Incest Kahani परिवार(दि फैमिली) - Page 6 - SexBaba
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Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)

रेखा सब के जाने के बाद अपने प्यारे ससुर के लिए चाय बनाकर उनके कमरे में चलि गयी । रेखा ने आज सलवार और कमीज पहनी थी क्योंकी वह अपने बूढ़े ससुर को तडपाना चाहती थी, रेखा ने बुहत पतली कमीज पहनी थी जिस में से उसका सारा जिस्म दिख रहा था ।
रेखा अपने ससुर के कमरे में पुहंचते ही चाय को टेबल पर रखते हुए अपने ससुर को उठाने लगी । अनिल अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही अपनी ऑंखें मलते हुए उठकर बैठ गया, अनिल ने जैसे ही अपनी बहु को देखा उसका लंड बुहत ज़ोर से उछलने लगा।

"बाबूजी आप चाय पी लो मैं अभी आती हू" रेखा अपने ससुर को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर उसकी धोती की तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुय कहा । रेखा यह कहते हुए वहां से चलि गयी ।
अनिल चाय पीने के बाद अपने बाथरूम में घुस गया और अपनी धोती उतारते हुए फ्रेश होने की तैयारी करने लगा । रेखा थोडी देर बाद अपने ससुर के कमरे में पुहंची, अनिल के बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था और वह बिलकुल नंगा होकर नहा रहा था ।

"बाबूजी कुछ तो शर्म करो, नंगे होकर नहा रहे हो दरवाज़ा तो बंद कर लो" रेखा ने अपने ससुर को डाँटते हुए कहा।
"बेटी अब तुम से क्या छुपाना, वैसे भी हम दोनों ने एक दुसरे की हर चीज़ देख ली है" अनिल ने अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही सीधा होते हुए कहा ।
"बाबूजी आप का यह तो हर वक़त खडा ही रहता है " रेखा ने अनिल के सीधे होते ही उसका तना हुआ लंड देखकर उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा।
"अपनी बहु के गठीले जिस्म को देख कर बेचारा खुश होकर उछलने लगता है और कुछ कर तो नहीं सकता" अनिल ने बड़ी बेशरमी से यों ही अपनी बहु के सामने खडे कहा।

"बाबूजी लगता है आप की तरह यह भी बेशरम है जो अपनी बेटी जैसी बहु को देखकर इतना उछलने लगता है" रेखा ने अपने ससुर के लंड को देखते हुए कहा।
"बेटी वह टॉवल तो उठा कर देना मैं भूल गया था" अनिल ने अपनी बहु से कहा ।
रेखा बेड से टॉवल उठाकर अपने ससुर को देने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी ।
"बाबूजी टॉवेल" रेखा ने बाथरूम के दरवाज़े तक पुहंचकर कहा ।

अनिल ने सीधा होते हुए अपनी बहु को बाज़ू से पकड कर अंदर खीँच लिया । रेखा लडखडाते हुए अपने ससुर के सीने से जा टकराई, शावर खुला होने के कारण रेखा के पूरे कपडे पानी से भीग गयी।
"बाबूजी यह क्या कर दिया आपने। मेरे पूरे कपडे भीग गये" रेखा ने अपने आप को अपने ससुर से छुडाते हुए कहा । अनिल ने रेखा के हाथ से टॉवल लेते हुए दरवाज़े पर रख दिया और अपनी बहु को अपनी बाहों में ज़ोर से भर लिया।
 
