Indian Sex Story प्यार का रिश्ता - Page 4 - SexBaba
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Indian Sex Story प्यार का रिश्ता

मैने कहा क्या फाड दू तुम्हारी मेरा क्या अंदर करू तुम्हारी मे......"

" अरे मेरी चूत बहुत खुज़ला रही है अपना लंड पेल दो मेरी चूत मे......" अब सहन नही होता...... .... प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़

मैने शिवानी की टाँगों को जितना फैलाया जा सकता था फैलाया और बहुत सारी वॅसलीन शिवानी की चूत मे भर दी और अपने सुपादे पर लगाली....

और जैसे ही मैने अपने लंड की ताप शिवानी की बुर पर दी शिवानी उछल पड़ी.... मैं अपना लंड शिवानी की चूत मे रगड़ रहा था कुछ तो वॅसलीन और शिवानी की चूत के कारण अछा चिकना पन मेरे लंड और चूत मे था सो शिवानी की चूत मेरे लंड के टच होते ही फूल और पिचाक रही थी जैसे वो साँस ले रही हो......

शिवानी ने लंड पकड़ कर अपनी योनि द्वार पर लगाया मैने शिवानी की कमर थाम ली......

मैने शिवानी से कहा ... थोड़ा दर्द होगा प्ल्ज़ सहन करने की कोशिश करना......

शिवानी ने सिर हिलाकर अपनी सहमति दी....

शिवानी की चूत के छेद पर लंड टिककर जैसे ही दबाया तो शुपड़े का अगला हिस्सा अंदर हो गया .... शिवानी के मूह से कराह निकलने लगी...... मैने बहुत ही धीरे धीरे सूपड़ा अंदर किया और रुक गया ... शिवानी कराह रही थी और उसकी आँख से आँसू निकल आए थे मैं शिवानी के पूरे शरीर को सहला रहा था... कुछ देर बाद रुकने के बाद मैने थोड़ा शुपडा बाहर खींचा और थोड़ा ताक़त से धक्का मारा तो लंड थोड़ा ज़्यादा अंदर तक घुस गया...... शुवानी की चूत बहुत गरम और लिसलीसी हो रही थी.... अब शिवानी थोड़ी जोरो से चिल्लाने लगी थी...... मुझे इस आवाज़ से बहुत प्यार था इसलुए मैने इस आवाज़ को रोकने का बिल्कुल भी प्रयास नही किया.. क्योंकि इसी आवाज़ मे औरत की सन्तुस्ति का राज छिपा होता है....... मैं शिवानी के मम्मे लगभग मरोड़ और काट रहा था वो लाल से नीले रंग के होते जा रहे थे.... मैने कुछ देर तक आधा लंड घुसाए ही शिवानी को चोदा....... और जब आधा लंड आसानी से शिवानी की चूत मे सफ़र करने लगा और शिवानी को मज़ा आने लगा और वो दर्द भूलने लगी तभी..... फ़चक से अपनी साँस रोक कर जितनी ताक़त मैं अपने पेट और लंड से पैदा कर सकता था कर के जोरदार धक्का मारा और शिवानी की सील को चीरता हुआ लंड शिवानी की चूत मे समा गया मेरा लंड शिवानी की चूत मे पूरा जड़ तक धसा हुआ था....... और इधर शिवानी के सबर का बाँध टूट चुका था " अरे मर गैइइ मैईन.... आईईईई माआआआआआअ. .. मुझे बचाओ... . मनुव बाहर निकालूऊऊऊऊओ आआआआआआआ मेरी चूत फट गैिईईईईईई. ..."''''

मैने वैसे ही मैने 3-4 तबाद तोड़ धक्के दिए सो शिवानी बहाल हो गई....

क्रमशः...........................................
 
प्यार का रिश्ता --7

एयेए ये क्या कियाअ.... मुझे नही करवाना,.... ......... ..... आआआआआ.. ...

मैने शिवानी के माम्मो को चूस कर और निपल मरोड़ कर शिवानी का ध्यान चूत से हटाकर दूध पर लाया मैं लंड को चूत मे फसाए हुए उसके ऊपेर पड़ा हुआ था .....शिवानी पर मेरी पकड़ इतनी मजबूत थी को चाहकर भी तनिक भी नही हिल पायी....... .

