hotaks444
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कलियुग की सीता—एक छिनार
लेखक - सीता
फ्रेंड्स एक और नई कहानी आपके लिए पढ़िए और मज़े लीजिए
हेलो दोस्तो,मैं हूँ सीता देवी!!ये मेरी पहली कहानी है लेकिन मेरी कहानी पढ़ने से पहले और अपने लंड को हाथ मे लेने से पहले एक बार सोचे ज़रूर क्योकि हो सकता है आपका कीबोर्ड बाढ़ मे ढह जाए!!
आपका कीमती टाइम वेस्ट नही करते हुए मैं सीता देवी,आपकी अपनी सीता देवी हाज़िर हूँ अपनी सच्ची आपबीती लेकर आपके सामने!मेरी उम्र 32 साल है,अभी एक महीने पहले ही मेरी शादी हुई है!सास ससुर गाओं मे रहते है,यहाँ मैं अपने पति परमेश्वर राम कुमार मिश्रा के साथ रहती हू…मेरा 22 वर्षीय छोटा भाई बबलू भी अपने पढ़ाई के वास्ते हमारे साथ ही रहता है!
वैसे तो मैं हमेशा छरहरी रही हू लेकिन कुछ महीनो से मेरा जिस्म भर जाने के कारण गद्देदार लगती हू…गाल फूलकर टमाटर की तरह लाल और मक्खन की तरह चिकने हो गये हैं!फिलहाल मेरी फिगर 34-30-36 है!बचपन से ही मैं बहुत बिंदास रही हू…मुझे रोक टोक बिल्कुल पसंद नही!शादी करके आई तो पातिदेव राम मिश्रा ने रोब गाँठने की कोशिस सुरू कर दी…मुझे साड़ी पहनना बहुत पसंद है लेकिन मेरे पति को ये बात नागवार गुज़रने लगी…कहते “मेडम सीता देवी जी, जब आप साड़ी पहन कर और गले मे मन्गल्सुत्र लटका के चलती हैं तो आपके ये भारी चूतड़ ऐसे मटकते है की पूरा मुहल्ला आपके मटकते चुतडो की थिरकन देखने रोड पर आ जाता है!और तो और,कितने लोग अपना लंड हाथ मे थाम कर आपके पीछे चल देते हैं”…और मैं पति देव से मूह फेर कर चुतडो को थिरका कर आगे बढ़ जाती,
पतिपर्मेश्वर अपनी नूनी हाथ मे लेकर कसमसाते रह जाते! खैर,ये खेल सिर्फ़ 2 हफ्ते चला,उसके बाद तो पातिदेव राम मिश्रा आपकी इस सेक्सी सीता देवी की चूत का गुलाम हो गया….अब तो पातिदेव आपकी सीता देवी के तलवे चाटने के लिए जीभ लपलपाते रहता है!हर रात पतिपर्मेश्वर आपकी सीतदेवी की रसीली चूत का दीदार करने के लिए मेरे पैरो पर गिर के गिडगीडाने लगता है!लेकिन साहेबान,आपकी चुदासी सीता देवी की चूत इतनी सस्ती नही कि किसी भी नमार्द की नूनी से चुद जाए!
पति परमेश्वर रोज रात को मेरे पैर दबाते है और फिर साड़ी उठाकर जैसे ही ज्वालामुखी के दहाने पर अपनी नूनी रखते हैं,गर्मी से उपर ही पिघल जाते है!मैं उस वक़्त तो खिलखिला के हंस देती हूँ लेकिन रात भर चूत मे उंगली डाल के सोने पर गुस्सा भी आता है…
अभी तक आपकी सीता देवी की टाइट चूत को फाड़ने की हिम्मत किसी ने नही कर पाई,मेरी रसीली चूत एक बंपिलास्ट लंड की तलाश मे दर दर भटक रही है!सुना है,मुस्लिम लंड बहुत ताकतवर होता है…बचपन मे देखा भी था बगल वाले बशीर ख़ान जब मेरी मम्मी को चोद्ते थे तो मम्मी की चीख पूरी बस्ती मे गूँजती थी और पापा बेड के नीचे दुबक कर फ़चफ़च फ़चफ़च की आवाज़ सुनते थे हाथ मे नूनी लेकर . आपकी इस सेक्सी सीता देवी ने कैसे नवाब जी के प्रचंड लंड से अपनी टाइट चूत की सील तोडवाई,वो भी पतिदेव और भाई के सामने..
