desiaks
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रात ९.३० सानिया ने खाना बनाने के बाद मोना से कहा के जाओ खाना खाने के लिए सतीश को बुला लाओ.
मोना सतीश के रूम मे गई पर सतीश वहां नहीं था... उसने पूरा घर छान मारा पर सतीश उसे कहीं नहीं मिला, फिर वो छत पे गई वहां उसने देखा के सतीश बहुत उदास है और खड़े खड़े कुछ सोचते हुए सिग्रेटे पि रहा है.
मोना ने धीरे से कहा “भाई”!
पर सतीश ने नही सुना.
मोना ने दो तीन बार और आवाज़ दी पर सतीश तो अपने ख़यालों मे कुछ ऐसा खोया हुआ था के उसे मोना की आवाज़ सुनाई नहीं दि.
मोना सतीश के पास गई और उसे हिला के “कहा कहाँ खोये हुए हो, सुनायी नहीं देता क्या तुझे, मैं कब से तुझे आवाज़ दे रही हु और एक तू है के सुनता ही नही, कहाँ खोया हुआ है तु?
खाना लग गया है...
मम्मी खाना खाने बुला रही है,
ओर ये क्या तू सिगरेट पि रहा है चल फ़ेंक अच्छे लड़के सिगरेट नहीं पीते और तू तो सिगरेट पिता हुआ बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता,
चल सिगरेट फेक और चल मेरे साथ्”
सतीश बड़े गौर से मोना की बात सुनता है.
उसे रात की चाँदनी रौशनी
मे मोना का प्यारा चेहरा और भी प्यारा लगने लगता है.
वह मोना की बात सुन के अपनी सिगरेट फ़ेंक देता है और उसे सॉरी कहता है,
सतीश : आज तक किसी ने मुझे इतने प्यार और अपने पण से....
मुझे आज तक किसीने इतने प्यार और हक़ से नहीं समझाया,
तूम कहती हो तो ठीक है, मैं आज से कभी सिगरेट नहीं पियूँगा, अब तुम्हे भी मुझ से एक वादा करना पड़ेगा की, तुम हमेशा खुश रहोगी और मुझे तुम्हारे परी से चेहरे पे हमेशा एक प्यारी सी स्माइल चाहिये, क्यों की परी कभी रोती नहीं समझी”.
“जी समझ गई अब चले खाना खाने”.
“हा चलो”.
फिर मोना और सतीश मुस्कुराते हुए निचे खाना खाने डाइनिंग टेबल पे जाते है.
दोनों को मुस्कराता देख सानिया भी खुश हो जाती है.
सानिया : “देखा तुम मुस्कुराते हुए कितनी अच्छी लगती हो,
सतीश आज से अब ये तुम्हारी ज़िम्मेदारी है के मोना हमेशा खुश और मुस्कुराती रहे उसकी आँखों मे तुम कभी आँसु आने नहीं दोगे वादा करो मुझसे”.
“वादा मम्मी, पक्का वादा मैं दीदी को अब हमेशा खुश रखुंगा”.
फिर तीनो खाना खा के सोने चले जाते है.
सतीश बेड पे करवट बदलता रहता है पर उसे नींद नहीं आ रही है.
उसे मम्मी की याद सता रही है. अभी उसकी शादी को एक दिन भी नहीं गुज़रा है और उसे अपनी बीवी से अलग सोना पड़ रहा है.
उधार सानिया का भी यही हाल है उसे भी नींद नहीं आ रही है, उसे सतीश के लंड की याद सता रही है. और मस्ती मे बेड पे लेटे लेटे वो सतीश के लंड को याद कर के वो अपनी चुत सेहला रही है.
सतीश से जब बर्दाश्त नहीं होता तो वो उठ के अपने कमरे से बाहर निकल जाता है और पहले मोना के रूम को खोल के चेक करता है के मोना क्या कर रही है कहीं वो जाग तो नहीं रही है. पर मोना तो गहरी नींद में सो रही है वो मोना को सोया हुआ देखता है तो उसकी नज़रें मोना के प्यारे से चेहरे पे अटक जाती है.
उसे ऐसा लगता है जैसे छोटी मासूम बच्ची सो रही हो,
ओ बड़े गौर से मोना के प्यारे चेहरे को देखने लगता है.
अचानक उसे याद आता है उसे तो सानिया के कमरे मे जाना था वो यहाँ क्या कर रहा है और वो वहां से निकल के सानिया के रूम मे जाता है और देखता है के बेड पे सानिया करवट ले के लेटी हुई है.