जब शिवानी शांत हो गई तो मैने शिवानी के कान मे कहा जान अब बेड स्विच ओन करो देखो मेरे लंड ने तुम्हारी चूत कोऔर तुम्हे औरत बना दिया..... तुम्हारी चूत ने मेरे लंड का तिलक कर दिया........ . उसने जैसे ही बेड स्वित ऑन किया तो उसकी सीधे नज़र सामने लगे सीशे और ऊपेर सीलिंग मे लगे शीशे पर गई शिवानी की चूत से खून गिर रहा था.........

मैने शिवानी से कहा मेरे लंड का तो तिलक हो गया मेरा तिलक भी करो इससे .. उसने ऐसा ही किया मैने अब शिवानी के होंठो को अपने होंठो मे दबाकर और शिवानी के कंधे के अंदर से एक हाथ डाला और दूसरे हाथ से उसके मम्मे को मसला और फ़चा फॅक धक्का देने लगा शिवानी मेरे हर धक्के कॅया जवाब अपनी गांद उठाकर देती थी...... उसने अपनी टाँगे मेरी कमर मे फँसा ली थी वो झूला सरीखी झूल रही थी...... मैने शिवानी को शुरू मे बहुत धीरे धीरे धक्के लगाए बीच बीच मैं 3-4 झटके से गहरे धक्के पेल देता था पर जब स्पीड बड़ाई तो शिवानी ने बोलना शुरू किया......

एयेए... मनुव्व...... .. और्र....... ओउउर्र.र... आआआ...... .. सीईईई...... . दुख़्ता..... हाीइ..... लगे ........ राहूओ हाअ दीदी सही कह रही थी... एयाया मनु तुमने मेरे शरीर का अंग अंग ढीला कर दिया.....आआआआअ एयाया मुझे पेशाब लग रही हाईईईईई आआआअ जोरो से चोदो आआआआआ औरर्र और्र्रर और्र्र्ररर हाआआ और शिवानी झार गैईईई... .. मैने अप्निस्पीड कम कर दी मैं अभी झरने से बहुत दूर था ..... शिवानी ने बहुत सारा पानी छोड़ा था...... जब मैने शिवानी के निपल चबाना शुरू क्या और उसके क्लाइटॉरिस को मसाला तो शिवानी दुबारा धार पर आ गई.... और अब वो ज़्यादा साथ देने लगी थी.... अरे बाप रीए... हाआआ इतना मज़ाअ आता है चुदवाने मे... .. पहले जानलेवा दर्द फिर जान को सुकून देने वाला दर्द.... हाया तुम्हारा लंड मेरे पसलियों तक टकरा रहा हॅयियी हा मनुव्व ऐसे हॅयियी और्र और्र..... आआआआ चोदूओ वर्षों पुरानी मेरी तम्माना पूरी हुई..... आआआआआ मैं जीवन भार याद रखूँगिइइइ एयाया बिल्कुल वैसे ही चोदो जैसे दीदी और सूची को चोदा था.....एयाया दीदी को भी इतनी बेरहमी से चोद्ते हूऊ.... आआआअ मैने शिवानी को कहा चलो कुतिया बनजा...... . शिवानी पलंग के नीचे खड़ी होकर अपनी छाती पलग पर टीका लिया और गांद मेरी तरफ खोल की मैने शिवानी की पैर फैलाए और कमर थाम कर लंड शिवानी की बुर मे फँसाकर जैसे धक्का मारा तो शिवानी की टाइट चूत होने के कारण फिसल गया..... फिर शिवानी ने एक हाथ से लंड संभाला और मैने पहले आधा लंड धीरे धीरे पीछे से सरकया फिर तबाद तोड़ धक्के दिए.... इस बार तो शिवानी ज़्यादा चिल्ला रही थी मैं पीछे से हर धक्के के साथ शिवानी की गांद पर चांटा भी मार रहा था.... शिवानी को डूब्बल दर्द हो रहा था....... शिवानी लगातार झरे जा रही थी.... अब मेरे भी लंड मे उबल्ल आ रहा था सो मैने शिवानी को बिना लंड निकाले सीधा किया और पलंग पर पटक कर उसपर मिस्षनरी पोज़िशन मे चढ़ कर भककम चुदाई करी....

