desiaks
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तांत्रिक चला- "चुप हो जा... क्यों बिना वजह चिल्ला रहा है? कौन हहो तुम? तुम्हें पता नहीं है तांत्रिक बिच्छ अब नहीं रहे, और उन्होंने अपने सबसे तेज चेले को पानी में समझा? और यहां मुझे किसी और की तंज आवाज में बोलना नहीं पसंद है..."
तांत्रिक लोल ने उसकी बात सुनकर कुछ मंत्र पढ़ा और उसकी तरफ किया और वो तुरन्त तड़पने लगा। मैं देखकर सभी के मन में खौफ आ गया। सब डरे हए वहीं खड़े थे पर सब कांप रहे थे।
तांत्रिक लोलू- "हाहाहा... मुझे धमकी देता है मुझे हाहाहाहा.. तांत्रिक लालू को, जिसने मौत को भी अपना गुलाम बना लिया है हाहाहाहा..."
ये सब नजारा सभी देख रहे थे और उन्हीं में कुछ ऐसे परिवार भी थे जो तांत्रिक बिरह के चलें थे, वा सभी तो और भी ज्यादा डर गये थे। उन्हें समझ में आ चुका था की ये जो कोई भी है, वो तांत्रिक बिच्छ से बहुत ज्यादा शक्तिशाली तो है ही, साथ में बेरहम भी हैं।
तांत्रिक लोलू- "हाहाहा... अब जो यहां मेरा गुलाम नहीं बनेगा, उसका यही हाल होगा हाहाहा."
---
तांत्रिक लोल की बात सुनकर सभी घुटनों के बल बैठ जाते हैं। जिसका मतलब साफ था की सभी गुलाम बनने के लिए तैयार हैं। अब मौत से कौन नहीं डरता यारों, ऐसा तो होना ही था।
वहां जो तांत्रिक बिच्छू के और चले थे, वो तांत्रिक लालू की आवभगत में लग गये और जो परिवार थी वो उसके पैर छकर जाने लगे। लेकिन लोल उन सभी से पूछता की वो क्यों आए थे? ऐसे ही सब जाने लगे। लास्ट में एक आदमी और औरत थे, वो आए और पैर छुए।
तांत्रिक लोलू- तुम लोग कौन हो और किसलिए आए थे?
आदमी- मैं नाम गरा है और ये मेरी लगाईं, और में बच्ची है। मेरे कोई बच्चा नहीं हो रहा था। तभी तांत्रिक बिच्छू बाबा में कुछ किया जिससे मेरे ये छोरी हुई है इसका नाम रति रखा हूँ। बस इसको ही बाबा को आशीर्वाद दिलाने आया हैं।
तांत्रिक लोल- "ठीक है ले मैं देता हैं आशीर्वाद "जल्दी जवान हो जा हाहाहा... कब पैदा हुई थी ?"
तांत्रिक लालू- हाँ ठीक है जा।
फिर वो दोनों आदमी और औरत अपनी बेटी के साथ बाहर आ जाते हैं और वो बाहर आकर ऐसे भागते हैं जैसे
जान बचाकर भाग रहें हों और फिर कभी नहीं आएंगे।
..
..
चला दोस्तों इनके बारे में भी जान लेते हैं।
गुग एक किसान है और बच्ची उसकी बीबी हैं ये बच्ची नहीं हैं नाम है उसका ऐसा। पहले ऐसे ही नाम हुआ करते थे। इसको 5 साल से कोई बचा नहीं हुआ था। ये इसमें परेशान थे। फिर इन्हें किसी ने बताया की पास में एक तांत्रिक भी है, जिसका नाम तांत्रिक बिच्छ है। वो कुछ भी कर सकता है, तो इन्होंने अपने गांव के लोगों से इसके बारे में पूछा और राय ली।
लोगों ने कहा- "देखो भाई गरा, भगवान पर बिस्वास रखो, अगर तेरी किश्मत में बच्चा होगा तो जरूर होगा। ऐसे तंत्रिकों के चक्कर में मत आ। क्योंकी ये जान छीन कर जान देते हैं, और कुकर्म करते हैं। ये कभी सही काम सही तरह से नहीं करते हैं। फिर गलत की तो बात ही क्या? ऐसे में तेरे बचे हो भी जायेंगे तो ना त सुखी होगा और ना ही वो बच्चे। समझे बाबले कुछ?"
