hotaks444
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सरला अरुन के बाँहों से निकल कर अपनी सीट पे आ जाती है।
अरुण: क्या हुआ जान।
सरला: आपने क्या किया अभी ।
अरुण: कुछ नही।
सरला:जानती थी की वो अरुन को मना नहीं कर सकती।
पर उसके समझ में नहीं आ रहा था की रमेश क्या सोच रहा है ।
अब तो उसने अरुन को उसके बुटक्क दबाते भी देख लिया है।
सरला रमेश को कॉल करती है और घर जाने को बोलती है।
रमेश उन दोनों को रुकने को बोलता है।
तुम दोनों डांस करो। मैं आ जाऊंगा १घन्टे में।
सरला आखिर रमेश चाहता क्या है।
पर वो नहीं रुकते और घर चले जाते है।
वो समझ नहीं पा रही थी क्या होगा घर जा कर।
रमेश ने अरुन को उसके बुटक्क(गाँड) दबाते देख लिया है ।
घर आने के बाद सरला रमेश का वेट करती है पर अरुन को कुछ नहीं बताती ।
तभी रमेश की कॉल आती है।
सरला: हाँ।
रमेश: सरला कपडे चेंज मत करना। मैं आ नहीं पाया । अरुन ने मस्त ड्रेस दिलाई है तुम्हे।
सरला: ओके ।
पर अभी भी कन्फ्यूजड।
करीब १घन्टे बाद रमेश आ जाता है और रूम में चला जाता है।
सरला भी आ जाती है पर कुछ बोलति नही।
रमेश: बहुत अच्छी है तुम्हारी ड्रेस ।
घर पे ऐसे ही कपडे पहना करो।
पर अरुन का जीक्र नहीं करता और न ही कुछ सरला से पुछता है।
पर सरला चुप नहीं रह पाती।
आप आज पार्टी में क्यों नहीं आए।
रमेश: वो थोड़ा काम था।
सरल: आप झूठ बोल रहे हो।
रमेश: मैं कुछ समझ नही।
सरला: मैंने आप को पार्टी में देख लिया था और इसी लिए डायल किया था और आप ने तब भी झूठ बोला।
रमेश: नहीं तुम्हे कोई गलत फहमी हुई है।
सरला: मैं आप को दो बार देखा और मैं आप को पहचानने में गलती नहीं कर सकती।
और अगर आप को बुरा लगा हो तो सॉरी।
रमेश: सॉरी किस बात के लिये।
सरला: वो वो अरुन ने गलती से मेरे बुटक्क पे हाथ रख दिया था।
रमेश: गलती से नहीं उसने जान बूझ कर मसला था। पर कोई बात नहीं मुझे बुरा नहीं लगा।
सरला एक दम चौक जाती है।
सरला:क्या मतलब।
रमेश:मतलब मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।
सरला: मैं समझी नहीं आप की बीवी को कोई छेड रहा था ठीक है आप का बेटा था फिर भी आप को बुरा लगना चहिये।
रमेश: नहीं लगा बल्कि अच्छा लगा ।
सरला: मैं समझी नही।
रमेश: मुझे वायेजर सेक्स पसंद है।
सरला: मतलब।
रमेश: मतलब सेक्स करने से ज्यादा मुझे सेक्स देखना अच्छा लगता है खास तौर से इन्सेस्ट।
सरला: मैं कुछ समझी नहीं ।
रमेश: मतलब मुझे सेक्स करने से ज्यादा देखना अच्छा लगता है।
इसीलिए सायद मैं तुम्हे वो प्यार दे नहीं पाया जो देना चाहता था।
मै क्या करता।
मुझे शादी से पहले ये पता नहीं था।
नही तो शादी नहीं करता।
सरला: पर आप ने कभी नहीं बताया
रमेश: कैसे बताता घर की इज़्ज़त की बात थी।
सोचता था अगर तुम्हे पता चल गया तो शायद तुम मुझे छोड़ कर चलि जाओ या घर की बदनामी होगी
पर जब तुम्हे उस दिन अरुन के साथ खुश देखा
