Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत - Page 5 - SexBaba
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Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

राज- मेमसाहब मेरा उसके साथ कुछ भी नहीं है।

नेहा- झठ मत बोलो। मैंने अपनी आँखों से देखा है सब कुछ।

राज- क्या सबकुछ देखा है मेमसाहब?

नेहा- मुझे नहीं बताना।

राज- ऐसा क्यों करती हो मेमसाहब? अब बता भी दो क्या देखा?

नेहा- मैंने कहा ना मुझे नहीं बताना।

राज खुश था क्योंकी नेहा को जलन हो रहीं भी मोटा से, वो भी किसके लिए? उसी के लिए शोड़ी देर तक दोनों बात नहीं करते। ट्राफिक हटने का नाम ही नहीं ले रहा था। नेहा परेशान थी। उसे जल्दी से घर जाना था।

वो ऐसे में बीच सड़क में फंसे रहना नहीं चाहती थी।

नेहा- और कितनी देर लगेगी। आधा घंटा हो गया। यहीं पर हैं हम।

राज कुछ जवाब नहीं देता।

नेहा- ओ हेलो तुमसे बात कर रही हूँ।

राज. मेमसाहब अब क्या बताएं ये ट्रैफिक इतने जल्दी नहीं हटने वाला। लगता है आगे कुछ हुआ है।

नेहा- तो अन?

राज. वैसे मुझे एक शार्ट कट रास्ता पता है, लेकिन वो घोड़ा कच्चा रास्ता है, और जंगल से होकर गुजरता है।

नेहा- नहीं नहीं मुझे नहीं जाना ऐसे सूनसान रास्ते से।

राज. तो मेमसाहब ऐसे ही किये ट्रैफिक हटने तक।

नेहा चुप हो जाती है। नेहा को ऐसा यहां फैसे रहना ठीक नहीं लग रहा था| नेहा अब यही बिल्कुल सकला नहीं चाहती थी। नेहा बोली- "ठीक है। उसी रास्ते से चली लेकिन जल्दी.."

राज के चेहरे पर एक शैतानी स्माइल थी। उसके दिमाग में कुछ तो चल रहा था। राज बोला- "जी मेमसाहब में भी तो वहीं बोल रहा था..." फिर राज रिवर्स लेकर पास ही से एक कच्चे रास्ते से कार चला देता हैं। रास्ता काफी सनसाज लग रहा था, और रोड भी कुछ खास नहीं था। राज अब कुछ सोचता है।

राज- "मेमसाहब। वो जो मीरा है ना। अच्छी है ना? मतलब दिखने में?

नेहा को इस बात पर गुस्सा आता है- "मुझसे क्यों पूछ रहे हो? और मुझे नहीं पता वो कैसी है?"

नेहा मन में एकदम बेशर्म हैं वो मीरा..."

राज- मुझे लगा आपको पता होगा मेमसाहब।

नेहा- बोला ना मुझे नहीं पता।

राज- बताइए ना मेमसाहब। अच्छी दिखती है ना?

नेहा- "बेशर्म कहाँ के मुझे क्यों पूछ रहे हो? मुझे नहीं पता वो बेशर्म मीरा कैसी दिखती है?" और नेहा गुस्से में
अपनी जेलेसी राज को दिखा रही थी।

राज नेहा की बात सुनकर खुश हो जाता है। उसे पता था उसका प्लान कामयाब हो रहा है।

राज- मेमसाहब प्लीज़... मीरा को कुछ बुरा मत बोलिए।

नेहा मन में. "कमीना कहीं का। उस बेशर्म मीरा को बुरा कहा तो इसको बुरा लगता है। बूदा खूसट कहीं का.."

नेहा- "मुझे कोई शौक नहीं हैं उसको बुरा बोलने का..." इतना बोलकर वो दूसरी तरफ देखने लगती है।
राज- पता है मेमसाहब मैं अब मेरी दूसरी शादी करूँगा तो मोरा जैसी लड़की से ही करूँगा।

नेहा मन में "बुड्ढे की उमर हो गई है फिर भी अरमान बहुत सारे हैं। शादी करना है."

नेहा- मुझे क्यों बोल रहे हो? जाकर उस मीरा को ही बोलो ना।

राज. मैंने सोचा एक बार आपको बता दूं!

नेहा- कोई जररत नहीं है बताने की।

फिर दोनों चुप हो जाते हैं। कार इस वक्त काफी सनसान सड़क से गुजर रही थी। तभी अचानक कार को दो तीन झटके लगकर रुक जाती है।

नेहा- क्या हो गया?

राज- "रुको मेमसाहब अभी देखता है..' बोलकर वो कार से उतर जाता है और बानेट खोलकर देखने लगता है।

राज देखता है की सिर्फ एक केबल खराब हो गया आ जो आसानी से लगाया जा सकता है लेकिन राज के दिमाग में कुछ चल रहा था। वो अब पीछे जाकर- "मेमसाहब कार को ठीक होने में शायद कुछ टाइम लग जाएगा..."

नेहा- वो गोड... क्या मुसीवत है? जल्द ठीक करो उसे।
 
राज फिर बोनट के पास चला जाता है। बड़ी देर बाद नेहा अंदर बैठे-बैठे बोर हो रही थी। इसलिए वो कार से उतरकर बाहर आती है। आस-पास हरा भरा माहौल था। जंगल वाला इलाका था इसलिए। नेहा को बाहर आकर अच्छा महसूस हो रहा था। उसके चेहरे पर मुश्कुराहट फैल जाती है, जब उधर की ठंडी ठंडी हवा उसको छूती है। इधर राज बोनट में कुछ देखने का नाटक कर रहा था।

नेहा- "पता नहीं ये कार कब ठीक होगी। वैसे ये जगह अच्छी लग रही है..." नेहा अब उधर से ही पास में एक रास्ता कहीं जा रहा था। उधर से धीरे-धीरे नेचर का मजा लेटे हुए चलने लगती है।

राज को भी नहीं पता था की नेहा उधर जा रही है। नेहा आगे बढ़ते हुए जा रही थी। हरे-भरे पेड़ों का मजा उठाते हुए। वो एक अमीर परिवार से भी तो उसे इन सब चीजो की आदत नहीं भी। ना ही कोई जान। आगे चलकर उसे ऐसा नजारा दिखता है, जिससे से उसका मह एकदम से आसम हो जाता है। उसे एक सुंदर झरना नज़र आता है। कम से पानी नीचे गिर रहा था।

नेहा- "वाउ.. क्या सुंदरता है? कितना अच्छी जगह है?"

नेहा को पता नहीं था कि जितनी जगह सुंदर होती है उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है। वो अब पानी जहाँ पर गिर रहा था वहाँ जाने का सोचती है। वो उधर जाने लगती हैं की तभी उसे शेर के दहा ड़ने की आवाज आती हैं। जिससे नेहा डर जाती है।

नेहा- ओ माई गाड... टाइगर।

नेहा अब इधर-उधर देखने लगती हैं। वो कर रही थी। उसे नहीं लगा था की वो इस हालत में भी फंस सकती है। वो इस वक्त अकेली भी इस सुनसान जंगल में। डर के मारे उसका पशीना छूटने लगा था। तभी दूर झाड़ियों में किसी जानवर की पूंछ नजर आती है। नेहा को लगता है की टाइगर की है। असल में वो एक कुत्ता था।

नेहा डर के मारे चिल्लाई- "बचाओ..." ऐसा चिल्लाते हुए भागने लगती है। वो इतना जोर से चिल्लाई की रोड पर कार के पास खड़े राज की भी सुनाई देती है।

राज- अरे इस माल को क्या हो गया अब? ये कहाँ चली गई? पता नहीं साली कहां है?

तभी फिर से नेहा की आवाज आती हैं- "बचाओ..."

राज अब उस आवाज की तरफ जाने लगता है। नेहा डर के मारे भाग रही थी। वो उसी रास्ते से वापस आ रही थी जिस रास्ते से वो गई थी।

राज- मेमसाहब्

नेहा को राज की आवाज आती है। तभी उसे राज दिख जाता है। वो बिल्कुल ही डरी हुई थी। उसको राज दिखते ही वह जाकर राज से लिपट जाती है। इस तरह अचानक, नेहा के करने से राज थोड़ा हैरान था। इस तरह अचानक लिपटने से नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियां राज की छाती में दब जाती हैं। नेहा दूर के अहसास में भूल गई भी की वो एक काले बटे से लिपटी हुई है। नेहा के हाथ राज के पीठ तक गये थे। उसने राज को मजलती से जकड़ रखा था। जैसे वो राज को कहीं जाने नहीं देना चाहती हो।

राज भी ऐसा मौका कहाँ छोड़ने वाला था, उसने भी नेहा को जकड़ लिया था- "क्या हुआ मेमसाहब?"

नेहा डरी सहमी सी कुछ जवाब नहीं देती।

राज- मेमसाहब क्या हुआ?

नेहा इस बार थोड़ा होश में आते हए- "वो वहाँ शेर है."

राज- शेर.. कहाँ?

