आप सब भी.
रीत-मुझे तो ऐसा लग रहा है रेहान कि यहाँ दोस्ती का बहाना लेकर निशाना कही और लगाया जा रहा है.
प्राची-लेकिन इतना तो पक्का है कि जहाँ भी निशाना लगाने की कोशिश हो रही है एक ना एक दिन लगेगा ज़रूर.
रेहान-अब तो मुझे पक्का यकीन हो चुका है कि कूटी तुम वाकई कूटी हो.
रीत को जब लगा कि ये कूटी अब रुकने वाली नही है तो उसने वहाँ से खिसकना ही बेहतर समझा.
रीत-ओके तो हम चलते हैं कल मिलेंगे. बाइ
करुणा और नीतू भी झट से उठ खड़ी हुई. मगर प्राची रीत की तरफ देख कर मुस्कुराती हुई बोली.
प्राची-रीत दीदी थोड़ी देर बैठते है ना.
करुणा-हमे तो जाना है तुम्हे बैठना है तो बैठ जा.
प्राची-अरे मैं अकेली क्या करूँगी बैठ कर.
वो भी उठ कर खड़ी हो गई और रीत एंड पार्टी उनसे विदा लेकर हॉस्टिल की तरफ चल पड़ी.
उनके जाने के बाद रेहान बोला.
रेहान-अरे यार ये प्राची तो बहुत काम की चीज़ है.
कारण-बिल्कुल यार ये तो हमारा काम आसान कर रही है.
हॅरी-लगता है जल्दी ही लाइन पे आ जाएँगी ये.
रेहान-हां यार ये तो बात सही है तेरी. चलो अब हम भी चलते हैं यार अब क्या करेंगे बैठ कर.
वो तीनो भी अपने रूम की तरफ चल पड़े.
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उधर रीत एंड पार्टी रूम में पहुचि तो प्राची जल्दी से कपड़े लेकर बाथरूम में घुस गई. उसे पता था कि अब उसकी खैर नही.
उसके अंदर जाते ही रीत, करुणा और नीतू ने आपस में कुछ सलाह की और प्राची को सबक सिखाने की सोची.
प्राची एक लोवर और टी-शर्ट पहन कर बाहर निकली और अपने बेड पे जाकर बैठ गई. रीत उसके बैठने के बाद अपने बेड पे से उठी और एकदम से प्राची के उपर गिर गई और उसे अपने नीचे दबा लिया. प्राची रीत के उसके उपर गिर जाने से बेड पे रीत के नीचे लेट गई और रीत ने उसे मज़बूती से अपने नीचे दबा लिया. नीतू प्लान के मुताबिक भाग कर आई और प्राची की लोवर को पकड़ कर नीचे खीचने लगी. प्राची अचानक हुए हमले से हड़बड़ा गई और अपनी टाँगें हवा में हिलाने लगी. करुणा ने उसकी टाँगें पकड़ ली और नीतू ने झट से उसकी लोवर उसकी टाँगों में से बाहर निकाल दी.
लोवर निकलते ही प्राची नीचे पड़ी चिल्लाने लगी और बोलने लगी.
प्राची-रीत दीदी प्लीज़ मुझे छोड़ दो ना.
मगर उन्होने उसकी एक ना सुनते हुए उसे ऐसे ही पकड़े रखा और नीतू ने अगला ऐक्शन लेते हुए उसकी पैंटी भी उतार दी अब प्राची नीचे से बिल्कुल नंगी हो चुकी थी. उसने अपनी टाँगें घुटनो के पास से मोड़ ली ताकि वो अपनी चूत को उन सब से छिपा सके. अब करुणा और नीतू ने उपर आकर प्राची की बाहें पकड़ ली और उन्हे उपर को खड़ी कर दिया. रीत उसके पेट पे बैठ गई और उसकी टी-शर्ट पकड़ कर उपर की तरफ सरका कर निकालने लगी.
प्राची अब लगभग रोती हुई उन्हे छोड़ने के लिए कहने लगी मगर अब वो उसे छोड़ने के मूड में नही थी.
रीत ने उसकी टी-शर्ट भी उतार दी और फिर उसकी पीठ के पीछे हाथ डाला और ब्रा की हुक खोल दी और देखते ही देखते वो भी प्राची के जिस्म से अलग हो गई. अब वो बिल्कुल नंगी उन तीनो के सामने थी. वो तीनो उसे छोड़ कर पीछे हट गई और सामने बेड पे नंगी पड़ी प्राची को देख कर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. प्राची की आँखों में अब आँसू आ चुके थे उसने जल्दी से अपने कपड़े उठाए और भाग कर बाथरूम में जाने लगी मगर उसे रीत और नीतू बाथरूम में जाने नही दे रही थी. प्राची रोती हुई उन्हे छोड़ने के लिए बोल रही थी. आख़िर रीत को अपनी कूटी पे रहम आ ही गया और प्राची भाग कर बाथरूम में घुस गई.
