hotaks444
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सोनाली ने सुबह उठते ही रोहन को फोन पर अपनी बेटियों की शादी के बारे में सब कुछ बता दिया और रोहन से कहा- “तुम भी अपने माँ बाप से मिलकर अपनी शादी की बात चलाओ। अगर तुम्हारी शादी भी उनके साथ ही हो जाये तो मेरी सारी चिंता दूर हो जायेगी...”
रोहन ने सोनाली से कहा- “मैं अपने माँ बाप से बात करूंगा इस बारे में, और फिर मैं आपको बताऊँगा...”
बिंदिया- “माँ हम सबकी शादी के बाद आपका क्या होगा? आप किसके साथ रहोगी?” बिंदिया ने अपनी माँ को रोहन से बात करने के बाद गले से लगाते हुए कहा।
बिंदिया मैं कोई छोटी बच्ची तो हूँ नहीं, और मेरा क्या? कभी गाँव में, कभी तुम्हारे पास, कभी अपने घर में, बस ऐसे ही गुजर जाएगी यह जिंदगी...” सोनाली ने बिंदिया को समझाते हुए कहा।
शाम को रोहन वहाँ पर आ गया और खुश होते हुए सोनाली को कहा- “मेरे माँ बाप राजी हो गये हैं और वो कल ही कुण्डलियां मिलाकर मेरी और बिंदिया की शादी के लिए कोई अच्छा सा टाइम लेते हैं...”
सोनाली रोहन की बात सुनकर बहुत खुश हो गई।
ऐसे ही दूसरे दिन रोहन के माँ बाप ने अपने बेटे की शादी के लिए पंडित को कुण्डलियां दिखाई और उससे कहा की 13 दिन के बाद का अगर कोई अच्छा टाइम हो तो उनके लिए बहुत अच्छा होगा।
पंडित ने कुंडलियां देखने के बाद रोहन की शादी के लिए उसी दिन का टाइम रोहन के माँ बाप को बता दिया, जिसे सुनकर सभी खुश हो गये। रोहन ने सोनाली को फोन पर सब कुछ बता दिया और तीनों घरों में जोर शोर
से शादी की तैयारियां शुरू हो गई।
सोनाली ने आकाश को भी फोन पर सब कुछ बता दिया, जिसे सुनकर आकाश बहुत खुश हो गया और खुशी में ही सोनाली से कह दिया- “मैं भी तुमसे शादी करना चाहता हूँ.”
सोनाली आकाश की बात सुनकर पहले तो बहुत हैरान हुई, मगर वो सारी जिंदगी ऐसे नहीं बैठ सकती थी। इसलिए उसने फौरन आकाश से शादी के लिए हाँ कह दी। सोनाली ने अपनी बेटियों की शादी के दूसरे दिन आकाश से शादी का प्लान बनाया, और यह बात अपनी बेटियों को बता दी- “की मेरे साथ तुम्हारे पिता जहाँ काम करते थे, उनके बास मुझसे शादी करना चाहते हैं, और मैं भी राजी हूँ...”
सोनाली की बात सुनकर सभी खुश हो गई की चलो उनके जाने के बाद उनकी माँ भी अकेली नहीं रहेगी। ऐसे ही दिन गुजरते गये और उनके शादी का दिन आ गया। तीनों घरों में बहुत बड़ी खुशी मनाई जा रही थी, खास करके ठाकुर की पूरी हवेली और पूरे गाँव को बहुत अच्छे तरीके से शादी के लिए सजाया गया था।
शिल्पा इतने दिन बराबर किसी ना किसी तरीके से रवी को वो गोली खिलाती आई थी।
शादी के लिए सारी तैयारियां हो चुकी थी। ठाकुर सोनाली के घर अपनी बहुओं को लेने पहुँच चुका था। वहाँ पर सारी रश्में पूरी करने के बाद ठाकुर अपनी दोनों बहुओं के साथ अपनी हवेली वापस आ गये। रोहन भी बिंदिया को अपने घर दुल्हन बनाकर ले जा चुका था।
सोनाली अपने घर में अकेली हो चुकी थी। आज जाने क्यों उसे रोने का दिल हो रहा था, और उसकी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे की उसे अपनी कमर में किसी के हाथ महसूस हुए। आकाश ने सोनाली को अपनी बाहों में भरा हुआ था। सोनाली आकाश को देखकर उससे लिपट गई।
आकाश- “अरे पगली क्यों रो रही हो तुम अकेली नहीं हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ..” आकाश ने सोनाली को अपनी बाहों में भरते हुए कहा।
सोनाली- “आकाश क्या हम आज ही शादी नहीं कर सकते..." सोनाली ने यूँ ही रोते हुए आकाश को गले लगा लिया।
आकाश- “क्यों नहीं? आज और अभी तैयार हो जाओ हम मंदिर चलकर शादी करते हैं..” आकाश ने सोनाली को अपनी बाहों में दबाते हुए कहा।
सोनाली- “आकाश तुम मुझसे कितना प्यार करते हो..” यह कहकर सोनाली आकाश के गले लग गई और दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।
उसके बाद कुछ ही देर में सोनाली तैयार हो गई और उसने आकाश के साथ मंदिर जाकर शादी कर ली। शादी के बाद आकाश सोनाली को अपने घर ले गया, जहाँ पर सिर्फ आकाश ही रहता था। उसके माँ बाप बहुत पहले मर चुके थे और उसकी बीवी... उसे छोड़ चुकी थी। क्योंकी वो किसी और से प्यार करती थी।
* * *
रोहन ने सोनाली से कहा- “मैं अपने माँ बाप से बात करूंगा इस बारे में, और फिर मैं आपको बताऊँगा...”
