desiaks
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“नहीं सर … नहीं!” थारूपल्ला चिहुंक उठा।
दूसरी तरफ से सख्त स्वर में कहा गया—“थारूपल्ला!”
“ऐसा आदेश मत दीजिए सर!” वह गिड़गिड़ा उठा—“म-मैंने सब कुछ सहा मगर ये न सह सकूंगा, इससे बेहतर तो आप मुझे साइनाइड खाने का हुक्म दें—कम-से-कम मर तो जाऊंगा, खुद को जलील होते अपनी आंखों से नहीं देख सकता मैं …।”
“क्या आज तुम्हें अपनी इज्जत, अपना सम्मान फोर्स के फायदे से बड़ा नजर आने लगा थारूपल्ला?” ब्लैक स्टार कहता चला गया—“क्या तुम फोर्स के किसी बड़े फायदे के लिए जलील होने से इंकार करते हो?”
“म-मेरा मतलब यह नहीं था सर, मैं तो यह कहना चाहता था …।”
“हम कुछ नहीं सुनना चाहते।” उसका वाक्य काटकर कठोर स्वर में कहा गया—“हमारा आदेश स्पष्ट है, इंस्पेक्टर सबके सामने तुम्हें अपने स्पेशल रूल से पीटेगा—तुम न केवल यह आदेश जारी करोगे कि कोई बीच में न आए, बल्कि इंस्पेक्टर को सुरक्षित काली बस्ती से बाहर निकालने की जिम्मेदारी भी तुम्हारी है।”
“इ-इस हरामजादे ने ऐसा क्या कह दिया है सर!” थारूपल्ला दहाड़ उठा—“आखिर इसने ऐसी कौन-सी जादू की छड़ी घुमा दी है जिसके फेर में पड़कर आप फोर्स के एक मेजर की अब तक की सारी वफादारी भूल गए?”
सर्प की सी फुंफकार के साथ पूछा गया—“क्या तुम हमारा आदेश मानने से इंकार कर रहे हो?”
क्रोध के दरिया में बह रहे थारूपल्ला के मस्तिष्क को झटका लगा।
ब्लैक स्टार से उस लहजे में कभी कोई एक शब्द कहने की हिम्मत न जुटा सका था जिस लहजे में थारूपल्ला ने इतना सब कह डाला और ऐसा केवल इसलिए हो सका क्योंकि आदेश सुनते ही थारूपल्ला बौखला उठा, विवेक क्रोध के दरिया में बह चला—सर्प की-सी फुंफकार सुनते ही उसे झटका लगा, अहसास हुआ कि किस हस्ती के सामने इतना बोल गया है!
इधर, उसकी ये हालत तेजस्वी को रोमांचित किए हुए थी—शाही अंदाज में एक सिगरेट सुलगाई उसने और उन नजरों से थारूपल्ला की तरफ देखा जो सामने वाले के दिलो-दिमाग को इस तरह चीर डालती है, जैसे आरा मशीन लकड़ी को।
फुंफकार पुनः उभरी—“जवाब दो थारूपल्ला!”
“आपका हुक्म न मानने का सवाल ही नहीं उठता सर …।” थारूपल्ला पस्त हो चुका था।
“अगर पांच मिनट के अंदर वैसा नहीं किया जैसा कहा गया है तो तुम्हें अंजाम भोगने होंगे।” इस धमकी के तुरंत बाद दूसरी तरफ से संबंध-विच्छेद कर दिया गया।
थारूपल्ला के मस्तिष्क को ऐसा झटका लगा जैसे इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाकर ‘शॉक’ दिया गया हो।
माइक हाथ में लिए किंकर्त्तव्यविमूढ़ अवस्था में खड़ा रह गया वह।
ट्रांसमीटर से निकलने वाली सूं-सूं की आवाज कानों के पर्दे फाड़े डाल रही थी।
तेजस्वी ने जहरीली मुस्कान के साथ पूछा—“कब तक स्टैचू बने रहोगे मेजर?”
