Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ - Page 19 - SexBaba
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Incest Kahani पापा की दुलारी जवान बेटियाँ

गुप्ता ने अब शालू की पॅंटी के अंदर हाथ डाल दिया था और उसकी चूत को उपर उपर से सहला रहे थे. उनकी उंगलियाँ और गुप्ता की बातें से शालू धीरे धीरे गरम हो रही थी.

‘तुम्हारा कप साइज़ क्या हैं बेटी’

‘जी डबल डी’

‘वाह बहुत खूब. हमे दिखाओगी ?’ यह कह के शालू के जवाब देने से पहले माथुर ने उसके बटन फटाफट खोल दिए और उसका शर्ट खोल दिया.शालू ने ब्रा नहीं पहनी थी उसकी शर्ट के खुलने से शालू के बड़े बड़े बूब्स दोनो के सामने आ गये. दोनो की आँखों में चमक आ गयी. कुछ कहे बिना ही दोनो शालू के बूब्स पे टूट पड़े. दोनो बूढ़े शालू के बूब्स को ज़ोर से चाटने और चूसने लगे. उनके मूह से ‘आह्ह्ह्ह्ह्ह् बेटीईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् की आवाज़े आ रही थी।


शालू के दोनो बूब्स उनकी थूक से पूरे गीले हो कर चमक रहे थे. बीच बीच में वो शालू के निपल को दांतो तले काट लेते तो शालू के सारे बदन में करेंट दौड़ जाता.अब शालू को बहुत मज़ा आ रहा था. उसने अपने हाथ बढ़ा कर दोनो के पॅंट के उपर से उनके लंड को पकड़ खिचने लगी. उन्होने तुरंत अपना मूह शालू के बूब्स से हटाए बिना अपनी अपनी पॅंट उतार दी.

शालू दोनो के लंड देख के खुश हो गयी. लंड 9 इंच लंबे और मोटे थे बिल्कुल उसके पापा के लंड जैसे और पूरे टाइट हो कर खड़े हुए थे. दोनो के लंड के बाल पूरे सफेद थे. लंड पर भी काफ़ी झुर्रियाँ(रिंकल्स) थी.शालू को दो दो लौडे देख के बहुत मज़ा आ रहा था. उसने दोनो के लंड को अपने मूह में लेके चूसने का मन कर रहा था.शालू ने दोनो के लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया. वो दोनो शालू के बूब्स को पागल कुत्तों की तरह नोच रहे थे.
 
माथुर ने शालू की पॅंटी निकाल कर उसकी चूत में अब दो उंगलियाँ डाल कर अंदर बाहर कर रहे थे. उनकी उंगलियाँ शालू के चूत में और दोनो के होठ और जीभ शालू के बूब्स पर थे और वह झरने के बहुत करीब थी.




दोनो ने अपने लंड शालू के चेहरे के नज़दीक ला कर उसके गालो पर रगड़ने लगे. दो बड़े बड़े गरम लंड अपने चेहरे पर एक साथ महसूस कर के शालू को बहुत मज़ा आ रहा था.शालू ने अपना मूह खोल के अपनी जीभ पूरी बाहर कर दी. ‘लगता हैं बिटियाँ रानी को लंड चखना हैं’ यह कह के माथुर ने अपना आधा खड़ा लंड शालू के मूह में दे दिया और शालू उसे मस्त होके चूसने लगी. शालू के चूसने से उनका लंड शालू के मुँह में अकड़ने लगा. एक ही मिनिट में लंड पूरा रॉड हो गया था. शालू ने उसे मूह से निकाल कर गुप्ता का लंड चूसने लगी. उनका भी लंड शालू के मूह में जाते ही अकड़ने लगा और पूरा टाइट हो गया.

अब दोनो के लंड पूरे टाइट हो गये थे.गुप्ता ने तुरंत ही शालू को खड़ा कर लिया.

माथुर को देखते हुए उन्होने कहा ‘अब हम बिटियाँ रानी की चुदाई करेंगे’.

उन्होने शालू को सोफा पर कुतिया की तरह बिठा दिया. और उसके पीछे बैठ के शालू की चूत को चाटने लगे. इस तरह से चूत चटवा कर शालू को बहुत मज़ा आ रहा था. शालू की चूत चाटते चाटते वो अपनी नाक उसके गांद के छेद पे रगड़ रहे थे.शालू पागल हो रही थी उसे अब अपनी चूत में लंड चाहिए था. वह आँखें बंद कर के ‘आआअहह.... आआआआआहह’ कर रही थी .शालू गुप्ता को चोदने के लिए कहना चाहती थी पर उसे शरम आ रही थी.
 
