Indian Sex Story प्यार का रिश्ता - Page 2 - SexBaba
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Indian Sex Story प्यार का रिश्ता

मैने निर्णय कर लिया की मेरा शरीर, मेरी आत्मा सब कुछ तुम्हे ही सोपूंगी... मैं तुम्हारी मीरा बन कर रहूंगी....

"शिवानी मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा की कोई इतनी खूबसूरत, इतनी सेक्सी और तो और रुतबे वाली लड़की मेरे पर मरसकती है"

'नही शिवानी नही...... प्लीज़ अपने आप को रोक लो नही तो इस प्यार के मारे मेरे दिल की धड़कन ही ना बंद हो जाए".....मैं इतना अछा नही हू जितना तुम सोचती हो मैं बहुत ही बुरा इंसान हू.....

" तुम जानते हो तुम्हारी सबसे बड़ी खूबी क्या है' शिवानी ने मुझे बेड पर लिटाते हुए कहा...."

"नही" मैने जवाब दिया....

यही की तुम बहुत ही भोले और दिल के सॉफ इंसान हो.....

शिवानी अब मेरे ऊपेर चड़ी चली आ रही थी एक तो उसका गदराया सोने जैसा बदन ऊपेर से उसके बंदन से उसके कवरेपन की आती मादक खुसबू और उसकी गरम जवानी और उसके रूम का माहौल मुझे नसीला बना रही थी मेरा लंड फिर से जवान हो गया था ....

शिवानी का बेड बहुत ही मुलायम और मखमली था और उपर से शिवानी का मखमली बदन अब मैं अपने आपे मे नही रह पा रहा था मैने भी शिवानी को अपने ऊपेर खींच कर उसके गर्दन पर कान के पीछे उसके बूब्स के ऊपेर गालों पर आँखों पर वेट किस करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ शिवानी की चूत को अपने खड़े लंड पर दबा रहा था और उसके मस्त गांद की गोलैईयों को मसल रहा था..... वो तूफान दोनो तरफ उमड़ रहा था...

पर मैं यह प्रेम पवित्र रखना चाहता था... और इंतेज़ार कर रहा था की जब तक शिवानी ना कहेगी उसको चोदुन्गा नही .....

शिवानी की साँसे बहुत तेज़ चलने लगी थी.... उसके औंठ थरथराने लगे थे उसकी आवाज़ निकलनी बंद हो गई थी वो तो पागलो की भाँति अपना बदन मेरे बदन से रगड़ रही थी और उसने मेरे रोब खोल कर मेरे सीने पर किस करना चालू कर दिया था वो मेरे निपल चूस रही थी........ उसके ऐसा करने से मेरे लंड मे तनाव बढ़ता जा रहा था... मेरी प्रतिग्या मुझे टूत्तती हुई से नज़र आ रही थी...... पर शिवानी रुकने का नाम ही नही ले रही थी.....

" हा मनु.....ह्म्‍म्म्मममम ....ह्म्‍म्म्मम आइ......ल्ल्ल्लोवे. .. उउउ वेरी मच... मैं तुम्हारी हू मेरा शरीर तुम्हारा है मेरी आत्मा तुम्हारी है.......मनुव्व मुझे अपने मे समा लो.... प्ल्ज़्ज़ मनु.... मेरे को ना जाने क्या हो गया है मुझे नही पता..."

क्रमशः...................
 
प्यार का रिश्ता --3

मैने शिवानी को अपने ऊपर से हटा कर बगल मे लिटाया..... और उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा और उसका माथा चूम लिया... फिर उसको कहा शिवानी मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हू पर तुम्हारा शरीर मैं गंदा नही करना चाहता.... मेरी भी आत्मा तुम्हारी है... पर मैं तुम्हारी आत्मा को धोका नही देना चाहता और ऐसा कहते कहते मैं शिवानी के गाल , आँख नाक , कान, गर्दन उसके बू(.) (.)ब्स पेर वेट किस कर रहा था मैं शिवानी को किस करता करता नीचे की और बढ़ चला मैने शिवनाई के ना तो मम्मो को टच किया था नही चूत के आस पास शिवानी मेरे हर किस पर कसमसा कर मेरे बालो को पकड़ कर मेरा मूह अपने शरीर मैं गाड़ते जा रही थी.....मैं अब शिवानी के पतले रेशमी गाउन से उसकी नाभि तक पहुच गया था जैसे ही मैने उसकी नाभि को गाउन के ऊपेर से ही अपने मूह मे भर कर चूसना शुरू किया तो शिवानी तड़प उठी... शिवानी शीयी सीयी मनुव्व मैं मार जऊन्गीइ... .... बहुत प्यार करो मुझे, मैं जनम जनम से इस प्यार के लिए तड़प रही हू....... '

कंट्रोल करना तो मेरे लिए भी मुश्किल होता जा रहा था मेरा लंड भी थरथरा रहा था.... पर मे इंतेज़ार कर रहा था की शिवानी कहे की तुम अपना लंड मेरी चूत मे डालू...

