hotaks444
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रंगीला ने निधि की गाण्ड को रस से भर दिया। अब जाकर उसको सुकून आया था, वो बस बेहाल सा होकर उसके पास लेट गया।
निधि भी वैसे की वैसी रंगीला के पास लेट गई, उसकी गाण्ड से वीर्य निकल कर बिस्तर पर गिरने लगा।
उधर भाभी ने भी बिहारी को ठंडा कर दिया था। वो अब वापस बैठ कर बातें करने लगे। उधर जेम्स को काफ़ी देर बैठाकर होटल वाले ने खाना दिया।
वो बस वापस आ रहा था.. इधर इन सबकी रासलीला भी ख़त्म हो गई थी।
निधि- बाबूजी कपड़े पहन लो.. नहीं तो जेम्स आ जाएगा और सब गड़बड़ हो जाएगी।
रंगीला- अरे ये साला जेम्स है कौन.. कब से दिमाग़ में घूम रहा है और कहीं इसी साले ने तो तेरी चूत की शुरुआत नहीं की ना?
यह बात सुनकर निधि के होंठों पर मुस्कान आ गई।
जिसे देख कर रंगीला फ़ौरन समझ गया कि जेम्स ने ही इसकी सील तोड़ी है।
रंगीला- अबे साली तू भी बहुत बड़ी रंडी है.. अपने भाई से ही चुदवा ली।
निधि- राम-राम.. बाबूजी.. कैसी बात करते हो.. जेम्स मेरा भाई थोड़े ही है.. वो तो बस गाँव का है।
रंगीला- अच्छा ये बात है.. तभी साला तुम्हारी मदद के लिए यहाँ तक आ गया ताकि आराम से तेरी चुदाई कर सके और सबको लगे बेचारा भला लड़का है.. मदद कर रहा है।
निधि- जी हाँ.. अब आप कपड़े पहन लो वो आ जाएगा.. तो नाराज़ होगा, मैं रात को उससे चुदने वाली थी।
रंगीला- अच्छा ये बात है.. सारी प्लानिंग कर रखी थी। चलो कोई बात नहीं उससे भी चुद लेना.. मेरा तो हो गया.. अब कपड़े पहन ही लेता हूँ।
रंगीला ने कपड़े पहन लिए और वो बस कमरे से निकलने ही वाला था कि जेम्स ऊपर आ गया।
बिहारी और भाभी बातें कर रहे थे.. जेम्स को देख कर दोनों चुप हो गए।
जेम्स- क्या बिहारी जी.. वहाँ तो बहुत समय लगा दिया खाना देने में.. इससे अच्छा तो यहीं से ले आता।
बिहारी- अरे बाबू हम उसको बोला था वक्त लगाने को.. चल अब आजा?
तभी रंगीला कमरे से बाहर निकाला.. उसके साथ निधि भी थी। उनको देख कर जेम्स के पैरों तले ज़मीन निकल गई.. उसके चेहरे पर गुस्सा आ गया।
बिहारी- अरे इससे मिलो.. ये है रंगीला हमार दोस्त.. ये फ्लैट इन्हीं का है।
जेम्स- हाँ जानता हूँ.. निधि, तुम अन्दर क्या कर रही थी?
भाभी- अरे कुछ नहीं जेम्स.. ये साहब को सामान दिखाने गई थी।
जेम्स ने निधि को गौर से देखा.. उसके बाल बिखरे हुए थे.. गले पर चूमने के निशान थे। वो समझ गया अन्दर क्या हुआ था। इधर रंगीला भी बड़े गौर से जेम्स को देख रहा था।
रंगीला- मैंने तुम्हें पहले भी कहीं देखा है.. मगर याद नहीं आ रहा.. कहाँ देखा है।
जेम्स- हाँ आपको कैसे याद आएगा.. आप ठहरे बड़े आदमी।
रंगीला- यार पहेली मत बुझाओ.. बताओ मुझे हम पहले भी कहीं मिले हैं क्या?
जेम्स- हाँ मिले हैं कहाँ मिले हैं ये सबके सामने बताऊँ या अकेले में?
