Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता - Page 2 - SexBaba
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Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता

11
वो सभी कॅंटीन में बैठे थे. प्राची आज भी उन्हे बख्सने के मूड में नही थी.
प्राची-रेहान आप को पता है आज मॅम ने क्या पढ़ाया था हमे.
रेहान-हां...हां बिल्कुल पता है.
प्राची-ओके तो बताओ ना.
रेहान-वो.....वो...क्या तुमने नही सुना.
प्राची-मुझे समझ नही आया ना इसी लिए आप से पूछ रही हूँ.
रीत-कूटी चुप चाप बैठ जा और अगर समझ नही आया तो मॅम से जाकर पूछ ले.
करुणा-बिल्कुल सही कहा रीत तुमने.
प्राची-वैसे अगर रेहान मुझे बता देगा तो आपको क्या प्रॉब्लम. है.
रीत-तो यहाँ बैठ कर हमे बोर मत कर कही और जाकर रेहान से समझ ले.
प्राची-सोच लो रीत दीदी अगर मैं कहीं और जाने की बजाए कहीं और ही चली गई तो.
नीतू-तो चली जा ना हमे क्या प्रॉब्लम. है.
प्राची-ओके तो चलो रेहान हम पार्क में चल कर बैठते है.
प्राची उठ खड़ी हुई. रेहान जाना तो नही चाहता था मगर उसे प्राची के साथ जाने के लिए उठना पड़ा.
रीत को ये ठीक नही लगा.
रीत-कूटी चुप चाप बैठ जा ये टाइम पढ़ाई का नही मस्ती का है हॉस्टिल रूम में जाकर मैं तुम्हे समझा दूँगी.
प्राची रीत की बात सुनकर मुस्कुराती हुई बैठ गई और रेहान भी बैठ गया.
प्राची-दीदी ये मस्ती वर्ड से आपका क्या मतलब.
रीत-मस्ती मीन्स एंजाय.
प्राची अपनी आँखें नचाते हुए.
प्राची-किसके साथ एंजाय करना चाहती हैं आप.
रीत-आप सब के साथ.
प्राची-दीदी इतनो को कैसे हॅंडल करोगी.
रीत प्राची को थप्पड़ दिखाती हुई.
रीत-एक बजाउन्गि कान के नीचे अगर कुछ और बोली तू.
सभी उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगते हैं.
रेहान की नज़र रीत के गाल पे पड़े लाल निशान के उपर जाती है तो वो पूछता है.
रेहान-रीत ये तुम्हारी गाल पे निशान कैसा.
प्राची-अरे रेहान जी किसी ने गिफ्ट दिया होगा दीदी को.
रीत-ये सब इस कूटी का ही किया धरा है. रेहान तुम्हे पता है ये कुत्तों की तरह काटने भी लगी है आज कल. देखो मेरे गाल पे कैसे दाँत गढ़ाए है इसने.
प्राची-दीदी शूकर करो मैने तो सिर्फ़ गाल पे काटा है अगर कोई और होता(रेहान की तरफ इशारा करते हुए) तो पता नही कहाँ कहाँ काट ता.
प्राची की बात पे सब हँसने लगे.
रीत-कोई बात नही कूटी की बच्ची तेरे अभी दिन अच्छे है जिस दिन मुझे मौका मिल गया ना तेरा मज़ाक उड़ाने का उस दिन देखना तू.
प्राची-अरे दीदी ऐसा मौका कभी नही आएगा.
करुणा-तू देखती जा कूटी हम सब मिलकर ढूंढ़ेंगे तेरे लिए कोई खड़ूस.
नीतू-और वोही तुझे सीधी करेगा.
प्राची-मेरे लिए तो अभी आपका ढूंडना है मगर आपके खड़ूस तो......,
प्राची बोलती बोलती रुक जाती है और मुस्कुराने लगती है.
वो सभी भी प्राची के बिना बोले ही उसकी बात को समझते हुए मंद मंद मुस्कुराने लगते हैं.
कुछ देर उनके बीच शांति पसरी रहती है. फिर रेहान रीत की तरफ देखकर कहता है.
रेहान-रीत क्या हम अपने मोबाइल. नंबर. एक्सचेंज कर सकते है.
करण और हॅरी तो उसकी बात सुनकर शॉक्ड हो जाते है और एक दूसरे की तरफ देख कर आँखों ही आँखों में कहते है 'ये साला मरवाएगा आज'
प्राची-अरे नंबर. दीदी दो ना जल्दी अपना नंबर.
रीत-बाइ दा वे आप करेंगे क्या मेरे नंबर. का.
रेहान-देखो यार हम एक ही क्लास में स्टडी कर रहे हैं और हम फ्रेंड्स भी हैं. अगर मुझे कभी स्टडी के लिए हेल्प चाहिए होगी तो मैं आपसे हेल्प ले लूँगा फोन पे बात करके और आप मेरी हेल्प तो करोगी ही.
रीत-यस श्योर.
और रीत अपना नंबर. रेहान को दे देती है और रेहान उस नंबर. पे मिस कॉल करके रीत को अपना नंबर. सेव करने के लिए बोलता है.
नंबर. एक्सचेंज करने के बाद रीत उठ जाती है बोलती है.
रीत-चलो अब नेक्स्ट लेक्चर का टाइम हो चुका है.
रेहान-ओके आप लोग लगाओ मुझे काम है थोड़ा इसलिए मुझे जाना होगा. करण आप दोनो अगर मेरे साथ आना चाहो तो आ सकते हो.
करण-ओके तो हम भी तुम्हारे साथ चलते हैं.
रीत एंड पार्टी उन को बाइ करती है और क्लास की तरफ चल देती है.
करण, हॅरी, और रेहान अपने फ्लॅट की तरफ चल पड़ते हैं.
फ्लॅट में पहुच कर हॅरी कहता है.
हॅरी-वाह यार रेहान तूने तो कमाल कर दिया रीत का नंबर. भी ले लिया.
रेहान-तुम देखते जाओ तुम दोनो ने करुणा और नीतू का हाथ तक नही लगाया होगा और मैं रीत की चूत के साथ साथ गान्ड भी मार चुका हुंगा.
करण-अबे साले हॅरी अगर रीत और करण की बात आगे बढ़ेगी तो इसमे हमारा भी तो फ़ायदा होगा.
हॅरी-वो कैसे यार.
करण-देख अगर रेहान और रीत एक हो गये तो रेहान रीत से बोलकर नीतू और करुणा के साथ हमारी भी सेट्टिंग करवा देगा क्यूँ रेहान.
रेहान-बिल्कुल यार बस एक बार मेरा नंबर. लगने दो फिर तो सब का 
 
12
हॉस्टिल रूम में रीत एंड पार्टी बैठी थी और करुणा, नीतू न्ड प्राची रीत को छेड़ रही थी.
करुणा-रेहान जीजू तो बड़े फास्ट निकले कूटी मोबाइल. नंबर. भी माँग लिया.
प्राची-करुणा दीदी आप देखती जाओ आज मॉब. नंबर. माँगा है कल को ब्रा आंड पैंटी का नंबर. भी माँग लेंगे जीजू.
नीतू-अरे कूटी अब ब्रा और पैंटी का नंबर. माँगने की क्या ज़रूरत है. अब तो जीजू खुद ही अपने हाथों से नाप लेंगे कि कितने नंबर. की ब्रा और पैंटी दीदी पहनती हैं.
रीत चुप चाप बेड पे टेक लगाए बैठी थी और उनकी बातें सुनकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
नीतू और करुणा रीत के बेड के उपर ही उसके दोनो तरफ बैठी थी. और प्राची उनके बेड पे लेटी हुई थी और उसने अपना सिर रीत की गोद में रखा हुआ था.
करुणा-यार नीतू रीत की किस्मत तो अच्छी है क्यूंकी रेहान पहल तो कर रहा है रीत से बात करने में अपने वाले घून्चु तो कुछ बोलते ही नही.
नीतू-सही कहा करू दीदी मेरे वाला तो बस घूरता ही रहता है मुझे.
करुणा-तेरे वाला घूरता तो है मगर मेरे वाला बुढ़ू तो घूरता तक नही.
प्राची-वैसे करू दीदी अगर आप दोनो कहो तो क्या मैं आपकी तरफ से सीधा पूछ लू उनको.
करुणा-अरे नही नही पागल लड़की.
उधर रीत अपने ही ख्यालों में खोई हुई थी उसे अब करुणा, प्राची और नीतू की बातें सुनाई तक नही दे रही थी.
प्राची ने जब देखा कि रीत तो उनकी बातों पे कोई रेस्पॉन्स नही दे रही है तो उसने कहा.
प्राची-अरे वाह ज़रा इधर देखो करुणा दीदी मेडम अभी से गुम शुदा हो गई.
उसने रीत को हिलाया तो रीत ख़यालों की दुनिया से वापिस लौटी.