मैने उसके ऐसे ही चूमते और सहलाते हुए उसकी चूत के एरिया के आस पास आया वाहा से शिवानी की जवानी की बहुत ही मादक खुसबू निकल रही थी शिवानी की वाइट पॅंटी मुझे गीली लग रही थी...मैने शिवानी की जांगे सहलाते हुए उसकी चूत के ठीक उपर किस किया गाउन और पॅंटी के ऊपेर से ही... शिवानी की सीत्कार बढ़ गयी थी..... और जैसे ही मैने शिवानी की इन्नर थाइस को नाइट गाउन के ऊपेर से किस किया तो शिवानी बहुत जोरो से तड़प उठी और शायद झाड़ गयी थी.. शिवानी के साँसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी और वो अपने होंठो को दाँतों से दबा रही थी.....

शिवानी ने कहा "मनु मेरा बदन प्रेम की अगन मे जल रहा है.... कुछ करो प्ल्ज़्ज़...."

"शिवानी .... इस अगन को सम्भालो यह किसी की अमानत है... हम ऐसा नही कर सकते....." मैं फिर भी तड़पाना चाहता था......

" मैं कुछ नही जानती कुछ करो........ "

"क्या करू मैं..." मैने कहा

" वोही जो ऐसे वक़्त तुम अपनी पत्नी से करते हो"

" वोही तो कर रहा हू....."

" नही नही कुछ ज़्यादा करो"

नही शिवानी प्ल्ज़्ज़ अभी कुछ दिन और सबर करो......

और मैं शिवानी के बगल मे लेट गया शिवानी मेरे ऊपेर आ गई जैसे वो मुझे चोद रही हो ऐसे वो अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़ने लगी और बड़बड़ाने लगी.....
 
मैं कुछ बोलने वाला था तभी उसने मेरे औंठ अपने औंठ मे लेलीए और चूत को मेरे लंड पे रगड़ना तेज़ कर दिया.. मैं रोब पहने हुआ था जिससे रोब खिसक गयी थी और मेरा लंड मेरी चड्डी के अंदर से शिवानी की कुँवारी चूत पर रगड़ खा रहा था शिवानी जोरो से रगड़ते हुए झदने लगी साथ ही साथ मैं भी अपनी चड्डी मे झाड़ गया शिवानी बहाल होकर मेरे ऊपेर लेट गयी........

बहुत देर तक हम ऐसे ही पड़े रहे और शिवानी को अपने ऊपेर लेटाए हुए ही मैं उसकी पीठ और गर्दन और गांद सहलाता रहा.... शिवानी के मस्त बूब्स मेरी छाती मे दबे हुए थे....

मैने शिवानी का माथा चूमा आँखे चूमि और उससे कहा

" जान मुझे बाथरूम जाना है और प्ल्ज़्ज़ मुझे चाइ मिलेगी क्या एक कप...."

" वो मुझे घूर के देखती रही फिर धीरे से बोली हा.. मेरे सनम मेरे जानम चाइ मिलेगी" और वो उठ गई.... जैसे ही शिवानी हटी तो उसकी पॅंटी मुझे पूरी गीली नज़र आई और उसका पानी भी मुझे अपने पेट और जाँघो पर गिरता हुआ महसूस हुआ... जबकि मेरा लंड अभी पूरा नही बैठा था वो अभी भी आधा खड़ा था.....

"एक बात कहू मनु....."

" हा जान कहो" पूछना क्या

"जैसे तुम मस्त हो वैसे ही तुम्हारा शरीर का हर एक हिस्सा बहुत मस्त है" वो मेरे लंड की तरफ देखते हुए बोली.....

मैं झट से उठकर बाथरूम गया और तारीफ सुनकर लंड मे फिर से जान आने लगी थी सो उसे फिर से मूठ मारकर ठंडा किया.....

मैं अब तक यह नही समझ पा रहा था की इतने पैसे वाली लड़की के इश्क़ मे मैं कैसे गिरफ़्त मे आगेया... और वो तो चुदवाना चाहती है पर मेरा दिल उसको चोदने से मना क्यों कर रहा है....
 