गुप्ता ने आख़िर चूत चाटना बंद कर दिया. अब शालू की चूत पूरी गीली हो गयी थी. गुप्ता ने अपना लंड शालू की चूत के छेद पे रखा.गुप्ता ने एक ज़ोरदार धक्के से अपने आधा लंड शालू की चूत में डाल दिया.शालू चिल्ला उठी ‘आआऐईइ’.गुप्ता ने अपने मोटे लंड से शालू को 4 इंच तक चोदना शुरू किया. दो मिनिट में ही शालू का दर्द चला गया और उसे मज़ा आने लगा. ‘अब दर्द कम हुआ बेटी?’ गुप्ता ने पूछा.

शालू-हां।

शालू सोच रही थी कि कितने अच्छे गेंटल्मन हैं कि मेरे दर्द का ख्याल रख रहे हैं. असल में वो सिर्फ़ इसलिए जानना चाहते थे ताकि वो और लंड घुसेड के शालु को और दर्द दे. शालू के हां कहते ही उन्होने और एक ज़ोरदार धक्का मारा और उनका पूरा लंड शालू की चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया. वह दर्द से ज़ोर से चिल्ला बैठी ‘आआऐईईइ.....’. तभी माथुर शालू के सामने आ गये और उसके बाल पकड़ के शालू का सर उपर कर दिया और अपना लंड उसके मूह में डाल दिया.शालू अब ‘म्‍म्म्मममममम.. म्‍म्म्मममम’ कर चिल्लाने की कोशिश कर रही थी और गुप्ता अब लगातार धक्के लगा रहे थे.

गुप्ता-‘आआअहह.. बहुत टाइट हो तुम बेटी।तुम्हारी चूत में मेरा लंड फँस फँस के जा रहा है। आआआआअहह’।

माथुर अपना पूरा लंड शालू के मूह में ठुसने की कोशिश कर रहे थे.शालू के बॉल पकड़ के उन्होने उसका सर हिलने से रोक लिया था. आख़िर थोड़ी देर ज़ोर लगाने के बाद उनका पूरा लंड शालू के मूह में घुस गया. सारे वक़्त गुप्ता अपने तगड़े लंड से शालू की चूत को चोद रहें थे.शालू का दर्द अब कम होने लगा. उसे डॉग्गी स्टाइल में चुदाई का अब बहुत मज़ा आ रहा था. पूरे 9 इंच का लंड शालू के अंदर बाहर हो रहा था. शालू के चूत का दर्द अब बिल्कुल चला गया था और चुदाई का असली मज़ा आ रहा था. माथुर अब शालू के मूह को जोरो से पूरे 9 इंच के लंड से चोद रहे थे. इससे शालू को तकलीफ़ तो हो रही थी पर चुदाई का मज़ा इतना था कि उसे इसकी कोई परवाह नही थी.
 
गुप्ता अपने दोनो हाथो से शालू की गांड मसल रहें थे. उन्होने ऐसा करते करते अपनी एक उंगली शालू की गांड में डाल दी. उंगली डाल के उन्होने अपने लंड के धक्कों के साथ उंगली भी अंदर बाहर करने लगे. इस से शालू का मज़ा और भी बढ़ गया और शालू अपनी गांड पीछे धकेल धकेल के गुप्ता के धक्को का जवाब देने लगी. ‘लगता हैं बिटिया रानी को बहुत मज़ा आ रहा हैं’

कुछ देर बाद दोनों ने अपनी जगह बदल लिया।अब माथुर शालू की चूत को चोद रहा था और गुप्ता ने अपना पूरा लंड शालू के मुँह में पेल पेल के मजा ले रहा था।माथुर चूत में पेलने के साथ साथ शालू की गांड में भी अपनी दो उँगलियॉ पेल रहा था।आधे घंटे तक वो दोनों जगह बदल बदल के शालू को चोदते रहे।तीनों अब थक गए थे।

अब फिर से गुप्ता शालू की चूत चोद रहा था और माथुर शालू के मुँह में पेल रहा था।तीनों बहुत ही सेक्सी आवाजे निकाल रहे थे।

गुप्ता-आह बेटी अब लगता है मेरा लंड तेरी बुर में झड़ जाएगा।ले साली रंडी अपनी बुर में मेरा माल।
 
ये कह के गुप्ता ने धक्को की रफ़्तार और बढ़ा दी.शालू झडने के बहुत करीब थी और गुप्ता की इस हरकत से अब उसका झरना शुरू हो गया. माथुर और गुप्ता का भी झरना शुरू हो गया था. दोनो ‘आआआआअहह..... आआआआअहह’ करके आवाज़े निकाल रहें थे.

