hotaks444
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उधर शादी में पिछले तीन दिनों में सोनल ने क्या क्या गुल खिलाये है वो देखते है,सोनल शादी में काफी एन्जॉय कर रही थी, शादी में आये काफी लड़को के साथ उसने मस्ती कर रही थी, हर तरफ लड़के सोनल के पीछे लट्टू की तरह घूम रहे थे, लेकिन अभी तक सोनल ने किसी को टच करने नही दिया था,
लड़की की शादी वाले घर में न जाने कितने काम होते है. और ऐसे ही एक घर में किसी अच्छी लड़की की तरह सोनल भी सभी कामो में हाथ बताने में व्यस्त थी. आज कुछ घंटो में संगीत शुरू होने के पहले कुछ रस्में हो रही थी जिसमे सोनल दुल्हन की मदद कर रही थी जो की उसकी हमउम्र ही थी. यकीन ही नहीं होता था कि दो दिन पहले तक तो सोनल लीला को जानती भी नहीं थी और आज सोनल उसकी शादी में अच्छी सहेली बनकर वहां थी. तभी लीला की माँ जोकि सोनल की चाची लगती थी सोनल के पास आई और बोली, “सोनल, ३ घंटे में संगीत शुरू हो जाएगा. जा तू भी कमरे में जाकर कपड़े बदलकर तैयार हो जा. और सीधे संगीत वाले हॉल में आ जाना. आज बहुत मस्ती करनी है तुम लड़कियों को! खूब नाचना गाना है.. तू अच्छा सा लहंगा या साड़ी पहन कर आना. हाँ.”
“जी चाची. हाँ मुझे भी तैयार होने में समय लगेगा.”, सोनल अपने बिखर चुके बालों को कानो के पीछे फंसती हुई अपनी साड़ी को समेटते हुए बोली. अब तो अपने हाथों से साड़ी के आँचल को बार बार अपने ब्लाउज के ऊपर ठीक करना जैसे उसकी आदत हो गयी है.
कमरे में आकर हाथ-मुंह अच्छी तरह से धोकर अब सोनल तैयार होने लगी थी. सोनल ने पहले से ही संगीत में पहनने के लिए एक हलकी ऑरेंज रंग की सैटिन साड़ी चूज करके रखी थी. वैसे तो दिन में भी सोनल ने नीली रंग की सैटिन साड़ी पहनी थी, पर शायद सोनल को सैटिन से प्यार ही इतना है कि दोबारा पहनने से खुद को रोक नहीं सकी वो. वैसे भी आज संगीत में डांस करते वक़्त सैटिन या फिर शिफ्फौन की साड़ी ही बेस्ट होती… लहंगा तो सोनल शादी के वक़्त पहनने वाली थी तो आज साड़ी ही ठीक रहेगी सोनल ने सोचा… और अपनी पहनी हुई साड़ी उतारकर एक ओर तह करके रखने लगी. उसके बाद अपना ब्लाउज उतारने के लिए हुक खोलने लगी. सोनल को … बूब्स के ऊपर ब्लाउज उतारते और पहनते वक़्त हुक लगाने खोलने में बड़ा मज़ा आता था। फिर अच्छी तरह से मेकअप करने के बाद सोनल ने पेटीकोट बदला और अपनी साड़ी पहननी शुरू की. सैटिन की साड़ी बदन पर चढ़ते ही उसके जिस्म में कुछ कुछ होने लगा. सोनल खुद को आईने में देखकर हंसती रही और सोचने लगा कि आज तो पूरी रात यूँ ही खुबसूरत दिखूंगी मैं… न जाने कितने लडको की नज़रे रहेंगी मुझ पर! फिर सोनल ने दीपिका पदुकोने के तरह अपनी साड़ी की पतली पतली प्लेट बनाकर अपने ब्लाउज पर पिन कर दी. इस तरह से क्लीवेज और कमर दिखाती हुई पतली प्लेट के साथ साड़ी पहनना आजकल उसकी जैसी दुबली पतली और लम्बी लड़कियों में फैशन है.
