Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत - Page 7 - SexBaba
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Incest Kahani बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

नेहा- एक रूपये भी है क्या जेब में?

राज- तू किसलिए है। तू मेरी गर्लफ्रेंड है ना... तू ही पैसे दे दे।

नेहा चुप रहती है। राज कार चलता हुआ रोड साइड फर एक चाटवाले के पास रोकता है।
नेहा कार इधर रुकी हुई देखकर- "यहां क्यों कार रोकी?"

राज- चल चाट खाते हैं मेरी जान।

नेहा- मुझे नहीं खानी समझे तुम।

राज- ऐसा क्यों बोल रही है? कुछ तो रहम कर अपने इस डे बायफ्रेंड पर मेरी जान।

नेहा- मुझे नहीं खानी।

राज- एक बार मेहरबानी कर दे, सिर्फ एक बार।

नेहा मन में- "इतना बोल रहा है कमीना। चलकर खा लेती हैं। एक बार खाने में कोई प्रोबलम नहीं हैं। अपने सो काला बायफ्रेंड के साथ..."

इसी के साथ नेहा के चेहरे पर एक शरारती स्माइल फैल जाती है। राज उत्तर चुका था। नेहा भी अब दरवाजा खोलकर उतर जाती है। नेहा की खूबसूरती वहीं खड़े कुछ लो-क्लास लोग देखकर हयान रह जाते हैं। गोरा बदन, खूबसूरत जुल्फे, सब कुछ बस लाजवाब। राज आगे जाता है।

राज- ये चाटवाला दो पानी-पूरी बना।

चाटवाला नेहा को देख रहा था। चाटवाला धीरे से- "साहब कौन है ये?"

राज- मेरी गर्लफ्रेंड है।

चाटवाला ये सुनकर चकित रह जाता है की इतनी खूबसूरत औरत इतने गंदे बूदें की गर्लफ्रेंड। चाटवाला हैरानी से नेहा को देखने लगता हैं। गर्लफ्रेंड वाली बात नेहा ने भी सुनी थी। नेहा को गुस्सा आ रहा था की राज सबसे बोलते फिर रहा था की वो उसकी गर्लफ्रेंड है।

चाटवाला दो पानी-पटी बनाकर देता है। राज और नेहा खाने लगते हैं। नेहा को भी खट्टा अच्छा लगता था। वो भी मजे से खाने लगती है पानी-पी। वो जल्दी से खतम कर देती हैं।

राज- अरे एक और बनाना।

नेहा कुछ नहीं बोलती। चाटवाला बनाकर दे देता है। नेहा फिर से खाने लगती है।

नेहा इस बार राज के नजदीक जाकर- "राज तुम ये क्या कर रहे हो?"

राज- क्या कर रहा हूँ?

नेहा- गर्लफ्रेंड वाली बात तुमने उसको क्यों बताई?

राज- अब तू गर्लफ्रेंड है तो बताई।

नेहा उसको घूरने लगती है। वो साथ में खा भी रही थी। वहीं खड़े लोग नेहा को राज के इतना करीब देखकर हैरान रह जाते हैं। उनकी तो लगा था की राज ड्राइवर ही होगा, और जरर नेहा उसकी मालोकन। लेकिन नेहा को राज के इतना करीब देखकर सब लोग बिलकुल हरान थे। खाने के बाद हा कार की तरफ जाने लगती है।

तभी राज- "जानेमन पैसे दे दे..."

नेहा रुक कर पीछे गुस्से से राज को देखती है। क्योंकी राज ने फिर से उसे लोगों के सामने जानेमन बोला था। नेहा अपने पर्स में से 500 रुपये निकालकर राज को दे देती है। राज उसको अपने गंदे दाँत दिखाते हुए स्माइल करता है। नेहा कार में जाकर बैठ जाती है। राज चाटवाले को अपनी जेब से 50 रुपये देता है, और नेहा को दिए हुए 500 रूपये खुद रख लेता है।

चाटवाला- साहब छुट्टा तो नहीं है। 10 रूपये रह गये।

राज- " रख ले रख ले। मेरी तरफ से टिप समझ... और उसकी तरफ आँख मारता है।

राज फिर कार में जाकर कार दौड़ा देता है। वहीं खड़े लोग सब चकित थे। वहाँ खड़े लोग बातें कर रहे थे।

"यार ये माल उस बटे के हाथ कैसे लगी होगी?"

" हाई यार, साली बड़े घर की लग रही है। लेकिन उस आदमी के साथ कैसे?" ऐसी ही बातें होती हैं।

इधर कार में नेहा- "तुम पागल हो क्या? उधर क्यों बोल रहे थे की मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ कहकर..

राज- जानेमन लोगों को भी पता चलना चाहिए ना की हम दोनों बायफ्रेंड-गर्लफ्रेंड हैं।

नेहा उसे घूरते हुए- "देखो तुम हद से ज्यादा बढ़ रहे हो। मैं कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं हूँ समझे?"

राज- मेरी जान तू मान या ना मान... तू है मेरी और सिर्फ मेरी।

नेहा को समझ में नहीं आ रहा था की वो क्या बोले? क्योंकी ये बूढ़ा उसको अपनी बनाने पर तुला हुआ था। नेहा चुप करके बैठ जाती है।

राज- मेरी जान आगे आकर बैठना।

नेहा- क्या?

राज- बैठ जा... मजा आएगा।

नेहा- किसको?

राज हँसकर- "दोनों को..."

नेहा के चेहरे पर भी स्माइल आ जाती हैं।

राज कार रोकता है, और कहता हैं- "चल आ जा आगे..."

नेहा- मैं नहीं आने वाली।

राज- अरे आ ना.. कुछ नहीं होता।

नेहा- मुझे पता है कुछ ना कुछ गलत हरकत करोगे तुम।

राज- अब करने के लिए बचा क्या है मेरी बलबल? सब कुछ तो कर लिया तेरे साथ।

नेहा शर्म से लाल हो जाती है, और कहती है- "रहो बदमाश कहीं के...."

राज- आ ना आगे।

नेहा- नहीं।

राज- ठीक है तो फिर कार भी नहीं चलाऊँगा।

नेहा- क्या? कमीले चुपचाप कार चलाओ। मुझे घर पहुँचना है।

राज- तू आगे बैठ फिर मैं चलता है।

नेहा- क्या पागलपन है ये? प्लीज... कार चलाओ।

राज. तू बैठ रही है या नहीं?

नेहा मज़बर थी- "ठीक है.." और नेहा दरवाजा खोलकर बाहर आती हैं फिर आगे आकर बैठ जाती है। बैठते हुए वो एक बार राज को गुस्से में देखती है।

राज- ये हुई ना बात।

नेहा- चुप रहो। देखो राज ये सब ज्यादा हो रहा है।

राज- क्या ज्यादा हो रहा है मेरी जान?

नेहा चुप रह जाती है।

राज अब कार चलाने लगता है। गियर चेंज करते हुए वो नेहा के हाथ से हाथ लगा रहा था। दोनों के हाथ बार बार टच हो रहे थे।

राज. जानेमन, तुझे देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा। एक बार हिला दे ना।

नेहा- क्या? बिल्कुल नहीं। तुम सच में पागल हो। तुमने मुझे समझ क्या रखा है? मत भूलो तुम ड्राइवर हो।

राज- ड्राइवर हूँ साथ में तेरा बायफ्रेंड भी तो हूँ। कर देना।

नेहा- मैंने कहा ना। नहीं।
 
राज अपना काला लौड़ा पेंट से बाहर निकालता है।

नेहा जिसे देखकर दूसरी तरफ देखने लगती है।

राज- देख कैसे तड़प रहा है मेरा लण्ड तेरे लिए।

नेहा दूसरी साइड देखती रहती है, और कहती है- "शर्म नहीं आती ऐसी बातें करते हर।

राज- अपनी गर्लफ्रेंड से कैसी शर्म? हिला ना ।

नेहा जा में गर्दन हिलाती है। राज का काला लण्ड बिना एक्सन के भी बड़ा लगा रहा था। आस-पास सफेद झांटें भी। एकदम गंदा लग रहा था।

राज- "कर देना... बस एक बार ... बोलकर राज नेहा का गोरा हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रखता है।

नेहा झट से अपना हाथ हटा लेती है। राज फिर से उसका हाथ अपने काले लण्ड पर रखता है। इस बार वो पिना हाथ भी नहीं हटाता। नेहा के गोरे हाथ में राज का बेहद गंदा लण्ड था। नेहा को महसूस हो रहा था की राज के लण्ड की नसें फूल रही हैं। मुरझाए होने के बाद भी उसका लण्ड काफी बड़ा लग रहा था। राज एक हाथ से ड्राइव कर रहा था और दूसरे हाथ से नेहा का हाथ पकड़कर उसे ऊपर-नीचे हिला रहा था।