जेम्स के तेवर देख कर रंगीला को लगा कि जरुरू दाल में कुछ काला है। उसने बिहारी को वहाँ से भेज दिया और उसको लेकर दूसरे कमरे में चला गया।
अन्दर जाते ही जेम्स ने बिस्तर की हालत देखी.. तो उसका गुस्सा और बढ़ गया.. वो रंगीला को घूरने लगा।
जेम्स- छी: शर्म आती है मुझे.. तुम जैसे घटिया आदमी के फ्लैट में मुझे रहना पड़ रहा है।
रंगीला- अबे साले.. क्या बकवास कर रहा है.. कौन है तू.. ये बता पहले?
जेम्स- मेरा नाम तो तुझे पता होगा मगर मेरे बारे में जानने के लिए तुझे याद दिलाना होगा.. आशा के बारे में.. जिसकी मौत का ज़िम्मेदार तू है.. समझा.. कुत्ता मैं नहीं तू है.. जो प्यार का नाटक करके भोली-भाली लड़कियों की जिंदगी से खेलता है।
आशा का नाम सुनते ही रंगीला के होश उड़ गए। अब उसको पूरी बात याद आ गई कि वो जेम्स से कब और कहाँ मिला था।
रंगीला- देख जेम्स.. तुम आशा को कैसे जानते हो.. ये मुझे नहीं पता.. मगर मैंने आशा के साथ कुछ गलत नहीं किया। वो एक हादसा था बस.. और मैंने कोई प्यार का झूठा नाटक नहीं किया था.. समझे..
जेम्स- हाँ देख रहा हूँ ना.. अभी जो निधि के साथ रंगरेलियाँ मनाईं.. वो भी एक हादसा ही था.. साले बहुत दिनों से मैं ऐसे किसी मौके की तलाश में था.. आज तू मेरा हाथ आया है।
रंगीला- जेम्स यार बात को समझो.. मैं कसम ख़ाता हूँ.. मैंने कुछ नहीं किया। वो बस एक गलतफहमी थी.. जिसका शिकार आशा हुई। पहले तुम मेरी बात सुनो.. उसके बाद बताना किसकी ग़लती है।
दोस्तो.. आपका दिमाग़ घूम रहा होगा.. ये क्या हो रहा है.. तो चलो सारी उलझन शॉर्ट में निपटा देती हूँ। अब तक वैसे भी कहानी बहुत लंबी हो गई है।
रंगीला का आपको पता ही है.. ये आशा से प्यार करता था। दोनों एक-दूसरे को बेहद चाहते थे.. बस इन्होंने शादी नहीं की थी.. मगर जिस्मानी रिश्ते मजबूती से बना लिए थे। जय की गंदी निगाह आशा पर थी.. मगर वो उसके हाथ नहीं आई.. उसने ज़्यादा ज़ोर इसलिए नहीं दिया कि वो जानता था कि ये रंगीला की गर्लफ्रेण्ड है।
आशा एक मेडिकल स्टूडेंट थी.. पढ़ाई के बाद प्रेक्टिस के लिए गाँव में गई.. इसी जेम्स के गाँव में.. वहाँ वो सबसे बहुत घुल-मिल गई थी। खास कर जेम्स और रानी से.. जेम्स उसको अपनी बहन मानने लगा था। वो कभी-कभी शहर जाती.. तो उनके लिए गिफ्ट लेकर आती।
एक दिन वो शहर गई.. मगर रंगीला से उसका कोई कॉन्टेक्ट नहीं हुआ। वो बड़ी बेचैन थी.. क्योंकि उसको पता लग गया था कि वो माँ बनने वाली है। जब रंगीला उसको नहीं मिला.. तो उसने रंगीला के एक दोस्त को अपनी समस्या एक चिठ्ठी में लिखकर दी और कहा कि रंगीला जैसे ही आए उसको ये दे देना.. मेरा वापस जाना बहुत जरूरी है।
उसके बाद वो चली गई और रंगीला का वो पत्र उसके दोस्त जय के हाथ लग गया। यानि वो खत उसमें लिखा था- मैं तुमसे मिलने आई.. और तुम्हारा कोई अता-पता नहीं है.. हमारे प्यार की निशानी मेरे पेट में है.. अब हमें जल्दी शादी कर लेनी चाहिए.. जैसे ही ये खत मिले.. सीधे नीचे लिखे पते पर आ जाना- तुम्हारी आशा..