प्राची-मेडम हम कब से बकवास कर रहे है मगर आप पता नही कहाँ खोई बैठी थी.
रीत-अरे यार पता नही मुझे आज क्या हो गया है. अच्छा एक बात बताओ तुम तीनो. 'क्या रेहान सच में मुझे चाहता है'
नीतू- दीदी चाहता ही नही तुमपे मरा फिरता है.
प्राची-बिल्कुल सही कहा नीतू ने. दीदी अगर आप अभी भी उसको फोन करके कुछ काम बोलोगि देखना सिर के बल आएगा मजनू.
करुणा-रीत यार तू हमसे क्यूँ पूछ रही है तुम तो बेहतर जानती होगी कि रेहान तुम्हे चाहता है या नही.
रीत-हां मुझे तो ऐसा लगता है कि वो मुझे चाहता है.
करुणा-तो बस फिर अब क्या प्रॉब्लम. है.
रीत-प्रॉब्लम. तो कुछ नही मैं तो बस ऐसे ही पूछ रही थी.
करुणा-ओके अब 11 बज गये है हमे सोना चाहिए.
रीत ने लाइट ऑफ की और सभी अपने अपने बेड पे जाकर लेट गई.
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उधर रेहान वेट कर रहा था करण और हॅरी के सो जाने का ताकि उनके सोने के बाद वो रीत को फोन कर सके वो आज ही अपने दिल की बात रीत को बताना चाहता था.
जैसे ही उसे लगा कि कारण न्ड हॅरी सो चुके है तो वो अपने बेड से उठा और अपना मोबाइल. लेकर फ्लॅट की छत पे चला गया. उसने रीत का नंबर. डाइयल किया. रिंग जाती रही मगर रीत की तरफ से कोई आन्सर नही मिला. रेहान ने सोचा कि रीत सो चुकी होगी. क्यूंकी इस टाइम रात के 12 बज रहे थे. उसने एक दफ़ा और ट्राइ करने की सोची और नंबर. फिर से डाइयल किया.
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उधर रीत की आँख खुली तो उसने देखा उसके मोबाइल. पे किसी का कॉल आ रहा था. उसने आँखें मलते हुए देखा तो उसके मोबाइल की स्क्रीन पे रेहान लिखा आ रहा था. रेहान का नाम देखते ही उसका दिल धड़कने लगा. वो सोचने लगी कि रेहान ने इस वक़्त क्यूँ फोन किया. उसे लगा कि शायद वो किसी मुसीबत में ना हो. वो अपने बेड पे से उठी और पिछला दरवाज़ा खोल कर बाहर निकल गई. एक दरवाज़ा तो उनके रूम को आगे से लगा था जिस से वो रूम के अंदर आती जाती थी. और एक पीछे की तरफ था. सभी रूम्स के पीछे भी कुछ जगह थी ताकि सर्दियों में धूप में वहाँ निकलकर बैठा जा सके. रीत वहाँ आ गई और उसने कॉल रिसेव की.
रीत-हेलो रेहान.
रेहान-हाई रीत कैसी हो.
रीत-मेरा हाल पूछने के लिए इतनी रात को फोन किया.
रेहान-नही अपना हाल बताने के लिए किया रीत.
रीत-क्या हुआ तुम्हारे हाल को.
रेहान-पता नही यार बस कही दिल नही लग रहा.
रीत को अब सारा माजरा समझ आ चुका था और वो मुस्कुराती हुई बोली.
रीत-तो मैं क्या कर सकती हूँ इसमे.
रेहान-अरे आप तो बहुत कुछ कर सकती है.
रीत-तो बताओ क्या कर सकती हूँ.
रेहान-मुझे कुछ स्टडी ही करवा दो.
रीत-अब ये कोई टाइम है स्टडी करने का.
रेहान-तो और क्या करने का टाइम है.
रीत-सोने का टाइम है और मैं सोने लगी हूँ ओके बाइ.
रेहान-अरे रीत रीत सुनो तो.
रीत- हां बोलो क्या है.
रेहान-रीत यार तुम इतना भी नही समझ पा रही कि इतनी रात को एक लड़का एक लड़की से बात कर रहा है तो इसका क्या मतलब हो सकता है.
रीत ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.
रीत-इसका मतलब है कि लड़के का मानसिक संतुलन खराब हो चुका है और लड़की का खराब करने के चक्कर में है.
रेहान-रीत प्लीज़ सीरीयस यार. मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ और तुम बताओ क्या मुझे पसंद करती हो.
रीत की तो धड़कन पूरी तेज़ हो चुकी थी रेहान की बात सुनकर उसे समझ नही आ रहा था कि वो क्या जवाब दे रेहान को.
रीत की तरफ से कोई जवाब ना आता देख रेहान बोला.
रेहान-रीत प्लीज़ यस ओर नो में मुझे जवाब दो या फिर तुम्हारी खामोशी का मतलब मैं ना समझू.
रीत ने अपनी धड़कने कंट्रोल की और बोली.
रीत-रेहान मुझे थोड़ा सोचने का वक़्त दो मैं कल तुम्हे बता दूँगी.
रेहान-इट'स ओके डियर. टेक युवर टाइम. ओके गुड नाइट.
रीत-गुड नाइट.
रीत ने फोन को अपने सीने से लगाकर चूम लिया और जैसे ही अंदर जाने के लिए घूमी तो चौंक गई.
 
रीत ने देखा उसके पीछे प्राची, करुणा न्ड नीतू खड़ी उसकी बातें सुन रही थी. रीत चुप चाप अंदर जाने लगी और जाकर बेड पे बैठ गई. वो तीनो फिर से उसके बेड के पास जाकर खड़ी हो गई और लगातार उसे घूरती रही.
रीत-अरे क्या हुआ तुम को सोना नही है क्या.
प्राची-पहले आप ये बताओ रीत मॅम किस से बातें हो रही थी.
रीत-अरे वो तो रॉंग नंबर. था यार.
नीतू-कोई रॉंग नंबर. के साथ भी इतनी देर बात करता है क्या.
करुणा-रीत बताइए ना कोन था.
रीत-किसकी बात कर रही हो यार आप.
प्राची कूद कर बेड के उपर जा बैठी और रीत दीदी के हाथ पकड़कर बोली.
प्राची-दीदी प्लीज़ बताओ ना क्या कहा रेहान जीजू ने.
करुणा और नीतू भी उसके पास ही बैठ गई.
रीत ने भी सोचा कि अब छुपाने से क्या फ़ायदा.
रीत-अरे यार उसने प्रपोज किया मुझे.
प्राची-रात के 12 बजे.
नीतू-पागल लड़की रात को प्रपोज नही हो सकता क्या.
करुणा-ओके तो तुमने क्या जवाब दिया.
रीत-यार तुम लोगो ने सब कुछ सुन तो लिया अब मुझे क्यू तंग कर रही हो.
प्राची-हम तो आप के मूह से दुबारा सुन ना चाहते है.
रीत-ओके तो सुनो मैने कहा मैं सोच कर कल बताउन्गि.
प्राची-ओह मतलब आग इधर भी लगी है.
रीत ने एक थप्पड़ प्राची की पीठ पे मारा और कहा.
रीत-चुप कर बदमाश कही की.
करुणा-तो अब कल क्या जवाब दोगि उसे.
प्राची-अरे करुणा दीदी कल तो पक्का हां होगी दीदी की तरफ से ये तो आज ही हां बोल देती बस थोड़ा नखरा दिखा रही हैं.
रीत-ओके ओके अब कल देखेंगे सो जाओ अब.
वो सभी उठी और अपने अपने बिस्तेर पे जाकर लेट गई.
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दूसरे दिन कलाज में सभी कॅंटीन में बैठे थे और बातें कर रहे थे. रीत ने आज वाइट कमीज़ और उसके साथ पिंक चुरिदार पहना था जो कि उसके शरीर पे खूब जच रहा था.
रेहान ने सब को चुप रहने को कहा और बोला.
रेहान-रीत मैने आपसे कल कुछ कहा था और आप ने कहा था कि आप उसका जवाब कल यानी कि आज देंगी तो प्लीज़ बताओ क्या जवाब है आपका.
सभी रेहान की बात सुनकर हैरान थे और खास तौर पे रीत की तो धड़कने तेज़ हो चुकी थी.
रेहान-रीत मेडम मैं आपसे कुछ पूछ रहा हूँ.
प्राची ने देखा रीत का तो चेहरा एकदम उड़ा हुया था उसने सोचा आज दीदी की हेल्प करनी चाहिए.
प्राची-देखो मिस्टर. रेहान ये बात तो ग़लत है आपने रात को अकेले में वो बात कही और दीदी को सबके सामने कहने के लिए बोल रहे हो.
ऐसा करते हैं हम सब उठ कर क्लास में चलते है आप और रीत दीदी दोनो बाद में आ जाना.
वो सब उठ गये रीत भी एक बार उठने को हुई मगर रेहान ने उसका हाथ पकड़ के उसे बैठने का इशारा किया.