नेहा शर्म के मारे इधर नहीं देख रही थी। राज अब धीरे से अपना हाथ हटा लेता हैं नेहा के हाथ से। नेहा अंजाने में राज का लण्ड हिलाती रहती है। राज को भी बहत मजा आ रहा था। हो भी क्यों ना। वो ठहरा एक काला बदसूरत बूढा, उसका काला गंदा लौड़ा एक खूबसूरत बड़े घर की बहू हिला रही थी। नेहा के हाथ का जादू बहुत जल्दी चल रहा राज के लण्ड पर। बो झड़ने के करीब आ। तभी नेहा को पता नहीं क्या हो जाता है की वो अपना हाथ हटा लेती है। राज हैरान रह जाता है। उसकी मूठ निकलने ही वाली थी की उसने हाथ जो हटा लिया। नेहा हसने लगती है।

राज. ये क्या किया तुमने? ऐसा अधरा मत छोड़ मुझे।

नेहा- "ऐसा ही होना चाहिए तुमको.." और नेहा से जा रही थी।

राज का लण्ड झटके खा रहा था। झड़ने के इतना करीब आकर उसके लण्ड पर नेहा ने जैसे हौड़ा मार दिया था। राज अब अपने हाथ से ही अपना लण्ड हिलाने लगता है। उसकी जल्द ही मूठ निकल जाती है।

राज- "तू देखने, इसका बदला कैंसे लेता हूँ में तुझसे?"

नेहा उसे ठेंगा दिखाती है। जल्द ही घर आ जाता है। नेहा दरवाजा खोलकर राज की तरफ देखकर हँसती है और अपने बैंगस लेकर अंदर चली जाती है। राज भी कार पार्क करके नौकर क्वार्टर्स चला जाता है।

वहाँ पर जय लेटा हुआ था।

राज- अबे क्या कर रहा है?

जय- कुछ नहीं बस लेटा हूँ।

राज- उस छोटी वाली से काम हुआ या नहीं?

जय- कर रहा हूँ। साली को मसल चुका हूँ एक बार।

राज- "शाबाश दोनों एक नम्बर की रंडिया हैं। इन दोनों को अपनी रखेल बनाकर रखना है..." कहकर दोनों हँसते हैं।

सौरभ रिया को लंच पर ले गया था। एक रोमांटिक लंच डेट पर। वो जाकर वापस आ जाते हैं। रिया खुश थी कि उसका पति उससे इतना प्यार करता है।

शाम में डिनर के बाद सब लोग अपने-अपने रूम में चले जाते हैं। रिया और सौरभ अपने रूम में।

सौरभ- रिया कैसी रही लंच डेट?

रिया- अच्छी थी। बिलकुल फिल्मी टाइप।

सौरभ- कभी डिनर पर भी चलते हैं। ऐसा बोलकर वो रिया को अपनी बाहों में ले लेता है।

रिया- "अच्छा... लेकिन मुझे तो नहीं जाना... और वो हँसती है।

सौरभ- क्यों?

रिया- ऐसे ही।

फिर दोनों के बीच पति पत्नी वाला प्यार होता है। एक घंटे बाद दोनों थक कर लेट जाते हैं।

सौरभ- यार ये पानी नहीं है इधर।

रिया- सारी। लगता है यह गवार नीलू पानी रखना भूल गई। मैं अभी लेकर आती हैं।

रिया अपनी साड़ी ठीक करके दरवाजा खोलकर बाहर चली जाती है। वो सीढ़ियां उतरकर किचेन में चली जाती है।

वो फ्रिज के पास जाकर उसमें से ठंडा पानी निकालती हैं, जो एक बोतल में था। फिर एक जग लेकर उसमें वो पानी डालती हैं। फिर जैसे ही वो फ्रिज़ का दरवाजा बंद करने लगती है। किसी के दो हाथ उसको पीछे से पकड़ लेते हैं। उसकी कमर के पास कोई दो काले हाथ उसको घेरे हर थे। रिया चौक जाती है।

रिया- "कौन है? छोड़ो मुझे.."

रिया ज्यादा जोर से नहीं चिल्लाती। वो आदमी उसको पकड़े रहता है। उसकी गोरी कमर पर अपने काले हाथ लगाते रहता है। वो रिया से बिल्कुल चिपका हुआ था पीछे से। रिया उसकी पकड़ से छुटने की कोशिश कर रही थी। लेकिन थोड़ी देर पहले पति के साथ चुदाई की वजह से वो काफी थक चुकी थी। विरोध करने की भी उसमें ताकत नहीं थी।

वो आदमी अब रिया के गले को पीछे से चूमने लगता है। रिया को महसूस हो रहा था की उस आदमी का लण्ड उसकी गाण्ड को दरार में जा रहा है। रिया चाहे थकी हुई थी, लेकिन अब वो इस आदमी की हरकतों से गरम हो रही थी। वो आदमी लगातार अपने काले हाथ रिया की कमर पर चला रहा था। गोरी पतली कमर, गले को चमने की वजह से रिया की आँखें भी अब मदहोशी में बंद होने लगी भी। वो आदमी अब अपने हाथ धीरे से रिया की चूचियों पर ले जाता है। फिर मसलने लगता है।

रिया की मस्त चूचियां वो अच्छी तरह से मसलने लगता है। वो चूचियां बड़ी ही सेक्सी अंदाज में मसल रहा था। जैसे आंटा गंध रहा हो। चचियां दबाते हए वो रिया के गले पर चुम्मा दे रहा था। रिया सिसकारियां भी अब् लेने लगी भी। उसका विरोध भी काफी हद तक कम हो चुका था। रिया के लिए खुद पर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था। जिसका फायदा पीछे खड़ा आदमी बखब्बी उठा रहा था। वो आदमी अब अपना हाथ रिया के ब्लाउज के अंदर डाल देता है, और ब्लाउज के अंदर से वो रिया की गोरी चूचियां दबाने लगता है। रिया के निपल टाइट हो चुके थे जिसे वो आदमी पिंच कर रहा था। इतनी खूबसूरत औरत की नंगे चूचियां उस आदमी के लिए बहुत कुछ था। उस आदमी का लण्ड बिल्कुल टाइट रिया की गाण्ड को पीछे से तंग कर रहा था।

रिया- "प्लीज़... छोड़ो मुझे कौन हो तुम्म अह्ह.." रिया अपनी मदहोश आवाज़ में बोलती हैं।
वो आदमी कुछ नहीं बोलता।

रिया का पति अपने कमरे में लेटा हआ रिया के पानी लाने का इंतजार कर रहा था। लेकिन उसे क्या पता के उसकी बीवी को कोई अंजान आदमी कैसे मसल रहा है?

इधर वो आदमी अब रिया की कमर से अपने हाथ साड़ी के अंदर से नीचे ले जाते हुए उसकी पेंटी पर ले जाता है। उस आदमी को महसूस होता है की रिया की पेटी गीली हो चुकी है। उसे पता था की रिया उसके टच से ही गरम हो गई हैं। वो आदमी अब रिया की नंगी गोरी पीठ पर हल्के-हल्के चुम्मे देने लगता है। रिया भी नेहा की तरह एक डॉटी वाला ब्लाउज़ पहनती औ। इस वक्त भी उसने ऐसा ही एक ब्लाउज पहना हुआ था। अब वो आदमी रिया की ब्लाउज़ की डोरी निकालने लगता है।

रिया- "प्लीज़... मत करो.." रिया उस आदमी को रोकने की कोशिश करते हुए कहती है।

लेकिन वो आदमी उसका हाथ हटा लेता है और डोरी खींच देता है। अब रिया की परी पीठ नंगी थी। वो आदमी बस टूट पड़ता है उस गोरी पीठ पर। चुम्मों की बारिश कर देता है उस चिकनी पीठ पर।

रिया की सिसकारियां निकल रही थी अबा रिया खुद को भी पता नहीं था की आखीरकार, वो आदमी है कौन। लेकिन इतना जरूर अहसास आ उसे की उस आदमी ने उसको बहुत गरम कर दिया है। वो आदमी अब अपना शर्ट निकलकर ऊपर से नंगा हो जाता है। उस आदमी को बालों से भारी हुई छाती, प्रशीने के बू भी आ रही थी। काले सफेद बालों से भरी हुई थी वो छाती। अब वो आदमी रिया की नंगी पीठ से पीछे से चिपक जाता है, और उसकी चूचियां पकड़ लेता है।

रिया- "आहह.."