२ घंटे खुद को सँवारने के बाद बार बार अपने मेकअप को ठीक करने के बाद जब सोनल संतुष्ट हो गयी तो अपनी एक पर्स उठायी और उसमे अपने मेकअप का सारा सामान रख दिया. और फिर अपनी बड़ी सी पर्स को कंधे पर टांग कर देखने लगी कि वो उसकी साड़ी से मैच कर रही है या नहीं. अब सोनल ने हील्स पहनी और फिर एक बार अपने सुन्दर बालों को स्टाइल करके घर के निचे आ गयी.
घर के निचे से शादी के मेहमान कार से उस हॉल जा रहे थे जहाँ संगीत होना था. वो हाल घर से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर था… तो सोनल ने सोचा कि क्यों न पैदल ही जाया जाए. वैसे भी सैटिन साड़ी पहनकर चलने में भी कितना मज़ा आता है! पर चाची जी ने सोनल को देखा तो उन्होंने एक लड़के को उसके साथ भेज दिया ताकि वो अकेली खुबसूरत सजी संवारी लड़की सड़क पर अकली न चले. “हाय… अब तो सड़क पर मुझे कोई छेड़ भी नहीं पायेगा.”, सोनल थोड़ी सी उदास हो गयी. पर जल्दी ही सोनल उस चम्पू लड़के के साथ हॉल पहुच गयी. वहां पर लीला और उसकी सहेलियां बहने हॉल में जाने को तैयार थी.
सोनल को आते देख लीला तुरंत उसके पास आई और उसका हाथ खिंच कर सोनल को एक और उनकी ही उम्र की लड़की से मिलवाने ले आई. थोड़ी कम हाइट की, गोल गोल चेहरे वाली, भरी-पूरी बदन वाली ये लड़की ऐसी लगती थी जैसे एक बच्चे की माँ हो. पर लीला ने कहा, “सोनल , ये रश्मि है….विशाल भैया की पत्नी, अपनी भाभी है.. इनकी लव मैरिज हुई है अभी दो महीने पहले ही, इसलिए घरवाले नाराज थे लेकिन अभी मेरी शादी की वजह से इनको घर मे एंट्री दी है, और ये तुम्हारे शहर से ही है,वैसे तो आसपास मेरी सभी बहने तुम लोगो के साथ रहेगी पर तुम दोनों अकेली न फील करो इसलिए तुम्हारा परिचय करा रही हूँ.”
सोनल संगीत के हॉल में पहुची तो वहां रंग-बिरंगी साड़ियों में औरतों के बीच आकर उसकी ख़ुशी दुगुनी हो गयी.
रश्मि ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी. उसके भरे-पुरे तन के अनुरूप उसने खुला पल्ला रखा हुआ था जिससे उसका पेट छिप रहा था पर क्लीवेज साफ़ दीखता था. जैसी भी हो सेक्सी तो लग रही थी रश्मि. उसको देखकर साफ़ पता चल रहा था कि उसको साड़ी पहनने की आदत नहीं है और बस स्पेशल मौके पर ही दूसरो की मदद से पहन पाती होगी. आजकल की लडकियां भी न.. समझती नहीं कि साड़ी कितनी आसानी से रोज़ पहनी जा सकती है. सोनल को देखते ही रश्मि इतने जोर से मुस्कुराई और सोनल से ऐसे जोरो से गले लग गयी जैसे कि उसे सालो से जानती हो. उसके और सोनल के बूब्स भी उसके गले लगाने से दब गए थे. सोनल तो थोड़ी आश्चर्य में थी पर औरतों की ख़ुशी के बीच सोनल भी खुश थी तो उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. लेकिन सोनल को कुछ याद आया और मुस्करा कर आगे बढ़ी।
तब तक लीला अपनी बहनों और सहेलियों के साथ सीढ़ी चढ़कर ऊपर हॉल की तरफ जाने लगी. संगीत शुरू होने वाला था. उनको अपना लहंगा उठाकर जाते देखने का दृश्य बड़ा ही सुन्दर था. रश्मि ने भी उनके पीछे बढ़ने के लिए अपनी उँगलियों से अपनी साड़ी की प्लेट पकड़ी और साड़ी को सलीके से ऊपर उठाकर सीढ़ियों पर चढ़ने को तैयार होने लगी जैसे औरतें अपनी साड़ी उठाकर चढ़ती है. पर तभी अचानक सोनल ने जोर से अपनी कुंहनी से रश्मि के बूब्स पर वार किया… और अबकी बार रश्मि आश्चर्य से सिर्फ “आउच” कह सकी. और फिर सोनल ने उसकी बांह को पकड़ कर उससे जोर से अपने बूब्स दबा दिए.. और बोली, “भाभी जी, चलो न हम भी चलते है.”
