hotaks444
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परीक्षाएं शुरू हो गई थी. मेरा उन तीनो से मिलाना नहीं हो पा रहा था, मैं मैरी और हरप्रीत से संभोग की राह देख रहा था. दस दिन के बाद परीक्षाएं ख़त्म हुई. साधना अगले ही दिन दोपहर में उन दोनों के साथ मेरे घर आ गई. साधना ने आते ही कहा कि आज ये दोनों भी तैयार होकर आई है. हम चारों बेडरूम में आ गए. मैंने उन तीनो के कपडे उतार दिए. फिर तीनों ने मिलकर मेरे सारे कपडे उतार दिए. साधना ने मेरे लिंग पर कंडोम लगा दिया. फिर साधना सबसे पहले गद्दे पर लेट गई. मैं उस पर लेट गया और उसकी टांगों को को मैंने अपने हाथों की मदद से फैला दिया और अपना गुप्तांग उसके जननांग में एक झटके से ठूंस दिया. साधना की एक जोर से चीख निकल गई. लेकिन वो मुझसे चिपटी रही. मैंने उसके जननांग को अपने गुप्तांग से लगभग एक घंटे तक अन्दर बाहर कर के खूब रगडा और पूरा पूरा मजा लिया. साधना तो पूरी तरह से मदहोश होकर मजा लेटो रही और आहें भर भर कर अपनी दोनों सहेलियों को भी उत्साहित करती रही. लेकिन मैरी और हरप्रीत हिम्मत नहीं जुटा पाई. साधना संतुष्ट होकर और मेरे होंठों पर एक गहरा चुम्बन देकर उन दोनों को लेकर चली गई. एक बार फिर मैं मैरी और हरप्रीत से संभोग नहीं कर सका.
दो दिन के बाद एक बार फिर साधना मैरी और हरप्रीत के साथ आई. आज मैरी ने अपने कपडे उतारे और पलंग पर लेटते हुए कहा " सर आज मैं तैयार हूँ." मैं खुश हो गया. मैंने तुरंत साधना से कंडोम लिया और मैरी से लिपट गया. मैरी ने मरे घबराहट के मुझे जोर से पकड़ लिया. मैंने उसके जननांग के दरवाजे को अपने लिंग से खोल दिया. उसकी आह और चीख एक साथ निकली.लेकिन अगले दो मिनट के बाद वो पूरी तरह से सामने होकर मुझसे अपनी प्यास बुझवा रही थी. हरप्रीत बहुत गौर से यह सब देख रही थी क्यूंकि अगला नंबर उसका था. उसके साधना को पकड़ रखा था और बार बार उससे चिपट रही थी. जब मैरी ने और आगे करवाने में अपनी मजबूरी जताई तो मैंने उसे छोड़ दिया. अब मैंने हरप्रीत को ले लिया. हरप्रीत थोड़ी मजबूत निकली. मैरी केवल दस मिनट के बाद ही अपनी हार मान चुकी थी जबकि हरप्रीत ने पूरे आधे घंटे तक अपने जननांग को मेरे लिंग से खूब रगड़वाया और भरपूर मजा लिया. आखिर में साधना ने भी मुझे पकड़ा. अब मेरी हालत थोड़ी पतली हो रही थी. लेकिन साधना की जिद के आगे मैं मजबूर था. साधना आज तीसरी बार मेरे साथ थी,. मैंने रुकते ठहरते साधना के जननांग को पूरे पौने घंटे तक रगड़ कर और अन्दर बाहर करकर पूरी तरह से लाल कर दिया.
जब तीनों रवाना होने लगी तो साधना ने फोर वे किस करने को कहा. हम सभी ने इस किस को जबरदस्त मजे से किया.
अब जब भी समय और मौका मिलाता है ये तीनो एक साथ ही मुझसे इस ट्यूशन के लिए आ जाती है और घंटों तक रुककर अपनी और मेरी सारी प्यास बुझा जाती है. आप भी ऐसी ट्यूशन करिए खूब मजा आयेगा दोस्तों फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा
दो दिन के बाद एक बार फिर साधना मैरी और हरप्रीत के साथ आई. आज मैरी ने अपने कपडे उतारे और पलंग पर लेटते हुए कहा " सर आज मैं तैयार हूँ." मैं खुश हो गया. मैंने तुरंत साधना से कंडोम लिया और मैरी से लिपट गया. मैरी ने मरे घबराहट के मुझे जोर से पकड़ लिया. मैंने उसके जननांग के दरवाजे को अपने लिंग से खोल दिया. उसकी आह और चीख एक साथ निकली.लेकिन अगले दो मिनट के बाद वो पूरी तरह से सामने होकर मुझसे अपनी प्यास बुझवा रही थी. हरप्रीत बहुत गौर से यह सब देख रही थी क्यूंकि अगला नंबर उसका था. उसके साधना को पकड़ रखा था और बार बार उससे चिपट रही थी. जब मैरी ने और आगे करवाने में अपनी मजबूरी जताई तो मैंने उसे छोड़ दिया. अब मैंने हरप्रीत को ले लिया. हरप्रीत थोड़ी मजबूत निकली. मैरी केवल दस मिनट के बाद ही अपनी हार मान चुकी थी जबकि हरप्रीत ने पूरे आधे घंटे तक अपने जननांग को मेरे लिंग से खूब रगड़वाया और भरपूर मजा लिया. आखिर में साधना ने भी मुझे पकड़ा. अब मेरी हालत थोड़ी पतली हो रही थी. लेकिन साधना की जिद के आगे मैं मजबूर था. साधना आज तीसरी बार मेरे साथ थी,. मैंने रुकते ठहरते साधना के जननांग को पूरे पौने घंटे तक रगड़ कर और अन्दर बाहर करकर पूरी तरह से लाल कर दिया.
जब तीनों रवाना होने लगी तो साधना ने फोर वे किस करने को कहा. हम सभी ने इस किस को जबरदस्त मजे से किया.
अब जब भी समय और मौका मिलाता है ये तीनो एक साथ ही मुझसे इस ट्यूशन के लिए आ जाती है और घंटों तक रुककर अपनी और मेरी सारी प्यास बुझा जाती है. आप भी ऐसी ट्यूशन करिए खूब मजा आयेगा दोस्तों फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा