hotaks444
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मेरी भूख
मेरा नाम शालु है. मेरी शादी को 26 साल हो चुके है. मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लिख रही हूँ. मेरे हज़्बेंड का नाम मुन्ना है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. जब मेरी शादी हुई थी तब मैं एक दम दुबली पतली थी लेकिन अब कुच्छ मोटी हो गयी हूँ. आज भी मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हूँ और खूब मज़े ले ले कर चुड़वाती हूँ. मेरी उमर अब 43 साल है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उमर 18 साल और उनकी उमर 19 साल की थी. मेरा हज़्बेंड का लंड बहुत ही छ्होटा है. उनका लंड खड़ा होने के बाद भी केवल 3" लंबा और 1" मोटा हो पता है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी चूत बहुत टाइट और छ्होटी थी. सुहग्रात को जब उन्होने अपने छ्होटे से लंड से मुझे चोडा तो मेरी चूत से खून आ गया था. सुहग्रात के दिन उन्होने मुझे 5 बार चोडा था. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. उनके छ्होटे से लंड से मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी. मैं खूब मोटा और लंबा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी. लेकिन शरम के मारे कुच्छ कह नहीं पाती थी.
लगभग 1 साल तक मैं उनसे खूब चुड़वाती रही लेकिन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था. वो मुझको चोद्ते समय बहुत जल्दी झाड़ जाते थे. वो मेरी चुदाई कभी भी 5-10 मिनिट से ज़्यादा नहीं कर पाते थे. मैं इस बात को समझती थी की उनका लंड छ्होटा है इसलिए वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे. एक दिन मैने उनसे कहा, "मुन्ना, तुम्हारा लंड तो किसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छ्होटा है. मुझे तुम्हारे लंड से पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूखी ही रह जाती हूँ. मैने काई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है. उन सबका लंड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लंड से बहुत लंबा और मोटा था. वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लंबा और मोटा हो जाता होगा. शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लंड से चुड़वाने में मज़ा नहीं आता. मैं अपनी चूत में और ज़्यादा लंबे और मोटे लंड को अंदर लेना चाहती हून. मेरी शादी को अब 1 साल हो गये हैं. मैं अब तक शरम के मारे तुमसे कुच्छ बोल नहीं पा रही थी लेकिन अब मैं अपनी भूख को ज़्यादा दिन बर्दस्त नहीं कर पा रही हून. जब तुमने मुझे सुहग्रात के दिन चोडा था तब मेरी चूत एक दम टाइट थी और मुझे केवल 2-4 दीनो तक ही थोड़ा बहुत मज़ा आया. मैं सुहग्रात के कुच्छ दिन के बाद से ही तुम्हारे छ्होटे लंड के बारे में कहना चाहती थी. लेकिन मैं नयी नयी आई थी इसलिए कुच्छ भी नहीं बोली.
अब हमारी शादी को 1 साल हो गये हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लंड के बारे में कह रही हूँ." उन्होने कहा, "शालु, मैं अपनी कमी जनता हून और तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ. मैने बहुत इलाज़ कराया लेकिन ये नहीं बढ़ा. मैं क्या करूँ. तुम ही कुच्छ बताओ. मैं तुम्हें तलाक़ नहीं दे सकता क्यों की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे छ्चोड़ कर मत जाना नहीं तो मैं मार जौंगा." मैने कहा, "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हून और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकिन क्या करूँ. तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती. पहले तोड़ा बहुत मज़ा भी आता था लेकिन अब तो वो भी नहीं आता."
वो सोच में पद गये. कुच्छ देर बाद वो बोले, "अगर मैं एक मोटी कॅंडल ला कर तुम्हें कॅंडल से चोद डून, तो कैसा रहेगा." मैं कुच्छ देर सोचने के बाद राज़ी हो गयी. वो बाज़ार से एक कॅंडल ले आए. उन्होने मुझे वो कॅंडल दिखाई तो मैने कहा, "ठीक तो है. वो कॅंडल लगभग 8" लंबी और 1 1/4" मोटी थी. मैने कहा, "लेकिन ये तो आदमियों के लंड से बहुत पतली है. इस से मेरी भूख कुच्छ हद तक शांत हो जाएगी. आओ बेडरूम में चलते हैं. तुम ये कॅंडल मेरी चूत में दल कर खूब चोदो मुझे."
हम बेडरूम में आ गये. मैं बेड पर लेट गयी और वो मेरी छूट को चाटने लगे. 2-3 मिनिट में ही मैं पुर जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी फिर बोली, "मुन्ना, अब देर मत करो. मैं बहुत दीनो से भूखी हूँ. दल दो पूरी कॅंडल मेरी चूत में और ज़ोर ज़ोर से चोदो इस कॅंडल से मुझको." वो बोले, "ठीक है. मैं तुम्हारी चूत में ये कॅंडल दल कर चोद्ता हून और तुम मेरा लंड चूसो. वो मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गये. मैं उनका लंड चूसने लगी और उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया. कॅंडल उनके लंड से बहुत ज़्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग 5" तक घुस गयी. मेरे मूह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली. उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा नहीं डाला और अंदर बाहर करने लगे.