" आरीए मर गैइइ...... मेरी पसलियाअ टूट गैईई.... बचाओ कोई मुझीई मेरी बुरर्र के चीथड़े उड़ा दियी.....आआआअ आ......एयेए माइ गैइइ आआआआआआआआआअ मेराअ निकल रहाआ हेयोयीयियैयियी आआ और मैं भी बिल्कुल कररीब आ गया सो मैने लंड को शिवानी की जड़ मे ठूंस दिया और वही से पिचकारी शिवानी की बुर मे छोड़ने लगा........ ......"
 
मेरी हर पिचकार्री पर शिवानी''' ' आआआआअ मेरी चूत की जानम जनाममम की प्याअसस्स्स्सस्स बुझ गेयीयियैयियीयियी आआआआआआ आआआआआआ और कितने बार निकलोगे... ......... ......... और लंड शिवानी की चूत मे ही डाले उस पर ढेर हो गया ..... हम दोनो की साँसे बहुत तेज़ तेज़ चल रही थी.... और एसी चलने के बावजूद हम दोनो पसीने मे तरबतर थे........

मैने लंड पूरा ढीला होने पर बाहर निकाला.... कमरे मे प्र्याप्त लाइट जल रही थी..... मैने जब शिवानी की चूत की हालत देखी तो वो सूज गई थी..... और उस पर और गुलाब की पंखुड़िया मसलकर अलग हो गई थी सो चादर पर हमारे दोनो के छोड़े चुदाई रस और शिवानी के खून के दब्बे थे... कमरे का पुख़्ता इंतज़ाम किया गया था...मुझे कपड़ा पलंग के सिरहाने टंगा दिखा मैने शिवानी की चूत सॉफ करनी चाही जैसे ही हाथ लगाया तो शिवानी कराह उठी..." नैइ मेरे राजा.... बहुत दुखती हाई... मुझे बाथरूम हो आने दो......" शिवानी ने उठना चाहा पर वो दर्द के मारे उठ ना सकी....... मैं उसे सहारा देकर बाथरूम मे ले गया वो पेशाब कर के आई और कह रही थी "पेशाब करने मे बहुत दर्द हुआ और फिर धोने मे भी......... . "

मैने कहा "यहा आओ अभी प्पूरा दर्द गायब हो जाएगा...... लेटो तो ज़रा" उसे लिटाकर उसकी चूत पर मैने क्रीम लगाई क्रीम का इंतज़ाम भी मेरी वाइफ ने किया था तभी मेरी नज़र साइड टेबल पर रखी मिठाई पर पड़ी मैने ट्रे उठी उस्मै आधा सेर के लग भग राबड़ी और कुछ मिठाई थी... मैने और शिवानी ने मिठाई और रबरी खाई और वही पर चाँदी के बार्क लगे पान रखे थे उन्मै वाइटॅलिटी के लिए भरपूर मसाला डाला गया था वो पान खाए..... और पलंग से सिरहाने से टिक कर मैं बैठ गया और शिवानी को अपनी गोदी मे खींच लिया मेरा और शिवानी का नंगा बदन एक दूसरे से चिपका हुआ था..... थोड़ी देर बाद मुझे भी शिवानी के नाखूनो का दर्द सा महसूस हुआ पर मेरा लंड अब दुबारा हरकत मे आने लगा था.. मैने शिवानी से कहा....

" शिवानी तुमने अब तक कोई भी बॉय फ्रेंड नही बनाया...... ना ही तुमने कोई ऐसी अंतरंग सहेली जो तुम्हे सेक्स के बारे मे बता सके...मुझे तो लगता है तुमने कभी ब्लू फिल्म भी नही देखी होगी"मैं बात करते हुए शिवानी के मम्मे और चूत के उपेर का हिस्सा भी सहला रहा था...

" क्या तुम ब्लूफिल्म देखना चाहोगी" मैने शिवानी से कहा...

