hotaks444
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रंभा बोली, "अर्रे भाभी उससे तो और उभर जाएँगे." भाभी ने उसके उभारो को दबा के कहा, "लगता है तूने दब्वाना शुरू कर दिया है, इसीलिए इन जोबनों पे इतने कस के उभर आ रहे है." एकदम खुल के मौज मस्ती छाइ थी, क्योंकि सिर्फ़ लड़किया थी. कई ने तो जोड़े बना के खूब खुल के और तभी ज्योत्सना और रश्मि ने आके मुझे कान मे बताया, कि दो तीन लड़के एक पर्दे के पीछे से छिप के देख रहे है. मेने छुप के देखा तो मेरा कज़िन संजय, और उसके साथ मोनू और सोनू थे. तीनो ही हमारे हम उम्र थे, 2-3 साल बड़े. मे कुछ बोलती उसके पहले भाभी ने मेरी सहेलियों के कान मे कुछ कहा, और वो दोनो मुस्कराते हुए दबे पाँव बढ़ गई. भाभी बोली अर्रे यार वो कौन से बाहर के है. घर के लड़के है. बुला लो उनको भी. तब तक रश्मि और मेरी बाकी सहेलिया उन्हे अंदर ले आई. वे बेचारे सर झुकाए शरमाये, खड़े थे. पर रश्मि उन्हे इतनी आसानी से छोड़ने वाली थोड़े ही थी,
"ए कुड़ी के भाई, ज़रा नाच के दिखा तू इतना ना शर्मा" नाचते हुए उसने संजय को चॅलेंज किया, थोड़ी देर तक तो शरमाता रहा पर भाभियों के उकसाने पे वो भी मैदान मे आ गया. फिर तो उसने रश्मि को पकड़ के जो नाचा. उसके बाद तो मेरे कज़िन्स की चाँदी हो गयी. संजय ने सावन भादों का 'कान मे झुमका, चाल मे ठुमका, बदन मे चोटी लटके वाले गाने पे रश्मि को खूब नचाया और वो भी साथ मे. सोनू ने भी ज्योत्सना को रफ़्ता रफ़्ता आँख मेरी लड़ी है के साथ और सिर्फ़ इतना ही नही, लिम्का के साथ जिन और कोला के साथ थोड़ा रम मिला के भी( मुझे बाद मे पता चला कि वो प्लानिंग असल मे भाभी की बनाई थी.)..और उसके बाद तो रही सही झिझक भी जो पार्टी शाम को 8-9 बजे तक ख़तम होने वाली थी वो 10 बजे के बाद ख़तम हुई. उसके बाद चाट पार्टी थी. मम्मी ने कहा तुम लोग रात मे रुक जाओ अब घर के अंदर गाने होंगे. रश्मि बोली, मम्मी घर पे लोग परेशान होंगे भाभी ने हंस के संजय के कान खींचते हुए कहा ये किस मर्ज की दवा है, इतना डॅन्स किया है. ये सब जाके अभी सबके घर पे खबर देंगे. उस दिन घर मे गाने मे थोड़ी ही देर मे शादी के गाने, सीधे गालियो पे पहुँच गये और वो भी पूरी तरह नोन-वेज और सिर्फ़ गालियाँ ही नही नाच भी. हां आज परदा पूरा था पहले काम वालियों ने शुरू किया. और नाच क्या पूरा आक्षन प्ले - अगर मेने कोई भी सेक्स मनुअल नही पढ़ा होता या ब्लू फिल्म नही देखी होती तब भी सब कुछ मालूम हो जाता और सिर्फ़ काम वालियाँ ही नही, चाची और मौसीयों ने बुआ जी को पकड़ा. फिर मेरी और रीमा की सहेलियों को ..सुहाग रात के पहले सुहाग रात मेरी भाभियों ने करवा दी और उसमे बसंती सबसे आगे थी.
अगला दिन शादी के ठीक पहले का दिन आराम का था. कौन्तेसि भाभी. उन्होने रस्मों की साइट इस तरह तय करवाई थी की ज़्यादातर पहले ही हो चुकी थी. सिर्फ़ कुछ ही उस दिन और शादी वाले दिन के लिए बची थी. दिन मे उन्होने बसंती को लगाया कि वो मेरी इस तरह मालिश कर दे कि मेरी थकान निकल जाय और मे सो जाउ .रात मे भी, ज़बरदस्ती उन्होने मुझे 10 बजे मेरे कमरे मे ले जा के सुला दिया और कहा कि,आज सो ले. आज के बाद सबसे मुश्किल से तुम्हे जो चीज़ नेसीब होगी वो सोना ही होगी. शादी वाले दिन भी हाला कि बहुत काम था, और बहुत सारा समय ब्यूटी पार्लर वालीयो ने ले लिया,लेकिन भाभी ने इंश्योर किया था कि मेरे कमरे मे सिर्फ़ मेरी कुछ सहेलिया ही जाएँगी. दिन मे भी मेने मौका पा के सो लिया और खूब आराम किया. इसका नतीजा हुआ कि शाम को मे एकदम ताज़ा दम थी. और जैसे ही बारात आई मुझे पुरानी रस्म के तहत मेरी सहेलिया, भाभीया अक्षत फेंकने के लिए ले आई और मेरा निशाना सीधे राजीव पे पड़ा.