मैं सिसकारियाँ भरने लगी. 5 मिनिट तक वो कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करते रहे. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और उनके लंड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी. वो समझ गये की अब मैं झड़ने वाली हून और 2 मिनिट में ही मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. मैने कहा, "मुन्ना, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. पूरा अंदर डालो ना इस कॅंडल को मेरी चूत में." उन्होने कॅंडल को तोड़ा और ज़्यादा मेरी छूट के अंदर डाला तो मुझे कुच्छ दर्द महसूस हुआ. वो कॅंडल अब तक मेरी चूत में 6" तक घुस चुकी थी. मैने कहा, "रुक जाओ मुन्ना, अब और ज़्यादा मत डालो. दर्द हो रहा है. इतना ही अंदर दल कर चोदो मुझे." उन्होने कॅंडल को तेज़ी से मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सिसकारियाँ भरने लगी. वो भी बहुत जोश में आ गये थे और मेरे मूह में ही झाड़ गये. मैने उनके लंड का सारा पानी निगल लिया. वो कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा तेज़ी के साथ अंदर बाहर करने लगे. 8-10 मिनिट बाद ही मैं फिर से झाड़ गयी और बोली, "मुन्ना, बहुत मज़ा आ रहा है. काश तुम पहले ही ये कॅंडल ले आते और मेरी छूट में डालकर चोद्ते तो मैं इतने दिन भूखी ना रहती. मुन्ना, अब देर ना करो, दल दो पूरी कॅंडल मेरी छूट में और खूब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करो." उन्होने उस कॅंडल को मेरी चूत में पूरा अंदर दल दिया और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मुझे थोड़ी देर के लिए कुच्छ दर्द हुआ लेकिन बाद में मज़ा भी आने लगा. थोड़ी ही देर में मैं और ज़्यादा जोश में आ गयी और अपना चूतड़ उच्छल उच्छल कर कॅंडल को पूरा अंदर लेने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अभी 10 मिनिट भी बीता था की मैं फिर से एक बार झाड़ गयी. मैं अब तक 3 बार झाड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, "मुन्ना, मुझे अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. खूब तेज़ी के साथ अंदर बाहर करो इस कॅंडल को मेरी चूत में." वो भी जोश में आ गये थे और उनका लंड दूसरी बार फिर से एक दम टन गया था. वो बोले, "शालु, मैं भी बहुत जोश में आ गया हून और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है. अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लून." मैने कहा, "मुझे इस कॅंडल से बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्लीज़. अभी मुझे कॅंडल से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना." वो मेरे जोश को देखकर एक दम हक्का बक्का हो गये. उन्होने मुझे उस कॅंडल से चॉड्ना ज़ारी रखा. मैं खूब मज़े के साथ कॅंडल को अपने चूत के अंदर ले रही थी. उन्होने और तेज़ी के साथ कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
5 मिनिट भी नहीं गुजरा की मैं एक बार फिर से झाड़ गयी. मैं अब तक 4 बार झाड़ चुकी थी. वो मुझे 30-35 मिनिट में 4 बार झाड़ता हुआ देखकर सोच में पद गये क्यों की एक साल की चुदाई में मैं कभी कभी ही झड़ती थी. इसकी वजह उनके लंड का छ्होटा होना था. वो मेरी चूत में कॅंडल को अंदर बाहर जाता हुआ देखने लगे और उनको भी मज़ा आ रहा था. मेरी चूत ने कॅंडल को एक दम जाकड़ रखा था. मेरे झड़ने के बाद उन्होने कॅंडल को मेरी चूत से बाहर निकल लिया तो मैं बोली, "मुन्ना, तुमने कॅंडल क्यों निकल ली. प्लीज़, कुच्छ देर तक और अंदर बाहर करो. मुझे एक बार और झाड़ जाने दो, प्लीज़." उन्होने कॅंडल को दोबारा में चूत में दल दिया और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे. इस बार मैं जल्दी नहीं झाड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर पूरी कॅंडल को अपने चूत में ले रही थी.
लगभग 20 मिनिट के बाद मैने अपना चूतड़ बहुत तेज़ी के साथ उपर उठना शुरू कर दिया तो वो समझ गये की मैं अब फिर से झड़ने वाली हून. उन्होने कॅंडल को और तेज़ी के साथ मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 2-3 मिनिट में ही मैं फिर से झाड़ गयी. इस बार मेरी चूत से ढेर सारा पानी आया. मैने कहा, "प्लीज़, मेरी चूत का सारा पानी तुम छत लो. इस बार ये बहुत मेहनत के बाद निकला है." उन्होने मेरी चूत का सारा पानी छत लिया और बोले, "शालु, अब मैं चोद लून." मैने कहा, "तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिया है जिसके लिए मैं एक साल से तड़प रही थी. अब तुम जितनी बार चाहो मुझे चोदो. मैं एक दम तय्यार हूँ."