रेहान-ओके तो रीत अब बताओ क्या सोचा आपने.
रीत ने एक बार अपनी नज़र उठा कर रेहान की तरफ देखा और उनकी नज़रें मिलते ही दोनो मुस्कुराने लगे.
रेहान-रीत अब ब्ताओ भी प्लीज़.
रीत-रेहान पहले आप रात वाली बात दुबारा कहो फिर मैं उसका जवाब दूँगी.
रेहान-ओह वाह. आइ लव यू डार्लिंग.
रीत- आइ लोवे यू टू.
रेहान-हाए यार दिल में घुस गये आपके ये शब्द तो. ओके तो आज हमारे प्यार का पहला दिन है और कुछ पार्टी तो होनी चाहिए ना.
रीत कुछ नही बोली.
रेहान-चलो हम किसी अच्छे से होटेल में चलकर लंच करते हैं.
रीत-नही नही रेहान वो सब क्या सोचेंगे.
रेहान-अरे यार हम एकदुसरे को प्यार करते है उन्हे इस से क्या प्रॉब्लम. हो सकती है.
रीत-लेकिन रेहान...
रेहान-लेकिन वेकीन कुछ नही चलो अब.
रेहान ने रीत का हाथ पकड़ा और अपनी गाड़ी की तरफ चल पड़ा. उसने ड्राइवर के साथ वाली सीट की खिड़की खोली और रीत को बैठने का इशारा किया.
रीत सीट पे बैठ गई और रेहान ने खिड़की बंद की और घूम कर ड्राइवर वाली सीट पे जाकर बैठ गया और गाड़ी किसी होटेल की तरफ दौड़ा दी.
रेहान-ओके तो रीत बताओ कोन्से होटेल में चलना है.
रीत-जो तुम्हे पसंद हो.
रेहान-अरे नही नही आज सिर्फ़ आपकी पसंद चलेगी.
रीत-ओके तो अरोमा में चलते हैं.
रेहान-ओके माइ डार्लिंग अब तो आपके साथ जहन्नुम में भी चला जाउ.
और उसने गाड़ी अरोमा होटेल की तरफ दौड़ा दी. रेहान का लंड इतनी खूबसूरत हसीना के पास बैठे होने से ही पूरा खड़ा था. उसके लंड के खड़े होने की वजह रीत का शरीर भी था क्यूंकी उसकी टाइट कमीज़ में रीत के मम्मे पूरे नुकीले होकर सामने की ओर खड़े थे और टाइट चुरिदार में से रीत की मांसल जंघें सॉफ दिखाई दे रही थी. रेहान का दिल तो कर रहा था कि अभी गाड़ी साइड पे लगाए और गाड़ी में ही रीत को नंगी करके चोद डाले लेकिन इतनी जल्दबाजी उसका खेल बिगाड़ सकती थी. इस लिए वो अपने आप को रोके हुए था. गाड़ी अरोमा होटेल के पास पहुँच चुकी थी और रेहान ने गाड़ी को पार्क किया और रीत का हाथ पकड़ कर होटेल के अंदर जाने लगा.
 
होटेल में रेहान एक प्राइवेट कॅबिन में रीत को ले जाता है और वो दोनो आमने सामने बैठ जाते है.
रेहान लंच ऑर्डर करता है और रीत से कहता है.
रेहान-कुछ और चाहिए तो वो भी ऑर्डर कर दो डार्लिंग.
रीत-बस रेहान और कुछ नही.
इतने में वेटर खाना लेकर आता है और उन्हे खाना सर्व करके वहाँ से चल देता है. दोनो खाना खाने लगते हैं.
खाना खाने के बाद रीत रेहान को चलने के लिए बोलती है. रेहान उसे बैठे रहने को कहता है और उसका हाथ पकड़ कर एक रिंग अपनी जेब से निकालकर रीत की उंगली मे डाल देता है और कहता है.
रेहान-लो डार्लिंग ये हमारे प्यार की पहली निशानी अब बताओ आपका गिफ्ट कहाँ है.
रीत अपना सिर खुजाति हुई बोलती है.
रीत-मैं तो कुछ लेकर ही नही आई. कल ले आउन्गि.
रेहान-नो नो ये सब नही चलेगा. अगर गिफ्ट नही लाई तो कोई बात नही आप ही हमारे लिए गिफ्ट से कम नही.
और रेहान रीत को उसकी चेर पे से उठाता है और अपनी बाहों में थाम लेता है. उसकी बाहें रीत के दोनो तरफ से होती हुई उसकी पीठ पे कस जाती है और रीत रेहान की इस हरकत के लिए तैयार नही होती है और उसे दूर धकेलने की कोशिश करती हुई कहती है.
रीत-ये क्या कर रहे हो रेहान छोड़ो मुझे.
रेहान-अरे डार्लिंग अब गिफ्ट तो चाहिए ही मुझे.
और इतना कहते हुए रेहान ने रीत के होंठों पे अपने होंठ टिका दिए और उन्हे अपने होंठों में लेकर चूसने लगा. रीत कुछ देर अपना चेहरा उस से दूर हटाने की कोशिश करती रही लेकिन रेहान ने अपने होंठों के बीच रीत के होंठों को जाकड़ रखा था इस लिए रीत अपने होंठ उसके होंठों में से अपने होंठ छुड़ा नही पा रही थी. रेहान तो रीत के नरम नरम होंठ चूसने में मस्त था. रीत का विरोध भी अब कम हो चुका था और वो रेहान का साथ देने लगी थी. रेहान को जब लगा कि रीत अब मस्त हो चुकी है तो उसने अपने हाथ धीरे से नीचे किए और रीत के चुतडो को अपने हाथों में लेकर ज़ोर से मसल दिया. जैसे ही रेहान ने रीत के चूतड़ ज़ोर से मसले तो रीत के पैर रेहान के ज़ोर से मसल्ने की वजह से हवा में उठ गये. जब उसे रेहान के हाथों का एहसास अपने चुतडो पे महसूस हुया तो रीत छटपटाने लगी और रेहान को अपने से दूर धकेलने लगी. मगर वो अपने आप को रेहान की गिरफ़्त में से छुड़ा नही पा रही थी. रीत के नरम नरम चुतड़ों को मसल्ते हुए रेहान का लंड पूरा अकड़ चुका था और उसके लंड में से पानी टपकने लगा था. रीत ने अपने होंठ रेहान के होंठों में से आज़ाद किए और रेहान की छाती में मुक्के मारती हुई बोली.
रीत-रेहान प्लीज़ छोड़ो मुझे वरना मैं तुम्हे कभी नही बुलाउन्गि.
रेहान ने देखा कि रीत की आँखों में अब गुस्सा आ चुका था. उसने रीत को छोड़ना ही बेहतर समझा. रेहान की बाहों में से आज़ाद होकर रीत चेर पे बैठ गई और अपनी साँसें कंट्रोल करने लगी और बोली.
रीत-रेहान आपकी ये हरकत मुझे अच्छी नही लगी.
रेहान-माइ डार्लिंग सॉरी मगर तुम हो ही इतनी खूबसूरत मैं खुद को कंट्रोल नही कर पाया.
रीत-ओके अब हमे चलना चाहिए.
रेहान-ओके डार्लिंग चलो अब.
वो दोनो वहाँ से निकले और गाड़ी में बैठ गये और गाड़ी चल पड़ी.
रेहान-डार्लिंग बताओ अब कॉलेज चले क्या.
रीत-यस पता नही वो लोग क्या सोच रहे होंगे.
रेहान-अरे यार तुम उनकी चिंता क्यूँ करती हो.
वो दोनो कॉलेज में पहुचे तो कॅंटीन की तरफ चल पड़े. जब कॅंटीन में पहुचे तो सभी मंडली वही बैठी थी. जैसे ही वो दोनो उनके पास पहुचे तो प्राची सबसे पहले बोली.
प्राची-अरे मेडम कहाँ गई थी आप.
वो दोनो कुछ नही बोले और उनके साथ बैठ गये.
प्राची ने रीत को पकड़कर हिलाया और फिरसे बोली.
प्राची-मेडम मैं आपसे कुछ पूछ रही हूँ.
रेहान रीत को चुप बैठी देख बोला.
रेहान-अरे यार कुछ नही बस हम लंच करने गये थे.
करुणा-अकेले अकेले.
रेहान-अरे यार अब आप सब से क्या छुपाना. असल में बात ये है कि मैं तो रीत को प्यार करता ही था आज रीत ने भी मेरा प्यार स्वीकार कर लिया और इसी खुशी में हम सेलेब्रेट कर रहे थे.
कारण-अरे वाह फिर तो पार्टी हो गई रेहान मिया.
रेहान-बिल्कुल जी पार्टी तो करेंगे ही हम.
