hotaks444
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“ओह अब तुम्हारी तरह मुझे भी अपने बेटे ज़ाहिद के इस मोटे और लंबे लंड को अपनी चूत में लिए बिना चैन नही आएगा मेरी बचिईीईईईईईई” शाज़िया की बात का जवाब देते हुए रज़िया बीबी ने शाज़िया की चूत से अपना मुँह अलग किया. और शाज़िया की खुली टाँगों के दरमियाँ से उठ कर अपनी बेटी के जिस्म के बिल्कुल उपर आन कर लेट गई.
जिस की वजह से दोनो माँ बेटी के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल आमने सामने आ गये.
ज़ाहिद का लंड को उस की अम्मी रज़िया बीबी की प्यासी मोटी फुद्दि ने पीछे से इस तरह अपने अंदर जकड़ा हुआ था.
कि रज़िया बीबी के इस तरह उठ कर अपनी बेटी शाज़िया के जिस्म के बिल्कुल उपर लेटने के अमल के दौरान ज़ाहिद का लंड एक लम्हे के लिए भी उस की अम्मी की चूत से बाहर स्लिप नही हुआ.
बल्कि ज़ाहिद तो किसी कटी पतंग की डोर की तरह अपनी अम्मी की गान्ड से ही अभी तक चिमटा हुआ था.
जब कि उस का मोटा और लंबा लंड अपनी अम्मी के फुद्दे में पूरी रफ़्तार से अंदर बाहर हो रहा था.
“ओह में किस मुँह से तुम्हारा शुक्रिया अदा करूँ कि जो तुम ने मुझे आज इतना अनमोल तोहफा दिया है मेरी बचिईीईईईईईई” रज़िया बीबी ने आगे बढ़ कर अपनी बेटी शाज़िया के गुदाज होंठो को अपने होंठो में ले कर चूमा.
तो रज़िया बीबी के होंठो और ज़ुबान पर लगा हुआ शाज़िया की अपनी चूत का पानी रज़िया बीबी के होंठो से शाज़िया के मुँह में मुन्तिकल होने लगा.
“ओह अम्मी आज मेने आप को भाई का लंड दिला कर ना सिर्फ़ आप के अपने उपर किए गये अहसान का बदला चुकाया है,बल्कि ज़ाहिद भाई को भी,आज आप की फुद्दि की शकल में, उन की साल गिरह का एक तोहफा दिया है में ने” शाज़िया ने अपनी अम्मी के होंठो को अपने दाँतों से काटते हुए कहा.
“ओह शाज़िया,मेरे बर्थदे पर मुझे इतना गरम,मज़ेदार और स्वाद वाला तोहफा देने पर में भी उमर भर तुम्हारा अहसान मंद रहूं गा मेरी जान,क्यों कि मेरे लिए अपनी अम्मी की इस गरम फुद्दि से बढ़ कर कोई और तोहफा नही हो सकता शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूओ”अपनी बहन की बात सुन कर ज़ाहिद और जोश में आया. और पीछे से अपनी अम्मी के उपर लेट कर रज़िया बीबी की नंगी कमर को अपने होंठो से चूमने लगा.
ज़ाहिद को वाकई ही पूरी ज़िंदगी में किसी ने इतना जबारजस्ट साल गिरह का तोहफा नही दिया था.
जितना आज उसे अपनी बहन और बीवी शाज़िया ने अपनी ही सग़ी अम्मी को गरम और प्यासी चूत की शकल मे पेश किया था.
और अपनी अम्मी के गरम वजूद को एक तोहफे की शकल में हाँसिल कर ज़ाहिद का दिल और लंड दोनो ही बाघ बाघ हो चुके थे.
ज़ाहिद अपनी अम्मी की नंगी नमकीन कमर को अपने गरम ज़ुबान से चूमते और अपने तेज दाँतों से काटते हुए अपनी अम्मी रज़िया बीबी के जिस्म पर अपने प्यार के निशान चिस्पान करता हुआ अपना लंड बदस्तूर अपनी अम्मी की गरम चूत की तह में पेल रहा था.
