hotaks444
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विजय ने बाहर निकलते ही एक रिक्शा वाले को बुला लिया और दोनों माँ बेटे रिक्शा में बैठकर डॉ रवि की क्लिनिक में जाने लगे।
"माँ मुझे भी एक बाइक ले के दो। डेली कॉलेज जाने में तकलीफ होती है और वह दुसरे काम काज में भी आएगी जैसे आज अगर अपनी बाइक होती तो हम उस पर चलते" विजय ने रास्ते में अपनी माँ से बाते करते हुए कहा ।
"हाँ बेटा तुम्हारी बात है तो सही देखती हूँ तुम्हारे पिता से बात करनी होगी" रेखा ने विजय की बात सुनकर कहा। रिक्शा ठीक डॉ रवि की क्लिनिक पर आकर रुक गया और दोनों माँ बेटे रिक्शा से उतर गए । विजय ने रिक्शा वाले को पैसे दिए और अपनी माँ के साथ क्लिनिक में अंदर दाखिल हो गये।
रेखा ने डॉ से फ़ोन पर पहले ही बात कर ली थी की वह आ रही है इसीलिए डॉ रवि वहीँ पर था। मगर उस दिन की तरह आज भी क्लिनिक बिलकुल खाली था।
"आइये भाभी क्या हाल है और बेटा विजय तुम्हारा क्या हाल है" अंदर दाखिल होते ही डॉ ने दोनों माँ बेटों का स्वागत करते हुए कहा ।
"हम ठीक हैं डॉ साहब मगर क्लिनिक क्यों बिलकुल खाली है" विजय ने अपनी माँ के साथ कुर्सी पर बैठते हुए हैरानी से कहा।
"अरे बेटा इस वक्त मैं यहाँ नहीं होता। वह तो भाभी ने फ़ोन पर कह दिया तो मैं रुक गया" डॉ रवि ने मुस्कराते हुए कहा।
"क्या लोगे आप दोनों" रवि ने दोनों माँ बेटों की तरफ देखते हुए कहा।
"मैं तो ठण्डा लूँगी बुहत गर्मी है आज" रेखा ने अपनी साड़ी के पल्लु को अपनी चुचियों से हटाते हुए उसे अपने चेहरे पर हवा मारते हुए कहा । ऐसा करने से रेखा की चुचियों का उपरी उभार नंगा होकत डॉ रवि की आँखों के सामने आ गया।रेखा ने रास्ते में अपनी चुचियों को थोडा ऊपर की तरफ कर दिया था, रवि रेखा की गोरी चुचियों के उभारों को देखता ही रह गया।
"मैं भी ठण्डा लूँगा डॉ साहब क्या देख रहे हो माँ की तरफ" विजय ने डॉ को अपनी माँ की चुचियों की तरफ घूरता हुआ देखकर मुस्कराते हुए कहा।
"कुछ नहीं बेटा बुहत गर्मी है । अभी ठण्डा मँगवाता हू" डॉ रवि विजय की बात सुनकर घबराते हुए बोले और अपने पिओन को बुलाते हुए ठण्डा मँगवा दिया।
"भाभी इंजेक्शन लगवानी है न?" डॉ रवि ने रेखा के ठण्डा पीने के बाद उसकी तरफ देखते हुए कहा।
"ड्र साहब इंजेक्शन तो लगवानी है मगर मुझे पेट में भी दर्द है उसकी भी कोई दवाई चाहिये" रेखा ने एक अदा से अपने पेट को पकडते हुए अपने नीचे वाले होंठ को अपने दांतों से काटते हुए कहा ।
"भभी आइये आपका चेकअप कर लुँ। कहाँ पर दर्द है" डॉ रवि रेखा के इस अन्दाज़ से बिलकुल बौखला गया और वह अपने गले में थूक को गटकते हुए बोला, रवि का लंड उसकी पेण्ट में अभी से उछलकूद मचाने लगा था । रेखा कुर्सी से उठकर सीधा जाकर पेशेंट टेबल पर लेट गई।
