hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
मनीष- “करुणा हमारा लण्ड तुम्हें कहाँ चुभ रहा है?” मनीष ने फिर से करुणा से कहा।
करुणा- “मनीष तुम मुझे ब्लैकमेल कर रहे हो...” करुणा ने चिढ़ते हुए कहा।
मनीष- “करुणा मत बताओ हमें क्या है? हमें तो बहुत मजा आ रहा है...” मनीष ने करुणा की बात सुनकर उसे अपनी गोद पर दबाते हुए कहा।
करुणा ने फिर से हार मानकर कहा- “मनीष छोड़ो ना प्लीज... वो तुम्हारा लण्ड हमें अपने चूतड़ों में चुभ रहा है...”
मनीष- “यह हुई ना बात मेरी जान..” मनीष ने करुणा की बात सुनते ही उसको आजाद कर दिया।
करुणा- “मनीष जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती...” करुणा ने आजाद होते ही मनीष की गोद से उठकर दूर खड़े होते हुए कहा।
मनीष- “क्यों क्या किया मैंने?” मनीष ने करुणा के पीछे जाकर खड़ा होकर अपना खड़ा लण्ड फिर से उसके चूतड़ों में दबाते हुए कहा।
करुणा- “मनीष तुम बड़े मूड में लग रहे हो, मगर तुम्हें कुछ हाथ आने वाला नहीं...” करुणा यह कहते हुए फिर से मनीष से अलग होकर बेड पर आकर बैठ गई।
मनीष- “करुणा कोई सेटिंग करो ना बहुत दिन हो गये हैं..” मनीष ने भी करुणा के साथ बेड पर बैठते हुए कहा।
करुणा- “हम्म्म्म .. मैं क्या सेटिंग करूं? अब तो शादी तक इंतेजार करना होगा तुम्हें..." करुणा ने मनीष की बात सुनकर हँसते हुए कहा।।
मनीष- “करुणा यह तुम्हारा घर है। आज रात तो हम यहीं हैं, कुछ करो ना...” मनीष ने फिर से करुणा को मिन्नत करते हुए कहा।
करुणा- “नहीं मनीष मैं यहाँ रिस्क नहीं ले सकती...” करुणा ने मनीष की बात सुनकर उसे जवाब देते हुए कहा।
मनीष- “करुणा, मुझसे शादी तक सबर नहीं होगा फिर तो मुझे कोई गर्लफ्रेंड बनानी पड़ेगी...” मनीष ने करुणा को जानबूझ कर चिढ़ाते हुए कहा।
करुणा- “क्या कहा मनीष? तुम मेरे होते हुए दूसरी लड़की से दोस्ती करोगे...” करुणा ने मनीष की बात सुनकर चिढ़ते हुए कहा।
मनीष- “हाँ यार। मैं सिर्फ अपना काम करने के लिए एक गर्लफ्रेंड बनाऊँगा, कोई शादी थोड़ी उससे करूँगा...” करुणा को गुस्सा करते हुए देखकर मनीष ने हँसते हुए कहा।
करुणा- “मनीष मैं समझ गई की तुम सारे मर्द मतलबी होते हो। तुम एक महीना भी सबर नहीं कर सकते?” करुणा ने रोने जैसा मुँह बनाते हुए मनीष से कहा।
मनीष- “यार मैं नहीं कर सकता। अगर तुम कुछ नहीं कर सकती तो फिर मुझे दोष मत देना...” मनीष ने वैसे ही मुश्कुराते हुए कहा।
करुणा- “ठीक है फिर शादी भी उसी लड़की से कर लेना जिसके साथ काम करना हो...” करुणा ने मनीष की बात सुनकर अपनी आँखों से मोटे-मोटे आँसू बहाकर रोते हुए कहा।
मनीष- “यार तुम तो रोने लगी, मैं तो मजाक कर रहा था पगली..” मनीष ने करुणा को रोते हुए देखकर उसके आँसू पोंछते हुए कहा।।
करुणा- “नहीं मैं जानती हूँ की तुम मर्द सभी ऐसे ही होते हो...” करुणा ने वैसे ही रोते हुए कहा।
मनीष- “नहीं यार मुझे तेरी कसम मैं मजाक कर रहा था। तुम्हारे होते हुए मैं किसी और के साथ छी... छी... मैं सोच भी नहीं सकता...” मनीष ने करुणा को समझाते हुए कहा।
करुणा- “तुम सच कह रहे हो?” करुणा ने मनीष की बात सुनकर उसकी तरफ देखते हुए कहा।
मनीष- “यार क्या मैं तुम्हारी झूठी कसम खा सकता हूँ?” मनीष ने करुणा के गालों से आँसू पोंछते हुए कहा।
करुणा- “फिर तुमने ऐसा क्यों कहा?” करुणा ने अब रोना बंद करते हुए कहा।
मनीष- “यार मैं तो तुम्हें चिढ़ा रहा था मगर तुमने तो रो दिया..” मनीष ने अपने हाथों से करुणा के गोरे-गोरे गालों को सहलाते हुए कहा। मनीष ने करुणा को अपने गले से लगा लिया और दोनों कुछ देर तक एक दूसरे की बाहों में रहने के बाद एक दूसरे से अलग होते हुए आपस में बातें करने लगे।
* *
* * *
करुणा- “मनीष तुम मुझे ब्लैकमेल कर रहे हो...” करुणा ने चिढ़ते हुए कहा।
मनीष- “करुणा मत बताओ हमें क्या है? हमें तो बहुत मजा आ रहा है...” मनीष ने करुणा की बात सुनकर उसे अपनी गोद पर दबाते हुए कहा।
करुणा ने फिर से हार मानकर कहा- “मनीष छोड़ो ना प्लीज... वो तुम्हारा लण्ड हमें अपने चूतड़ों में चुभ रहा है...”