नेहा- वो वहाँ उधर।

राज- "आप फिकर मत कीजिये मेमसाहब मैं हूँ ना। आपको कुछ नहीं होने दूंगा..." ऐसा बोलकर राज नेहा के पीछे से हाथ ले जाते हुए उसकी नंगी गोरी पीठ पर हाथ फेरने लगता है।

नेहा उसे कुछ भी नहीं बोल रही थी। ऐसी खूबसूरत जवान औरत के यूँ खुद गले लगने से राज का लण्ड उसकी पेंट में उछलने लगा आ। उसका लण्ड उसे तंग करने लगा आ। अबराज के हाथ नेहा की गोरी पीठ से होते हए नीचे जाने लगते हैं। वो अपने हाथ नेहा की गाण्ड पर लेजाकर धीरे से दबा देता है।

नेहा बिना किसी अहसास के बस लिपटी हुई थी उससे। नेहा को अब राज का लण्ड अपने आगे से च भने लगता है। लेकिन दूर के मारे वो राज से अलग नहीं होना चाहती थी। लेकिन तभी राज खुद नेहा को अपने से अलग करने लगता है। अलग होते ही नेहा राज को देखने लगती है। उसे भी अब अहसास होने लगता है की वो तब से क्या कर रही थी। तभी राज उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़ लेता है, और उसके खुशबसूरत चेहरे को देखने लगता है। नेहा भी भीड़ा हरानी से राज को देख रही थी।

राज तभी एक बार मुश्कुरा कर अपने गंदे काले होंठ नेहा के लाल नरम होंठों की तरफ बढ़ा देता है। नेहा ये बिल्कुल उम्मीद नहीं कर रही थी। वो करीब पहुँचता है की नेहा उससे दूर हटती है और बिना कुछ बोले कार की तरफ जाने लगती है। वो कार के पास जाकर राज की तरफ पीठ करके रुक जाती हैं। राज अब नेहा के पीछे जाता है और उससे चिपक जाता है।

नेहा- "आहह.."

राज अब नेहा की पीठ पर बिखरे हर बाल आगे करके उसकी गोरी पीठ को एक बार चूमता है- "क्या हो गया मेरी जान?"

नेहा ने सपोर्ट के लिए अपने दोनों हाथ दोनों तरफ कार की विंडशील्ड पर रखे हुए थे। राज फिर से उसकी पीठ को चूमता है।

नेहा- "आह्ह... राज तुम ये मत करो..."

राज- क्या मेरी जान क्या हो गया?

नेहा- ये सब उस मीरा के साथ करो।

राज- वो यहां नहीं है ... तो मैं क्या करं?

नेहा- वो मुझे नहीं पता।

तभी राज नेहा की ब्लाउज़ जो एक डोरी से बधी भी उसे निकाल देता है।

नेहा- ये क्या किया? वापस लगाओ उसे।

राज- मेरी जान। तू ऐसे ही मस्त आइटम लगती है। रहने देना।

नेहा- प्लीज.. कोई आ जाएगा।

राज- कोई नहीं आएगा फिकर मत कर।
 
नेहा अब एकदम से राज से दूर हो जाती है और अपना हाथ पीछे लेजाकर डोरी लगाने की कोशिश करने लगती है, लेकिन नहीं होता। उसे पता था की ये डोरी लगाना उसके खुद के बस की बात नहीं है। और में ही किसी अंजान को वो करने भी नहीं बोल सकती थी। घर में ऐसी हालत में जाने का सवाल ही नहीं उठता। अब उसके पास एक ही विकल्प बचा था, और वो है राज। लेकिन नेहा को पता था की राज कितना बड़ा कमीना हैं। वो डोरी लगाने के बहाने कुछ और ही करेगा। लेकिन अब उसके पास कुछ और रास्ता भी नहीं था।

नेहा आखीरकार, लाचारी में "प्लीज़... लगा दो..."

राज- में क्यों लगाऊँ?

नेहा- क्यों लगा मतलब? तुमने निकाली ही क्यों ?

राज- सिर्फ एक शर्त पर।

नेहा चौंकते हए. "शर्त... कैंसी शर्त?"

राज- कार में बैठो।

नेहा- क्या?

राज- कार में बैठो मेरी जान बताता हूँ।

राज ने कार ठीक कर दी थी। नेहा को नहीं पता था की राज के मन में क्या चल रहा है? वो राज की तरफ अजीब नजर से देख रही थी।

राज- अरे बैठ।

नेहा अब बिना कुछ बोले पीछे का दरवाजा खोलने लगती है।

राज- पीछे नहीं आगे।

नेहा राज की तरफ गुस्से से देखते हुए- "क्यों? मुझे नहीं बैठना आगे.."

राज- देख ले फिर, अपना ब्लाउज़ खुद ही ठीक कर लेना।

नेहा राज की तरफ गुस्से से देखते हुए फ्रंट दरवाजा खोलकर बैठ जाती है। राज भी दूसरी साइड से आकर बैठता है फिर कार स्टार्ट करके चल देता है। कुछ देर तक दोनों के बीच कोई बात नहीं होती।

राज- हाँ तो शर्त ये है की तुझे मेरा लौड़ा चूसना होगा।

नेहा चकित भी ये सजकर - "क्या पागल हो क्या? बेशर्म में कभी वैसा नहीं करेंगी। छी...."
राज- ले ले जा मेरी जान। एक बार कर दें।

नेहा- बोला ना बूढ़े मुझे नहीं करना।

राज- कर ले ना मेरी बुलबुल।

नेहा- जाओ उस मीरा से करवा लो।

राज- वो यहीं होती तो जरूर करवा लेता। अब तू यहीं पर है तो तू ही कर दें।

नेहा- मुझे नहीं करना कितना गंदा होता है वो।

राज- अच्छा अब गंदा लग रहा है। चुदते वक्त गंदा नहीं लगा?

नेहा शर्म से लाल हो जाती है।

राज- कर ना मेरी जान।

नेहा- नहीं।

राज- ठीक है फिर सोच ले। खुद ही कर लेना तेरा ब्लाउज़ ठीक।

नेहा सोच में पड़ जाती है की वो क्या करे। राज को पता था की नेहा अब मना नहीं करेगी। उसकी मजबी जो थी। वो अब अपना काला मोटा लण्ड जिप खोलकर बाहर निकाल लेता है। नेहा ने नहीं देख आ वो कुछ सोचे जा रही भी। इधर राज का सोया हुआ लण्ड भी काफी बड़ा दिख रहा था। लण्ड के टोपे पर काली स्किन चढ़ी हुई
थी। लण्ड के आस-पास सफेद काले बाल थे। अंडे तो जैसे कोरको बाल साइज के थे, काले एकदम गंदे। कुल मिलाकर जैसे राज का चेहरा बदसूरत था वैसे ही उसका लण्ड था। राज ड्राइविंग करते हुए एक हाथ स्टियरिंग बील और दूसरा हाथ से अपना लण्ड पकड़े हुए था।

राज. चल मेरी जान शुरू हो जा।

नेहा राज की बात से होश में आती है और उसकी तरफ देखती हैं। जैसे ही वो उधर देखती है राज का बड़ा काला लौड़ा देखकर हर जाती है, और झट से दूसरी तरफ मुंह कर लेती है।

राज- क्या हुआ मेरी जान?

नेहा कुछ जवाब नहीं देती है।

राज- देख ज्यादा देरी जा कर जल्द ही घर आ जाएगा। शुरू हो जा।

नेहा- प्लीज़... राज मुझसे नहीं होगा।

राज मन में- "ये साली बड़े नखरे कर रही हैं। साली मुझसे चुद चुकी है फिर भी लण्ड चूसने में बड़ी सती सावित्री बन रही है। अभी नहीं सही लेकिन तुझे मेरा लौड़ा चूसना तो जरूर होगा।

राज- चल ठीक है चूसना ना सही लेकिन हिला तो सकती है ना?

नेहा का चेहरा लाल था। राज उससे क्या-क्या करवा रहा था? लेकिन उसे ये विकल्प बेटर लग रहा था अब् लेकिन कैसे वो यह कर सकती है? एक बड़े घर की खूबसूरत बहु एक बड़े काले हाइवर का लण्ड हिलाए। सोचकर हो अजीब लगता है। लेकिन यहां पर नेहा को करना ही था किसी तरह से।

राज- करेगी ना?

नेहा जवाब नहीं देती।

राज- बोल्

नेहा हों में सिर हिलाती है।

राज- ये हुई ना बात। चल पकड़ मेरा लण्ड।

राज नेहा का एक गोरा हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख देता है। काले मोटे लण्ड का अहसास होते ही नेहा हाभ हटाने का सोचती हैं लेकिन राज हटाने नहीं देता। अब राज नेहा का हाथ अपने लण्ड पर जमाए हुए लण्ड हिलाने लगता है। नेहा लज्जित भी की वो इस वक्त एक ड्राइवर का लण्ड हिला रही है। राज भी मजे में था। इतनी खूबसूरत गोरी औरत का हाथ जो उसके काले गंदे लौड़े पर था। नेहा दूसरी तरफ देख रही थी राज अब अपना हाथ हटा देता है नेहा को हाथ से। तभी नेहा हाथ हटाने की कोशिश करती हैं।

राज- नहीं।

नेहा के चेहरा पर अजीब एक्सप्रेशन आ जाता है। वो लण्ड पर से हाथ नहीं हटाती।

राज- उसको सिर्फ पकड़ना नहीं हैं। हिलाना भी है।

नेहा अब धीरे-धीरे लण्ड ऊपर-नीचे करने लगती हैं। राज तो मजे में आ। बहुत मजा आ रहा था उसे।

आखिरकार, ये सब उसने सपने भी नहीं सोचा होगा। एक परी जैसी अमीर घर की जवान औरत उसका गंदा लौड़ा , हिलाएगी। राज को तभी एक आइडिया आता है।

राज- "मेरी बुलबुल, मुझे तो मजा आ ही रहा था। अब थोड़ा मजा तुझे भी दे दूं.."

नेहा हैरानी से राज की तरफ देखने लगती हैं- "क्या मतलब?"

राज. "जैसे तू मेरा लौड़ा हिला रही है, वैसे ही मैं तेरी चूत में उंगली कर देता हैं। क्या बोलती है?"

