Kamukta Story एक और कमीना - Page 11 - SexBaba
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Kamukta Story एक और कमीना

डॉली- तू कुछ दिनो से मुझसे दूर-दूर क्यो रहता है, मुझसे ठीक से बात भी नही कर रहा है, क्या मुझसे कुछ ग़लती हुई

है, और डॉली की आँखो मे आँसू आ जाते है,


सन्नी- दीदी ये क्या कर रही हो तुम पागल तो नही हो गई बिना बात के क्यो रो रही हो,


डॉली- अपने आँसू पोछते हुए, सन्नी तू बहुत खराब है, तुझे मेरी बिल्कुल भी परवाह नही है,


सन्नी- दीदी आख़िर हुआ क्या है, मैं तुमसे कहाँ बात नही कर रहा हू, और तुमसे कहाँ दूर-दूर रहता हू, तुम्हे वैसे ही

लग रहा है जबकि ऐसी कोई बात नही है,


डॉली- तू मुझसे नाराज़ है,


सन्नी- नही दीदी आपकी की कसम,

डॉली- तो फिर मुझसे उखड़ा-उखड़ा क्यो रहता है,


सन्नी- नही दीदी ऐसी कोई बात नही है,


डॉली- खा मेरी कसम,


सन्नी- डॉली के सर पर हाथ रख कर दीदी मैं तुमसे बिल्कुल भी नाराज़ नही हू,

डॉली- सन्नी के सीने पर अपना सर रख कर बैठ जाती है,




सन्नी को यह पक्का यकीन हो जाता है कि उसकी दीदी उसके बिना नही रह सकती लेकिन वह कुछ बोलती क्यो नही है, लगता है मुझे ही उससे सब उगलवाना पड़ेगा, डॉली अपना सर झुकाए सन्नी के कंधे पर सर रख कर उसकी बाहें पकड़े बैठी

रहती है,

सन्नी- दीदी तुम मुझे बहुत चाहती हो ना,


डॉली- हाँ,


सन्नी- कितना,


डॉली- दुनिया मे सब से ज़्यादा,


सन्नी- तो क्या तुम मेरे बिना नही रह सकती,


डॉली- एक पल भी नही,


सन्नी- तो फिर दीदी जब तुम्हारी शादी हो जाएगी और तुम अपने ससुराल चली जाओगी तो फिर मेरे बिना वहाँ कैसे रहोगी,


डॉली- मुझे नही करना शादी वादी,


सन्नी- तो क्या तुम हमेशा मेरे पास ही रहोगी,


डॉली- हाँ,

सन्नी- लेकिन यह कैसे पोज़िबल है,


डॉली- मैं नही जानती पर मैं तुझे छोड़ कर कही नही जाने वाली,


सन्नी- क्यो,


डॉली- वैसे ही,


सन्नी- क्या तुम मुझसे प्यार करने लगी हो,


डॉली उसके इस सवाल को सुन कर एक दम चुप हो जाती है, सन्नी उसका चेहरा उठाकर अपनी और करता है डॉली अपनी नज़रे झुकाए रहती है,


सन्नी- दीदी मेरी तरफ देखो,

डॉली अपनी कातिल निगाहे सन्नी की ओर करती है, उस समय डॉली के चेहरे को देख कर सन्नी का दिल अपनी बहन के होंठो को चूम लेने का होता है,


सन्नी -दीदी तुम बहुत खूबसूरत हो, और उसके रसीले होंठो को चूम लेता है

डॉली अपनी नज़रे नीचे कर लेती है और

डॉली -सन्नी आज के बाद तू इस तरह मुझसे दूर-दूर तो नही रहेगा ना,


सन्नी- नही दीदी मैं तो वैसे भी आपके बिना जी नही सकता हू,


डॉली- क्यो


सन्नी- इसलिए कि मैं आप से प्यार करता हू, और आपको जी भर कर प्यार करना चाहता हू,


डॉली- मुस्कुराते हुए किस तरह का प्यार करना चाहता है,


सन्नी- जैसे लोग अपनी बीबी से करते है,


डॉली- तो क्या तू मुझे अपनी बीबी समझता है


सन्नी- हाँ


डॉली- मुस्कुराते हुए, तू अपनी बहन को बीबी बनाएगा तो तुझे शरम नही आएगी,


सन्नी- मैं तो तुम्हे अपनी बीबी बनाने को तैयार हू, बस तुम्हारी हाँ का इंतजार है,


डॉली- मुझे अपनी बीबी बनाकर फिर क्या करेगा,


सन्नी- डॉली की आँखो मे मुस्कुरा कर देखता हुआ, अपने मूह को उसके कान के पास लाकर, दीदी तुम्हे अपनी बीबी बनाकर

तुम्हे पूरी नंगी करके चोदना चाहता हू,


डॉली सन्नी की बात सुन कर शर्म से लाल हो जाती है और उठ कर जाने लगती है तो सन्नी उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी ओर खिचते हुए उसे अपनी गोद मे बैठा लेता है,


सन्नी- दीदी मुझे तुम्हारा जवाब चाहिए,


डॉली उससे छूट कर खड़ी हो जाती है और मुस्कुरा कर उससे थोड़ा दूर जाने लगती है,


सन्नी- ज़ोर से दीदी मुझे आपका जवाब चाहिए कब दोगि,


डॉली- उसकी ओर घूम कर मुस्कुराते हुए सन्नी अभी मेरा मूड नही है तेरे सवालो का जवाब देने का,