उस आदमी को गरम छाती के अपनी नंगी पीठ के मिलन का अहसास ही रिया के जिस्म में करेंट सा दौड़ जाता है। रिया का जिक्ष्म अब उसका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रहा था। वो अभी-अभी अपने पति के साथ सेक्स करके आई थी, लेकिन इस आदमी ने फिर से उसे गरम कर दिया था। शोड़ी देर चूचियां दबाने के बाद वो आदमी अब अपने हाथ नीचे लाता है पेटी तक ले जाता है, और पेंटी के अंदर एक हाथ डालता है। जैसे ही उस आदमी का हाथ नेहा की दहकती गरम चूत पर पड़ता है रिया की एक लंबी सिसकारी निकलती हैं।

रिया- "अहह... आहह..."

जैसे उसे किसी चीज की राहत मिली हो। जैसे गरम लोहे पर किसी ने पानी डाल दिया हो। रिया की आँखें अब नशीली हो गई थी। उस आदमी की उंगलियां अब रिया की चूत से खेलने लगती हैं। वो आदमी ऊपर से ही अपनी उंगलिया रिया को गुलाबी चूत पर फेर रहा था।

रिया के हाथ अब उत्तेजना में कुछ करने के लिए मचल रहे थे। उसे समझ मेंनहीं आ रहा था की वो क्या करे? उस आदमी ने उसे पागल कर दिया था। रिया अब भल चुकी थी कि वो इस घर की बहू है। इतने बड़े घर की बहू। रिया की क्लिट को भी वो आदमी छेड़ रहा था। उस आदमी को रिया के चत कर पता चल रहा था की रिया काफी गरम हो चुकी है।

अब वो आदमी अपनी उंगली रिया की चूत में डाल देता है। चूत में उंगली जाते हो रिया अपने हाथ आगे लेजाकर साड़ी के ऊपर से ही उस आदमी के हाथ पर रख देती है और दबाने लगती है। उस आदमी के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।

रिया- "अहह... उफ्फ्फ
.. अहह.. उम्म्म्म
..."

वो आदमी रिया की चूत को अब टटोलने लगता है अपनी उंगली से। रिया को गुलाबी चूत को जो लगातार अपना रस छोड़ रही थी। वो आदमी अब अपना एक हाथ बाहर निकालकर रिया के चेहरे के पास ले जाता है। रिया अपनी आँखें धीरे से खोलकर उस हाथ को देखती है। वो हाथ काला एकदम गंदा लग रहा था। उसकी उंगलियों पर चिपचिपा सा कुछ दिख रहा था।

रिया को समझने में देर नहीं लगती के वो क्या है? वो जानती थी के बी उसी का चूत रस है। रिया की आँखें शर्म के मारे झुक जाती हैं। वो आदमी अपना हाथ रिया के खूबसूरत चेहरे के और करीब लाता है। रिया को नहीं पता था की वो आदमी क्या चाहता है? वो आदमी अब अपनी रस से भरी एक उंगली रिया के मुँह के करीब लाता है। रिया अब समझती है की वो क्या चाहता है? रिया अपना ही रस कभी नहीं चसना चाहती थी, लेकिन यही सिचुयेशन ही कुछ ऐसी बन गई थी। रिया झिझक रही थी। तभी वो आदमी अपने दूसरे हाथ की उंगली रिया की चूत में भी वो और अंदर घुसाता है।

रिया- "अहह..."

रिया का मुँह खुलते ही वो आदमी अपनी उंगली रिया के मुँह में डाल देता है। रिया को पहली बार अपनी ही चूत के रस का स्वाद मिलता है, जो थोड़ा नमकीन, थोड़ा पानी जैसा आ। रिया को बहुत शर्म आ रही थी खुद से की वो इस वक्त किचेन में खड़ी है, एक अंजान आदमी के साथ ये सब करते हुए। रिया की चूत अब झड़ने की बिल्कुल नजदीक थी। तभी वो आदमी जोर-जोर से अपनी उंगली उसकी चूत में अंदर-बाहर करने लगता है।

रिया- "अहह.. उम्म्म्म
... आहह.." करती हैं।

रिया की चूत से पूछ-पूछ-पूछ की आवाज आ रही थी। जो रिया की चूत के रस का था, जो उंगली करने से आ रही थी। वो आदमी पटी रफ़्तार से उसकी चूत में उंगली कर रहा था।

रिया- "अहह.. उम्म्म्म
.."

थोड़ी देर बाद रिया का हौप ओर्गेज्म होता है। वो बहुत ज्यादा झड़ी थी। जैसे उसके जिस्म में से बहुत कुछ निकल गया हो। रिया हॉफने लगती है। वो थोड़ा झुक गई थी अकने की वजह से। वो आदमी अपना हाथ उधर से निकालकर एक बार रिया की चूचियां पकड़ लेता है और दो-तीन बार जोर-जोर से दबाता है और अचानक ही अपनी शर्ट पहनकर उधर से चला जाता है।

रिया वहाँ पर खड़ी पूरी तरह से अविश्वास में थी, जो भी उसके साथ थोड़ी देर पहले हआ। वो जिंदगी में पहली बार इतना झड़ी भी। थोड़ी देर बाद रिया अपनी सांसों पर काबू पाती है और अपनी साड़ी ठीक करता है।

रिया- "कौन था वो आदमी? ये क्या हो रहा है मेरा साथ? दिल में वो बुड्ढ़ा ख़ूसट और अब ये कौन था? कहीं वहाँ तो नहीं, और मुझे भी ना जाने क्या हो जाता है। मुझे ये सब रोकना होगा। ये बहुत गलत हो रहा है मेरे साथ... और रिया अब पानी का जग लेकर वापस सौदियां से चली जाती हैं। रूम में जाकर देखा तो सौरभ सो गया

रिया- "ओह नहीं। सौरभ तो सो गये। पता नहीं कितनी देर लगी मुझे पता नहीं कौन था वो कमीना आदमी। ये मेरा जिम भी न जाने क्यों मेरा साथ नहीं देता उस वक्त? रिया सांच-सांचकर थक जाती है। वो वैसे भी फाजिकल्ली अक चुकी थी। इसलिए वो अब बेड पर लेट जाती है और नींद की आगोश में चली जाती है।

***** ****
 
सुबह जब रिया उठती है तो उसका पति आफिस जा चुका था। वो काफी लेट उठी थी। रिया को लेटे हुए कल रात का दृश्य याद आता है जब किसी आदमी ने किचेन में उसके साथ इतना सब कुछ कर दिया था। लेकिन उसे अभी तक पता नहीं चल पाया था की वो आदमी आखीरकार, था कौन।

लेकिन एक बात नोटिस करने वाली थी उसके लिए की उस अंजान आदमी की हरकतों ने उसको झड़ने पर मजबूर कर दिया । रिया नहीं समझ पा रही थी की उसकी जिंदगी में क्या हो रहा है। उसे नहीं पता था की इतने बड़े घर की बहू होने के बावजूद उसे आगे क्या-क्या सामना करना पड़ेगा। रिया इसके बारे में ज्यादा ला सोचते हुए फ्रेश होकर नीचे चली जाती है।

इधर नौकर क्वार्टर्स में आज जय काम पर गया हुमा । फैक्टरी में ट्रक चलाने। लेकिन हमेशा की तरह आलसी पड़ा हुआ था। ऊपर से नेहा की पति का उसपर मेहरबानी दिखना। राज के मजे थे बस। राज लेटा हुआ सिगरेट पी रहा था। तभी उधर उसे बाहर कुछ आहट महसूस हई। पहली बार तो वो अनदेखा कर देता है लेकिन दूसरी बार भी आहट होने पर राज अब दरवाजा से झौंक कर बाहर देखता है।

बाहर नेहा को टहलता देखकर वो खुश हो जाता है एकदम। नेहा ने हमेशा की तरह बैंकलेश साड़ी पहनी हुई थी। और आगे से उसकी गोरी कमर दिख रही थी थी। उसके खूबसूरत चेहरे पर लाल लिपस्टिक और बिखरे गजब की लग रही थी नेहा उस वक़्त। लोकल नेहा इतना तैयार किसके लिए हुई थी? राज नेहा को बस देखता रह जाता है। नेहा हालांकी बस टहल रही थी। लेकिन बार-बार वा नौकर क्वार्टर्स की तरफ देख रही थी। राज के लिए नेहा का उधर देखना ही काफी था।

तभी राज दरवाजा पर आते हुए. "मेरी बुलबुल क्या माल लग रही है तू आज? क्या इरादा है?

नेहा दरवाजर की तरफ देखते हुए एक बार के लिए स्माइल करती है, और कहती है- "क्या कहा? माल.."

