Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा - Page 21 - SexBaba
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Maa Sex Kahani माँ की अधूरी इच्छा

उस दिन कुछ नहीं होता।
रात को रमेश घर आता है और बेड पे
लेटे हुए।
सरला से।
रमेश: कुछ करो सरला।
सरला: समझी नहीं ।
वो ड्रेसिंग टेबल पे अपना मेकअप कर रही थी अरुन ने आज उससे पूरी रंडी की तरह मेकअप करने ले लिए बोला था।
रमेश: प्रीति और परी को बचा लो।
सरला: मैं क्या कर रही हूँ।
जो करेगा अरुन करेंगा।
रमेश: तुम उसे रोक सकती हो।
सरला: नहीं अब नहीं ।
रमेश: प्लीज रोक लो तुम्हे जो करना है कर लो अरुन के साथ।
सरला: रमेश को डराते हुए ।
मुझे अरुन के बच्चो की माँ बनना है।
रमेश: तो बन जाओ।
वैसे भी तुम बिना कंडोम के उससे चुदती हो।
सरला: पक्का न ।
रमेश: हाँ मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है तुम्हारे माँ बनने में।
सरला: ठीक है उससे बात करती हूँ।
और उठकर खड़ी हो जाती है और अपने सारे कपडे उतारने लगती है ।
सरला: मैं तयार हूँ जोर से बोलती है।
थोड़ी देर में अरुन आ जाता है।
रमेश सोच रहा था की क्या हो रहा है।
तभी अरुन सरला के पास आ कर उसके मम्मे मसल देता है।
और रमेश से।
अरुण: क्या मस्त मम्मे है माँ के।
रमेश कुछ नहीं बोलता।
अरुण: चुत और गाण्ड भी ज़बर्दस्त है ।
पर तुम्हारी बहन भी कम नहीं है।
रमेश सरला को देखता है।
सरला:अरुन ये बोल रहे है की प्रीति को छोड़ दो ।
अरुण: क्यों
सरला: बोल रहे है की बहन है उनकी और परी तो कमसिन है।
तुम्हारा मुसल झेल नहीं पायेगी।
अरुण: तो मैं क्या करुं।
रमेश : तुझे जो करना है सरला के साथ कर ले मैं तुझ से कुछ नहीं बोलूँगा और न रोकूँगा और सरला तेरे बच्चो की माँ बनना चाहती है उसमे भी मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है।
पर उन दोनों को छोड़ दो
अरून सरला को देखते हुए
और सरला इशारे में मना करती है।
अरुण: ठीक है अगर प्रीति और परी के साथ मैं कोशिश नहीं करुँगा पर अगर वो खुद से चुद्वायेगी तो मैं अपने इस मुसल (अपना लंड पे हाथ फेरते हुए )
से उन दोनों की फाड़ दुँगा ।
मंजूर।
रमेश:हाँ ठीक है वो तुम से कुछ नहीं बोलेंगी ।
मै होने नहीं दुन्गा।
सरला: मन ही मन एक बार जो भी मेरे बेटे का मुसल देख ले वो उससे दुर रह ही नहीं सकती ।
और अरुन सरला को।
अरुण: चले रांड अपने रूम में।
या यही चुदवाना है ।
सरला: जैसे आप की मर्ज़ी मालिक।
रमेश ये मालिक क्या है।
सरला: वो हम रोले प्ले कर रहे है ।
अरुन मेरे मालिक है और मैं इनकी ख़रीदी हुए गुलाम हूँ।
इनकी पर्सनल रांड़।
अरुण: तो यही कर लेते है।
अरून रमेश से :थोड़ा साइड होना
रमेश साइड हो जाता है और अरुन वही बेड पे लेट जाता है ।
और सरला को लंड चुसने के लिए बोलता है।
सरला अरुन के पैरो के बीच में आ कर बैठ जाती है और अरुन के लंड को पकड़ कर चुसने लगती है।
अरुण:शाबास रांड ऐसे ही चूस मेरे लंड को
आज साबित कर अपने मालिक को की तुझे खरीद कर कोई गलती नहीं की मैंने ।
और सरला अरुन के लंड को और जोर जोर से चुसने लगती है जैसे साबित करना चाहती हो की उससे अच्छा लंड कोई नहीं चूस सकती ।
रमेश चुप चाप उनदोनो की हरकत को देखता रहता है।
और अरुन और सरला लंड चुसाई में मगन रहते है ।
और थोड़ी देर बाद अरुन सरला के मुह में झड जाता है
जिसे सरला चाट चाट कर पी जाती है।और वही लेट जाते है।
सरला रमेश से।
तूम अरुन के रूम में सो जाओ।
आज से ये रूम मेरा और इनका मेरे नए पति अरुन का है।
गुड़ नाइट।
और जाते जाते दरवाजा बंद कर देना।
 