उनका लंड तो पहले से ही खड़ा था. उन्होने मेरी चूत में अपने लंड को डाला तो कॅंडल से चुड़वाने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम आराम से घुस गया. उनके लंड पर मेरी चूत की कोई पकड़ नहीं थी और मुझे कुच्छ भी पता नहीं चल रहा था. उन्होने मुझे चॉड्ना शुरू कर दिया लेकिन उनको कोई मज़ा नहीं आ रहा था. वो बोले, "कॅंडल से चुड़वाने के बाद तुम्हारी चूत तो एक दम ढीली हो गयी है. मुझे मज़ा नहीं आ रहा है." मैने बहुत जोश में थी और बोली, "मेरी गांद अभी तक एक दम टाइट है. प्लीज़, अगर तुम चाहो तो मेरी गांद मार लो. लेकिन एक शर्त है." उन्होने पूचछा, "क्या." मैने कहा, "हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हूमें एक दूसरे के दर्द का एहसास भी है. मुझे कॅंडल से चुड़वाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन असली लंड से जो मज़ा आएगा वो कॅंडल में कहाँ है. तुम मेरे लिए किसी आदमी का इंतेज़ाम कर दो जिसका लंड लंबा और मोटा हो. मैं प्रॉमिस करती हून की तुम्हारे अलावा मैं पूरी ज़िंदगी केवल उस आदमी से ही चुदवौन्गि." वो सोच में पद गये. थोड़ी देर बाद वो बोले, "ठीक है. बाद में बता दूँगा." मैने कहा, "ठीक है. तुम मेरी गांद मार लो." मैं पेट के बाल लेट गयी.
उन्होने अपने लंड पर तोड़ा सा थूक लगाया और मेरी गांद के च्छेद पर रख दिया. मैने अपना चूतड़ और उपर उठा दिया जिस से उनका लंड आराम से पूरा मेरी गांद में घुस जाए. उन्होने एक धक्का मारा तो मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से एक चीख निकल गयी. उनका लंड तो बहुत छ्होटा था ही. एक ही धक्के में मेरी गांद में आधे से ज़्यादा घुस गया. उन्होने और ज़्यादा नहीं डाला और मेरी गांद में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. मेरा दर्द 2 मिनिट में ही काम हो गया और मैं शांत हो गयी. मुझे मज़ा आने लगा और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर उनसे गांद मरने लगी. उनको भी मज़ा आने लगा. उन्होने फिर एक ज़ोरदार धक्का मार दिया तो उनका पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया. मेरी गांद बहुत ही टाइट थी. पूरा लंड घुसते ही मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी. लेकिन वो बहुत जोश में थे और रुके नहीं.
उन्होने तेज़ी के साथ अपने लंड को मेरी गांद में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. थोड़ी हो देर बाद मेरा दर्द कुच्छ काम हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. मैं अपनी गांद उपर उठा उठा कर उनका साथ देने लगी. आज उनके छ्होटे से लंड से मुझे गांद मरने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा, "मुन्ना, तुम्हारा छ्होटा लंड तो मेरी गांद के ही लायक है. ये मेरी गांद में बहुत टाइट है. मुझे खूब मज़ा आ रहा है. जब मुझे कोई दूसरा चोदेगा तो मेरी चुत तुम्हारे लंड के लायक नहीं रह जाएगी, यह एक दम ढीली हो जाएगी. तुम मेरी गांद मार लिया करना. इस से तुम्हें भी मज़ा आएगा और मैं भी गांद मरने का मज़ा ले पौँगी." वो बोले, "ठीक है." 10 मिनिट तक मेरी गांद मरने के बाद वो मेरी गांद में ही झाड़ गये. आज मुझे बहुत मज़ा आया था. उन्होने अपना लंड जैसे ही मेरी गांद से बाहर निकाला तो मैने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरू कर दिया. इतने प्यार से आज तक मैने उनका लंड कभी नहीं चटा था. उन्हें खूब मज़ा आने लगा. उसके बाद हम थोड़ी देर तक आराम करते रहे.