 
प्राची जब कपड़े पहनकर वॉशरूम से बाहर निकली तो रीत, करुणा और नीतू अपने अपने बेड पे आराम से बैठी थी. प्राची ने किसी की तरफ नही देखा और जाकर धडाम से अपने बेड पे गिर गई और उल्टी लेट गई. रीत जान चुकी थी कि कूटी अब उनसे नाराज़ हो चुकी है. उसने प्राची को आवाज़ दी.
रीत-मेरी प्यारी कूटी उठो ना.
प्राची ने कोई जवाब नही दिया.
करुणा-अरे कूटी उठ ना बाहर घूम कर आते हैं.
पराची फिर से गुम सूम पड़ी रही.
नीतू-हमारी प्यारी कूटी बोलो ना प्लीज़.
प्राची की तरफ से कोई हरकत ना होती देख रीत उठी और प्राची के साथ उसके बेड पे लेट गई. प्राची की पीठ उसकी तरफ थी रीत ने अपनी एक बाह उठाई और प्राची के चेहरे के उपर टिकाई और उसे अपनी तरफ घुमाने लगी.
रीत-देख कूटी अगर तू अब नही बोले गी तो मैं भी तुमसे बात नही करूँगी.
अब प्राची पीठ के बल हो गई और अपना चेहरा छत की तरफ कर दिया. रीत ने देखा कि उसकी आँखों में आँसू थे.
रीत-अरे मेरी कूटी की आँख में आँसू.
करुणा और नीतू भी उसके पास आ गई और उसे छेड़ने लगी.
रीत ने उसकी गाल पे किस की मगर प्राची के फेस पे कोई चेंज नही आई फिर रीत कुछ सोच कर बोली.
रीत-ओके तो हम ऐसा करते है एक एक करके अपनी कूटी के सामने अपने कपड़े उतारते है तभी ये बोलेगी चल नीतू अपनी लोवर निकाल सामने जाकर.
नीतू उठी और जिस बेड पे प्राची लेटी हुई थी उसके सामने जाकर उनकी तरफ पीठ कर के खड़ी हो गई और अपने दोनो हाथ अपनी लोवर की एलास्टिक में डाल दिए. जैसे ही प्राची ने देखा कि नीतू आगे देख रही है वो एकदम उठी और जाकर नीतू की लोवर पकड़ कर पैंटी समेत नीचे कर दी. नीतू की लोवर और पैंटी उसके पैरों में पहुच गई. प्राची ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी. नीतू ने अपनी लोवर और पैंटी फिर से उपर की और उसके चेहरे पे भी गुस्से की जगह मुस्कुराहट थी.
रीत और करुणा भी प्राची की हरकत देखकर मुस्कुराने लगी.
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अब रात हो चुकी थी और वो 4रो खाना खा कर अपने रूम में आ चुकी थी और आपस में बातें कर रही थी.
प्राची-वैसे रीत दीदी रेहान है तो हॅंडसम.
करुणा-सही कहा प्राची. रीत बता ना कैसा लगा तुम्हे वो.
रीत-ह्म्‍म्म अच्छा है.
नीतू-अच्छा या बहुत अच्छा.
रीत-बहुत अच्छा है यार लेकिन नीतू करन भी कम नही है.
नीतू-वो तो आज मुझे ही घूरता रहा.
प्राची-तुझे घूरता रहा या तेरे इन पहाड़ों को.
प्राची ने नीतू के मम्मों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
नीतू-देखो रीत दीदी अब कैसे जीभ चल रही है इसकी अगर हम इसे कुछ कहेंगे फिर ये नाराज़ हो जाती है.
रीत-यार नीतू इसकी बात का गुस्सा मत किया कर तू जानती तो है ये बस ऐसी ही है.
नीतू-ओके दीदी वैसे भी मैं इसकी बातों का गुस्सा नही करती.
वो प्राची के पीछे आकर बैठ गई और उसके गले में बाहें डालते हुए कहा.
नीतू-कूटी तुम्हे पता है वो हॅरी करुणा दीदी के साथ चिपक कर बैठा था.
करुणा-अच्छा नीतू की बच्ची झूठ मत बोल.
नीतू-अरे दीदी मेरा मतलब है आपके साथ बैठा था और मैने कई दफ़ा देखा आप तिरछी नज़र से उसे देख रही थी.
रीत-अरे वाह ऐसा क्या.