मैं चड्डी उतार कर बाथरूम मे धोकर वैसे ही रोब पहनकर फिर से आकर बेड पर लेट गया... समय देखा तो इस समय रात के 2 बज रहे थे...शिवानी थोड़ी देर मे चाइ की ट्रॉल्ली लेकर कमरे मे दाखिल हुई मैने रूम की लाइट्स जला दी थी शिवानी के शरीर को देख कर मेरा मन फिर से ललचाने लगा... अब वो अपनी ब्रा और पॅंटी उतार चुकी थी... सेमी त्रस्परेंट गाउन मे से उसके अंग प्रत्यंग सॉफ नज़र आ रहे थे...... हम दोनोने चाइ और कुछ स्नॅक्स लिए फिर बातों का दौर शुरू हुआ.... पता नही बात करते करते कब हम सो गये...... सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं बिल्कुल बिर्थडे सूट मे सोया हुआ था और शिवानी का भी गाउन निकला हुआ था.... वो मेरे से चिपकी सोई पड़ी थी... मैं रात की घटनाओ को अपने दिमाग़ मे सोचता रहा और मेरा ध्यान शिवानी की सॉफ चिकनी चमकती हुई गुलाबी चूत पर केंद्रित हो गया. शिवानी बहुत गहरी नींद मे सोई हुई थी जबकि दिन का उजाला निकल चुका था. शिवानी मदरजात नंगी मेरी बगल मे लेटी हुई किसी ख्वाब मे थी. मेरा लंड फिर से जवान होने लगा था ... एक बार तो इच्छा हुई की जो होगा तो देखा जाएगा अब तो बहुत हो गया अब तो इसे चोद ही डालू पर मैं अपने आप पर काबू रखे रहा.... मैं धीरे से पलंग से उतरा और बाथरूम की और जाने ही वाला था लेकिन शिवानी के मदमाते शरीर ने मुझे रोक लिया मैं आज भरपूर शिवानी को बिल्कुल मदरजात नंगी सोते हुए देख लेना चाहता था..... मन नही माना तो मैं अपने मूह को शिवानी की चूत के पास ले गया वाहा से उसके पेशाब और चूत के रस की मिलीजुली सोंधी सोंधी सी स्मेल आ रही थी जो की मेरे दिमाग़ मे शिवानी के साथ सेक्स करने को प्रेरित कर रही थी पर मैं अपने आत्म बल से कोई स्मझोता नही करना चाह रहा था मुझे मेरा अत्म बल डगमगाता सा लगा. लेकिन फिर कंट्रोल किया मैने एक बार फिर से किसी बंद कमल की पंखुड़ियों की तरह उस गुलाबी चमकती गद्दे दार चूत की तरफ देखा और एक चुम्मा लेलिया और जीभ से उसको थोड़ा सा चॅटा बड़ा अजीब सा स्वाद मिला. मैं शिवानी की पॅंटी लेकर बाथरूम मे घुस गया और जहा उसकी चूत से पॅंटी चिपकती होगी उसको सूँघा सूंघने से शिवानी की पेशाब और रस की मिलीजुली स्मेल मिली मैने उसे मूह मे लेकर चूसना शुरू किया और अपने लंड को फिर मुठिया लिया फ्रेश होकर मैं तैयार होकर ही बाथरूम से निकला तब तक शिवानी भी बेड पर से उठकर ना जाने कहा चली गई थी रूम बाहर से लॉक्ड था. मुझे यह लड़की बहुत ही रेहश्यमय लग रही थी. नही तो कोई भी जवान लड़की किसी अंजान के साथ ऐसे रात क्यों गुज़ारती.

मैने शिवानी के रूम के फोन से शिवानी को फ़ोन करने के लिए जैसे ही रेसिवेर उठाकर अपने कानो से लगाया तो मेरे बिना हरकत किए शिवानी की आवाज़ मेरे कानो से टकराई..

"गूओड़ मॉर्निंग मेरे हमदम..... माइ लव"....

मैं चौंक गया की यह आवाज़ कहा से आ रही है... मैने रेसिवेर के माउत पीस से हेलो बोला तो फिर हेलो की आवाज़ कानो से टकराई...... .. देखा घूम के तो शिवानी चाइ और नाश्ते की ट्रे लिए खड़ी थी शिवानी सलवार सूट पहने हुए थी पिंक कलर की

"गुड मॉर्निंग स्वीट हार्ट" कहते हुए जाकर उसको अपने से लिपटा लिया और एक किस किया

हम दोनो ने चाइ पी और ब्रेकफास्ट लिया फिर मैने शिवानी से अपने होटल जाकर अपना समान और चेकाउट करने के लिए बोला

शिवानी ने कहा " डियर कोई ज़रूरत नही है कही भी जाने की और परेशान होने की आप मेरे दिल के राजा है तो मैं आपका पूरा ख्याल रखूँगी... " " मैने आपका पूरा समान यहा बुलवालिया है आपकी होटेल से और हा... आपका चेकआउट बिल पैड कर दिया गया है यह रहा बिल "

मैने कहा आपने तक़लीफ़ क्यों की मैं खुद ले आता क्या मेरे पे भरोसा नही है...

"नही ऐसी बात नही है...." शिवानी बड़े प्यार से बोली....
 
"मनु तुम सचमुच मनुता हो.... मैने तुमको रात मे देख लिया यदि तुम्हारी जगह कोई और होता तो मैं आज कुँवारी ना रहती." मैने रात तुम्हारी चाइ मे नसे की गोली डाल दी थी फिर जब तुम सो गये तो मैने तुम्हारे कपड़े उतार कर तुम्हारे उस को बहुत चूसा बहुत मज़ा आया और अपनी वो तुम्हारे उससे बहुत रगडी और तुम्हारे मूह से भी रगडी......फिर मैं भी वैसे ही सो गई......" प्ल्ज़ मुझे माफ़ कर देना....

मैने नकली गुस्सा बताते हुए कहा " शिवानी तुमको ऐसा नही करना चाहिए.... अब तो किया अब आगे मत करना...."