थारूपल्ला के जहन को दूसरा झटका लगा।
हैडफोन और माइक अलमारी में पटके, खून में लिसड़ी आंखों से तेजस्वी को घूरा—जबड़े मजबूती के साथ भिंचे होने के कारण मसल्स रह-रहकर फूल पिचक रहे थे—गुस्से की ज्यादती के कारण सारा जिस्म सूखे पत्ते के मानिन्द कांप रहा था।
तेजस्वी की चुभती हुई स्थाई मुस्कान ने मानो गुस्से की ज्वाला में कपूर का काम किया—खुद को तेजस्वी की आंखों का सामना करने में असमर्थ पाने पर वह घूमा और तेजी से उससे दूर … सोफा सैट की तरफ बढ़ा—निगाह सेंटर टेबल पर पड़े स्पेशल रूल पर पड़ी तो वहीं चिपककर रह गई।
उधर, तेजस्वी ने एक जोरदार कश लिया।
इस वक्त उसकी तरफ थारूपल्ला की पाठ थी, विजयी अंदाज में आहिस्ता-आहिस्ता उसकी तरफ बढ़ता हुआ बोला वह—“क्या हुआ मेजर साहब, नाराज नजर आ रहे हैं आप?”
“म-मारो!” फिरकनी की मानिन्द घूमकर थारूपल्ला ज्वालामुखी की तरह फट गया—“म-मारो मुझे—अपने स्पेशल रूल से चमड़ी उधेड़ डालो मेरी … लहुलुहान कर दो … जान से मार डालो … मुझे।”
“जरूर!” तेजस्वी हंसा—“तेरी ये शानदार ख्वाहिश मैं जरूर पूरी करूंगा।”
“करो! जरूर करो!” पागल की भांति दहाड़ते हुए उसने घूमकर रूल उठाया और उसकी तरफ फेंकता हुआ चीखा—“लो … ये रहा तुम्हारा रूल—मैं सामने खड़ा हूं—अपना चैलेंज पूरा करो, मारो मुझे!”
रूल को लपक चुके तेजस्वी ने कहा—“यहां नहीं।”
“फिर?” थारूपल्ला का पोर-पोर आग उगल रहा था।
“यहां का माहौल पसंद नहीं है मुझे—ठीक उसी तरह, जैसे तुझे मेरे ऑफिस का माहौल पसंद नहीं था—तूने थाने का प्रांगण चुना था—मैंने इस इमारत के लंबे-चौड़े लॉन को चुना है—वहां, जहां चारों तरफ स्टार फोर्स के सशस्त्र वर्दीधारी गार्ड खड़े होंगे—वे गार्ड जिन्होंने थाने में पहुंचकर मेरे एक भी मातहत को हिलने तक का मौका नहीं दिया था, ठीक रहेगा न?”
“ठ-ठीक है हरामजादे, इस वक्त तू जो कह रहा है सब ठीक है—आ चल—लॉन में चल!” कहने के साथ वह दरवाजे की तरफ लपका मगर …।
“ठहरो थारूपल्ला!” तेजस्वी का स्वर आदेशात्मक था।
थारूपल्ला के पैर फर्श पर चिपके रह गए।
पलटकर गुर्राया वह—“अब क्या है?”
“एक सवाल का जवाब दे।”
“कौन से सवाल का जवाब चाहिए तुझे?”
“देशराज के पिता के मर्डर का आर्डर किसने दिया था?”
“मैंने।” उसने बेखौफ कहा।
“क्यों?”
“उन दिनों ब्लैक स्टार ‘जंगल’ में थे—उन्होंने खुद फोन करके इंस्पेक्टर देशराज से असलम की हत्या के जुर्म में उसकी बीवी को फंसाने के लिए कहा था मगर संबंध-विच्छेद होने पर महसूस किया कि लाइन पर उनकी और इंस्पेक्टर की वार्ता किसी ने सुनी है—उनके ख्याल से ऐसा इंस्पेक्टर के घर पर मौजूद किसी एक्सटेंशन इन्स्ट्रूमेंट के कारण हुआ था—उन्होंने तुरंत मुझे फोन करके जांच करने और मुनासिब कदम उठाने का हुक्म दिया—मैंने दो आदमी देशराज के घर भेजे—उन्होंने रिपोर्ट दी कि देशराज के बाप ने सब कुछ सुना है, उस पर सारा भेद पुलिस के उच्चाधिकारियों पर खोल देने का ऐसा भूत सवार है कि इंस्पेक्टर की बीवी के विरोध के कारण उसने उसे बांधकर कमरे में डाल दिया और सब कुछ बता देने की मंशा से एस.एस.पी. की कोठी की तरफ बढ़ रहा है—तब, मुझे उसके मर्डर का आदेश जारी करना पड़ा—साथ ही कहा, चेहरे को इतना कुचल दिया जाए कि लाश की शिनाख्त न हो सके।”
“मेरा अनुमान यही था।”
“क्या?”
