hotaks444
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मुझे सबा के ये अदा बड़ी पसंद आ रही थी…वो खुद मज़े से चुदवा रही थी…और मुझे भी मज़ा दे रही थी….नही तो ज़्यादातर औरतें सिर्फ़ टांगे खोल कर आँखे बंद करके लेट जाती है….पर सबा को चुदाई का मज़ा लेना और देना दोनो आता था….हालाकी चुदवाते हुए उसकी आँखे भी बंद थी….पर उसका पूरा बदन हरक़त कर रहा था…उसने अपना एक बाज़ू मोड़ कर हाथ से मेरे सर को पकड़ा हुआ था…और उसकी उंगलियाँ मेरे सर के बालो मे घूम रही थी…मैने इस पोज़िशन मे सबा को 10 मिनट तक चोदा…और जब मेरे लंड ने सबा की फुद्दि को अपना माल नही पिला दिया… मैं सबा के ऊपेर से नीचे नही उतरा…सबा भी इस दौरान मेरे साथ फारिग हुई….
जब मेरा लंड ढीला होकर सबा की फुद्दि से बाहर आया तो, मैं उसके ऊपेर से उतर कर बेड पर लेट गया…सबा ने मेरे तरफ फेस करके करवट बदल ली…..”थक गये हो…” सबा ने मेरी चेस्ट पर हाथ फेरते हुए कहा….”हां थोड़ा सा…” मैने ऊपेर छत के तरफ देखते हुए कहा……”वैसे तुम हो पूरे एक्सपर्ट….” सबा ने हंसते हुए कहा….तो मैने उसके फेस की तरफ देखा….”एक्सपर्ट…किस्मेत….?” मैने जानते हुए भी अंजान बन कर कहा….”औरतों की फुद्दि मारने मे हाहाहा और हहा हा…”
मैं: और किसमे…..
सबा: उनकी फुद्दि से पानी निकालने मे….(सबा क़हक़हे के साथ हस्ते हुए बोली….)
मैने घड़ी की तरफ देखा तो, 12 बज रहे थे….सबा बेड से उठी और बाथरूम की तरफ जाते हुए बोली….”तुम लेट कर आराम करो….मैं नहा कर खाना बनाती हूँ…” सबा बाथरूम मे चली गयी….मैं वही बेड पर लेटा रहा….करीब 15 मिनट बाद सबा बाथरूम से बाहर आई….वो एक दम नंगी थी…उसने बाथरूम से बाहर आकर अपनी अलमारी खोली और अपने कपड़े निकालते हुए बोली….”समीर तुम भी नहा लो… पानी गरम है….मैं तब तक खाना बनाती हूँ….”
मैं वहाँ से उठा और बाथरूम मे चला गया….जब नहा कर बाहर आया तो, सबा रूम मे नही थी…..वो रूम को सेट करके किचन मे चली गयी थी…मैं बाहर हॉल मे आया और किचन की तरफ गया…..सबा ने मुझे डाइनिंग टेबल पर बैठने को कहा….करीब 30 मिनट बाद सबा खाना बना कर ले आई…हम दोनो ने खाना खाया और फिर मैं घर जाने के लिए उठा तो सबा ने मुस्कुराते हुए कहा….”कल आओगे….कल भी मैं घर पर अकेली ही हूँ….”
मैं: कॉसिश करूँगा…लेकिन कल कॉलेज नही मिस करूँगा….ये ना हो कि मॅनेज्मेंट वाले अबू को फोन करके बता दें….
सबा: ठीक है कॉसिश करना….कॉलेज के बाद इधर का चक्कर लगा कर देख लेना..
मैं: ठीक है चाची जान…
सबा: समीर जब हम दोनो अकेले हो तो, मुझे चाची तो मत कहा करो….मुझे बड़ी शरम आती है…..
मैं: ठीक है मेरे जान….आगे से नही कहूँगा…..