आगे कहती गई " वैसे कौन कम्बखत कुँवारा रहना चाहता है तुम्हारा शरीर देखकर... मेरी दीदी यानी तुम्हारी वाइफ तो बड़ी खुस रहती होगी तुमसे"

"हा रहती तो है..." मैने उसको जवाब दिया...

" वैसे तुमने कंट्रोल कैसे किया......"

" मैने अपने गुरु से काम शस्त्रा सीखा है इसलिए..."

" अछा तो फिर किसी दिन वो हुनर भी देख लेंगे'" शिवानी बोली...

" ज़रूर" " पर उसका सही समय आने पर और सही तरीके से.....

"अछा जनाब उसका भी तरीका होता है" मैं जानना चाहूँगी वो तरीका.....

"खैर छोड़ो यह बताओ..... तुम्हारी पॅकिंग हो गई..." मैने शिवानी से कहा...

" मैं तो अभी तक रेडी और पॅक ही हू..... मेरी पॅकिंग अभी खुली कहा है..." शिवानी द्वियार्थी सेंटेन्स बोल रही थी...

हम दोनो हंस पड़े....

" मैने शिवानी से कहा मैं थोड़ा घूम आऊ फिर आता हू..."

नही मनु मैं तुमको यहा से सीधे रेलवे स्टेशन ले जाऊंगी वो भी आगरा निज़ामुद्दीन नही...

आगरा तक हम दोनो कार से गये और वाहा से हम उसी ट्रेन मे एसी फर्स्ट क्लास मे सागर तक आए....

सागर आकर मैने शिवानी को एक होटेल मे रोका और दूसरे दिन उसकी यूनिवर्सिटी मे अड्मिशन की फॉर्मॅलेटीस पूरी करवाई....अब शिवानी को एक कमरा देखना था लेकिन मैने जब से उसका वैभव देखा था तो उसके लिए मैने एक बढ़िया सा हाई टाइप बंग्लॉ किराए पर ले दिया.... शिवानी और मैं रोज मिलने जुलने लगे..... कुछ दिन नॉर्मल ही बीते. बीच मे शिवानी को कई बार अपने घर भी ले गया और अपने परिवार वालों से मिलाया.. दोनो एक दूसरे से मिलकर बड़े खुस हुए... इधर शिवानी के कई लड़के लड़किया दोस्त हो गये थे यूनिवर्सिटी मे....कुछ से शिवानी ने मेरी भी पहचान और दोस्ती कराई.... शिवानी की एक फास्ट फ्रेंड थी सूची जो की शिवानी के बंग्लॉ पर ही रहती थी वो बहुत चुलबुली थी और मुझे जीजाजी ही बुलाती थी......सूची सेम यूनिवर्सिटी से फार्मेसी कर रही थी. शिवानी को कुछ प्रॉजेक्ट वर्क के लिए कुछ दीनो के लिए घर जाना था सो वो चली गई उसने यहा एक कार रख ली थी.. लेकिन एक दिन सूची का फोन आया.
 
सूची "जिज़्जु.... उम्म्म्ममम पुचह" उसने मुझे फोन पर किस किया....

"अरे साली जी इस सूखे सूखे किस से काम नही चलेगा" मैने कहा....

" अरे जीजू मैं तो कब से गीली हू आप ही ध्यान नही देते".... सूची बोली.....

मैने टॉपिक बदलते हुए कहा " हा बताओ किसलिए फोन किया...."

" जल्दी से आजाओ आज बहुत खुजली चल रही है"......मेरा मतलब है आपकी बहुत याद आ रही है... जब से शिवानी गई है आपके तो दर्शन ही नही हुए.... मैं वेट कर रही हू मुझे बहुत ज़रूरी काम है.....

" मैने कहा ठीक है मैं अभी थोड़ी देर मे पहुचता हू तुम खोल के रखो.... " मैने भी मज़ाक मे कहते हुए फोन काट दिया.

करीब एक घंटे बाद जब शिवानी के बंग्लॉ पहुचा तो अपनी गाड़ी पार्क करने के बाद मैने जैसे ही डोर बेल बजाई और दरवाजा को हाथ लगाया तो सामने का सीन देखकर मेरे तो होश ही उड़ गये और आँखे फटी की फटी रह गयी......

शिवानी बिकनी पहने हुए हाल मे ही ब्लूफिल्म देख रही थी........ और अपनी पॅंटी के अंदर हाथ डाल कर अपनी चूत को रगड़ रही थी......

"जीजू गेट बंद कर दीजिए गा" उसने मुझे ऑर्डर देते हुए कहा........

आक्चुयल मे सूची शिवानी से ज़्यादा खूबसूरत थी और सेक्सी भी मैं कई बार उसके मम्मे दबा चुका था और चूत पर चिकोटी काट चुका था..... शिवानी के साथ साथ सूची को भी चोदना चाहता था......

सो मैं सूची के पास गया और वाहा खड़े होकर सूची को दीवान पर लेटे हुए उसके गोल गोल गुलाबी गालों को , सूकी नुकीली नाक, 38 साइज़ के मम्मे और कम से कम 1.6-2 इंच गहरी नाभि और उसकी बिकनी जो की सिर्फ़ चूत पर धकि थी उसके बगल से झाँकति झांतो और गोरी गोरी जांघों को देखता रहा.....

