hotaks444
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परिवार हो तो ऐसा-43
गतान्क से आगे...............
राज ने स्वीटी का हाथ पकड़ उसे अपने कंधों पर उठा लिया और
बेडरूम की ओर बढ़ गया..
जैसे ही स्वीटी राज के कंधों पर आई प्रीति ने उसकी शॉर्ट्स के
किनारे को पकड़ उसकी पॅंटी के साथ साथ उसे उतार दिया... अब स्वीटी
नंगी राज के कंधों पर लटकी थी.
राज ने स्वीटी को लेकर अपने मम्मी डॅडी के बेडरूम मे लाकर उसे पलंग
पर डाल दिया.. क्यों कि उनके पलंग के कोने अच्छे थे.. प्रीति भी
उनके पीछे पीछे कमरे मे आ गयी..
प्रीति ने अपनी मम्मी के ड्रॉयर से चार स्कार्फ निकाल लिए जिससे स्वीटी
को बाँधा जा सके.. राज स्वीटी के उपर चढ़ उसके दोनो हाथो को
उसके सिर के उपर कर पकड़ लिया.. और प्रीति उसके हाथों को पलंग
के हत्थे से बाँधने लगी..
फिर प्रीति ने स्वीटी की दोनो टाँगो को फैला दिया और और उन्हे दोनो
किनारों पर बाँध दिया.. अब स्वीटी किसी क़ैदी की तरह पलंग पर
थी और उसकी दोनो टाँगे फैली हुई थी...
"इस तरह पलंग से बँधी हुई सच मे बहुत सेक्सी लग रही हो"
प्रीति अपनी चचेरी बेहन के होठों को चूस्ते हुए बोली.
राज स्वीटी की दूसरी तरफ आ गया और उसके निपल को चूसने लगा..
दोनो भाई बेहन मिलकर अब स्वीटी के बदन को चूमने लगे मसल्ने
लगे... स्वीटी के बदन मे उत्तेजना बढ़ने लगी.. एक मीठी मीठी
गुदगुदी उसके बदन मे छाई थी.. वो भी कुछ करना चाहती थी...
लेकिन बँधी होने से वो मजबूर असहाय उस वेदना को सहने लगी..
"राज एक काम करते है इसे इसी तरह छोड़ देते हैं.. और हम दोनो
चुदाई करते है.. ये हमे देख उत्तेजित होती रहेगी.. इसकी चूत
मच्चल्ने लगेगी.. लेकिन ये सिर्फ़ तड़प के रह जाएगी... " प्रीति ने
कहा.
"हां प्रीति ये सही रहेगा.. इसे जलाने मे बहुत मज़ा आएगा" राज
ने कहा.
"देखो में कहे देती हूँ तुम दोनो ऐसा कुछ मेरे बिना नही करना"
स्वीटी ने कहा.. लेकिन दोनो भाई बेहन उसके बगल से हाथ अब पलंग
के किनारे पर खड़े एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.. स्वीटी मजबूर
लच्चार फटी आँखों से दोनो की हरकतें देखती रही..
प्रीति घुटनो के बल अपने भाई के सामने बैठ गयी और उसके लंड को
पहले तो अपनी मुट्ठी मे भर चूमने लगी.. उसके सूपदे पर अपनी जीब
फिरा स्वीटी की ओर देखते हुए उसने अपना पूरा मुँह खोल उसे अंदर
लिया और किसी लॉलीपोप की तरह चूसने लगी..
गतान्क से आगे...............
राज ने स्वीटी का हाथ पकड़ उसे अपने कंधों पर उठा लिया और
बेडरूम की ओर बढ़ गया..
जैसे ही स्वीटी राज के कंधों पर आई प्रीति ने उसकी शॉर्ट्स के
किनारे को पकड़ उसकी पॅंटी के साथ साथ उसे उतार दिया... अब स्वीटी
नंगी राज के कंधों पर लटकी थी.
राज ने स्वीटी को लेकर अपने मम्मी डॅडी के बेडरूम मे लाकर उसे पलंग
पर डाल दिया.. क्यों कि उनके पलंग के कोने अच्छे थे.. प्रीति भी
उनके पीछे पीछे कमरे मे आ गयी..
प्रीति ने अपनी मम्मी के ड्रॉयर से चार स्कार्फ निकाल लिए जिससे स्वीटी
को बाँधा जा सके.. राज स्वीटी के उपर चढ़ उसके दोनो हाथो को
उसके सिर के उपर कर पकड़ लिया.. और प्रीति उसके हाथों को पलंग
के हत्थे से बाँधने लगी..
फिर प्रीति ने स्वीटी की दोनो टाँगो को फैला दिया और और उन्हे दोनो
किनारों पर बाँध दिया.. अब स्वीटी किसी क़ैदी की तरह पलंग पर
थी और उसकी दोनो टाँगे फैली हुई थी...
"इस तरह पलंग से बँधी हुई सच मे बहुत सेक्सी लग रही हो"
प्रीति अपनी चचेरी बेहन के होठों को चूस्ते हुए बोली.
राज स्वीटी की दूसरी तरफ आ गया और उसके निपल को चूसने लगा..
दोनो भाई बेहन मिलकर अब स्वीटी के बदन को चूमने लगे मसल्ने
लगे... स्वीटी के बदन मे उत्तेजना बढ़ने लगी.. एक मीठी मीठी
गुदगुदी उसके बदन मे छाई थी.. वो भी कुछ करना चाहती थी...
लेकिन बँधी होने से वो मजबूर असहाय उस वेदना को सहने लगी..
"राज एक काम करते है इसे इसी तरह छोड़ देते हैं.. और हम दोनो
चुदाई करते है.. ये हमे देख उत्तेजित होती रहेगी.. इसकी चूत
मच्चल्ने लगेगी.. लेकिन ये सिर्फ़ तड़प के रह जाएगी... " प्रीति ने
कहा.
"हां प्रीति ये सही रहेगा.. इसे जलाने मे बहुत मज़ा आएगा" राज
ने कहा.
"देखो में कहे देती हूँ तुम दोनो ऐसा कुछ मेरे बिना नही करना"
स्वीटी ने कहा.. लेकिन दोनो भाई बेहन उसके बगल से हाथ अब पलंग
के किनारे पर खड़े एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे.. स्वीटी मजबूर
लच्चार फटी आँखों से दोनो की हरकतें देखती रही..
प्रीति घुटनो के बल अपने भाई के सामने बैठ गयी और उसके लंड को
पहले तो अपनी मुट्ठी मे भर चूमने लगी.. उसके सूपदे पर अपनी जीब
फिरा स्वीटी की ओर देखते हुए उसने अपना पूरा मुँह खोल उसे अंदर
लिया और किसी लॉलीपोप की तरह चूसने लगी..