उसने अपनी सहमति दे दी

मैने डीवीडी ऑन कर दिया हम पिक्चर भी देख रहे थे और बात भी कर रहे थे

" हा डीवीडी... मुझे तुम्हे देखने के पहले कोई इंटरेस्ट नही था.... पर जब पहली बार तुमको देखा तो उसी होटेल मे मेरी एक सहेली की एंगेज्मेंट हो रही थी.... तुम्हे देखते ही मेरी पॅंटी गीली हो गई और मेरी वो फड़कने लगी....." वो अभी भी खुल कर लंड और चूत नही बोल रही थी

" क्या फड़कने लगी थी" मैने पोछा

"अरे यह......" उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया....

इसका कुछ नाम है.... मैने कहा

हा मेरी पुसी.... चूत....... ..

"फिर क्या हुआ..."

मैं बाथरूम गई और चड्डी उतारकर उसपर हाथ फेरा तो अछा लगा कुछ देर हाथ फेरती रही तो मेरी पेशाब निकल गई और मैं अपने आप को फ्रेश महसूस करने लगी......"
 
मैने बड़ी हिम्मत करके यह बात अपनी एक फ्रेंड को बताई... वो शादी सुदा थी उसने कहा मेरी बन्नो रानी... तू तो गैईईइ काम से......... मैने पूछा कैसे???वो.. .. बोली तुझे उससे प्यार हो गया है..... जा जल्दी से उससे उसका पता पूछ नही तो हाथ से निकल जाएगा... तू ऐसे ही रह जाएगी.... तभी किसीने तुमसे तुम्हारा मोबाइल नंबर पूछा... तुमने उसे बताया और अपने किसी फास्ट फ्रेंड का नंबर भी बताया.. मैने वो दोनो नंबर नोट कर लिए....

अब मुझे तुम तक पहुचना बहुत आसान था... मैने अपने आदमी दौड़ा दिए 1 ही दिन मे तुम्हारी सारी जानकारी मिल गई.... और मैं तुमको फॉलो करने लगी... मुझे तुम्हारी पल पल की जानकारी मिल रही थी... और ईश्वर को हमे मिलाना था सो हम मिल गये......

"शिवानी यह शरीर की भूक थी जो हमने अभी शांत की .... जबकि हक़ीकत इससे अलग है....." मैने शिवानी से कहा

" हा मैं जानती हू.. पर इस दिल का क्या कारू यह मानता ही नही.... फिर देखो ना अपने को मिले 2-2.5 साल हो गये है... तब जाकर आज यह मौका मिला है...... तुम मेरी हालत नही समझ सकते मैने वो राते कैसे काटी...."

शिवानी टीवी स्क्रीन पर ब्लू फिल्म देख कर गरमाने लगी थी ..स्क्रीन पर लड़की अपनी चूत चटवा रही थी.. शिवानी ने वो शॉन पॉज़ कर दिया और बोली ऐसे ही रहने देना मैं 1 मिनिट मे आती हू. वो उठकर बाथरूम मे गई और अपनी चूत को साबुन से धोया क्योंकि उसपर क्रीम लगी थी....वो उसे सॉफ कर वापिस आई....

और चूत को मेरे मूह पर रख कर बोली मनु इसे चाटो इसे प्यार करो.... मैं वैसे ही टीका हुआ शिवनी की चूत को चाटने के लिए पास पहुचा, शिवानी अभी अभी पेशाब करके आई थी.... उसको मेरी वाइफ और सूची ने बताया होगा की मूती हुई चूत चाटने मे मुझे कितना मज़ा आता है..... मैं शिवानी की चूत सूँघता रहा और जीव की नौक से उसकी चूत मे भरा उसका पेशाब चाट रहा था. शिवानी की चूत को मैने अब अपनी जीव के अलग अलग शेप बनाकर चाटना शुरू किया... फिर जब उसको नशा छाने लगा तो मैने शिवानी की चूत को छोड़ कर उसकी चूत के दोनो लिप्स के अगाल बगल और क्लाइटॉरिस के उपेर और गांद के छेद तक बारी बारी से चाट रहा था..... शिवानी की गर्दन पीछे की और लटक रही थी... और वो मेरा मूह अपनी चूत मे दबा रही थी...... फिर हम दोनो 69 की पोज़िशन मे आ गये शिवानी को अब मेरा लंड अपने मूह मे लेने मे कोई हिचक महसूस नही हो रही थी.... वो बड़ी अछी तरह से मेरा लंड चाट रही थी और मैं जीव उसके चूत होल मे डाल कर टॅंक फक दे रहा था और साथ साथ मे एक अंगूठे से उसका क्लाइटॉरिस रगड़ रहा था शिवानी रह रह कर थोड़ा थोड़ा जूस छोड़ रही थी....
 