लेखक - सीता
फ्रेंड्स एक और नई कहानी आपके लिए पढ़िए और मज़े लीजिए
हेलो दोस्तो,मैं हूँ सीता देवी!!ये मेरी पहली कहानी है लेकिन मेरी कहानी पढ़ने से पहले और अपने लंड को हाथ मे लेने से पहले एक बार सोचे ज़रूर क्योकि हो सकता है आपका कीबोर्ड बाढ़ मे ढह जाए!!
आपका कीमती टाइम वेस्ट नही करते हुए मैं सीता देवी,आपकी अपनी सीता देवी हाज़िर हूँ अपनी सच्ची आपबीती लेकर आपके सामने!मेरी उम्र 32 साल है,अभी एक महीने पहले ही मेरी शादी हुई है!सास ससुर गाओं मे रहते है,यहाँ मैं अपने पति परमेश्वर राम कुमार मिश्रा के साथ रहती हू…मेरा 22 वर्षीय छोटा भाई बबलू भी अपने पढ़ाई के वास्ते हमारे साथ ही रहता है!
वैसे तो मैं हमेशा छरहरी रही हू लेकिन कुछ महीनो से मेरा जिस्म भर जाने के कारण गद्देदार लगती हू…गाल फूलकर टमाटर की तरह लाल और मक्खन की तरह चिकने हो गये हैं!फिलहाल मेरी फिगर 34-30-36 है!बचपन से ही मैं बहुत बिंदास रही हू…मुझे रोक टोक बिल्कुल पसंद नही!शादी करके आई तो पातिदेव राम मिश्रा ने रोब गाँठने की कोशिस सुरू कर दी…मुझे साड़ी पहनना बहुत पसंद है लेकिन मेरे पति को ये बात नागवार गुज़रने लगी…कहते “मेडम सीता देवी जी, जब आप साड़ी पहन कर और गले मे मन्गल्सुत्र लटका के चलती हैं तो आपके ये भारी चूतड़ ऐसे मटकते है की पूरा मुहल्ला आपके मटकते चुतडो की थिरकन देखने रोड पर आ जाता है!और तो और,कितने लोग अपना लंड हाथ मे थाम कर आपके पीछे चल देते हैं”…और मैं पति देव से मूह फेर कर चुतडो को थिरका कर आगे बढ़ जाती,
पतिपर्मेश्वर अपनी नूनी हाथ मे लेकर कसमसाते रह जाते! खैर,ये खेल सिर्फ़ 2 हफ्ते चला,उसके बाद तो पातिदेव राम मिश्रा आपकी इस सेक्सी सीता देवी की चूत का गुलाम हो गया….अब तो पातिदेव आपकी सीता देवी के तलवे चाटने के लिए जीभ लपलपाते रहता है!हर रात पतिपर्मेश्वर आपकी सीतदेवी की रसीली चूत का दीदार करने के लिए मेरे पैरो पर गिर के गिडगीडाने लगता है!लेकिन साहेबान,आपकी चुदासी सीता देवी की चूत इतनी सस्ती नही कि किसी भी नमार्द की नूनी से चुद जाए!
पति परमेश्वर रोज रात को मेरे पैर दबाते है और फिर साड़ी उठाकर जैसे ही ज्वालामुखी के दहाने पर अपनी नूनी रखते हैं,गर्मी से उपर ही पिघल जाते है!मैं उस वक़्त तो खिलखिला के हंस देती हूँ लेकिन रात भर चूत मे उंगली डाल के सोने पर गुस्सा भी आता है…
अभी तक आपकी सीता देवी की टाइट चूत को फाड़ने की हिम्मत किसी ने नही कर पाई,मेरी रसीली चूत एक बंपिलास्ट लंड की तलाश मे दर दर भटक रही है!सुना है,मुस्लिम लंड बहुत ताकतवर होता है…बचपन मे देखा भी था बगल वाले बशीर ख़ान जब मेरी मम्मी को चोद्ते थे तो मम्मी की चीख पूरी बस्ती मे गूँजती थी और पापा बेड के नीचे दुबक कर फ़चफ़च फ़चफ़च की आवाज़ सुनते थे हाथ मे नूनी लेकर . आपकी इस सेक्सी सीता देवी ने कैसे नवाब जी के प्रचंड लंड से अपनी टाइट चूत की सील तोडवाई,वो भी पतिदेव और भाई के सामने..