“चल ही तो रही हूँ.”, रश्मि ने अपने बूब्स पर हाथ रखते हुए कहा. और फिर एक बार अपनी साड़ी उठायी और पर्स संभाले चढ़ने लगी. उसे देखकर सोनल ने भी साड़ी उठायी और अपने खुले पल्ले से स्ट्रगल करते हुए उसके पीछे पीछे आने लगी. पहले बहुत सी लड़कियों से सोनल सहेली की तरह गले मिली है… और उनके बूब्स भी एक दुसरे को छूआते रहे है पर रश्मि ने जैसे अपने बूब्स जोरो से उसकी बांह में दबाये थे.. वैसा आजतक किसी लड़की ने उसके साथ नहीं किया था. सोनल यही सोच रही थी "अपनी उँगलियों के बीच प्लेट के निचे मुझे उसके बूब्स के स्पर्श की वजह से मेरी चुत गीली होती महसूस हुई. “ओहो… ये क्या हो रहा है? मेरी नाज़ुक पेंटी तो इस गीलेपन को छुपा नहीं पाएगी.”, सोनल मन ही मन सोचने लगी. वो तो प्लेट पकड़ कर साड़ी उठाने के बहाने से वो लोगो की नजरो से छुपी हुई थी. कहाँ घर से निकलते वक़्त सोनल आज लडको के सपने देख रही थी और कहाँ एक लड़की पर उसका दिल आ गया था! आखिर क्यों रश्मि के लिए उसके दिल मे फ़ीलिंग आयी थी।
ऊपर आने के बाद भी सोनल रश्मि का पीछा ही नहीं छोड़ रही थी. जब संगीत शुरू हुआ तो वो रश्मि के ही बगल में आकर बैठ गयी.. और एक बार फिर से अपने बूब्स उसकी बांहों से छुआकर बोली, “मज़ा आ रहा है न रश्मि भाभी”. रश्मि सिर्फ हाँ कह सकी. रश्मि बेचैनी से महसूस करने लगी सोनल के कारण और वो किसी तरह अपने पल्लू से अपना चेहरे का पसीना पोछने लगी.
“रश्मि भाभी… प्लीज़ मेरा पर्स एक बार संभालना… मैं ज़रा एक बार फेसबुक पर अपनी फोटो तो डाल लू.”, सोनल ने कहा और धम्म से अपना पर्स उसकी गोद पर रख दिया!! और फिर किसी तरह अपने बिखरते गिरते खुले पल्ले को संभालती हुई सोनल किसी तरह अपने फ़ोन से फेसबुक पर कुछ कुछ मेसेज करने लगी. और कुछ देर के बाद फ़ोन को रश्मि की गोद में रखे हुए उसके पर्स में रखकर अपना एक हाथ रश्मि की गोद पर रख कर स्टेज की ओर देखने लगी जहाँ लीला की सहेलियां इस वक़्त डांस कर रही थी. “अब क्या होगा मेरा? सोनल को मेरी कमर के निचे की असलियत पता चल गयी तो?”, रश्मि को चिंता होने लगी.
पर सोनल एक कदम आगे थी. वो तो खुद ही अपने हाथ को पर्स के निचे से रश्मि की साड़ी की प्लेट के बीच डालती हुई उसके नीचे कुछ महसूस कर रही थी. और उसे अपनी उँगलियों से उकसा भी रही थी. सच तो सोनल को पता चल गया था. पर कैसे? रश्मि किसी तरह वहां उसे उसका पर्स पकड़ा कर अपनी पर्स और और पल्लू से अपने नीचे छुपाती हुई वहां से उठना चाहती थी … सोनल ने किसी से अभी कुछ कह दिया तो क्या होगा सोचकर ही रश्मि को डर लग रहा था. पर सोनल ने रश्मि के उठते ही उसका हाथ खिंच लिया और बोली, “भाभी, बैठो न कितना मज़ा आ रहा है यहाँ. कहाँ जाओगी तुम वैसे?” और सोनल रश्मि की ओर देखकर कुछ अलग तरह से हँसने लगी.