"ए कुड़ी के भाई, ज़रा नाच के दिखा तू इतना ना शर्मा" नाचते हुए उसने संजय को चॅलेंज किया, थोड़ी देर तक तो शरमाता रहा पर भाभियों के उकसाने पे वो भी मैदान मे आ गया. फिर तो उसने रश्मि को पकड़ के जो नाचा. उसके बाद तो मेरे कज़िन्स की चाँदी हो गयी. संजय ने सावन भादों का 'कान मे झुमका, चाल मे ठुमका, बदन मे चोटी लटके वाले गाने पे रश्मि को खूब नचाया और वो भी साथ मे. सोनू ने भी ज्योत्सना को रफ़्ता रफ़्ता आँख मेरी लड़ी है के साथ और सिर्फ़ इतना ही नही, लिम्का के साथ जिन और कोला के साथ थोड़ा रम मिला के भी( मुझे बाद मे पता चला कि वो प्लानिंग असल मे भाभी की बनाई थी.)..और उसके बाद तो रही सही झिझक भी जो पार्टी शाम को 8-9 बजे तक ख़तम होने वाली थी वो 10 बजे के बाद ख़तम हुई. उसके बाद चाट पार्टी थी. मम्मी ने कहा तुम लोग रात मे रुक जाओ अब घर के अंदर गाने होंगे. रश्मि बोली, मम्मी घर पे लोग परेशान होंगे भाभी ने हंस के संजय के कान खींचते हुए कहा ये किस मर्ज की दवा है, इतना डॅन्स किया है. ये सब जाके अभी सबके घर पे खबर देंगे. उस दिन घर मे गाने मे थोड़ी ही देर मे शादी के गाने, सीधे गालियो पे पहुँच गये और वो भी पूरी तरह नोन-वेज और सिर्फ़ गालियाँ ही नही नाच भी. हां आज परदा पूरा था पहले काम वालियों ने शुरू किया. और नाच क्या पूरा आक्षन प्ले - अगर मेने कोई भी सेक्स मनुअल नही पढ़ा होता या ब्लू फिल्म नही देखी होती तब भी सब कुछ मालूम हो जाता और सिर्फ़ काम वालियाँ ही नही, चाची और मौसीयों ने बुआ जी को पकड़ा. फिर मेरी और रीमा की सहेलियों को ..सुहाग रात के पहले सुहाग रात मेरी भाभियों ने करवा दी और उसमे बसंती सबसे आगे थी.
अगला दिन शादी के ठीक पहले का दिन आराम का था. कौन्तेसि भाभी. उन्होने रस्मों की साइट इस तरह तय करवाई थी की ज़्यादातर पहले ही हो चुकी थी. सिर्फ़ कुछ ही उस दिन और शादी वाले दिन के लिए बची थी. दिन मे उन्होने बसंती को लगाया कि वो मेरी इस तरह मालिश कर दे कि मेरी थकान निकल जाय और मे सो जाउ .रात मे भी, ज़बरदस्ती उन्होने मुझे 10 बजे मेरे कमरे मे ले जा के सुला दिया और कहा कि,आज सो ले. आज के बाद सबसे मुश्किल से तुम्हे जो चीज़ नेसीब होगी वो सोना ही होगी. शादी वाले दिन भी हाला कि बहुत काम था, और बहुत सारा समय ब्यूटी पार्लर वालीयो ने ले लिया,लेकिन भाभी ने इंश्योर किया था कि मेरे कमरे मे सिर्फ़ मेरी कुछ सहेलिया ही जाएँगी. दिन मे भी मेने मौका पा के सो लिया और खूब आराम किया. इसका नतीजा हुआ कि शाम को मे एकदम ताज़ा दम थी. और जैसे ही बारात आई मुझे पुरानी रस्म के तहत मेरी सहेलिया, भाभीया अक्षत फेंकने के लिए ले आई और मेरा निशाना सीधे राजीव पे पड़ा.