माथुर जोरो से अपना लंड शालू के मूह में अंदर बाहर कर रहें थे और पानी निकाल रहें थे, इतना ढेर सारा पानी निकल रहा था कि शालू पूरा निगल नही पाई और उसके मूह के साइड से वो नीचे बहने लगा. गुप्ता का लंड भी शालू की चूत में वीर्य निकाल रहा था. चूत में गरम वीर्य का एहसास हो के शालू का झरना और बढ़ गया. शालू जैसे जन्नत में पहुच गयी थी. लगभग 5 मिनिट तक तीनो ऐसे ही झरते रहें. गुप्ता ने इतना सारा वीर्य निकाला कि वीर्य शालू की चूत से निकल के उसके पैरो पे नीचे बहने लगा.

माथुर के लंड से इतना वीर्य निकला था की शालू का सारा चेहरा गीला हो गया और शालू के मूह में भी काफ़ी वीर्य पड़ गया था. शालू ने मूह के अंदर के वीर्य को एक घुट में पी लिया और गुप्ता के लंड पे जो थोड़ा वीर्य चिपक के रह गया था उसे अपनी जीभ निकाल कर चाट चाट कर सॉफ कर लिया. माथुर ने शालू को लंड चाटते देखा और कहा ‘तुम तो बहुत सेक्सी हो बेटी, पर मेरा लंड तो पूरा वीर्य से गीला है. इसको भी चाट के सॉफ करदो’ बेटी. यह कह कर वो शालू सामने आ कर खड़े हो गये. उनका लंड अब पूरी तरह बैठ गया था. शालू ने उनके लंड को हाथ में ले के चाटना शुरू कर दिया. दो मिनट में लंड का सारा वीर्य सॉफ हो गया।अब शालू ने दोनों का लंड पूरा साफ कर दिया था।

शालू थक के सोफा पे लेट गयी. माथुर और गुप्ता भी थक के सोफा पे बैठ गये.
 
कुछ देर बाद माथुर ने बियर मंगा लिया और सभी पीने लगे।दोनों शालू को ज्यादा से ज्यादा पिला रहे थे।शालू कुछ ही देर में नशे में हो गई।

कुछ देर बाद शालू के दोनों तरफ माथुर और गुप्ता बैठ गये और उसकी बड़ी बड़ी चूचियों को सहलाने और चूसने लगे।कुछ ही देर में फिर से दोनों के लंड खड़े हो गए।दोनों ने अपने अपने लंड शालू के हाथों में पकड़ा दिए जिसे वह सहलाने लगी।इधर दोनों कभी शालू को किस करते तो कभी उसकी चूचियों को चूसकर दूध निकालने की कोशिश करते।कुछ ही देर में शालू की चूचियां पूरी थूक से गीली और लाल हो गई थी।फिर गुप्ता बोला।

गुप्ता-अच्छा बेटी तुम्हे किसके लंड से चुदकर ज्यादा मज़ा आया।
शालू-आप दोनों के।
माथुर-बेटी अगर तूझे दोनो के लंड से बहुत मज़ा आया तो चल ले अब दोनो के लंड को एकसाथ प्यार कर !
इतना कह कर माथुर ने गुप्ता की तरफ देखा और दोनो ने बीच मे लेटी शालू के चेहरे के सामने अपने अपने लंड लहरा दिए !
शालू- सर ये क्या है ? 
गुप्ता- बेटी तुम्हे दोनों का लंड पसंद हैं ना तो करो दोनो को एक साथ प्यार !
माथुर- बेटी अब दोनो को एक साथ खड़ा कर ! खड़े तो हो गये हैं अब रॉड बनाना तेरा काम है !
शालू- सर ये रॉड जैसे तो लग रहे हैं !
माथुर- नहीं बेटी अभी इन्हे और कड़ा करना पड़ेगा !
शालू- क्यों ? इस से भी तो हो जाएगा ! 
माथुर- तू कर तो आज इससे ख़ास काम लेना है !
शालू- लेकिन दोनो एक साथ कैसे लूँगी ! एक एक करके दो ना ! शालू ने नशे मे लड़खड़ाते हुए कहा ! 
गुप्ता- बेटी तुम मुँह तो खोलो बाकी सब हम कर लेंगे !
शालू ने आँख बंद करके मुँह खोल लिया ! पहले माथुर ने अपने मूसल उसके मुँह मे डाल दिया और फिर हाथ से पकड़ कर उसे एक दम किनारे गाल से सटा दिया तब गुप्ता ने भी अपना लंड शालू के मुँह मे उतार दिया !
 