सबा मेरे साथ तक नीचे आई….उसने पहले ही ऊपेर से देख लिया था…गली मे कोई नही था…सबा ने गेट खोला और मैं बाहर आ गया….और अपने घर की तरफ चल पड़ा….घर आकर मैं सो गया….नींद तब खुली जब बाहर डोर बेल की आवाज़ सुनाई दी..मैं उठा तो देखा 3 बज रहे थे…..नजीबा के स्कूल से लौटने का वक़्त था.. मैं बड़ी हसरत से गेट की तरफ बढ़ा….और जब गेट खोला तो, मेरा चेहरा एक दम उतर गया….नजीबा के साथ साँवले रंग की एक लड़की और थी…..
जब मेरा लंड ढीला होकर सबा की फुद्दि से बाहर आया तो, मैं उसके ऊपेर से उतर कर बेड पर लेट गया…सबा ने मेरे तरफ फेस करके करवट बदल ली…..”थक गये हो…” सबा ने मेरी चेस्ट पर हाथ फेरते हुए कहा….”हां थोड़ा सा…” मैने ऊपेर छत के तरफ देखते हुए कहा……”वैसे तुम हो पूरे एक्सपर्ट….” सबा ने हंसते हुए कहा….तो मैने उसके फेस की तरफ देखा….”एक्सपर्ट…किस्मेत….?” मैने जानते हुए भी अंजान बन कर कहा….”औरतों की फुद्दि मारने मे हाहाहा और हहा हा…”
मैं: और किसमे…..
सबा: उनकी फुद्दि से पानी निकालने मे….(सबा क़हक़हे के साथ हस्ते हुए बोली….)
मैने घड़ी की तरफ देखा तो, 12 बज रहे थे….सबा बेड से उठी और बाथरूम की तरफ जाते हुए बोली….”तुम लेट कर आराम करो….मैं नहा कर खाना बनाती हूँ…” सबा बाथरूम मे चली गयी….मैं वही बेड पर लेटा रहा….करीब 15 मिनट बाद सबा बाथरूम से बाहर आई….वो एक दम नंगी थी…उसने बाथरूम से बाहर आकर अपनी अलमारी खोली और अपने कपड़े निकालते हुए बोली….”समीर तुम भी नहा लो… पानी गरम है….मैं तब तक खाना बनाती हूँ….”
मैं वहाँ से उठा और बाथरूम मे चला गया….जब नहा कर बाहर आया तो, सबा रूम मे नही थी…..वो रूम को सेट करके किचन मे चली गयी थी…मैं बाहर हॉल मे आया और किचन की तरफ गया…..सबा ने मुझे डाइनिंग टेबल पर बैठने को कहा….करीब 30 मिनट बाद सबा खाना बना कर ले आई…हम दोनो ने खाना खाया और फिर मैं घर जाने के लिए उठा तो सबा ने मुस्कुराते हुए कहा….”कल आओगे….कल भी मैं घर पर अकेली ही हूँ….”
मैं: कॉसिश करूँगा…लेकिन कल कॉलेज नही मिस करूँगा….ये ना हो कि मॅनेज्मेंट वाले अबू को फोन करके बता दें….
सबा: ठीक है कॉसिश करना….कॉलेज के बाद इधर का चक्कर लगा कर देख लेना..
मैं: ठीक है चाची जान…
सबा: समीर जब हम दोनो अकेले हो तो, मुझे चाची तो मत कहा करो….मुझे बड़ी शरम आती है…..
मैं: ठीक है मेरे जान….आगे से नही कहूँगा…..
सबा मेरे साथ तक नीचे आई….उसने पहले ही ऊपेर से देख लिया था…गली मे कोई नही था…सबा ने गेट खोला और मैं बाहर आ गया….और अपने घर की तरफ चल पड़ा….घर आकर मैं सो गया….नींद तब खुली जब बाहर डोर बेल की आवाज़ सुनाई दी..मैं उठा तो देखा 3 बज रहे थे…..नजीबा के स्कूल से लौटने का वक़्त था.. मैं बड़ी हसरत से गेट की तरफ बढ़ा….और जब गेट खोला तो, मेरा चेहरा एक दम उतर गया….नजीबा के साथ साँवले रंग की एक लड़की और थी…..