hotaks444
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विजय कुछ देर तक अपनी बहन की दोनों चुचियों से खेलने के बाद उसके पेट को चूमते हुए उसकी पेंटी की तरफ बढ़ने लगा । विजय अपनी बहन के गोरे चिकने पेट को अपनी जीभ से चाटते हुए नीचे घुटनों के बल बैठ गया उसका मुँह अब कोमल की पेंटी से सटा हुआ था और वह अपनी बहन की गीली पेंटी को ज़ोर से साँस लेते हुए सूंघ रहा था।
"आह्ह्ह्ह भैया क्या कर रहे हो?" कोमल ने अपने भाई की साँसों को अपनी चूत पर पेंटी के ऊपर से ही महसूस करके सिसकते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह कोमल मैं तुम्हारी कुँवारी चूत की महक महसूस कर रहा हूँ इसशहहहह क्या ख़ुश्बू है" विजय ने अपनी बहन की पेंटी की महक को महसूस करके सिसकते हुए कहा।
विजय ने अब अपना मुँह अपनी बहन की पेंटी के ऊपर रख दिया और अपनी जीभ निकालकर अपनी छोटी बहन की चूत का कुँवारा पानी उसकी पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा।
"ओहहहहह आहह भैया क्या कर रहे हो?" कोमल अपने भाई की जीभ को अपनी गीली पेंटी पर लगते ही ज़ोर से सिसकते हुए तडपने लगी क्योंकी उसे अपने भाई की जीभ पेंटी के ऊपर से सीधा अपनी चूत पर महसूस हो रही थी। जिस वजह से उसकी चूत से उत्तेजना के मारे बुहत ज्यादा पानी बहने लगा।
विजय ने अचानक अपना मुँह अपनी बहन की पेंटी से हटाया और अपने दोनों हाथों से कोमल की पेंटी को पकडकर उसके चूतडों से नीचे सरका दिया।
"आजहहहहहह कोमल कितनी प्यारी और छोटी है तुहारी चूत ओह्ह्ह्हह" विजय अपनी बहन की नंगी चूत को देखकर लार टपकाते हुए बोला।
"भइया आपने इसे क्यों उतारा" कोमल अचानक अपनी पेंटी के हटने से शर्म के मारे अपने हाथों से अपनी चूत को ढकते हुए बोली।
"आह्ह्ह्ह कोमल अब तो हमारे बीच की हर दीवार टूटने वाली है फिर तुम इतना क्यों शर्मा रही हो" विजय ने अपनी बहन के दोनों हाथों को पकडकर उसकी चूत से दूर किया और अपने होंठो से अपनी बहन की गुलाबी चूत को चूम लिया।
"आह्ह्ह्ह भैया में अब ज्यादा देर खड़ा नहीं रह सकती" कोमल का पूरा जिस्म अपने भाई के होंठो को अपनी चूत पर महसूस करके कांप उठा और वह ज़ोर से सिसकते हुए बोली।
"आह्ह्ह्ह कोमल " विजय ने एक बार और अपनी बहन को चूत को चूमा और सीधा खड़े होते हुए बोला। विजय ने अपनी बहन को अपनी बाहों में उठाया और बेड पर सीधा लिटा दिया। विजय भी अपनी बहन को बेड पर लिटाने के बाद खुद भी बेड पर चढ़ गया और अपने हाथों से कोमल की पेंटी को पकडकर उसकी टांगों से अलग कर दिया।
"आह्ह्ह्ह भैया क्या कर रहे हो?" कोमल ने अपने भाई की साँसों को अपनी चूत पर पेंटी के ऊपर से ही महसूस करके सिसकते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह कोमल मैं तुम्हारी कुँवारी चूत की महक महसूस कर रहा हूँ इसशहहहह क्या ख़ुश्बू है" विजय ने अपनी बहन की पेंटी की महक को महसूस करके सिसकते हुए कहा।
विजय ने अब अपना मुँह अपनी बहन की पेंटी के ऊपर रख दिया और अपनी जीभ निकालकर अपनी छोटी बहन की चूत का कुँवारा पानी उसकी पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा।
"ओहहहहह आहह भैया क्या कर रहे हो?" कोमल अपने भाई की जीभ को अपनी गीली पेंटी पर लगते ही ज़ोर से सिसकते हुए तडपने लगी क्योंकी उसे अपने भाई की जीभ पेंटी के ऊपर से सीधा अपनी चूत पर महसूस हो रही थी। जिस वजह से उसकी चूत से उत्तेजना के मारे बुहत ज्यादा पानी बहने लगा।
विजय ने अचानक अपना मुँह अपनी बहन की पेंटी से हटाया और अपने दोनों हाथों से कोमल की पेंटी को पकडकर उसके चूतडों से नीचे सरका दिया।
"आजहहहहहह कोमल कितनी प्यारी और छोटी है तुहारी चूत ओह्ह्ह्हह" विजय अपनी बहन की नंगी चूत को देखकर लार टपकाते हुए बोला।
"भइया आपने इसे क्यों उतारा" कोमल अचानक अपनी पेंटी के हटने से शर्म के मारे अपने हाथों से अपनी चूत को ढकते हुए बोली।
"आह्ह्ह्ह कोमल अब तो हमारे बीच की हर दीवार टूटने वाली है फिर तुम इतना क्यों शर्मा रही हो" विजय ने अपनी बहन के दोनों हाथों को पकडकर उसकी चूत से दूर किया और अपने होंठो से अपनी बहन की गुलाबी चूत को चूम लिया।
"आह्ह्ह्ह भैया में अब ज्यादा देर खड़ा नहीं रह सकती" कोमल का पूरा जिस्म अपने भाई के होंठो को अपनी चूत पर महसूस करके कांप उठा और वह ज़ोर से सिसकते हुए बोली।
"आह्ह्ह्ह कोमल " विजय ने एक बार और अपनी बहन को चूत को चूमा और सीधा खड़े होते हुए बोला। विजय ने अपनी बहन को अपनी बाहों में उठाया और बेड पर सीधा लिटा दिया। विजय भी अपनी बहन को बेड पर लिटाने के बाद खुद भी बेड पर चढ़ गया और अपने हाथों से कोमल की पेंटी को पकडकर उसकी टांगों से अलग कर दिया।