तो मुझे कुछ शक़ हुआ और जब आज पार्टी में अरुन ने तुम्हारा बैक दबाया तो यकीन हो गया की तुम मुझसे दुर हो रही हो।
और मेरी दबी हुई इच्छाये बहार आ गई।
सरला: ऐसा क्यों है।
रमेश: मैं सुरु से ऐसे नहीं था।
बात उन दिनों की है जब पापा और ताउजी बाहर का काम करते थे और घर पर सिर्फ चाचा और माँ और ताई जी रहती थी।
जब मैं छोटा था ।
एक दिन जब स्कूल से आया और माँ को ढूँढ़ते हुए उनके रूम मैं गया तो देखा माँ चाचा के ऊपर उछल रही है और दोनों नंगे थे।
मेरी कुछ समझ नहीं आया और अंदर आ गया।
मा मुझे देख कर हड़बड़ा गई।
पर चाचा ने बात सम्हाल ली ।
क्या हुआ रमेश तेरी मम्मी तो झूला झुल रही है
तूझे देखना है ।
मा रुकना चाहती थी ।
पर चाचा ने नहीं छोड़ा और वो ये सब करते रहे तभी ताई जी आ गई।
ये क्या हो रहा है और माँ को उठा कर खुद झूला झुलने लगी और इसी तरह मैं रोज उन तीनो को सेक्स करते देखता था।
और वो तीनो भी अब मुझसे शर्म नहीं करते थे और
जब पापा और ताउजी आते तो ये सुब बंद हो जाता
ओर उनके जाते ही शुरु ।
मै यहि सब देखते हुए बड़ा हुआ ।
और प्रीति भी पापा की नहीं चाचा की बेटी है।
ये तब तक चलते रहा जब तक मैं २० साल का नहीं हो गया।पर मुझे में इतनी हिम्मत नहीं थी की पापा जी को बता सकु।
क्यूं की मुझे भी अब ये अच्छा लगता था।
और मेरे कहने पर चाचा माँ और ताई जी को एक साथ चोदते थे।
ओर जब मेरी शादी हुई तब जा के इन तीनो का ये सब बंद हुआ और सब सेपरेट रहने लगे।
अरुण: क्या हुआ जान।
सरला: आपने क्या किया अभी ।
अरुण: कुछ नही।
सरला:जानती थी की वो अरुन को मना नहीं कर सकती।
पर उसके समझ में नहीं आ रहा था की रमेश क्या सोच रहा है ।
अब तो उसने अरुन को उसके बुटक्क दबाते भी देख लिया है।
सरला रमेश को कॉल करती है और घर जाने को बोलती है।
रमेश उन दोनों को रुकने को बोलता है।
तुम दोनों डांस करो। मैं आ जाऊंगा १घन्टे में।
सरला आखिर रमेश चाहता क्या है।
पर वो नहीं रुकते और घर चले जाते है।
वो समझ नहीं पा रही थी क्या होगा घर जा कर।
रमेश ने अरुन को उसके बुटक्क(गाँड) दबाते देख लिया है ।
घर आने के बाद सरला रमेश का वेट करती है पर अरुन को कुछ नहीं बताती ।
तभी रमेश की कॉल आती है।
सरला: हाँ।
रमेश: सरला कपडे चेंज मत करना। मैं आ नहीं पाया । अरुन ने मस्त ड्रेस दिलाई है तुम्हे।
सरला: ओके ।
पर अभी भी कन्फ्यूजड।
करीब १घन्टे बाद रमेश आ जाता है और रूम में चला जाता है।
सरला भी आ जाती है पर कुछ बोलति नही।
रमेश: बहुत अच्छी है तुम्हारी ड्रेस ।
घर पे ऐसे ही कपडे पहना करो।
पर अरुन का जीक्र नहीं करता और न ही कुछ सरला से पुछता है।
पर सरला चुप नहीं रह पाती।
आप आज पार्टी में क्यों नहीं आए।
रमेश: वो थोड़ा काम था।
सरल: आप झूठ बोल रहे हो।
रमेश: मैं कुछ समझ नही।
सरला: मैंने आप को पार्टी में देख लिया था और इसी लिए डायल किया था और आप ने तब भी झूठ बोला।