ओ पीछे से जाकर उस से लिपट जाता है.
फिर
मोना सतीश के रूम मे गई पर सतीश वहां नहीं था... उसने पूरा घर छान मारा पर सतीश उसे कहीं नहीं मिला, फिर वो छत पे गई वहां उसने देखा के सतीश बहुत उदास है और खड़े खड़े कुछ सोचते हुए सिग्रेटे पि रहा है.
मोना ने धीरे से कहा “भाई”!
पर सतीश ने नही सुना.
मोना ने दो तीन बार और आवाज़ दी पर सतीश तो अपने ख़यालों मे कुछ ऐसा खोया हुआ था के उसे मोना की आवाज़ सुनाई नहीं दि.
मोना सतीश के पास गई और उसे हिला के “कहा कहाँ खोये हुए हो, सुनायी नहीं देता क्या तुझे, मैं कब से तुझे आवाज़ दे रही हु और एक तू है के सुनता ही नही, कहाँ खोया हुआ है तु?
खाना लग गया है...
मम्मी खाना खाने बुला रही है,
ओर ये क्या तू सिगरेट पि रहा है चल फ़ेंक अच्छे लड़के सिगरेट नहीं पीते और तू तो सिगरेट पिता हुआ बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता,
चल सिगरेट फेक और चल मेरे साथ्”
सतीश बड़े गौर से मोना की बात सुनता है.
उसे रात की चाँदनी रौशनी
मे मोना का प्यारा चेहरा और भी प्यारा लगने लगता है.
वह मोना की बात सुन के अपनी सिगरेट फ़ेंक देता है और उसे सॉरी कहता है,
सतीश : आज तक किसी ने मुझे इतने प्यार और अपने पण से....
मुझे आज तक किसीने इतने प्यार और हक़ से नहीं समझाया,
तूम कहती हो तो ठीक है, मैं आज से कभी सिगरेट नहीं पियूँगा, अब तुम्हे भी मुझ से एक वादा करना पड़ेगा की, तुम हमेशा खुश रहोगी और मुझे तुम्हारे परी से चेहरे पे हमेशा एक प्यारी सी स्माइल चाहिये, क्यों की परी कभी रोती नहीं समझी”.
“जी समझ गई अब चले खाना खाने”.
“हा चलो”.
फिर मोना और सतीश मुस्कुराते हुए निचे खाना खाने डाइनिंग टेबल पे जाते है.
दोनों को मुस्कराता देख सानिया भी खुश हो जाती है.
सानिया : “देखा तुम मुस्कुराते हुए कितनी अच्छी लगती हो,
सतीश आज से अब ये तुम्हारी ज़िम्मेदारी है के मोना हमेशा खुश और मुस्कुराती रहे उसकी आँखों मे तुम कभी आँसु आने नहीं दोगे वादा करो मुझसे”.
“वादा मम्मी, पक्का वादा मैं दीदी को अब हमेशा खुश रखुंगा”.
फिर तीनो खाना खा के सोने चले जाते है.
सतीश बेड पे करवट बदलता रहता है पर उसे नींद नहीं आ रही है.
उसे मम्मी की याद सता रही है. अभी उसकी शादी को एक दिन भी नहीं गुज़रा है और उसे अपनी बीवी से अलग सोना पड़ रहा है.
उधार सानिया का भी यही हाल है उसे भी नींद नहीं आ रही है, उसे सतीश के लंड की याद सता रही है. और मस्ती मे बेड पे लेटे लेटे वो सतीश के लंड को याद कर के वो अपनी चुत सेहला रही है.
सतीश से जब बर्दाश्त नहीं होता तो वो उठ के अपने कमरे से बाहर निकल जाता है और पहले मोना के रूम को खोल के चेक करता है के मोना क्या कर रही है कहीं वो जाग तो नहीं रही है. पर मोना तो गहरी नींद में सो रही है वो मोना को सोया हुआ देखता है तो उसकी नज़रें मोना के प्यारे से चेहरे पे अटक जाती है.
उसे ऐसा लगता है जैसे छोटी मासूम बच्ची सो रही हो,
ओ बड़े गौर से मोना के प्यारे चेहरे को देखने लगता है.
अचानक उसे याद आता है उसे तो सानिया के कमरे मे जाना था वो यहाँ क्या कर रहा है और वो वहां से निकल के सानिया के रूम मे जाता है और देखता है के बेड पे सानिया करवट ले के लेटी हुई है.
ओ पीछे से जाकर उस से लिपट जाता है.
फिर