फिर वो ऐसे ही बातें करते रहे और फिर उठ कर एक दूसरे को बाइ बोलते हुए अपने अपने ठिकाने की ओर चल पड़े. रीत जानती थी कि आज उसकी पूरी खिचाई होने वाली थी हॉस्टिल रूम में और वो अपने आप को उस होने वाली खिचाई के लिए रेडी कर रही थी.
 
जोत मॅम को आज फिरसे एक फाइल देने विकी सर के पास जाना था उसने इस बार भी किसी लड़की को ही भेजना सही समझा. वो किसी लड़की को ढूंड रही थी कि उसे रीत एंड पार्टी कॉलेज से हॉस्टिल की तरफ जाती दिखाई दी.
मॅम ने उन्हे आवाज़ देकर पास बुलाया और करुणा के हाथ में एक फाइल पकड़ा दी और उसे सर को जाकर देने के लिए कहा. करुणा मॅम से फाइल लेकर वो सर के कॅबिन की ओर चल पड़ी.
करुणा-मे आइ कम इन सर.
विकी ने एक बार करुणा की ओर देखा करुणा ने एक टाइट जीन्स पहनी थी और उसके साथ टाइट ब्लॅक टी-शर्ट पहनी थी. करुणा को देखते ही विकी का लंड हरकत करने लगा उसने पॅंट के उपर से ही लंड मसल्ते हुए कहा.
सर-यस कम इन.
करुणा ने फाइल सर के टेबल पे रखते हुए कहा.
करुणा-सर ये फाइल दी है मॅम ने और आपको देने के लिए कहा था.
सर-अच्छा तो तुम मुझे देने आई हो.
करुणा-जी सर.
करुणा ठर्की विकी की बात को नही समझ पाई और जब उसे समझ आई तो वो शरम से लाल हो गई.
सर-तो दो ना मैं तो कब का बैठा हूँ लेने के लिए.
करुणा-जी वो मैने दे तो दी.
करुणा के मूह से दूसरी बार ग़लत शब्द निकल पड़े.
सर-अरे मेरे पास आकर मुझे दो ना यहाँ से कैसे दोगि.
करुणा ने टेबल के उपर से फाइल उठाई और डरते डरते सर की कुर्सी के पास पहुच कर फाइल उन्हे पकड़ा दी.
विकी ने फाइल टेबल पे रखते हुए कहा.
सर-फाइल तो दे दी मगर मैं तो कुछ और भी लेना चाहता हूँ.
करुणा एकदम सकपका गई और बोली.
करुणा-जी मैं समझी नही.
सर ने अपना हाथ अपने पास खड़ी करुणा के चुतड़ों पे रखा और जीन्स के उपर से ज़ोर से मसल्ते हुए कहा.
सर-अब तो समझ गई ना आ जाओ अब गोद में.
करुणा की आँखें गुस्से से लाल हो गई और उसने सर का हाथ झटकते हुए एक जोरदार तमाचा उनकी गाल पे जड़ दिया. तमाचा इतना जोरदार था कि विकी सर ने आँखों पे जो चश्मा पहना था वो खिसक कर उनके होंठों के पास आ गया. करुणा जल्दी से कॅबिन से बाहर निकल गई. विकी सर ने अपना चश्मा ठीक किया और तमाचे के दर्द ने उन्हे ये सोचने पे मज़बूर कर दिया कि उसे ठर्की पना छोड़ देना चाहिए.
हॉस्टिल रूम में पहुच कर वो तीनो रीत के इर्द-गिर्द बैठ गई.
प्राची-दीदी बताओ ना आज क्या किया जीजू ने.
रीत-अरे तुम्हे क्या मैं इतनी शरीफ लगती हूँ कि पहली मुलाक़ात में ही तेरे जीजू को सब कुछ दे दूँगी.
नीतू-दीदी सब कुछ ना सही कुछ तो दिया ही होगा.
करुणा-तेरी गालों की लाली साफ बता रही है रीत कि आज कुछ ना कुछ तो हुआ है.
रीत-करू तुम भी इनके साथ मिल गई.
करुणा-तुम बात को घूमाओ मत सीधी तरह बताओ कि आज क्या क्या हुया.
रीत-अरे यार हमने सिर्फ़ किस किया बस और कुछ नही.
प्राची रीत के होंठों पे उंगली फिरते हुए.
प्राची-अरे वाह क्या किस्मत है जीजू की जिन्होने इन होंठों को चूसा होगा आआहह.
रीत ने उसका हाथ दूर झटक दिया और बोली.
रीत-ज़्यादा मज़े मत ले इतनी ही गरम है तो पटा ले किसी को फिर लेना उसके होंठों का मज़ा.
प्राची-अरे मेरे होंठों पे तो सिर्फ़ मेरे पातिदेव का ही हक होगा.
रीत-बस बस चलो अब डिन्नर करने चले.
और वो डिन्नर करने चली गई.
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उधर फ्लॅट में हाल हॉस्टिल रूम के जैसा ही था.
करण-अरे रेहान यार तो तो यार छुपा रुरतम निकला रीत को पटा भी लिया.
हॅरी-अरे पटाया क्या चूस भी दिया.
रेहान-केवल चूसा ही नही उसकी नरम नरम गान्ड भी मसली. आअहह क्या क्या मस्त चूतड़ है साली के. इसकी तो मैं बहुत जल्द ले लूँगा अगर नही मानी तो साली की ज़बरदस्ती ले लूँगा.
करण-यार तेरा तो काम अब सेट है कुछ हमारा भी सोच यार.
हॅरी-हाँ यार तू बात कर ना रीत से.
रेहान-करूँगा यार आज ही करूँगा बस.
करण-अरे वाह अब तो सबर नही होता.
हॅरी-सही बात है करण अब तो दिल चाहता है कि करुणा को ज़ोर से अपनी बाहों में जाकड़ लू और चूस चूस कर उसको लाल कर दू.
रेहान-बस साले ज़्यादा सपने मत देख क्या पता तुझसे पहले कितनो ने उसे लाल किया होगा. देखा नही कितनी बड़ी गान्ड है साली कि मुझे तो लगता है कि ज़रूर चुदवाती रही होगी स्कूल में.
हॅरी बुरा सा मूह बनाकर.
हॅरी-यार वो ऐसी लड़की नही है वो बहुत शरीफ है.
करण-कुछ भी हो मेरे वाली तो फ्रेश पीस है.
रेहान-वो नीतू. साले एक नंबर. की चालू है उसकी नज़र देखी है कैसे हवस से भरी रहती है.
करण को रेहान की बात पे गुस्सा आ जाता है.
करण-साले तेरी वाली कोन्सि सती सावित्री है जिसने पहले दिन ही तुम जैसे से अपनी गान्ड मसलवा ली वो क्या शरीफ होगी.
रेहान उसकी बात सुनकर हँसने लगा.
रेहान-सालो मैं मज़ाक कर रहा था मगर तुम तो सीरीयस हुए बैठे हो.
करण और हॅरी भी उसकी बात सुनकर हँसने लगते हैं.
 
रात के 10 बज रहे थे और रीत एंड पार्टी बैठी बातें कर रही थी. तभी रीत का मोबाइल रिंग करने लगा.
प्राची-लो आ गया जीजू का फोन.
रीत ने प्राची की पीठ पे थप्पड़ मारा और फोन उठा कर पिछले दरवाज़े से बाहर निकल गई और फोन रिसेव किया.
रीत-हेलो.
रेहान-हेलो डार्लिंग.
रीत-फोन क्यूँ किया.
रेहान-अरे आपसे प्यार करते है यार क्या फोन भी नही कर सकते.
रीत-फोन तो कर सकते हो मगर आज जो तुमने करने की कोशिश की वो नही कर सकते.
रेहान-ओह हो तो मेरी डार्लिंग उसी बात को लेकर खफा है. अरे सॉरी जानू दुबारा आपकी मर्ज़ी के बिना कुछ नही होगा.
रीत-ओके ये हुई ना बात और बताओ क्या कर रहे थे.
रेहान-बस होटेल में तुम्हारे साथ हुए रोमॅन्स को सोच कर एग्ज़ाइटेड हो रहा था.
रीत-बस बस अब ज़्यादा रोमॅंटिक मत बनो और बताओ करण और हॅरी क्या कर रहे हैं.
रेहान-अरे हां यार उनके नाम से याद आया मुझे उनकी सिफारिश डालनी थी आपके पास.
रीत-सिफारिश वो किस बात के लिए.
रेहान-अरे यार सीधी सी बात है अपना करण नीतू के पीछे पागल है और हॅरी करुणा को चाहता है तो तुम मुझे नीतू और करूणा से बात करके बताना कि उनके दिल में क्या है.
रीत-अरे वह दोनो भी मजनू बने फिरते हैं.
रेहान-अरे जब आपके जैसी हसीना मटक मटक कर सामने चलती हो तो बूढ़ा भी मजनू बन जाए.
रीत-शट अप. एडियट कही के.
रेहान-जब तुम गुस्से में बोलती हो तो बहुत कातिल लगती हो जानेमन.
रीत-बस बस ज़्यादा होशियार मत बना करो.