"माँ मुझे भी एक बाइक ले के दो। डेली कॉलेज जाने में तकलीफ होती है और वह दुसरे काम काज में भी आएगी जैसे आज अगर अपनी बाइक होती तो हम उस पर चलते" विजय ने रास्ते में अपनी माँ से बाते करते हुए कहा ।
"हाँ बेटा तुम्हारी बात है तो सही देखती हूँ तुम्हारे पिता से बात करनी होगी" रेखा ने विजय की बात सुनकर कहा। रिक्शा ठीक डॉ रवि की क्लिनिक पर आकर रुक गया और दोनों माँ बेटे रिक्शा से उतर गए । विजय ने रिक्शा वाले को पैसे दिए और अपनी माँ के साथ क्लिनिक में अंदर दाखिल हो गये।
रेखा ने डॉ से फ़ोन पर पहले ही बात कर ली थी की वह आ रही है इसीलिए डॉ रवि वहीँ पर था। मगर उस दिन की तरह आज भी क्लिनिक बिलकुल खाली था।
"आइये भाभी क्या हाल है और बेटा विजय तुम्हारा क्या हाल है" अंदर दाखिल होते ही डॉ ने दोनों माँ बेटों का स्वागत करते हुए कहा ।
"हम ठीक हैं डॉ साहब मगर क्लिनिक क्यों बिलकुल खाली है" विजय ने अपनी माँ के साथ कुर्सी पर बैठते हुए हैरानी से कहा।
"अरे बेटा इस वक्त मैं यहाँ नहीं होता। वह तो भाभी ने फ़ोन पर कह दिया तो मैं रुक गया" डॉ रवि ने मुस्कराते हुए कहा।
"क्या लोगे आप दोनों" रवि ने दोनों माँ बेटों की तरफ देखते हुए कहा।
"मैं तो ठण्डा लूँगी बुहत गर्मी है आज" रेखा ने अपनी साड़ी के पल्लु को अपनी चुचियों से हटाते हुए उसे अपने चेहरे पर हवा मारते हुए कहा । ऐसा करने से रेखा की चुचियों का उपरी उभार नंगा होकत डॉ रवि की आँखों के सामने आ गया।रेखा ने रास्ते में अपनी चुचियों को थोडा ऊपर की तरफ कर दिया था, रवि रेखा की गोरी चुचियों के उभारों को देखता ही रह गया।
"मैं भी ठण्डा लूँगा डॉ साहब क्या देख रहे हो माँ की तरफ" विजय ने डॉ को अपनी माँ की चुचियों की तरफ घूरता हुआ देखकर मुस्कराते हुए कहा।
"कुछ नहीं बेटा बुहत गर्मी है । अभी ठण्डा मँगवाता हू" डॉ रवि विजय की बात सुनकर घबराते हुए बोले और अपने पिओन को बुलाते हुए ठण्डा मँगवा दिया।
"भाभी इंजेक्शन लगवानी है न?" डॉ रवि ने रेखा के ठण्डा पीने के बाद उसकी तरफ देखते हुए कहा।
"ड्र साहब इंजेक्शन तो लगवानी है मगर मुझे पेट में भी दर्द है उसकी भी कोई दवाई चाहिये" रेखा ने एक अदा से अपने पेट को पकडते हुए अपने नीचे वाले होंठ को अपने दांतों से काटते हुए कहा ।
"भभी आइये आपका चेकअप कर लुँ। कहाँ पर दर्द है" डॉ रवि रेखा के इस अन्दाज़ से बिलकुल बौखला गया और वह अपने गले में थूक को गटकते हुए बोला, रवि का लंड उसकी पेण्ट में अभी से उछलकूद मचाने लगा था । रेखा कुर्सी से उठकर सीधा जाकर पेशेंट टेबल पर लेट गई।