जय ने इस खत का गलत फायदा उठाया। उसने रंगीला के उस दोस्त को खरीद लिया और उसको ऐसी बातें समझा दीं.. जिससे आशा के चरित्र पर सवाल खड़े हो जाएं।
उसने वैसा ही किया रंगीला को भड़काया कि आशा किसी और से चोरी-छुपे यहाँ मिलने आती है। उसने खुद होटल में दोनों को जाते हुए देखा। उसकी बात रंगीला ने मान भी ली और आशा से कॉन्टेक्ट भी नहीं किया।
अब हाल यह था आशा फ़ोन करती.. तब भी वो फोन रिसीव नहीं करता।
आशा को समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर हुआ क्या है, फिर उसने सोचा वो अपने घर वालों को मनाने के बाद ही शायद उससे बात करेगा। यह सोच कर उसने रंगीला को फ़ोन करना बन्द कर दिया।
एक दिन जय ने रंगीला को कहा कि आशा पेट से है.. जिसके साथ वो होटल में जाती थी.. ये उसका बच्चा है.. अब वो इससे इनकार कर रहा है.. तो देखना वो तुम्हारे माथे इसको लगा देगी और उसके बाद वही पत्र शाम को रंगीला तक पहुँचा दिया।
फिर क्या था रंगीला आग-बबूला होकर दूसरे दिन गाँव गया और आशा को ऐसी-ऐसी बातें सुनाईं कि वो हैरान हो गई उसके बच्चे को हरामी की औलाद बताया। उसने आशा की एक ना सुनी और उसको फटकार कर वो गुस्से में वहाँ से निकला।
तभी जेम्स और रानी से टकरा गया उसके बाद आशा ने आत्महत्या कर ली.. तब रंगीला को अहसास हुआ.. अगर वो सही थी तो ये सब हुआ कैसे और उसने छानबीन की तो जय का सारा खेल उसको समझ आया और तभी उसने बदला लेने की ठान ली।
पूरी बात सुनकर जेम्स का गुस्सा हवा हो गया.. अब उसको रंगीला के साथ हमदर्दी हो गई। उसने भी कसम खाई कि आशा की मौत का बदला लेने में वो रंगीला का साथ देगा।
रंगीला- उस साले को सबक़ सिखाने का पूरा इंतजाम मैंने कर दिया है.. तुम बस मेरा साथ देना।
रंगीला ने पूरा प्लान जेम्स को बताया तो जेम्स भी खुश हो गया।
जेम्स- उस हरामी ने मेरी रानी को भी नहीं बख्शा.. उसकी बहन को तो मैं ही चोदूँगा..
रंगीला- अरे चोद लेना.. अभी तो वो हरामी खुद उसको चोद रहा है।
जेम्स और रंगीला ने प्लान बनाया कि कैसे जेम्स भी अपने लंबे लौड़े से रश्मि की चुदाई करेगा.. उसके बाद रंगीला वहाँ से चला गया..
रंगीला के जाने के बाद जेम्स से भाभी ने बहुत सवाल किए.. मगर उसने टाल दिया और खाने के लिए बैठ गए।
खाना खाने के बाद जेम्स ने भाभी को अकेले में गुस्सा किया कि तुम यहाँ अपने पति का इलाज करवाने आई हो.. ऐसे निधि को किसी के साथ भी कैसे सुला सकती हो तुम?
भाभी- मैं क्या करूँ.. वो बिहारी ने मेरी एक ना सुनी और वैसे भी निधि कौन सी कुँवारी थी.. तुमने कब के उसकी चूत और गाण्ड दोनों अच्छे से खोल दिए हैं.. अब क्या फ़र्क पड़ता है?
जेम्स- अच्छा अच्छा.. अब तुम सो जाओ.. मैं निधि के साथ उस कमरे में सो जाता हूँ.. ठीक है ना..