"जीजू आज तो सारी हदे तोड़ूँगी ..... मुझे आपसे होना है...... समझे कोई ना नुकर नही......" सूची कहती चली गई....

सूची ने अपनी टाँगे सिकोडी और अपनी पॅंटी को सरका दिया और वो नंगी हो गई...... मुझे अपनी झांतों वाली चूत दिखाते हुए बोली....." जीजू जब से शिवानी ने तुम दोनो का दिल्ली वाला किस्सा सुनाया और यह बताया की तुमको झांते पसंद है तो मैने उसी दिन से झांते रखनी सुरू कर दी...." जीजू मुझे अपने लंड का दम दिखाओ देखो मेरी चूत कितनी गरम और पनिया रही है.... उस फिल्म की चुड़क्कड़ लड़की की तरहह....' कहते हुए शिवानी ने मेरा हाथ अपनी चूत पर रख दिया.....प्ल्ज़ जिजूउ देखो ना....

क्रमशः.................................
 
प्यार का रिश्ता --4

मैने भी कई दीनो से वाइफ को भी नही चोदा था सो मेरा भी लंड खड़ा हो गया... शुचि ने मेरे पॅंट का बटन खोला और ज़िप खोल कर पेंट नीचे सरकया...पेंट के नीचे मैं चड्डी नही पहने हुए था जिसके कारण लंड सीधा झूल गया ....

" वाउ!!!!! वॉट आ मॅसिव मॉन्स्टर'.... .....

उम्म्म्मम पूछ...पुचह उअह्ह्हाआ... ... करते हुए उसने मेरे लंड की टोपी को मूह मे लेकर चुस्सा और पूची दी... मेरा लंड खूबसूरत और गरम होंठो का स्पर्श पाकर घमंड से और अकड़ गया ........

मैने अपनी टीशर्ट निकाल दी और सूची के बदन पर अपने चुंबन के निशान छोड़ने लगा... मैने शिवानी के जैसे पिन पॉइंट को टटोला तो वो कसमसा गई....

हाई मनु( वो अब जीजू से मनु पर आ गई थी) तुम जानते हो औरत को खुस करना...... उम्म्म्मम आआआ और करो मैं जन्नत मे जा रही हू .....

मैं शिवानी के कान के पीछे लीक कर रहा था और उसकी चूत के अगाल बगल और बूब्स के कोनो पर टेंडर मसाज कर रहा था.... सूची की चूत से उसका पानी ऐसे निकल रहा था जैसे वो मूत रही हू...... मैने जैसे ही उसके मम्मो और इन्नर थाइस को अपने कब्ज़े मे लिया वो जोरो से कसमसा गई..... मैने सूची की ब्रा को फाड़ दिया और एक निपल को चूसने लगा और शुचि की बुर मे उंगली डाल कर उसे उंगली से स्क्रू जैसे चोदने लगा... मेरी उंगलिया कुछ मुलायम भी है उन्मै मास्स बहुत है और हड्डी कड़क सो उसकी चूत को मखमली ऐएहसास मिल रहा था.....

सूची कह रही थी जीजू मेरे प्यारे मनु .. मेरी चूत के राजा.... मैं तड़प रही हू.... मैं कई दीनो पहले चुदी थी तब से ऐसे तगड़े लंड से चुदवाने को तड़प रही हू पहले मेरे को चोदो...... सूची नेमेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर टीकाया.....मैने सूची को दीवान के कॉर्नर पर खीचा और उसके पैर उसकी छाती से चिपकाए और लंड उसकी चूत पर रगड़ा जिससे सूची और चुदासी होकर तड़पने लगी और मुझे गालिया देने लगी.... अरे भोसड़ी वाले मुझे तडपा क्यों रहा है चोद ना.... मैं शिवानी नही हू जो मैं रुक जाऊंगी और मान जाऊंगी... मुझे तुमसे चुदवाना ही है..... उम्म्म जल्दी पेल.....

मैने शिवानी की गीली चूत का स्वाद अभी तक नही लिया था.. सो उसकीचूत पर दो उंगलिया घूमाकर उनको सूँघा और चॅटा.. उसका स्वाद और स्मेल बहुत ही अछी थी....... सो मैने सीधे उसकी चूत को आइस्क्रीम की कोन की तरह जीभ के नुकीले हिस्से से चटा और क्लिट चूस्सा ... सूची तड़पने लगी थी... मनु मूह से बाद मे चोदना पहले अपना यह 7.5 इंची लंड डालूऊऊ.. ......

सूची की चूत बहुत टाइट थी...... सो मैने फिर से लंड सूची की बुर पर घिसना चालू किया और लंड से फिर से थाप दी उसकी चूत पर... लंड की थाप जब चूत पर पड़ती है तो उसकी आवाज़ और लंड के कदक्पन और गर्मी से चूत और ज़्यादा पनिया जाती है.......