प्राची-बिल्कुल रीत दीदी अब तो आप तीनो के उपर नज़र रखनी पड़ेगी मुझे.
करुणा-तू अपने आप को बचा के रखना उस मोटू से.
प्राची-उसकी फिकर मत करो आप उस मोटू को तो मैं जान से मार दूँगी.
नीतू-कही जान से मारती मारती उस से कुछ मरवा ही मत लेना.
प्राची-मरवाएँगी तो अब आप तीनो.
रीत-कूटी तू कुछ ज़्यादा ही बदमाश हो गई है. स्कूल में तो तू ये सब बातें जानती नही थी. किसने सिखाया तुझे ये सब.
प्राची-अरे दीदी अब जैसी संगत वैसी रंगत आपके साथ रहूंगी तो कोई ग्यान की बात थोड़े ना सीखूँगी यही सब सीखूँगी.
रीत-अच्छा तो मुझसे सीखती है तू ये सब. करुणा और नीतू तुम बताओ मैने अब तक इतने दिनो में कोई ऐसी गंदी बात कि जैसी बातें ये कर रही है.
करुणा-बिल्कुल भी नही रीत.
रीत-अब बता.
प्राची-अब दीदी कुछ आपकी मेहरबानी है और कुछ टीवी की जिसमे सारा दिन यही सब तो चलता है.
रीत-आज से तेरा टीवी देखना बंद. टीवी पे मूवीस देख कर ही तू इतनी बदमाश हुई है.
प्राची-ओके दीदी अब तो मैं आपकी और रेहान जीजू की लाइव मूवी ही देखूँगी.
रीत-हाए राम कहाँ से कहाँ तक पहुचती है ये लड़की.
नीतू-रीत दीदी जिस दिन किसी ने इसकी लाइव मूवी बना डाली ना ये तब सुधरेगी.
प्राची-वो दिन मेरी शादी से पहले कभी नही आएगा.
करुणा-तू देखती जा कूटी तूने खुद ही कहा है कि जैसी संगत वैसी रंगत. अब हमारे साथ रहेगी तो हमारा रंग तो तुझ पे चढ़ेगा ही.
प्राची-देखेंगे करुणा दीदी वो दिन कब आएगा.
रीत-बस बस अब ज़्यादा भाव मत खा अब सो जा चुप कर के फिर सुबह उठने में नाटक करती है.
प्राची-आप देखना दीदी सुबह सबसे पहले उठूँगी मैं.
नीतू-सूरज दूसरी तरफ से उगेगा अगर तू सबसे पहले उठ गई.
प्राची-देखना नीतू की बच्ची तुमसे तो पहले ही उठूँगी.
रीत-ओके अब लाइट ऑफ करने जा रही हूँ चुप चाप सो जाओ तुम दोनो.
 
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सुबह सबसे पहले रीत और करुणा उठ चुकी थी और फ्रेश होकर चाइ पे रही थी.
करुणा-देख तो रीत इस कूटी को रात तो बहुत उछल कर बोल रही थी की मैं सबसे पहले उठुँगी अब देख कैसे बेख़बर सो रही है.
रीत-तू जानती ही है करू(करुणा) इसे और इसकी बातों को.
तभी नीतू अंगड़ाई लेती हुई अपने बेड से उठी और रीत और करुणा को गुड मॉर्निंग विश किया. फिर वो प्राची की तरफ बढ़ी और उसे हिला हिला कर जगाने लगी.
नीतू-उठ अब कूटी मेडम रात तो बहुत बातें कर रही थी सुबह उठने की अब क्या हुआ.
प्राची आँखें मलति हुई उठी और नीतू की गाल पे एक किस करते हुए सबको गुड मॉर्निंग विश किया और बोली.
प्राची-नीतू मॅम मैं सबसे पहले उठ गई थी और मैने आप सब को जगाने की कोशिश भी कि मगर आप तो घोड़े छोड़ो तबेले बेच कर ही सो रही थी इसलिए फिर मैं भी सो गई.
रीत-ओह हो हो बड़ी आई सुबह उठने वाली एक बजाउन्गि कान के नीचे.
प्राची बिस्तेर से उठ कर रीत और करुणा के पास आई और उनकी गालों पे भी प्यार से किस किया और रीत की गाल पे उसने जानबूझ कर अपने दाँत गढ़ा दिए. रीत के मूह से दर्द की वजह से आअहह निकली जैसे ही उसने प्राची को मारने के लिए अपना हाथ उठाया तो प्राची भाग कर वॉशरूम में घुस गई.