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दोनों गाँव वालों की बात सुनकर दुखी हये। फिर दोनों में सोचा और आपस में बात करने लगे। वो कोई भी गलत काम करे, हमको उससे क्या? मेरे को तो बच्चे मिल जायेंगे और तब ना कोई मेरे का नामर्द कहेगा और ना मेरे को बांझ। पर ये अपनी झठी मर्दानगी और बांझपन को सोचकर उसके पास जाने को तैयार हो गये।
फिर तांत्रिक बिच्छू को मिलें, तो तांत्रिक बिच्छू इन्हें दो बकरी के नवजात बच्चे लाने को कहा, और ये भी तैयार हो गये। ये सोचकर की वो कौन सा उसे मारेंगे, बलि ता वा तांत्रिक देगा। पर उन्होंने ये नहीं सोचा की इससे अच्छा तो ऐसे ही जिंदगी जी लेते, और क्या पता उन्हें बच्चा भी हो जाता। ऐसे ही वो दिन भी आ जाता है जब बो बकरी के दो नबजात बरचे लाते हैं, जिन्हें 3 दिन से ज्यादा नहीं हुआ था जनम लिये, और आज उनकी बलि भी दी जा रही थी।
फिर क्या था शैतान के सामने बलि दी जाती है। इन दोनों का खून भी उसमें डालते हैं, फिर कुछ खिलाकर घर भेज देते हैं और फिर ऐसे ही 1% साल निकल जाते हैं, और उन्हें बच्चा नहीं होता। पर पता नहीं भगवान की कैसी इच्छा थी की उन्हें 15 साल बाद बच्ची के पेट में बच्चा ठहर जाता है, और एक काली रात में उसके यहां एक बच्ची का जनम होता है। जिसका नाम रति रखा जाता है।
***** *****
तांत्रिक लोल ने उसकी बात सुनकर कुछ मंत्र पढ़ा और उसकी तरफ किया और वो तुरन्त तड़पने लगा। मैं देखकर सभी के मन में खौफ आ गया। सब डरे हए वहीं खड़े थे पर सब कांप रहे थे।
तांत्रिक लोलू- "हाहाहा... मुझे धमकी देता है मुझे हाहाहाहा.. तांत्रिक लालू को, जिसने मौत को भी अपना गुलाम बना लिया है हाहाहाहा..."
ये सब नजारा सभी देख रहे थे और उन्हीं में कुछ ऐसे परिवार भी थे जो तांत्रिक बिरह के चलें थे, वा सभी तो और भी ज्यादा डर गये थे। उन्हें समझ में आ चुका था की ये जो कोई भी है, वो तांत्रिक बिच्छ से बहुत ज्यादा शक्तिशाली तो है ही, साथ में बेरहम भी हैं।
तांत्रिक लोलू- "हाहाहा... अब जो यहां मेरा गुलाम नहीं बनेगा, उसका यही हाल होगा हाहाहा."
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तांत्रिक लोल की बात सुनकर सभी घुटनों के बल बैठ जाते हैं। जिसका मतलब साफ था की सभी गुलाम बनने के लिए तैयार हैं। अब मौत से कौन नहीं डरता यारों, ऐसा तो होना ही था।
वहां जो तांत्रिक बिच्छू के और चले थे, वो तांत्रिक लालू की आवभगत में लग गये और जो परिवार थी वो उसके पैर छकर जाने लगे। लेकिन लोल उन सभी से पूछता की वो क्यों आए थे? ऐसे ही सब जाने लगे। लास्ट में एक आदमी और औरत थे, वो आए और पैर छुए।
तांत्रिक लोलू- तुम लोग कौन हो और किसलिए आए थे?