ज़ाहिद का मोटा और लंबा लंड आज अपनी अम्मी रज़िया बीबी की चूत की उन गहराइयों में पहुँच रहा था.
जहाँ ज़ाहिद के मेरहूम अब्बू के लंड ने पहुँचने का कभी तसव्वुर भी नही किया था.
ज़ाहिद का लंबा और सख़्त लंड आज अपनी अम्मी की उस बच्चे दानी तक पहुँच कर ठोकरे मारने लगा. जिस बच्चे दानी में खुद ज़ाहिद ने पूरे 9 महीने गुज़ारे थे.
रज़िया बीबी की बच्चे दानी को पीछे से अपने बेटे ज़ाहिद के लंड के ज़ोर दार धक्के लग रहे थे.
और वो आगे से अपनी बेटी शाज़िया के मुँह में मुँह डाले ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी “ क्या लंड है तुम्हारा मेरे बच्चेयययययी, आआहह म्म्म्मगमममममममम ऊऊहहमाआआआआआअ तुम्हारा लंड पूरा अंदर तक टकरा रहा है,जोर्र्र्ररर से और ज़ूओर सेययययी मेरे बच्चे आज फाड़ दे अपनी अम्मी की फुद्दि को,आआहह,ऊवू”
“आप ज़रा सीधी हूँ जाए अम्मी” कुछ देर रज़िया बीबी को घोड़ी बना कर चोदने के बाद ज़ाहिद अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना मोटा लंड बाहर निकाल कर बिस्तर के साथ ही फर्श पर खड़ा हो गया.
“रुकूऊऊ नहियीईईईई चुदूऊऊ मुझे यययययी बएटााआआआअ” अपने जवान लंड का जादू अब रज़िया बीबी की चूत पर चल चुका था.
जिस की वजह से रज़िया बीबी को अपने बेटे ज़ाहिद के लंड से एक लम्हे की दूरी भी अब बर्दाश्त नही हो रही थी.
इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना लंड निकाला.तो रज़िया बीबी एक दम से शाज़िया के जिस्म के उपर से उठी. और अपनी चूत के सफेद पानी से तर अपने बेटे ज़ाहिद के लंड को देखते हुए बेचैनी से चिल्ला उठी.
“आप फिकर क्यों करती हैं,आप की ये फुद्दि ऐसी नही कि जिसे एक बार चोद कर ही किसी का दिल भर जाए, असल में अब मेरा दिल आप को अब एक दूसरे तरीके से चोदने को चाह रहा है अम्म्मी” ये कहते हुए ज़ाहिद ने बिस्तर पर बैठी रज़िया बीबी के भारी वजूद को अपनी बाहों में जकड कर उपर की तरफ उठाया.
तो रज़िया बीबी का वज़नी जिस्म उस के बेटे ज़ाहिद की मज़बूत बाहों में लिपट कर इस तरह हवा में उपर होता चला गया. जैसे रज़िया बीबी कोई भारी वजूद वाली औरत नही बल्कि मों की बनी कोई गुड़िया हो.
“ये क्या कर रहे तुम,में बहुत वज़नी हूँ,तुम मेरे भारी जिस्म का बोझ बर्दास्त नही कर सकोगे, मुझे नीचे उतारो बेटा” रज़िया बीबी ने ज्यों ही ज़ाहिद को उस के जिस्म अपनी बाहों में कस कर उपर उठते महसूस किया. तो रज़िया बीबी एक दम घबरा गई और ज़ाहिद से उसे नीचे उतारने की ज़िद करने लगी.
इस घबराहट के आलम में रज़िया बीबी ने अपनी टाँगे ज़ाहिद की कमर के गिर्द लपेट लीं.
जब कि उपर से रज़िया बीबी ने अपनी बाहें ज़ाहिद के गले में डाल कर अपने नंगे जिस्म को अपने जवान बेटे के जिस्म से चिपका लिया.
इधर ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चौड़ी गान्ड की पहाड़ियों को अपने हाथ में जकड कर अपनी अम्मी के भारी जिस्म को उपर उठाया.