और रमेश अरुन के रूम में जा कर सो जाता है।
अगले दिन रमेश जब उठ कर अपने रूम में जाता है।
सरला उठी हुई थी और उसने कुछ भी नहीं पहना था
और अरुन सो रहा था ।
सरला: क्या करते हो आप नॉक नहीं कर सकते।
और अरुन के सरीर पे चादर ओढा देति है।
और अपनी नाइटी उठा कर पहनने लगती है।
तुम अपने कपडे यहाँ से ले कर अरुन के कमरे में रख लो।
और रमेश कपडे ले कर अरुन के रूम में आ जाता है।
और सोचता है कल तक साली नंगी चुदवा रही थी मेरे सामने और आज सती सावित्री बन रही है।
और फ्रेश हो कर बाहर आता है ऑफिस जाने के लिये
सरला भी किचन में आ गई थी।
रमेश डायनिंग टेबल पे।
रमेश: नास्ता बना।
सरला: थोड़ा टाइम लगेगा अरुन ने उठने ही नहीं दिया।
अगर लेट हो रहा हो तो बाहर से कर लेना।
रमेश चुप चाप बैठ जाता है।
और अखबार पढने लगता है।
थोड़ी देर में अरुन की आवाज आती है
अरुण: जान कहा हो ।
मेरी बेड टी।
सरला: लायी अभी जानू।
ओर चाय ले कर रूम में चलि जाती है।
आज सरला ने पूरे कपडे पहने हुए थे एकदम नार्मल हाउसवाइफ की तरह।
रूम में आ कर।
सरला: उठ गये आप।
अरुण:हाँ मेरी जान।
और अपना चादर हटा देता है।
उसका लंड एक दम लोहे की रोड की तरह खड़ा था
और ये भी जागा हुआ है।
सरला: उसे छूते हुए।
अरे बाप रे इतना कठोर ।
इसे सुसु आ रही है ।
अरुण: आ तो रही है पर उठने का मन नहीं कर रहा।
सरला अरुन के लंड को प्यार से सहलाते हुए।
सरला: जाना तो पड़ेगा न जानु नहीं तो ये फट जाएगा।
चलो जल्दी करो और उठने लगती है।
अरुण: नहीं इससे आज तुम्हारी चुत में सुसु करना है।
सरला: पर जान मै नास्ता बना रही हु और मैं नहा भी ली हूँ।
अरुण: कोई बात नहीं दोबारा नहा लेना ।
और नास्ता बाद में बन जाएगा।
सरला: वो रमेश इंतज़ार कर रहे है।
अरुण: बोल दो बाहर से खा लेंगे।
और जल्दी कर नहीं तो निकल जाएगा।
सरला रमेश से ।
सरला: आप चले जाओ ऑफिस नास्ते में टाइम लगेगा अरुन आने नहीं दे रहे।
और जल्दी से अपने कपडे उतारने लगती है।
और अरुन के साथ बाथरूम में आ जाती है।
इधर रमेश।
जब अरुन सरला को आवाज़ देता है।
रमेश दरवाजा से झाकने लगता है।
और जब सरला अरुन के साथ बाथरूम में चलि जाती है तो रमेश बाथरूम के की होल से अंदर देखता है।
अंदर।
सरला: लो करो जान आप की चुत हाज़िर है।
और अरुन अपने लंड को सरला की चुत में घुसाता है और सुसु करने लगता है।
सरला: आह कितना गरम है जान ।
बाहर
रमेश इस दृश्य को देखकर दंग रह जाता है
की कोई इस तरह बाथरूम भी करता है।
अंदर
अरून का सुसु सरला की चुत में जा कर बाहर गिरने लगता है और सरला के दोनों पैर पे गिरने लगता है।
सरला: और कितना है जान।
अरुण: करने दो जान पूरी रात का रुका हुआ है।
और अरुन सरला के चुत में मुतने के बाद एक झटका देता है ।
सरला: क्या कर रहे है आप।
अरुण: एक दो बून्द रह जाती है न उसे झाड रहा हूँ।
और एक झटका मारता है और अरुन का आधा लंड सरला के चुत में घुस जाता है।
सरला: आह जानती थी आप बदमाशी करोगे क्यों की रात को चोदा नहीं था।
और अरुन के गले में बाहें डाल कर अपने दोनों पैर अरुन के कमर पे बंद कर लटक जाती है
और उसके लंड पे उपर निचे होने लगती है।
ये रमेश के लिए नया था।
और अरुन सरला को अपनी गोदी में झुलाये २ उसकी चुत मारता है और थोड़ी देर बाद उसकी चुत में झड जाता है और दोनो नहा कर बाहर आने वाले होते है
उतनी देर में रमेश घर से बाहर चला जाता है।
अंदर
अरुण: आज तो नंगी नहीं देखा रमेश ने
सरला ने सारी बात बता दी।
अरुण: उसको समझा देना की दूसरो की बीवी को गलत नज़र से न देखे।
और तुम भी आगे से देख कर रहना
अब से सिर्फ मैं देखु तुम्हे नंगा और किसी की नज़र नहीं पडनी चाहिए सम्झी।
सरला: हाँ बाबा सिर्फ मैं आप की हु और ये मेरा खूबसूरत बदन आप का है किसी की नज़र नहीं पडेगी
और दोनों कपडे पहन कर बाहर आते है और
नास्ता करने के बाद अरुन कॉलेज चला जाता है।
और पूरा दिन ऐसे ही निकल जाता है और
रात को खाना खाने के बाद।
अरून और सरला अपने रूम में आ जाते है और रमेश
अरून के रूम में आ जाता है।
पर कुछ देर लेटने के बाद रमेश को ।
उनदोनो को चुदाई करते हुए देखने का मन करता है।
और बो अपने रूम के की होल से देखने के लिए झुकता है पर ये क्या
दरवाजा पे पर्दा टंगा हुआ था इसकी बजह से रमेश अंदर का कुछ भी नहीं देख पाता ।
रमेश मन ही मन में।
साली रंडी कुतिया ने पर्दा डाल दिया अब क्या करुं
कुतिया साली रंडी १०० चुहे खा के चली है हज करने।
और अपने रूम में आ कर लेट जाता है।
और सोचने लगता है की दोनों क्या कर रहे होंगे और अपना लंड को मसलने लगता है।
तभी उसका ध्यान जाता है की वो इतना गरम क्यों हो रहा है कहि वो सच में वायेजर का दिवाना तो नहीं
हो गया और सरला को अरुन से चुदने की कल्पना करते हुए मुट्ठ मारने लगता है।
और मुट्ठ मारने के बाद अपने लंड को हाथ में पकड़ कर सोने की कोशिश करता है।
 