सन्नी- तो फिर तुम्हारा मूड कब होगा,


डॉली- सन्नी चल उठ हम चलते-चलते बात करते है बहुत देर हो रही है,


सन्नी उठ कर डॉली के पास आकर उसका हाथ पकड़ नही पहले मुझे जवाब दो,


डॉली- अरे तू चल तो फिर बताती हू,


सन्नी उसके साथ चलने लगता है,


सन्नी- दीदी अब बोलो भी


डॉली- देख सन्नी तेरा सवाल ऐसा है कि मुझे तो नही लगता कि मैं होश मे तेरे सवाल का जवाब दे पाउन्गि,


सन्नी- तो फिर दीदी अब मैं तुम्हे मदहोश करके ही तुमसे अपने प्यार का इज़हार करवाउँगा,


डॉली- मुस्कुरकर बड़ा आया मदहोश करने वाला, मैं कभी मदहोश होती ही नही तो तेरे सवाल का जवाब तुझे कभी

मिल ही नही पाएगा,


सन्नी- नही दीदी तुम मदहोश होती हो,


डॉली- सन्नी के चेहरे को अपनी नज़र उठाकर गोर से देखती हुई मैं कब मदहोश होती हू,
 
सन्नी- दीदी जब तुम मेरी बाँहो मे होती हो तब तुम मदहोश हो जाती हो और फिर तुम वही करती हो जो मैं चाहता हू,


डॉली- मुस्कुरा कर उसकी पीठ पर मारते हुए, सन्नी तू बहुत बदमाश और चालाक है,


सन्नी- दीदी तुम्हे मेरी बदमाशिया बहुत अच्छी लगती है ना,


डॉली- मुस्कुरा कर उसे देखती हुई, सन्नी तू कुछ चीज़ो मे बहुत एक्सपर्ट है,


सन्नी- तुम ठीक कहती हो दीदी तुम यही कहना चाहती हो ना कि मैं लड़किया पटाने मे बहुत एक्सपर्ट हू


डॉली- उसको देख कर मुस्कुराते हुए क्यो तूने कौन सी लड़की पटा ली है


सन्नी- दीदी आप को और किसको,


डॉली- मुस्कुरकर बड़ा आया मुझे पटाने वाला, मैं तुझसे पट्ने वाली नही हू,


सन्नी- वो तो तुम खुद जानती हो कि तुम मुझसे पट गई हो या नही,


डॉली- मुस्कुराते हुए चल अब बाते बनाना बंद कर और बाइक स्टार्ट कर और दोनो बाइक पर सवार होकर अपने घर की ओर उड़ने लग जाते है.
 
एक और कमीना--19



रात को अंजलि, डॉली और सन्नी तीनो देर तक सोफे पर बैठ कर गप्पे मारते रहते है, लेकिन उन तीनो मे जब से जो बाते चल रही थी, उन बतो के अलावा भी कुछ बाते और भी थी जो सिर्फ़ दो ही लोगो के बीच हो रही थी और वह बाते आँखो ही आँखो मे सन्नी और डॉली के बीच चल रही थी, सन्नी अपनी दीदी की सुंदरता और हुस्न को देख कर दिल ही दिल मे उसको चूमने के लिए मर रहा था तो डॉली अपने भाई की बाँहो मे सिमटने के लिए तरस रही थी वह सब लोग लगभग दो घंटे से भी ज़्यादा समय से गप्पे मारते हुए मुस्कुरा रहे थे, लेकिन उनकी आँखो से उनकी आरजू बयान हो रही थी, कोई-कोई लम्हा तो ऐसा भी था जब दोनो के चेहरे एक दम गंभीर हो जाते और जब वो दोनो एक दूसरे की नज़रो से नज़रे मिलाते तो दोनो के ही जिस्म की नसो मे एक अजीब सी मगर बहुत रोमांचित कर देने वाली उत्तेजना का संचार हो जाता था, और उनका दिल करता कि अभी जाकर एक दूसरे को अपनी बाँहो मे भरकर समा ले,


उनकी नज़रो के टकराव और उस टकराव से जन्मी उत्तेजना का संचार जब एक ही समय मे दोनो की रगो मे एक साथ होने लगता है, तब खुदा भी सोच मे पड़ जाता होगा कि मैने तो इन्हे अलग-अलग जिस्म दे कर इनके वजूद को तराशा था, लेकिन एक ही वक़्त मे इन दोनो की रगो मे रक्त का बहाव एक समान कैसे हो जाता है, तब शायद खुदा को भी यह एहसास होता होगा कि जमी पर जो सबसे जुड़ा एहसास है उसी का नाम प्यार है, और प्यार भी ऐसा जो खुद उन रस्मो के खिलाफ था जिन रश्मो को वह दुनिया तवज्जो देती थी जहाँ उनका बसेरा था, मगर सभी रस्मो को तोड़ कर उन दोनो की चाहतें अपनी मोहब्बत का एक अलग आशियाना बनाने के लिए बहुत पहले ही अपना कदम उठा चुके थे, और काफ़ी रास्ता तय कर चुके थे, अब तो सिर्फ़ उन दोनो की निगाहे अपनी मंज़िल पर टिकी थी,