तो रज़िया बीबी की चूत के पानी से भीगा हुआ ज़ाहिद का लंड कमरे की छत की तरफ मुँह कर के अकड कर खड़ा हो गया.
“उफफफफफफफफफफ्फ़ अम्मी की चूत का पानी भाई के लंड पर चमकता हुआ कितना अच्छा लग रहा है” बिस्तर पर लेटी शाज़िया ने ज्यों ही अपनी अम्मी की फुद्दि के पानी को अपने भाई के लंड पर लगे देखा. तो उस के मुँह में पानी आ गया और शाज़िया के सबर का पैमाना लबरेज़ हो गया.
शाज़िया लेटे लेटे ही एक दम से सरक कर बिस्तर कर किनारे पर आई.
और उस ने अपनी अम्मी की फुद्दि के ताज़ा पानी से तर अपने भाई के लंड को अपने मुँह में भर कर लंड पर लगे हुए अम्मी की चूत के नमकीन पानी को चाटना शुरू कर दिया.
“ओह शाज़िया मुझे खुशी है कि मुझे तुम जैसी प्यार करने वाली बीवी मिली है मेरी जानंनननणणन्” अपनी बहन के गरम मुँह को अपने लंड की सफाई करता महसूस कर के ज़ाहिद मज़े से सिसकार उठा.
अपने मोटे लंड को तेज़ी से अपनी बहन शाज़िया के लबों पर रगड़ते हुए ज़ाहिद ने जोश में अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में कस कर जकड़ा तो ज़ाहिद की नंगी छाती और उस की अम्मी रज़िया बीबी के मोटे मोटे पुस्टन (मम्मे) पहली बार आपस में टकराए.
आज अपनी अम्मी की गुदाज छातियों को अपनी सख़्त जवान छाती से चिमटा पा कर ज़ाहिद का लंड मज़ीद सख़्त हो गया.
और वो मज़ीद जोश में आ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी बीवी/बहन के मुँह को चोदने लगा.
ज़ाहिद इस से पहले भी कई दफ़ा अपनी बहन शाज़िया के भारी जिस्म को इसी तरह अपनी बाहों में उठा कर खड़े खड़े चोद चुका था.
इसीलिए उसे इस स्टाइल में मोटी और भारी वज़न वाली औरतों को चोदने में काफ़ी प्रॅक्टीस थी.
जिस की वजह से दोनो माँ बेटी के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल आमने सामने आ गये.
ज़ाहिद का लंड को उस की अम्मी रज़िया बीबी की प्यासी मोटी फुद्दि ने पीछे से इस तरह अपने अंदर जकड़ा हुआ था.
कि रज़िया बीबी के इस तरह उठ कर अपनी बेटी शाज़िया के जिस्म के बिल्कुल उपर लेटने के अमल के दौरान ज़ाहिद का लंड एक लम्हे के लिए भी उस की अम्मी की चूत से बाहर स्लिप नही हुआ.
बल्कि ज़ाहिद तो किसी कटी पतंग की डोर की तरह अपनी अम्मी की गान्ड से ही अभी तक चिमटा हुआ था.
जब कि उस का मोटा और लंबा लंड अपनी अम्मी के फुद्दे में पूरी रफ़्तार से अंदर बाहर हो रहा था.
“ओह में किस मुँह से तुम्हारा शुक्रिया अदा करूँ कि जो तुम ने मुझे आज इतना अनमोल तोहफा दिया है मेरी बचिईीईईईईईई” रज़िया बीबी ने आगे बढ़ कर अपनी बेटी शाज़िया के गुदाज होंठो को अपने होंठो में ले कर चूमा.
तो रज़िया बीबी के होंठो और ज़ुबान पर लगा हुआ शाज़िया की अपनी चूत का पानी रज़िया बीबी के होंठो से शाज़िया के मुँह में मुन्तिकल होने लगा.
“ओह अम्मी आज मेने आप को भाई का लंड दिला कर ना सिर्फ़ आप के अपने उपर किए गये अहसान का बदला चुकाया है,बल्कि ज़ाहिद भाई को भी,आज आप की फुद्दि की शकल में, उन की साल गिरह का एक तोहफा दिया है में ने” शाज़िया ने अपनी अम्मी के होंठो को अपने दाँतों से काटते हुए कहा.