“कि देशराज के पिता का हत्यारा तू है।”
“तो?”
“साबित हो गया, दिमाग नाम की चीज से तेरा कोई वास्ता नहीं है।”
“मतलब?”
“जरा सोच, अगर वह न मरा होता तो ब्लैक स्टार की स्कीम पिटी होती?”
“वह एस.एस.पी. के पास जा रहा था।”
“तेरा फर्ज उस पिटती हुई स्कीम को संभालना था परंतु तेरे बेवकूफाना कदम ने उसे और बिगाड़ दिया, ऐसे हालात ‘क्रिएट’ कर दिए तूने कि खुद देशराज ने अदालत में हाजिर होकर सारी स्कीम तहस-नहस कर दी—पता नहीं ब्लैक स्टार ने तेरे जैसे अहमक को मेजर का ओहदा कैसे सौंप रखा है, तुझ जैसे मूर्ख की बेवकूफियों को कैसे बरदाश्त करता है वह?”
“ओह!” थारूपल्ला गुर्राया—“तूने इस किस्म का जहर दिमाग मंें भरकर ब्लैक स्टार को मेरे खिलाफ भड़काया लगता है?”
“क्या मैंने ठीक नहीं कहा?”
“इस वक्त तेरी चढ़ी है इंस्पेक्टर, जो कहेगा ठीक ही होगा—गलत तो कुछ कह ही नहीं सकता—एक ही सांस से तूने मुझे मूर्ख, बेवकूफ और अहमक कह दिया—स्वीकार करता हूं कि तेरे जैसे धूर्त आदमी से पहले मेरा भी पाला नहीं पड़ा—मौका लगा तो बताऊंगा कि थारूपल्ला क्या चीज है—इस वक्त तो ब्लैक स्टार के आदेश से तूने मेरे हाथ-पैर बांध रखे हैं—कर ले मनमानी, आ लॉन में … चलकर मेरी चमड़ी उधेड़ ले।”
तेजस्वी के होंठों की मुस्कान गहरी … और गहरी होती चली जा रही थी।
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दूसरी तरफ से सख्त स्वर में कहा गया—“थारूपल्ला!”
“ऐसा आदेश मत दीजिए सर!” वह गिड़गिड़ा उठा—“म-मैंने सब कुछ सहा मगर ये न सह सकूंगा, इससे बेहतर तो आप मुझे साइनाइड खाने का हुक्म दें—कम-से-कम मर तो जाऊंगा, खुद को जलील होते अपनी आंखों से नहीं देख सकता मैं …।”
“क्या आज तुम्हें अपनी इज्जत, अपना सम्मान फोर्स के फायदे से बड़ा नजर आने लगा थारूपल्ला?” ब्लैक स्टार कहता चला गया—“क्या तुम फोर्स के किसी बड़े फायदे के लिए जलील होने से इंकार करते हो?”
“म-मेरा मतलब यह नहीं था सर, मैं तो यह कहना चाहता था …।”
“हम कुछ नहीं सुनना चाहते।” उसका वाक्य काटकर कठोर स्वर में कहा गया—“हमारा आदेश स्पष्ट है, इंस्पेक्टर सबके सामने तुम्हें अपने स्पेशल रूल से पीटेगा—तुम न केवल यह आदेश जारी करोगे कि कोई बीच में न आए, बल्कि इंस्पेक्टर को सुरक्षित काली बस्ती से बाहर निकालने की जिम्मेदारी भी तुम्हारी है।”
“इ-इस हरामजादे ने ऐसा क्या कह दिया है सर!” थारूपल्ला दहाड़ उठा—“आखिर इसने ऐसी कौन-सी जादू की छड़ी घुमा दी है जिसके फेर में पड़कर आप फोर्स के एक मेजर की अब तक की सारी वफादारी भूल गए?”
सर्प की सी फुंफकार के साथ पूछा गया—“क्या तुम हमारा आदेश मानने से इंकार कर रहे हो?”