रेखा ने पतली कमीज पहन रखी थी जो पानी में भीग जाने से उसकी बॉडी से चिपक गयी थी और उसकी ब्रा में क़ैद बड़ी बड़ी चुचियां अनिल के सीने में दब गयी थी,
"बाबूजी आपको शर्म नहीं आती अपनी बेटी जैसी बहु को अकेला देखकर उसका फ़ायदा उठाते हो" रेखा ने अपने आप को छुड़ाने की नाक़ाम कोशिश करते हुए कहा ।
"बेटी अब बहु अगर इतनी सूंदर होगी तो उसके ससुर का क्या क़सूर" अनिल ने अपनी बहु के काँधे को चूमते हुए कहा।
"बाबूजी हमें छोड दिजीये यह पाप है, हम आपके साथ यह सब नहीं कर सकते" रेखा ने अपने ससुर को तडपाने के लिए उससे छूटने का नाटक करते हुए उसके पीठ पर मुक्के मारते हुए कहा।

"वाह बेटी अब यह सब पाप हो गया और जब कल तुम अपने ससुर से अपनी चूत को चूसवा रही थी । उस वक़त पाप नहीं था" अनिल ने गुस्से में आकर अपनी बहु की बाहों को पकडते हुए उसके होंठो को काटते हुए कहा।
"हा पिता जी वह मैं बहक गयी थी मुझे छोडो" रेखा ने अपने होंठो पर अपने ससुर के दाँत पडते ही चीखते हुए वही नाटक दुहराते हुए कहा ।
"साली बुहत नाटक करती है" अनिल ने गुस्से में आकर अपनी बहु की कमीज को फाड़ते हुए उसे बाथरूम की दीवार पर दबाते हुए कहा।
अनिल ने रेखा को बाथरूम की दीवार से सटा रखा था और उसके सामने वह बिलकुल नंगा खडा होकर उसकी ब्रा में क़ैद बड़ी बड़ी चुचियों को देख रहा था।

रेखा समझ गयी थी की उसका ससुर आज उसे चोदे बिना नहीं रहेंगे, रेखा ने अपने ससुर के तगडे लंड को घूरते हुए फिर से नाटक करते हुए कहा "बापु जी हमारे साथ ऐसा मत करो हम किसी को मूह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे" ।
अनिल खुद हैंरान था की उसकी बहु को क्या हो गया है, कहाँ कल वह उससे चुदवाने के लिए मरी जा रही थी और आज उससे दूर भाग रही है । अनिल ने आगे बढ़ते हुए अपनी बहु की सलवार का नाडा खोल दिया, नाडे के खुलते ही रेखा की सलवार उसके जिस्म से अलग होकर उसके पांव में गिर गई।

रेखा अब अपने ससुर के सामने सिर्फ एक ब्रा और कमीज में थी। अनिल ने अपनी बहु के भीगे बदन को देखते हुए नीचे झुककर अपनी बहु की सलवार को उसकी टांगों से अलग कर दिया । अनिल ने अब उठते हुए अपनी बहु की ब्रा को खीच कर फाड दिया ।
रेखा की बड़ी बड़ी चुचियां ब्रा के फ़टते ही उछलते हुए अनिल की आँखों के सामने आ गई । अनिल के मुँह में अपनी बहु की बड़ी बड़ी चुचियों को देखकर पानी आने लगी, अनिल ने अपनी बहु को बालों से पकडते हुए शावर के नीचे खडा कर दिया।
 
शावर से निकलता हुआ पानी रेखा के सर से होता हुआ उसकी चुचियों पर गिरने लगा । अनिल ने अपनी बहु की एक चूचि को ज़ोर से अपने हाथ से मसलते हुए अपने मूह में डाल दी और शावर से गिरते हुए पानी को अपनी बहु की चुचियों को चूसते हुए पीने लगा ।
"हाहहह बापू जी आराम से" रेखा अपने ससुर के ज़ोर से उसकी चूचि को चूसने से चीखते हुए बोली।
"क्यों साली रंडी अब क्यों चिल्ला रही है" अनिल ने गुस्से से अपनी बहु की चूची को ज़्यादा ज़ोर से चूसते हुए दाँत से काटते हुए कहा।
"वो बापू जी दरद हो रहा है, मैं आपकी बहु हूँ कुछ तो ख्याल करो" रेखा ने अपनी चूची को काटने से दरद से तड़पते हुए कहा।