प्राची के दवारा काटे जाने से रीत की गाल उस जगह से लाल हो गई जहाँ प्राची ने अपने दाँत गढ़ाए थे. वो लाल निशान उसकी गोरी गाल पे अलग ही दिखाई दे रहा था जो कि रीत को और भी खूबसूरत बना रहा था.
फिर उन्होने चाइ पी और कॉलेज के लिए रेडी होने लगी.
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उधर फ्लॅट में करण और हॅरी कॉलेज के लिए रेडी थे और रेहान अभी रेडी हो रहा था.
करण-अरे यार रेहान तू टाइम बहुत लगता है तैयार होने में.
रेहान-सालो तुम दोनो मुझसे पहले नहा लिए और रेडी हो गये अगर में सबसे लास्ट में नहाउन्गा तो रेडी भी तो लास्ट में ही होउँगा.
करण-चल यार अब बातें मत कर.
रेहान-देख तो सला कैसे उस नीतू को देखने के लिए उतावला हो रहा है. भाई एक बात तो है नीतू के होंठ बहुत खूबसूरत है जी चाहता है कि ज़बरदस्ती उसे पकड़ कर चूस लू.
करण-साले तेरी भाभी है वो. वैसे तू भी इतना रेडी हो रहा है कही आज रीत भाभी को प्रपोज करने के मूड में तो नही है.
रेहान-अरे अभी कहाँ इतनी जल्दी नही यार.
करण-वैसे रीत भाभी है बहुत खूबसूरत क्या मस्त शरीर दिया है भगवान ने उसे.
हॅरी-सालो तुम दोनो बहुत कमीने हो. चलो भी अब.
रेहान-देख देख साला कैसे मारा जा रहा करुणा को देखने के लिए. यार करण करुणा की गान्ड बहुत बड़ी है मेरा बस चले तो मैं तो उसे वहीं टेबल पे झुका कर उसके अंदर डाल दूं.
हॅरी-तुम दोनो दोस्ती के लायक नही हो.
रेहान और करण हंसते हुए.
रेहान-अरे यार हम तो मज़ाक कर रहे थे.
हॅरी-अगर मज़ाक ख़तम हो गया हो तो चले अब.
रेहान-चल यार चल.
वो तीनो कॉलेज की तरफ निकल जाते है.
कॉलेज में पहुच कर रेहान चारो तरफ नज़र दौड़ाते हुए.
रेहान-यार तुम्हारी भाभी कहीं दिखाई नही दे रही आज.
हॅरी-वो सब क्लास में होंगी वहीं चलते हैं.
तभी जोत मॅम उनके पास से गुज़रती है. रेहान मॅम की हिलती हुई गान्ड को देखकर बोलता है.
रेहान-वाह यार क्या मस्त आइटम है ये अगर एक रात के लिए हमारे फ्लॅट पे आ जाए तो मैं तो 20'000रुपये देने के लिए रेडी हूँ इसके.
हॅरी-साला वो थर्कि विकी बहुत लाइन मारता है इसके उपर.
करण-मुझे तो लगता है साले ने चोद दिया होगा इसे.
रेहान-नही नही ये साली इतनी आसानी से हाथ नही आने वाली.
तभी उन्हे सामने की तरफ से रीत एंड पार्टी आती दिखाई देती है रीत उनके पास आकर बोलती है.
रीत-अरे आप लोग यहाँ क्यूँ खड़े हो चलो क्लास नही लगनी क्या.
रेहान-हाँ बस हम क्लास में ही जा रहे थे.
और वो सभी क्लास रूम में पहुच जाते हैं. जोत मॅम पहले से ही वहाँ होती हैं.
रेहान रीत और प्राची के साथ उनके बेंच पे ही बैठ जाता है और बाकी चारो एक ही बेंच पे उनके पीछे बैठ जाते हैं. जोत मॅम पढ़ाना स्टार्ट कर देती है. मगर उनमे से किसी का भी मन पढ़ाई में नही होता है. रेहान तिरछी नज़र से रीत की तरफ देखता रहता है. प्राची उन दोनो के बीच दीवार बन कर बैठी होती है. प्राची भी रेहान के इशारों को समझ रही होती है और कोहनी मार के रीत को छेड़ती रहती है. पीछे भी उन चारो का ध्यान पढ़ाई से ज़्यादा एक दूसरे में होता है. करण यहाँ नीतू को ही घूर रहा होता है वहीं पे हॅरी और करुणा भी एक दूसरे को देखते रहते है. मगर जैसे ही उनकी नज़र एक दूसरे से टकराती है तो वो शरम से नज़रें झुका लेते है. आख़िर लेक्चर ख़तम होता है और उनके एक दूसरे को घूर्ना भी. वो सब उठ कर कॅंटीन की तरफ चल देते हैं.
 
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