अगले दिन सुबह
रमेश नहाने के बाद।
रेड़ी हो कर बाहर आता है।
आज सरला अभी बाहर नहीं आई थी।
रमेश आवाज़ देता है।
सरला: आई रुको अभी ।
और १० मिनट बाद सरला आती है।
और आज सूट पहने हुई थी।
जीस की बजह से सरला का सिर्फ चेहरा और पैर दिख रहा था।
रमेश निराश हो जाता है।
और हिम्मत कर के सरला से।
रमेश: ऐसा क्यों कर रही हो।
सरला: क्या।
रमेश: तुमने कपडे पहनने शुरु कर दिये।
सरला: हाँ अरुन ने कहा है वो नहीं चाहते की मुझे कोई देखे इसलिए कपडे पहनती हूँ।
रमेश: पर मैं तो तुम्हारा पति हूँ।
सरला: थे।
रमेश: मतलब।
सरला: मतलब तुम्हे याद है गोवा जाने से पहले उसने यहाँ शादी की थी नाटक के लिये।
रमेश: हाँ तो।
सरला: उस शादी में जो लड़की थी वो कोई और नहीं मैं थी। इसलिए अब मेरे पति अरुन जी है।
रमेश सरला के मुह से अरुन जी सुन कर चौक जाता है।
सरला:चौंको मत वो अब मेरे पति है तो इज़्ज़त करना बनता है।
रमेश: मैं भी तो तुम्हारा पति हूँ।
तो मुझे से क्या छुपाना।
सरला: अब नहीं हो मैं अब सिर्फ उनकी हु और वो जैसे कहेंगे मैं वो ही करुँगी।
रमेश: मेरे साथ ऐसा मत करो।
जब से तुम्हे मैंने अरुन के साथ देखा है मुझे लग रहा है को वोयेगेरिसम मुझे अच्छा लगने लगा है।
जब तक तुम दोनों को एक साथ नहीं देख लेता मन में बैचनी होती रहती है।
सरला: तो मैं क्या करूँ।
जब मैं तुम्हारे साथ थी तो तुम ने मेरी कदर नहीं जानी
अब बहुत देर हो गई है।
रमेश: मैं तुम्हे बापस नहीं मांग रहा।
बूस तुम दोनों को साथ सेक्स करते देखना चाहता हूँ।
सरला: अब ये तो अरुन पे डिपेण्ड है।
जो वो जो बोलेंगे वही होगा।
और अगर देखने का मन करता है तो कुछ दिन रुक जाओ ।
प्रीति और परी आने वाली है राखी पे
और मुझे पता है अरुन उनको चोदेगा।
उन दोनों को ज़रूर चोदेगा और हो सका तो एक साथ माँ बेटी को चोदेगा और मैं उनकी मदद करुँगी।
रमेश: पागल हो क्या।
सरला: क्यों जब पत्नी को बेटे के साथ देख कर मजा आता है।
तो बहन और भांजी को चुदते देखने में क्या प्रॉब्लम है
सेक्स तो सेक्स है।
रमेश: पर ये गलत है ।
और तुम को तो मैंने मज़बूर किया ये सब करने के लिये
पर प्रीति और परी क्यों करेंगी।
सरला: हँस्ते हुए।
रमेश: क्या गलत बोला मैंने ।
सरला: गलत नहीं।
आप को पता है की प्रीति अरुन से चुद चुकी है
रमेश: कैसे।
और सरला सारी बात बता देति है।
रमेश सर पकड़ कर बैठ जाता है।
सरला: कोई बात नही।
होता है अरुन का औज़ार ही ऐसा है।
परेशान मत हो और आने वाले मस्त टाइम का इंतज़ार करो।
और लाइव वीडियो देख कर मज़े लेना
पत्नी न सही बहन और भांजी सही और
कीचन में नास्ता बनाने चलि जाती है।
और रमेश आने वाले वक़्त के बारे में सोचने लगता है।
 
