hotaks444
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• हम दोनो तैयार हैं। दोनो साथ साथ बोले. “आगे वाली तेरी पीछे वाली मेरी • ननदोयी ने टुकडा लगाया. तब तक गिरे हुए रंग पे फिसल के मेरे छोटे ( जो बाद में आये थे और जिसे ननद ने जीजा कहा था ) ननदोयी गिरे और उन्हें पकडे पकड़े उनके उपर मैं गिरी. रंग में सराबोर, ननदोयी ने मेरी साडी खींच के मुझे वस्त्र हीन कर दिया. लेकिन अबकी ननद ने मेरा साथ दिया. मेरे नीचे दबे छोटे ननदोयी का पजामा खींच के उनको भी मेरी हालत में ला दिया. ( कुर्ता बनियान तो दोनो का हम लोग पहले ही फाड के टाप लेस कर चुके थे। और ननदोई ने मेरी ननद को भी तो अब हम चारो एक हालत में थे).
क्या लंड था खूब मोटा एक बालिश साल लंबा और एक दम खडा.
ननद ने अपने हाथों में लगा रंग सीधे उनके लंड पे कस कस के पोत दिया. मैं क्यों पीछे रहती, मेरे मुंह के पास ननदोयी जी का मोटा लंड था. मैने दोनो हाथों से कस कस के लाल पक्का रंग पोत दिया. खडा तो वो पहले से ही था मेरा हाथ लग के वो लोहे की राड हो गया, लाल रंग का. मेरे नीचे दबे ननदोयी मेरी चूत और चूची दोनो पे रंग लगा रहे थे.
" अरे चूत के बाहर तो बहोत लगा चुके जरा अंदर भी तो लगा दो मेरी प्यारी भाभी जान को.” ननद ने ललकारा.
“ अरे चूत क्या मैं तो सीधे बच्चेदानी तक रंग दूंगा याद रहेगी ये पहली होली गांव की. वो बोले.
जब तक मैं सम्हलू सम्हलू, उन्होन मेरी पतली कमर को पकड के उठा लिया और मेरी चूत सीधे उनके सुपाडे से रगड खा रही थी. ननद ने झुक के पुत्तियों को फैलाया और ननदोयी ने उपर से कंधों को पकड के कस के धक्का दिया और एक बार में ही गचाक से आधे से ज्यादा लंड अंदर. मैने भी कमर का जोर से लगाया और जब मेरी कसी गुलाबी चूत में वो मोटा हलब्बी लंड घुसा तो होली का असली मजा आ गया.
मेरे हाथ का रंग तो खतम हो गया था जमीन पे गिरे लाल रंग को मैने हाथ में लिया और कस कस के पक्के लाल रंग को ननदोयी के लंड पे पोत के बोलने लगी,
* अरे ननदोयी राजा, ये रंग इतना पक्का है जब अपने मायके जाके मेरी इस छिनाल ननद की दर चिनाल हराम जादी गदहा चोदी ननदों से, अपनी रंडी बहनों से चुसवाओगे ना हफ्ते भर तब भी ये लाल का लाल रहेगा. चाहे अपनी बहनों के बुर में डालना या अम्मा के भोंसडे में.”
तब तक जमीन पे लेटे मुझे चोद रहे नन्दोयी ने कस के मुझे अपनी बांहों में भींच लिया और अब एक्दम उनकी छाती पे लेटी मैं कस के चिपकी हुयी थी. मेरी टांगे उनकी कमर । के दोनो ओर फैली, चूतड भी कस के फैले हुए. अचानाक पीछे से ननदोयी ने मेरी गांड के छेद में सुपाड़ा लगा दिया. नीचे से नन्दोयी ने कस के बांहों में जकड़ रखा था और ननद भी कस के अपनी उंगलियों से मेरी गांड का छेद फैला के उनका सुपाडा सेंटर कर दिया. ननदोइ ने कस के जो मेरे चूतड पकड के पेला तो झटाक से मेरी कसी गांड फाडता, फैलाता सुपाडा अंदर. मैं तिल्मिलाती रही छटपटाती रही लेकिन,
“ अरे भाभी आप कह रही थीं ना दोनों ओर से मजा लेने का तो ले लो ना एक साथ दो दो लंड ननद ने मुझे छेडा.
क्या लंड था खूब मोटा एक बालिश साल लंबा और एक दम खडा.
ननद ने अपने हाथों में लगा रंग सीधे उनके लंड पे कस कस के पोत दिया. मैं क्यों पीछे रहती, मेरे मुंह के पास ननदोयी जी का मोटा लंड था. मैने दोनो हाथों से कस कस के लाल पक्का रंग पोत दिया. खडा तो वो पहले से ही था मेरा हाथ लग के वो लोहे की राड हो गया, लाल रंग का. मेरे नीचे दबे ननदोयी मेरी चूत और चूची दोनो पे रंग लगा रहे थे.
" अरे चूत के बाहर तो बहोत लगा चुके जरा अंदर भी तो लगा दो मेरी प्यारी भाभी जान को.” ननद ने ललकारा.
“ अरे चूत क्या मैं तो सीधे बच्चेदानी तक रंग दूंगा याद रहेगी ये पहली होली गांव की. वो बोले.
जब तक मैं सम्हलू सम्हलू, उन्होन मेरी पतली कमर को पकड के उठा लिया और मेरी चूत सीधे उनके सुपाडे से रगड खा रही थी. ननद ने झुक के पुत्तियों को फैलाया और ननदोयी ने उपर से कंधों को पकड के कस के धक्का दिया और एक बार में ही गचाक से आधे से ज्यादा लंड अंदर. मैने भी कमर का जोर से लगाया और जब मेरी कसी गुलाबी चूत में वो मोटा हलब्बी लंड घुसा तो होली का असली मजा आ गया.
मेरे हाथ का रंग तो खतम हो गया था जमीन पे गिरे लाल रंग को मैने हाथ में लिया और कस कस के पक्के लाल रंग को ननदोयी के लंड पे पोत के बोलने लगी,
* अरे ननदोयी राजा, ये रंग इतना पक्का है जब अपने मायके जाके मेरी इस छिनाल ननद की दर चिनाल हराम जादी गदहा चोदी ननदों से, अपनी रंडी बहनों से चुसवाओगे ना हफ्ते भर तब भी ये लाल का लाल रहेगा. चाहे अपनी बहनों के बुर में डालना या अम्मा के भोंसडे में.”
तब तक जमीन पे लेटे मुझे चोद रहे नन्दोयी ने कस के मुझे अपनी बांहों में भींच लिया और अब एक्दम उनकी छाती पे लेटी मैं कस के चिपकी हुयी थी. मेरी टांगे उनकी कमर । के दोनो ओर फैली, चूतड भी कस के फैले हुए. अचानाक पीछे से ननदोयी ने मेरी गांड के छेद में सुपाड़ा लगा दिया. नीचे से नन्दोयी ने कस के बांहों में जकड़ रखा था और ननद भी कस के अपनी उंगलियों से मेरी गांड का छेद फैला के उनका सुपाडा सेंटर कर दिया. ननदोइ ने कस के जो मेरे चूतड पकड के पेला तो झटाक से मेरी कसी गांड फाडता, फैलाता सुपाडा अंदर. मैं तिल्मिलाती रही छटपटाती रही लेकिन,
“ अरे भाभी आप कह रही थीं ना दोनों ओर से मजा लेने का तो ले लो ना एक साथ दो दो लंड ननद ने मुझे छेडा.