राज- हाँ मेरी जान।

नेहा- चुप रहो तुम समझे।

राज- तू चीज़ ही मस्त है मेरी बुलबुल। चुप रहना नहीं होगा मुझसे।

नेहा के चेहरे पर फिर से स्माइल आ जाती है, और कहती है- "तुम बस चुप करी.."

तभी वहाँ एक आदमी आता है जो दिखने में वर्कर लग रहा था। उसके हाथ में कुछ कटिंग मशीन और कुछ सामान था। उधर मुख्य दरवाजे से सावित्री वर्मा आ रही थी उसके साथ। वो नेहा की तरफ ही आ रही थीं। राज उनको आता देखकर नौकर क्वार्टर में चला जाता है। लेकिन वो छुपकर सब देख रहा था।

सावित्री उधर आकर- " बहू ये आदमी घास काट देगा इधर को। तुम इसे अपने हिसाब से बता दो कहीं काटना है। ठीक है?"

नेहा- जी मम्मीजी, मैं बता दूँगी।

सावित्री ठीक है में थोड़ा बाहर जा रही हैं। आते-आते शायद देर हो जायेगी।

नेहा- "जी मम्मीजी."

फिर सावित्री चली जाती हैं।

नेहा- ये तुम इधर से शुरू कर दो।

वर्कर- जी मेडम।

फिर वो वर्कर काम शुरू कर देता है कटिंग का। दरवाजे से राज बाहर झाँक रहा था। नेहा जानती थी की राज जरूर उसे देख रहा होगा। नेहा दरवाजे की तरफ देखती है तो उसे राज का काला बदसूरत चेहरा दिखता है लेकिन आजकल नेहा को जैसे मस्ती चड़ी हई थी। नेहा राज के चेहरे पर गुस्से का भाव देख पा रही थी। जैसे राज को वर्कर को लेकर जलन हो।

नेहा मन में "ता कमीने को इस आदमी से जलन हो रही हैं। कमाने को अपनी गर्लफ्रेंड को किसी और के करीब देखकर गुस्सा आ रहा है। इसको और गुस्सा दिलाता है."

नेहा कुछ सोच कर उस वर्कर के करीब जाती है।

नेहा- "हाँ भैय्याजी उधर भी करना।

नेहा थोड़ा झक कर देख रही थी जिसमें उसकी हल्की क्लीवेज उस वर्कर को भी दिख रही थी। नेहा तिरछी नजर से राज को देख रही थी जो काफी गुस्से में लग रहा था। नेहा जो कल तक इन गंदे लो-क्लास लोगों से दूर हो रहती भी, आज एक गंदे बढ़े हाइवर को जलाने के लिए एक लो-क्लास वर्कर के करीब जाकर उसे अपना क्लीवेज दिखा रही थी। सच में ही नेहा की लाइफ काफी चेंज हो गई थी। नेहा एक बार के लिए हँस पड़ती है राज को
गुम्सा आता देखकर।

नेहा मन में. "बिहेव तो ऐसे कर रहा है जैसे मेरा पति हो। कमीना कहीं का...

वो वर्कर भी बौखला गया था इतनी खूबसूरत औरत का क्लीवेज देखकर। नेहा की नजर उसके काम पर कम राज पर ज्यादा थी। पता नहीं क्यों? लेकिन नेहा को मजा आ रहा था राज को तड़पाने में। थोड़ी देर बाद नेहा को पीछे से राज आवाज देता है।
 
राज- मेरी जान।

वो वर्कर ये बात सुन लेता है। उसको ताज्जुब होता है कि ये बूढ़ा काला आदमी इस खूबसूरत औरत को जान बोल रहा है। वो वर्कर नेहा की तरफ हानी से देखने लगता है। नेहा खुद ये उम्मीद नहीं कर रही थी।

नेहा राज को घूर कर देखती है। फिर उस वर्कर की तरफ देखते हुए- "तुम काम करो जल्दी.."

नेहा फिर राज के और नजदीक जाकर- "तुम्हारा दिमाग खराब है क्या? उस आदमी के सामने क्यों ऐसा बोला तुमने

राज- "वो सब छोड़... त उसके इतना करीब क्यों जा रही है?"

नेहा को अब शोड़ी मस्ती सूझती है- "मैं कुछ भी करें तुमको उससे क्या?"

राज कन्फ्यू ज होते हुए- "क्या?"

नेहा- मेरी मर्जी। मैं जो चाहे करूँ ।

राज- ये मत भूल की तू मेरी गर्लफ्रेंड है।

नेहा- नहीं हूँ मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड।

राज- "क्या बोली?" और ऐसा बोलकर राज नेहा को अंदर खींच लेता है। जो वो वर्कर देख नहीं पता। अंदर खींचकर राज नेहा को दीवार से सटा देता है।

नेहा- क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे।

राज तू क्या बोल रही थी मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है ?

नेहा- छोड़ो मुझे।

राज- और तू उस आदमी के इतना करीब क्यों जा रही थी?

नेहा जानती भी राज उस आदमी से जलन महसूस कर रहा है, बोली- "तुमको उससे क्या, में कुछ भी करेंग?" लेकिन नेहा के चेहरे पर स्माइल आ रही थी। वो अपनी खुशी छुपाए नहीं पा रही थी।

लेकिन राज जेलसी में ये सब नहीं देख पा रहा था, कहा- "देख में बोल रहा हूँ की उसके करीब मत जा.'

नेहा- क्या मत जा हाँ? क्या कर लोगे तुम?

राज- "क्या कर लेंगा, अभी देख?" और राज नेहा की चूचियों पर अपना मुँह रख देता है साड़ी के ऊपर से ही, और मसलने लगता है।

नेहा- "हे राज.. छोड़ो मुझे क्या कर रहे हो?"

राज- "तुझे सीधी बात समझ में नहीं आती ना... अब देख..' कहकर राज बड़े पागलपन तरीके से नेहा की चूचियों को मसल रहा था।

नेहा की सिसकारी शुरू हो चुकी थी. "अहह... राज.." और नेहा उसको हल्का-हल्का अपने से दूर करने की कोशिश कर रही थी। नेहा जानती भी अगर राज को यहाँ नहीं रोका तो वो यहाँ पर उसकी चुदाई कर देगा।

नेहा- प्लीज़... राज मत करो। छोड़ो मुझे।

राज- तुझे बहुत नजदीक जाना है ना उसके। अब जा।

नेहा- सारी ... अब नहीं जाऊँगी। छोड़ो मुझे।

राज- तू फिर से जाएगी।

नेहा- मैं नहीं जाऊँगी।

राज- अगर गई तो?

नेहा- तो क्या?

राज- तू अगर उसके आस-पास भी गई ना.. तुझे जो मैं कहूँगा वो करना पड़ेगा।

नेहा- मैं नहीं जाऊँगी।

राज- चल ठीक है। अब अपने बायफ्रेंड को एक चुम्मा दे।

नेहा- मैं नहीं देने वाली।
 
राज- अपने बायफ्रेंड को ना करेंगी क्या?

नेहा- मैं नहीं देने वाली, समझे तुम।

राज- दे रही हैं या मैं खुद ले लें बोल?

नेहा- "मैं लेने नहीं देंगी..' बोलकर नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।

राज अब अपने काले होंठ नेहा की रेड लिपस्टिक लगाए हुए होंठों की तरफ बढ़ा देता है। नेहा को पहली की तरह राज से घिन नहीं आ रही थी। राज के होठ नेहा के होंठों को छु जाते हैं। होठ ते ही नेहा के जिश्म में एक बिजली सी दौड़ जाती है। दोनों के होंठों लाक हो जाते हैं।

राज अब नेहा को किस करने लगता है, अनाड़ी जैसा। नेहा को तकलीफ हो रही थी राज के अजीब किस से। हवस में तो वो कैसे भी राज का किस सह लेती औ। लेकिन आज वो बिलकुल होश में भी। नेहा को राज का किस करने का तरीका बिलकुल पसंद नहीं आ रहा था। नेहा जोर से राज को पीछे धकेलती है।

राज नेहा को देखने लगता है- "क्या हुआ?"

नेहा- मुझ तकलीफ हो रही है।

राज- "किससे तकलीफ हो रही है?"

नेहा किस शब्द इस्तेमाल करना नहीं चाहती थी। इसलिये कहा- "तुम जो कर रहे थे उससे...

राज- क्या कर रहा था मैं?

नेहा राज की तरफ हैरानी से देखती हैं।

राज- बोल?

नेहा- किस से।

राज- क्यों?

नेहा- तुमको किसने सिखाया किस करना?

राज- किसी ने नहीं। अस नंगी वीडियोस देखकर सीखा है।

नेहा पार्न वीडियोस का नाम सुनकर शर्म से लाल हो जाती हैं. और कहती हैं- "चुप करो कमीने। मेरे सामने इतनी गंदी बातें कर रहे हो?"