थोड़ी देर बाद रमेश नास्ता कर के ऑफिस चला जाता है और सरला अरुन के लिए नास्ता ले कर रूम में आ जाती है।
और उसे जगा कर नास्ता करती है उसके बाद दोनों साथ नहाते है ।
और अरुन तैयार हो कर कॉलेज चला जाता है।
सरला आज बहुत खुश थी उसे उसका प्यार मिल गया एक पति ले रूप में।
और रमेश को भी पता चल गया अब उसे किसी बात का डर नहीं था।
वो सोच ही रही थी की उसके मोबाइल पे कॉल आती है
उसकी माँ का फ़ोन था।
सरला: हाँ माँ अच्छी हूँ।
और बात करते हुए उसे सब कुछ बता देति है।
उसकी माँ भी सब सुनकर खुश होती है।
क्या आप आ रही हो पर भाई के साथ राखी पे ।
अच्छा ठीक है।
और फ़ोन रख देती है।
सरला खुश थी की उसकी माँ और भाई आ रहे है राखी पे।और अगले ही पल वो उदास हो जाती है।
माँ तो ठीक है पर भाई ।
ये तो अरुन प्रीति और परी को कैसे चोदेगा और मैं कैसे रहूँगी रमेश के साथ सब के होते हुए।
और अरुन को कॉल करके सब बता देति है।
अरुण: मैं हु न ।
सरला: आप हो तभी तो खुश हो ।
जल्दी आ जाओ ना।
अरुण: क्यों मन कर रहा है।
सरला: हाँ सुबह में गरम कर दिया और प्यासा छोड़ दिया।
अरुण: तुम ने कुछ बोला नहीं। मुझे लगा तुम्हारा मन नहीं है
सरला: मन बहुत है जल्दी आ जाओ और चुप हो जाती है।
अरुण: और
सरला: आप को पता है।
और धीरे से फाड़ दो मेरी
और फ़ोन रख देती है।

थोड़ी देर बाद अरुन आ कर सरला की जो बैंड बजाता है।उसकी चीखे पूरे घर में गूँजती है।और शाम को जब रमेश आता है तो अरुन दरवाजा खोलता है।
रमेश: क्या हुआ सरला कहा है।
अरुण: रूम में।
रमेश अरुन के कमरे में जा कर फ्रेश होता है।
ओर डिनर के लिए बाहर आता है।
पर सरला अभी भी रूम में थी।
रमेश अरुन से ।
आज खाना नहीं खाया क्या।
अरुण: आर्डर किया है आता ही होगा।
रमेश: क्या सरला ने नहीं बनाया।
अरुण: उसकी तबीयत ख़राब है।
रमेश: क्यों क्या हुआ।
अरुण: कुछ नहीं ।
और थोड़ी देर बाद खाना आ जाता है।
अरून खाना टेबल पे लगाता है।
और सरला के लिए रूम में ले जाने लगता है।
रमेश: क्यों ऐसा क्या हो गया की साथ में नहीं खा सकती।
अरुण: सरला बाहर आ जाओ खाना खाने। तुम्हारे ससुर जी से रहा नहीं जा रहा।
रमेश: ये क्या बतमीज़ी है ससुर कौन है यहा।
अरून कुछ नहीं बोलता।
तभी सरला लँगड़ाते हुए बाहर आती है।
सरला: सही तो बोल रहा है अगर मैं उसकी बीवी और आप उसके पापा ।तो मेरे ससुर हे हुए ना।
रमेश: पर ये क्या हुआ लंगड़ा क्यों रही हो।
सरला: अरुन की मेहरवानी ।
रमेश: मैं समझा नही।
सरला: आप रहने दो ससुर को ये सब बातें सोभा नहीं देती की बहु से पूछे।
और तीनो डिनर करते है।
डिनर के बाद
अरुन टेबल साफ़ करता है।
सरला: रहने दो कल हो जायेगी
अरुण: करनी तो तुम्हे पडेगी।
तो आज ही कर देता हु।
कुछ देर बाद सरला और अरुन अपने रूम में आ जाते है।
 
रमेश वही डायनिंग टेबल पे।
तभी अरुन घर से बाहर जाता है।
ओर रमेश मोका देख कर सरला के पास।
सरला आप यहाँ।
रमेश: ये क्या हुआ है ।
सरला: बोले न कुछ भी नही।
रमेश: बताओ न ये अरुन ने किया है ना।
सरला: हाँ।
रमेश: तो तुम रोकती क्यों नहीं ।
सरला: क्या रोकू और क्यु।
मैने ही बुलाया था उसे।
और मुझे पता है उसके प्यार करने का स्टाइल ऐसा ही है।पर क्या करूँ मन नहीं मानता।
और अब तो आदत पड़ गई है दर्द सहने की।
जब तक वो बेहरमी से नहीं चोदता मजा नहीं आता।
वैसे तो वो ख़याल रखते है।
पर आज मैं ही कुछ ज्यादा गरम हो गई थी।
इसलिए उनसे चैलेंज कर दिया वो मेरे तीनो सुराखों की प्यास एक साथ नहीं बुझा सकता।
रमेश: तीनो मतलब।
सरला: मुह चुत और गाण्ड ।
रमेश: तो क्या।
सरला: हाँ उसने पूरे एक घंटे तक मेरी गाण्ड और चुत की बैंड बजायी और लास्ट में मुह में पानी निकाला ।
रमेश: मुँह में।
सरला: हाँ बड़ा टेस्टी है उसका पानी।
रमेश: छी तुम ने ये कहा से सिखा।
सरला: अरुन ने सिखाया।

रमेश: अरुन गया कहा है।
सरला: दवा लेने मेरी चुत और गाण्ड चुदाई के बाद सुज गई है ।
वही लेने गया है।
मैने ही मागे है क्या पता उनका दोबारा चोदने का मन कर जाए।
सरला: अब आप अपने रूम में जाओ और ये सोच सोच कर मुट्ठ मार लो की अरुन ने कैसे बेरहमी से चोदा होगा।की आप की बहु की चुत और गाण्ड सुज गई।
अरून आता ही होगा।