सन्नी और डॉली की आँखो ही आँखो मे की गई बातो का सिलसिला चलता ही जा रहा था और उनका चेहरा भी उनकी बेताबी को बयान करने लगा था, और उस मोहब्बत की गवाह होने का मौका भी खुदा ने दिया भी तो उसको जो खुद ही उन दोनो के वजूद को दुनिया मे लाने के लिए जवाबदार थी, जी हाँ अंजलि उन दोनो की नज़रो से निकलने वाले प्यार भरे तीरो की नोक को पहचान चुकी थी, या अपनी भाषा मे कहे दोस्तो तो उन दो लोगो की नज़रो का कम्यूनिकेशन ऐसा था जो बिना सेक्यूरिटी के डेटा सेंड कर रहा था और उनकी मम्मी अंजलि ऐज आ हेकर उनके डेटबेस को आक्सेस करके पहचान चुकी थी,
 
अंजलि उन दोनो की बेताबी को समझते हुए, अच्छा भाई मैं तो चलती हू मुझे तो नींद आ रही है, बेटे तुम लोग जब

सोने जाओ तो टीवी ऑफ कर देना, और अंजलि अपने रूम मे चली जाती है, डॉली और सन्नी दोनो सोफे पर आमने सामने बैठे एक दूसरे को देख कर मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे उनकी हँसी ऐसी थी जैसे उन्होने कुछ कीमती चीज़ हासिल कर ली हो, अपनी मम्मी के जाते ही सन्नी ने अपनी दीदी को इशारे से सोफे पर हाथ मारते हुए अपने पास आकर बैठने का इशारा किया, लेकिन डॉली ने अपनी जीभ दिखा कर सन्नी को चिढ़ाते हुए ना मे अपनी गर्दन हिला दी,


सन्नी- आओ ना दीदी


डॉली- क्यो


सन्नी- प्लीज़ मेरे पास आकर बैठो ना


डॉली- क्यो तुझे कुछ काम है मुझसे


सन्नी- हाँ


डॉली- क्या काम है


सन्नी- तुम्हारी पप्पी लेनी है


डॉली- मुस्कुराते हुए मुझे नही चाहिए तेरी पप्पी-वाप्पी


सन्नी- अच्छा पप्पी मत दो पर मेरे पास तो आ जाओ


डॉली- ना बाबा ना, मैं तो जा रही हू मुझे तो नींद आ रही है,


सन्नी- डॉली को गुस्सा दिखाते हुए, दो घंटे से मैं मम्मी के जाने का इंतजार क्या इसी लिए कर रहा था कि तुम,

सन्नीअपना मूह बना कर चिढ़ाने वाले अंदाज मे.. उनके जाते ही मुझसे कहो कि मैं तो जा रही हू सोने मुझे तो नींद आ रही है.


डॉली- मुझे क्या पता तू मम्मी के जाने का क्यो इंतजार कर रहा है,


सन्नी- ऑफ हो दीदी आपके लिए और क्यो


डॉली- मुस्कुरा कर मगर तुझे मुझसे कुछ काम है क्या,


सन्नी- हाँ है,


डॉली- तो बता ना क्या काम है,


सन्नी- अच्छा तुम मेरे पास आओ मैं बताता हू,


डॉली- वही से बता दे मैं तेरे पास-वास नही आने वाली,


सन्नी- अच्छा तो तुम नही आओगी


डॉली- मुस्कुरा कर नही


और तभी सन्नी जैसे ही डॉली की तरफ आने के लिए उठता है, डॉली सोफे से उठ कर अपने रूम की ओर भागती है और सन्नी उसे दौड़ लगाकर डॉली की कमर मे हाथ डाल कर उसे पकड़ लेता है.


डॉली- सन्नी छोड़ दे नही तो मैं मम्मी को चिल्लाकर बुला लुगी,


सन्नी- दीदी चुपचाप रहना बिल्कुल भी आवाज़ मत करना,


डॉली- सन्नी प्लीज़ छोड़ ना मुझे


सन्नी- ओके छोड़ता हू और सन्नी डॉली को अपनी गोद मे उठा लेता है और मुस्कुराते हुए अब बताओ कहाँ जाओगी भाग कर,


डॉली- धीमी आवाज़ मे सन्नी मुझे नीचे उतार मैं गिर जाउन्गि,


सन्नी- दीदी ज़्यादा शोर मत करो नही तो मम्मी को पता चल जाएगा कि तुम मेरे उपर चढ़ि हो,


डॉली- सन्नी के सीने पर मुक्का मारती हुई, बदमाश कही के मैं तेरे उपर चढ़ि हू कि तूने मुझे अपने उपर चढ़ाया

है,


सन्नी- दीदी जब कोई किसी के उपर चढ़ता है तो देखने वाले को चढ़ने वाले की ही ग़लती नज़र आती है,


डॉली- अच्छा बाबा मैं हारी तू जीता अब तो मुझे उतार दे,


सन्नी डॉली को अपनी गोद मे उठाए हुए डॉली के बेड पर ले जाता है और बेड पर लिटा देता है, डॉली सन्नी को मुस्कुरा कर देखती रहती है और सन्नी खड़ा-खड़ा अपनी खूबसूरत बहन के अप्सरा जैसे रूप और खूबसूरत हुस्न को निहारता हुआ

खड़ा रहता है,
 
डॉली- मुस्कुरा कर सन्नी को देखती हुई जो उसे घूर कर उसके चेहरे को देख रहा था, सन्नी ऐसे क्या देख रहा है, खा

जाएगा क्या,


सन्नी- उसके पास बैठ कर दीदी मैं तो तुमको खाना नही पीना चाहता हू लेकिन तुम पिलाती ही नही,