“ओह शाज़िया,मेरे बर्थदे पर मुझे इतना गरम,मज़ेदार और स्वाद वाला तोहफा देने पर में भी उमर भर तुम्हारा अहसान मंद रहूं गा मेरी जान,क्यों कि मेरे लिए अपनी अम्मी की इस गरम फुद्दि से बढ़ कर कोई और तोहफा नही हो सकता शाज़ियास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सूओ”अपनी बहन की बात सुन कर ज़ाहिद और जोश में आया. और पीछे से अपनी अम्मी के उपर लेट कर रज़िया बीबी की नंगी कमर को अपने होंठो से चूमने लगा.
ज़ाहिद को वाकई ही पूरी ज़िंदगी में किसी ने इतना जबारजस्ट साल गिरह का तोहफा नही दिया था.
जितना आज उसे अपनी बहन और बीवी शाज़िया ने अपनी ही सग़ी अम्मी को गरम और प्यासी चूत की शकल मे पेश किया था.
और अपनी अम्मी के गरम वजूद को एक तोहफे की शकल में हाँसिल कर ज़ाहिद का दिल और लंड दोनो ही बाघ बाघ हो चुके थे.
ज़ाहिद अपनी अम्मी की नंगी नमकीन कमर को अपने गरम ज़ुबान से चूमते और अपने तेज दाँतों से काटते हुए अपनी अम्मी रज़िया बीबी के जिस्म पर अपने प्यार के निशान चिस्पान करता हुआ अपना लंड बदस्तूर अपनी अम्मी की गरम चूत की तह में पेल रहा था.
ज़ाहिद का मोटा और लंबा लंड आज अपनी अम्मी रज़िया बीबी की चूत की उन गहराइयों में पहुँच रहा था.
जहाँ ज़ाहिद के मेरहूम अब्बू के लंड ने पहुँचने का कभी तसव्वुर भी नही किया था.
ज़ाहिद का लंबा और सख़्त लंड आज अपनी अम्मी की उस बच्चे दानी तक पहुँच कर ठोकरे मारने लगा. जिस बच्चे दानी में खुद ज़ाहिद ने पूरे 9 महीने गुज़ारे थे.
रज़िया बीबी की बच्चे दानी को पीछे से अपने बेटे ज़ाहिद के लंड के ज़ोर दार धक्के लग रहे थे.
और वो आगे से अपनी बेटी शाज़िया के मुँह में मुँह डाले ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी “ क्या लंड है तुम्हारा मेरे बच्चेयययययी, आआहह म्म्म्मगमममममममम ऊऊहहमाआआआआआअ तुम्हारा लंड पूरा अंदर तक टकरा रहा है,जोर्र्र्ररर से और ज़ूओर सेययययी मेरे बच्चे आज फाड़ दे अपनी अम्मी की फुद्दि को,आआहह,ऊवू”
“आप ज़रा सीधी हूँ जाए अम्मी” कुछ देर रज़िया बीबी को घोड़ी बना कर चोदने के बाद ज़ाहिद अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना मोटा लंड बाहर निकाल कर बिस्तर के साथ ही फर्श पर खड़ा हो गया.
“रुकूऊऊ नहियीईईईई चुदूऊऊ मुझे यययययी बएटााआआआअ” अपने जवान लंड का जादू अब रज़िया बीबी की चूत पर चल चुका था.
जिस की वजह से रज़िया बीबी को अपने बेटे ज़ाहिद के लंड से एक लम्हे की दूरी भी अब बर्दाश्त नही हो रही थी.
इसीलिए ज़ाहिद ने ज्यों ही अपनी अम्मी की फुद्दि से अपना लंड निकाला.तो रज़िया बीबी एक दम से शाज़िया के जिस्म के उपर से उठी. और अपनी चूत के सफेद पानी से तर अपने बेटे ज़ाहिद के लंड को देखते हुए बेचैनी से चिल्ला उठी.