भाभी- सोने वाला तू है नहीं.. ऐसा बोल ना कि तू निधि की चुदाई करेगा।
जेम्स- हाँ तो तुम्हें क्या दिक्कत है?
भाभी- अरे अभी-अभी तो बेचारी चुदी है.. थक गई होगी.. उसको आराम करने दे.. अगर इतना ही मन है.. तो मैं तैयार हूँ मुझे चोद ले..
जेम्स- नहीं.. तू सो जा.. मेरा मन निधि को चोदने का ही है.. ठीक है ना..
भाभी ने आगे कुछ नहीं कहा और जेम्स निधि के पास चला गया, उसने निधि को भी फटकार लगाई कि इतनी क्या आग लगी थी उसकी चूत में.. जो किसी के साथ भी चुदाई के लिए मान गई.. तो निधि ने उसको सारी बात बताई।
जेम्स- चल ठीक है.. जो हुआ वो हुआ.. अब मेरे लौड़े की आग भी मिटा दे.. कब से परेशान हो रहा हूँ।
निधि मान गई और उसने जेम्स के साथ मस्ती शुरू कर दी। कुछ देर बाद दोनों नंगे हो गए और चुदाई का खेल शुरू हो गया। रात भर में 3 बार जेम्स ने निधि को चोदा.. तब जाकर उसको चैन आया और निधि की हालत खराब हो गई।
दोस्तो, रश्मि और जय के बीच की खिचड़ी पक गई होगी, दोनों कपड़े चेंज करने गए थे, अब उनको भी देख लेते आते हैं।
रश्मि ने शॉर्ट स्कर्ट और ढीली सी एक टी-शर्ट पहन ली थी।
कुछ देर बाद जय उसके कमरे में आया.. उसने सिर्फ़ बरमूडा पहना था।
रश्मि- आओ भाई देख लो.. एसी बिल्कुल ठीक काम कर रहा है।
जय- मुझे तो नहीं लगता कि ठीक है.. कमरा तो इतना गर्म हो रहा है।
रश्मि- नहीं भाई आपको लग रहा है.. बाकी ठीक ही है।
निधि भी वैसे की वैसी रंगीला के पास लेट गई, उसकी गाण्ड से वीर्य निकल कर बिस्तर पर गिरने लगा।
उधर भाभी ने भी बिहारी को ठंडा कर दिया था। वो अब वापस बैठ कर बातें करने लगे। उधर जेम्स को काफ़ी देर बैठाकर होटल वाले ने खाना दिया।
वो बस वापस आ रहा था.. इधर इन सबकी रासलीला भी ख़त्म हो गई थी।
निधि- बाबूजी कपड़े पहन लो.. नहीं तो जेम्स आ जाएगा और सब गड़बड़ हो जाएगी।
रंगीला- अरे ये साला जेम्स है कौन.. कब से दिमाग़ में घूम रहा है और कहीं इसी साले ने तो तेरी चूत की शुरुआत नहीं की ना?
यह बात सुनकर निधि के होंठों पर मुस्कान आ गई।
जिसे देख कर रंगीला फ़ौरन समझ गया कि जेम्स ने ही इसकी सील तोड़ी है।
रंगीला- अबे साली तू भी बहुत बड़ी रंडी है.. अपने भाई से ही चुदवा ली।
निधि- राम-राम.. बाबूजी.. कैसी बात करते हो.. जेम्स मेरा भाई थोड़े ही है.. वो तो बस गाँव का है।
रंगीला- अच्छा ये बात है.. तभी साला तुम्हारी मदद के लिए यहाँ तक आ गया ताकि आराम से तेरी चुदाई कर सके और सबको लगे बेचारा भला लड़का है.. मदद कर रहा है।
निधि- जी हाँ.. अब आप कपड़े पहन लो वो आ जाएगा.. तो नाराज़ होगा, मैं रात को उससे चुदने वाली थी।
रंगीला- अच्छा ये बात है.. सारी प्लानिंग कर रखी थी। चलो कोई बात नहीं उससे भी चुद लेना.. मेरा तो हो गया.. अब कपड़े पहन ही लेता हूँ।
रंगीला ने कपड़े पहन लिए और वो बस कमरे से निकलने ही वाला था कि जेम्स ऊपर आ गया।
बिहारी और भाभी बातें कर रहे थे.. जेम्स को देख कर दोनों चुप हो गए।
जेम्स- क्या बिहारी जी.. वहाँ तो बहुत समय लगा दिया खाना देने में.. इससे अच्छा तो यहीं से ले आता।
बिहारी- अरे बाबू हम उसको बोला था वक्त लगाने को.. चल अब आजा?