डॉली- बड़ा आया पीने वाला, क्या पीना चाहता है,


सन्नी- मुस्कुरा कर उसके दूध को देखने लगता है


डॉली- मुस्कुराहट छुपा कर झूठा गुस्सा दिखाते हुए सन्नी मार खाएगा तू,


सन्नी- दीदी पहले पिला दो बाद मे जितना चाहे मार लेना,


डॉली- सन्नी अब तू सीधे अपने रूम मे जाकर सो जा,


सन्नी- दीदी मैं बिना पिए नही जाउन्गा,


डॉली- मुस्कुरा कर देख सन्नी रोज-रोज ये सब हरकत अच्छी नही है, आख़िर तू मेरा भाई है,


सन्नी- उसकी बात से थोड़ा सीरीयस होता हुआ, अच्छा मत पिलाओ लेकिन एक बार मुझे अपने सीने से लगा कर एक किस अपने होंठो पर करने दो मैं चला जाउन्गा,


डॉली- सन्नी क्या कोई भाई अपनी बहन से ऐसी बात करता है,


सन्नी- दीदी अब ज़्यादा बनो मत क्या तुम नही चाहती जो मैं चाहता हू,


डॉली- इधर उधर अपनी नज़रे नाचते हुए नही,


सन्नी- डॉली का हाथ पकड़ कर अपने सर पर रखते हुए तो खा लो मेरे सर की कसम कि तुम नही चाहती कि मैं तुम्हे

अपनी बाहों मे लेकर तुम्हे जी भर कर प्यार करू,


डॉली- अपना हाथ छुड़ाते हुए, सन्नी हर बात मे कसम खिलाने की क्या ज़रूरत है,


सन्नी- इसलिए की बिना कसम खिलाए तुम सच बोलती नही हो,


डॉली- मुस्कुरा कर अच्छा ठीक है हम कल इस मॅटर पर बात करेगे, अब जा और जाकर सो जा,


सन्नी- दीदी कम से कम एक किस तो कर लेने दो,


डॉली- सन्नी तू कितना जिद्दी हो गया है, तेरी इन हर्कतो से मुझे शर्म आती है,


सन्नी- अच्छा आप आँख बंद कर लो मैं बस एक किस करके चला जाउन्गा,


डॉली- पक्का


सन्नी- बिल्कुल पक्का


डॉली- सन्नी को अंगुली दिखाते हुए लेकिन देख कोई बदमाशी नही करना,


सन्नी- भरोसा रखो दीदी मुझे कोई बदमाशी करना होती तो मैं क्या तुमसे पूछता,


डॉली- अच्छा ठीक है, पर बस एक किस हाँ,


सन्नी- ओके


डॉली अपनी आँखे बंद कर लेती है और सन्नी अपने होंठो को डॉली के होंठो के पास ले जाता है, और डॉली के होंठो से

सिर्फ़ दो इंच की दूरी पर जाकर रुक जाता है और डॉली को देखने लगता है, डॉली की साँसे बहुत तेज-तेज चल रही थी और

सन्नी की सांसो की हवा डॉली के लबो से टकरा रही थी, कुछ देर सन्नी ऐसे ही रहा तो अचानक डॉली ने अपनी आँखे खोल

दी, और सन्नी ने थोड़ा मूह पीछे कर लिया,


डॉली- सन्नी क्या कर रहा है जो करना है जल्दी कर मैं कब तक आँखे बंद रखू,


सन्नी- अच्छा करता हू आप आँखे बंद कर लो,


डॉली, सन्नी को मुस्कुरा कर देखते हुए अपनी आँखे फिर बंद कर लेती है, सन्नी समझ जाता है कि उसकी दीदी मरी जा

रही है लेकिन उपर से नखरा कर रही है, सन्नी डॉली के कान के पास अपने मूह को लाकर उसे बिना छुए,


सन्नी- दीदी


डॉली- हू


सन्नी- दीदी आज मूड कॅन्सल, नही करना मुझे किस


डॉली अपनी आँखे खोलकर, क्यों क्या हुआ,


सन्नी- बस ऐसे ही मेरा मन नही हो रहा, मैं जा रहा हू अपने रूम मे सोने, सन्नी बेड से उतर कर जाने लगता है तो डॉली का चेहरा मुरझा जाता है,


डॉली- सन्नी


सन्नी - वापस पलट कर, हाँ दीदी


डॉली- तू मुझसे गुस्सा हो गया क्या,


सन्नी- मुझे क्या हक है आपसे गुस्सा होने का,


डॉली- पर मैने तो तुझे किस करने के लिए हाँ कह दिया था ना, फिर किस बात के लिए तू मुझसे गुस्सा हो गया,


सन्नी- मूह बनाते हुए, दीदी क्या किस करने भर से रात को मुझे नींद आ जाएगी,


डॉली- सन्नी को आँखे फाड़ कर देखती हुई, तो और क्या करना चाहता है तू मेरे साथ,


सन्नी- क्या फ़ायदा दीदी आपको बताने से आप करने तो देती नही,
 
डॉली- कुछ सोच कर, बेड से नीचे उतर कर सन्नी के पास जाकर उसके सीने पर अपने सर को रख कर, देख सन्नी मुझे

समझने की कोशिश कर और मुझसे ऐसे नाराज़ ना हुआ कर, प्लीज़ मुझे समझने की कोशिश कर और डॉली एक दम

सीरीयस हो जाती है,


सन्नी को लगता है कि अभी उसकी दीदी का मन भावुक है इसलिए उसे शांति से काम लेना चाहिए और वह डॉली का चेहरा