स्टेज पर सभी के डांस देखकर अच्छा तो लग रहा था. और फिर सोनल ने सच जानते हुए भी रश्मि को आगे परेशान नहीं किया. पर फिर लीला ने सभी लड़कियों को साथ में अंत में डांस करने के लिए बुलाया.. जिसमे सोनल और रश्मि भी शामिल थी. और पूरे डांस के समय सोनल रश्मि के साथ साथ ही चिपकी रही. और तो और वो अपनी गांड को भी रश्मि की कमर के निचले हिस्से से रगड़ रगड़ कर डांस कर रही थी. सभी लोगो के बीच रश्मि को छुपा पाना कितना मुश्किल हो रहा था! बार बार पल्लू से उसको ढंकते हुए उसे बहुत शर्म आ रही थी. और फिर शर्म के मारे रश्मि किसी तरह सोनल से बचती हुई बाथरूम की ओर भागी जहाँ वो अपने इरेक्शन का कुछ कर सके… न जाने कैसी ख़राब किस्मत थी उसकी. कहाँ वो दुसरे लडको के लंड खड़े करने के सपने देख कर आई थी… और आज खुद को संभाल नहीं पा रही थी!
डांस करते वक़्त भी सोनल उससे चिपक चिपक कर डांस कर रही थी … और वो किसी तरह अपनी साड़ी की प्लेट के पीछे कुछ छुपा रही थी.
बाथरूम में आकर रश्मि अपनी साड़ी को हिलाती हुई अपने जोशीले लंड को ठंडा करने की कोशिश करने लगी और अपने पल्लू से अपने पसीने को पोंछने लगी.
किसी तरह मेरा लंड थोडा नार्मल होने लगा. जी सच है ये कि "रश्मि एक ट्रांसजेंडर औरत जो थी. वैसे तो वो ऑपरेशन करा कर अपना लण्ड बदलना चाहती थी पर उसके पति विशाल को रश्मि का लण्ड बहुत पसंद था.. इसलिए उसने अपना ऑपरेशन नहीं कराया था!."
लड़की की शादी वाले घर में न जाने कितने काम होते है. और ऐसे ही एक घर में किसी अच्छी लड़की की तरह सोनल भी सभी कामो में हाथ बताने में व्यस्त थी. आज कुछ घंटो में संगीत शुरू होने के पहले कुछ रस्में हो रही थी जिसमे सोनल दुल्हन की मदद कर रही थी जो की उसकी हमउम्र ही थी. यकीन ही नहीं होता था कि दो दिन पहले तक तो सोनल लीला को जानती भी नहीं थी और आज सोनल उसकी शादी में अच्छी सहेली बनकर वहां थी. तभी लीला की माँ जोकि सोनल की चाची लगती थी सोनल के पास आई और बोली, “सोनल, ३ घंटे में संगीत शुरू हो जाएगा. जा तू भी कमरे में जाकर कपड़े बदलकर तैयार हो जा. और सीधे संगीत वाले हॉल में आ जाना. आज बहुत मस्ती करनी है तुम लड़कियों को! खूब नाचना गाना है.. तू अच्छा सा लहंगा या साड़ी पहन कर आना. हाँ.”
“जी चाची. हाँ मुझे भी तैयार होने में समय लगेगा.”, सोनल अपने बिखर चुके बालों को कानो के पीछे फंसती हुई अपनी साड़ी को समेटते हुए बोली. अब तो अपने हाथों से साड़ी के आँचल को बार बार अपने ब्लाउज के ऊपर ठीक करना जैसे उसकी आदत हो गयी है.