15 मिनिट बाद मैने उनके लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया. वो बहुत जोश में आ गये और बोले, "आज तुम मुझसे दोबारा चुद्वओगि क्या." मैने कहा, "हन, अभी तुमने मेरी गांद मारी है अब चूत का भी मज़ा ले लो." लगभग 10 मिनिट तक मैं उनका लंड चूस्टी रही. उनका लंड फिर से खड़ा हो कर टन गया था. उन्होने मुझे लिटा कर चोदना शुरू कर दिया. उनका लंड मेरी चूत में एक दम ढीला पद रहा था लेकिन मैं वो मुझे चोद्ते रहे. चूत में लंड के ढीला होने की वजह से मुझे बहुत काम मज़ा आ रहा था. उनके लंड पर मेरी छूट की पकड़ एक दम ढीली पद गयी थी. इस वजह से वो जल्दी झाड़ नही रहे थे और मैं भी नहीं झाड़ रही थी. वो मेरी चुचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से मसल रहे थे. उन्होने मुझे आज लगभग 1 घंटे तक चोडा. मैं भी आज बहुत खुश थी क्यों की उन्होने मुझे पहले कभी इतनी देर तक नहीं चोडा था. वो मुझे कभी भी 10 मिनिट से ज़्यादा नहीं चोद पाते थे. वो जल्दी झाड़ जाते थे. आज ज़्यादा टाइम लगने की वजह से उनको भी बहुत मज़ा आ रहा था. लगभग 10 मिनिट और चोदने के बाद वो झाड़ गये. आज मैं भी उनकी चुदाई से बहुत मस्त हो गयी थी और 2 बार झाड़ चुकी थी. चोदने के बाद जब वो मेरे उपर से हटे तो तुरंत ही मैने उनके लंड को बड़े प्यार से चाटना शुरू कर दिया. आज हम दोनो बहुत खुश थे. थोड़ी देर बाद हम सो गये.
दूसरे दिन जब वो मुझे कॅंडल से चोदने लगे तो मैं बोली, "तुमने मेरे बारे में कुच्छ सोचा." वो बोले, "मेरा दोस्त केशरी जो की मेरी दुकान में नौकरी भी करता है, वो कैसा रहेगा. हम लोग जब छ्होटे थे तो अपनी च्छूननी लंड को एक दूसरे की च्छूननी से नपते थे. उस समय मेरे सभी दोस्तों में केशरी की च्छूननी सबसे लंबी और मोटी थी. उसकी च्छूननी सबसे ज़्यादा गोरी भी थी. अब तक उसकी च्छूननी एक लंबा और मोटा लंड बन चुकी होगी. अगर तुमको केशरी पसंद हो तो मैं उस से बात कर लून. अभी केशरी की शादी भी नहीं हुई है." मैने कहा, "केशरी तो बहुत हॅंडसम है और गोरा भी. अगर केशरी की च्छूननी उस समय सबसे लंबी और मोटी थी तो अब वो खूब लंबा और मोटा लंड बन गया होगा. सबसे अच्च्ची बात है की केशरी तुम्हारा दोस्त भी है. वो किसी से कुच्छ कहेगा भी नहीं." वो बोले, "ठीक है. मैं केशरी से बात करता हून. मेरा समान पॅक कर देना. मुझे 2 दिन के लिए बाहर जाना है."
मैने उनका समान पॅक कर दिया. दुकान बंद होने के बाद रात 8 बजे घर आए तो मैने पूचछा, "मेरे काम का क्या हुआ." वो बोले, "अभी मैने केशरी से बात नहीं की है. वापस अवँगा तो बात कर लूँगा." मैं उदास हो गयी. तुम मेरा खाना निकल दो. मैने खाना निकल दिया और वो खाना खाने लगे. खाने के बाद जब वो जाने लगे तो मैं उनको दरवाज़े पर छ्चोड़ने आई. मेरा चेहरा एक दम बुझा हुआ था और मैं एक दम उदास थी. उन्होने मेरी तरफ देखा तो बोले, "मैने केशरी से बात कर ली है. वो लगभग 9 बजे आएगा. मेरे वापस आने तक तुम केशरी से जी भर कर चुदवा लेना." मैं खुशी से फूली नहीं समा रही थी. मैने उनके होठों पर एक चुंबन जड़ दिया और कहा, "ठीक है.
मेरा नाम शालु है. मेरी शादी को 26 साल हो चुके है. मैं अपनी सेक्स लाइफ के बारे में लिख रही हूँ. मेरे हज़्बेंड का नाम मुन्ना है. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. जब मेरी शादी हुई थी तब मैं एक दम दुबली पतली थी लेकिन अब कुच्छ मोटी हो गयी हूँ. आज भी मैं बहुत ही ज़्यादा सेक्सी हूँ और खूब मज़े ले ले कर चुड़वाती हूँ. मेरी उमर अब 43 साल है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी उमर 18 साल और उनकी उमर 19 साल की थी. मेरा हज़्बेंड का लंड बहुत ही छ्होटा है. उनका लंड खड़ा होने के बाद भी केवल 3" लंबा और 1" मोटा हो पता है. जब मेरी शादी हुई थी तब मेरी चूत बहुत टाइट और छ्होटी थी. सुहग्रात को जब उन्होने अपने छ्होटे से लंड से मुझे चोडा तो मेरी चूत से खून आ गया था. सुहग्रात के दिन उन्होने मुझे 5 बार चोडा था. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ. उनके छ्होटे से लंड से मेरी प्यास नहीं बुझ पाती थी. मैं खूब मोटा और लंबा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी. लेकिन शरम के मारे कुच्छ कह नहीं पाती थी.