नेहा ये मनकर झट से इधर मुँह कर लेती है। उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था। करी अपना एक हाथ बढ़ाता है और उसकी चूत के ऊपर साड़ी के कृपा से रख देता है। नेहा चौक जाती है।

नेहा- "नहीं प्लीज़..."

राज. मेरी जान तुझे नहीं चाहिए क्या मजा?

नेहा- नहीं।

राज अब नेहा की चूत एक बार मसल देता है।

नेहा- "अहह..

राज- लेकिन तेरी चूत तो कुछ और ही बता रही है। देख कैसे गीली हो गई है।

नेहा शर्मिंदा थी की राज का लण्ड हिलाते हुए उसकी चूत गीली हो गई थी।

राज- क्या मेरी बुलबुल। अपने बायफ्रेंड से अब क्या छुपाना?

नेहा- "तुम नहीं हो मेरे बायफ्रेंड और ना ही मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ समझे। तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो वो बेशर्म मीरा है ना...।

राज. मीरा को कुछ मत कहना।
-

नेहा- हाँ हाँ ठीक है। ये सब भी उसी से करा लो ला... मुझसे क्यों करवा रहे हो?

राज. तू तो मेरी गर्लफ्रेड है ना इसलिएर।

नेहा राज का काला लौड़ा अपना गोरे कोमल हाथ से हिला रही भी। और राज नेहा की चुत साड़ी के ऊपर से सहला रहा था। सूनसान रोड था तो राज को एक हाथ से ड्राइव करने में प्रोबलम नहीं हो रही थी। काफी देर से नेहा राज का लण्ड हिला रही थी, लेकिन पानी नहीं निकल रहा था। लेकिन नेहा की चत अब झड़ने को औ| राज अच्छी तरह से उसकी चूत सहला रहा था। थोड़ी देर में हो।

नेहा- "अहह.... आई आम कमिंग.." और नेहा झड़ जाती है। इसी बीच नेहा की पकड़ राज के लण्ड पर दीली हो गई थी और हिला भी धीरे रही थी।

राज- जोर से हिला मेरी जान। तेरा तो हो गया। मेरा अभी बाकी है ना।

नेहा शर्म से पानी-पानी हो जाती है। वो राज का लौड़ा थोड़ा फास्ट हिलाने लगती है। उसकी पेंटी झड़ने की वजह से पूरी गीली हो गई थी। थोड़ी देर बाद कार हाइवे पर आ जाती है। राज अभी भी झड़ा नहीं था। उसका लण्ड पानी छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था। नेहा को भी हैरानी हो रही भी। उसका पति तो दो मिनट भी ऐसे हिलओ तो झड़ जाता है। लेकिन ये अदा इतनी उमर होने के बावजद भी नहीं झड़ा। कछ5 मि नजदीक आ जाता है। फिर अचानक से उसके काले मोटे लौड़े से देर सारा गाढ़ा पानी निकलता है। कछ तो नेहा के हाथ पर और कुछ उसकी साड़ी पर भी पड़ता है।

नेहा- ओह नो... ये क्या किया।

राज हॉफ्ते हए- "ये क्या किया मतलब? वहीं किया जो तेरी चूत ने किया था.."

नेहा अपना रुमाल निकालकर अपने हाथ पैर और साड़ी पर पड़े राज के गाढ़े पानी को साफ करने लगती है।

राज- अब मेरा लौड़ा भी साफ कर देना।

नेहा- बिल्कुल नहीं।

राज- फिर में ब्लाउज़ की डोरी भी नहीं लगाऊँगा।
 
नेहा राज को गुस्से से देखते हए अब अपना रुमाल धीरे से उसके लण्ड पर रखते हुए दूसरी तरफ मुँह करके साफ करने लगती है। राज के चेहरा पर एक कमीनेपन वाली मकान आ जाती है। वो सोच रहा था तब कितना मजा आएगा जब ये हसीना उसका लौड़ा अपने गुलाबी होंठों से छूकर अपने मुँह में लेगी। थोड़ी देर बाद नेहा साफ करके चुपचाप बैठ जाती हैं। उसके हाथ में वही रुमाल अभी भी था। राज भी अपना लण्ड अंदर डाल लेता है। अब घर करीब एक किलोमीटर की दूरी पर था। तभी नेहा को खयाल आता है की ब्लाउज़ तो वैसे ही रह गया।

नेहा- मेरे ब्लाउज़ की डोरी कौन लगाएगा?

राज. खुद लगा ले।

नेहा- क्या? तुम ऐसा कैसे कर सकते हो? प्लीज... लगा दो। में ऐसे नहीं जा सकती घर।

राज. वो मुझे नहीं पता।

नेहा को राज के ऊपर बहुत गुस्सा आता है। राज अब तेजी से कार घर की तरफ बढ़ा देता है। थोड़ी देर बाद वो पहुँच जाते हैं घर।

*****

कड़ी 21 घर पहुँचने के बाद अब नेहा अंदर कैसे जाए वही सोच रही थी क्योंकी राज ने मजे लेकर भी मना कर दिया। नेहा के सामने दुविधा था। क्या वो ऐसे ही अंदर चली जाए। उसका ब्लाउज़ पीछे से खुला हुआ था और खुद वो डोरी लगा नहीं सकती औ।
राज- मेरी जान घर आ गया।
नेहा राज की बात सुनकर उसको गुस्से से देखती हैं। राज अब कार रोक करके उत्तरकर नौकर क्वार्टर्स की तरफ चला जाता है। नेहा उसको देख रही थी।
नेहा- जटा कमीना मुझे इस हालत में छोड़ गया। अब मैं क्या करें कैसे जा अंदर?
लेकिन नेहा को तो जाना ही था अंदर। वो और एक बार अपने ब्लाउज की डोरी लगाने की कोशिश करती हैं लेकिन नाकाम रहती है। वो निराश हो रही भी इस सिचुयेशन में होने से। वो अब धीरे से कार से उतरती है। वो इधर उधर देख रही थी की कहीं कोई देख तो नहीं रहा। क्योंकी उसकी पीठ परी जंगी थी। बलाउज़ की डोरी निकली हुई थी। वो किसी तरह छुफ्ते छुपाते मुख्य दरवाजे के पास पहुँचती हैं। वो परेशान थी की कहीं कोई उसे इस हालत में देख ना ले। अगर किसी ने पूछ लिया तो वो क्या जवाब देगी? वो तो अकेली आई थी। उसके अलावा कार में सिर्फ राज बढ़ा ड्राइवर था। यही सब सोचते हुए नेहा थोड़ा दूर गई थी लेकिन वो किसी तरह हिम्मत कर के दरवाजा खोलती हैं।
140
वो अंदर देखती है तो बाहर हाल में रिया बैंठी हुई है। नेहा को ऑड़ी राहत होती है की ज्यादा लोग नहीं हैं। लेकिन उसे टेन्शन भी थी की अगर रिया ने उसे पीछे से देख लिया ता? क्योंकी एक बार तो वो राज के साथ पकड़ी गई है रिया के सामने। तभी से रिया के सामने जाने से वो कतराती है। अब नेहा थोड़ा झझकते हए अंदर जाने लगती है। सोफे पर बैठी रिया की नजर नेहा पट जाती हैं। एक बार के लिए दिया साइज होती है की नेहा क्यों इस तरह छुपते हुए जा रही थी।
रिया- अरे दीदी कब आए आप?
नेहा ज्यादा बात करना नहीं चाहती थी क्योंकी वो जल्दी से रूम में जाना चाहती थी, कहा- "असअभी आई..."
रिया- लेकिन दीदी विशाल भैया कहाँ है?
नेहा- वो आफिस चले गये।
रिया- अच्छा। बैठिए जा।
नेहा- नहीं रिया में अक गई हूँ फ्रेश होने जा रही हैं।
रिया- "ठीक है दीदी... फिर रिया एक मैगेजीन पढ़ने लगती है।
नेहा अब वहां से जाने लगती है। नेहा सादियां चढ़ते हुए जा रही भी की तभी रिया की नजर नेहा पर जाती है। उसको रिया की परी पीठ नंगी दिख जाती है। डोरी निकली हुई थी। वो हेयान रह जाती है।
रिया मन में- "ये दीदी का ब्लाउज़ खुला कैसे है?" और वो इसी सांच में पड़ जाती हैं।
इधर नेहा अपने रूम में पहुँचकर जल्दी से बाथरूम में चली जाती है जहाजे। नहाते हए उसको करी याद आने लगती हैं। कैंसे राज ने की थी चुदाई। जिसका अहसास ही उसे एक अजीब सी गलिंग दे रहा था।
जो कभी उसके पति से नहीं मिलता था। नेहा की गोरे नंगे जिश्म पर पानी की बूंदे पड़ रही थी। नेहा को राज की बेददी याद आ रही थी। नेहा को राज का बड़ा काला लण्ड अपनी जजों के सामने दिखने लगता है। उसे खुद पता नहीं चला की कब उसका हाथ उसकी गुलाबी चूत पर चला गया।
नेहा अपनी चूत सहला रही थी नहाते हुए, वो भी एक काले बूढ़े के गंदे बड़े लण्ड के बारे में सोचकर। नेहा खुद होश में नहीं थी की वो क्या कर रही है। उसपर एक अजीब सी खुमारी छा रही भी। राज का अहसास ही उसे दीवाना बना रहा था। उसकी आँखें बंद थी। तभी अचानक से खयाल आता है की वो क्या कर रही है?
शावर लेने के बाद वो बाहर आकर एक मस्त साड़ीरी पहनकर हल्का सा मेकम करती है। फिर नीचे चली जाती है। बाहर हाल में कोई नहीं था। नेहा सोफे पर बैठकर मैंगेजीन पढ़ने लगती हैं। तभी उसे किचेन से कुछ आवाजें
आती हैं। पहले तो वो अनदेखा करती हैं। लेकिन दुबारा आवाज आने से वो उधर बढ़ती है।
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जब वो अंदर देखती हैं तो थोड़ा हैरान रह जाती है ज्यादा नहीं। अंदर राज नीलू को पीछे से पकड़े हुए उसकी चचियां दबा रहा था। नेहा मन में- "कमीना कहाँ का... शुरू हो गया फिर से। हर वक्त क्स सेक्स चाहिए इसे.." नेहा उधर खड़ी दोनों को देख रही भी।
राज- "नीलू रंडी, कितने दिन हो गये तेरी चुदाई किर हुए आज मौका मिला है चल ना पीछे कमरे में.."