“आप फिकर क्यों करती हैं,आप की ये फुद्दि ऐसी नही कि जिसे एक बार चोद कर ही किसी का दिल भर जाए, असल में अब मेरा दिल आप को अब एक दूसरे तरीके से चोदने को चाह रहा है अम्म्मी” ये कहते हुए ज़ाहिद ने बिस्तर पर बैठी रज़िया बीबी के भारी वजूद को अपनी बाहों में जकड कर उपर की तरफ उठाया.
तो रज़िया बीबी का वज़नी जिस्म उस के बेटे ज़ाहिद की मज़बूत बाहों में लिपट कर इस तरह हवा में उपर होता चला गया. जैसे रज़िया बीबी कोई भारी वजूद वाली औरत नही बल्कि मों की बनी कोई गुड़िया हो.
“ये क्या कर रहे तुम,में बहुत वज़नी हूँ,तुम मेरे भारी जिस्म का बोझ बर्दास्त नही कर सकोगे, मुझे नीचे उतारो बेटा” रज़िया बीबी ने ज्यों ही ज़ाहिद को उस के जिस्म अपनी बाहों में कस कर उपर उठते महसूस किया. तो रज़िया बीबी एक दम घबरा गई और ज़ाहिद से उसे नीचे उतारने की ज़िद करने लगी.
इस घबराहट के आलम में रज़िया बीबी ने अपनी टाँगे ज़ाहिद की कमर के गिर्द लपेट लीं.
जब कि उपर से रज़िया बीबी ने अपनी बाहें ज़ाहिद के गले में डाल कर अपने नंगे जिस्म को अपने जवान बेटे के जिस्म से चिपका लिया.
इधर ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चौड़ी गान्ड की पहाड़ियों को अपने हाथ में जकड कर अपनी अम्मी के भारी जिस्म को उपर उठाया.
तो रज़िया बीबी की चूत के पानी से भीगा हुआ ज़ाहिद का लंड कमरे की छत की तरफ मुँह कर के अकड कर खड़ा हो गया.
“उफफफफफफफफफफ्फ़ अम्मी की चूत का पानी भाई के लंड पर चमकता हुआ कितना अच्छा लग रहा है” बिस्तर पर लेटी शाज़िया ने ज्यों ही अपनी अम्मी की फुद्दि के पानी को अपने भाई के लंड पर लगे देखा. तो उस के मुँह में पानी आ गया और शाज़िया के सबर का पैमाना लबरेज़ हो गया.
शाज़िया लेटे लेटे ही एक दम से सरक कर बिस्तर कर किनारे पर आई.
और उस ने अपनी अम्मी की फुद्दि के ताज़ा पानी से तर अपने भाई के लंड को अपने मुँह में भर कर लंड पर लगे हुए अम्मी की चूत के नमकीन पानी को चाटना शुरू कर दिया.
“ओह शाज़िया मुझे खुशी है कि मुझे तुम जैसी प्यार करने वाली बीवी मिली है मेरी जानंनननणणन्” अपनी बहन के गरम मुँह को अपने लंड की सफाई करता महसूस कर के ज़ाहिद मज़े से सिसकार उठा.
अपने मोटे लंड को तेज़ी से अपनी बहन शाज़िया के लबों पर रगड़ते हुए ज़ाहिद ने जोश में अपनी अम्मी के जिस्म को अपनी बाहों में कस कर जकड़ा तो ज़ाहिद की नंगी छाती और उस की अम्मी रज़िया बीबी के मोटे मोटे पुस्टन (मम्मे) पहली बार आपस में टकराए.
आज अपनी अम्मी की गुदाज छातियों को अपनी सख़्त जवान छाती से चिमटा पा कर ज़ाहिद का लंड मज़ीद सख़्त हो गया.
और वो मज़ीद जोश में आ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी बीवी/बहन के मुँह को चोदने लगा.
ज़ाहिद इस से पहले भी कई दफ़ा अपनी बहन शाज़िया के भारी जिस्म को इसी तरह अपनी बाहों में उठा कर खड़े खड़े चोद चुका था.
इसीलिए उसे इस स्टाइल में मोटी और भारी वज़न वाली औरतों को चोदने में काफ़ी प्रॅक्टीस थी.