और आप के लिए खुशखबरी है प्रीति और परी कल सुबह आ रही है ।
लगता है प्रीति ने जो वादा अरुन से किया था उसे पूरा करने आ रही है परी को लेकर।
और हाँ इस बार मेरी माँ और भाई भी आ रहे है।
आप जाओ ससुर जी नहीं तो आप का बेटा आ जाएगा
और रमेश अपने रूम में आ जाता है।

थोड़ी देर बाद अरुन आ जाता है और
रमेश अपने रूम से रात भर सरला की चीखे सुनता रहता है।
और एक बार तो अरुन से बोलता है
कुछ तो रहम कर सरला पे।
क्या जान लेगा उसकी
कितनी तेज चीख रही है क्या तुझे उसपे रहम नहीं आता।
सरला: आप जाओ ससुर जी नहीं तो मुझे छोड देंगे आप जाओ।
वैसे भी कल से प्रीति और मेरी माँ और भाई आ रहे है क्या पता कितने दिनों बाद मेरा चूदाई का नंबर आए
आप जाओ।
और रमेश चुप चाप आ कर लेट जाता है।
और जब तक वो सोता नहीं है सरला की चीखे उसके कानो में पड़ती रहती है और उसकी चीख सुन सुन कर
अपनी मुट्ठ मारता है ।
और सो जाता है।
और अगली सुबह नया कल नहीं कहानी।
 
अगली सुबह अरुन और रमेश के लिए ज़िन्दगी बदलने वाली सुबह थी ।
उम्मीद के मुताबिक प्रीति और परी सुबह ७ बजे घर पे आ गये।
और सोने पे सुहागा नीतू भी उनके साथ थी जो कि एक सरप्राइज था सब के लिए क्यों की प्रीति ने भी नहीं बताया था की नीतू उनके साथ आ रही है।
नीतु को देख कर रमेश मन ही मन बहुत खुश हुआ की चलो अब नीतू के होते हुए अरुन प्रीति और परी को कुछ नहीं कर पायेगा।
पर उसके लिए अभी ये शॉक बाकि था की नीतू अरुन की दूसरी पत्नी और सरला की सौतन बन चुकी है।
सरला अब भी लँगड़ा रही थी।
नीतु ने इशारो में पूछा तो सरला ने अरुन की तरफ इशारा किया।
नीतू: सरला से लकी गर्ल ।
और सरला मुस्कुरा देती है।
ओर प्रीति को शक़ हुआ की सरला भी अरुन के निचे आ चुकी है।
इसलिए लँगड़ा रही है।
सभी ९:३० पे डायनिंग टेबल पे ब्रेकफास्ट के लिये
परी का इंटरो-
वो मिडिल क्लास फैमिली की औरत की तरह
एक साल की बच्ची की माँ और फिगर न ज्यादा मोटी न पतली।बेहद खूबसूरत।
प्रीति: भाई आज ऑफिस जा रहे हो।
रमेश: नहीं मैंने राखी की छुट्टी ले रक्खी है।
तुम सब के साथ टाइम स्पेंड करुन्गा।
सरला अरुन को देखती है।
अरून चुप रहने का इशारा करता है।
सरला अरुन को मैसेज करती है।
चाहे कुछ भी हो जाये इन दोनों का भोसड़ा बनाना है। रमेश के ऑखों के सामने।
अरून मैसेज पढ़ कर
हाँ मैं आराम करता हूँ।।

नास्ता ख़तम होने के बाद सरला और नीतू किचन में
नीतू: माँ सबसे ज्यादा मज़े आपके है।
सरला: सो तो है बेटा भी तो मेरा है
नीतू: ये बात भी है।
सरला: तुम्हारी हेल्प चाहिये।
नीतू: बोलो मा।
और सरला नीतू को सारी बात बता देती है।
की रमेश ने क्या किया और उसने रमेश से क्या बात किया है।
नीतू: मैं आप के साथ हु मेरी सौतन।
मेरा काम कब करवाओगी।
सरला: सब से पहले तेरा हक़ है मेरी बच्ची।
और किचन का काम ख़तम करते है।
प्रीति और परी अरुन के कमरे में।
अरून के साथ ।तभी रमेश भी वहाँ आ गया।
इस बजह से प्रीति कुछ बात नहीं कर पाई।
बाहर सरला नीतू से।
देख कैसे पीछे पीछे रूम में पहुच गये की कही अरुन कुछ कर न दे।
सरला नीतू को लेकर अपने रूम में आ जाती है और अरुन को आवाज़ देती है।
अरून रूम में आ जाता है
और सरला दरवाजा बंद कर लेती है और
अरून और नीतू एक दूसरे से ऐसे मिलते है जैसे किसी की प्रेमिका को किसी ने किडनैप कर लिए हो और बाद में मिले हो।
सरला: मैं भी हूँ।
और अरुन सरला को भी अपनी बाँहों में भर लेता है।
नीतू: आई मिस्ड यु हब्बी।
अरुण: में बी ।मेरी लुगाई।
और सब हँस पडते है।
 