नीलू- नहीं राज मुझे बहुत काम है। अभी खाना बनाना है।
राज- चुप कर रंडी... मुझे तुझे चोदना है बस।
नेहा राज की बातें सुनकर हैरान थी को कैसे वो लौल को रंडी बोल रहा था। पता नहीं कैसे लेकिन अचानक से राज की नज़र नेहा पर चली जाती है वो उधर नहीं देखता फिर से।
राज मन में- "ये माल इधर आई है। साली को मजा आ रहा होगा हम दोनों का देखकर..." और राज नेहा को एकदम बेशर्म बनाना चाहता था।
राज- नीलू बो जो नेहा मेमसाहब हैं ना एकदम मस्त माल हैं वैसे। क्या जबानी है?
जील. राज, तु तो ऐसे बोल रहा है जैसे आज ही पहली बार देखा हो नेहा मेमसाहब को?
राज- "हाँ नीलू, आज बहुत कुछ देख हैं नेहा मेमसाहब का.."
नेहा इस बात पर सहम जाती है।
नीलू- तू बातें बना रहा है। तूने कुछ किया तो नहीं है नेहा मेमसाहब के साथ?
राज- "तुझे क्यों जानना है?"
नेहा नीलू की बात सुनकर शर्म से लाल हो जाती है।
नीलू- बोल ना?
राज- अभी तक तो नहीं किया।
नेहा राज की बात सुनकर, राज की तरफ हरानी से देखने लगती हैं।
नेहा मन में- "बड़ा कितना झूठ बोल रहा है। कितना कुछ कर चुका है मेरे साथ। वैसे अच्छा है इस नौकरानी के सामने कुछ नहीं बोल रहा है। वरना क्या इज्जत रहेगी मेरी इसके सामने?"
142
राज अब नीलू के चूचियां जोर-जोर से दबाने लगता है, और कहता है- "क्या बड़ी-बड़ी चूचियां हैं मेमसाहब
की...
नीलू- अच्छा... तुझे कैसे पता?
राज- "दर से ही इतनी बड़ी-बड़ी दिखती हैं। इसलिए बोला.." और नीलू की गाण्ड पर राज अपना लण्ड घिस रहा था।
नीलू- "खड़ा हो गया तेरा राज, पीछे से तंग कर रहा है मुझे.."
राज- तेरी गाण्ड मेंरना चाहता है।
नीलू- नहीं नहीं अब नहीं। पहले ही बहुत दर्द होता है। इस वक्त तो बिल्कुल नहीं।
राज- मारने देना।
नेहा राज के गाण्ड मेंरने वाली बात से चकित रह जाती है। इसका मतलब नीलू राज से गाण्ड मरवा चुका हैं। नेहा ने कभी अपनी पति से भी गाण्ड नहीं मरवाई थी।
नीलू- अब तू जा मुझे बहुत काम है। बड़ी मालेकिन आ गई तो मुझे डौटेंगी।
राज- लेकिन रात को आ जाना।
नीलू- ही ठीक है।
राज फिर जाने लगता है।
नेहा उधर से जाने के लिए सीढ़ियां चढ़कर जाने लगती हैं। राज दरवाजे के पास जाकर ऊपर देखने लगता है। उसे नेहा जल्दी-जल्दी सीढ़ियां चढ़कर जाते हुए दिखती हैं। जाते हुए उसकी गाण्ड मचल रही थी। जिसे देखकर राज का लौड़ा सलामी देने लगता है। राज भी सीदियां चटकर ऊपर जाने लगता है। नेहा रूम के दरवाजा के पास पहुँची ही भी की वो नीचे देखती है, तो उसे राज इधर ही आता दिखता है। वो जल्दी से दरवाजा बंद करने के लिए जाती है। तभी राज फुर्ती से उधर चला जाता है, और सही टाइम पर दरवाजा बंद होने से रोक देता है। नेहा दूर जाती है।

राज- क्या हुआ मेरी जान? कहीं भाग रही है?

नेहा- ये क्या बदतमीज़ी है? तुम यहाँ क्यों आए हो?
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राज- "बताता है.... लकर वो नेहा को अंदर धकेलकर खुद भी अंदर जाता है और दरवाजा लाक कर लेता है।

नेहा रूम लाक करते हुए देखकर दूर जाती है, और कहती है- "तुमने दरवाजा लाक क्यों किया?"

राज- अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार करने के लिए।

नेहा- "चुप रहो और जाओ यहां से। नीलू से दिल नहीं भरा क्या जो यहां आए हो?" नेहा जल्दबाजी में कुछ ज्यादा ही बोल गई

राज- ओहहो... तो तू वहीं खड़ी सब देख रही थी?
नेहा को अहसास होता है की उसने बताकर गलती की। नेहा चुप रहती है।
राज नेहा के दोनों कंधों को पकड़ लेता है और उसे देखने लगता है। नेहा भी राज को देख रही थी। दोनों की नज़र आपस में जुड़ी हुई थी। नेहा अपना होश खो रही थी, , राज के करीब आने से। उसने नहाते हए राज के बारे में सोच कर अपनी चूत टच किया आ। राज और नेहा की नजरें आप्नस में कुछ कह रही भी। हालांकी राज का काला बदसूरत चेहरा होने के बावजूद भी नेहा उससे नजर नहीं फेर रही थी। कुछ था जो उसे ऐसा करने से रोक रहा था। राज के हाथ अब कंधे से होते हुए नेहा की पीठ पर जाने लगते हैं। उसकी बैंकलेश ब्लाउज़ पर राज के हाथ पहुँच जाते हैं। राज के हाथों का अहसास होते ही नेहा को अजीब सी फीलिंग होने लगती है. उसकी आँखें धीरे-धीरे बंद होने लगती हैं।
तभी राज नेहा की कमर में हाथ डालकर अपनी और खींचता है। ऐसे करते ही नेहा राज से आगे से एकदम चिपक जाती है। उसके बड़ी-बड़ी चचियां राज की छाती से दब जाते हैं। दोनों के चेहरे बेहद करीब थे। सांस लेने जितनी जगा भी नहीं थी। दोनों के होंठ आमने सामने थे। दोनों को एकसरे की गरम सांसें अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। नेहा अपना होश खो बैठी थी। इस तरह का अहसास उसके पति ने अभी आजतक नहीं करवाया था। जो ये जट्टा उसे करवा रहा था। राज अब नेहा को गले को चूमने लगता है। वो उसके गर्दन पर चमने लगता है। जिससे नेहा मदहोश होने लगती हैं।

नेहा- "अहह... अहह... अहह..' की सिसकारियां निकलने लगती हैं।
राज अपना गंदा मुँह नेहा की गोरी गर्दन पर फेर रहा था। उसका बदबूदार मुँह नेहा के खुरद्धार गले को चूम रहा था। लेकिन वो इन सबसे अंजान मदहोशी के आलम में थी। चूमते हुए राज नेहा के कान के पास जाकर।
राज- आज तुझे मैं उस दिन से भी ज्यादा मजे ,गा।
नेहा को ये सुनकर अजीब सा अहसास होता है। जैसे वो खुश हो गई हो राज की बात से। और साथ में उसकी ये भी पता था की ये गलत है। राज नेहा के कान को एक बार चूमता है।
नेहा- "अहह..' करती हैं। नेहा को इस तरह राज का उसके जिस्म को चूमना एक अजीब सा मजा दे रहा था। उसकी सिसकारी निकल रही थी।