"साली रंडी कल से मुझे तडपा रही है, जानबूझ कर अपनी चुचियां दिखा कर गर्म करती हो और फिर हाथ लगाने पर नाटक करती हो । आज मैं तुम्हें बताऊंगा की मरद के साथ ऐसा हरकत करने का क्या नतीजा होता है" अनिल ने गुस्से में आकर अपनी बहु की चूचि को छोड़ते हुए उसे अपनी गोद में उठा लिया और बाथरूम से निकलते हुए बेड पर पटकते हुए कहा ।

अनिल ने अपनी बहु को बेड पर सुलाते ही उसके ऊपर चढ़ गया और रेखा की चुचियों को अपने हाथों से मसलते हुए अपने मूह में लेकर चूसने लगा।
"आहहह साले क्या सारा दिन मेरी चुचियों को ही चूसते रहोगे या और भी कुछ करोगे" रेखा ने गरम होते हुए अपना नाटक छोडते हुए अपने ससुर को कहा ।
"साली आ गयी न अपनी लाइन पर अब देखना मैं तुझे कैसे चोदता हूँ" अनिल अपनी बहु की बात सुनकर खुश होते हुए उसकी चुचियों को छोडते हुए बोला, अनिल ने नीचे होते हुए अपनी बहु की कच्छी को ज़ोर से खीचते हुए फाड़ दिया । रेखा अब अपने ससुर के सामने बिलकुल नंगी सोयी थी।

अनिल ने अपनी बहु को गौर से देखते हुए ज़्यादा देर न करते हुए उसकी टांगों को घुटनों तक मोड़ दिया और अपना फनफनाता हुआ लंड उसकी रसीली चूत के छेद से निकलते हुए पानी पर रगडने लगा।
"आजहहह बापू जी घुसा दो न क्यों तडपा रहे हो" रेखा ने अपने ससुर के लंड को अपनी चूत पर महसूस करते ही अपने चूतड़ उछालते हुए कहा।
अनिल अपनी बहु की बात सुनकर अपने लंड को पकडकर अपनी बहु की चूत के छेद में फंसाते हुए धक्का देने ही वाला था की बाहर दरवाज़ा खटखटाने की आवज़ सुनाइ दिया ।
 
साला कौन है इस वक्त दरवाज़े पर , अपनी किस्मत ही खोटी है" अनिल अपनी बहु के ऊपर से हटते हुए अपनी धोती पहनते हुए बोला।
"बाबूजी आपने तो हमारे सारे कपड़े फाड़ दिए, मैं अपने कमरे में जाकर कपड़े पहनती हूँ । आप जाकर दरवाज़ा खोलो" रेखा भी मन ही मन में दरवाज़ा खटकाने वाले को गाली देते हुए अपने ससुर को बोली।

रेखा वहां से जाते हुए अपने कमरे में आ गई और जल्दी से अलमारी में से एक दूसरी सलवार कमीज निकाल कर पहन ली । अनिल ने जैसे ही दरवाज़ा खोला सामने एक डाक वाला खडा था, उसने अनिल को देखते ही एक लेटर देते हुए एक कागज़ पर सिग्नेचर ले लिया।

अनिल दरवाज़ा अंदर से बंद करते हुए लेटर भेजने वाले का नाम पढ़ने लगा । नाम पढते ही अनिल खुश होते हुए अपनी बहु के कमरे में चला गया।
"बेटी देखो किस ने लेटर भेजा है" अनिल अपनी बहु के कमरे में पुहंचकर खुश होते हुए बोला ।
"क्या हुआ बाबूजी कौन था और आप इतने खुश क्यों हें ?" रेखा ने अपने ससुर को खुश होता देखकर सवाल किया ।

