hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
माँ ने जब अजय को सौत कहा तो वो बुरी तरह से शर्मा गया। वैसे अजय मेरे से पूरा खुला हुआ था। मुन्ना भी मेरे साथ-साथ माँ की बहती जवानी में डुबकी लगाने के लिए पूरा तैयार था और अपनी ओर से माँ को पटाने की पूरी कोशिश भी कर रहा था। पर जब उसे पता चला की उसका भैया से गाण्ड मरवाने का राज माँ पर खुल गया है तो माँ के सामने एक बार तो लाज आना लाजमी था। अजय बिस्तर पर नजरें गड़ाए चुपचाप बैठा हुआ था। तब मैंने ही स्थिति को वापस सामान्य बनाने की कोशिश की।
मैं- “माँ, मुन्ना को अपनी सौत मत समझो बल्कि मेरी जान कहो। जब मुन्ना को तूने अपनी सौत मान ही लिया है तो इसका मतलब तू मेरी रानी बन गई है। मुन्ना तो पहले से ही मेरा मस्त चिकना माल है लेकिन
तुम क्यों चिंता करती हो? तुझे तो मैं अपने दिल की रानी बनाकर रखूगा। मेरे सपनों की रानी तो तू पहले ही थी और अब मुन्ना को सौत कहकर तो तू मेरी व्याहता बीवी बन गई हो। तुझे तो खुश होना चाहिए की तुझे। देवर के रूप में मेरा इतना चहेता प्यारा भाई मिला है। मेरे और मुन्ना के बीच तो पहले से ही कोई पर्दा नहीं है,
और आगे तेरे और मेरे बीच भी कोई पर्दा नहीं रहने वाला है तो फिर हम तीनों आपस में कोई पर्दा क्यों रखें? चल मुन्ना खुश हो जा माँ ने तुझे सौत कहकर यह मान लिया है की अब से वो मेरी बीवी बन गई है। देखना,आज मैं तेरे सामने ही सुहागरात मनाऊँगा और तेरे सामने ही इसकी लँगा...”
मेरी बात सुनकर अजय विजयी भाव से माँ की तरफ देखकर मुश्कुरा उठा। और कहा- “माँ तूने भैया की बात सुनी? देख, भैया मुझे कितना प्यार करते हैं? पर भैया दिन रात तेरे ही नाम की माला जपते हैं, तुझ पर तो भैया मरते हैं। तुझे तो अपने दिल की रानी बनाकर रखेंगे। तेरी आज तक की सारी प्यास बुझा देंगे। तुझे पता नहीं की भैया मुझे कितना मजा देते हैं। तू एक बार भैया से मजा ले लेगी तो तू खुद उनकी दीवानी हो जाएगी। माँ, भैया का बहुत तगड़ा है, देखेगी तो पूरी मस्त हो जाएगी। सुना तूने, भैया ने क्या कहा? उन्होंने कहा की वे मेरे सामने तेरी लेंगे। समझ रही हो ना की भैया तेरी क्या लेंगे?”
राधा- “अच्छा तो अब तू मुझे समझाएगा की पति सुहागरात में अपनी पत्नी की क्या लेता है? तेरे को उसके बारे में क्या पता? तेरी उमर में आते-आते आजकल के छोकरे तो उसमें दसियों बार डुबकी लगा चुके होते हैं। पर तू तो मर्दो के सक्करकंदों का शौकीन है, उन्हें अपने पिछवाड़े में लेता है। मेरा बड़ा बेटा यहीं बोल-बोलकर तो मेरे सामने ही तुझे छेड़ रहा था, तो मैं क्या इन बातों का मतलब नहीं समझती? अब जब तू भी खुल गया है तो । तुझे समझाती हूँ की पति सुहागरात में पत्नी की क्या लेता है? हम औरतों की दोनों टाँगों के बीच एक पावरोटी के लोफ सा फूला हुआ अंग होता है, जिसके बीचो-बीच खूब गहरा सुराख होता है। हम लोगों का यह अंग कालेकाले रेशमी बालों से भरती रहता है। भीतर देखने से यह बिल्कुल सुर्ख लाल रंग का दिखाई पड़ता है। हम लोगों के इस अंग से कुदरती तौर पर गाढ़ा लसलसा रस निकलता रहता है, जिससे यह भीतर तक पूरा चिकना रहता है, तुम्हारी वाली की तरह इसमें वैसेलीन नहीं चुपड़नी पड़ती। हर जवान मर्द इसकी फिराक में रहता है, इसको पाने के लिए कुछ भी कर सकता है, इसको पाने के लिए जवान औरतों के हजारों नखरे सहता है। सुहागरात में पति पत्नी का यही मस्त अंग लेता है। तेरे भैया भी अगर मेरे साथ आज सुहागरात मनाएंगे तो मेरी इसी खाश चीज को लेंगे और मैं तेरे भैया को पूरी मस्त होकर आज इसका मजा चखऊँगी...”