क्रोध के दरिया में बह रहे थारूपल्ला के मस्तिष्क को झटका लगा।
ब्लैक स्टार से उस लहजे में कभी कोई एक शब्द कहने की हिम्मत न जुटा सका था जिस लहजे में थारूपल्ला ने इतना सब कह डाला और ऐसा केवल इसलिए हो सका क्योंकि आदेश सुनते ही थारूपल्ला बौखला उठा, विवेक क्रोध के दरिया में बह चला—सर्प की-सी फुंफकार सुनते ही उसे झटका लगा, अहसास हुआ कि किस हस्ती के सामने इतना बोल गया है!
इधर, उसकी ये हालत तेजस्वी को रोमांचित किए हुए थी—शाही अंदाज में एक सिगरेट सुलगाई उसने और उन नजरों से थारूपल्ला की तरफ देखा जो सामने वाले के दिलो-दिमाग को इस तरह चीर डालती है, जैसे आरा मशीन लकड़ी को।
फुंफकार पुनः उभरी—“जवाब दो थारूपल्ला!”
“आपका हुक्म न मानने का सवाल ही नहीं उठता सर …।” थारूपल्ला पस्त हो चुका था।
“अगर पांच मिनट के अंदर वैसा नहीं किया जैसा कहा गया है तो तुम्हें अंजाम भोगने होंगे।” इस धमकी के तुरंत बाद दूसरी तरफ से संबंध-विच्छेद कर दिया गया।
थारूपल्ला के मस्तिष्क को ऐसा झटका लगा जैसे इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाकर ‘शॉक’ दिया गया हो।
माइक हाथ में लिए किंकर्त्तव्यविमूढ़ अवस्था में खड़ा रह गया वह।
ट्रांसमीटर से निकलने वाली सूं-सूं की आवाज कानों के पर्दे फाड़े डाल रही थी।
तेजस्वी ने जहरीली मुस्कान के साथ पूछा—“कब तक स्टैचू बने रहोगे मेजर?”
थारूपल्ला के जहन को दूसरा झटका लगा।
हैडफोन और माइक अलमारी में पटके, खून में लिसड़ी आंखों से तेजस्वी को घूरा—जबड़े मजबूती के साथ भिंचे होने के कारण मसल्स रह-रहकर फूल पिचक रहे थे—गुस्से की ज्यादती के कारण सारा जिस्म सूखे पत्ते के मानिन्द कांप रहा था।
तेजस्वी की चुभती हुई स्थाई मुस्कान ने मानो गुस्से की ज्वाला में कपूर का काम किया—खुद को तेजस्वी की आंखों का सामना करने में असमर्थ पाने पर वह घूमा और तेजी से उससे दूर … सोफा सैट की तरफ बढ़ा—निगाह सेंटर टेबल पर पड़े स्पेशल रूल पर पड़ी तो वहीं चिपककर रह गई।
उधर, तेजस्वी ने एक जोरदार कश लिया।
इस वक्त उसकी तरफ थारूपल्ला की पाठ थी, विजयी अंदाज में आहिस्ता-आहिस्ता उसकी तरफ बढ़ता हुआ बोला वह—“क्या हुआ मेजर साहब, नाराज नजर आ रहे हैं आप?”
“म-मारो!” फिरकनी की मानिन्द घूमकर थारूपल्ला ज्वालामुखी की तरह फट गया—“म-मारो मुझे—अपने स्पेशल रूल से चमड़ी उधेड़ डालो मेरी … लहुलुहान कर दो … जान से मार डालो … मुझे।”
“जरूर!” तेजस्वी हंसा—“तेरी ये शानदार ख्वाहिश मैं जरूर पूरी करूंगा।”
“करो! जरूर करो!” पागल की भांति दहाड़ते हुए उसने घूमकर रूल उठाया और उसकी तरफ फेंकता हुआ चीखा—“लो … ये रहा तुम्हारा रूल—मैं सामने खड़ा हूं—अपना चैलेंज पूरा करो, मारो मुझे!”
रूल को लपक चुके तेजस्वी ने कहा—“यहां नहीं।”
“फिर?” थारूपल्ला का पोर-पोर आग उगल रहा था।
“यहां का माहौल पसंद नहीं है मुझे—ठीक उसी तरह, जैसे तुझे मेरे ऑफिस का माहौल पसंद नहीं था—तूने थाने का प्रांगण चुना था—मैंने इस इमारत के लंबे-चौड़े लॉन को चुना है—वहां, जहां चारों तरफ स्टार फोर्स के सशस्त्र वर्दीधारी गार्ड खड़े होंगे—वे गार्ड जिन्होंने थाने में पहुंचकर मेरे एक भी मातहत को हिलने तक का मौका नहीं दिया था, ठीक रहेगा न?”