"बेटी हमारी बेटी और तुम्हारी देवरानी का लेटर है" अनिल ने खुश होते हुए कहा।
"अपनी बेटी का खत देखकर इतना क्यों खुश हो रहे हो " रेखा अपने ससुर के हाथ से खत को छीनते हुए टेबल पर रखते हुए बोली ।
रेखा ने अपने ससुर की धोती को खींचकर उतार दिया, अनिल अपनी बहु के सामने बिलकुल नंगा खडा था और उसका लंड सिकुड़ चूका था । रेखा ने जल्दी से ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठते हुए अपने ससुर के लंड को पकड लिया और उसे सहलाती हुयी अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगी।

"आह्ह बेटी इतनी जल्दी है क्या" अनिल ने अपनी बहु की जीभ अपने लंड पर लगते ही सिसकते हुए कहा।
"हा बाबूजी अब हम बर्दाशत नहीं कर सकते" रेखा ने अपने ससुर के लंड से जीभ को हटाते हुए कहा और अपना मूह खोलकर अपने ससुर के लंड को जितना हो सकता था अपने मूह में भर लिया ।
रेखा अपने ससुर के लंड को ज़ोर से चूसने लगी । रेखा का मूह अपने ससुर के लंड के तनने से पूरा भरकर दुखने लगा इसीलिए रेखा ने अपने ससुर के लंड को अपने मूह से निकाल दिया ।
 
रेखा अपने ससुर के लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी, अनिल ने अपनी बहु को काँधे से पकडते हुए सीधा खडा कर दिया । अनिल ने अपनी बहु की कमीज को पकडकर उतार दिया, रेखा ने अपनी बाहें ऊपर करते हुए अपने ससुर को अपनी कमीज उतारने में मदद की ।
अनिल ने अपनी बहु की कमीज के उतरते ही उसे अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठ चूमने लगा । रेखा ने अपने ससुर के चुम्बनों का जवाब देते हुए अपनी जीभ को अनिल के मूह में डाल दिया और अपना हाथ नीचे करते हुए अपनी सलवार का नाडा खोल दिया।

अनिल अपनी बहु के बिलकुल नंगा होते ही उसके जीभ को थोडी देर चूसने के बाद अपने होंठो को अपनी बहु के होंठो से अलग करते हुए उसकी चुचियों से खेलने लगा । रेखा अपने ससुर के बालों में हाथ ड़ालते हुए उससे अपनी चुचियों को चुसवाने लगी ।
अनिल अब अपनी बहु की चुचियों से अलग होता हुआ उसे अपने बेटे के बेड पर लाकर लेटा दिया । अनिल ने फिर से अपनी बहु की टांगों को घुटनों तक मोड़ दिया और नीचे झुकते हुए अपनी जीभ से अपनी बहु की चूत के छेद को चाटने लगा ।

"आह्ह अपने ससुर की जीभ को अपनी चूत के छेद पर लगते ही रेखा मज़े से कांपते हुए सिसकने लगी" अनिल ने अपनी बहु की चूत को अपनी जीभ से बिलकुल गीला कर दिया और अपने लंड को पकडकर अपनी बहु की चूत के मोटे दाने से लेकर उसके छेद तक रगडने लगा ।
"आह्ह इस्सस बाबूजी डाल दो हमें और मत तडपाओ" रेखा अपने ससुर के लंड को अपनी चूत के दाने पर लगने से बुहत ज़्यादा गरम होते हुए ज़ोर की आहें भरते हुए कहा । रेखा इतनी ज़्यादा गरम हो चुकी थी की उसकी चूत से पानी की कुछ बूँदे निकलने लगी।