मैने सूची की चूत के मुहाने पर लंड लगाया और धीरे से दबाया...... सूचीकी हल्की सी सीत्कार निकल गयी.... मैने जैसे ही उसके पैर संभाल कर जोरो का धक्का मारा तो सूची की चूत बहुत टाइट और गीली होने के कारण फिसल गया ..... इससे सूची और तड़प गई उसने हाथ डाल कर मेरा लंड पकड़ा और चूत के मुहाने पर टीका लिया मैने उसी अवस्था मे थोड़ा सा दबाया तो सूपड़ा सूची की गरम और गीली टाइट बुर मे घुस गया....

सूची बोली " शी जालिम मेरी चूत मे तुम्हारे लंड का स्वागत है.... साली अभी से झार गई..."

मनु... मेरे राजा मेरी बेरेहमी से चुदाई करना मेरे चिल्लाने की बिल्कुल परवाह मत करना.... तुम तो ठोक दो लंड मेरी बुर मे....... मैने कुछ और लंड घुसाया तो बहुत ताक़त लगाने पर आगे जा रहा था.... जबकि सूची की चूत लगातार झार रही थी.....
 
मैने करीब 2 इंच घुसाकर रुक गया सूची कराह रही थी और गालिया बक रही थी......और जैसे ही मैं संभला तो अपनी साँस को रोक कर भरपूर धक्का पेला फ़चाक.... .


आईईईईईईईईईईईईईईईईई ईयी मार गैिईईईईईईईईईईईईईई भोसड़ी वालीईई फ़ाआड़ डीईईईईईईईई मेरी छूतततटटटटटटटटटतत्त टतत्त आआआआआआआआ आआआआआअ मेरा लंड आधे से ज़्यादा घुस गया था..... मैने वैसे ही सूपड़ा अंदर रहने तक बाहर खींचा और फिर पूरी ताक़त से 3-4 धक्के दिए अब मेरा पूरा लंड सूची की झांतो वाली बुर के अंदर फँसा हुआ था.. ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने गरम मक्खन को गरम करके मेरे लंड पर टाइट बाँध दिया हो..... सूची दर्द मे कराह रही थी.. मेरी लोहे के रोड जैसे लंड को अपनी बुर मे ठुकवा रही थी और चिल्ला रही थी.....

आआ और ठोको यह मदर्चोद बहुत फुदक्ति है ..... डिपार्टमेंट मे 6 महीने पहले चुदवाया था तो वो साला दो धक्के मार कर झाड़ गया था साले का लंड छोटा था और पतला भी....मनु तुम तो खून निकाल दो मेरी चूत से..... मैने लंड थोड़ा बाहर खीचा तो लंड पे सूची का थोड़ा सा खून लगा हुआ था... मैने उसी अवस्था मे फटा फट बहुत गहरे धक्के मारे 10-15 जिससे मेरे अंडों मे भी उबाल आना सुरू हो गया था मैने लंड को उसी अवस्था मे छोड़ कर धीरे से सूची के पैर अपने कंधे पर किया और उसके मम्मे मसलना और निपल को चूसना चालू किया करीब 5-7 मिनिट तक ऐसा करने से सूची भी नॉर्मल हो गई और मेरा भी उबाल सांत हो गया फिर मैने सूची को धीरे धीरे बहुत प्यार से चोदना शुरू किया.... मैं ज़मीन पे खड़ा था और सूची दीवान के किनारे थी उसकी चूत से पानी बह रहा था जिसे ठप ठप्प की आवाज़ आती थी..... सूची ने अब थोडा बड़बड़ाना ज़्यादा कर दिया था जिससे लगा की वो झरने के बहुत करीब है सो मैने भी उसकी चूत की मालिश करते हुए चोदने की स्पीड बढ़ा दी और एक उंगली सूची की गांद के छेद और चूत के बीच मालिस करता जा रहा था....

" हेया राजा जिस दिन शिवानी तुम से चुदवायेगि वो तो निहाल ही जो जाएगी..... उम्म्म्म और तीज़्ज़्ज़ चोदूओ..... ... तुम्हारे लंड मे बहुत दम है मेरे राजा.... एयाया मेरी बुर की खुजली मिटा दो..... उम्म्म्ममममममम. ... सीईईईई आआ ठोको जोरो से........ एयाया मनुव ववववव..... मैईईइ ईयाययाया गायीईईईईईई मैने अब सूची के दोनो पेरो को जोरो से पकड़ कर तबाद तोड़ धक्के मारे और सूची झार गाइ मैं भी झरने के कारिब था सो मैने उससे पूछा कहा लोगि.... राजा आज तो अंदर ही करो...... आआआआआ और मैने फिर से साँस रोक कर फ़ाचा फॅक 3-4 धक्के मारे.... और लंड सूची की बुर की गहराई मे टीका दिया जहा वो ना जाने कितनी बार झारा और साथ ही साथ सूची भी झर्री मैं लंड को सूची की बुर मे ही डाले उसके ऊपेर लेट गया........ .......
 