उठाकर उसकी आँखो मे देखता हुआ,

सन्नी- दीदी मैं आप से कहाँ नाराज़ हू मैं तो मज़ाक कर रहा था,


डॉली- मुस्कुरा कर सच्ची,


सन्नी- मुस्कुरा कर मुच्चि

और दोनो खिलखिलाकर हँसने लगते है, सन्नी डॉली को गले लगा लेता है यह वह समय था जब उन दोनो के उपर सेक्स से भी ज़्यादा हावी उनका प्यार था, सन्नी डॉली को अपने सीने से लगाए उसके गालो को अपने होंठो से चूमता हुआ, दीदी आइ लव यू, और डॉली को छोड़कर चलो अब आप भी सो जाओ मैं भी अपने रूम मे जाकर सो जाता हू,


डॉली- मुस्कुराते हुए सन्नी को देखकर- सन्नी


सन्नी- हाँ दीदी


डॉली- मेरे साथ सोएगा,


सन्नी- खुश होता हुआ ये आज सूरज पश्चिम से कहाँ से निकल आया, क्यो नही दीदी नेकी और पूछ-पूछ


डॉली- लेकिन सन्नी तुझे एक वादा करना होगा,


सन्नी- वह क्या


डॉली- यही कि तू मुझसे कोई शरारत नही करेगा,


सन्नी- दीदी भला ऐसा कभी हो सकता है कि कोई हूर की परी मेरे साथ अपनी रात बिताए और मैं उसके साथ कोई शरारत ना करू,


डॉली- सन्नी को मुस्कुरा कर धकेलते हुए तो फिर जा भाग अपने रूम मे जाकर सो,


सन्नी- अरे दीदी मैं तो मज़ाक कर रहा हू,


डॉली- नही मुझे तेरा कोई भरोसा नही है तू कुछ भी कर सकता है,


सन्नी- नही दीदी विश्वास करो मैं कुछ भी नही करूँगा,


डॉली- नही सन्नी और कभी आज नही


सन्नी- ठीक है दीदी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उसे गुड नाइट कह कर अपने रूम मे चला जाता है


सन्नी अपने रूम मे जाकर लेटे हुए सोचता है, कब तक ऐसे ही चलता रहेगा, दीदी के बिना मुझे एक पल चैन नही आता

है और दीदी है कि कुछ कहती ही नही, अब मुझसे नही रहा जा रहा अब मुझे कोई ना कोई कदम उठाना ही पड़ेगा,


डॉली अपने बेड पर लेटे हुए अपने आप को कोसते हुए मैने सन्नी को इतनी जल्दी क्यो जाने दिया, सन्नी के बिना तो एक पल नही गुज़रता पता नही मेरी जिंदगी मे क्या होने वाला है, डॉली यही सब सोचते हुए सो जाती है, और एक हसीन सपना देखने लगती है------------------------------------------------
 
डॉली- सन्नी ये क्या कर रहा है,


सन्नी- दीदी आज तो मैं तुम्हे पूरी नंगी देखना चाहता हू,


डॉली- सन्नी देख ये ग़लत बात है तू मेरे साथ जबर्जस्ति नही कर सकता,


सन्नी- दीदी तुम मेरी बीबी हो और मैं अब तुम्हारे साथ कुछ भी कर सकता हू


और सन्नी एक झटके मे डॉली की टीशर्ट उतार देता है डॉली के मोटे-मोटे दूध नंगे हो जाते है और डॉली उन्हे अपने

हाथो से छुपाने की कोशिश करती हुई

डॉली- देख सन्नी प्लीज़ ऐसा मत कर मुझे बहुत शर्म आ रही है,


सन्नी- दीदी मेरे पास आओ,


डॉली- सन्नी मुझ से दूर रह तू बहुत गंदा है अपनी बहन के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती करते हुए तुझे शरम आनी चाहिए


सन्नी- दीदी तुम मेरी हो और मुझे पूरा हक है तुम्हे नंगी करने का


डॉली- सन्नी प्लीज़ ऐसा मत कर


सन्नी आगे बढ़ कर डॉली को अपनी गोद मे उठा लेता है और उसकी मोटी गान्ड से उसकी जीन्स निकाल देता है डॉली को अपने नंगे बदन से कस कर चिपका लेता है, डॉली सहमी हुई सन्नी के बदन से छूटने की कोशिश करती है लेकिन सन्नी उसे कस कर अपने सीने से दबाए रहता है,


डॉली- सन्नी तू मुझे प्यार करता है ना,


सन्नी- हाँ


डॉली- तो फिर मेरी मर्ज़ी के बिना मेरे साथ ऐसा क्यो कर रहा है,


सन्नी- कुछ सोचते हुए ठीक है नही करता तुम नाराज़ क्यो होती हो पर मेरे पास इसी तरह चिपक कर सो तो सकती हो,


डॉली- ठीक है पर मैं पूरी नंगी हू सन्नी मुझे शरम आ रही है,


सन्नी- कहाँ दीदी तुम कहाँ नंगी हो पेंटी तो पहन रखी है


डॉली- सन्नी के सीने पर हाथ मारती हुई, किस हक से तू मुझे अपने उपर नंगी करके सुला रहा है,


सन्नी- दीदी क्या मैने तुम्हे अपनी बीबी नही बना लिया है भूल गई जब हमने भगवान को साक्षी मान कर एक दूसरे के हो

गये थे, तब तो तुमने मुझे अपनाकर सारी सीमाए तोड़ दी थी, फिर आज क्या हुआ,


डॉली- पता नही मुझे क्या हो गया था, आइ आम सॉरी,


सन्नी- कोई बात नही, अब तो मैं तुम्हे खुल कर प्यार कर लू


डॉली - अपनी नशीली आँखो से सन्नी को देखते हुए, हू


सन्नी- क्या हू,


डॉली- सन्नी मुझे अपनी बाँहो मे पूरी नंगी करके खूब प्यार करो प्लीज़ और डॉली सन्नी की बाँहो मे समा जाती है,

