hotaks444
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रेखा सब के जाने के बाद अपने प्यारे ससुर के लिए चाय बनाकर उनके कमरे में चलि गयी । रेखा ने आज सलवार और कमीज पहनी थी क्योंकी वह अपने बूढ़े ससुर को तडपाना चाहती थी, रेखा ने बुहत पतली कमीज पहनी थी जिस में से उसका सारा जिस्म दिख रहा था ।
रेखा अपने ससुर के कमरे में पुहंचते ही चाय को टेबल पर रखते हुए अपने ससुर को उठाने लगी । अनिल अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही अपनी ऑंखें मलते हुए उठकर बैठ गया, अनिल ने जैसे ही अपनी बहु को देखा उसका लंड बुहत ज़ोर से उछलने लगा।
"बाबूजी आप चाय पी लो मैं अभी आती हू" रेखा अपने ससुर को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर उसकी धोती की तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुय कहा । रेखा यह कहते हुए वहां से चलि गयी ।
अनिल चाय पीने के बाद अपने बाथरूम में घुस गया और अपनी धोती उतारते हुए फ्रेश होने की तैयारी करने लगा । रेखा थोडी देर बाद अपने ससुर के कमरे में पुहंची, अनिल के बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था और वह बिलकुल नंगा होकर नहा रहा था ।
"बाबूजी कुछ तो शर्म करो, नंगे होकर नहा रहे हो दरवाज़ा तो बंद कर लो" रेखा ने अपने ससुर को डाँटते हुए कहा।
"बेटी अब तुम से क्या छुपाना, वैसे भी हम दोनों ने एक दुसरे की हर चीज़ देख ली है" अनिल ने अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही सीधा होते हुए कहा ।
"बाबूजी आप का यह तो हर वक़त खडा ही रहता है " रेखा ने अनिल के सीधे होते ही उसका तना हुआ लंड देखकर उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा।
"अपनी बहु के गठीले जिस्म को देख कर बेचारा खुश होकर उछलने लगता है और कुछ कर तो नहीं सकता" अनिल ने बड़ी बेशरमी से यों ही अपनी बहु के सामने खडे कहा।
"बाबूजी लगता है आप की तरह यह भी बेशरम है जो अपनी बेटी जैसी बहु को देखकर इतना उछलने लगता है" रेखा ने अपने ससुर के लंड को देखते हुए कहा।
"बेटी वह टॉवल तो उठा कर देना मैं भूल गया था" अनिल ने अपनी बहु से कहा ।
रेखा बेड से टॉवल उठाकर अपने ससुर को देने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी ।
"बाबूजी टॉवेल" रेखा ने बाथरूम के दरवाज़े तक पुहंचकर कहा ।
अनिल ने सीधा होते हुए अपनी बहु को बाज़ू से पकड कर अंदर खीँच लिया । रेखा लडखडाते हुए अपने ससुर के सीने से जा टकराई, शावर खुला होने के कारण रेखा के पूरे कपडे पानी से भीग गयी।
"बाबूजी यह क्या कर दिया आपने। मेरे पूरे कपडे भीग गये" रेखा ने अपने आप को अपने ससुर से छुडाते हुए कहा । अनिल ने रेखा के हाथ से टॉवल लेते हुए दरवाज़े पर रख दिया और अपनी बहु को अपनी बाहों में ज़ोर से भर लिया।
रेखा अपने ससुर के कमरे में पुहंचते ही चाय को टेबल पर रखते हुए अपने ससुर को उठाने लगी । अनिल अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही अपनी ऑंखें मलते हुए उठकर बैठ गया, अनिल ने जैसे ही अपनी बहु को देखा उसका लंड बुहत ज़ोर से उछलने लगा।
"बाबूजी आप चाय पी लो मैं अभी आती हू" रेखा अपने ससुर को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर उसकी धोती की तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुय कहा । रेखा यह कहते हुए वहां से चलि गयी ।
अनिल चाय पीने के बाद अपने बाथरूम में घुस गया और अपनी धोती उतारते हुए फ्रेश होने की तैयारी करने लगा । रेखा थोडी देर बाद अपने ससुर के कमरे में पुहंची, अनिल के बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था और वह बिलकुल नंगा होकर नहा रहा था ।
"बाबूजी कुछ तो शर्म करो, नंगे होकर नहा रहे हो दरवाज़ा तो बंद कर लो" रेखा ने अपने ससुर को डाँटते हुए कहा।
"बेटी अब तुम से क्या छुपाना, वैसे भी हम दोनों ने एक दुसरे की हर चीज़ देख ली है" अनिल ने अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही सीधा होते हुए कहा ।
"बाबूजी आप का यह तो हर वक़त खडा ही रहता है " रेखा ने अनिल के सीधे होते ही उसका तना हुआ लंड देखकर उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा।
"अपनी बहु के गठीले जिस्म को देख कर बेचारा खुश होकर उछलने लगता है और कुछ कर तो नहीं सकता" अनिल ने बड़ी बेशरमी से यों ही अपनी बहु के सामने खडे कहा।
"बाबूजी लगता है आप की तरह यह भी बेशरम है जो अपनी बेटी जैसी बहु को देखकर इतना उछलने लगता है" रेखा ने अपने ससुर के लंड को देखते हुए कहा।
"बेटी वह टॉवल तो उठा कर देना मैं भूल गया था" अनिल ने अपनी बहु से कहा ।
रेखा बेड से टॉवल उठाकर अपने ससुर को देने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी ।
"बाबूजी टॉवेल" रेखा ने बाथरूम के दरवाज़े तक पुहंचकर कहा ।
अनिल ने सीधा होते हुए अपनी बहु को बाज़ू से पकड कर अंदर खीँच लिया । रेखा लडखडाते हुए अपने ससुर के सीने से जा टकराई, शावर खुला होने के कारण रेखा के पूरे कपडे पानी से भीग गयी।
"बाबूजी यह क्या कर दिया आपने। मेरे पूरे कपडे भीग गये" रेखा ने अपने आप को अपने ससुर से छुडाते हुए कहा । अनिल ने रेखा के हाथ से टॉवल लेते हुए दरवाज़े पर रख दिया और अपनी बहु को अपनी बाहों में ज़ोर से भर लिया।