रमेश फुल कॉन्फिडेंस में अरुन के रूम में था की नीतू के होते हुए सरला और अरुन कुछ नहीं करेंगे।
पर बेचारा।

और किस करने के बाद अरुन सरला और नीतू को प्लान बताता है की किस तरह प्रीति और परी का बैंड बजाना है।
नीतु प्रीति को आवाज़ देती है।
और प्रीति रूम में आ जाती है और सरला रूम से बाहर और नीतू बाथरूम जाने का बोलकर बाथरूम में घुस जाती है और अरुन और प्रीति अकेले रह जाते है
और इधर परी रात भर के सफर से थक गई थी तो वो सो गई ।
और सरला रमेश के पास आ कर
चलो एक सीन दिखाऊँ।
और रमेश जब अपने रूम में झाकता है तो अंदर
अरून प्रीति को बुरी तरह मसल रहा था।
और प्रीति अरुन के लंड को पकड़ कर मसल रही थी।
प्रीति: आआह्ह्ह्हह्ह बहुत तडपी हु बेचारे ले लिए और अरुन के सामने अपने घुटनो पे बैठ जाती है और अरुन के लंड को पेण्ट से बाहर निकाल कर चुसने लगती है।
बाहर सरला
क्या देख रहे हो।
रमेश बुरी तरह पागलो की तरह अंदर देख रहा था।
की उसकी छोटी बहन उसके बेटे के लंड को चूस रही थी।
अंदर।
अरुण:बुआ नीतू आ जायेगी।
प्रीति: उउउउउउउह डिस्टर्ब मत कर आ जायेगी तो उसे भी पकड़ कर चोद देना और दोबारा लंड चुसने लगती है।
अरुण: आआआ आ आप तो बोल कर गई थी इस बार जब आओगी तो रानी की भी दिलबाओगी।
प्रीति: हाँ में सर हिलाती है।
और लंड को मुह से निकाल कर।
पहले उसकी माँ को तो ठण्डा कर। बेटी की तो दिला दूंगी इसीलिए लाई हूँ।
और अब कोई सवाल नहीं। पहले गला तर करने दे अपने अमृत से।
और लंड चुसना शुरु कर देती है।
बाहर रमेश आंखे फाड़ कर देख रहा था।
सरला: अब क्या अपनी बीवी की तरह बहन को चुदते देखोगे।
पर रमेश कुछ नहीं सुनता।
अंदर
प्रीति सटासट अरुन के लंड को चुसे जा रही थी।
अरुण: आआआआ बुआ मेरी एक इच्छा है।

प्रीति: क्या।
अरुण: की आप को और परी दी को एक साथ एक ही बेड पे पूरा नंगा कर के चोदुं।
प्रीति: लंड चुसती रहती है।
और प्रीति की बेरहम चूसाई से अरुन प्रीति के मुँह में जल्दी झड जाता है।
और प्रीति अरुन का लंड का सारा पानी पी जाती है।
और चाट कर साफ़ करने के बाद मुह से निकालती है।
प्रीति: साथ तो चुदाना पड़ेगा क्यों की परी तेरे मुसल को अकेले झेल नहीं पायेगी उसे मेरी ज़रूरत पड़ेगी। मैं ही तेरे मुसल को अपने हाथों से पकड़ कर परी की चुत में डालूँगी और अपनी गाण्ड में भी ।जो पिछ्ली बार रह गई थी।
अरुण: परी दी की गाण्ड भी।
प्रीति: हाँ बाबा पहले उसकी माँ की तो मार ले एकदम कुंवारी सील पैक गाण्ड फिर बेटी की भी दिला दुँगी।
अरुण: पर पापा तो घर पे है।
प्रीति ; उन्हें छोड़ उनका इन्तज़ाम हो जाएगा।
तभी नीतू बाथरूम से बाहर आ जाती है।

बाहर रमेश अरुन के रूम में सरला के साथ
रमेश सर पकड़ कर बैठा था।
सरला: क्या हुआ।
रमेश: वो तो खुद.........
सरला: वही तो........ किस किस को रोकोगे।
करने दो जो कर रहा है जब वो खुद चुदने के लिए आई है।
तो तुम कबाब में हड्डी क्यों बन रहे हो।
मज़ा लेने दो उन्हें और तुम क्या कहते हो।
वोयेगेरिसम उसका मजा लो चुत तो चुत होती है ।
मा की हो बेटी की हो बहन की हो चुदती तो लंड से ही है।
और तुम्हे पता है की अरुन का लंड कितना दमदार है।
तुम्हारी खानदान की हर औरत को चोद कर खुश रख सकता है और माँ भी बना सकता है।
और रमेश के काँधे पे हाथ फेर कर।
सिर्फ एन्जॉय करो अपने बेटे के द्वारा की गई चुदाई को।
अल द बेस्ट पास्ट हब्बी ।मैं जा रही हु प्रेजेंट हब्बी के पास फिर से चुदने और तुम्हारी बहन और भांजी है ।
तुम्हारी बेटी नीतू है नीतू भी अरुन से चुद चुकी है।
और अरुन की नंबर २ रांड है ।पहला नंबर मेरा है