तभी रंगीला कमरे से बाहर निकाला.. उसके साथ निधि भी थी। उनको देख कर जेम्स के पैरों तले ज़मीन निकल गई.. उसके चेहरे पर गुस्सा आ गया।
बिहारी- अरे इससे मिलो.. ये है रंगीला हमार दोस्त.. ये फ्लैट इन्हीं का है।
जेम्स- हाँ जानता हूँ.. निधि, तुम अन्दर क्या कर रही थी?
भाभी- अरे कुछ नहीं जेम्स.. ये साहब को सामान दिखाने गई थी।
जेम्स ने निधि को गौर से देखा.. उसके बाल बिखरे हुए थे.. गले पर चूमने के निशान थे। वो समझ गया अन्दर क्या हुआ था। इधर रंगीला भी बड़े गौर से जेम्स को देख रहा था।
रंगीला- मैंने तुम्हें पहले भी कहीं देखा है.. मगर याद नहीं आ रहा.. कहाँ देखा है।
जेम्स- हाँ आपको कैसे याद आएगा.. आप ठहरे बड़े आदमी।
रंगीला- यार पहेली मत बुझाओ.. बताओ मुझे हम पहले भी कहीं मिले हैं क्या?
जेम्स- हाँ मिले हैं कहाँ मिले हैं ये सबके सामने बताऊँ या अकेले में?
जेम्स के तेवर देख कर रंगीला को लगा कि जरुरू दाल में कुछ काला है। उसने बिहारी को वहाँ से भेज दिया और उसको लेकर दूसरे कमरे में चला गया।
अन्दर जाते ही जेम्स ने बिस्तर की हालत देखी.. तो उसका गुस्सा और बढ़ गया.. वो रंगीला को घूरने लगा।
जेम्स- छी: शर्म आती है मुझे.. तुम जैसे घटिया आदमी के फ्लैट में मुझे रहना पड़ रहा है।
रंगीला- अबे साले.. क्या बकवास कर रहा है.. कौन है तू.. ये बता पहले?
जेम्स- मेरा नाम तो तुझे पता होगा मगर मेरे बारे में जानने के लिए तुझे याद दिलाना होगा.. आशा के बारे में.. जिसकी मौत का ज़िम्मेदार तू है.. समझा.. कुत्ता मैं नहीं तू है.. जो प्यार का नाटक करके भोली-भाली लड़कियों की जिंदगी से खेलता है।
आशा का नाम सुनते ही रंगीला के होश उड़ गए। अब उसको पूरी बात याद आ गई कि वो जेम्स से कब और कहाँ मिला था।
रंगीला- देख जेम्स.. तुम आशा को कैसे जानते हो.. ये मुझे नहीं पता.. मगर मैंने आशा के साथ कुछ गलत नहीं किया। वो एक हादसा था बस.. और मैंने कोई प्यार का झूठा नाटक नहीं किया था.. समझे..