राज फिर से उसके कान के पास जाकर- "मुझे पता है तू मीरा से जल रही थी वही.."
नेहा राज की बात सुनकर थोड़ा शर्मा जाती है, लेकिन कुछ नहीं बोलती। नेहा को भी पता था कि वो सच में मीरा से जल रही थी। राज अब नेहा के गले को चूमते हुए नीचे आने लगता है। वो नेहा के बल्लाउज़ के ऊपर अपना मुँह रखता है और उसकी एक चूची को मुँह से चूसने लगता है कपड़े के ऊपर से। और दूसरी चूची को पकड़कर मसलने लगता है।
नेहा- "अहह.. उम्म्म्म ... अहहह... अहह... करके अपना आपा खो रही थी। वो एक बूढ़े से सिड्यूस हो रही थी। इस बूढ़े की हरकतें उसे पागल कर रही थी।
राज चूचियां को चूसते हुए ब्लाउज़ के ऊपर से उसके निपल पकड़ता है मुँह में और भीड़ा काटता है।
नेहा दर्द में- "अहह... क्या कर रहे हो?"
राज नेहा की तरफ देखकर स्माइल करता है। नेहा ने अपनी आँखें बंद कर रखी थी। दलाउज़ के ऊपर से राज नेहा के निपल चूसने लगता है। जिससे नेहा को अजब सा मजा आ रहा था। दूसरी चूची पर भी वैसे ही करता है। नेहा को अपनी साँसों पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था। थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद राज अब थोड़ा नीचे आकर नेहा के पेट को चूमने लगता है। राज के काले खुरदरे होंठों का अहसास अपनी गोरी पतली कमर पर होने से नेहा सिसकारियां लेने लगती हैं।
नेहा- "अहह.. उम्म्म्म
.. अहह... अहह.."
पता था की नेहा गरम हो रही है। राज नेहा की जाभि को भी चमे जा रहा था। नेहा आँखें बंद किए हुए राज की हरकतों को अब मजा उठाने लगी भी। उसने कभी सोचा नहीं था कि वो कभी अपने पति के
अलावा किसी और पराए मर्द के साथ में मजे करेगी। वो भी एक काले बदसूरत अटे के साथ।
राज नेहा की गोरी कमर च मते हुए अब और नीचे चला जाता है और साड़ी के ऊपर से नेहा की चूत को किस करता है। ऐसे करने से नेहा एक बार के लिए उछल पड़ती है। नेहा औख खोलकर नीचे देखती है, तो राज नेहा की चूत को साड़ी के ऊपर से चूम रहा था। ये देखकर नेहा शर्मा जाती है। लेकिन उसे एक तरफ अजीब भी लग रहा था की कैसे वो राज जैसे गंदे बढ़े के साथ ये सब कर सकती हैं, अपने हैंडसम पति के होर हुए भी।
लेकिन राज नेहा को कुछ भी सोचने का मौका नहीं दे रहा था। नेहा की आँखें अचानक बड़ी हो जाती है जब राज नेहा की चूत को साड़ी के ऊपर से अपने मुँह से पकड़ लेता हैं।
नेहा- "अहह... करीम्म.." और नेहा अपना गोरा हाथ राज को रोकने के लिए उसके सिर पर रखती है और हटाने
की कोशिश करती है। राज नेहा की चूत हाथ में लेकर साड़ी के ऊपर से मुँह से मसलने लगता है। जैसे वो कोई चेविंगम चब्बा रहा हो।

नेहा को अजीब सा मजा आ रहा था। ये बिल्कुल नया आ उसके लिए। नेहा की आँखें राज के ऐसा करने से बंद होने लगती हैं। उसके हाथ अब राज को रोकने के बजाए उसके सिर को सहलाने लगते हैं। अब राज खड़े होकर हा के खूबसूरत चेहरे को देखने लगता है। नेहा अब आँख खोल चुकी भी। उसके चेहरे पर एक आनंद का अहसास आ, जो राज भली भांति जानता था। वो अब नेहा का एक गोरा हाथ पकड़कर अपने बड़े लण्ड पर रख देता है पैंट के कम से। नेहा अचानक , राज का बड़ा लण्ड छुने से इस जाती है। नेहा झट से अपना हाथ हटा लेती है।
राज- मेरी जान इतना क्या दूर रही है। एक बार तो ले चुकी है इसे अपनी चूत में..."
नेहा राज की बात सुनकर शर्मा जाती है।
राज- पकड़ ले ना मेरा लौड़ा।
नेहा कुछ नहीं बोलती। वो बस नजरें झकाए हए खड़ी थी। राज फिर से उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रखता है। और फिर नेहा की चचियां ब्लाउज़ के ऊपर से धीरे-धीरे दबाने लगता है। नेहा फिर से गरम होने लगती है। उसने इस बार राज के लण्ड पर से अपना हाथ भी नहीं हटाया था। उसकी आँखें बंद हो चुकी भी चूचियां दबाने से।
राज- लण्ड को मसल मेरी जान।
नेहा राज की बात सुनते ही अपने गोरे कोमल हाओं से उसका लण्ड मसलने लगती है। उसके हाथ में राज का पूरा लण्ड नहीं आ रहा था। हालांकी नेहा पहले राज का लौड़ा अपने हाथ में पकड़ चुकी थी। लेकिन आज पता नहीं क्यों उसे राज का लण्ड बड़ा महसूस हो रहा था। राज नेहा की चूचियां बड़े ही कामुक तरीके से दबा रहा था, जिसमें नेहा को भी मजा आए। नेहा उसका लण्ड अब अच्छे से मसल रही थी।
राज अब नेहा का हाथ अपने लण्ड से हटाता है। जिससे नेहा औख खोलकर उसे देखने लगती है। राज अब् नेहा को गोद में उठा लेता है और बेड के पास जाने लगता है। नेहा को बहुत शर्म आ रही थी यूं एक बूढ़े को बाहों में होने से। राज नेहा को बेड पर लिटा देता है, और फिर वो अपने कपड़े निकालने लगता है। जिससे देखकर नेहा अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है। राज अपनी पैंट निकाल देता है। उसने अंडरवेर नहीं पहनी थी। शर्ट उसने नहीं उतरी।
वो अब बेड पर चढ़ जाता है। वो नेहा के पैरों के पास आता है और उसके गोरे मैटों को पकड़कर वहाँ चमने लगता है। नेहा को अजीब सी फीलिंग हो रही थी। उसका पति कभी ऐसी हरकतें नहीं करता आ। राज नेहा के मैंटों की उंगलियों को चूस रहा था। नेहा की लिए ये बिल्कुल नया था।

नेहा- "अहह...

राज नेहा की एक-एक कर के पटी उंगलियां चाटता है। पूरा पैर साफ करने के बाद वो ऊपर आता है।

नेहा राज को देख रही थी ऊपर आते हुए, एक बदसूरत काला बूटा। नेहा को घिन के साथ शर्म भी आ रही थी। एक काला बड़ा होकर वो कितना मजा दे रहा था नेहा को। अब राज नेहा को पतली कमर को चूमने लगता है।

नेहा- "अहह... अहह.." की सिसकारियां लगातार निकल रही थी नेहा की राज की हरकतों से।

राज अब नेहा का पलल साइड में करता है। अब वो ब्लाउज़ में भी। राज अब ऊपर आता है। नेहा उसको देखने लगती है। उसकी साँसें तेज हो गई थी। राज अपने गंदे होंठ नेहा के गुलाबी होंठों की तरफ बढ़ा देता है।
***** ****
 
कड़ी_22 नेहा आज राज के पास आने से मुंह नहीं फेट रही थी। राज नेहा के खूबसूरत चेहरे के करीब जाकर एक बार उसे निहारता है। उस जैसे गंदे बूदे के नीचे इस घर की खूबसूरत बहू लेटी हुई थी। और मजे की बात तो ये भी को वही बहू इस गंदे बूढ़े को मना भी नहीं कर रही थी अभी। राज नेहा को देखकर अपनी कमीनी स्माइल । करता है। जिसे देखकर नेहा आज पहली बार मुश्कुराती है। पता नहीं उसको आज क्या हो गया था? शायद मीरा से जलन का नतीजा हो या फिर नेहा की अपनी मर्जी। राज नेहा की स्माइल देखकर खुश हो जाता है और वो झट से अपने काले गंदे होंठ नेहा को गुलाबी होठों पर लगा देता है।
दोनों के तरसते होंठ आपस में भिड़ रहे थे। हालांकी राज नेहा को किस कर रहा था। मतलब वो डामिनेट कर रहा था। लेकिन नेहा भी अब धीरे-धीरे उसका साथ दे रही थी। वो आज अलग ही मई में भी। कुछ था जिससे वो
गरम हो गई भी। राज नेहा के गुलाबी होंठों बड़े बेददों से चूसने लगता है। नेहा के नीचे होने की वजह से उसको अच्छा आंगल मिल रहा था नेहा को डामाइनेंटली किस करने को। नेहा फूटा साथ तो नहीं लेकिन कुछ हद तक दे रहो औ। वहीं काफी भा राज के लिए ये जानने के लिए की नेहा अब धीरे-धीरे उसकी हो रही है। वो जो नेहा को बार-बार अपनी गर्लफ्रेंड बोलता रहता है शायद जल्द ही वो उसकी हो जाये। बस टाइम ही बताएगा क्या होता है आगे।
ऐसे ही 5 मिनट किस करने के बाद राज किस तोड़ता है। नेहा की साँसें फूली हई औ। राज नेहा के खूबसरत चेहरे पर मैं सांस के फूलने का अहसास देखकर ही खुश हो जाता है। उस जैसे बूढ़े को इतनी खूबसूरत औरत के सब कछ करने को मिल रहा था। सांस फूलने की वजह से नेहा की बड़ी-बड़ी चचियां ब्लाउज़ से ऊपर-नीचे हो रही औं। नेहा की नंगी कमर थर-थर कान रही थी। राज जानता था नेहा अब गरम हो रही है। नेहा अपनी साँसों पर काबू पाने की कोशिश कर रही भी।
तभी राज नेहा का हाथ पकड़कर बेड में बिठा लेता है। बेड पर दोनों आमने सामने बैठे हुए थे। दोनों के चेहरे आमने सामने थे। नेहा को नहीं पता था की राज आगे क्या करने वाला है। राज अब अपने दोनों हाथ पीछे लेजाकर उसके दलाउज़ की डोरी निकालता है। जिसका अहसास करके नेहा शर्मा जाती है।
राज- हाय मेरी जान शर्मा गई?
नेहा- चुप रहो।
राज- चुप रहगा तो यही बात कैसे आगे बढ़ेगी मेरी जान?
 