रमेश: नहीं तुम्हे कोई गलत फहमी हुई है।
सरला: मैं आप को दो बार देखा और मैं आप को पहचानने में गलती नहीं कर सकती।
और अगर आप को बुरा लगा हो तो सॉरी।
रमेश: सॉरी किस बात के लिये।
सरला: वो वो अरुन ने गलती से मेरे बुटक्क पे हाथ रख दिया था।
रमेश: गलती से नहीं उसने जान बूझ कर मसला था। पर कोई बात नहीं मुझे बुरा नहीं लगा।
सरला एक दम चौक जाती है।
सरला:क्या मतलब।
रमेश:मतलब मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।
सरला: मैं समझी नहीं आप की बीवी को कोई छेड रहा था ठीक है आप का बेटा था फिर भी आप को बुरा लगना चहिये।
रमेश: नहीं लगा बल्कि अच्छा लगा ।
सरला: मैं समझी नही।
रमेश: मुझे वायेजर सेक्स पसंद है।
सरला: मतलब।
रमेश: मतलब सेक्स करने से ज्यादा मुझे सेक्स देखना अच्छा लगता है खास तौर से इन्सेस्ट।
सरला: मैं कुछ समझी नहीं ।
रमेश: मतलब मुझे सेक्स करने से ज्यादा देखना अच्छा लगता है।
इसीलिए सायद मैं तुम्हे वो प्यार दे नहीं पाया जो देना चाहता था।
मै क्या करता।
मुझे शादी से पहले ये पता नहीं था।
नही तो शादी नहीं करता।
सरला: पर आप ने कभी नहीं बताया
रमेश: कैसे बताता घर की इज़्ज़त की बात थी।
सोचता था अगर तुम्हे पता चल गया तो शायद तुम मुझे छोड़ कर चलि जाओ या घर की बदनामी होगी
पर जब तुम्हे उस दिन अरुन के साथ खुश देखा
तो मुझे कुछ शक़ हुआ और जब आज पार्टी में अरुन ने तुम्हारा बैक दबाया तो यकीन हो गया की तुम मुझसे दुर हो रही हो।
और मेरी दबी हुई इच्छाये बहार आ गई।
सरला: ऐसा क्यों है।
रमेश: मैं सुरु से ऐसे नहीं था।
बात उन दिनों की है जब पापा और ताउजी बाहर का काम करते थे और घर पर सिर्फ चाचा और माँ और ताई जी रहती थी।
जब मैं छोटा था ।
एक दिन जब स्कूल से आया और माँ को ढूँढ़ते हुए उनके रूम मैं गया तो देखा माँ चाचा के ऊपर उछल रही है और दोनों नंगे थे।
मेरी कुछ समझ नहीं आया और अंदर आ गया।
मा मुझे देख कर हड़बड़ा गई।
पर चाचा ने बात सम्हाल ली ।
क्या हुआ रमेश तेरी मम्मी तो झूला झुल रही है
तूझे देखना है ।
मा रुकना चाहती थी ।
पर चाचा ने नहीं छोड़ा और वो ये सब करते रहे तभी ताई जी आ गई।
ये क्या हो रहा है और माँ को उठा कर खुद झूला झुलने लगी और इसी तरह मैं रोज उन तीनो को सेक्स करते देखता था।
और वो तीनो भी अब मुझसे शर्म नहीं करते थे और
जब पापा और ताउजी आते तो ये सुब बंद हो जाता
ओर उनके जाते ही शुरु ।
मै यहि सब देखते हुए बड़ा हुआ ।
और प्रीति भी पापा की नहीं चाचा की बेटी है।
ये तब तक चलते रहा जब तक मैं २० साल का नहीं हो गया।पर मुझे में इतनी हिम्मत नहीं थी की पापा जी को बता सकु।
क्यूं की मुझे भी अब ये अच्छा लगता था।
और मेरे कहने पर चाचा माँ और ताई जी को एक साथ चोदते थे।
ओर जब मेरी शादी हुई तब जा के इन तीनो का ये सब बंद हुआ और सब सेपरेट रहने लगे।