ये सब देख के रमेश की आंखे फटी की फटी रह जाती है।
 
सरला रमेश के पास से अरुन के पास आ जाती है।
वहाँ पे प्रीति नीतू और अरुन थे परी सो रही थी।
अरून झड़ने के बाद बेड पे लेट गया था।
सरला: अरुन तुम लेटे क्यों हो।
प्रीति: वो थोड़ा थक गया है।
सरला: क्यों ऐसा क्या किया इसने।
प्रीति: इसने नहीं मैंने किया है।
सरला: क्या किया इसने अरुण।
अरुण:माँ वो ।
सरला:क्या वो
प्रीति: मैं बताती हु।
मैने इसका पानी निकाला है।
सरला: मतलब
प्रीति: वही जो एक लड़की एक लड़के के साथ करती है।
लंड चुसाई।
सरला: दी तुम नहीं सुधरोगी।
प्रीति: अब सुधरने की उम्र नहीं है भाभी।
सरला: अच्छा अब चुप करो , तुम्हारे भाई घर पे है।
प्रीति: तो क्या फ़र्क़ पड़ता है।

सरला:अगर वो आ गये तो।
प्रीति: बात तो सही है कुछ इन्तज़ाम करना पडेगा
पर भाभी आप ने कुछ किया या अभी तक सिर्फ देखा है।
सरला: अरुन की ओर देखते हुए जैसे पूछ रही हो की बता दे।
और अरुन हाँ में सर हिलाता है।
सरला: जब ननद ने ले लिए तो मैं कैसे मना करती
रूम में तो बोल कर गये थी की मस्त है।
प्रीति: सच भाभी
सरला: हाँ
पर अब प्रॉब्लम हो गई है।
प्रीति: क्या हुआ।
सरला: वो तुम्हारे भाई को पता चल गया है।
प्रीति: क्या कह रही हो
और सारी बात प्रीति को बता देति है
प्रीति: भाभी तुम ने हमारी बात क्यों बताइ।
सरला: और क्या करती कब तक तुम्हारे भाई के झूठ को बरदास्त करती।
पहले प्यार नहीं किया फिर झूठी कहानी बनाइ।
मै मज़बूर हुई अपने बेटे से रिश्ता बनाने कै लिए उनकी बजह से।
ओर उन्होंने मुझसे फिर झूठी कहानी बनाइ।

ओर दी अगर आप को अरुन से प्यार है और आप को मज़े लेने है तो अपने भाई से डरने की क्या ज़रूरत है
अब मैं भी नहीं डरती और जो करना है खुल के करती हूँ।
ओर आगे भी करुँगी और अरुन के पास जा कर उसके लंड को मसल देति है।
अरुण: आआआह मैंने क्या किया जान।
सरला: कुछ नहीं मेरे बच्चे और झुक के अरुन के लंड को किस कर देती है।
प्रीति: क्या बात है भाभी।
माँ हो तो ऐसी ,अगर सब के पास ऐसी माँ हो तो उसे किसी और की क्या ज़रूरत ।
 
जब एक माँ अपने बेटे को अपने पति के सामने प्यार कर सकती है तो एक बहन को शरमाने की क्या ज़रूरत
और सरला के पास आ कर अरुन के लंड को मसल देती है।
अरुण: आआआअह्ह अब आप को क्या हुआ
और तभी नीतू भी आ कर अरुन के लंड को पकड़ कर मसल देती है।
अरुण:सिसकते हुए एक काम करो इसे उखाड लो और जो करना है करो।
सरला: नीतू आराम से बेटा ।
मेरे बेटे का लंड है कोई बबल गम नहीं की जिसका मन किया उसे खींच दिया ।
और अरुन को अपनी बाँहों में ले लेती है।
और ये सब तो मज़े ले रहे थे और बाहर हमारे रमेश बाबू अपना माथा पीट रहे थे की उनसे इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई जो उसने अपने बेटे को अपनी बीवी चोदने दी।
और उसी का नतीजा है की आज उसके घर में खुला ग्रुप सेक्स लाइव चल रहा था।

अंदर
सरला प्रीति से
सरला: पर परी की कैसे दिलबाओगी मेरे राजा को
प्रीति: भाभी आप उसकी चिंता मत करो आप को मैं उसकी भी अपने भाई को दिखा कर ही उसकी चुत का उद्घाटन करवाऊँगी।
बहुत तड़प रही है मेरी बेटी उसका पति तो कमाने के चक्कर में दुबई में बेठा है और मेरी बेटी यहाँ एक अच्छी चुदाई के लिए तड़प रही है।
सरला: हाँ तो देर किस बात की है बुला लो उसे भी और शामिल कर लो उसे भी हमारी रांडो की गैंग में।
अरुन की रांड नम्बर ४।
प्रीति: हाय भाभी तुम कितनी गन्दी हो गई हो रांड बोल रही हो अपने आप को।
सरला: क्या करुं दी ये मेरा बेटा है न अरुन इसने अपने लंड की चुदाई से अपना दिवाना बना लिया है।
और इसे सब को अपनी रंडी बनाने का शौक़ है ।
मै रांड नम्बर १ नीतू नंबर २ तुम नंबर ३ और परी अब नंबर ४ जो बनने के लिए बेकरार है।
प्रीति: अच्छा अरुन को देखते है तो साहब को रांड पसंद है।
अरुण:हाँ मेरी रांड नंबर ३ चल अब फटाफट बुला अपनी बेटी को।
जल्दी से चोद कर उसे भी टाइटल दे दू रांड नम्बर ४।
और इस खानदान की एक और औरत मेरी रांड बनेगी।
प्रीति: ज़रूर मेरे राजा और उठ कर बाहर आने लगती है और रमेष भाग कर रूम में आ जाता है।
प्रीति रूम में आने के बाद।
प्रीति: परी उठ जा बेटी।
रमेश: सोने दे ना।
प्रीति: नहीं भाई जिस काम के लिए आई है वो भी ज़रूरी है।
रमेश: किस काम के लिए।
प्रीति: काम होने दो फिर बता दूंगी । परी उठ जा बेटी
परी उठ जाती है ।
परी: क्या माँ कितना अच्छा सपना देख रही थी और आप ने जागा दिया।
प्रीति: अब सपनो की दुनिया से बाहर आ तेरा सपना सच होने वाला है चल अरुन बुला रहा है।
परी: क्या कह रही हो माँ बात हो गई क्या।
प्रीति: हाँ वो इंतज़ार कर रहा है।
रमेश: किस काम की बात हो गई ।
प्रीति: आप के काम की बात नहीं है ये बच्चो के बीच का मामला है और परी को साथ ले लेती है और रमेश से।
प्रीति: आप जरा इसकी बेटी को सम्हाल लेना वह बच्चो का काम नहीं है और परी को ले कर अरुन के रूम में आ जाती है।
 
