hotaks444
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कुछ देर बाद कोमल भी अपनी चूत को विजय के मुँह के पास करके लंड को चाटने लगी। ऐसा लग रहा था कि एक आइसक्रीम को दोनों बहन शेयर करके चूस रही हों। दोनों विजय के लंड को चाट रही थीं और उसका लंड गरम होता जा रहा था। तो विजय भी इधर कोमल की चूत को चाटने लगा।
उधर उसकी दीदी ने विजय के लंड को चूसने के बाद मुँह से लंड को बाहर निकाला.. तो कोमल ने लंड को मुँह में ले लिया।
अब कंचन विजय के दोनों गोलों को चूसने लगीं.. कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों अपनी गाण्ड विजय के तरफ़ करके उसके लंड को चूसने लगीं.. तो विजय भी कहाँ पीछे रहने वाला था, वह अपनी दोनों बहनो की चूत में उंगली करने लगा।
खैर.. दोनों की चूत इतनी ज्यादा फ़ैल चुकी थी कि उनमें एक उंगली से कुछ होने वाला नहीं था तो विजय ने दूसरी ऊँगली भी डाल दी.. कुछ देर बाद तीसरी और फिर चौथी भी घुसेड़ दी.. तो उसकी दोनों बहनों के मुँह से सीत्कार निकलने लगी।
कुछ देर ऐसा करने के बाद सब झड़ गए और दोनों मिल कर विजय के लंड के पानी को पी गईं।
अब तीनों एक साथ बिस्तर पर लेट गए, विजय बीच में और दोनों बहने दोनों बगल में थीं।
कुछ देर लेटे रहने के बाद दोनों बहने एक साथ विजय के बदन पर उंगली फेरने लगीं.. विजय समझ गया कि अब दोनों को चुदने का मन हो रहा है और उसके लंड महाराज भी खड़े होकर अपनी मर्ज़ी बता चुके थे।
विजय ने कंचन को उठा कर अपने ऊपर खींच लिया और वो विजय के लंड कर बैठ गईं। विजय का लंड थोड़ी सी मेहनत से ही सही लेकिन अन्दर जड़ तक घुसता चला गया और वो भी लण्ड को लीलने के बाद झटके मारने लगी।
इधर कोमल अपनी गाण्ड विजय के मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर उछल कुद करने के बाद कंचन लंड पर से हटी.. और कोमल जा कर अपने भाई के लौड़े पर बैठ गई।
उधर उसकी दीदी ने विजय के लंड को चूसने के बाद मुँह से लंड को बाहर निकाला.. तो कोमल ने लंड को मुँह में ले लिया।
अब कंचन विजय के दोनों गोलों को चूसने लगीं.. कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों अपनी गाण्ड विजय के तरफ़ करके उसके लंड को चूसने लगीं.. तो विजय भी कहाँ पीछे रहने वाला था, वह अपनी दोनों बहनो की चूत में उंगली करने लगा।
खैर.. दोनों की चूत इतनी ज्यादा फ़ैल चुकी थी कि उनमें एक उंगली से कुछ होने वाला नहीं था तो विजय ने दूसरी ऊँगली भी डाल दी.. कुछ देर बाद तीसरी और फिर चौथी भी घुसेड़ दी.. तो उसकी दोनों बहनों के मुँह से सीत्कार निकलने लगी।
कुछ देर ऐसा करने के बाद सब झड़ गए और दोनों मिल कर विजय के लंड के पानी को पी गईं।
अब तीनों एक साथ बिस्तर पर लेट गए, विजय बीच में और दोनों बहने दोनों बगल में थीं।
कुछ देर लेटे रहने के बाद दोनों बहने एक साथ विजय के बदन पर उंगली फेरने लगीं.. विजय समझ गया कि अब दोनों को चुदने का मन हो रहा है और उसके लंड महाराज भी खड़े होकर अपनी मर्ज़ी बता चुके थे।
विजय ने कंचन को उठा कर अपने ऊपर खींच लिया और वो विजय के लंड कर बैठ गईं। विजय का लंड थोड़ी सी मेहनत से ही सही लेकिन अन्दर जड़ तक घुसता चला गया और वो भी लण्ड को लीलने के बाद झटके मारने लगी।
इधर कोमल अपनी गाण्ड विजय के मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर उछल कुद करने के बाद कंचन लंड पर से हटी.. और कोमल जा कर अपने भाई के लौड़े पर बैठ गई।