नेहा शर्मा जाती है। होरी निकालकर राज नेहा के और करीब जाता है, और उसके गले को चूमने लगता है।
नेहा- "अहह... अहह... अहह.."
नेहा के खूबसूरत चेहरे म अब आनंद का अहसास नजर आ रहा था। वो धीरे-धीरे राज की हरकतें एंजाय कर रही थी। राज नेहा के गले को चूमते-चूमते अब उसका ब्लाउज़ निकाल फेंकता है। नेहा अब एक डिजाइनर आ में थी।
राज- बहुत महंगी लग रही है मेरी जान। कितने में ली?
नेहा- तुम्हें क्यों जानना है?
राज- मेरी गर्लफ्रेंड के लिए लेना है मुझे।
नेहा अपनी आँखें झुका कर शर्मा जाती है, और शर्माते हुए कहती हैं- "कौन है तुम्हारी गर्लफ्रेंड?"
राज है कोई।
नेहा राज की बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगती है- "कौन मीरा?" और अब थोड़ा सीरियस लग रही थी।
राज को पता था की नेहा मीरा का नाम सुनकर सीरियस हो गई है। वो मीरा से जलती है। वो नहीं चाहती की राज मीरा के पास भी जाए। राज का प्लान बखूबी काम कर रहा था। राज कहता है- "अभी तुझे नहीं बता सकता मेरी जान.."
नेहा राज की बात सुनकर थोड़ा गुस्स होती हैं- "ता नहीं सकते तो चले जाओ यहां से..."
राज- "मेरी गर्लफ्रेंड को लेकर तू क्यों इतना भड़क रही है क्यों?"
नेहा को पता था वो जल्दबाजी में कुछ ज्यादा ही बोल गई है- "मैं नहीं भड़क रही है। मुझे क्या करना है तुम्हारी गर्लफ्रेंड का नाम जानकर?" ऐसे बोलकर वो बेड से उत्तर कर एक तरफ मुँह करके खड़ी हो जाती हैं। वो इस वक्त ब्रा और पेटीकोट में खड़ी थी।
राज को मजा आ रहा था नेहा की सिचुयेशन देखकर। राज भी बेड से उतरकर उसके पास जाता है। नेहा को इसका अहसास होता है।
नेहा- दूर रहो मुझसे। जाओ ना अपनी गर्लफ्रेंड के साथ ये सब करो।
राज- "अरे मेरी जान... मेरी गर्लफ्रेंड त भी तो है?"
148
ऐमा बोलकर वो नेहा की कमर में हाथ डालकर अपनी तरफ खींच लेता है। नेहा राज से चिपक जाती है। नेहा को राज का नंगा काला लण्ड अपनी गाण्ड पर चुभ रहा था पेटीकोट के ऊपर से।
नेहा- "हाय करीम्म छोड़ो..."
.
राज. मेरी जान तुझे छोड़ने के लिए नहीं चोदने के लिए पकड़ा है.." बोलकर वो पीछे से एक धक्का लगाता है।
नेहा- "अहह...' करती है, और एक बार के लिए तो नेहा को लगता है की राज का लण्ड अंदर ही चला जाएगा पेटीकोट से होते हुए।
राज पीछे से स्माइल कर रहा था। राज अब पीछे से ब्रा का हक भी निकाल देता है। ब्रा दीली होते ही नेहा उसे संभालने लगती है। लेकिन राज ब्रा खींच देता है। नेहा फिर भी अपनी चूचियां छुपाती है। राज अब नेहा
की कमर में हाथ डालकर उसके गले को चमने लगता है।
नेहा- "अहह... उम्म्म
."
राज चूमते हुए नेहा की कमर को सहला रहा था। जिससे नेहा गरम हुई जा रही थी। ऊपर से राज का बड़ा काला लण्ड उसकी गाण्ड को तंग कर रहा था। नेहा को कंट्रोल करना मश्किल हो रहा था। अब राज अपने हाथ नीचे ले जाने लगता है। उसके हाथ पेटीकोट के ऊपर से नेहा की चूत पर पहुंच जाते हैं। नेहा की जिम में बिजली सी दौड़ जाती है। अब राज चूत को ऊपर से मसलने लगता है। नेहा लगातार सिसकारियां कर रही थी।
थोड़ी देर ऐसे करने के बाद राज नेहा को पीछे लेते हुए बेड पर धकेल देता है।
नेहा राज को देखने लगती हैं। उसको पता था अब क्या हो सकता है? राज अपनी शर्ट निकाल फेंकता है। अब वो पूरा नंगा आ। उसको नंगा देखकर नेहा नजरें नीचे कर लेती है।
राज- हाय मेरी जान... क्या शर्मा रही है? अब चुदना है तो शर्म छोड़ना पड़ेगा मेरी बुलबुल।
नेहा शर्म से पानी-पानी हो जाती है। राज अब खड़े-खड़े अपना काला मोटा लण्ड हिलाने लगता है। उसका गंदा झांटों से भरा हुआ लण्ड, जब वो हिला रहा था तो उसकी जिल्द लण्ड के टोपे से ऊपर-नीचे हो रही थी। अनकट लण्ड था उसका। मुस्लिम होने के बावजूद भी उसने खतना नहीं करवाया था। राज नेहा को देखते हुए अपना लण्ड हिलाए जा रहा था। उसके चेहया पर एक कमीनी स्माइल थी।
नेहा का शर्म से बुरा हाल था। क्योंकी उसके खुद के कमरे में उसके खुद के बेड पर वो आधी नंगी लेटी हुई है,
और एक काला गंदा बूदा ड्राइवर उसे देखकर अपना गंदा सा मोटा लण्ड हिला रहा था।
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद राज बेड पर चढ़ जाता है और नेहा का पेटीकोट निकालने लगता है। नेहा एक बार के लिए उसे रोकती है, लेकिन राज उसका हाथ हटाता है और पेटीकोट निकाल देता है। अब नेहा एक डिजाइनर पेंटी में थी। नेहा को शर्म आ रही थी, इसलिए वो अपना हाथ पैंटी पर रख देती है।
 
राज- "मेरी बुलबुल अब ये सब करने का का कुछ फायदा नहीं है.." बोलकर वो उसका हाथ हटा देता है और खुद पटी के नज़दीक जाकर उसकी खुश्बू संघने लगता है- "अहह.. मेरी जान क्या मस्त खुश्बू आ रही थी तेरी चड्डी से?"
नेहा सहम जाती हैं। अब राज नेहा की पैंटी एक साइड करता है। जिससे नेहा की गुलाबी चूत सामने आ जाती है। राज टाइम वेस्ट ना करते हुए अपना मुह रख देता है उसकी चूत पर।
नेहा- "अहह... करीम्म...
नेहा को काफी दिनों बाद अपनी चूत पर राज की जबान का अहसास मिला था। इसलिए उसे अजीब सा मजा आ रहा था अब। राज नेहा की चूत की फौंक एक-एक करके चाटने लगता है। नेहा मस्ती में मचल रही थी। उसकी गुलाबी चूत को एक काला गंदा बढ़ा जो चाट रहा था। मस्ती में नेहा के हाथ अचानक राज के सिर तक
पहुँच जाते हैं और वो सिर को सहलाने लगती है।
राज को भी मज़ा आ रहा था यूं नेहा को मज़ा लेते देखकर।
नेहा- आह्ह.. उम्म्म .. उम्म्म्म
... आअहह.." और नेहा के चेहरा पर मस्ती छाई हुई थी। तभी नेहा झड़ जाती है।
राज उसका पानी काफी हद तक चस लेता है। अब राज नेहा को पकड़कर बेड पर बिठा देता है फिर खुद बेड के किनारे पर आ जाता है- "अब तेरी चत के तो मजे हो गये। अब मेरे लौड़े को त मजा दे..."
नेहा राज की बात नहीं समझती। नेहा के चेहरे पर सवाल थे।
राज- अरे मेरी बुलबुल मेरा लौड़ा चूस।
लण्ड चूसने की बात नेहा को गंदी लगती हैं। भला लण्ड जिससे पेशाब करते हैं, उसे इतने बड़े घर की खूबसूरत बहू मुँह में कैसे ले सकती है।
नेहा- मैं नहीं कर सकती ये।
राज- अरे वाह अपने मज़े कर लिए। अब मेटी बारी आई तो ऐसा बोल रही है। चल शुरू हो जा जल्दी से।
नेहा वैसे ही बैठी रहती है।
राज को गुस्सा आ रहा था लेकिन वो चाहता था की नेहा अपनी मर्जी से सब कुछ करें। वो उसे फोर्स नहीं
करना चाहता था- "चल मेरी जान शुरू हो जा। मैं तुझसे जबरदस्ती नहीं करना चाहता। अब कर भी दे..."
नेहा एक बार के लिए राज के बड़े काले लण्ड को देखती है।