मनीष- “यह हुई ना बात मेरी जान..” मनीष ने करुणा की बात सुनते ही उसको आजाद कर दिया।
करुणा- “मनीष जाओ मैं तुमसे बात नहीं करती...” करुणा ने आजाद होते ही मनीष की गोद से उठकर दूर खड़े होते हुए कहा।
मनीष- “क्यों क्या किया मैंने?” मनीष ने करुणा के पीछे जाकर खड़ा होकर अपना खड़ा लण्ड फिर से उसके चूतड़ों में दबाते हुए कहा।
करुणा- “मनीष तुम बड़े मूड में लग रहे हो, मगर तुम्हें कुछ हाथ आने वाला नहीं...” करुणा यह कहते हुए फिर से मनीष से अलग होकर बेड पर आकर बैठ गई।
मनीष- “करुणा कोई सेटिंग करो ना बहुत दिन हो गये हैं..” मनीष ने भी करुणा के साथ बेड पर बैठते हुए कहा।
करुणा- “हम्म्म्म .. मैं क्या सेटिंग करूं? अब तो शादी तक इंतेजार करना होगा तुम्हें..." करुणा ने मनीष की बात सुनकर हँसते हुए कहा।।
मनीष- “करुणा यह तुम्हारा घर है। आज रात तो हम यहीं हैं, कुछ करो ना...” मनीष ने फिर से करुणा को मिन्नत करते हुए कहा।
करुणा- “नहीं मनीष मैं यहाँ रिस्क नहीं ले सकती...” करुणा ने मनीष की बात सुनकर उसे जवाब देते हुए कहा।
मनीष- “करुणा, मुझसे शादी तक सबर नहीं होगा फिर तो मुझे कोई गर्लफ्रेंड बनानी पड़ेगी...” मनीष ने करुणा को जानबूझ कर चिढ़ाते हुए कहा।
करुणा- “क्या कहा मनीष? तुम मेरे होते हुए दूसरी लड़की से दोस्ती करोगे...” करुणा ने मनीष की बात सुनकर चिढ़ते हुए कहा।
मनीष- “हाँ यार। मैं सिर्फ अपना काम करने के लिए एक गर्लफ्रेंड बनाऊँगा, कोई शादी थोड़ी उससे करूँगा...” करुणा को गुस्सा करते हुए देखकर मनीष ने हँसते हुए कहा।
करुणा- “मनीष मैं समझ गई की तुम सारे मर्द मतलबी होते हो। तुम एक महीना भी सबर नहीं कर सकते?” करुणा ने रोने जैसा मुँह बनाते हुए मनीष से कहा।
मनीष- “यार मैं नहीं कर सकता। अगर तुम कुछ नहीं कर सकती तो फिर मुझे दोष मत देना...” मनीष ने वैसे ही मुश्कुराते हुए कहा।
करुणा- “ठीक है फिर शादी भी उसी लड़की से कर लेना जिसके साथ काम करना हो...” करुणा ने मनीष की बात सुनकर अपनी आँखों से मोटे-मोटे आँसू बहाकर रोते हुए कहा।
मनीष- “यार तुम तो रोने लगी, मैं तो मजाक कर रहा था पगली..” मनीष ने करुणा को रोते हुए देखकर उसके आँसू पोंछते हुए कहा।।
करुणा- “नहीं मैं जानती हूँ की तुम मर्द सभी ऐसे ही होते हो...” करुणा ने वैसे ही रोते हुए कहा।
मनीष- “नहीं यार मुझे तेरी कसम मैं मजाक कर रहा था। तुम्हारे होते हुए मैं किसी और के साथ छी... छी... मैं सोच भी नहीं सकता...” मनीष ने करुणा को समझाते हुए कहा।
करुणा- “तुम सच कह रहे हो?” करुणा ने मनीष की बात सुनकर उसकी तरफ देखते हुए कहा।
मनीष- “यार क्या मैं तुम्हारी झूठी कसम खा सकता हूँ?” मनीष ने करुणा के गालों से आँसू पोंछते हुए कहा।
करुणा- “फिर तुमने ऐसा क्यों कहा?” करुणा ने अब रोना बंद करते हुए कहा।
मनीष- “यार मैं तो तुम्हें चिढ़ा रहा था मगर तुमने तो रो दिया..” मनीष ने अपने हाथों से करुणा के गोरे-गोरे गालों को सहलाते हुए कहा। मनीष ने करुणा को अपने गले से लगा लिया और दोनों कुछ देर तक एक दूसरे की बाहों में रहने के बाद एक दूसरे से अलग होते हुए आपस में बातें करने लगे।
* *
* * *