जेम्स- हाँ देख रहा हूँ ना.. अभी जो निधि के साथ रंगरेलियाँ मनाईं.. वो भी एक हादसा ही था.. साले बहुत दिनों से मैं ऐसे किसी मौके की तलाश में था.. आज तू मेरा हाथ आया है।
रंगीला- जेम्स यार बात को समझो.. मैं कसम ख़ाता हूँ.. मैंने कुछ नहीं किया। वो बस एक गलतफहमी थी.. जिसका शिकार आशा हुई। पहले तुम मेरी बात सुनो.. उसके बाद बताना किसकी ग़लती है।
दोस्तो.. आपका दिमाग़ घूम रहा होगा.. ये क्या हो रहा है.. तो चलो सारी उलझन शॉर्ट में निपटा देती हूँ। अब तक वैसे भी कहानी बहुत लंबी हो गई है।
रंगीला का आपको पता ही है.. ये आशा से प्यार करता था। दोनों एक-दूसरे को बेहद चाहते थे.. बस इन्होंने शादी नहीं की थी.. मगर जिस्मानी रिश्ते मजबूती से बना लिए थे। जय की गंदी निगाह आशा पर थी.. मगर वो उसके हाथ नहीं आई.. उसने ज़्यादा ज़ोर इसलिए नहीं दिया कि वो जानता था कि ये रंगीला की गर्लफ्रेण्ड है।
आशा एक मेडिकल स्टूडेंट थी.. पढ़ाई के बाद प्रेक्टिस के लिए गाँव में गई.. इसी जेम्स के गाँव में.. वहाँ वो सबसे बहुत घुल-मिल गई थी। खास कर जेम्स और रानी से.. जेम्स उसको अपनी बहन मानने लगा था। वो कभी-कभी शहर जाती.. तो उनके लिए गिफ्ट लेकर आती।
एक दिन वो शहर गई.. मगर रंगीला से उसका कोई कॉन्टेक्ट नहीं हुआ। वो बड़ी बेचैन थी.. क्योंकि उसको पता लग गया था कि वो माँ बनने वाली है। जब रंगीला उसको नहीं मिला.. तो उसने रंगीला के एक दोस्त को अपनी समस्या एक चिठ्ठी में लिखकर दी और कहा कि रंगीला जैसे ही आए उसको ये दे देना.. मेरा वापस जाना बहुत जरूरी है।
उसके बाद वो चली गई और रंगीला का वो पत्र उसके दोस्त जय के हाथ लग गया। यानि वो खत उसमें लिखा था- मैं तुमसे मिलने आई.. और तुम्हारा कोई अता-पता नहीं है.. हमारे प्यार की निशानी मेरे पेट में है.. अब हमें जल्दी शादी कर लेनी चाहिए.. जैसे ही ये खत मिले.. सीधे नीचे लिखे पते पर आ जाना- तुम्हारी आशा..
जय ने इस खत का गलत फायदा उठाया। उसने रंगीला के उस दोस्त को खरीद लिया और उसको ऐसी बातें समझा दीं.. जिससे आशा के चरित्र पर सवाल खड़े हो जाएं।
उसने वैसा ही किया रंगीला को भड़काया कि आशा किसी और से चोरी-छुपे यहाँ मिलने आती है। उसने खुद होटल में दोनों को जाते हुए देखा। उसकी बात रंगीला ने मान भी ली और आशा से कॉन्टेक्ट भी नहीं किया।
अब हाल यह था आशा फ़ोन करती.. तब भी वो फोन रिसीव नहीं करता।
आशा को समझ नहीं आ रहा था कि आख़िर हुआ क्या है, फिर उसने सोचा वो अपने घर वालों को मनाने के बाद ही शायद उससे बात करेगा। यह सोच कर उसने रंगीला को फ़ोन करना बन्द कर दिया।
एक दिन जय ने रंगीला को कहा कि आशा पेट से है.. जिसके साथ वो होटल में जाती थी.. ये उसका बच्चा है.. अब वो इससे इनकार कर रहा है.. तो देखना वो तुम्हारे माथे इसको लगा देगी और उसके बाद वही पत्र शाम को रंगीला तक पहुँचा दिया।
फिर क्या था रंगीला आग-बबूला होकर दूसरे दिन गाँव गया और आशा को ऐसी-ऐसी बातें सुनाईं कि वो हैरान हो गई उसके बच्चे को हरामी की औलाद बताया। उसने आशा की एक ना सुनी और उसको फटकार कर वो गुस्से में वहाँ से निकला।
तभी जेम्स और रानी से टकरा गया उसके बाद आशा ने आत्महत्या कर ली.. तब रंगीला को अहसास हुआ.. अगर वो सही थी तो ये सब हुआ कैसे और उसने छानबीन की तो जय का सारा खेल उसको समझ आया और तभी उसने बदला लेने की ठान ली।
पूरी बात सुनकर जेम्स का गुस्सा हवा हो गया.. अब उसको रंगीला के साथ हमदर्दी हो गई। उसने भी कसम खाई कि आशा की मौत का बदला लेने में वो रंगीला का साथ देगा।
रंगीला- उस साले को सबक़ सिखाने का पूरा इंतजाम मैंने कर दिया है.. तुम बस मेरा साथ देना।
रंगीला ने पूरा प्लान जेम्स को बताया तो जेम्स भी खुश हो गया।
जेम्स- उस हरामी ने मेरी रानी को भी नहीं बख्शा.. उसकी बहन को तो मैं ही चोदूँगा..