नेहा मन में- "छी.... कितना गंदा है इसका, और कितना बड़ा भी। मैं इसे कैसे मुँह में लेंगी?" और नेहा फिर से चुप हो जाती है।
राज- "चस मेरा लौड़ा मेरी जान.."
नेहा- नहीं।
राज. ऐसा क्यों कर रही है, कर देना?
नेहा- नहीं ओला जा।
राज- "देख अब बहुत हो गया। चूस मेरा लण्ड वरना?"
नेहा इतना सुबनते ही राज को देखने लगती है। उसे अचानक ही किसी तरह का गुस्सा आ गया था। नेहा कहती हैं- "काजा क्या हौ?" और वो राज को गुस्से से देखने लगती है।
राज भी हैरान था नेहा के गुस्से से। वो नेहा को बड़ी ही हैरत भरी नजर से देख रहा था। नेहा अब बेड से उत्तरती है और अपना ब्लाउज़ उठाने लगती है। तभी राज उसका हाथ पकड़कर दीवार से सटा देता है, और उसके दोनों हाथ दीवार से सटाकर उसका खूबसूरत चेहरा देखने लगता है। नेहा के चेहरे पर गुस्से का भाव उसे
मजा दे रहा था।
राज- "क्या हो गया मेरी जान को अचानक इतना गुस्सा?"
नेहा- "छोड़ो मुझे." और वो राज की पकड़ से निकलने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन राज उसे पकड़े हए रखता है। राज अपने काले होंठ उसकी तरफ बढ़ता है। नेहा गुस्सा देखते हए अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती हैं।
राज. मेरी जान के चेहरे पर गुस्सा कितना अच्छा लगता है।
राज मटा नंगा था और नेहा सिर्फ पैंटी में। इस पोजीशन में एक मस्त हाट रश्य बन रहा था। राज अब थोड़ा झाक कर उसकी एक चची मुँह में लेकर चसने लगता है। राज के हाथ उसे काटोल किए हए । नेहा अब ओडा दीली पड़ने लगती है, क्योंकी राज उसके निपल मुँह में लेकर चूस रहा था। ऐसे ही वो दूसरी चूची भी मुँह में लेकर चूसता है। थोड़ी देर बाद वो रुक जाता है। वो ऊपर नेहा के चेहरे पर देखता है की वो अपनी आँखें बंद किए हुए है। राज अब अपनी भूक अपने काले मोटे लण्ड पर लगाता है और फिर थोड़ी थूक नेहा की गुलाबी
चूत फा। नेहा की चूत उसके झड़ने की वजह से पहले ही गोली थी।
नेहा राज की उंगली अपनी चूत पर लगते ही राज की तरफ देखने लगती है।

राज तभी अपना लौड़ा उसकी चूत पर सेट करता हैं। लण्ड का अहसास नेहा की जिम में बिजली दौड़ा देता है। नेहा राज को देख रही थी। उसका गुस्सा अब न जाने कहां गायब हो गया था।

राज अब उसकी चूत के फांकों पर अपना लौड़ा रगड़ने लगता है। राज का काला मोटा गंदा लौड़ा नेहा की मासूम नरम गुलाबी चूत को तंग कर रहा था। नेहा की गोली चूत का रस राज के काले लौड़े से चिपक रहा
था, जो राज को पागल बना रहा था। नेहा भी राज के लण्ड के अहसास से मदहोश हो रही थी। उसकी आँखें जैसे नशीली होने लगी थी।
राज- मेरी जान अब बोल आगे क्या करना है?
नेहा कुछ जवाब नहीं देती। वो बस अपनी मदहोशी में राज को देखे जा रही थी।
राज- "बोल मेरी जान... ऐसे कहते हुए वो नेहा की चूत को अपने लण्ड से सहलाए जा रहा था।
नेहा- "अहह.." की उसकी सिसकारी जरूर निकल रही थी लेकिन वो खुलकर बोल नहीं रही थी।
लेकिन राज को पता था की नेहा मना नहीं करेगी। लेकिन वो नेहा के मुँह से सब कुछ सुनना चाहता था। वो ऐसे लण्ड घिसते रहता है। नेहा गरम हो चकी औ, और शायद लण्ड लेने के लिए भी तड़प रही थी। राज को तभी एक आइडिया आता है। राज अपना लण्ड उसकी चूत से हटाता है।
नेहा की अधखुली आँखें फूटी तरह से खुल जाती है और वो राज को देखने लगती हैं।
राज अब पीछे हटने लगता है। तभी न जाने नेहा को क्या हो जाता है की नेहा राज का हाथ पकड़ लेती हैं। राज खश हो जाता है। उसे पता था नेहा शायद अब खद इजहार कर दे। नेहा के उसका हाथ ।
में देखने लगता है। बो साफ देख सकता था की नेहा को चुदाई की जररत है। नेहा के हाथ पकड़ने से वो ये तो जान गया था की नेहा तैयार है।

राज अब बिना देरी किए नेहा की कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचता है। दोनों आगे से आपस में जुड़ जाते हैं। राज अपने काले होठ नेहा के गुलाबी होठों से जोड़ देता है और उसको बेड लिटाते ए बेदर्दी से किस करने लगता है। नेहा की गोरी चूचियां राज की बालों भरी छाती से दबी हुई औं, और उसका काला लण्ड
नेहा की पटी पर सटा हुआ था। राज उसको कामुकता से किस कर रहा था।
नेहा के हाथ अब राज के सिर के पीछे चले जाते हैं और वो उसको अपनी तरफ खींचने लगती हैं। वो भी अब राज का साथ देने लगती है। अब राज को मजा आ रहा था। नेहा के सस्त निपल कटीम को अपनी छाती में चुभ रहे थे। उसको इस तरह नेहा के साथ देने से अलग ही मजा आ रहा था। दो मिनट ऐसे ही किस करने के बाद राज ही किस तोड़ता है। वरना तो नेहा रुकने का नाम नहीं ले रही थी। रुकने के बाद राज नेहा को एक बार देखता है।
 
कड़ी_23

नेहा थकी हुई थी वो थोड़ी देर वैसे ही पड़ी रहती हैं राज के नीचे। लेकिन बार-बार काल की रिंग होने से वो होश में आती हैं। लेकिन उसके ऊपर जो ये बदसूरत गंदा बढ़ा पड़ा हुआ आ, उठने का नाम ही नहीं ले रहा था। नेहा उसे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन वो हट नहीं रहा था।
नेहा- हटो मेरी ऊपर से।
राज नेहा की बात को अनसुना कर के लेटा रहता है।
नेहा. प्लीज़्ज़... उठो।
राज- बजने देला फोज।

नेहा- नहीं तुम उठो।
राज- अच्छा ठीक है। एक पप्पी दे मेरे गाल पर फिर चली जा।
नेहा जानती थी की में बड़ा बहुत जिद्दी है, और काल शायद उसके पति का भी हो सकता है। अगर वो काल नहीं उठाएगी तो उसको शक हो सकता था। नेहा जल्दी से एक किस उसके गाल पर कर देती हैं। राज फिर हट जाता है। नेहा जल्दी से जाकर काल उठा लेती है। काल उसके पति विशाल की ही भी। एक बार के लिए तो वो दूर जाती है की वो क्या बात करे? वो वहीं नंगी खड़ी रहकर बात करने लगती है।
नेहा- "हेलो विशाल बोलो... नेहा थोड़ा थकी हुई हालत में बोली।
विशाल- क्या बात हैं नेहा थकी हुई लग रही हो। क्या हुआ?
नेहा घबरा जाती है, और कहती हैं- "वो... वो... विशाल मैं सोई हुई थी ना इसलिए आवाज थोड़ा अजीब लग रही
विशाल. "अच्छा। लेकिन इस बात क्यों सो रही हो तुम? खाना खा लिया क्या?"
नेहा- नहीं खा लेंगी बाद में। आप कहां पर हो अभी?
विशाल- आफिस में हैं। थोड़ा लेट हो जायगा।
राज इधर बेड पर बैठकर नेहा की बातें सुन रहा था। उससे नेहा की नंगी गाण्ड देखकर रहा नहीं जा रहा था। इसलिए वो अब बेड से उतरकर नेहा के पास चला जाता है। नेहा के पीछे जाकर वो उससे चिपक जाता हैं। दोनों के नंगे जिम आपस में जुड़ जाते हैं। राज सटकर उसकी गर्दन को चूमने लगता है। नेहा इस तरह राज के करने से थोड़ा परेशानी महसूस करती हैं, क्योंकी बो इस वक्त उसके पति से बात कर रही थी। नेहा उसे पीछे धकेलने की कोशिश करती हैं। लेकिन वो वैसे ही उसकी गर्दन को चूमता रहता है। उसका काला लण्ड नेहा की गाण्ड के छेन्द्र को छू रहा था। जिससे नेहा डर रही थी।
नेहा- "आहह..." और नेहा अपना मुँह पकड़ लेती है क्योंकी उसे पता था की उसके पति ने वो आवाज जरूर सुन ली होगी।
विशाल- क्या हुआ नेहा?
राज अपना काम करे जा रहा था। विशाल को क्या पता की उसकी बीवी यहीं उसी के बेडरूम में क्या कर रही है। उसे क्या पता की उसकी बीवी को ये बड़ा हाइवर मस्त होकर चोद रहा था। उसकी जवानी को लट रहा है। उसको अपनी बना रहा है।
नेहा झझकते हुए- "वो कुछ नहीं बस..."