राज- तुझे मेरी ये बातें गंदी लगी तो तेरी चुदाई जब किया था तब गंदा नहीं लगा ?

नेहा- छोः... कमीने चुप रह।

राज- मेरी जान... मुझे नहीं आता चमने, तो तू ही सिखा दे। मैंने देखा त खुद से कितना मस्त चूमती है। उस दिन कैसे पागलों की तरह मुझे चूम रही थी।

नेहा फिर से शर्मा जाती है। वो कुछ बोलने की हालत में नहीं औ। राज की बातें उसे गरम कर रही थी। उसको ये भी पता था कि अगर राज फिर से शुरू हो गया तो वो खुद को रोक नहीं पाएगी।

राज- सिखा जा?

नेहा कुछ नहीं बोलती। उसे बहुत शर्म आ रही थी एक काले गंदे बूढ़े को किस करना सिखाने की बात से।

राज- चल शुरू हो जा।

नेहा को न जाने क्या सूझता है की वो राज का चेहरा धीरे से अपने दोनों गोरे हाथों से पकड़ती हैं और अपने लाल लिपस्टिक वाले होंठ उसके काले होंठों की तरफ बढ़ाती हैं। हालांकी उसे अजीब लग रहा था एक बदसूरत काले आदमी को मैं किस करने से। लेकिन उसकी हवस अब उसके सिर चढ़ चुकी थी। नेहा अब अपने होंठ उसके काले होठों पर रख देती हैं। नेहा पहले राज का काला ऊपरी होंठ चूसती है, और फिर निचला। ऐसा आराम से नेहा उसे किस कर रही थी। राज को भी मजा आ रहा था नेहा की किस में।
 
जय भी आज किसी काम से गया हुआ आ। सिर्फ राज ही बचा था उधर। आज राज ने कुछ सोच कर रखा था। रात में 11:00 बजे बो मेनगेट से होते हुए अंदर जाता है, और सीधा किचेन में जाता है। वहाँ पर नीलू किचेन का काम फिनिश कर रही थी। राज उसे पीछे से जाकर पकड़ लेता है।

राज- है नीलू क्या कर रही है? कितने दिन हो गये तेरी चूत मारे हुए।

नीलू - हाँ हाँ । तुम तो मुझे भूल ही गये हो। नेहा मालकिन से मिलने के बाद।

राज- क्या करें नीलू तेरी नेहा मालकिन हैं ही इतनी मस्ता साली को चोदकर मन ही नहीं भरता।

नीलू- "राज संभाल के... कहीं मालिक को पता चल गया तो तेरी खैर नहीं.." और नीलू हँसती है।

राज- मालिक को कैसे पता चलेगा? नेहा मालकिन मेरे से चुदने के लिए तैयार रहती हैं।

नीलू- "क्या बात है राज, नेहा मालकिन को अपनी रंडी बना रहे हो?" और दोनों हँसते हैं।

राज- चल मैं जा रहा है उसके पास।

नीलू- ओहो क्या बात है। रहा नहीं जा रहा क्या हमारी मालकिन के बिना? जरा संभल कर करना। हमारी मालकिन बहुत नाजुक हैं।

राज. वो साली संभाल कर करने की चीज नहीं हैं।

दोनों फिर से हँसते हैं। राज फिर वहाँ से सादियां चढ़ते हए ऊपर चला जाता है। राज नेहा के रूम के बाहर नहुँच चुका था। दरवाजा लाक था।

नेहा ने विशाल नहीं आएगा आज रात, इसीलिए उसने दरवाजा लाक किया हुआ था। अब राज थोड़ा टेन्शन में
आता है। लेकिन उसे पता आ क्या करना है। वो अब दरवाजा लाक करता है।

नेहा दरवाजे की आवाज सुनकर अंदर से- "कौन है?

राज कुछ जवाब नहीं देता। वो दरवाजा नाक करते रहता है।

नेहा- कौन हैं? क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो?

राज फिर भी जवाब नहीं देता। नेहा अन निराश होकर दरवाजा खोलती है, और राज को यहाँ देखकर हैरान रह जाती है।
नेहा- तुम्म।
 
नेहा को न जाने क्या सूझता है की वो राज का चेहरा धीरे से अपने दोनों गोरे हाथों से पकड़ती हैं और अपने लाल लिपस्टिक वाले होंठ उसके काले होंठों की तरफ बढ़ाती हैं। हालांकी उसे अजीब लग रहा था एक बदसूरत काले आदमी को मैं किस करने से। लेकिन उसकी हवस अब उसके सिर चढ़ चुकी थी। नेहा अब अपने होंठ उसके काले होठों पर रख देती हैं। नेहा पहले राज का काला ऊपरी होंठ चूसती है, और फिर निचला। ऐसा आराम से नेहा उसे किस कर रही थी। राज को भी मजा आ रहा था नेहा की किस में।

अब राज भी उसे किस करने लगता है। दोनों ही अब गरम हो चुके थे। दोनों की जुबान एकदूसरे से खेल रही औं। दोनों का किस वाइल्ड ही हो रहा था की तभी बाहर से वो वर्कर आवाज देता है।

वर्कर- मेडम ।

नेहा उसकी आवाज सुनकर किस तोड़ती है और बाहर जाने लगती है।

राज- "उस कुत्ते की तो मैं... मेरी गर्लफ्रेंड क्यों हिस्टर्ब कर रहा है?"

नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।

राज- जल्दी वापस आ।

नेहा कुछ नहीं बोलती और चली जाती है। नेहा बाहर जाकर- "क्या है?"

वर्कर- मेडम वो इधर भी घास कट करनी है क्या?

नेहा- नहीं नहीं उधर से करना।

वर्कर को नेहा की हालत देखकर ताज्जब होता है। कुछ देर पहले तो वो ठीक-ठाक थी लेकिन अब उसके बाल थोड़े बिखरे हुए थे, लिपस्टिक थोड़ी फैली हुई थी।

नेहा- और जल्दी-जल्दी करो काम।

वर्कर- जी मेडम।

नेहा शोड़ी देर वहाँ खड़ी रहती हैं। लेकिन फिर उसके कदम नौकर क्वार्टर्स की तरफ चले जाते हैं। वो राज को नजरअंदाज नहीं कर पा रही थी। नेहा दरवाजा के करीब जाकर अंदर देखती है, तो राज बीड़ी पी रहा था। उसकी पीठ नेहा की तरफ भी। नेहा मुश्करा रही थी। नेहा के लिए ये सब करना अब एक अइवेंचर की तरह लग रहा था। राज की केयरिंग से सब कुछ उसे अच्छा लगने लगा था। नेहा दरवाजे से अंदर जाती है। लेकिन राज वैसे ही खड़ा था। नेहा खुद भी नहीं जानती थी कि वो फिर से क्यों आई इस बढ़े के पास? नेहा थोड़ा
आगे बढ़ती है।

राज अब इधर मुड़ता है- "आ गई?"

नेहा- क्या लग रहा है?

राज नेहा के करीब जाकर उसे कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। नेहा राज की बाहों में थी अब आगे से। उसकी चूचियां राज की छाती से चिपकी हुई, दोनों के चेहरे आमने सामने। राज अब पीछे से नेहा की गाण्ड साड़ी के ऊपर से दबाने लगता है।

नेहा- "अहह... राज..."

राज के हाथ नेहा की गाण्ड को मसल रहे थे। बहुत ही सेक्सी दृश्य चल रहा था। एक खूबसूरत बड़े घर की बहू और उसी घर के बड़े ड्राइवर के बीच। नेहा अपने हाथ राज के सीने पर रखे हुए थी। राज नेहा के गले को चूमने में लगा हुआ था।

नेहा- "अहह.." और उसकी सिसकारियां गूंजने लगती है कमरे में।

राज थोड़ी देर बाद नेहा की साड़ी ऊपर करता है।

नेहा की पेटी अब नजर आ रही थी।

राज- "मेरी जान पेंटी तो मस्त लग रही है। अंदर का माल देखते हैं कैसा है?"