रेहान-अरे आपके सामने कहा चलती है हमारी होशियारी.
रीत-तो मेरे सामने क्या चलता है.
रेहान-तुम्हारे सामने तो बस मेरा लंड ही चलता है बस वो ही एक है जो तुम्हारे सामने खड़ा रहता है हमे तो तुम घायल कर के गिरा देती हो.
रीत-मैने तुम्हारी बकवास सुन ने के लिए नही आपका फोन उठाया समझ गये ना ओके बाइ अब मैं रख रही हूँ.
और रीत ने मुस्कुराते हुए कॉल डिसकनेक्ट कर दी और अंदर करुणा, नीतू न्ड प्राची के पास आकर बैठ गई.
प्राची-रीत दीदी क्या कहा जीजू ने.
रीत-एक खुश खबरी है.
प्राची- खुश खबरी. कहीं आप प्रेगनेंट तो नही हो गई दीदी.
रीत ने ज़ोर से एक मुक्का प्राची की पीठ पे मारा.
रीत-प्रेगनेंट तो तभी हूँगी ना जब कोई प्रेगनेंट करेगा. बेबकूफ़.
करुणा-तो दीदी क्या बात है बताओ ना.
रीत ने झूठ बोलते हुए कहा.
रीत-रेहान ने मुझे कहा है कि करण करुणा को न्ड हॅरी नीतू को पसंद करता है. और वो तुम्हारे साथ फ्रेंड्शिप करना चाहते हैं.
नीतू हैरान होकर बोली.
नीतू-क्या वो बुद्दु हॅरी मुझे पसंद करता है मुझे नही करनी उस घोन्चु से फ्रेंड्शिप.
करुणा नीतू को थप्पड़ दिखाते हुए.
करुणा-एक बजाउन्गि कान के नीचे अगर हॅरी को कुछ बोला.
नीतू-अरे दीदी पर मुझे करण पसंद है.
करुणा-हॅरी को घोन्चु बोलती है ये करण तो जैसे बहुत सलमान ख़ान है.
रीत उनकी बातें सुनकर हँसती रहती है जब वो दोनो एक दूसरे के साथ झगड़ने से नही रुकती तो वो उन्हे टोकते हुए बोलती है.
रीत-अरे बाबा मुझसे बताने में ग़लती हो गई करण नीतू और हॅरी करुणा के साथ फ्रेंड्शिप करना चाहता है.
उसकी बात सुनकर दोनो का चेहरा खिल उठता है.
करुणा-तुम भी ना रीत बहुत चालू हो जान बुझ कर पहले ग़लत बोल दिया.
प्राची को तो जैसे बस मौका चाहिए था रीत की खिचाई करने का करुणा के मूह से जैसे ही उसने रीत को कहा चालू शब्द सुना तो वो बोली.
प्राची-अरे करुणा दीदी रीत दीदी तो इतनी चालू है कि एक बार.
उसने बात बीच में ही छोड़ दी क्यूंकी उसने देखा कि रीत उसकी तरफ ऐसे घूर रही थी जैसे उसे खा ही जाएगी.
रीत-तू बहुत बदमाश हो गई है कूटी यहाँ आकर.
प्राची-दीदी आप मेरी बात छोड़ो ये बताओ कि अब करुणा दीदी न्ड नीतू को वो दोनो प्रपोज कब कर रहे हैं.
रीत-ये तो उसने कुछ नही बताया.
प्राची-तो फिर कुछ इंतेज़ाम करो ना. वैसे भी कल सनडे है कही घूमने का प्लान बनाते है. वहीं इनके प्यार का इज़हार भी हो जाएगा.
रीत-वैसे आइडिया अच्छा है.
प्राची-तो फिर जल्दी जीजू को फोन मिलाओ और घूमने का प्लान पक्का करदो.
रीत कुछ सोच कर रेहान का नंबर. डाइयल करती है.
रेहान-हाई जानेमन पहले तो बहुत गुस्से में फोन कट किया था इतनी जल्दी याद आ गई मेरी.
रीत-बकवास बंद करो और काम की बात सुनो.
रेहान-अरे सूनाओ जी.
रीत-कल सनडे है तो कल हम सब घूमने जाना चाहते है.
रेहान-प्लान तो अच्छा है मगर ऐसा करते है हम सब की जगह सिर्फ़ हम चलते हैं डार्लिंग.
रीत-हम सब मतलब हम सब. आई समझ.
रेहान-ओक डार्लिंग बताओ कब आउ गाड़ी लेकर.
रीत-गाड़ी में हम सब कैसे जाएँगे. बस से चलेंगे.
रेहान-अरे डार्लिंग में बड़ी गाड़ी ले आउन्गा अपने एक दोस्त की.
रीत-ओके फिर ठीक है. तुम सुबह 10 वजे उन दोनो का साथ लेकर आ जाना.
रेहान-ओके डार्लिंग और कुछ.
रीत-बस और कुछ नही. बाइ.
रेहान-बाइ.
 
17
नेक्स्ट डे पूरे टाइम पे रेहान करण न्ड हॅरी हॉस्टिल में रीत एंड पार्टी को लेने अपनी स्कॉर्पियो में पहुच गये. वो गाड़ी में ही बैठ कर उनका वेट कर रहे थे. सामने से उन्हे रीत एंड पार्टी आती हुई दिखाई दी और उन्हे देखकर उनके मूह खुले के खुले ही रह गये.
रीत ने आज एक वाइट टाइट फिटिंग की शर्ट के साथ टाइट ब्लू जीन्स पहनी थी. रीत को देखकर ही रेहान का लंड सलामी देने लगा था. उसने आज पहली बार रीत को जीन्स पहने देखा था.
करुणा ने भी आज आग लगा रखी थी उसने रेड टॉप के साथ घुटनो से थोड़ी उची वाइट स्कर्ट पहनी थी और उसकी मांसल और गोरी जांघे थोड़ी थोड़ी दिखाई दे रही थी जो कि उन तीनो लड़को की होश उड़ाने के लिए काफ़ी थी.
करुणा न्ड रीत ने अगर आग लगाने का काम किया था तो नीतू भी कहाँ पीछे रहने वाली थी. उसने टाइट ऑरेंज चुरिदार के साथ एक टाइट वाइट कमीज़ पहना था. नीतू का चुरिदार उसके चुतड़ों पे इतना टाइट था कि उसके नीचे पहनी ब्लॅक पैंटी भी दिखाई दे रही थी.
प्राची भी किसी से पीछे रहने वाली नही थी उसने एक ग्रीन टॉप के साथ घुटनो से काफ़ी उची ब्लॅक स्कर्ट पहनी थी उसकी जाँघो सॉफ तौर पर दिखाई दे रही थी.
रेहान एंड पार्टी के लंड तो उन्हे देखकर ही पॅंट फाड़ने पे उतारू हो रहे थे.
रीत आकर सबसे आगे बैठ गई क्यूंकी रेहान ड्राइव कर रहा था इसलिए रीत को तो आगे ही बैठना था.
प्राची, करुणा न्ड नीतू बीच वाली सीट पे बैठ गई और हॅरी न्ड कारण पीछे डिग्गी में जाकर बैठ गये और गाड़ी चल पड़ी. रेहान ने पूछा.
रेहान-रीत बताओ आप लोगो को कहाँ चले.
रीत-कहीं भी चलो.
रेहान-ओके पहले रोज़ गार्डन चलते हैं फिर लेक पे चलेंगे फिर लंच देन मूवी देखेंगे न्ड देन हॉस्टिल.
करुणा-नही जीजू मूवी रहने दो लेट हो जाएँगे तो हॉस्टिल में एंट्री नही मिलेगी.
रेहान-ओके जी जैसा आप चाहो.
वो सभी रोज़ गार्डेन पहुच चुके थे. रेहान इसलिए उन्हे रोज़ गार्डेन लेकर आया था क्यूंकी आज उसने करण और हॅरी को बता दिया था कि नीतू और करुणा रेडी है इसलिए आज उन्हे प्रपोज करने के लिए कहा था और रोज़ गार्डेन तरह तरह के रोज़स वाली जगह थी और प्यार का इज़हार करने के लिए पर्फेक्ट प्लेस थी. वो सभी रोज़ गार्डेन के अंदर पहुच गये और घूम घूम कर देखने लगे. कुछ लोग और भी थे जिनमे से कुछ टेबल'स के उपर बैठे थे और कुछ घूम फिर रहे थे और कुछ ऐसे भी थे जो पेड़ और झाड़ियों में छिपे हुए एक दूसरे से लिपट रहे थे. वो सभी जाकर एक टेबल पे बैठ गये और बातें करने लगे. रेहान ने आँखों ही आँखों में रीत को इशारा किया और रीत उसका इशारा समझती हुई बोली.
रीत-ओके करू न्ड नीतू तुम दोनो बैठो और हॅरी और करण भी तुम्हारे साथ ही बैठे है हम ज़रा घूम फिर के आते हैं. और रेहान, रीत न्ड प्राची वहाँ से उठ कर चल पड़े.
