hotaks444
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अनिल मज़े से अपनी आँखें बंद किये हुए झड़ रहा था और मदहोशी में अपना लंड अपनी पोती के मुँह में अंदर बाहर किये जा रहा था । इधर तकलीफ के मारे कंचन की आँखों से आंसू निकल रहे थे क्योंकी अनिल अपना लंड इतनी ज़ोर से उसके मुँह में पेल रहा था की उसके मुँह में बुहत ज़ोर का दर्द हो रहा था और ऊपर से उसके लंड से इतना वीर्य निकला था की कंचन का पूरा मुँह अपने दादा के वीर्य से भर चूका था, कंचन जाने कितना वीर्य तो गटकते हुए अपने पेट में उतार चुकी थी मगर अनिल का वीर्य ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। जिस वजह से अब उसकी साँसें भी बंद होनी शुरू हो गई थी।
अनिल ने जैसे ही अपनी आँखें खोली और कंचन की आँखों में आंसू देखे वह समझ गया की झडने के नशे में वह यह भूल गया की कंचन को तकलीफ हो रही होगी। इसीलिए उसने जल्दी से कंचन के मुँह से अपना लंड खींचकर निकाल लिया । लंड के निकलते ही कंचन ज़ोर से खाँसने लगी।
"दादा जी आप बड़े ज़ालिम है" कुछ देर तक खाँसने के बाद कंचन ने अनिल को डाँटते हुए कहा।
"सॉरी बेटी मुझसे गलती हो गई आइसक्रीम कैसी लगी?" अनिल ने छोटे बच्चे की तरह सर झुकाते हुए कहा।
"दादा जी आप खुद ही चखकर देख लें की आपकी आइसक्रीम कितनी टेस्टी है" कंचन ने अपने दादा को देखते हुए कहा और उन्हें अपनी बाहों में भरते हुए उनके होंठो से अपने होंठो को मिला दिया।
कंचन बुहत ज़ोर से अपने दादा के मुँह को खोलते हुए उसमें अपनी जीभ घुसा दी और तब तक वह अपने दादा से अपने होंठ और जीभ चुसवाती रही जब तक उसकी साँसें उखड़ने न लगी।
"बताइये कैसी थी आपकी आइसक्रीम्" कंचन ने अपने दादा के होंठो से अपने लबों को जुदा करके ज़ोर से हाँफते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह बेटी मुझे तो आइसक्रीम से ज्यादा तुम्हारे लब और जीभ ज्यादा टेस्टी लगी" अनिल ने भी हाँफते हुए कहा।
"दादा जी" कंचन ने अपने दादा की बात को सुनकर हँसते हुए कहा।
"बेटी मुझे कब खिला रही हो अपनी मलाई" अनिल ने कुछ देर तक अपनी साँसों को ठीक करने के बाद अपने हाथ को अपनी पोती की सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रखते हुए कहा।
अनिल ने जैसे ही अपनी आँखें खोली और कंचन की आँखों में आंसू देखे वह समझ गया की झडने के नशे में वह यह भूल गया की कंचन को तकलीफ हो रही होगी। इसीलिए उसने जल्दी से कंचन के मुँह से अपना लंड खींचकर निकाल लिया । लंड के निकलते ही कंचन ज़ोर से खाँसने लगी।
"दादा जी आप बड़े ज़ालिम है" कुछ देर तक खाँसने के बाद कंचन ने अनिल को डाँटते हुए कहा।
"सॉरी बेटी मुझसे गलती हो गई आइसक्रीम कैसी लगी?" अनिल ने छोटे बच्चे की तरह सर झुकाते हुए कहा।
"दादा जी आप खुद ही चखकर देख लें की आपकी आइसक्रीम कितनी टेस्टी है" कंचन ने अपने दादा को देखते हुए कहा और उन्हें अपनी बाहों में भरते हुए उनके होंठो से अपने होंठो को मिला दिया।
कंचन बुहत ज़ोर से अपने दादा के मुँह को खोलते हुए उसमें अपनी जीभ घुसा दी और तब तक वह अपने दादा से अपने होंठ और जीभ चुसवाती रही जब तक उसकी साँसें उखड़ने न लगी।
"बताइये कैसी थी आपकी आइसक्रीम्" कंचन ने अपने दादा के होंठो से अपने लबों को जुदा करके ज़ोर से हाँफते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह बेटी मुझे तो आइसक्रीम से ज्यादा तुम्हारे लब और जीभ ज्यादा टेस्टी लगी" अनिल ने भी हाँफते हुए कहा।
"दादा जी" कंचन ने अपने दादा की बात को सुनकर हँसते हुए कहा।
"बेटी मुझे कब खिला रही हो अपनी मलाई" अनिल ने कुछ देर तक अपनी साँसों को ठीक करने के बाद अपने हाथ को अपनी पोती की सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रखते हुए कहा।