माथुर- हाँ बेटी चल अब चूस ! दिखा ज़रा अपना जलवा कितना दम हैं तुझमें !शालू अब दोनो लंड को एक साथ चूसने लगी ! वो ऐसे ही नशे मे थी ऊपर से दो दो लंड को चूसने मे उसे और भी नशा आने लगा ! बीच मे माथुर और गुप्ता भी अपनी कमर चलाते और लंड को हलक मे उतार देते ! दोनो लंड इतने बड़े थे की अकेले चूसना ही किसी तक़लीफ़ से कम नहीं था और अब तो दोनो एक साथ उसके मुँह मे थे !

शालू को दिक्कत तो हो रही थी किंतु इस नये अनुभव की ललक के कारण वो कुछ देर दोनो को एक साथ ब्लोजब देने लगी ! ऐसा तो उसने ना किसी क्लिप मे देखा था ना कभी अपनी किसी सहेली से सुना था ! ये तो एकदम नया तजुर्बा था ! मगर हर नई चीज़ हमेशा सुखदाई नहीं होती उसका मुँह अब दुखने लगा था ! उसने दोनो लंड बाहर निकाल कर कहा 
शालू- सर अब मेरा मुँह दर्द कर रहा है ! मैं अब अपने ढंग से करूँगी !
गुप्ता- ठीक है बेटी जैसा तुम चाहो वैसा करो ! हम तुम्हारे हुक्म के गुलाम हैं !
शालू- चुप रहिये सर ! गुलाम ऐसा नहीं करते जो आपलोग अभी कर रहे थे ! मेरी तो जान ही निकल रही थी साँस भी नहीं ले पा रही थी !


माथुर- सॉरी बेटी ! चल अब तुझे जैसे करना है तू कर !
शालू- ठीक है सर आप लेट जाओ ! माथुर लेट गया तब शालू ने उसका लंड चूसना शुरू कर दिया और गुप्ता को पास खींच कर उसके लंड को मुठियाने लगी ! वो गुप्ता की गोटियों से भी खेल रही थी !
लगातार पाँच मिनिट की चुसाई के बाद अब माथुर का लंड पूरा टन टॅना गया था ! अब उसे अपने अगले एक्सन पर काम करना था ! सो उसने कहा।

माथुर-बिटिया तू एक काम कर चल आ बैठ जा इस पर बहुत चूस लिया तूने अब ज़रा इसे असली मज़ा लेने दे !शालू ने माथुर के दोनो तरफ पैर किया और फिर उनका टोपा अपनी बुर मे रख कर धीरे धीरे दबाव डालने लगी ! क्षण भर मे ही पूरा लंड शालू की गीली चूत मे समा गया ! अब शालू माथुर के लंड पर कुद रही थी जबकि गुप्ता के लंड को चूस रही थी ! एक शरीफ घर की लाडली और एक इज़्ज़तदार घर की मॉडर्न लड़की अब दो दो मर्दों को एक साथ खुश करना अच्छी तरह से सीख गई थी !
 
कमरे में एक बार फिर रंगीन माहौल बन गया था ! शालू माथुर का मोटा काला लंड बुर मे ले रही थी जबकि गुप्ता का लंड मुँह मे ले रही थी ! तभी माथुर ने कहा ।
माथुर - गुप्ता !
गुप्ता- हाँ यार !!