लगभग 1 साल तक मैं उनसे खूब चुड़वाती रही लेकिन मुझे पूरी तरह मज़ा नहीं आता था. वो मुझको चोद्ते समय बहुत जल्दी झाड़ जाते थे. वो मेरी चुदाई कभी भी 5-10 मिनिट से ज़्यादा नहीं कर पाते थे. मैं इस बात को समझती थी की उनका लंड छ्होटा है इसलिए वो मुझे पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे. एक दिन मैने उनसे कहा, "मुन्ना, तुम्हारा लंड तो किसी बच्चे की तरह है और बहुत ही छ्होटा है. मुझे तुम्हारे लंड से पूरा मज़ा नहीं आता और मैं भूखी ही रह जाती हूँ. मैने काई मर्दों को पेशाब करते हुए देखा है. उन सबका लंड ढीला रहने पर भी तुम्हारे लंड से बहुत लंबा और मोटा था. वो जब खड़ा होता होगा तब कितना लंबा और मोटा हो जाता होगा. शायद इसीलिए मुझे तुम्हारे लंड से चुड़वाने में मज़ा नहीं आता. मैं अपनी चूत में और ज़्यादा लंबे और मोटे लंड को अंदर लेना चाहती हून. मेरी शादी को अब 1 साल हो गये हैं. मैं अब तक शरम के मारे तुमसे कुच्छ बोल नहीं पा रही थी लेकिन अब मैं अपनी भूख को ज़्यादा दिन बर्दस्त नहीं कर पा रही हून. जब तुमने मुझे सुहग्रात के दिन चोडा था तब मेरी चूत एक दम टाइट थी और मुझे केवल 2-4 दीनो तक ही थोड़ा बहुत मज़ा आया. मैं सुहग्रात के कुच्छ दिन के बाद से ही तुम्हारे छ्होटे लंड के बारे में कहना चाहती थी. लेकिन मैं नयी नयी आई थी इसलिए कुच्छ भी नहीं बोली.
अब हमारी शादी को 1 साल हो गये हैं और मैं तुमसे खुल कर बात कर सकती हूँ इसलिए मैं आज तुमसे तुम्हारे लंड के बारे में कह रही हूँ." उन्होने कहा, "शालु, मैं अपनी कमी जनता हून और तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ. मैने बहुत इलाज़ कराया लेकिन ये नहीं बढ़ा. मैं क्या करूँ. तुम ही कुच्छ बताओ. मैं तुम्हें तलाक़ नहीं दे सकता क्यों की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तुम मुझे छ्चोड़ कर मत जाना नहीं तो मैं मार जौंगा." मैने कहा, "मैं भी तुमसे बहुत प्यार करती हून और तुम्हारा दर्द समझ सकती हूँ, लेकिन क्या करूँ. तुम्हारी चुदाई से मेरी भूख शांत नहीं होती. पहले तोड़ा बहुत मज़ा भी आता था लेकिन अब तो वो भी नहीं आता."
वो सोच में पद गये. कुच्छ देर बाद वो बोले, "अगर मैं एक मोटी कॅंडल ला कर तुम्हें कॅंडल से चोद डून, तो कैसा रहेगा." मैं कुच्छ देर सोचने के बाद राज़ी हो गयी. वो बाज़ार से एक कॅंडल ले आए. उन्होने मुझे वो कॅंडल दिखाई तो मैने कहा, "ठीक तो है. वो कॅंडल लगभग 8" लंबी और 1 1/4" मोटी थी. मैने कहा, "लेकिन ये तो आदमियों के लंड से बहुत पतली है. इस से मेरी भूख कुच्छ हद तक शांत हो जाएगी. आओ बेडरूम में चलते हैं. तुम ये कॅंडल मेरी चूत में दल कर खूब चोदो मुझे."
हम बेडरूम में आ गये. मैं बेड पर लेट गयी और वो मेरी छूट को चाटने लगे. 2-3 मिनिट में ही मैं पुर जोश में आ गयी और सिसकारियाँ भरने लगी फिर बोली, "मुन्ना, अब देर मत करो. मैं बहुत दीनो से भूखी हूँ. दल दो पूरी कॅंडल मेरी चूत में और ज़ोर ज़ोर से चोदो इस कॅंडल से मुझको." वो बोले, "ठीक है. मैं तुम्हारी चूत में ये कॅंडल दल कर चोद्ता हून और तुम मेरा लंड चूसो. वो मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो गये. मैं उनका लंड चूसने लगी और उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में डालना शुरू कर दिया. कॅंडल उनके लंड से बहुत ज़्यादा मोटी नहीं थी इसलिए आराम से मेरी चूत में लगभग 5" तक घुस गयी. मेरे मूह से केवल एक हल्की सी सिसकारी भर निकली. उन्होने कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा नहीं डाला और अंदर बाहर करने लगे.