नेहा शर्मा जाती है। अगले ही पल राज नेहा की पैंटी नीचे कर देता है ऑड़ा। नेहा अपनी चूत छुपाने में लग जाती है। कटीम अब अपनी पैंट की जिप खोलता है, जिसकी आवाज से नेहा का चेहरा लाल पड़ जाता है। उसे पता चल जाता है की राज आगे क्या करने वाला है।

नेहा- नहीं राज नहीं।

राज- "क्या नहीं? तू बस चुप रह.. और राज अब अपना काला लण्ड बाहर निकालता है, और नेहा के हाथ उसकी चत से हटाकर अपना लौड़ा सेट करता है वहीं।

नेहा लण्ड पाते ही पागल सी हो जाती हैं। एक तगड़े लण्ड का अहसास, जो लण्ड उसकी चूत को पहले नाप चुका है। राज अब लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगता है।

नेहा- "अहह... आहह... करती है।

तभी राज को किसी का काल आता है। वो मोबाइल उठाने के लिए नेहा से दूर हट जाता है। नेहा एक बार के लिए तड़प उठती है। वो आलमोस्ट राज को जाने से रोकती है, लेकिन किसी तरह वो खुद को रोक लेती हैं।

राज अपना लण्ड अंदर डाले बिना ही मोबाइल पर बात करने लगता है। नेहा भी उसी हालत में खड़ी रहती है। फोन पर बात करके राज इधर नेहा की तरफ घूमता है।

राज- मेरी जान मुझे कुछ काम हैं, में जा रहा हूँ।

नेहा कुछ नहीं बोलती। उसको गुस्सा तो बहुत आ रहा था राज पर, उसे अधूरा छोड़ने पर। लेकिन वो चुप रहती है। नेहा के लिए ये बहुत शर्मनाक था। इधर एक बड़ा उसको इस हालत में ऐसे छोड़कर जा रहा था, जैसे वो उसका पति हो। राज अब उधर से निकल जाता है। नेहा अब अपनी साड़ी ठीक करती है।

नेहा- "कमीना कहीं का। छोड़ूँगी नहीं मैं उसे." और नेहा भी उधर से चली जाती है।

उधर रिया अपने रूम में बैठी मोबाइल पर कुछ कर रही थी। उसके दिमाग में अभी भी जय वाली बात चल रही थी। फिर वो कल की बात जब उस अंजान आदमी ने उसके साथ जो किया था। उसका हाथ अचानक ही साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर चला जाता है। वो अपने होश खो रही थी। उसने कभी नहीं सोचा था की कोई गंदा आदमी उसके साथ ऐसी हरकत करेगा। अब जो वैसी हरकत हो चुकी है तो रिया को उतना बुरा भी नहीं लग रहा था। रिया वैसे नेचर से बहुत दृध भी। लेकिन उसका जिश्म उसकी दृढ़ता का बिल्कुल साथ नहीं दे रहा
था।

रिया अपनी चूत सहला रही थी। उसकी चूत उसके साथ हुई हरकतों को सोचकर गीली हो रही थी। वो झड़ने के करीब औ की उसे उसके पति का काल आता है और वो उसमें बिजी हो जाती है।

उधर नेहा अपने रूम में आई हुई थी। वो बहुत गुस्से में लग रही थी। गुस्सा राज के ऊपर था- "उसने मुझे समझ क्या रखा है। कमीना बूढ़ा?" फिर नेहा फ्रेश होने चली जाती है।

बाहर आकर वो बेड पर लेट जाती है तभी उसे विशाल का काल आता है।

नेहा- हाँ बोलो।

विशाल- नेहा, मैं आज नहीं आ पाऊँगा। वो एक दोस्त ने उसके घर इन्वाइट किया है। कल तक आ जाऊँगा।

नेहा- लेकिन विशाल?

विशाल- "नेहा में अभी थोड़ा बिजी हैं। कल मिलते हैं बाइ... और विशाल काल खतम कर देता है।

नेहा- "ये विशाल भी ना मेरी एक बात नहीं सुनते। आजकल मेरे लिए टाइम ही नहीं हैं उनके पास। और एक वो कमाना है हमेशा मेरे आस-पास रहने की कोशिश करता है..."

राज का प्लान नेहा पर बखूबी काम कर रहा था। राज नेहा को उसके पति से दूर करने में कामयाब हो रहा था। और नेहा को राज की गंदी ही सही लेकिन हरकतें अच्छी लगने लगी थी। ऐसे ही शाम हो जाती है। डिनर के बाद सब अपने रूम में चले जाते हैं।
 
राज- हाँ में मेरी जान और कौन होगा?

नेहा- तुम यहां क्या कर रहे हो?

राज. अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया हूँ।

नेहा- तुम पागल हो क्या? अगर किसी ने देख लिया ना तो पता है ना क्या होगा?

राज- "उसकी नौबत नहीं आएगी.." ऐसा बोलकर राज दरवाजा बंद कर देता है।

नेहा- ये क्या कर रहे हो? दरवाज़ा क्यों बंद किया?

राज- "जानेमन तुझसे मस्ती। सबके सामने तो कर नहीं सकता ना..."

नेहा शर्मा जाती है- "मुझे नहीं करनी तुम्हारे साथ मस्ती समझे तुम। तुम निकलो इधर से.."

राज- क्यों अपने बायफ्रेंड को नाराज़ करने पर तुली हई है।

नेहा- तुम यहाँ से प्लीज जाओ।

राज- मैं नहीं जानेवाला, और मुझे ये भी पता है के तेरा पति आज रात नहीं आने वाला।

नेहा हैरान थी की राज को कैसे पता इस बारे में, तो पूछा- "क्या। तुमको कैसे पता?"
-
राज तू वो सब छोड़ मेरी जान। हम दोनों के तो मजे हैं ना।

नेहा- "देखो मुझे कोई मजे नहीं करने। तुम बस जाओ.."

राज नेहा की करीब जाकर- "मैं जाऊं क्या?"

नेहा राज के करीब आने से अजीब महसूस कर रही थी, कहा- "हो तुम जाओ.."

राज अब अपने दोनों हाथ नेहा की कमर के आस-पास डालता है। जिससे नेहा मदहोश हो जाती है। राज के हाथ का अहसास उसे पागल बना रहा था।

राज-अब जाऊं?

नेहा बड़े ही मदहोश अंदाज में बोलती है- "जाओ....

राज नेहा को बेड तक ले जाता है और बेड पर धकेल देता है।

नेहा बेड पर गिरती हैं, और राज को देखती हैं।

राज- मेरी जान आज मौका भी है और दस्तूर भी। मजा आएगा आज रात तेरे साथ।

नेहा राज की तरफ भौचक देख रही थी। राज अपनी शर्ट निकालने लगता है। जिसे देखकर नेहा शर्मा जाती है। उसे पता था की राज क्या करना चाहता है: शर्ट निकलते ही राज की बालों भरी गंदी दिखने वाली छाती सामने आ जाती है। नेहा लेटी हुई ये सब देख रही थी। राज अब अपनी पेंट उतारने लगता है। जिसे देखकर नेहा अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है। राज पैंट निकालकर अपनी बड़ी सी अंडरवेर में आ जाता है। अब राज बेड पर चढ़ जाता है।

राज- "मेरी बुलबुल आज खूब मजा करेंगे. और वो नेहा के ऊपर आ जाता हैं।

नेहा- राज प्लीज़... ऐसा मत करो।

राज- क्यों क्या हुआ मेरी जान?

नेहा- मैं शादीशुदा हूँ।

राज- क्यों शादीशुदा औरतें चुदवाती नहीं क्या। और तू तो मुझसे कई बार चुदवा चुकी हैं।
-
नेहा- चुप रहो बेशरंऽम कहीं के।

राज अब नेहा के दोनों हाथ बेड से सटा देता है, और उसके ऊपर आ जाता है। राज झुक कर नेहा के गले को चूमने लगता है।

नेहा- "अहह.. राज..."

राज नेहा के गले को बेतहाशा चूम रहा था। जिससे नेहा की सिसकारियां वहाँ सेक्सी माहौल बना रही थी। एक काले बूढ़े और जवान औरत के बीच हाट दृश्य चल रहा था। राज का चूमना उसको पागल बना रहा था। नेहा खुद पर से कंट्रोल खो रही थी। अब राज गले को चूमते हए थोड़ा नीचे आता है, और उसका पल्लू हटाता है। बलाउज़ के ऊपर से नेहा की चूचियां मस्त लग रही थीं। राज के हाथ नेहा की चुचियों पर पहुँच जाते हैं, और
वो मसलने लगते हैं।

नेहा- "अहह.."

राज चूचियां मसलते हुए निपल दबाता है।

नेहा को एक बार के लिए दर्द होता है- "हाय कमीने दर्द होता है। छोड़ मुझे.."

राज- थोड़ा सह ले मेरी जान। आगे मजे ही मजे हैं।
 
नेहा स्माइल करती है। राज निपल को दो-तीन बार दबाकर अब अपना मुँह उधर लगाता है। राज अपना मुँह नेहा की चूचियों पर दबा रहा था। नेहा को राज की हरकतें अलग मजा दे रही थी।

राज. "मेरी जान तुझे तेरे ही रूम में तेरे ही बेड़ पर चोदने का अलग ही मजा आएगा.."