कमरे में आकर हाथ-मुंह अच्छी तरह से धोकर अब सोनल तैयार होने लगी थी. सोनल ने पहले से ही संगीत में पहनने के लिए एक हलकी ऑरेंज रंग की सैटिन साड़ी चूज करके रखी थी. वैसे तो दिन में भी सोनल ने नीली रंग की सैटिन साड़ी पहनी थी, पर शायद सोनल को सैटिन से प्यार ही इतना है कि दोबारा पहनने से खुद को रोक नहीं सकी वो. वैसे भी आज संगीत में डांस करते वक़्त सैटिन या फिर शिफ्फौन की साड़ी ही बेस्ट होती… लहंगा तो सोनल शादी के वक़्त पहनने वाली थी तो आज साड़ी ही ठीक रहेगी सोनल ने सोचा… और अपनी पहनी हुई साड़ी उतारकर एक ओर तह करके रखने लगी. उसके बाद अपना ब्लाउज उतारने के लिए हुक खोलने लगी. सोनल को … बूब्स के ऊपर ब्लाउज उतारते और पहनते वक़्त हुक लगाने खोलने में बड़ा मज़ा आता था। फिर अच्छी तरह से मेकअप करने के बाद सोनल ने पेटीकोट बदला और अपनी साड़ी पहननी शुरू की. सैटिन की साड़ी बदन पर चढ़ते ही उसके जिस्म में कुछ कुछ होने लगा. सोनल खुद को आईने में देखकर हंसती रही और सोचने लगा कि आज तो पूरी रात यूँ ही खुबसूरत दिखूंगी मैं… न जाने कितने लडको की नज़रे रहेंगी मुझ पर! फिर सोनल ने दीपिका पदुकोने के तरह अपनी साड़ी की पतली पतली प्लेट बनाकर अपने ब्लाउज पर पिन कर दी. इस तरह से क्लीवेज और कमर दिखाती हुई पतली प्लेट के साथ साड़ी पहनना आजकल उसकी जैसी दुबली पतली और लम्बी लड़कियों में फैशन है.
२ घंटे खुद को सँवारने के बाद बार बार अपने मेकअप को ठीक करने के बाद जब सोनल संतुष्ट हो गयी तो अपनी एक पर्स उठायी और उसमे अपने मेकअप का सारा सामान रख दिया. और फिर अपनी बड़ी सी पर्स को कंधे पर टांग कर देखने लगी कि वो उसकी साड़ी से मैच कर रही है या नहीं. अब सोनल ने हील्स पहनी और फिर एक बार अपने सुन्दर बालों को स्टाइल करके घर के निचे आ गयी.
घर के निचे से शादी के मेहमान कार से उस हॉल जा रहे थे जहाँ संगीत होना था. वो हाल घर से सिर्फ आधा किलोमीटर दूर था… तो सोनल ने सोचा कि क्यों न पैदल ही जाया जाए. वैसे भी सैटिन साड़ी पहनकर चलने में भी कितना मज़ा आता है! पर चाची जी ने सोनल को देखा तो उन्होंने एक लड़के को उसके साथ भेज दिया ताकि वो अकेली खुबसूरत सजी संवारी लड़की सड़क पर अकली न चले. “हाय… अब तो सड़क पर मुझे कोई छेड़ भी नहीं पायेगा.”, सोनल थोड़ी सी उदास हो गयी. पर जल्दी ही सोनल उस चम्पू लड़के के साथ हॉल पहुच गयी. वहां पर लीला और उसकी सहेलियां बहने हॉल में जाने को तैयार थी.
सोनल को आते देख लीला तुरंत उसके पास आई और उसका हाथ खिंच कर सोनल को एक और उनकी ही उम्र की लड़की से मिलवाने ले आई. थोड़ी कम हाइट की, गोल गोल चेहरे वाली, भरी-पूरी बदन वाली ये लड़की ऐसी लगती थी जैसे एक बच्चे की माँ हो. पर लीला ने कहा, “सोनल , ये रश्मि है….विशाल भैया की पत्नी, अपनी भाभी है.. इनकी लव मैरिज हुई है अभी दो महीने पहले ही, इसलिए घरवाले नाराज थे लेकिन अभी मेरी शादी की वजह से इनको घर मे एंट्री दी है, और ये तुम्हारे शहर से ही है,वैसे तो आसपास मेरी सभी बहने तुम लोगो के साथ रहेगी पर तुम दोनों अकेली न फील करो इसलिए तुम्हारा परिचय करा रही हूँ.”