रंगीला- अरे चोद लेना.. अभी तो वो हरामी खुद उसको चोद रहा है।
जेम्स और रंगीला ने प्लान बनाया कि कैसे जेम्स भी अपने लंबे लौड़े से रश्मि की चुदाई करेगा.. उसके बाद रंगीला वहाँ से चला गया..
रंगीला के जाने के बाद जेम्स से भाभी ने बहुत सवाल किए.. मगर उसने टाल दिया और खाने के लिए बैठ गए।
खाना खाने के बाद जेम्स ने भाभी को अकेले में गुस्सा किया कि तुम यहाँ अपने पति का इलाज करवाने आई हो.. ऐसे निधि को किसी के साथ भी कैसे सुला सकती हो तुम?
भाभी- मैं क्या करूँ.. वो बिहारी ने मेरी एक ना सुनी और वैसे भी निधि कौन सी कुँवारी थी.. तुमने कब के उसकी चूत और गाण्ड दोनों अच्छे से खोल दिए हैं.. अब क्या फ़र्क पड़ता है?
जेम्स- अच्छा अच्छा.. अब तुम सो जाओ.. मैं निधि के साथ उस कमरे में सो जाता हूँ.. ठीक है ना..
भाभी- सोने वाला तू है नहीं.. ऐसा बोल ना कि तू निधि की चुदाई करेगा।
जेम्स- हाँ तो तुम्हें क्या दिक्कत है?
भाभी- अरे अभी-अभी तो बेचारी चुदी है.. थक गई होगी.. उसको आराम करने दे.. अगर इतना ही मन है.. तो मैं तैयार हूँ मुझे चोद ले..
जेम्स- नहीं.. तू सो जा.. मेरा मन निधि को चोदने का ही है.. ठीक है ना..
भाभी ने आगे कुछ नहीं कहा और जेम्स निधि के पास चला गया, उसने निधि को भी फटकार लगाई कि इतनी क्या आग लगी थी उसकी चूत में.. जो किसी के साथ भी चुदाई के लिए मान गई.. तो निधि ने उसको सारी बात बताई।
जेम्स- चल ठीक है.. जो हुआ वो हुआ.. अब मेरे लौड़े की आग भी मिटा दे.. कब से परेशान हो रहा हूँ।
निधि मान गई और उसने जेम्स के साथ मस्ती शुरू कर दी। कुछ देर बाद दोनों नंगे हो गए और चुदाई का खेल शुरू हो गया। रात भर में 3 बार जेम्स ने निधि को चोदा.. तब जाकर उसको चैन आया और निधि की हालत खराब हो गई।
दोस्तो, रश्मि और जय के बीच की खिचड़ी पक गई होगी, दोनों कपड़े चेंज करने गए थे, अब उनको भी देख लेते आते हैं।
रश्मि ने शॉर्ट स्कर्ट और ढीली सी एक टी-शर्ट पहन ली थी।
कुछ देर बाद जय उसके कमरे में आया.. उसने सिर्फ़ बरमूडा पहना था।
रश्मि- आओ भाई देख लो.. एसी बिल्कुल ठीक काम कर रहा है।
जय- मुझे तो नहीं लगता कि ठीक है.. कमरा तो इतना गर्म हो रहा है।
रश्मि- नहीं भाई आपको लग रहा है.. बाकी ठीक ही है।