नेहा- "कमीने ऐसी बातें मत करो प्लीज... अहह.."

राज अब औड़ा नीचे जाता है। नेहा की नंगी गोरी नाभि जैसे कांप रही थी। अब राज अपनी जबान नेहा के पेट पर फेरता है।

नेहा- "अहह... उम्म्म्म
... अहह.."

नेहा के चेहरा के भाव चेंज हो चुके थे। वो अब राज की हरकतों को एंजाय कर रही थी। उसके हाथ अब राज के सिर पर घूमने लगते हैं। मजे में वो राज को अपने पेट पर दबा रही थी। राज अपने हाथ ऊपर लेजाकर नेहा की चूचियां दचाता है।

नेहा- "अहह... अहह.."

राज थोड़ी देर बाद नेहा की साड़ी निकाल देता है। अब नेहा ब्लाउज़ और पेटीकोट में थी। नेहा बहुत सेक्सी लग रही थी इस हालत में। एक बड़े घर की बहू ऐसी हालत में एक गंदे काले बुड्ढे ड्राइवर के सामने। राज अब नेहा का पेटीकोट नीचे से थोड़ा ऊपर करके उसके गोरे पैर को चूमता है, फिर दूसरे पैर को। ऐसा राज करे जा रहा था। कभी एक पैर को तो कभी दूसरे को। नेहा के गोरे पैर जो बिल्कुल चिकले हैं उसको यह काला बूढ़ा अपने गंदे काले होंठों से चम रहा था। ये सारी हरकतों से नेहा की चत आलरेडी गीली हो चकी थी, और उसके हाथ राज के सिर को सहला रहे थे।

राज अब नेहा का एक पैर उठाकर उसके अंगूठे को मुँह में लेकर चूसने लगता है। नेहा को उसके पति ने भी ऐसा नहीं किया था। उसको भी मजा आ रहा था।

नेहा- हाय क्या कर रहे हो?

राज- मेरी गर्लफ्रेंड को प्यार कर रहा हैं।

नेहा शर्मा जाती है। ऐसे करते हुए राज दोनों पैरों की सब उंगलियां मुँह में लेकर चूसता है। अब वो नेहा का पेटीकोट और ऊपर करता है। नेहा की गोरी जांधे दिख रही थी। राज वहाँ भी चमने लग जाता है।

नेहा- "आह्ह... राज..."

राज का लौड़ा उसकी अंडरवेर में खड़ा हो चुका था। और उसको तकलीफ दे रहा था। राज जांघ चूमते हुए अब नेहा का पेटीकोट नीचे कर देता है। अब नेहा नीचे से एक पटी में औ। उसका गोरा बदल मस्त लग रहा था सिर्फ एक पटी से ढका हुआ और ऊपर सिर्फ ब्लाउज में। राज नेहा की पेंटी के ऊपर से एक बार चूत को चूमता है।

नेहा- "आह्ह... उम्म्म्म
आहह .."

राज की नेहा की पटी का गीलापन साफ महसूस होता है अपने काले होंठों पर, और कहता है- "क्या बात है जानेमन... तेरी चूत तो पहले से ही गीली हैं.."

नेहा शर्म से लाल हो जाती है। राज अब पैटी के ऊपर से चूमते हुए अपने हाथ ऊपर लेजाकर नेहा के ब्लाउज़ के बटन खोल देता है। उसके दोनों पल्ले अलग करके बी ब्रा के ऊपर से चूचियां मसलने लगता है।

नेहा की सिसकारियां निकल रही थी- "उम्म्म्म
... अहह...

इस वक्त इस घर की खूबसूरत बह एक काले बूढ़े के साथ इस आलीशान बेड पर एंजाय कर रही थी। सब कुछ भलेकर की वो एक बड़े घर की बहू है। लेकिन राज के लिए तो बस मजे थे। वो अब ऑड़ा ऊपर आकर नेहा को उठता है और पीछे से उसकी ब्रा का हक निकाल देता हैं। और ब्रा फेंक देता है बेड के साइड में। अब नेहा ऊपर से बिल्कुल नंगी भी। उसकी गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां जंगी से राज के सामने। राज नेहा की चूचियों को देखकर टूट पड़ता है उसपर।

नेहा- आहह... राज धीरे...'

राज नेहा की एक चुची को मुँह में लेकर चसने लगता है, और निपल को अपने दाँत से कभी: दूसरी चुचियां को वो एक हाथ से मसल रहा था। राज नेहा के निपल ऐसे चूस रहा था जैसे कोई माँ का दूध चूस रहा हो। नेहा को भी अजीब सा मजा आ रहा था राज के ऐसा करने से। लेकिन उसे दर्द भी हो रहा था ऐसे राज के उसके निपल से दूध चूसने की कोशिश करने से।

नेहा- "आहह... दर्द हो रहा है, क्या कर रहे हो?"

राज- मेरी जान तेरी चूचियों से दूध पी रहा है। आजकल दूध बहुत महंगा हो गया है। तो मेरी गर्लफ्रेंड को ही चूचियों से दूध पियंगा तो पैसे भी बच जाएंगे।

नेहा शर्मा जाती है- "चुप रहो। क्या बोल रहे हो तुम.." और नेहा के चेहरे पर स्माइल भी।

राज- ओहहो... मैं तो भूल ही गया की तझे तो बचा ही नहीं है, तो दूध कैसे निकलगा?"

नेहा का चेहरा फिर से लाल था शर्म से।

राज त फिकर मत कर मेरी जाना तुझे में अपने बच्चे के मौं बनाऊँगा।

नेहा- बेशर्म चुप रहो।

राज हँसता है।
नेहा शर्म से पानी-पानी हो गई थी मौं बनाने वाली बात से। नेहा की गोरी चूचियों पर राज अपना काला मह खूब मजे से फेर रहा था।

नेहा- "हाय राज रुक जाओ अहाह.."

राज थोड़ी देर चूचियों से खेलने के बाद अब नीचे जाता हैं, और धीरे से नेहा की पेंटी नीचे करने लगता है। नेहा उसे रोकने की कोशिश करती है। उसके हाथ पेंटी को पकड़े हुए थे। लेकिन राज उसकी पेंटी नीचे कर देता है। नेहा दूसरी ओर मुँह किए हुई थी। राज अब नेहा की चूत को ऊपर से सूंघने लगता है।

राज- "अच्छी तरह से पक गई है तेरी चूत मेरी जान।

नेहा राज की तरफ देख ही नहीं रही थी। उसकी हालत बुरी थी राज की बातों से। राज अब नेहा की गुलाबी चूत फा एक बार अपनी जीभ फेरता है।

नेहा- "अहह.." और नेहा की जोर की सिसकारी निकलती है।

राज की जुबान का अहसास नेहा की गोली चूत पर उसके लिए करेंट का काम कर रहा था। नेहा बेडशीट को कसकर पकड़ती है। उसक जिम एकड़ रहा था राज के ऐसा करने से।

नेहा- "अहह.."

राज अब नेहा की गुलाबी चत के आस-पास चाटने लगता हैं। नेहा की चूत का रस जो बह रहा था, राज उसे भी चाट रहा था। नेहा की आँखें आनंद में बंद हो चुकी थी। वो पूरी नंगी पड़ी हुई थी उसी के बेड़ में एक काले बटे के साथ। राज अब् नेहा की चत की दोनों फांके अलग करता है और अपनी जुबान अंदर डालता है और चाटने लगता है। नेहा अपनी आँख खोलकर राज को ऐसा करते हुए देखने लगती है।

नेहा- "आहह.. उम्म्म्म ... राज.." कहकर वो अपने हाथ अब कटीम के सिर पर रखकर उसे अपनी चूत पर दबाने लगती है। नेहा की चत लगातार पानी छोड़ रही थी और राज उसे चाटता जा रहा था। नेहा की सिसकारियां रूम में गज रही थी- "आहह... उम्म्म्म ... अहह... उम्म्म्म ... अहह... ओमम्म... अहह... उम्म्म्म ..."

राज थोड़ी देर ऐसे ही उसकी चूत चाट रहा था।

नेहा कंट्रोल से बाहर हो रही थी- "अहह... राज मैं झड़ने वाल्ल्ली है आह्ह..."

राज- मेरे मुँह पर ही झड़ जा मेरी जान।

नेहा- नहीं तुम्म हटो वहाँ से।

राज- जैसा तू कहे मेरी जान।

नेहा की चूत राज वहाँ से हटते ही बहुत सारा पानी छोड़ती है।

राज- बहुत पानी छोड़ दिया मेरी जान तुमनें।

नेहा शर्मा जाती है, और कहती है- "सब तुमने किया है। कमौनी कहीं के..."