मैं सिसकारियाँ भरने लगी. 5 मिनिट तक वो कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करते रहे. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और उनके लंड को और तेज़ी के साथ चूसने लगी. वो समझ गये की अब मैं झड़ने वाली हून और 2 मिनिट में ही मेरी चूत ने पानी छ्चोड़ दिया. मैने कहा, "मुन्ना, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. पूरा अंदर डालो ना इस कॅंडल को मेरी चूत में." उन्होने कॅंडल को तोड़ा और ज़्यादा मेरी छूट के अंदर डाला तो मुझे कुच्छ दर्द महसूस हुआ. वो कॅंडल अब तक मेरी चूत में 6" तक घुस चुकी थी. मैने कहा, "रुक जाओ मुन्ना, अब और ज़्यादा मत डालो. दर्द हो रहा है. इतना ही अंदर दल कर चोदो मुझे." उन्होने कॅंडल को तेज़ी से मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं सिसकारियाँ भरने लगी. वो भी बहुत जोश में आ गये थे और मेरे मूह में ही झाड़ गये. मैने उनके लंड का सारा पानी निगल लिया. वो कॅंडल को मेरी चूत में और ज़्यादा तेज़ी के साथ अंदर बाहर करने लगे. 8-10 मिनिट बाद ही मैं फिर से झाड़ गयी और बोली, "मुन्ना, बहुत मज़ा आ रहा है. काश तुम पहले ही ये कॅंडल ले आते और मेरी छूट में डालकर चोद्ते तो मैं इतने दिन भूखी ना रहती. मुन्ना, अब देर ना करो, दल दो पूरी कॅंडल मेरी छूट में और खूब ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करो." उन्होने उस कॅंडल को मेरी चूत में पूरा अंदर दल दिया और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मुझे थोड़ी देर के लिए कुच्छ दर्द हुआ लेकिन बाद में मज़ा भी आने लगा. थोड़ी ही देर में मैं और ज़्यादा जोश में आ गयी और अपना चूतड़ उच्छल उच्छल कर कॅंडल को पूरा अंदर लेने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. अभी 10 मिनिट भी बीता था की मैं फिर से एक बार झाड़ गयी. मैं अब तक 3 बार झाड़ चुकी थी. झड़ने के बाद मैं और जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, "मुन्ना, मुझे अब बर्दस्त नहीं हो रहा है. खूब तेज़ी के साथ अंदर बाहर करो इस कॅंडल को मेरी चूत में." वो भी जोश में आ गये थे और उनका लंड दूसरी बार फिर से एक दम टन गया था. वो बोले, "शालु, मैं भी बहुत जोश में आ गया हून और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया है. अगर तुम कहो तो मैं एक बार चोद लून." मैने कहा, "मुझे इस कॅंडल से बहुत मज़ा आ रहा है. मेरा मज़ा बीच में मत खराब करो, प्लीज़. अभी मुझे कॅंडल से ही चोदो, बाद में तुम चाहे जितनी बार चोद लेना." वो मेरे जोश को देखकर एक दम हक्का बक्का हो गये. उन्होने मुझे उस कॅंडल से चॉड्ना ज़ारी रखा. मैं खूब मज़े के साथ कॅंडल को अपने चूत के अंदर ले रही थी. उन्होने और तेज़ी के साथ कॅंडल को मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
5 मिनिट भी नहीं गुजरा की मैं एक बार फिर से झाड़ गयी. मैं अब तक 4 बार झाड़ चुकी थी. वो मुझे 30-35 मिनिट में 4 बार झाड़ता हुआ देखकर सोच में पद गये क्यों की एक साल की चुदाई में मैं कभी कभी ही झड़ती थी. इसकी वजह उनके लंड का छ्होटा होना था. वो मेरी चूत में कॅंडल को अंदर बाहर जाता हुआ देखने लगे और उनको भी मज़ा आ रहा था. मेरी चूत ने कॅंडल को एक दम जाकड़ रखा था. मेरे झड़ने के बाद उन्होने कॅंडल को मेरी चूत से बाहर निकल लिया तो मैं बोली, "मुन्ना, तुमने कॅंडल क्यों निकल ली. प्लीज़, कुच्छ देर तक और अंदर बाहर करो. मुझे एक बार और झाड़ जाने दो, प्लीज़." उन्होने कॅंडल को दोबारा में चूत में दल दिया और बहुत ही ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे. इस बार मैं जल्दी नहीं झाड़ रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर पूरी कॅंडल को अपने चूत में ले रही थी.