अब टेबल पे सिर्फ़ वो चारो बैठे थे. एक तरफ हॅरी और करण न्ड दूसरी तरफ नीतू और करुणा.
कोई कुछ नही बोल रहा था. ऐसे ही 5 मिनट बीत चुके थे. जब कोई कुछ बोल ही नही रहा था तो करुणा हारकर बोली.
करुणा-हॅरी इन दोनो को बैठने दो चलो हम भी चलते है.
हॅरी तो जैसे इस बात का इंतेज़ार ही कर रहा था. वो उठा और करुणा के साथ चल पड़ा. अब टेबल पे सिर्फ़ नीतू न्ड करण थे. करण ने बात शुरू की.
करण-नीतू मैं काफ़ी दिन से आपको कुछ कहना चाहता था लेकिन कह नही पाया मगर आज ज़रूर कहूँगा.
नीतू-तो कहिए ना.
कारण-नीतू मैं तुम्हे पसंद करता हूँ क्या आप भी मुझे चाहती हैं.
नीतू शर्मा गई और नज़रे झुककर मुस्कुराने लगी.
कारण-प्लीज़ नीतू बताओ ना या फिर तुम्हारी मुस्कान को ही तुम्हारी हां समझू.
नीतू-यस करण मैं भी आपको पसंद करती हूँ न्ड........आइ लव यू.
कारण तो खुशी से झूम उठा और उसने नीतू के हाथ अपने हाथों में लेकर जवाब दिया.
कारण- आइ लव यू टू नीतू.
**********
हॅरी न्ड करुणा गार्डेन में बनी सड़को पे टहल रहे थे और आपस में बातें कर रहे थे मगर अपने दिल की बात एकदुसरे से करने की हिम्मत जुटा रहे थे. कुछ हिम्मत जुटाते हुए हॅरी ने बात शुरू की.
हॅरी-करुणा मैं आपको एक बात कहूँ.
करुणा-यस कहो प्लीज़.
हॅरी-करुणा आपने कभी लाइफ में किसी के साथ प्यार किया.
करुणा एकदम चौंक गई और कुछ सोचकर बोली.
करुणा-यस.
हॅरी का तो जैसे दिल ही बैठ गया करुणा की बात सुनकर. वो धीरे से बोला.
हॅरी-किसके साथ.
करुणा-है एक लड़का.
हॅरी-मतलब आप अब भी उसके साथ रीलेशन में हो.
करुणा-यस.
हॅरी को तो रोना आ रहा था मगर वो दिल को मज़बूत किए बात कर रहा था.
हॅरी-कोन है वो खुशनसीब.
करुणा-नाम भी जान ना चाहोगे.
हॅरी-अगर आप बताना चाहो.
करुणा-ओके तो सुनो उसका नाम है हॅरी.
हॅरी एक बार तो चौक गया मगर उसने सोचा कि क्या पता कोई और हॅरी हो.
हॅरी-क्या करता है वो.
करुणा-स्टडी कर रहा है यार.
हॅरी-ओके गुड.
करुणा-ये नही जान ना चाहोगे कि वो इस वक़्त कहाँ है.
हॅरी-सब ठीक तो है ना.
करुणा ने मुस्कुरकर हॅरी का हाथ पकड़कर कहा.
करुणा-सब ठीक है और वो इस वक़्त मेरे साथ रोज़ गार्डेन में टहल रहा है.
हॅरी का दिल तो जैसे खुशी के मारे नाचने लगा और उसने बिना सोचे समझे करुणा को गले लगा लिया न्ड करुणा भी उसके आगोश में समा गई. जब हॅरी को थोड़ा होश आया तो उसने तुरंत करुणा को छोड़ दिया और बोला.
हॅरी-सॉरी करुणा मुझे खुशी में पता ही नही चला.
करुणा-इट'स ओके हॅरी.
चलो अब वापिस चलते हैं.
 
रीत न्ड प्राची को रेहान रोज़ गार्डेन से बाहर लाकर उसके साथ ही बने एक और पार्क शांति कुंज में ले गया था. शांति कुंज पार्क काफ़ी घना था पेड़ो से भरा हुआ और उसके अंदर पहुचते ही रीत को अंदाज़ा हो गया था रेहान उसे यहाँ पे क्यूँ लेकर आया है. मगर उसके अंदर एक डर था कि क्या रेहान प्राची के सामने ही उसके साथ छेड़ छाड़ करेगा. और अगर ऐसा हुआ तो प्राची तो हॉस्टिल में जाकर उसकी बुरी हालत कर देगी. रेहान का चेहरा भी मुरझाया सा था क्योंकि प्राची उसे कबाब में हड्डी लग रही थी. ये बात प्राची ने भी नोटीस की थी रेहान के चेहरे आए मुरझाए पन को देखकर. उसने कुछ सोचा और सामने बैठने के लिए बने एक बेंच पे बैठती हुई बोली.
प्राची-रीत दीदी आप लोग आगे घूम आओ मैं तो यहीं बैठूँगी मेरी तो टाँगें दर्द करने लगी हैं.
रेहान की आँखें प्राची की बात सुनकर चमक उठी और उसने सोचा कि उसकी साली तो बड़ी समझदार है.
रीत ने जैसे ही रेहान के साथ अकेले आगे जाने के बारे में सोचा तो उसकी धड़कन तेज़ हो गई और वो बोली.
रीत-अरे कूटी चल ना हम थोड़ी दूर तक ही तो घूमेंगे बस.
प्राची-नही दीदी प्लीज़ आप दोनो जाओ ना.
रेहान-अरे चलो ना रीत हम बस थोड़ी दूर तक जाएँगे और फिर वापिस आ जाएँगे तब तक कूटी यहाँ बैठ कर आराम कर लेगी.
प्राची-बिल्कुल दीदी सही कहा जीजू ने.
रीत-ओके मगर यही बैठना और अगर कोई शरारत की तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.
प्राची-ऑफ हो दीदी अब जाओ भी हर बार मुझे ऐसे डाँट ती रहती हो जैसे मैं कोई बच्ची हूँ.
रेहान और रीत उसकी बात सुनकर मुस्कुराए और आगे निकल गये.
प्राची बेंच पे बैठी थी तभी उसकी नज़र सामने बैठे एक प्रेमी जोड़े के उपर पड़ी. प्राची बेंच पे बैठी थी और उस से कुछ दूरी पे एक छोटी सी नहर बनाई हुई थी जिसमे पानी था और उसके किनारों पे पेड़ लगे हुए थे जो कि बहुत घने थे और प्राची के बिल्कुल सामने नहर की दूसरी ओर वो प्रेमी जोड़ा एक दूसरे से लिपट रहा था. प्राची और वो दोनो बिल्कुल आमने सामने थे बस उनके बीच एक छोटी सी नहर थी. लड़का कोई कॉलेज बॉय लग रहा था जबकि लड़की ने एक स्कूल की ड्रेस पहनी हुई थी और उसका स्कूल बॅग भी उनके पास ही पड़ा था. प्राची ने उनके काम में खलल डालने की सोची और कुछ पत्थर उठा कर अपने पास रख लिए और एक पत्थर धडाम से पानी में दे मारा और उसकी काफ़ी आवाज़ आई. वो दोनो झट से एकदुसरे के अलग हो गये. उन्होने प्राची की तरफ देखा तो प्राची दूसरी तरफ देखने लगी जैसे उसने कुछ किया ही ना हो.
कुछ देर के बाद वो फिरसे एक दूसरे को लिपटने को हुए तो प्राची ने एक और पत्थर उठा कर पानी में फेंक दिया और वो फिरसे अलग हो गये. ऐसे ही 5 बार प्राची ने उनको लिपटने से रोका और वो बेचारे परेशान होकर वहाँ से उठ कर चले गये.
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रीत न्ड रेहान एक पेड़ के नीचे बैठे थे उनके आस पास कई पेड़ थे जिनकी वजह से वहाँ पे घूम फिर रहे लोगों की नज़र उन के उपर नही पड़ रही थी. वो आमने सामने बैठे थे और रेहान की नज़र रीत की वाइट शर्ट में क़ैद उसके मम्मों के उपर थी. उसके मम्मे शर्ट को फाड़कर बाहर निकलने को हो रहे थे. और टाइट शर्ट में ये अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि उसके मम्मे काफ़ी बड़े बड़े हैं. रेहान को अपनी छातियों को घूरता देख रीत का दिल ज़ोर से धड़कने लगा और वो अपने घुटनो को मोड़ कर बैठ गई ताकि अपनी छातियों को रेहान की तीखी नज़र से बचा सके. लेकिन ऐसे करने से उसने अपनी छातियों को तो रेहान की नज़र से बचा लिया मगर घुटनो के मूड जाने से उसकी जीन्स मे क़ैद उसके गोल गोल चूतड़ उसकी दोनो टाँगों के साइड से दिखने लगे जिन्हे देखते ही रेहान के लंड ने सलामी देनी शुरू कर दी. रेहान ने अपना लंड मसल्ते हुए कहा.
