hotaks444
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मैने निर्णय कर लिया की मेरा शरीर, मेरी आत्मा सब कुछ तुम्हे ही सोपूंगी... मैं तुम्हारी मीरा बन कर रहूंगी....
"शिवानी मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा की कोई इतनी खूबसूरत, इतनी सेक्सी और तो और रुतबे वाली लड़की मेरे पर मरसकती है"
'नही शिवानी नही...... प्लीज़ अपने आप को रोक लो नही तो इस प्यार के मारे मेरे दिल की धड़कन ही ना बंद हो जाए".....मैं इतना अछा नही हू जितना तुम सोचती हो मैं बहुत ही बुरा इंसान हू.....
" तुम जानते हो तुम्हारी सबसे बड़ी खूबी क्या है' शिवानी ने मुझे बेड पर लिटाते हुए कहा...."
"नही" मैने जवाब दिया....
यही की तुम बहुत ही भोले और दिल के सॉफ इंसान हो.....
शिवानी अब मेरे ऊपेर चड़ी चली आ रही थी एक तो उसका गदराया सोने जैसा बदन ऊपेर से उसके बंदन से उसके कवरेपन की आती मादक खुसबू और उसकी गरम जवानी और उसके रूम का माहौल मुझे नसीला बना रही थी मेरा लंड फिर से जवान हो गया था ....
शिवानी का बेड बहुत ही मुलायम और मखमली था और उपर से शिवानी का मखमली बदन अब मैं अपने आपे मे नही रह पा रहा था मैने भी शिवानी को अपने ऊपेर खींच कर उसके गर्दन पर कान के पीछे उसके बूब्स के ऊपेर गालों पर आँखों पर वेट किस करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ शिवानी की चूत को अपने खड़े लंड पर दबा रहा था और उसके मस्त गांद की गोलैईयों को मसल रहा था..... वो तूफान दोनो तरफ उमड़ रहा था...
पर मैं यह प्रेम पवित्र रखना चाहता था... और इंतेज़ार कर रहा था की जब तक शिवानी ना कहेगी उसको चोदुन्गा नही .....
शिवानी की साँसे बहुत तेज़ चलने लगी थी.... उसके औंठ थरथराने लगे थे उसकी आवाज़ निकलनी बंद हो गई थी वो तो पागलो की भाँति अपना बदन मेरे बदन से रगड़ रही थी और उसने मेरे रोब खोल कर मेरे सीने पर किस करना चालू कर दिया था वो मेरे निपल चूस रही थी........ उसके ऐसा करने से मेरे लंड मे तनाव बढ़ता जा रहा था... मेरी प्रतिग्या मुझे टूत्तती हुई से नज़र आ रही थी...... पर शिवानी रुकने का नाम ही नही ले रही थी.....
" हा मनु.....ह्म्म्म्मममम ....ह्म्म्म्मम आइ......ल्ल्ल्लोवे. .. उउउ वेरी मच... मैं तुम्हारी हू मेरा शरीर तुम्हारा है मेरी आत्मा तुम्हारी है.......मनुव्व मुझे अपने मे समा लो.... प्ल्ज़्ज़ मनु.... मेरे को ना जाने क्या हो गया है मुझे नही पता..."
क्रमशः...................
"शिवानी मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नही हो रहा की कोई इतनी खूबसूरत, इतनी सेक्सी और तो और रुतबे वाली लड़की मेरे पर मरसकती है"
'नही शिवानी नही...... प्लीज़ अपने आप को रोक लो नही तो इस प्यार के मारे मेरे दिल की धड़कन ही ना बंद हो जाए".....मैं इतना अछा नही हू जितना तुम सोचती हो मैं बहुत ही बुरा इंसान हू.....
" तुम जानते हो तुम्हारी सबसे बड़ी खूबी क्या है' शिवानी ने मुझे बेड पर लिटाते हुए कहा...."
"नही" मैने जवाब दिया....
यही की तुम बहुत ही भोले और दिल के सॉफ इंसान हो.....
शिवानी अब मेरे ऊपेर चड़ी चली आ रही थी एक तो उसका गदराया सोने जैसा बदन ऊपेर से उसके बंदन से उसके कवरेपन की आती मादक खुसबू और उसकी गरम जवानी और उसके रूम का माहौल मुझे नसीला बना रही थी मेरा लंड फिर से जवान हो गया था ....
शिवानी का बेड बहुत ही मुलायम और मखमली था और उपर से शिवानी का मखमली बदन अब मैं अपने आपे मे नही रह पा रहा था मैने भी शिवानी को अपने ऊपेर खींच कर उसके गर्दन पर कान के पीछे उसके बूब्स के ऊपेर गालों पर आँखों पर वेट किस करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ शिवानी की चूत को अपने खड़े लंड पर दबा रहा था और उसके मस्त गांद की गोलैईयों को मसल रहा था..... वो तूफान दोनो तरफ उमड़ रहा था...
पर मैं यह प्रेम पवित्र रखना चाहता था... और इंतेज़ार कर रहा था की जब तक शिवानी ना कहेगी उसको चोदुन्गा नही .....
शिवानी की साँसे बहुत तेज़ चलने लगी थी.... उसके औंठ थरथराने लगे थे उसकी आवाज़ निकलनी बंद हो गई थी वो तो पागलो की भाँति अपना बदन मेरे बदन से रगड़ रही थी और उसने मेरे रोब खोल कर मेरे सीने पर किस करना चालू कर दिया था वो मेरे निपल चूस रही थी........ उसके ऐसा करने से मेरे लंड मे तनाव बढ़ता जा रहा था... मेरी प्रतिग्या मुझे टूत्तती हुई से नज़र आ रही थी...... पर शिवानी रुकने का नाम ही नही ले रही थी.....
" हा मनु.....ह्म्म्म्मममम ....ह्म्म्म्मम आइ......ल्ल्ल्लोवे. .. उउउ वेरी मच... मैं तुम्हारी हू मेरा शरीर तुम्हारा है मेरी आत्मा तुम्हारी है.......मनुव्व मुझे अपने मे समा लो.... प्ल्ज़्ज़ मनु.... मेरे को ना जाने क्या हो गया है मुझे नही पता..."
क्रमशः...................