अनिल ने अपनी बहु को पूरा गरम देखकर अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के निकलते हुए पानी से गीला करते हुए रेखा की चूत के छेद में फँसा दिया । अनिल ने अपनी बहु की टांगों को पकडते हुए एक जोर का धक्का मार दिया ।
"हाहहह बाबजी " रेखा अपने ससुर के लंड को अपनी चूत में जाते ही मज़े से सिसक उठी । अनिल का लंड आधा अपनी बहु की गीली चूत में घुस गया था, अनिल ने अपने लंड को पीछे खीचते हुए एक और जोर का धक्का मार दिया ।
 
ओहहह आह बाबूजी आपका लंड तो हमारी बच्चेदानी में ही घुस गया है" रेखा ने अपने ससुर के पूरे लंड के घुसते ही ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
"बस बेटी पूरा घुस गया है" अनिल ने अपनी बहु की चूत से अपने लंड को निकालते हुए फिर से जड़ तक घुसाते हुए कहा ।
"आह्हः बाबूजी आपका लंड बुहत मोटा और लम्बा है, उसने हमारी पूरी चूत को पूरा भर रखा है" रेखा ने मज़े से सिसकते हुए अपने ससुर को कहा।
"क्यों बेटी दर्द हो रहा हो तो निकाल दूँ?" अनिल ने अपनी बहु की चूत में अपने लंड से हलके धक्कों के साथ अंदर बाहर करते हुए कहा।

"नही बाबूजी हमें तो बुहत मजा आ रहा है" रेखा ने अपने ससुर की बात सुनते ही अपने चूतड़ उछालते हुए उसका लंड अपनी चूत में लेते हुए बोली ।
अनिल अपनी बहु की एक्साईटमेंट देखकर उसकी टांगों को पकडते हुए अपने लंड को ज़ोर से उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा ।
"आह्ह इस्सस बाबूजी ऐसे ही हमें चोदो, हमें बुहत मजा आ रहा है" रेखा अपने ससुर के लंड पर अपने चूतड़ उछालते हुए ताल से ताल मिलाते हुए बोली।

अनिल अब अपना लंड अपनी बहु की चूत में बुहत तेज़ी के साथ अंदर बाहर करने लगा । रेखा का मज़े के मारे बुरा हाल था, वह एक्साईटमेंट और मज़े से हवा में उड़ रही थी । रेखा को अपने ससुर का लंड अपनी चूत की गहराइयों तक रगड रहा था ।
अनिल अपनी बहु को चोदते हुए उसके ऊपर झुकते हुए उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को पकड़ कर मसलने लगा । अनिल अपनी बहु की चुचियों को दबाते हुए बुहत ज़ोर के धक्के लगा रहा था। रेखा मज़े की चरम सीमा तक पुहंच चुकी थी उसका बदन बुहत ज़ोर से काम्प रहा था।

अनिल अपनी बहु की चुचियों को मसलते हुए उन्हें अपने मूह में लेकर चूसते हुए रेखा को चोदने लगा
"आह्हः बाबूजी हम झरने वाले हैं, हमारी चूत में अपना लंड ज़ोर से पेलो फाड़ दो हमारी चूत" रेखा ने अचानक चिल्लाते हुए कहा ।
अनिल अपनी बहु के मूह से यह सब सुनकर उसके ऊपर से उठते हुए उसे बुहत ज़ोर से पेलने लगा ।
"उह बाबूजी हाँ ऐसे ही ज़ोर से हमारी चूत में धक्के लगाओ" रेखा अपने ससुर के लंड पर अपने चूतड़ उछालते हुए बोली ।
 
रेखा का बदन अकडने लगा और उसकी चूत झटके खाते हुए अपने ससुर के लंड पर ख़ुशी के ऑंसू गिराने लगी।
"आजहहह ईश ओह्ह्ह बाबूजी में झड़ रही हू" रेखा झरते हुए ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसकने लगी ।
अनिल भी अपनी बहु के झरते ही उसकी चूत में अपने लंड से निकलता वीर्य भरने लगा।
"आजहहह बेटी तुम्हारी चूत ३ बच्चे पैदा करने के बाद भी बुहत कसी हुई है, में भी झड रहा हू" अनिल भी झडते हुए चिल्लाकर बोला । अनिल अपने लंड का सारा वीर्य निकलने के बाद अपनी बहु के ऊपर ढेर हो गया।