इधर मेरा लंड झरने को तय्यार था.. मैने शिवानी से कहा मैं झरने वाला हू..... पर वो कहा मान रही थी..... मैने अपनी हथेलियों से शिवानी की चूत को खोला और जीव को चूत की लंबाई मे और अंदर डाल कर गोल गोल घुमाया तो वो भर-भरकर झाड़ गई उसकी पिचकारी बहुत तेज़ छूटी जिससे मेरा पूरा मुह भीग गया और कुछ निकलकर बाजू मे तकिये पर फैल गया अब मैं भी झरने के करीब था और जब मैं झरने लगा तो मैने शिवानी के बाल पकड़ कर लंड उसके गले तक पेल दिया और सिर दबा दिया लंड शिवानी के गले मैं फस्ने के कारण वो मूह से साँस नही ले पा रही थी और घू घू की आवाज़ निकल रही थी और मैं उसके गले मे झाड़ गया... वो मेरा अधिकांस वीर्य पी गई और चाट कर लंड सॉफ किया.... फिर हम दोनो कुछ देर डीवीडी पर ब्लू फिल्म देखने लगे तो इसबार जल्दी तय्यार हो गये और शिवानी वैसे ही मेरी गोदी मे बैठ कर मेरा लंड अपनी चूत मे डाल कर पीठ मेरे से टिककर लंड अंदर ले लिया वो साथ ही साथ डीवीडी भी देखती जा रही थी...... मैने शिवानी के कान मे कहा मैं तुमको एक चीज़ सुन्घाता हू तुम बताना क्या है....हा मेरे राजा जो करना है करो बो उठक बैठक मे पूरा लंड अपनी चूत मे लील रही थी.... उसकी मस्त गांद मुझे और उततेज़ीत कर रही थी..... मैने उस दिन की अनु की पॅंटी अपने पयज़ामे मे से निकाली और उसे उसकी नाक पर टीका दिया....... अरे यह तो किसी की चूत की स्मील है.... यह किसकी है........ शिवानी ने पूछा

मैने कहा-तुम बताओ .. शिवानी ने कहा मुझे नही मालूम....

मैने कहा अनु की........ है........

एयेए इसका मतलब अनु भी तुमसे चुदवा चुकी है...... नही अब वो चुदवायेगि.. .. पहले तुम्हारी चुदाई तो जाए.

मैं अब देर मे झरने वाला था सो मैने कहा "तुम अभी आधी औरत बनी हो तुमको पूरी औरत बनाता हू ......."

आधी औरत .. मतलाब्ब...." शिवानी ने पूछा

मैं अब तक अपनी दो उंगलियो को वॅसलीन से गीली कर चुका था मैने एक उंगली की वसलीन उसकी गांद के छेद पर लगा दी और अंदर सरका दी...... जैसे ही उंगली उसकी टाइट गांद मे घुसी तो उसकी आँखो के आगे तारे नाचने लगे......

" बोली प्लज़्ज़्ज़ आज नही वाहा आज मैं गांद नही मरवओंगी... .मुझे भाभी ने बताया था तुमको पहली ही रात मे गांद मारना अछा लगता है..... तुमने उनकी मारी थी तो उनकी गांद आज भी चुदति है....."

मुझे उसका जवाब अछा नही लगा सो मैने बिना इंतेज़ार किया अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गांद मे घुसेड दी.... शिवानी दर्द से बिलबिला पड़ी.......

मैं बहुत जोरो से उंगलियों से उसकी गांद चोद रहा था.......