सन्नी और डॉली एक दूसरे को अपनी बाँहो मे भर कर एक दूसरे मे समाए रहते है, तभी सुबह 6 बजे का अलार्म बजता

है और डॉली की नींद खुल जाती है और वह हान्फते हुए एक दम से उठ जाती है, हे भगवान मैं क्या सपना देख रही थी,

ये कैसा अजीब सपना था, और उपर से सुबह-सुबह का सपना, ये मुझे क्या हो गया है, क्या सन्नी से मैं वो सब करूँगी,

कहते है सुबह का सपना सच होता है, तो क्या, और डॉली का दिल जोरो से धड़कने लगता है, सन्नी मुझे अब दिन रात दिखाई देने लगा है, मैं क्या करू भगवान, मैं सन्नी के बिना नही रह सकती, मुझे कुछ समझ नही आता मैं क्या करू,
 
और

तभी, अंजलि बाहर से आवाज़ मारती हुई, डॉली बेटा उठ गई क्या,


डॉली- हाँ मम्मी, अभी आई,


रोज की तरह सन्नी डॉली को कॉलेज ले जाकर अपनी बाइक खड़ी कर देता है, रास्ते भर डॉली उससे कोई बात नही करती है,

सन्नी- दीदी क्या सोच रही हो खड़ी-खड़ी क्लास मे नही जाना क्या,


डॉली- सन्नी आज मेरा मन नही कर रहा


सन्नी- तो दीदी यहाँ तक आने की क्या ज़रूरत थी घर पर ही बता दिया होता,


डॉली- सन्नी चल हम पार्क मे चल कर बैठेंगे,


सन्नी- पर दीदी मेरी क्लास


डॉली- सन्नी आज तू भी कुल्टी मार दे ना, मेरी खातिर प्लीज़


सन्नी- डॉली को देख कर मुस्कुराते हुए, दीदी क्या बात है आज तो सुबह से मूड मे लग रही हो,


डॉली- एक दूँगी रख कर जब देखो एक ही बात दिमाग़ मे चलती रहती है तेरे, कभी जिंदगी के प्रति सीरीयस भी होता है कि

नही,


सन्नी- दीदी मेरी जिंदगी तो तुम हो और तुम जानती हो मैं तुम्हारे मॅटर मे कितना सीरीयस हू,


डॉली- अब बाते बनाना बंद करो और चलो


डॉली सन्नी का हाथ पकड़ कर पार्क की ओर चल देती है पार्क की बेंच पर दोनो बैठ जाते है, डॉली कुछ सोचने लगती है,

सन्नी- क्या बात है दीदी तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना


डॉली- सन्नी को देख कर, क्यो मेरी तबीयत को क्या हुआ है


सन्नी- नही तुम कुछ उदास दिख रही हो इसलिए पूछ लिया,


डॉली- सन्नी दरअसल मैने आज सुबह-सुबह एक सपना देखा है,


सन्नी- मुस्कुराता हुआ ज़रूर तुमने सपने मे मुझे देखा होगा,


डॉली एक दम से सन्नी को अपनी आँखे फाड़ कर देखने लगती है,

सन्नी- क्यो ठीक कहा ना दीदी,


डॉली- सन्नी को मारते हुए तुझे हर वक़्त मज़ाक करने की आदत हो गई है,


सन्नी- अच्छा ठीक है, अब बताओ क्या देखा सपने मे,


डॉली- वो मैं तुझे नही बता सकती


सन्नी- क्यो


डॉली- अब हर क्यो का जवाब तो नही होता ना


सन्नी- अच्छा बाबा मत बताओ पर यह तो बता सकती हो कि सपना अच्छा था या बुरा


डॉली- कुछ सोचते हुए, मैं नही जानती,


सन्नी- ये क्या बात हुई, तुमने सपना देखा और तुम्हे ही नही मालूम कि सपना अच्छा था या बुरा


डॉली- सन्नी को देख कर मुस्कुराते हुए, अच्छा भी था और बुरा भी


सन्नी- ये कैसे हो सकता है, या तो सपना अच्छा होगा या बुरा, लगता है दीदी तुम तय नही कर पा रही कि सपना अच्छा

था या बुरा, आइ थिंक तुम डबल माइंड हो रही हो, खेर जाने दो सपना तो सपना है उसमे सच क्या है,


डॉली- नही सन्नी वह सपना मैने सुबह-सुबह देखा है और कहते है सुबह का सपना अक्सर सच होता है,


सन्नी- ऑफ हो दीदी तो फिर उस सपने से अपनी नेगेटिव थिंकिंग को निकाल कर उसे अच्छा सपना मान लो, जिससे वह सच भी हुआ तो तुम्हे कुछ प्राब्लम नही होगा,


डॉली सन्नी की बात सुन कर उसकी ओर देखने लगती है

सन्नी- अच्छा उस सपने के नेगेटिव पॉइंट को निकालने के बाद अब बताओ सपना अच्छा था कि बुरा


डॉली- सन्नी को देख कर मुस्कुराते हुए, अच्छा था


सन्नी- डॉली को गोर से देख कर उसकी आँखो मे झाँक कर मुस्कुराते हुए, दीदी एक बात पुछु सच-सच बताना