अजय- “माँ, मैंने तो तुम्हें भैया की दुल्हन यह सोचकर बनाया था की तुम एक बहुत शर्मो-हया वाली और आचार विचार वाली औरत हो, पर तुम तो पक्की मर्दमार और बेशर्म औरत निकली। कम से कम इस सुहागरात की बेला में तो थोड़ी लाज शर्म रखती, दुल्हन की तरह शर्माती, नखरे दिखाती, कहती की मुझे क्या पता तेरे भैया क्या लेंगे? पर लगता है की तू तो अपनी चीज देने के लिए मरी जा रही है...”
मैं- “माँ, मुन्ना को अपनी सौत मत समझो बल्कि मेरी जान कहो। जब मुन्ना को तूने अपनी सौत मान ही लिया है तो इसका मतलब तू मेरी रानी बन गई है। मुन्ना तो पहले से ही मेरा मस्त चिकना माल है लेकिन
तुम क्यों चिंता करती हो? तुझे तो मैं अपने दिल की रानी बनाकर रखूगा। मेरे सपनों की रानी तो तू पहले ही थी और अब मुन्ना को सौत कहकर तो तू मेरी व्याहता बीवी बन गई हो। तुझे तो खुश होना चाहिए की तुझे। देवर के रूप में मेरा इतना चहेता प्यारा भाई मिला है। मेरे और मुन्ना के बीच तो पहले से ही कोई पर्दा नहीं है,
और आगे तेरे और मेरे बीच भी कोई पर्दा नहीं रहने वाला है तो फिर हम तीनों आपस में कोई पर्दा क्यों रखें? चल मुन्ना खुश हो जा माँ ने तुझे सौत कहकर यह मान लिया है की अब से वो मेरी बीवी बन गई है। देखना,आज मैं तेरे सामने ही सुहागरात मनाऊँगा और तेरे सामने ही इसकी लँगा...”
मेरी बात सुनकर अजय विजयी भाव से माँ की तरफ देखकर मुश्कुरा उठा। और कहा- “माँ तूने भैया की बात सुनी? देख, भैया मुझे कितना प्यार करते हैं? पर भैया दिन रात तेरे ही नाम की माला जपते हैं, तुझ पर तो भैया मरते हैं। तुझे तो अपने दिल की रानी बनाकर रखेंगे। तेरी आज तक की सारी प्यास बुझा देंगे। तुझे पता नहीं की भैया मुझे कितना मजा देते हैं। तू एक बार भैया से मजा ले लेगी तो तू खुद उनकी दीवानी हो जाएगी। माँ, भैया का बहुत तगड़ा है, देखेगी तो पूरी मस्त हो जाएगी। सुना तूने, भैया ने क्या कहा? उन्होंने कहा की वे मेरे सामने तेरी लेंगे। समझ रही हो ना की भैया तेरी क्या लेंगे?”
राधा- “अच्छा तो अब तू मुझे समझाएगा की पति सुहागरात में अपनी पत्नी की क्या लेता है? तेरे को उसके बारे में क्या पता? तेरी उमर में आते-आते आजकल के छोकरे तो उसमें दसियों बार डुबकी लगा चुके होते हैं। पर तू तो मर्दो के सक्करकंदों का शौकीन है, उन्हें अपने पिछवाड़े में लेता है। मेरा बड़ा बेटा यहीं बोल-बोलकर तो मेरे सामने ही तुझे छेड़ रहा था, तो मैं क्या इन बातों का मतलब नहीं समझती? अब जब तू भी खुल गया है तो । तुझे समझाती हूँ की पति सुहागरात में पत्नी की क्या लेता है? हम औरतों की दोनों टाँगों के बीच एक पावरोटी के लोफ सा फूला हुआ अंग होता है, जिसके बीचो-बीच खूब गहरा सुराख होता है। हम लोगों का यह अंग कालेकाले रेशमी बालों से भरती रहता है। भीतर देखने से यह बिल्कुल सुर्ख लाल रंग का दिखाई पड़ता है। हम लोगों के इस अंग से कुदरती तौर पर गाढ़ा लसलसा रस निकलता रहता है, जिससे यह भीतर तक पूरा चिकना रहता है, तुम्हारी वाली की तरह इसमें वैसेलीन नहीं चुपड़नी पड़ती। हर जवान मर्द इसकी फिराक में रहता है, इसको पाने के लिए कुछ भी कर सकता है, इसको पाने के लिए जवान औरतों के हजारों नखरे सहता है। सुहागरात में पति पत्नी का यही मस्त अंग लेता है। तेरे भैया भी अगर मेरे साथ आज सुहागरात मनाएंगे तो मेरी इसी खाश चीज को लेंगे और मैं तेरे भैया को पूरी मस्त होकर आज इसका मजा चखऊँगी...”
अजय- “माँ, मैंने तो तुम्हें भैया की दुल्हन यह सोचकर बनाया था की तुम एक बहुत शर्मो-हया वाली और आचार विचार वाली औरत हो, पर तुम तो पक्की मर्दमार और बेशर्म औरत निकली। कम से कम इस सुहागरात की बेला में तो थोड़ी लाज शर्म रखती, दुल्हन की तरह शर्माती, नखरे दिखाती, कहती की मुझे क्या पता तेरे भैया क्या लेंगे? पर लगता है की तू तो अपनी चीज देने के लिए मरी जा रही है...”