लगभग 20 मिनिट के बाद मैने अपना चूतड़ बहुत तेज़ी के साथ उपर उठना शुरू कर दिया तो वो समझ गये की मैं अब फिर से झड़ने वाली हून. उन्होने कॅंडल को और तेज़ी के साथ मेरी चूत में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 2-3 मिनिट में ही मैं फिर से झाड़ गयी. इस बार मेरी चूत से ढेर सारा पानी आया. मैने कहा, "प्लीज़, मेरी चूत का सारा पानी तुम छत लो. इस बार ये बहुत मेहनत के बाद निकला है." उन्होने मेरी चूत का सारा पानी छत लिया और बोले, "शालु, अब मैं चोद लून." मैने कहा, "तुमने आज मुझे ज़िंदगी का वो मज़ा दिया है जिसके लिए मैं एक साल से तड़प रही थी. अब तुम जितनी बार चाहो मुझे चोदो. मैं एक दम तय्यार हूँ."
उनका लंड तो पहले से ही खड़ा था. उन्होने मेरी चूत में अपने लंड को डाला तो कॅंडल से चुड़वाने की वजह से उनका लंड मेरी चूत में एक दम आराम से घुस गया. उनके लंड पर मेरी चूत की कोई पकड़ नहीं थी और मुझे कुच्छ भी पता नहीं चल रहा था. उन्होने मुझे चॉड्ना शुरू कर दिया लेकिन उनको कोई मज़ा नहीं आ रहा था. वो बोले, "कॅंडल से चुड़वाने के बाद तुम्हारी चूत तो एक दम ढीली हो गयी है. मुझे मज़ा नहीं आ रहा है." मैने बहुत जोश में थी और बोली, "मेरी गांद अभी तक एक दम टाइट है. प्लीज़, अगर तुम चाहो तो मेरी गांद मार लो. लेकिन एक शर्त है." उन्होने पूचछा, "क्या." मैने कहा, "हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और हूमें एक दूसरे के दर्द का एहसास भी है. मुझे कॅंडल से चुड़वाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन असली लंड से जो मज़ा आएगा वो कॅंडल में कहाँ है. तुम मेरे लिए किसी आदमी का इंतेज़ाम कर दो जिसका लंड लंबा और मोटा हो. मैं प्रॉमिस करती हून की तुम्हारे अलावा मैं पूरी ज़िंदगी केवल उस आदमी से ही चुदवौन्गि." वो सोच में पद गये. थोड़ी देर बाद वो बोले, "ठीक है. बाद में बता दूँगा." मैने कहा, "ठीक है. तुम मेरी गांद मार लो." मैं पेट के बाल लेट गयी.
उन्होने अपने लंड पर तोड़ा सा थूक लगाया और मेरी गांद के च्छेद पर रख दिया. मैने अपना चूतड़ और उपर उठा दिया जिस से उनका लंड आराम से पूरा मेरी गांद में घुस जाए. उन्होने एक धक्का मारा तो मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से एक चीख निकल गयी. उनका लंड तो बहुत छ्होटा था ही. एक ही धक्के में मेरी गांद में आधे से ज़्यादा घुस गया. उन्होने और ज़्यादा नहीं डाला और मेरी गांद में अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. मेरा दर्द 2 मिनिट में ही काम हो गया और मैं शांत हो गयी. मुझे मज़ा आने लगा और मैं अपना चूतड़ उठा उठा कर उनसे गांद मरने लगी. उनको भी मज़ा आने लगा. उन्होने फिर एक ज़ोरदार धक्का मार दिया तो उनका पूरा लंड मेरी गांद में घुस गया. मेरी गांद बहुत ही टाइट थी. पूरा लंड घुसते ही मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा और मैं चिल्लाने लगी. लेकिन वो बहुत जोश में थे और रुके नहीं.
उन्होने तेज़ी के साथ अपने लंड को मेरी गांद में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. थोड़ी हो देर बाद मेरा दर्द कुच्छ काम हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. मैं अपनी गांद उपर उठा उठा कर उनका साथ देने लगी. आज उनके छ्होटे से लंड से मुझे गांद मरने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने कहा, "मुन्ना, तुम्हारा छ्होटा लंड तो मेरी गांद के ही लायक है. ये मेरी गांद में बहुत टाइट है. मुझे खूब मज़ा आ रहा है. जब मुझे कोई दूसरा चोदेगा तो मेरी चुत तुम्हारे लंड के लायक नहीं रह जाएगी, यह एक दम ढीली हो जाएगी. तुम मेरी गांद मार लिया करना. इस से तुम्हें भी मज़ा आएगा और मैं भी गांद मरने का मज़ा ले पौँगी." वो बोले, "ठीक है." 10 मिनिट तक मेरी गांद मरने के बाद वो मेरी गांद में ही झाड़ गये. आज मुझे बहुत मज़ा आया था. उन्होने अपना लंड जैसे ही मेरी गांद से बाहर निकाला तो मैने बड़े प्यार से उनका लंड चाटना शुरू कर दिया. इतने प्यार से आज तक मैने उनका लंड कभी नहीं चटा था. उन्हें खूब मज़ा आने लगा. उसके बाद हम थोड़ी देर तक आराम करते रहे.