अनिल का लंड सिकुड़ कर रेखा की चूत से निकल गया । रेखा की चूत से लंड के निकलते ही उसके ससुर का वीर्य और उसकी अपनी चूत का पानी मिलकर बेड की चादर पर गिरने लगा, अनिल अपनी बहु के ऊपर से उठकर उसकी साइड में लेट गया ।
रेखा बेड से उठकर बाथरूम में चलि गयी। जब वह लौटकर आई तो अनिल अपनी बेटी का खत पढ रहा था ।
"क्या लिखा है हमारी देवरानी ने" रेखा बेड पर चढते हुए बोली।
"वो कल आ रही है यहां" अनिल ने ख़ुशी से कहा ।

"उसका पति और बच्चे भी आ रहे हैं क्या?" रेखा ने अपने ससुर से सवाल किया।
"उसका पति काम के सिलसिले में एक महीने तक किसी दुसरे शहर जा रहा है, वह अपने बच्चों के साथ आ रही है" अनिल ने अपनी बहु को जवाब दिया ।
"बाबूजी फिर तो उनके सामने हम कुछ नहीं कर सकेंगे" रेखा ने मूह बनाते हुए कहा।
"बेटी तुम परेशान क्यों होती हो कोई न कोई तो रास्ता निकाल लेंगे" अनिल ने अपनी बहु को अपनी तरफ खीचते हुए कहा । रेखा अपने ससुर को सीधा लेटाते हुए उसके वीर्य से भीगे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी।

अनिल ने अपनी बहु को एक बार और चोदा। इस बार उसने अपनी बहु को अपने लंड पर चढाकर चोदा और उसे कुतिया बना कर अपना वीर्य उसकी चूत में ड़ाला। रेखा इस बार अपने ससुर के अलग अलग तरीके से चोदने की वजह से दो बार झडी ।
रेखा को उल्टा करके चोदते हुए अनिल की नज़र अपनी बहु की गोरी गांड के भूरे छेद पर टीक गयी थी । अनिल को अपनी बहु की गांड का छेद बुहत पसंद आया था और उसने फैसला कर लिया की अगली बार रेखा की गांड ज़रूर चोदेगा।
 
अनिल अपनी बहु को दो बार चोदकर थक चूका था इसीलिए अपनी बहु को बोलकर अपने कमरे में सोने चला गया । रेखा भी आज बुहत खुश थी उसकी सारी गर्मी उसके ससुर ने उतार दी थी। रेखा फ्रेश होकर साड़ी पहनते हुए घर के काम में लग गयी ।
अनिल के टोटल ४ बेटे और एक लाड़ली बेटी थी। सबसे बड़ा मुकेश उसके एक साल छोटी मनीषा जिस की शादी १८ साल की उम्र में ही उसकी पसंद से कर दी गयी थी । रमेश नाम था उसके पति का जिससे वह प्यार करती थी, मनीषा को दो बेटी और एक बेटा था।

२१ साल का नरेश, २० साल की शीला और १८ साल की पिंकी, मनीषा ने जब रमेश से शादी की , वह एक जगह पर जॉब करता था और उसकी तनखाह भी ज़्यादा नहीं थी । मगर एक बार उसके बॉस ने मनीषा को देख लिया तो वह उस पर फ़िदा हो गया ।
रमेश के बॉस जिसका नाम सूरज था उसने रमेश का प्रमोशन कर दिया और रमेश से भी बुहत दोस्ती कर ली । सूरज अब रमेश के घर आता जाता था, सूरज ने रमेश को 5 दिनों के लिए काम के सीलसिले में किसी दुसरे शहर भेज दिया ।