माथुर- यार शालू हम से शिकायत कर रही थी क़ि आप दोनो एक साथ कर रहे हो ! हमने अभी एक साथ किया है क्या ! माथुर ने आँख मारते हुए कहा साथ ही साथ उसने अंगूठे और तर्जनी से गोल छेद बनाते हुए कहा !गुप्ता माथुर का इशारा समझ गया और बोला 
गुप्ता - नहीं यार हमने तो अभी तक एक साथ नहीं किया !
शालू ने सन्नी का लंड मुँह से बाहर निकाल कर नशे से झूमते हुए कहा 
शालू - सर कितने झूठे हो आप दोनो ! अभी आप दोनों ने मेरे मुँह में एक साथ किया था और मेरे मुँह पर ही कह रहे हो क़ि हमने कभी भी एक साथ नहीं किया !
माथुर-बेटी इसको एक साथ करना थोड़ी कहते हैं !
शालू - फिर और किसको कहते हैं ? 
माथुर- ठीक है मेरी जान आज तुझे बता देते हैं क़ि एक साथ करना किसे कहते हैं ! और फिर माथुर ने शालू को पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया ! अब शालू की गाँड़ उभर आई थी !माथुर ने गुप्ता को इशारा कर दिया ! गुप्ता तुरंत शालू के पीछे आ कर पोजीसन लेने लगा ! उसने बड़े इतमीनान से शालू की गाँड़ के छेद मे लंड के सुपाडे को टीका दिया ! हालाकी शालू नशे मे थी किंतु उसे कुछ कुछ अहसास हुआ तो उसने पूछा 
शालू - सर आप पीछे क्या कर रहे हो ?

गुप्ता- कुछ नहीं बेटी बस तुम्हारी गदराई सेक्सी गाँड़ देख रहा हूँ ! शालू ने उसकी बात सच मान ली क्योंकि उसके पापा ,माथुर से लेकर गुप्ता तक सब उसकी गाँड़ को ही देखते रहते थे ! इधर गुप्ता ने मौके का फ़ायदा उठाया और लंड के टोपे को शालू की गांड की छेद में एक झटके से पेल दिया ! शालू की लार से लसलसा टोपा एक ही बार मे अंदर हो गया ! शालू ने चीखने की कोशिश की मगर माथुर पहले ही उसके नाज़ुक होंठों को अपने होंठों मे बाँध चुका था ! शालू ने तड़प कर उठने की कोशिश क़ि किंतु माथुर ने उसे अपनी मजबूत गिरफ़्त मे ले रखा था ! वो केवल कसमसा रही थी ! तभी गुप्ता ने समय ना गँवाते हुए फिर एक जोरदार शॉट मार दिया ! अबकी बार गुप्ता का आधा लंड शालू की गदराई गांड मे घुस गया ! इस बार शालू ने अपने होंठ आज़ाद कर लिए और दर्द से बिलबिलाते हुए कहा।
 
कमरे में एक बार फिर रंगीन माहौल बन गया था ! शालू माथुर का मोटा काला लंड बुर मे ले रही थी जबकि गुप्ता का लंड मुँह मे ले रही थी ! तभी माथुर ने कहा ।
माथुर - गुप्ता !
गुप्ता- हाँ यार !!

माथुर- यार शालू हम से शिकायत कर रही थी क़ि आप दोनो एक साथ कर रहे हो ! हमने अभी एक साथ किया है क्या ! माथुर ने आँख मारते हुए कहा साथ ही साथ उसने अंगूठे और तर्जनी से गोल छेद बनाते हुए कहा !गुप्ता माथुर का इशारा समझ गया और बोला 
गुप्ता - नहीं यार हमने तो अभी तक एक साथ नहीं किया !
शालू ने सन्नी का लंड मुँह से बाहर निकाल कर नशे से झूमते हुए कहा 
शालू - सर कितने झूठे हो आप दोनो ! अभी आप दोनों ने मेरे मुँह में एक साथ किया था और मेरे मुँह पर ही कह रहे हो क़ि हमने कभी भी एक साथ नहीं किया !
माथुर-बेटी इसको एक साथ करना थोड़ी कहते हैं !
शालू - फिर और किसको कहते हैं ? 
माथुर- ठीक है मेरी जान आज तुझे बता देते हैं क़ि एक साथ करना किसे कहते हैं ! और फिर माथुर ने शालू को पकड़ कर अपने बदन से चिपका लिया ! अब शालू की गाँड़ उभर आई थी !माथुर ने गुप्ता को इशारा कर दिया ! गुप्ता तुरंत शालू के पीछे आ कर पोजीसन लेने लगा ! उसने बड़े इतमीनान से शालू की गाँड़ के छेद मे लंड के सुपाडे को टीका दिया ! हालाकी शालू नशे मे थी किंतु उसे कुछ कुछ अहसास हुआ तो उसने पूछा 
शालू - सर आप पीछे क्या कर रहे हो ?