सोनल संगीत के हॉल में पहुची तो वहां रंग-बिरंगी साड़ियों में औरतों के बीच आकर उसकी ख़ुशी दुगुनी हो गयी.
रश्मि ने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थी. उसके भरे-पुरे तन के अनुरूप उसने खुला पल्ला रखा हुआ था जिससे उसका पेट छिप रहा था पर क्लीवेज साफ़ दीखता था. जैसी भी हो सेक्सी तो लग रही थी रश्मि. उसको देखकर साफ़ पता चल रहा था कि उसको साड़ी पहनने की आदत नहीं है और बस स्पेशल मौके पर ही दूसरो की मदद से पहन पाती होगी. आजकल की लडकियां भी न.. समझती नहीं कि साड़ी कितनी आसानी से रोज़ पहनी जा सकती है. सोनल को देखते ही रश्मि इतने जोर से मुस्कुराई और सोनल से ऐसे जोरो से गले लग गयी जैसे कि उसे सालो से जानती हो. उसके और सोनल के बूब्स भी उसके गले लगाने से दब गए थे. सोनल तो थोड़ी आश्चर्य में थी पर औरतों की ख़ुशी के बीच सोनल भी खुश थी तो उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. लेकिन सोनल को कुछ याद आया और मुस्करा कर आगे बढ़ी।
तब तक लीला अपनी बहनों और सहेलियों के साथ सीढ़ी चढ़कर ऊपर हॉल की तरफ जाने लगी. संगीत शुरू होने वाला था. उनको अपना लहंगा उठाकर जाते देखने का दृश्य बड़ा ही सुन्दर था. रश्मि ने भी उनके पीछे बढ़ने के लिए अपनी उँगलियों से अपनी साड़ी की प्लेट पकड़ी और साड़ी को सलीके से ऊपर उठाकर सीढ़ियों पर चढ़ने को तैयार होने लगी जैसे औरतें अपनी साड़ी उठाकर चढ़ती है. पर तभी अचानक सोनल ने जोर से अपनी कुंहनी से रश्मि के बूब्स पर वार किया… और अबकी बार रश्मि आश्चर्य से सिर्फ “आउच” कह सकी. और फिर सोनल ने उसकी बांह को पकड़ कर उससे जोर से अपने बूब्स दबा दिए.. और बोली, “भाभी जी, चलो न हम भी चलते है.”
“चल ही तो रही हूँ.”, रश्मि ने अपने बूब्स पर हाथ रखते हुए कहा. और फिर एक बार अपनी साड़ी उठायी और पर्स संभाले चढ़ने लगी. उसे देखकर सोनल ने भी साड़ी उठायी और अपने खुले पल्ले से स्ट्रगल करते हुए उसके पीछे पीछे आने लगी. पहले बहुत सी लड़कियों से सोनल सहेली की तरह गले मिली है… और उनके बूब्स भी एक दुसरे को छूआते रहे है पर रश्मि ने जैसे अपने बूब्स जोरो से उसकी बांह में दबाये थे.. वैसा आजतक किसी लड़की ने उसके साथ नहीं किया था. सोनल यही सोच रही थी "अपनी उँगलियों के बीच प्लेट के निचे मुझे उसके बूब्स के स्पर्श की वजह से मेरी चुत गीली होती महसूस हुई. “ओहो… ये क्या हो रहा है? मेरी नाज़ुक पेंटी तो इस गीलेपन को छुपा नहीं पाएगी.”, सोनल मन ही मन सोचने लगी. वो तो प्लेट पकड़ कर साड़ी उठाने के बहाने से वो लोगो की नजरो से छुपी हुई थी. कहाँ घर से निकलते वक़्त सोनल आज लडको के सपने देख रही थी और कहाँ एक लड़की पर उसका दिल आ गया था! आखिर क्यों रश्मि के लिए उसके दिल मे फ़ीलिंग आयी थी।
ऊपर आने के बाद भी सोनल रश्मि का पीछा ही नहीं छोड़ रही थी. जब संगीत शुरू हुआ तो वो रश्मि के ही बगल में आकर बैठ गयी.. और एक बार फिर से अपने बूब्स उसकी बांहों से छुआकर बोली, “मज़ा आ रहा है न रश्मि भाभी”. रश्मि सिर्फ हाँ कह सकी. रश्मि बेचैनी से महसूस करने लगी सोनल के कारण और वो किसी तरह अपने पल्लू से अपना चेहरे का पसीना पोछने लगी.