तभी राज अपना लौड़ा नेहा की चूत पर पीछे से घिसने लगता है। नेहा किसी तरह कंट्रोल कर रही थी क्योंकी उसका पति भा फोन पर। तभी राज लण्ड अंदर घुसा देता है। नेहा चीखने ही वाली थी की वो अपने मुह पर
एक हाथ रख लेती है।
नेहा- "मुह...
विशाल- नेहा क्या हुआ, क्या कर रही हो तुम?
नेहा- "वो कुछ नहीं विशाल्ल... बस थोड़ा चल रही थी. और नेहा अब झठ बोल रही थी। ताकी उसके पति को शक ना हो।
राज उसकी चूत में धक्के लगाते रहता है। रूम में अब टप-टप-टप की आवाजें आने लगती हैं।
नेहा किसी तरह से अपनी चौखें कंट्रोल कर रही थी। लेकिन उसको बहुत मुश्किल हो रही थी। राज का काला बड़ा लण्ड जो उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। राज अब नेहा की गोरी चूचियां भी दबाने लगता है। इस घर की खूबसूरत बह इस घर के काले बढे ड्राइवर से चुद रही थी, वो भी उसके पति के साथ फोन पर बात करते हुए। तभी राज के धक्के तेज हो जाते हैं।
नेहा- "विशाल, बाद में काल करना.." और नेहा काल खतुम कर देती है। उसे पता था की वो राज के धक्कों को
और संभाल नहीं पाएगी अपने पति के सामने। नेहा थोड़ा गुस्सा होकर- "बेशर्म कहीं के... क्यों मुझे मरवाने पर तुले हुए हो?"
राज- "ऐसे नहीं होगा मेरी जान.... बोलकर वो नेहा को तेज-तेज चोदने लगता है।
नेहा- अहह.. उम्म्म्म
..ओनम्म्म
अहह... ओमम्म्म
अहह... ओम्म..."
नेहा के हाथ से मोबाइल भी गिर जाता है। राज के धक्कों में वो भूल गई थी। उसकी बड़ी-बड़ी चचियां धक्कों के साथ हिल रही औं।
नेहा- "हा
आई आह्ह... आह्ह... आहह..'
राज के धककों की वजह से नेहा पूरी तरह से हिल रही भी। राज का लण्ड नेहा की चूत में अंदर तक जा रहा था। ऐसे ही थोड़ी देर चोदने के बाद राज रूक जाता है। नेहा इसी बीच दो बार झड़ चुकी थी। राज लण्ड बाहर निकाल लेता है। वो अभी तक झड़ा नहीं था। राज अब नेहा को अपनी तरफ घुमाता हैं और उसके खूबसूरत
चेहरे को पकड़ता है। उसके चेहरे पर बिखरे हुए कुछ बालों को साइड में करता है। नेहा के मासूम चेहरे पर संतुष्टी झलक रही थी। जिसे देखकर राज खुश होता है। दोनों एक दूसरे को देखने लगते हैं। दोनों की आँखें एकदूसरे को देख रही थी।

तभी राज नेहा के होठों पर अपने काले होंठ रख देता है। उसका किस इस बार घोड़ा इलटेन्स लग रहा था। नेहा भी धीरे-धीरे उसका साथ दे रही थी। नेहा के हाथ राज के कंधों पर थे। नेहा की चूचियां राज की छाती से दबी हुई थी। राज के हाथ नेहा की कमर पर थे। राज का लण्ड नेहा की चूत को छू रहा था। ऐसे ही 3 मिनट किस करने के बाद राज किस तोड़ता है।
राज- मजा आया मेरी जान?
नेहा शर्माकर नीचे देखने लगती है।
राज- बता जा?
नेहा- मुझे नहीं पता।
राज- तो एक और बार हो जाये?
नेहा कुछ नहीं बोलती। राज फिर से उसका चेहरा पकड़ लेता है। नेहा उसकी तरफ देख रही भी। हालांकी उसकी साँसे अभी तक फूली हुई थी। लेकिन आज पता नहीं क्यों इस युद्ध का साथ दे रही थी| राज अपने होंठ फिर से उसके होंठों के पास बनाता है। इस बार नेहा भी अपने होंठ आगे बढ़ाती है। तभी राज रुक जाता है और उसे देखने लगता है। नेहा अपनी हरकत से शर्म से लाल हो जाती है। वो एक गंदे बदसूरत बूढ़े को खद किस करने
को बेताब हो रही थी।
राज- मेरी जान। त चुम्मा दे ला मुझे।
नेहा शर्म के मारे मरी जा रही थी। नेहा ने ये उम्मीद नहीं किया था राज से। नेहा ना में गर्दन हिलती है।
राज- तो मैं कर दं?
नेहा कुछ नहीं बोलती।
तभी राज उसको किस करने लगता हैं। किस करते हुए राज नेहा की चूचियां दबा रहा था।
नेहा- "मुवाहह.."
राज को बहुत मजा आ रहा था इतने बड़े घर की खूबसूरत बहू को उसका साथ देते देखकर। उसने सपने में भी नहीं सोचा था की उसको नेहा जैसी औरत को चोदने मिलेगा। किस करते हुए अब वो नेहा को उठा लेता है अपनी कमर पर। नेहा एक बार के लिए इस्ती है लोकन राज के भरोसे वो उसके किस का जवाब देती रहती है। राज अब किस करते हुए ही नीचे से अपना लण्ड नेहा की चूत पर सेट करता है। नेहा कीम के लण्ड के
अहसास से उसके होंठ खुद भी चूसने लगती हैं।
 
राज नेहा की चूत पर अपना लौड़ा घिस रहा था लेकिन अंदर नहीं कर रहा था। नेहा को उससे निराशा हो रही थी। लेकिन वो कुछ भी नहीं कर सकती थी इस पोजीशन में। नेहा को टौज करने के लिए राज ऐसा कर रहा था। उसको पता था की नेहा ज्यादा देर तक खुद को कंट्रोल नहीं कर सकेगी। वो ऐसे ही दो-तीन बार और करता है।

नेहा निराश होकर अब अपने हाथ राज के गले के आस-पास डालती है और उससे खुद पागलों की तरह किस करने लगती है। उसके नरम गुलाबी होंठ राज के काले होंठों में भीड़ रहे थे। उसकी चूचियां राज की छाती में धंसी हुई थीं। राज को पता चल जाता है की नेहा ऐसा क्यों कर रही है। वो अब नेहा की चूत में लण्ड नीचे से हालने लगता है, और फिर नेहा को ही उसके लण्ड पर धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करने लग रहा था। नेहा खुद भी उसका साथ दे रही थी। इसी बीच नेहा उसे किस किए जा रही थी।

राज अब नेहा को ऊपर-नीचे करने के बनाए उसको पकड़ते हुए नीचे से धक्के लगाने लगता है। उसके धक्के तेज थे। बूढ़ा होने के बावजूद भी वो इस हसीना को पूरे मजे दे रहा था। धक्के उसके तेज होने से नेहा किस तोड़ना चाहती थी लेकिन राज नहीं छोड़ रहा था उसके होंठ। दिन में राज ये सब कर रह ा नेहा के साथ। नेहा के घरवाले इससे बिल्कुल अंजान थे की उनकी बहू को यहाँ किस शिद्दत से चोद रहा है।

किस तोड़ता ना देखकर नेहा थोड़ा जोर से अपने होंठ खींच लेती है। किस टूट जाता है। नेहा की साँसें फूली हुई थी। राज भी हाँ फ रहा था, लेकिन नेहा जितना नहीं। नेहा हाँ फते हुए राज के गले में हाथ डाले हुए भी। राज के धक्कों का अहसास होने लगता है नेहा को। वो राज की तरफ अब देखने लगती है।

नेहा- "धीरे नहीं कर सकते क्या तुम्म? अहह ...

राज- मेरी जान धीरे चोदने में मजा नहीं तुझ जैसी माल को।

नेहा कुछ नहीं बोलती।

राज- तो मेरी जान बोल हैं जा त मेरी गर्लफ्रेंड?

नेहा- "अहह... अहह..." करके नेहा राज के सवाल का जवाब नहीं देती।

राज- बोल मेरी बुलबुल। हैं ना मैं तेरा बायफ्रेंड? बोल्ल." बोलकर वो और जोर-जोर से धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "अहह.. उम्म्म्म
... अहह... अहह... अहह... राज अहह... आहह.."

राज- बोल वरना इससे भी तेज चोदुन्गा।

नेहा अभी भी कुछ नहीं बोलती। राज नेहा को और तेज चोदने लगता है। नेहा अब तक इस पोजीशन में एक बार झड़ चुकी थी। अब नेहा से ये धक्के कंट्रोल नहीं हो रहे थे।

नेहा- हाँ ।

राज- ठीक से बोल तू मेरी क्या है और मैं तेरा क्या हूँ बोल।

नेहा- "अह... प्लीज... राज धीरे अहह... अहह.."

राज- तू बोलती हैं या?

नेहा। "अह.. हाँ तुम मेरे बायफ्रेंड हो और मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड अहह... अहह.."

तभी नेहा झड़ भी जाती है। नेहा चूत रस छोड़ने लगती है। राज खुश हो जाता है नेहा के मुह से ये सुनकर। राज का प्लान जो उसने पहले दिन से नेहा के लिए बनाया था वो काफी हद तक कामयाब हो चुका था। राज अब नेहा को अपने लण्ड पर ऊपर-नीचे करने लगता है। काफी देर से राज इस पोजीशन में नेहा को चोद रहा था, इसलिए वो थक चुका था। वो अब रुक जाता है। वो नेहा को बेड पर लिटा देता है। राज के लण्ड पर उसका और नेहा दोनों का मिक्स पानी लगा हआ था।

राज थक कर बेड पर ही नेहा के बगल में बैठ जाता है। नेहा तो जैसे मुर्द् की तरह लेट गई थी।

जिस तरह की चुदाई आज राज ने उसकी की थी, वो जिंदगी भर नहीं भूलने वाली थी। राज नेहा की तरफ देखता है। वो सीधा लेटी हुई थी। उसकी चूचियां उसकी साँसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थी, और उसका खूबसरत चेहरा पसीने से लथपथ था। उसकी जुल्फे भी उसके चेहरे पर फैली हुई थी। नेहा की चूत से रस निकल रहा था। उसकी चूत के आस-पास जैसे सूजन आ गई हो। जो बताता है की कितनी दरिंदगी से राज ने नेहा को चोदा है।

थोड़ी देर वैसे ही पड़े रहने के बाद राज अब बेड़ में लेट जाता है और नेहा को अपने ऊपर पीठ के बल लिटा लेता है। राज अभी तक झड़ा नहीं था इसलिए नेहा को और चोदना चाहता था। नेहा हैरान थी की एक मर्द में इतना स्टेमिना कैसे हो सकता है। राज अब नीचे से नेहा की गाण्ड के छेद पर अपना लौड़ा रखा

नेहा- "अह.. वहां नहीं आहह.."
 
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