गुप्ता- कुछ नहीं बेटी बस तुम्हारी गदराई सेक्सी गाँड़ देख रहा हूँ ! शालू ने उसकी बात सच मान ली क्योंकि उसके पापा ,माथुर से लेकर गुप्ता तक सब उसकी गाँड़ को ही देखते रहते थे ! इधर गुप्ता ने मौके का फ़ायदा उठाया और लंड के टोपे को शालू की गांड की छेद में एक झटके से पेल दिया ! शालू की लार से लसलसा टोपा एक ही बार मे अंदर हो गया ! शालू ने चीखने की कोशिश की मगर माथुर पहले ही उसके नाज़ुक होंठों को अपने होंठों मे बाँध चुका था ! शालू ने तड़प कर उठने की कोशिश क़ि किंतु माथुर ने उसे अपनी मजबूत गिरफ़्त मे ले रखा था ! वो केवल कसमसा रही थी ! तभी गुप्ता ने समय ना गँवाते हुए फिर एक जोरदार शॉट मार दिया ! अबकी बार गुप्ता का आधा लंड शालू की गदराई गांड मे घुस गया ! इस बार शालू ने अपने होंठ आज़ाद कर लिए और दर्द से बिलबिलाते हुए कहा।
 
शालू- सर नहीं प्लीज निकालो प्लीज़ ! बहुत दर्द दे रहा है ! वाकई मंज़र बड़ा दर्दीला था शालू कोई प्रोफ़ेसानल रांड़ तो थी नहीं क़ि इतनी सी जगह मे सब समा ले गुप्ता ने उसकी पीठ चूमते हुए कहा 
गुप्ता- बेटी बस हो गया ! अब दर्द नहीं देगा बस एक मिनट का दर्द है ! और उसने फिर झटका मार दिया! इस झटके ने रहा सहा लंड भी शालू की गाँड़ मे उतार दिया !


शालू - आह मर गई !सर छोड़ दो बहुत दर्द दे रहा है ! माथुर फिर उसे चूमने लगा ! गुप्ता ने थोड़ा सा आराम शालू को दिया और फिर धीमी धीमी चुदाई करने लगा ! शालू की हालात खराब हो चुकी थी ! अब माथुर भी नीचे से कमर चला रहा था ! गाँड़ और बुर के बीच की पतली सी नाज़ुक चमड़ी मे जबरदस्त रगड़ पैदा हो रही थी ! शालू बार बार छोड़ने को कह रही थी ! वो तो अच्छा था क़ि वो शराब के नशे मे थी तो काफ़ी सह ले रही थी !

गुप्ता जानता था क़ि दर्द कैसा भी हो वक्त से बढिया कोई मरहम नहीं होता ! किसी तरह शालू को थोड़ा संभालना है उसके बाद तो जब अंदर से आनंद की लहरें निकलेंगी तो शालू खुद बखुद आगे पीछे होने लगेगी ! गुप्ता और माथुर के पास अनुभव का खजाना था उन्हें नारी जिस्म की हर बारीकी मालूम थी ! वो जानते थे क़ि जिस तरह लड़की को गाँड़ मराने मे शुरू शुरू मे तक़लीफ़ होती है मगर चार छह बार अगर वो गाँड़ मरवा ले तो फिर उसे गाँड़ मरवाने का चस्का लग जाता है ! फिर उसे लंड बुर से ज़्यादा गाँड़ मे अच्छा लगता है ! 

इसी तरह औरत को एक साथ चूत और गाँड़ मरवाना शुरू मे तकलीफ़ देता है किंतु अगर पाँच दस बार वो इसे सह ले तो फिर उसे तभी मज़ा आता है जब उसके दोनो छेद एक साथ चोदें जाएँ ! गुप्ता अभी हल्के हल्के धक्के मार रहा था कदाचित उसे अपनी शालू की तक़लीफ़ का ध्यान था ! सेकेंड राउंड होने के कारण दोनो जल्दी झड़ नहीं रहे थे !
 
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