रेहान-रीत डार्लिंग पास आओ ना.
रीत-क्यू यहाँ पे कोई प्रॉब्लम. है क्या.
रेहान-आओ ना डार्लिंग.
रीत-मैं नही आने वाली.
रेहान ने अपने दोनो हाथों से रीत के पैरों के पास उसकी दोनो टाँगें पकड़ ली.
रीत-क्या कर रहे हो रेहान छोड़ो प्लीज़.
रेहान घुटनो के बल बैठ गया और उसको उसी तरह से पकड़े हुए बोला.
रेहान-आख़िरी बार कह रहा हूँ प्लीज़ पास आओ ना.
रीत जीभ निकालकर उसको चिड़ाते हुए.
रीत-मैं नही आने वाली.
रीत की बात सुनते ही रेहान ने उसकी दोनो टाँगों को अलग किया और उसे ज़ोर से अपनी तरफ खीच लिया. इस तरह करने से रीत के चूतड़ ज़मीन पे रगड़ गये और उसके मूह से एक दर्द भरी आहह निकली. अब रेहान घुटनो के बल बैठा था और रीत की दोनो टाँगें उसकी कमर के इर्द-गिर्द थी और वो ज़मीन पे तक़रीबन लेटी हुई थी. रेहान का लंड और रीत की चूत एक दूसरे से सटे हुए थे बस उनके बीच सिर्फ़ कपड़े थे. रीत ने 3-4 मुक्के रेहान की छाती पे मारे और रेहान ने उसकी बाहें पकड़ कर अपने होंठ रीत के होंठों पे टिका दिए और उन्हे चूसने लगा रीत कुछ देर नीचे तड़पति रही मगर फिर वो शांत हो गई. रेहान ने उसके होंठ छोड़ दिए और थोड़ा नीचे होकर उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा. रीत ने उसके हाथ पकड़ कर कहा.
रीत-प्लीज़ रेहान रहने दो अगर किसी ने देख लिए तो.
मगर तब तक रेहान 3 बटन खोल चुका था और उसने बिना रीत की बात का जवाब दिए उसकी शर्ट को बीच में से पकड़ कर साइड पे किया तो नीचे रीत के गोरे गोरे मम्मे रेड ब्रा में क़ैद उसे दिखाई दिए. तभी वहाँ कुछ आहट हुई और रीत को 2 लड़के उस तरफ आते दिखे रीत ने रेहान को अपने उपर से टा दिया और खड़ी होकर बटन बंद किए और रेहान को लेकर प्राची की तरफ चल पड़ी.
 
19
रीत न्ड रेहान प्राची के पास आए और उसे साथ लेकर बाकी की पार्टी की तरफ चल पड़े. उनके पास पहुच कर रीत ने कहा.
रीत-ओके तो चले अब.
करुणा-यस रीत.
वो सभी उठ कर खड़े हो गये और करण बोला.
करण-अरे यार अभी तो हमे लेक पे भी जाना है न्ड देन लंच भी तो करना है.
रीत-नही करण लेक पे रहने देते हैं काफ़ी देर हो जाएगी.
प्राची-मुझे तो भूख लगी है मुझे खाना खाना है बस.
रेहान-ओके तो हमारी प्यारी साली साहिबा हम सब लंच के लिए चलते हैं.
वो सभी गाड़ी में बैठे और एक रेस्टौरेंट में जाकर बैठ गये और सभी ने अपनी अपनी पसंद का खाना ऑर्डर किया और खाना आ गया और वो सभी खाने पे टूट पड़े. जैसे ही खाना ख़तम हुया तो रेहान ने बिल पे करना चाहा तो करण ने उसे रोकते हुए कहा.
करण-अरे यार रेहान तू हर बार हीरो मत बन कर कभी हमे भी मौका दिया कर आज बिल मैं पे करूँगा.
रेहान-अरे नही यार आज तो स्पेशली मेरी साली ने लंच के लिए बोला था इसलिए पे तो मैं ही करूँगा.
करण-अरे मेरे भाई अब ये कूटी सिर्फ़ तुम्हारी साली ही नही है मेरी और हॅरी की साली भी बन चुकी है.
करण ने नीतू की तरफ आँख दबाते हुए कहा.
नीतू न्ड बाकी सब उसे एकदम इतना फ्रॅंक होता देख हैरान थे.
करण की बात सुनते ही प्राची झट से बोली.
प्राची-अरे वाह मतलब अब रीत दीदी के साथ साथ करुणा दीदी न्ड ये नीतू की बच्ची भी काम से गई.
नीतू ने एक मुक्का उसकी पीठ में मारा और प्राची नाटक करते हुए दर्द से कराहने लगी.
रीत-बस बस अब ज़्यादा नाटक मत कर चुप चाप बैठ जा.
कारण ने जैसे ही अपने पर्स से पैसे निकले तो हॅरी भी अपनी चुप्पी तोड़ता हुया बोला.
हॅरी-कारण भाई हक तो हमारा भी बराबर का है.
प्राची-बात तो पते की है हॅरी जीजू आप भी आधे निकालो.
फिर हॅरी और करण ने मिलकर बिल पे किया.
फिर वो लोग कुछ देर बातें करते रहे. रेहान तो उनकी बात चीत में खामोश ही बैठा रहा उसे पता था कि आज हॅरी और करण का ही दिन है. प्राची का ध्यान भी आज अपने न्यू बने जीजू'स को छेड़ने में ही था. रेहान मुरझाए हुए फूल की तरह चेहरा लिए बैठा था और रीत ने उसका चेहरा देख कर अंदाज़ा लगा लिया था कि आज वो थोडा जल रहा है क्योंकि आज हॅरी और करण पूरे फ्रॅंक हो गये थे और वो सब के साथ हंस हंस कर बात कर रहे थे और रेहान को कोई पूछ ही नही रहा था. आख़िरकार वो सब उठे और गाड़ी में बैठकर चल पड़े. रेहान ने रीत एंड पार्टी को हॉस्टिल ड्रॉप किया और फिर करण, हॅरी और वो अपने फ्लॅट की तरफ चल पड़े. फ्लॅट में पहुच कर करण और हॅरी ने रेहान को अपनी बाहों में भरकर उठा लिया और हॅरी बोलने लगा.
हॅरी-रेहान यार आज हम बहुत खुश है ये सब तेरी वजह से ही हुआ है.
करण-बिल्कुल रेहान मगर आज तेरा चेहरा बुझा बुझा क्यू है कही रीत भाभी ने कुछ कहा तो नही.
रेहान अब थोडा खुश हो गया क्यूंकी करण और हॅरी उसको ही सारा क्रेडिट दे रहे थे. उसने कहा.
रेहान-अरे नही यार उसकी क्या मज़ाल कि मुझे कुछ कहे. बस थोड़ा सिर दर्द कर रहा है आज.
हॅरी-अरे तो दवा ले ना.
रेहान-आज तो तुम दोनो की जोड़ी बन ने की खुशी में तुम दोनो को ही दवा का इंतज़ाम करना पड़ेगा.
करण समझ गया कि रेहान शराब की बात कर रहा है.
करण-बिल्कुल रेहान यार आज तो जमकर पार्टी होगी. जा हॅरी जाकर एक बोतटेल शराब की लेकर आ.
हॅरी भी आज पार्टी के मूड में था. वो झट से उठा और जाकर बोटल लेकर आ गया.
वो तीनो बैठ कर शराब पीने लगे. और पेग पे पेग खड़कते रहे. जैसे ही 2-2 पेग अंदर गये तो वो बे-मतलब बोलने लगे. फिर तीनो ने पूरी बोटल खाली कर दी. हॅरी कम ही शराब पीता था मगर आज ज़्यादा पीने की वजह से वो तो लूड़क गया और वही सोफे पे सो गया. करण भी लड़खदाता हुया रेहान को गुड नाइट बोल कर बेड पे जाकर गिर गया. रेहान तो शराब का शुरू से ही शौकीन था वो कुछ कुछ सूरत संभाले हुए था. उसने अपना मोबाइल निकाला और रीत का नंबर. डाइयल किया.
रीत-हेलो.
रेहान-हाए जानू.
रीत-रेहान ये कोई टाइम है फोन करने का रात के 1 बज रहे हैं.
रेहान-फिर क्या हुआ डार्लिंग 1 ही तो बजे है तुम तो ऐसे ही भड़क जाती हो. कुछ रोमॅंटिक-2 बातें करो जानू.
रीत-ओये होये सोनियो आज बड़े रोमॅंटिक हो रहे हो कि गल्ल आ.
रीत के मूह से ये सारी बात पंजाबी में कही और उसकी बात सुनकर रेहान बोला.
रेहान-ओये होये जानू आज तो पंजाबी बोल रही हो कही मेरी तरह शराब पीकर तो नही बैठी है.