डॉली- पूछ


सन्नी- दीदी वह सपना मेरे बारे मे था ना


डॉली- सन्नी को मारते हुए, मूह बना कर बड़ा आया मेरे बारे मे था, तेरे सपने मैं क्यो देखने लगी,


सन्नी- दीदी तुम्हारे एक्सप्रेशन बता रहे है कि वह सपना तुमने मेरे बारे मे ही देखा था,


डॉली- सन्नी को मुस्कुरा कर देखती हुई, किसी के बारे मे भी रहा हो तुझे उससे क्या, अब दूसरी बात कर


सन्नी- दीदी मुझे नही मालूम था कि तुम अपने सपनो मे भी मुझे देखती हो,


डॉली- सन्नी को मारते हुए, तू बहुत शातिर है, चल हम क्लास चलते है


सन्नी- क्यो अब तुम्हारा मूड ठीक हो गया,


डॉली- हाँ


सन्नी- तो फिर मुझसे कहती क्यो नही


डॉली- क्या


सन्नी- यही कि आइ लव यू सन्नी


डॉली- सन्नी को मारते हुए, क्यो मैं ऐसा क्यो कहु, और उठ कर चल देती है


सन्नी- दीदी जिस तरह तुम अपने सपने मे मुझे आक्सेप्ट कर चुकी हो उसी तरह एक दिन तुम मुझे हक़ीकत मे भी आक्सेप्ट करोगी


डॉली सन्नी की बात सुन कर उसकी और अपनी पीठ करके मंद-मंद मुस्कुराती हुई, हे भगवान इसका दिमाग़ कितना तेज चलता है, इससे पार पाना बहुत मुस्किल है, इसे मैं कुछ कहती नही फिर भी यह मेरे मन की बात जान लेता है


सन्नी डॉली के पीछे चलता हुआ,

दीदी तुम यही सोच रही हो ना कि मैं तुम्हारे मन की बात कैसे जान गया, डॉली सन्नी को मूह फाड़ कर देखने लगती है,


सन्नी- दीदी इसी को प्यार कहते है,


डॉली के पास सन्नी की बातो का कोई जवाब नही होता है और वह चुपचाप मुस्कुराते हुए अपना सर नीचे झुकाए चलती

रहती है.


सन्नी, डॉली को लेकर घर पहुचता है तभी रोहन का कॉल उसके मोबाइल पर आता है,


सन्नी- हाँ बोल रोहन,


रोहन- सन्नी क्या कर रहा है,


सन्नी- बोल क्या बात है, मैं तो अभी-अभी घर ही पहुचा हू,


रोहन- सन्नी अगर फ्री हो तो मेरे घर आजा तुझे एक मस्त चीज़ दिखाता हू,


सन्नी- अच्छा ठीक है मैं आता हू,


सन्नी, डॉली को बाहर ही छोड़ कर अपने दोस्त को मिलने का कह कर रोहन के घर की ओर चल देता है,


डॉली पीछे से चिल्लाति है, -सन्नी जल्दी आना,
 
सन्नी जैसे ही रोहन के गेट पर पहुच कर बेल बजाता है सारिका दरवाजा खोलती है, सारिका एक वाइट कलर की मॅक्सी मे

थी जिसके अंदर से उसकी काले कलर की ब्रा और पेंटी का शॅप साफ नज़र आ रहा था, सन्नी, सारिका की मदमस्त उठी हुई कातिल जवानी को देखकर मस्त हो गया, और ऐसा लगा जैसे सारिका भी सन्नी की नज़रो के उतार चढ़ाव जो कि उसके बदन पर हो रहे थे को भाँप लेती है,


सारिका- मुस्कुराते हुए, अरे सन्नी बेटा तुम, आओ-आओ अंदर आ जाओ,


सन्नी- और आंटी कैसी है आप,


सारिका- बस बेटा ठीक हू, ये रोहन तो मेरा कुछ ख्याल करता नही बस दिन भर यहाँ-वहाँ फिरता रहता है और मैं अकेली

अपने कामो मे लगी रहती हू, और अकेले रह कर बोर हो जाती हू, अब तुम ही समझाओ अपने दोस्त को कुछ, कि अपनी मम्मी का भी थोड़ा ख्याल कर लिया करे,


सन्नी- कहाँ है आंटी साहब जादे,


सारिका- अपने रूम मे कंप्यूटर लिए बैठा है, और कोई काम नही तो कंप्यूटर से ही दिन भर खेला करता है,

सारिका सन्नी से बाते करते हुए आओ सन्नी और रोहन के कमरे की ओर चल देती है, सन्नी रोहन की मम्मी की मस्तानी

चल और मोटी गान्ड देखकर मस्त हो जाता है, सन्नी मन ही मन बाते करता हुआ, क्या मस्त गान्ड है रोहन की मम्मी की,

इसकी गान्ड तो रात भर नंगी कर के मारने लायक है, काश यह मुझे चोदने के लिए मिल जाए तो इसको इस कदर चोदुन्गा कि यह भी जिंदगी भर याद करेगी कि किसी तगड़े लंड से पाला पड़ा है और मेरे लंड की मार की चुभन इसको हमेशा मेरी याद दिलाती रहेगी, जैसे ही दोनो रोहन के रूम के अंदर पहुचते है रोहन सन्नी को देख कर,


रोहन- आजा सन्नी मैं तेरा ही वेट कर रहा था, रोहन सारिका की ओर देख कर मम्मी सन्नी के लिए ज़रा एक बढ़िया सी