वहां पर सब को देख कर परी ।
परी: माँ यहाँ तो सब है।
प्रीति: ये सब भी तेरी तरह दीवानी हो गई है उसकि।
परी: क्या बोल रही हो माँ।
मामी और नीतू भी।
प्रीति: हाँ मेरी बेटी ये भी।
सरला: हाँ परी हम भी क्या करे है तो औरत ही ना
आदमी के दिल पे निर्भर मन किया तो कर लिया नहीं तो इंतज़ार करो कब तक इंतज़ार करे कभी तो हमें अपने मन का करना चाहिए और हम ने कर लिए आज तेरी बारी।
परी: मामी अरुन तो आप का बेटा है।
सरला: तो क्या हुआ इसी लिए तो सब से ज्यादा प्यार करता है इसलिए तो मेरी चाल बिगाड रखी है।
और अरुन के उपर से बेडशीट हटा देती है ।
और अरुन के खड़े लंड को देख कर परी के मुह से चीख निकल जाती है।
परी प्रीति से
परी: माँ ये क्या है।
प्रीति: वही जिस के लिए तू आई है।
परी: पर माँ ये तो किसी गधे का लग रहा है।
किसी गधे का काट के बेचारे को लगा दिया है।
सरला: बेटा इसी बजह से तो तेरी मामी लँगड़ा के चलती है।
तुम लोग तो कुछ दिन के लिए आओगे और चले जाओगे और बाकि दिन तो मुझे ही झेलना है इस गधे के लंड को।
परी: पर मामी मैं नहीं ले पाऊँगी।
प्रीति: क्या बोल रही है तु।
देख नीतू ने कितनी प्यार से लिया और वो तो अभी माँ भी नहीं बनी है और तू तो एक बच्चे को जनम दे के अपनी चुत चुदवा चुकी है फिर भी डर रही है
सरला: रहने दो दी अभी बच्ची ही तो है जब इतने दिने से ले ले कर भी मैं अभी तक लँगड़ा रही हु तो इसका डर तो लाजमी है।
कोई बात नहीं परी पहले अपनी माँ को लेते हुए देखो फिर बाद में सोच कर बताना की क्या करना है।

सरला नीतू से
सरला चल बेटी पहले इन माँ बेटी को करने दे बाद में हम माँ बेटी का नंबर आयेगा।
नीतु ऐसे मुह बनाती है जैसे कह रही हो की पहले मैं।
सरला: उसको ऑंखों से इशारा करते हुए पहले परी का नंबर लगने दे और उसका हाथ पकड़ कर बाहर को जाने को होती है।
बाहर किसी के कदमो की आवाज़ आती है जैसे कोई दरवाजा के पास ही हो।
सरला: देख लो दी आप के भाई को चैन नहीं है कैसे दरवाजा पे कान लगा के खड़े थे।
क्यूं न उनको भी अंदर बुला लो और दिखा दो उनको की उनका बेटा कैसे ज़बर्दस्त चुदाई करता है उनकी बहन और भांजी की।
प्रीति: भाभी क्यों कबाब में हड्डी बुला रही हो ।
१ घंटे की तो बात है
आप दोनों उन्हें सम्हाल लो बाद में जब आप का नम्बर आएगा तब हम सम्हल लेंगी।
परी: इसका मतलब मामा जी बाहर खड़े है ।
प्रीति: हाँ तेरे मामा को चुदाई देखने का नया शौक लगा है इसलिए दरवाजा पे खड़े हो कर चुदाई देख कर मज़े लेते है।
परी: नहीं मुझे शरम आएगी ये ही सोच कर की मुझे कोई देख रहा है
सरला: नहीं परी शरम नहीं आएगी पर मजा आएगा की तुम्हे चुदते हुए कोई देख रहा है ।
ओर वो तुम्हारा कोई अपना है।
बड़ा अच्छा लगता है सोच २ कर की कोई हमें देख कर मुट्ठ मार रहा है पर कुछ कर नहीं सकता और न ही रोक सकता है।
 
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