हार कर शिवानी गांद मरवाने को तय्यार हो गई.... मैने शिवानी के मूह पर कपड़ा बाँधा और उसको पलंग पर मूह करके झुका दिया उसके दोनो पैर कमरे मे रखी रस्सी से पलंग के दोनो पायो से बाँधे और वॅसलीन की ट्यूब की नॉज़्ज़ील शिवानी की गांद मे फासकार पिचका दी और उंगली डाल कर आछे से अंदर लगा दी...

मैने सूपड़ा गांद के छेद मे घुसाने के बाद बिल्कुल भी इंतेज़ार नही किया और एक ही धक्के मे गांद मे आधे से ज़्यादा लंड घुसा दिया.... शिवानी अपने हाथ पटक रही थी पलंग पर किन्तू कुछ कर नही पा रही थी मैने लंड बाहर खीचा और पूरी ताक़त से गांद मे थूस दिया लंड जड़ तक गांद मे धसा था... मैने शिवानी की गांद पर कई चाँते मारे उसकी गोरी गांद मेरे चांटो से चिन्मीनाते हुए लाल हो गयी थी.....

अब शिवानी की गांद और चूत दोनो की मे जम से बारी बारी चुदाई कर रहा था..... उन वाइटॅलिटी वाली ड्रग्स जो दूध और रबरी, पान मे मिलाई थी उनका असली असर अब हो रहा था.... शिवानी को भी अब डूब्बल मज़ा आ रहा था...... शिवानी की चूत बार बार झार रही थी..... पर जब मैं गांद मे लंड डालता तो चूत मे उंगली और चूत मे लंड तो गांद मे उंगली.....

करीब 20-25 मिनिट के बाद मैं शिवानी की गांद मे झाड़ा और पलंग पर ढेर हो गया और साथ ही साथ शिवानी को भी वोही सुला लिया यह बहुत तगड़ी चुदाई हुई थी और अब सुभह के 6 बज रहे थे दोनो नंगे ही सो गये..... पता ही नही चला...... कररीब 11-12 बजे दिन मे मुझे महसूस हुआ मेरे शरीर पर कुछ रेंगते हुए .... तो मैने उन्नेदे ही आँख खोली तो मुझे लगा शिवानी की जगह कोई और है.... मैने ध्यान से देखा तो वो अनु थी.... मेरा लंड अनु की चूत की खुसबू का ऐएहसास पा के ही खड़ा हो गया ....

क्रमशः.............................
 
प्यार का रिश्ता --8

"क्यो रात बहुत कुस्ति हुई कमरे की हालत देखो.....और मेरी बन्नो से तो आज चला नही जा रहा..... " अनु बोली....

" शिवि कहा है... मैने उसे बगल वाले कमरे मे भेज दिया है जहा वो थोड़ा और सो ले और फिर तय्यार होकर 1-2 घंटे मे आएगी..."

"और अश्विन कहा है'' उनका तो काम ही बुरा है उनका फोन आ गया कोई तो वो चले गये कह गये शाम 5 बजे आएँगे... मैने धीरे से देखा की कमरा अंदर से लॉक्ड है तो मैने बिना देर किए अनु को अपने पलंग पर पटक लिया... वो ब्लॅक कलर की साड़ी पहने हुए थी......

उसके पलंग पर गिरते ही साड़ी उसकी जांगो तक आ गयी थी....

" आरीए यह क्या करते हो मनु... मैं तुम्हारे दोस्त की बीबी हूँ मुझे छोड़ दो........" अनु ने रिकवेस्ट करते हुए कहा....

मैं उसके उपेर चढ़ कर उस पर बैठ गया मेरा खड़ा लंड देख कर उसने आँख बंद कर ली पर उसका हाथ मेरे खड़े लंड पर आ गया ... मैं समझ गया माल तय्यार है..... मैने उसकी पॅंटी उठाकर उसकी नाक पर रख दी...

" अनु डार्लिंग पहचान किसकी खुसबू है'''' मैने उसी की पॅंटी उसकी नाक पर रखी....

' मेरी है... उस दिन तुमने मेरे बॅग मे से मार ली थी" अनु बोली....

मैने उसी दिन दो बार उंगली करी.....