सुरज की उम्र ४० बरस थी उसने अब तक शादी नहीं की थी, सूरज जिस दिन रमेश को दुसरे शहर भेजा था उसी रात को सूरज के घर पुहंच गया ।
"सुरज तुम इतनी रात को यहाँ कैसे?" मनीषा अपनी पति के बॉस को रात के वक्त अपने घर पर देखते हुए हैरत से पुछा ।
सुरज दरवाज़ा खुलते ही अंदर दाखिल हो गया, मनीषा सिर्फ एक नाइटी में थी क्योंके वह सोने वाली थी । मनीषा ने सूरज के अंदर दाखिल होते ही दरवाज़ा बंद करते हुए फिर से वही सवाल दुहराया।

सुरज ने मनीषा की तरफ गौर से देखते हुए कहा " तुम जानती हो की मैंने तुम्हारे पति का प्रमोशन क्यों किया ?", मनीषा सूरज की बातों और उसकी नज़र को अपनी तरफ घूरने से इतना तो जानती थी की सूरज उस में इंट्रेस्ट रखता है।
"उसके काम की वजह से दिया होगा" मनीषा ने सोचते हुए जवाब दिया ।
"मानिषा सिर्फ तुम्हारी वजह से उसका प्रमोशन हुआ है और अब भी तुम्हारे हाथ में है की उसे और ज़्यादा ऊपर ले जाती हो या फिर से वही, जहाँ पर वह पहले था" सूरज ने मनीषा की तरफ देखते हुए कहा ।
 
क्या मतलब है तुम्हारा?" मनीषा ने हैंरान होते हुए सूरज से पूछा।
"अब तुम इतनी भोली भी नहीं हो जो जानकर भी अन्जान बन रही हो" सूरज ने सोफ़े पर बैठते हुए अपना जूता अपने पाँव से निकालते हुए कहा ।
"सुरज तुम क्या कह रहे हो मैं कुछ समझ नहीं पा रही हू" मनीषा ने परेशान होते हुए कहा।
"तो सुन लड़की मैंने तुम्हारे पति को इसीलिए प्रमोशन दिया था क्योंकी मुझे तुम अच्छी लगने लगी थी और अब वक्त आगया है की तुम मेरे सारे अहसानों का क़र्ज़ चुकाओ" सूरज ने अपने जूते निकालने के बाद अपनी शर्ट भी उतारते हुए कहा।

"मगर मैं क्या कर सकती हूँ। तुम्हारे अहसानों को चुकाने के लिये" मनीषा ने सूरज को शर्ट उतारते हुए देखकर ड़रते हुए कहा।
"अब यह भी बताना पड़ेगा, मुझे तुम्हारा जिस्म चाहिए जिसका मैं दीवाना हू" सूरज ने अपनी शर्ट उतारने के बाद अपनी पेण्ट को भी उतारते हुए कहा ।
"सुरज तुम क्या कह रहे हो, तुम जानते हो। मैं शादीशुदा औरत हूँ और अपने पति को मैं धोखा नहीं दे सकती" मनीषा ने मना करते हुए कहा ।

"मैं तुमसे कोई ज़बर्दस्ती नहीं करूंगा, तुमने अगर अपनी मर्ज़ी से अपने आपको मेरे हवाले नहीं किया तो आगे तुम समझदार हो" सूरज ने अपने पाँव से अपनी पेण्ट को खीँच कर निकाल दिया ।
"सुरज में ऐसी वेसी औरत नहीं हूं, प्लीज मेरे घर को बर्बाद मत करो" मनीषा ने सूरज को मिंन्नत करते हुए कहा ।
"मानिषा मैंने तो तुम्हारा घर आबाद किया है, बर्बाद तो तुम कर रही हो मुझे इंकार करके। हमारे बारे में कभी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा" सूरज यह कहता हुआ उठ गया और बाथरूम में चला गया।