“रश्मि भाभी… प्लीज़ मेरा पर्स एक बार संभालना… मैं ज़रा एक बार फेसबुक पर अपनी फोटो तो डाल लू.”, सोनल ने कहा और धम्म से अपना पर्स उसकी गोद पर रख दिया!! और फिर किसी तरह अपने बिखरते गिरते खुले पल्ले को संभालती हुई सोनल किसी तरह अपने फ़ोन से फेसबुक पर कुछ कुछ मेसेज करने लगी. और कुछ देर के बाद फ़ोन को रश्मि की गोद में रखे हुए उसके पर्स में रखकर अपना एक हाथ रश्मि की गोद पर रख कर स्टेज की ओर देखने लगी जहाँ लीला की सहेलियां इस वक़्त डांस कर रही थी. “अब क्या होगा मेरा? सोनल को मेरी कमर के निचे की असलियत पता चल गयी तो?”, रश्मि को चिंता होने लगी.
पर सोनल एक कदम आगे थी. वो तो खुद ही अपने हाथ को पर्स के निचे से रश्मि की साड़ी की प्लेट के बीच डालती हुई उसके नीचे कुछ महसूस कर रही थी. और उसे अपनी उँगलियों से उकसा भी रही थी. सच तो सोनल को पता चल गया था. पर कैसे? रश्मि किसी तरह वहां उसे उसका पर्स पकड़ा कर अपनी पर्स और और पल्लू से अपने नीचे छुपाती हुई वहां से उठना चाहती थी … सोनल ने किसी से अभी कुछ कह दिया तो क्या होगा सोचकर ही रश्मि को डर लग रहा था. पर सोनल ने रश्मि के उठते ही उसका हाथ खिंच लिया और बोली, “भाभी, बैठो न कितना मज़ा आ रहा है यहाँ. कहाँ जाओगी तुम वैसे?” और सोनल रश्मि की ओर देखकर कुछ अलग तरह से हँसने लगी.
स्टेज पर सभी के डांस देखकर अच्छा तो लग रहा था. और फिर सोनल ने सच जानते हुए भी रश्मि को आगे परेशान नहीं किया. पर फिर लीला ने सभी लड़कियों को साथ में अंत में डांस करने के लिए बुलाया.. जिसमे सोनल और रश्मि भी शामिल थी. और पूरे डांस के समय सोनल रश्मि के साथ साथ ही चिपकी रही. और तो और वो अपनी गांड को भी रश्मि की कमर के निचले हिस्से से रगड़ रगड़ कर डांस कर रही थी. सभी लोगो के बीच रश्मि को छुपा पाना कितना मुश्किल हो रहा था! बार बार पल्लू से उसको ढंकते हुए उसे बहुत शर्म आ रही थी. और फिर शर्म के मारे रश्मि किसी तरह सोनल से बचती हुई बाथरूम की ओर भागी जहाँ वो अपने इरेक्शन का कुछ कर सके… न जाने कैसी ख़राब किस्मत थी उसकी. कहाँ वो दुसरे लडको के लंड खड़े करने के सपने देख कर आई थी… और आज खुद को संभाल नहीं पा रही थी!
डांस करते वक़्त भी सोनल उससे चिपक चिपक कर डांस कर रही थी … और वो किसी तरह अपनी साड़ी की प्लेट के पीछे कुछ छुपा रही थी.
बाथरूम में आकर रश्मि अपनी साड़ी को हिलाती हुई अपने जोशीले लंड को ठंडा करने की कोशिश करने लगी और अपने पल्लू से अपने पसीने को पोंछने लगी.
किसी तरह मेरा लंड थोडा नार्मल होने लगा. जी सच है ये कि "रश्मि एक ट्रांसजेंडर औरत जो थी. वैसे तो वो ऑपरेशन करा कर अपना लण्ड बदलना चाहती थी पर उसके पति विशाल को रश्मि का लण्ड बहुत पसंद था.. इसलिए उसने अपना ऑपरेशन नहीं कराया था!."