रीत गुस्से से बोलती है.
रीत-मतलब तुमने शराब पी रखी है.
रेहान-जानू आप फिर भड़क गई यार आज हॅरी और करण की जोड़ी बन ने की खुशी में थोड़ी पार्टी की थी हम तीनो ने.
रीत-ओह तो मतलब तीनो टाइट हो तभी तो वो दोनो फोन नही उठा रहे करुणा और नीतू कब की उनके फोन ट्राइ कर रही हैं.
रेहान-वो तो सो गये हैं. पार्टी कुछ ज़्यादा हो गई थी.
रीत-रेस्टौरेंट में तो आज आप जले हुए बैठे थे क्या बात है.
रेहान-अरे नही जानू आज हॅरी और करण बात कर रहे थे इसलिए मैने सोचा चुप ही रहूं.
रीत-ओके तो अब रात बहुत हो चुकी है सो जाओ. गुड नाइट जानू.
रेहान-बात करो ना यार.
रीत-नही सुबह कॉलेज जाना है. ओके बाइ गुड नाइट.
रेहान-ओके गुड नाइट डार्लिंग.
और फोन कट हो गया और रेहान भी जाकर करण के साथ बेड पे लेट गया.
 
20
सुबह सभी वोही पुराने अड्डे यानी के कॅंटीन में बैठे थे और आपस में बातें कर रहे थे.
करुणा-जनाब आपने रात फोन नही उठाया क्या बात है.
हॅरी-अरे यार करुणा मैं जल्दी सो गया था.
प्राची-हॅरी जीजू अब देर से सोने की आदत डाल लो ऐसे नही चलेगा.
हॅरी-ओके मेरी साली जी लेकिन आप भी कोई ढूंड लो देर रात तक जगाने वाला.
प्राची-जी बिल्कुल नही हम तो अकेले ही खुश हैं.
नीतू-कूटी वो मोटू तुम्हे बहुत घूरता रहता है.
प्राची-नीतू की बच्ची तू बस यही सब देखती रहती है क्या कि कौन किसे घूर रहा है. करण जीजू ज़रा संभालो इसे.
करण-नीतू मेडम अब हमारी साली ने कहा है कि संभालो इसे अब तो आपको संभालना ही पड़ेगा.
रीत-अरे एक बात और सुनो कूटी तुम्हारे रेहान जीजू भी रात शराब पीने के बाद बहुत रोमॅंटिक हो रहे थे.
प्राची-अरे रीत दीदी रेहान जीजू तो हमेशा रोमॅंटिक रहते है आप ही बोरिंग सी हो.
रेहान-बिल्कुल सही कहा तूने कूटी बिल्कुल बोरिंग है तुम्हारी रीत दीदी.
रीत-अच्छा जी ये बात है तो कोई और ढूंड लीजिए.
रेहान-अरे अब कहाँ ढूँढे यार ऐसा मौका एक बार ही मिलता है जिंदगी में.
करुणा-वैसे जीजू एक बात बताऊ हमारी रीत से ज़्यादा रोमॅंटिक आपको नही मिलेगी. लगता है आपको ढंग से प्यार ही नही करना आता.
रेहान-हम तो प्यार करने के लिए उत्तावले हो रहे हैं मगर कोई करने दे तो बात बने.
हॅरी-अरे रेहान भाई ये तो अपनी अपनी हिम्मत होती है कोई करने नही देता थोड़ा ज़बरदस्ती करना पड़ता है.
करुणा-ओह हो हो लगता है आप को बहुत एक्षपीरियंस. है प्यार करने का.
हॅरी-अरे यार ये तो एक जनरल नॉलेज की बात है.
प्राची-ये जनरल नॉलेज भी कहीं बाहर जाकर मूह मारने से ही आती है जीजू.
हॅरी-अरे यार मैने तो जस्ट सलाह दी थी आप तो पीछे ही पड़ गये.
करुणा-सलाह भी तभी दी जाती है जब हमे उस बात का एक्षपीरियंस. हो.
रीत-अरे करू यार क्यू बेचारे हॅरी जीजू को परेशान कर रही है एक वो ही तो है इन तीनो में से जिनमे थोड़ी बहुत अच्छाई नज़र आती है.
प्राची-अरे वाह बड़ी साइड ली जा रही है. रेहान जीजू ध्यान रखिएगा.
रीत प्राची को थप्पड़ दिखाते हुए.
रीत-मैं ना तेरे कान के नीचे बजाउन्गि एक.
ऐसे ही वो लोग काफ़ी देर बातें करते रहे.
दिन बीत ते गये और उनका प्यार और दोस्ती भी बढ़ती गई वो अब एकदुसरे से पूरी तरह घुल मिल गये. बहुत से राज़ जो अपने दिल में छुपा रखे थे वो एक दूसरे से शेअर किए. एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान लिया. वैसे भी प्यार में एक दूसरे को अच्छी तरह से जान पहचान लेना बहुत ज़रूरी होता है ऐसा करने से ही तो प्यार बढ़ता है. ऐसा ही उन लोगो के बीच भी हुआ धीरे धीरे वो एक दूसरे के करीब आ रहे थे. प्राची की शरारतें बद्सतूर जारी थी रोज़ ही उसका कोई ना कोई नया ड्रामा सब के सामने होता था. और नीतू के साथ उसका रोज़ का झगड़ा अब आम बात हो चुकी थी. मगर ये झगड़ा सिर्फ़ उपर उपर से था अंदर से वो चारो एक दूसरे को बहुत चाहती थी. ऐसे ही वो तीनो भी एकदुसरे को अच्छी तरह जान गये थे. रेहान तो नयी से नयी तितलियों का शिकारी था लेकिन अभी तक रीत उसके हाथ नही आई थी. करण दिल का बहुत अछा इंसान था मगर लड़की को देखकर उसकी ज़ुबान फिसल ही जाती थी यही कारण था कि उसे पहली मुलाक़ात में सब एक फ्लर्ट करने वाला ही समझ जाते थे. मगर जिसने उसके दिल में उतर कर देखा था वोही जानता था कि वो कितना अच्छा इंसान है. हॅरी उन सब से अलग शांत स्वाभाव का मालिक था बस मतलब की बात ही करता था उसके दिल में बस सिर्फ़ और सिर्फ़ करुणा ही थी जबसे उनकी दोस्ती हुई थी तब से उसने किसी लड़की को ग़लत नज़र से नही देखा था. हॅरी जैसा पार्ट्नर पा कर करुणा भी बहुत खुश थी क्यूंकी ऐसा प्यार करने वाला इंसान हर एक की किस्मत में नही होता. अब उनको कॉलेज में 2मंत्स बीत चुके थे. करण न्ड नीतू न्ड करुणा और हॅरी अब एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे.
एक रात रीत एंड पार्टी हॉस्टिल रूम में बैठी थी और वहाँ नीतू और प्राची किसी बात को लेकर झगड़ रही थी.
प्राची और नीतू ने तकिया उठा रखा था और एक दूसरे को मार रही थी. जैसे ही करुणा और रीत रूम में पहुचि तो उन्होने उन दोनो को पकड़कर शांत किया और रीत ने पूछा.
रीत-क्या हुया कूटी तुम झगड़ क्यू रही हो बच्चो की तरह.
प्राची-दीदी मुझे इस बेड पे सोना है आज.
नीतू-दीदी ये तो बेवजह ज़िद कर रही है मुझे रात को पढ़ना होता है और इसी लिए मैं दीवार के साथ वाले बेड पे सोती हूँ ताकि दीवार से टेक लगाकर पढ़ा जा सके. इसने पढ़ना तो है नही मुझे ऐसे ही तंग कर रही है और यहाँ से उठा रही है.
करुणा-कूटी ये अच्छी बात नही है तुम रीत वाले बेड पे सो जाओ देखो वो भी तो दीवार के साथ लगा हुआ है.
रीत-यस सही कहा करू ने चल आज मैं और मेरी कूटी एक साथ सोएंगी.
प्राची उनकी बात सुनकर सिर पे हाथ रख कर और जीभ निकाल कर नीतू को चिड़ाते हुए बोली.
प्राची-अब मैं अपनी रीत दीदी के साथ सोउंगी.
नीतू मुस्कुराते हुए.
नीतू-जा जा बड़ी आई रीत दीदी की चमची.
उसकी बात सुनकर सभी हँसने लगे.
प्राची रीत के साथ लिपट कर उसके बेड पे ही सो गई. जब रीत ने देखा कि प्राची सो चुकी है तो वो धीरे से उठी और प्राची के बेड पे जाकर सो गई.
रात के 12 बजने को थे और एक साया हॉस्टिल की बॅक साइड पे दिखाई दे रहा था. वो साया अब टीचर'स के बने हुए रूम्स के पास था. जोत मॅम के रूम की खिड़की खुली थी उसने अंदर देखा तो हैरान रह गया.
 
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