मानिषा सूरज के जाते ही सोच में पड गयी, अगर उसने सूरज को जवाब दे दिया तो वह उसके पति को कंपनी से निकाल देंगे और वह रास्ते पर आ जायेंगे और अगर उसने सूरज के साथ सम्बन्ध बना लिए तो वह उसके पति के साथ बेवाफ़ाई होगी ।
मानिषा सोफ़े पर बैठकर रोने लगी की आखिर वह क्या करे।
"मानिषा ज़रा टॉवल तो लाना" सूरज की आवाज़ सुनते ही मनीषा ख्यालों से वापस आई और टॉवल उठाकर सूरज को देने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी ।
 
मानिषा जैसे ही बाथरूम के क़रीब पुहंची सामने का नज़ारा देखकर उसका गला ख़ुश्क होने लगा । सूरज नहाकर शावर बंद किये हुए सीधा खडा था और उसका लंड बिलकुल तना हुआ था। सूरज का लंड 9 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था और उसके लंड के आसपास बुहत बड़े बाल उगे हुए थे ।
"पसन्द आया मेरा खिलोना" मनीषा को अपने लंड की तरफ निहारता हुआ देखकर सूरज मुस्कुराते हुए बोला। मनीषा सूरज के लंड को देखकर इतना खो गयी थी की उसको अहसास ही नहीं हुआ की उसके सामने एक गैर मरद नंगा खडा है।

सुरज की आवाज़ सुनकर मनीषा होश में आ गयी और उसने अपना कन्धा झुकाते हुए टॉवल सूरज की तरफ बढा दिया । सूरज ने टॉवल लेने के बदले खुद नंगा ही बाहर आते हुए मनीषा को गोद में उठा लिया ।
"बेड़रूम कहाँ है?" सूरज ने मनीषा को उठाये हुए पुछा।
"अपना जिस्म तो पोंछ लो" मनीषा ने सूरज की बाँहों में ही रहते हुए कहा।
"इसे पोछकर क्या फ़ायदा वेसे भी तुम्हारी गर्मी से यह पिघलने वाला है" सूरज ने हँसते हुए कहा ।

"सुरज सामने वाले कमरे में चलो, तुम बुहत बुरे हो हमें अपने जाल में फँसा ही दिया" मनीषा ने अपने बैडरूम की तरफ इशारा करते हुए कहा।
"हमारा लंड देखकर तुम राज़ी हुयी हो, हमें क्यों दोष दे रही हो । मनीषा वेसे तुम्हारे पति का लंड कितना बड़ा है?" सूरज ने मनीषा को बेड के पास उतारकर खडा करते हुए कहा ।
"सुरज मेरे पति का लंड 6 इंच लम्बा है और तुम्हारे से थोडा पतला है" मनीषा ने सूरज के लंड को गौर से देखते हुए कहा।
"इसीलिए तो तुम्हारी चूत मेरा लंड देखते ही खुजली करने लगी" सूरज ने मनीषा की नाइटी को उसके जिस्म से अलग करते हुए कहा।

सुरज मनीषा का गोरा जिस्म देखकर पगला गया । सूरज ने मनीषा की ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया, मनीषा की 36 की गोरी चुचियां और उसके हलके बालों वाली भूरी चूत देखकर सूरज का लंड झटके खाने लगा।
मानिषा ने बेड पर बैठते हुए सूरज के काले लंड को अपने हाथ में पकड लिया । सूरज का खडा गरम लंड अपने हाथ में लेते ही मनीषा का जिस्म सिहर उठा ।

मानिषा का हाथ सूरज के लंड पर पडते ही अपने आप ऊपर नीचे होने लगा, सूरज का लंड बुहत गरम था। जिस पर हाथ पड़ते ही मनीषा का जिस्म भी उतेजना के मारे तपने लगा । सूरज भी अपने लंड पर नरम हाथ पड़ते ही मज़े से सिसक उठा ।
 
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