बिंदिया- “माँ हम सबकी शादी के बाद आपका क्या होगा? आप किसके साथ रहोगी?” बिंदिया ने अपनी माँ को रोहन से बात करने के बाद गले से लगाते हुए कहा।
बिंदिया मैं कोई छोटी बच्ची तो हूँ नहीं, और मेरा क्या? कभी गाँव में, कभी तुम्हारे पास, कभी अपने घर में, बस ऐसे ही गुजर जाएगी यह जिंदगी...” सोनाली ने बिंदिया को समझाते हुए कहा।
शाम को रोहन वहाँ पर आ गया और खुश होते हुए सोनाली को कहा- “मेरे माँ बाप राजी हो गये हैं और वो कल ही कुण्डलियां मिलाकर मेरी और बिंदिया की शादी के लिए कोई अच्छा सा टाइम लेते हैं...”
सोनाली रोहन की बात सुनकर बहुत खुश हो गई।
ऐसे ही दूसरे दिन रोहन के माँ बाप ने अपने बेटे की शादी के लिए पंडित को कुण्डलियां दिखाई और उससे कहा की 13 दिन के बाद का अगर कोई अच्छा टाइम हो तो उनके लिए बहुत अच्छा होगा।
पंडित ने कुंडलियां देखने के बाद रोहन की शादी के लिए उसी दिन का टाइम रोहन के माँ बाप को बता दिया, जिसे सुनकर सभी खुश हो गये। रोहन ने सोनाली को फोन पर सब कुछ बता दिया और तीनों घरों में जोर शोर
से शादी की तैयारियां शुरू हो गई।
सोनाली ने आकाश को भी फोन पर सब कुछ बता दिया, जिसे सुनकर आकाश बहुत खुश हो गया और खुशी में ही सोनाली से कह दिया- “मैं भी तुमसे शादी करना चाहता हूँ.”
सोनाली आकाश की बात सुनकर पहले तो बहुत हैरान हुई, मगर वो सारी जिंदगी ऐसे नहीं बैठ सकती थी। इसलिए उसने फौरन आकाश से शादी के लिए हाँ कह दी। सोनाली ने अपनी बेटियों की शादी के दूसरे दिन आकाश से शादी का प्लान बनाया, और यह बात अपनी बेटियों को बता दी- “की मेरे साथ तुम्हारे पिता जहाँ काम करते थे, उनके बास मुझसे शादी करना चाहते हैं, और मैं भी राजी हूँ...”
सोनाली की बात सुनकर सभी खुश हो गई की चलो उनके जाने के बाद उनकी माँ भी अकेली नहीं रहेगी। ऐसे ही दिन गुजरते गये और उनके शादी का दिन आ गया। तीनों घरों में बहुत बड़ी खुशी मनाई जा रही थी, खास करके ठाकुर की पूरी हवेली और पूरे गाँव को बहुत अच्छे तरीके से शादी के लिए सजाया गया था।
शिल्पा इतने दिन बराबर किसी ना किसी तरीके से रवी को वो गोली खिलाती आई थी।
शादी के लिए सारी तैयारियां हो चुकी थी। ठाकुर सोनाली के घर अपनी बहुओं को लेने पहुँच चुका था। वहाँ पर सारी रश्में पूरी करने के बाद ठाकुर अपनी दोनों बहुओं के साथ अपनी हवेली वापस आ गये। रोहन भी बिंदिया को अपने घर दुल्हन बनाकर ले जा चुका था।
सोनाली अपने घर में अकेली हो चुकी थी। आज जाने क्यों उसे रोने का दिल हो रहा था, और उसकी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे की उसे अपनी कमर में किसी के हाथ महसूस हुए। आकाश ने सोनाली को अपनी बाहों में भरा हुआ था। सोनाली आकाश को देखकर उससे लिपट गई।
आकाश- “अरे पगली क्यों रो रही हो तुम अकेली नहीं हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ..” आकाश ने सोनाली को अपनी बाहों में भरते हुए कहा।
सोनाली- “आकाश क्या हम आज ही शादी नहीं कर सकते..." सोनाली ने यूँ ही रोते हुए आकाश को गले लगा लिया।
आकाश- “क्यों नहीं? आज और अभी तैयार हो जाओ हम मंदिर चलकर शादी करते हैं..” आकाश ने सोनाली को अपनी बाहों में दबाते हुए कहा।
सोनाली- “आकाश तुम मुझसे कितना प्यार करते हो..” यह कहकर सोनाली आकाश के गले लग गई और दोनों एक दूसरे को चूमने लगे।
उसके बाद कुछ ही देर में सोनाली तैयार हो गई और उसने आकाश के साथ मंदिर जाकर शादी कर ली। शादी के बाद आकाश सोनाली को अपने घर ले गया, जहाँ पर सिर्फ आकाश ही रहता था। उसके माँ बाप बहुत पहले मर चुके थे और उसकी बीवी... उसे छोड़ चुकी थी। क्योंकी वो किसी और से प्यार करती थी।
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