“ठ-ठीक है हरामजादे, इस वक्त तू जो कह रहा है सब ठीक है—आ चल—लॉन में चल!” कहने के साथ वह दरवाजे की तरफ लपका मगर …।
“ठहरो थारूपल्ला!” तेजस्वी का स्वर आदेशात्मक था।
थारूपल्ला के पैर फर्श पर चिपके रह गए।
पलटकर गुर्राया वह—“अब क्या है?”
“एक सवाल का जवाब दे।”
“कौन से सवाल का जवाब चाहिए तुझे?”
“देशराज के पिता के मर्डर का आर्डर किसने दिया था?”
“मैंने।” उसने बेखौफ कहा।
“क्यों?”
“उन दिनों ब्लैक स्टार ‘जंगल’ में थे—उन्होंने खुद फोन करके इंस्पेक्टर देशराज से असलम की हत्या के जुर्म में उसकी बीवी को फंसाने के लिए कहा था मगर संबंध-विच्छेद होने पर महसूस किया कि लाइन पर उनकी और इंस्पेक्टर की वार्ता किसी ने सुनी है—उनके ख्याल से ऐसा इंस्पेक्टर के घर पर मौजूद किसी एक्सटेंशन इन्स्ट्रूमेंट के कारण हुआ था—उन्होंने तुरंत मुझे फोन करके जांच करने और मुनासिब कदम उठाने का हुक्म दिया—मैंने दो आदमी देशराज के घर भेजे—उन्होंने रिपोर्ट दी कि देशराज के बाप ने सब कुछ सुना है, उस पर सारा भेद पुलिस के उच्चाधिकारियों पर खोल देने का ऐसा भूत सवार है कि इंस्पेक्टर की बीवी के विरोध के कारण उसने उसे बांधकर कमरे में डाल दिया और सब कुछ बता देने की मंशा से एस.एस.पी. की कोठी की तरफ बढ़ रहा है—तब, मुझे उसके मर्डर का आदेश जारी करना पड़ा—साथ ही कहा, चेहरे को इतना कुचल दिया जाए कि लाश की शिनाख्त न हो सके।”
“मेरा अनुमान यही था।”
“क्या?”
“कि देशराज के पिता का हत्यारा तू है।”
“तो?”
“साबित हो गया, दिमाग नाम की चीज से तेरा कोई वास्ता नहीं है।”
“मतलब?”
“जरा सोच, अगर वह न मरा होता तो ब्लैक स्टार की स्कीम पिटी होती?”
“वह एस.एस.पी. के पास जा रहा था।”
“तेरा फर्ज उस पिटती हुई स्कीम को संभालना था परंतु तेरे बेवकूफाना कदम ने उसे और बिगाड़ दिया, ऐसे हालात ‘क्रिएट’ कर दिए तूने कि खुद देशराज ने अदालत में हाजिर होकर सारी स्कीम तहस-नहस कर दी—पता नहीं ब्लैक स्टार ने तेरे जैसे अहमक को मेजर का ओहदा कैसे सौंप रखा है, तुझ जैसे मूर्ख की बेवकूफियों को कैसे बरदाश्त करता है वह?”
“ओह!” थारूपल्ला गुर्राया—“तूने इस किस्म का जहर दिमाग मंें भरकर ब्लैक स्टार को मेरे खिलाफ भड़काया लगता है?”
“क्या मैंने ठीक नहीं कहा?”
“इस वक्त तेरी चढ़ी है इंस्पेक्टर, जो कहेगा ठीक ही होगा—गलत तो कुछ कह ही नहीं सकता—एक ही सांस से तूने मुझे मूर्ख, बेवकूफ और अहमक कह दिया—स्वीकार करता हूं कि तेरे जैसे धूर्त आदमी से पहले मेरा भी पाला नहीं पड़ा—मौका लगा तो बताऊंगा कि थारूपल्ला क्या चीज है—इस वक्त तो ब्लैक स्टार के आदेश से तूने मेरे हाथ-पैर बांध रखे हैं—कर ले मनमानी, आ लॉन में … चलकर मेरी चमड़ी उधेड़ ले।”
तेजस्वी के होंठों की मुस्कान गहरी … और गहरी होती चली जा रही थी।
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