कॉफी तो बना लाइए,


सारिका- सन्नी का हाथ पकड़ कर उसकी ओर कातिल नज़रो से खा जाने वाली निगाहो से देख कर थोड़ा कामुक अंदाज मे स्माइल देते हुए, सन्नी तुम बैठो बेटा मैं अभी तुम्हारे लिए कॉफी लेकर आती हू,


सन्नी- ठीक है आंटी

सारिका अपनी मोटी गदराई गान्ड को बिल्कुल मरवाने वाले अंदाज मे मटकाती हुई जाने लगती है, तब सन्नी उसकी मोटी गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ, मन ही मन सोचता है, रोहन की मम्मी के अंदाज कुछ ठीक नही लग रहे है, लगता है रोहन की चुदाई से इसे कुछ खास मज़ा नही आ रहा है बल्कि इसकी चूत और ज़्यादा लंड लेने को तड़पने लगी है, तभी रोहन कंप्यूटर की सीट पर बैठा हुआ पलट कर,


रोहन- सन्नी इधर आजा मेरे पास तुझे बढ़िया चीज़ दिखाता हू,

सन्नी- ओके, 
 
सन्नी उठ कर रोहन के पास जाकर बैठ जाता है और


सन्नी- हाँ रोहन बता क्या दिखा रहा है


रोहन- सन्नी देख, और अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड किए गये पिक्स दिखाने लगता है


सन्नी- यार इनमे ऐसी तो कोई खास बात नज़र नही आती जिसके लिए तू इतना ज़ोर दे रहा था,


रोहन- अबे असली चीज़ तो मेरे मोबाइल पर है और रोहन अपनी मम्मी की मोटी गान्ड की खींची हुई फोटो सन्नी को दिखाते हुए, देख कैसा माल है,


सन्नी- आँखे फाड़ कर देखता हुआ, यार कितना मस्त और गजब का माल है कितनी मस्त और गदराई हुई गान्ड है, कहाँ से लाया है इस मस्तानी गान्ड को,


रोहन- पहले ये बता कैसी लगी तुझे ये मोटी गान्ड, इसकी गुदा का मोटा छेद देख और इसकी फूली हुई मोटी-मोटी फांको वाली चिकनी चूत को देख,


सन्नी- गजब यार रोहन कितनी गदराई गान्ड और चूत है इसकी, ऐसी मस्त पिक्स तो मैने आज तक नही देखी


रोहन- सन्नी अगर ऐसी गान्ड तुझे मिल जाए तो


सन्नी- फिर तो रोहन मैं इसकी चूत और गान्ड को कस-कस कर इसे रात भर नंगी करके चोदु,


रोहन- मुस्कुराता हुआ अच्छा रुक इन पिक्स को पीसी मे डाल कर तुझे बड़ा करके दिखता हू,


सन्नी- उसकी बात का कोई जवाब ना देकर रोहन की मम्मी की कमर से नीचे की खीची हुई पिक्स को देख कर मन ही मन यार यह तो सच मुच गजब की गदराई औरत है इसकी मोटी जंघे और भारी गान्ड बिल्कुल मेरी मम्मी जैसी ही गदराई है और इसकी चूत भी कितनी फूली हुई है,


तभी रोहन सन्नी से मोबाइल लेकर उसके पिक्स को पीसी पर लोड कर देता है और जब रोहन सन्नी को अपनी मम्मी की पूरी नंगी चूत और गान्ड के पिक्स को ज़ूम कर-कर के दिखाता है तो सन्नी का मोटा लंड झटके मारने लगता है,


रोहन - अब बोल बेटा कैसी लगी मेरी पिक्स खास है या नही,


सन्नी- यार रोहन तूने तो दिल मस्त कर दिया, ऐसी चूत अगर चूसने को मिल जाए तो मैं रात भर उस चूत का रस पीता राहु और उसकी मोटी गान्ड को मारता रहू,


तभी सारिका कॉफी लेकर अंदर आती हुई कॉफी सन्नी के हाथ मे पकड़कर थोड़ा मुस्कुराती हुई उसे बड़े प्यार से देखती है

तभी अचानक सन्नी की नज़र उसकी मॅक्सी पर पड़ती है तो उसका मूह खुला रह जाता है क्यो की अभी तक सारिका की

पारदर्शी सफेद मॅक्सी से जो उसकी ब्रा और पेंटी नज़र आ रही थी वह अब उसके बदन पर नही थी, सन्नी मन मे सोचते

हुए मतलब आंटी अंदर जाकर पहले अपनी मॅक्सी उतार कर ब्रा और पेंटी उतार कर नंगी हुई उसके बाद उन्होने फिर से अपनी मॅक्सी पहन ली, सारिका कॉफी देकर वापस जाने लगती है और सन्नी जी भर कर उसके मोटे -मोटे चुतडो का दीदार करता है, सारिका के जाने के बाद सन्नी जैसे ही रोहन को पलट कर देखता है, रोहन उसी को देख रहा था और सन्नी अपनी नज़रे कॉफी की ओर लगा देता है,



रोहन- हाँ तो सन्नी तू क्या कह रहा था कि कैसी लगी तुझे पिक्स,


सन्नी- बहुत मादक और कातिल जवानी को क़ैद कर रखा है तूने अपने मोबाइल मे ऐसी मस्त गान्ड मिल जाए तो रात भर

नंगी करके उसकी गान्ड को फाड़ कर रख दू,


रोहन- सन्नी की ओर आँखे दिखा कर गुस्सा होता हुआ, सन्नी तुझे शरम नही आती मेरी मम्मी के बारे मे ऐसी बात करते हुए,
 
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