राज- अब मेरी गर्लफ्रेंड का खयाल तो रखना पड़ेगा ना।

नेहा फिर से स्माइल करती हैं।

राज- अब तेरा हो गया जा। अब मेरी बारी।

हा- कैसी बारी?

राज अपनी अंडरके नीचे करता है, और उसका काला मोटा लौड़ा बाहर आ जाता है। नेहा झट से दूसरी तरफ देखती है।

राज- देख मेरी जान। तेरे लिए कैसे तरस रहा है मेरा लण्ड।

नेहा इधर नहीं देख रही थी।

राज अब बेड में आता है और लेट जाता है, और कहता है- "आ जा... चूस मेरा लण्ड...

नेहा- मुझसे नहीं होगा।
राज. ऐसा मत कर मेरी जाना उतना भी मुश्किल नहीं है।

नेहा कुछ नहीं बोलती।

राज अपना लण्ड ऊपर-नीचे करते हुए- "चल मेरी जान शुरू हो जा.."

नेहा- नहीं वो बहुत गंदा है।

राज- उतना गंदा भी नहीं है मेरी जान।

नेहा- मुझसे नहीं होगा। तुम उससे पी करते हो।

राज- पी... ये क्या होता है?

नेहा को समझ में नहीं आ रहा था की वो राज को कैसे समझाए? वो राज के सामने पेशाब शब्द इस्तेमाल नहीं करना चाहती भी।

राज. बोल ना.. मी क्या होता है?

नेहा झिझकते हुए- "पेशाब.."

राज- ओहो... वो तो तू भी अपनी चूत से करती है ना।

नेहा शर्मा जाती है।

राज. आजा मेरी जान।
 
नेहा एक बार धीरे से राज के काले लण्ड की तरफ देखती है। राज के काली झांटों भरे हए लण्ड को, जो एकदम गंदा लग रहा था। नेहा को लण्ड देखते हुये अजीब लग रहा था। हालांकी वो ये गंदा लण्ड अपनी मासूम चूत में ले चुकी थी लेकिन लण्ड चूसना अलग बात भी।

नेहा- प्लीज... राज मुझसे नहीं होगा।

राज- तू आ इधर, मैं तेरी मदद करता है।

नेहा झिझकते हुए राज के पास जाती है बेड पर। राज लेटा हुआ था। नेहा पूरी नंगी अब राज की कमर के पास जाती है।

राज- चल अपना मुँह खोला

नेहा धीरे से अपना मुँह खोलती है।

राज- अपना मुँह ला मेरे लण्ड के पास।

नेहा धीरे से बेमन से अपना खूबसूरत चेहरा राज के काले लण्ड के पास ले जाती हैं। नजदीक जाते ही उसको पेशाब की बदबू आती हैं। जैसे उसने काफी हफ्तों से उसे साफ ना किया हो।

नेहा- छी... बहुत गंदा है।

राज. इतना भी गंदा नहीं है मेरी जान।

नेहा- "क्या गंदा नहीं है? देखो कितनी गंदी बदबू आ रही है इससे.." और नेहा राज का काला लण्ड देखकर अजीब सा मुँह बना रहीं ।

राज. चस ना मेरी जान।

नेहा- राज बहुत गंदा है ये। मुझे उल्टी मी आ रही है इसके करीब जाते हो।

राज. एक बार कोशिश तो कर।

नेहा राज की तरफ एक बार घूरकर देखती हैं। फिर धीरे से लण्ड की तरफ अपना मुँह ले जाती है। उससे सहा नहीं जा रहा था लेकिन फिर भी वो इस बार वैसे ही रहती है।

राज- चलो अब अपना मुँह लगाओ इसपर।

नेहा बेमन से अपने लाल होंठ धीरे से उसका काले लण्ड पर रखती हैं। अब उसका गंदे काले टोपे पर नेहा के लाल होठ थे। नेहा हटाना चाहती थी अपने होंठ लोकल वो नहीं हटाती।

राज- चल अब मुँह में ले इसे।

नेहा राज को गुस्से से देखती हैं. और कहती है- "में ट्राई कर रही हूँ ना.. हर बात मुझे मत बोलो.."

राज- ठीक है मेरी जान। जो करना है कर।

नेहा अब धीरे से अपना मुँह खोलते हुए टोपा मुँह में ले लेती है। बहुत ही गंदा टेस्ट आ रहा था उसे। लेकिन वो अब अपने मुँह में और राज का लण्ड लेने लगती है। उसके गंदे लण्ड पर अपना मुँह और घुसाने लगती है। राज का लण्ड बड़ा होने की वजह से नेहा के मुँह में पूरा लण्ड नहीं जा रहा था। लण्ड अंदर लेने के बाद अब नेहा उसपर धीरे-धीरे जुबान लगती हैं और अपना मुँह उसपर ऊपर-नीचे करने लगती है। उसके मुँह में एक जमकीन सा टेस्ट आ रहा था। ऊपर से उसके लण्ड के आस-पास सफेद काली घनी झांटें।

नेहा का मुँह अपने लण्ड पर होने से राज तो जैसे सातवें आसमान पर था। उसने कभी नहीं सोचा था की उसका ये काला लण्ड कभी एक बड़े घर की खूबसूरत बहू चूसेगी।

राज- "आहह... मजा आ रहा है मेरी जान ऐसी ही चसती रह..."

थोड़ी देर में नेहा थोड़ा नार्मल हो जाती है और अच्छी तरह से उसका लण्ड चूसने लगती हैं। अब वो उसमकाले लण्ड पर अच्छी तरह से अपनी जीभ फेर रही थी। अपने लण्ड पर नेहा की जुबान राज को बहुत मजा दे रही थी। नेहा के लाल कोमल होठ राज के काले गंदे लण्ड पर ऊपर-नीचे हो रहे थे। राज को इन सबसे कंट्रोल नहीं हो रहा था अब।
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राज. अहह... कक्क जा मेरी जान... अब झड़वाएगी क्या इतने जल्दी?

नेहा रुक जाती है और अपना मुँह हटा लेती है उसके लण्ड से। राज अब बेड से उतारकर नेहा को बेड में लिटाकर खुद उसके ऊपर आ जाता है, उसकी टाँगों के बीच। अब वो अपना काला लण्ड नेहा की गुलाबी चूत पर रखता है।

नेहा- "ओहह.."

राज- मेरी जान अब तेरे और मेरे दोनों के मजे की बारी।

नेहा शर्मा जाती है। अब काम नेहा के ऊपर थोड़ा झुकते हुए अपने लण्ड का दबाव नेहा की चूत पर डालता है।

नेहा- अहह... राज धौरे।

राज. धीरे ही तो कर रहा हूँ।

नेहा- क्या धीरे कर रहा है। पिछली बार जोर से किया था तुमने।

राज- वो तो मेरी बुलबुल को पिछली बार की चुदाई का सब कुछ याद है।

नेहा का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है।

राज अब धीरे-धीरे करते हए आधे से ज्यादा लण्ड अंदर डालता है।

नेहा- "आहह... राज दर्द हो रहा है। अहह.."

राज- थोड़ा से ले मेरी जान।

थोड़ी देर नेहा के जामल होने तक राज हल्के-हल्के धक्के लगता है। नेहा नार्मल होते ही वो एक जोर से धक्का लगाता है। उसका लण्ड अब काफी हद तक पूरा जा चुका था अंदर।

नेहा- मम्मी अहह... राज बाहर निकालो अहह.. दर्द हो रहा है।

राज झक कर उसके गले को चूमने लगता है, और कहता है- "शांत हो जा मेरी जान बस हो गया..."

नेहा- "अहह... अहह.."

राज भी नेहा के नार्मल होने तक सकता है। नेहा के नार्मल होते ही राज हल्के-हल्के धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "अहह... आह्ह.. आह्ह... हाय आहह.."

राज का काला बड़ा लण्ड नेहा की गुलाबी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था अब्बा राज नेहा के पैर अपने कंधों पर रखता है और फिर उसके उसपर झक कर धक्के लगाने लगता है।

नेहा- "अहह... अहह... राज अहह... अहह..." और नेहा को तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई लोहे की रोड़ उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रही हो- "अहह... अहह... अहह..."

राज का तगड़ा लण्ड नेहा की चूत की गहराईयो का नाप रहा था।

नेहा- "राज दर्द हो रहा है। अहह..."

राज. थोड़ी देर और ... मजा आएगा तुझे भी।

नेहा- "उम्म्म... अहह... अहह .."

राज अब धक्के आड़े तेज लगने लगता है। टप-टप टप-टप टप-टप।

नेहा- "आहह... आइ
आइ
आहह.."
 
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