कल रात तो तुमने शिवानी की चूत का भोसड़ा बना दिया और उसकी गांद भी फाड़ दी..... मुझे नही चुदवाना तुमसे

प्ल्ज़ अपने दोस्त की खातिर छोड़ दो मुझे....... प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़

अनु ऐसा कहते जा रही थी और साथ ही साथ मेरे लंड पर अपनी मुथि कस्ति जा रही थी मैने बिना देरी किए उसकी साड़ी जाँघो से उपर उठाई... अनु नीचे पॅंटी नही पहने थी... मैने अनु के पैर फैलाए और उसकी चूत को सूँघा उसमे से बड़ी अछी सी खुसबू आ रही थी... अनु की चूत पर झांते थी... मैने वैसे ही लंड पेल दिया और जबर्दुस्त चोदना शुरू किया.....
 
अनु नेकहा" भाबी जी और सूची ने सच कहा था कैसी भी चूत हो तुम्हारा लंड ताव मे आने के बाद उसका कचूमर निकाल देता है..." अरे तुम्हारा दोस्त तो दरवाजे पर ही ढेर हो जाता है... साला गांद क्या मारेगा चूत ही सही से नही मार पाता वो तो तुमने उसको दवाई खिला दी थी तो उसने मेरी झिल्ली फाड़ दी थी नही तो वो भी तुमसे टूटती....

और उसी पलंग पर अनु हुमच हुमच कर चुदवा रही थी... अनु ने अपना ब्लाउस खोल दिया था वो ब्रा भी नही पहने थी मैने उसके मम्मे मसलना चालू किया और चूसना चालू किया तो उसका असर उसकी चूत ने पानी छोड़ कर दिखाया...

हा मनु ऐसे ही पेलो मेरी बुर्र्रर ...मे अपना लंड तुम बहुत कामुक हो... तुमसे चुदवाने के बाद तो औरत निहाल हो जाती है.... एयाया और जोरो से औरर्र जोरो सीए आशि के लिए कुछ भी बाकी मत रखनाअ औरर्र ....

मैने कहा अनु कुतिया बन जा... अनु झट से अपनी साड़ी खोल कर नगी हुई और गांद मेरे तरफ फैला दी.... अनु की बुर से रस बह रहा था सो मैने उसे चाट लिया ...

अनु बोली'';; अरे अभी जीव का नही अपने लंड का काम करो"

मैने लंड थाम कर अनु की बुर मे एक बार मे पेल दिया...... अनु भी बहुत प्यासीई थी... एयेए मनुव्व मेरे बच्चे दानी से टकरा रहा है तुम्हारा लंड एयेए औरर्र अंदर बहुत गुदगुदी हो रही हाई.... एयाया एयाया माइ आअनए वाली हूओ..... वो सीधी हो गई.... मैने उसको सीधा पीठ के बल लिटा कर जम से चोदा वो जम के झड़ी थोड़ी देर बाद मैं भी झार गया ..... अनु मेरे से सन्तुस्त थी पर मैं अभी अनु से सन्तुस्त नही हुआ था मैने अनु से कहा मैं तुमको अभी तसल्ली से नही चोद पाया हू फिर कभी मौका मिलेगा तो तसल्ली से चोदुन्गा.... ..
 
हम दोनो उठकर एक साथ नाहाये और एक बार मैने अनु की गांद बाथरूम मे मारी अब अनु की भी चाल बदल गयी थी... वो कह रही थी मुझे ऐसा लग रहा है जैसे गांद का ढक्कन खुल गया हो.. जब टट्टी जाती हू तो पता ही नही पड़ता कब निकल गई तुमने इतनी चौड़ी कर दी...

शिवानी और मैने 3 दिन तक लगातार चुदाई करी फिर मंडे से अपनी नॉर्मल जिंदगी मे वापिस आ गया ... अब शिवानी शादी करने के लिए तैयार हो गई थी.... लेकिन हम लोग लगातार चुदाई करते थे....

फिर मैने एक अछा लड़का देखकर शिवि की शादी उससे करदी...

तो दोस्तो अब कहानी आपको कैसी लगी ज़रूर लिखना अब आपसे विदा चाहता हू आपसे फिर मिलूँगा एक और नई कहानी के साथ

आपका दोस्त


समाप्त.............
 
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