कुछ देर लेटने के बाद जब लंड मुरझगया तो मैने सूची की बुर मे पेशाब किया जिससे वो बिल्कुल अनभीग्या थी..... यह क्या मनुव्व यह क्या कर रहे हूऊओ बहुत गरम हाई मेरा पेट फूल रहा हाई आआ और जब मैं पेशाब कर चुका उसकी चूत के अंदर तो मैं सूची के बगल मे लूड़क गया सूची बुर से मैने अपनी पेशाब किसी फव्वारे की तरह निकलते देखी....... . सूची तब भी आआआ ऑश यह क्या निकल रहा है.....

तब मैने सूची को बताया...... ... सूची की बुर को देखा तो उसका मूह फैल गया था....... उस दिन सूची मेरे से 2 बार और चुदवाइ और यह सिलसिला शिवानी के आने तक चलता रहा.......

अब जब शिवानी यूनिवर्सिटी जाती तो मैं और सूची मिलकर चुदाई कर लेते थे......... . एक दिन शिवानी जल्दी घर वापिस आ गयी उसने मेरे को अपने घर से आते हुए रास्ते मे देखलिया उसने मेरे से कहा अपनी गाड़ी यही छोड़ दो और मेरे साथ बैठो....

मैं उसके साथ उसकी गाड़ी मे बैठ गया... शिवानी और मैं लोंग ड्राइव पर निकल गये.. मैने अपने एक फ्रेंड को फोन कर के मेरी गाड़ी उठा कर शिवानी के बंग्लॉ पर रखने के लिए कहकर निसचिंत हो गया ..

"आजकल आप अपनी साली जी पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान हो रहे है....." शिवानी मेरे से कुछ शक करते हुए कह रही थी...

" मेहरबान नही मैं और सूची कई बार मिल चुके है" ' मेरा मतलब है की हम दोनो के अंग से अंग" यानी की मैं उसको कई बार कर चुका हू....

" मनु तुमको शर्म नही आती!!! मेरे से स्ट्रेट फ़ॉर्वाड़ कह दिया" शिवानी थोड़ा तुनक कर बोली....

अब तक हम एक वीरान रास्ते पर आ गये और मैने गाड़ी को नदी के किनारे झाड़ियों के बीच मैं पार्क करवाया जहा से हमारी गाड़ी को सिर्फ़ एरोप्लेन से या बिल्कुल पास आकर ही देखा जा सकता था......मैने अपने सीट को फोल्ड कर लिया तो वो सिंगल बेड हो गयी....

शिवानी ने गुस्से से कहा मनु यह ठीक बात नही है मैं तुमसे कुछ पूछ रही हू और तुम तनिक भी सीरीयस नही हो.....

मैने कहा जैसे मैं लेट गया हू वैसे तुम भी लेट जाओ फिर बाते करैन्गे और तुम्हारे हर सवाल का ज्वाब भी देंगे.......

शिवानी ने वैसा ही किया......

अब मैं और शिवानी उसकी कार के आगे की सीट्स को फोल्ड करके बेड की तरह इस्तेमाल कर रहे थे और हम दोनो एक दूसरे के अगाल-बगल मे लेटे हुए थे.

मैं शिवानी को बहुत गौर से देख रहा था...... हम दोनो चुप थे. मैं जानता था की शिवानी के अंदर कई शक और सवालों के तूफान अंगड़ाई ले रहे है. बहुत देर तक ऐसे ही लेटने के बाद पहले मैने हरकत करी और मैं शिवानी के ऊपेर चढ़ गया और उसको किस करने लगा और पहली बार शिवानी के मदमाती गोलाईयो का स्पर्श अपनी हथेली से किया.....

" आररी.....अर्रे. .... यह क्या?!?!?! मनु..... प्लज़्ज़्ज़्ज़ ऐसा मत करो.... रूको तो सही ........" शिवानी मिस्रित भाव से झुंझलाती हुई और मुझे अपने ऊपेर से हटाने की कोशिश करती हुई बोली लेकिन मैने अपने हाथों का प्रेशर उसकी जवानी की गोलाईयो पर बढ़ा दिया.... शिवानी पतले कपड़े का सूट और वैसे ही ब्रा पहने हुए थी जिसके कारण मैं उसके निपल्स का ऐएहसास अपने हथेली के नीचे कर रहा था...... अब शिवानी ज़्यादा विरोध नही कर रही थी..... मैने शिवानी के पैर फैलाए और उसकी सलवार के बीच मे अपना राइट घुटना रगड़ना चालू कर दिया... शिवानी शायद एमसी से थी सो वो चिल्ला पड़ी..." मनु यह क्या हो गया है आज तुम्हे...... तुम से मुझे ऐसे उम्मीद नही थी......"

मैं उसको मुस्कुराते हुए देखता रहा और मैं उसके ऊपेर से हट कर अपनी सीट को वापस उठा कर बैठ गया ......

वो काफ़ी देर तक मुझे बड़बड़ाते रही और गालियाँ देती रही....... शिवानी को सच मे बहुत गुस्सा आ गया था वो भी सीट उठाकर बैठ गई.....