आदमी- मैं नाम गरा है और ये मेरी लगाईं, और में बच्ची है। मेरे कोई बच्चा नहीं हो रहा था। तभी तांत्रिक बिच्छू बाबा में कुछ किया जिससे मेरे ये छोरी हुई है इसका नाम रति रखा हूँ। बस इसको ही बाबा को आशीर्वाद दिलाने आया हैं।
तांत्रिक लोल- "ठीक है ले मैं देता हैं आशीर्वाद "जल्दी जवान हो जा हाहाहा... कब पैदा हुई थी ?"
तांत्रिक लालू- हाँ ठीक है जा।
फिर वो दोनों आदमी और औरत अपनी बेटी के साथ बाहर आ जाते हैं और वो बाहर आकर ऐसे भागते हैं जैसे
जान बचाकर भाग रहें हों और फिर कभी नहीं आएंगे।
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चला दोस्तों इनके बारे में भी जान लेते हैं।
गुग एक किसान है और बच्ची उसकी बीबी हैं ये बच्ची नहीं हैं नाम है उसका ऐसा। पहले ऐसे ही नाम हुआ करते थे। इसको 5 साल से कोई बचा नहीं हुआ था। ये इसमें परेशान थे। फिर इन्हें किसी ने बताया की पास में एक तांत्रिक भी है, जिसका नाम तांत्रिक बिच्छ है। वो कुछ भी कर सकता है, तो इन्होंने अपने गांव के लोगों से इसके बारे में पूछा और राय ली।
लोगों ने कहा- "देखो भाई गरा, भगवान पर बिस्वास रखो, अगर तेरी किश्मत में बच्चा होगा तो जरूर होगा। ऐसे तंत्रिकों के चक्कर में मत आ। क्योंकी ये जान छीन कर जान देते हैं, और कुकर्म करते हैं। ये कभी सही काम सही तरह से नहीं करते हैं। फिर गलत की तो बात ही क्या? ऐसे में तेरे बचे हो भी जायेंगे तो ना त सुखी होगा और ना ही वो बच्चे। समझे बाबले कुछ?"
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दोनों गाँव वालों की बात सुनकर दुखी हये। फिर दोनों में सोचा और आपस में बात करने लगे। वो कोई भी गलत काम करे, हमको उससे क्या? मेरे को तो बच्चे मिल जायेंगे और तब ना कोई मेरे का नामर्द कहेगा और ना मेरे को बांझ। पर ये अपनी झठी मर्दानगी और बांझपन को सोचकर उसके पास जाने को तैयार हो गये।
फिर तांत्रिक बिच्छू को मिलें, तो तांत्रिक बिच्छू इन्हें दो बकरी के नवजात बच्चे लाने को कहा, और ये भी तैयार हो गये। ये सोचकर की वो कौन सा उसे मारेंगे, बलि ता वा तांत्रिक देगा। पर उन्होंने ये नहीं सोचा की इससे अच्छा तो ऐसे ही जिंदगी जी लेते, और क्या पता उन्हें बच्चा भी हो जाता। ऐसे ही वो दिन भी आ जाता है जब बो बकरी के दो नबजात बरचे लाते हैं, जिन्हें 3 दिन से ज्यादा नहीं हुआ था जनम लिये, और आज उनकी बलि भी दी जा रही थी।
फिर क्या था शैतान के सामने बलि दी जाती है। इन दोनों का खून भी उसमें डालते हैं, फिर कुछ खिलाकर घर भेज देते हैं और फिर ऐसे ही 1% साल निकल जाते हैं, और उन्हें बच्चा नहीं होता। पर पता नहीं भगवान की कैसी इच्छा थी की उन्हें 15 साल बाद बच्ची के पेट में बच्चा ठहर जाता है, और एक काली रात में उसके यहां एक बच्ची का जनम होता है। जिसका नाम रति रखा जाता है।
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