15 मिनिट बाद मैने उनके लंड को फिर से चूसना शुरू कर दिया. वो बहुत जोश में आ गये और बोले, "आज तुम मुझसे दोबारा चुद्वओगि क्या." मैने कहा, "हन, अभी तुमने मेरी गांद मारी है अब चूत का भी मज़ा ले लो." लगभग 10 मिनिट तक मैं उनका लंड चूस्टी रही. उनका लंड फिर से खड़ा हो कर टन गया था. उन्होने मुझे लिटा कर चोदना शुरू कर दिया. उनका लंड मेरी चूत में एक दम ढीला पद रहा था लेकिन मैं वो मुझे चोद्ते रहे. चूत में लंड के ढीला होने की वजह से मुझे बहुत काम मज़ा आ रहा था. उनके लंड पर मेरी छूट की पकड़ एक दम ढीली पद गयी थी. इस वजह से वो जल्दी झाड़ नही रहे थे और मैं भी नहीं झाड़ रही थी. वो मेरी चुचियों को बहुत ज़ोर ज़ोर से मसल रहे थे. उन्होने मुझे आज लगभग 1 घंटे तक चोडा. मैं भी आज बहुत खुश थी क्यों की उन्होने मुझे पहले कभी इतनी देर तक नहीं चोडा था. वो मुझे कभी भी 10 मिनिट से ज़्यादा नहीं चोद पाते थे. वो जल्दी झाड़ जाते थे. आज ज़्यादा टाइम लगने की वजह से उनको भी बहुत मज़ा आ रहा था. लगभग 10 मिनिट और चोदने के बाद वो झाड़ गये. आज मैं भी उनकी चुदाई से बहुत मस्त हो गयी थी और 2 बार झाड़ चुकी थी. चोदने के बाद जब वो मेरे उपर से हटे तो तुरंत ही मैने उनके लंड को बड़े प्यार से चाटना शुरू कर दिया. आज हम दोनो बहुत खुश थे. थोड़ी देर बाद हम सो गये.
दूसरे दिन जब वो मुझे कॅंडल से चोदने लगे तो मैं बोली, "तुमने मेरे बारे में कुच्छ सोचा." वो बोले, "मेरा दोस्त केशरी जो की मेरी दुकान में नौकरी भी करता है, वो कैसा रहेगा. हम लोग जब छ्होटे थे तो अपनी च्छूननी लंड को एक दूसरे की च्छूननी से नपते थे. उस समय मेरे सभी दोस्तों में केशरी की च्छूननी सबसे लंबी और मोटी थी. उसकी च्छूननी सबसे ज़्यादा गोरी भी थी. अब तक उसकी च्छूननी एक लंबा और मोटा लंड बन चुकी होगी. अगर तुमको केशरी पसंद हो तो मैं उस से बात कर लून. अभी केशरी की शादी भी नहीं हुई है." मैने कहा, "केशरी तो बहुत हॅंडसम है और गोरा भी. अगर केशरी की च्छूननी उस समय सबसे लंबी और मोटी थी तो अब वो खूब लंबा और मोटा लंड बन गया होगा. सबसे अच्च्ची बात है की केशरी तुम्हारा दोस्त भी है. वो किसी से कुच्छ कहेगा भी नहीं." वो बोले, "ठीक है. मैं केशरी से बात करता हून. मेरा समान पॅक कर देना. मुझे 2 दिन के लिए बाहर जाना है."
मैने उनका समान पॅक कर दिया. दुकान बंद होने के बाद रात 8 बजे घर आए तो मैने पूचछा, "मेरे काम का क्या हुआ." वो बोले, "अभी मैने केशरी से बात नहीं की है. वापस अवँगा तो बात कर लूँगा." मैं उदास हो गयी. तुम मेरा खाना निकल दो. मैने खाना निकल दिया और वो खाना खाने लगे. खाने के बाद जब वो जाने लगे तो मैं उनको दरवाज़े पर छ्चोड़ने आई. मेरा चेहरा एक दम बुझा हुआ था और मैं एक दम उदास थी. उन्होने मेरी तरफ देखा तो बोले, "मैने केशरी से बात कर ली है. वो लगभग 9 बजे आएगा. मेरे वापस आने तक तुम केशरी से जी भर कर चुदवा लेना." मैं खुशी से फूली नहीं समा रही थी. मैने उनके होठों पर एक चुंबन जड़ दिया और कहा, "ठीक है.