मैने कहा 'शिवि चल जल्दी से गाड़ी स्टार्ट कर ... और वापिस चल"

हमारी गाड़ी चल पड़ी.... वापिस आते आते तक हम दोनो मे से किसी ने बात नही की सिर्फ़ मैं ही किसी रोमॅंटिक गाने को सिटी बजाते हुए गुनगुनता बैठा रहा.... जैसे ही गाड़ी सहर मे दाखिल हुई.... शिवानी ने मेरी तरफ देखा और उसके आँसू निकल पड़े.... बोली " मनु. मुझे बहुत दुख है की तुमने अपना वादा और मेरा विश्वास दोनो तोड़ दिए...." तुम भी दूसरे मर्दों जैसे बेवफा निकले.... अब हम कभी नही मिलेंगे..... .

मैने कहा "शिवि जी गाड़ी रोकिए प्ल्ज़....."

उसने गाड़ी रोक दी....मैं उतरा और गेट लगाते हुए कहा " बाइ माइ डार्लिंग..... .."

इसके पहले की वो कोई जवाब देती मैने एक ऑटो पकड़ा और उसमे सवार होकर अपनी मंज़िल को और निकल गया ............
 
करीब 1-1½ साल तक हम यूँ ही किन्ही दो अजनाबियो की तारह मिलते रहे मैं जानता था की जैसा उसके बिना मैं तड़प रहा हू वैसे ही वो भी तड़प रही होगी.. पर मैं जो करना चाहता था की उसके दिल मे अपने लिए नफ़रत पैदा करना वो मैं कर चुका था... इसके साथ साथ मैं और सूची मेरे प्लेसस पर मिलकर खूब चुदाई करते सूची ने अपनी दो सहेलियों को भी मेरे से चुदवाया था...पर मैं कभी सूची से शिवानी के बारे मे नही पूछता था यदि वो बात करती तो मैं उसे डाँट देता था और उसकी उसे कीमत तबाद-तोड़ चुदाई से चुकानी पड़ती थी..और एक दिन हम एक दोस्त की एंगेज्मेंट पार्टी पर बैठे हँसी मज़ाक कर रहे थे... मेरा और शिवानी का रिश्ता सभी को मालूम था मुझे मेरे दोस्त भगवान से भी ज़्यादा प्यारे है सो मैं उनसे खूब मिलता जुलता था.....मेरे दोस्त अश्विन की होने वाली बीबी और हम 5-6 दोस्त फंक्षन निपटाने के बाद एक रूम मे बैठकर हँसी मज़ाक कर रहे थे... तभी मेरे दोस्त की होने वाली बीबी(अनु) जिसकी सगाई कुछ देर पहले हुई थी मेरे से पूछ बैठी......

" मनु जी जब जब इनसे (यानी उसके होने वाले पति से और मेरे दोस्त से) फोन पर बात होती थी तो आपकी मोहब्बत की चर्चा ज़रूर होती थी..."

"वो ना जाने कितनी ख़ुसनसीब लड़की रही होगी जिसको आपने पवित्र प्यार दिया....."

"पर आज मैं आपसे कुछ माँगना चाहती हू उम्मीद है आप मुझे निराश नही करेंगे यही मेरे जीवन की सबसे बड़ी और मेरी एँगमेंट का और मेरी शादी का गिफ्ट भी होगा" अनु मेरे से बोली

" बताइए क्या चाहती है"...... मैने कहा...

" आपने उसे... या उसने आप को क्यों छोड़ दिया".... प्ल्ज़ बताइए

"देखिए अनु जी इस मुबारक मौके पे हम जैसे नासुक्रे लोगो से बात तो क्या उनकी परछाईयों से भी बचना चाहिए" मैने अनु को कहा...

" मनु जी आपसे किसने कह दिया आप नासुक्रे इंसान है.. आप जैसा मनुता तो शायद ही बिरला कोई इंसान होगा..." बताइए ना प्ल्ज़्ज़ अनु ने फिर रिक्वेस्ट की...

अनु की रेक़ेस्ट का साथ सभी ने दिया....

मैने कहा " ठीक है सबकी यही इक्च्चा है तो यही सही पर यह बात किसी बी तरह शिवानी तक नही पहुचनी चाहिए"

देखो यार मैं शादी सुदा एक बाल-बच्चोदार आदमी हू" अब इस उमर मे आकर यह प्यार-इस्क़-मोहबत बेमानी है.....

वो अभी नादान लड़की है उसको समझाने वाला कोई नही है... उसके मा बाप मार चुके है रिश्ते दारों का पता नही ऐसे मे उसके जज्बताओं के साथ नही खेल सकता.... उसकी आत्मा पवित्र है उसका शरीर पवित्र है मैं उसे छूकर गंदा नही करना चाहता...... मैं आज भी उसे अपनी जिंदगी से ज़्यादा प्यार करता हू.. मैं उसको पाना चाहता हू मैं उसका होना चाहता हू पर मैं यह सब नही कर सकता....... .. मैं भी चुप हो गया और कमरे मे भी सन्नाटा छा गया ....
 
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