hotaks444
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चंपा : अर्रे क्या हुआ बाबू ठीक हो? बाबू (चंपा आदम के पीठ को सहलाते हुए कहती है)
आदम : हान्ं हां अब ठीक्क हूँ अफ
चंपा : ये कैसा दर्द उठा?
आदम : पता नही एक बार डॉक्टर को दिखा लेता हूँ हो सकता है शायद गॅस्ट्रिक प्राब्लम हो
चंपा : तुमको जितना जानती हूँ उसके हिसाब से ना तो तुम शराब पीते हो और ना कोई ड्रग्स लेते हो फिर ये दर्द कैसे? आजकल दिल की शिकायतें आती है मेरी काकी का एक कस्टमर ऐसे ही तो मरा खैर जाने दो तुम चाहो तो आराम कर सकते हो यहाँ
आदम : नही नही अब मुझे निकलना चाहिए रात बहुत हो गयी है
चंपा : पक्का
आदम : हां पक्का और ख्याल रखने का शुक्रिया
चंपा : चाहो तो आज की रात मुफ़्त की राइड मार सकते हो ?
आदम : फ्री राइड? तुम कब्से ऑफर देने लगी ?
चंपा : ऑफर नियमित समय तक ओल्ड यूज़र के लिए आज की रात तक वॅलिड
आदम का मन तो हुआ कि नही अब रुकना ठीक नही पर चंपा ने उसके सामने अपनी टाँगें चौड़ी कर ली?...साली थर्कि हो गयी थी या शायद आदम का मोटा लंड उसे पसंद आ गया था....जब औरत खुद ही ऑफर दे रही थी तो मर्द क्या कर सकता है?...उस रात आदम का जाना हुआ ही नही फ्री की राइड के चक्कर में उसने 2 बार और चंपा की चुदाई कर दी....इस बार उसने वीर्य चंपा के भीतर ही छोड़ दिया...
अगले दिन वो घर सुबह सुबह पहुचा फिर 2 घंटे की नींद ली...उठा नाश्ता किया....पर आज कसरत ना कर सका...नहा धोके सीधे क्लिनिक पहुचा
आदम के कुछ टेस्ट हुए....जिन रिपोर्ट्स को देखने के बाद डॉक्टर ने सबकुछ नॉर्मल करार दिया...."ह्म आदम सुनो तुम्हारे चेस्ट में गॅस्ट्रिक का पेन उठा था क्यूंकी तुम्हारा डाइजेस्टिव सिस्टम बहुत कमज़ोर हो गया है जैसा तुमने बताया कि तुमने 19 साल की उमर से लेके 21 तक सप्प्लिमेंट्स लिए जिनका लोंग कन्स्यूम करना तुम्हारे लिए महँगा पड़ा है यू हॅव यूज़्ड ओरल स्टेराइड्स समझते भी हो".........आदम ने कोई जवाब नही दिया शर्मिंदा था
डॉक्टर : बॉडी को नॅचुरली ग्रो करना चाहिए तुम्हें खैर ये तो आजकल के जेनरेशन का एक शौक है जो बाद में जाके उन्हें शॉक ही देता है जैसे हार्ट फेल्यूर,किड्नी डॅमेज,लिवर इन्फेक्षन,डिप्रेशन,हार्ट अटॅक और पूअर लिबीडो
आदम : खैर कर भी क्या सकता हूँ? जो अरमान था वो पूरा ना हो सका....रेसलिंग करने का बहुत शौक था लेकिन जिम के डमब्बेल हाथ में लेते ही गिर पड़ता खुद का मज़ाक बनते देख मैने ये रास्ता चुना हालाँकि मुझे इससे कोई ख़ास फरक ना पड़ा पर मुझमें थोड़ा बदलाव आ गया
डॉक्टर : देखो आदम बॉडी वोडी बनाने पे कम और अपने बीमारी को ठीक करने की कोशिश करो नो फ्राइड फुड्स जंक फुड्स आंड आल्कोहॉल आंड नोट ईवन एनी काइंड ऑफ ड्रग आइ आम पर्सनली रेकोंमेड इट टू यू
आदम : नो प्राब्लम सर अब तो ऐम ही कहाँ है? अगर ऐम होता तो इस छोटे शहर में क्या करता परिवार से दूर? खैर जाने दीजिए वैसे मेरे सेक्षुयल ड्राइव को तो कोई!
डॉक्टर : लकी पर्सन हो बच गये पर हेवी डोस और कंटिन्यू करते या आगे कोई भी दवाई लेने की सोच रखी है तो आइ विल से यस हो सकता है इंपोटएन्सी एरेक्टीले डिसफंकशन सो बेटर बी अवेर ये लिवर की टॉनिक है इसे सुबह शाम ले लेना आंड वादा करो नो डिज़ाइर टू पुट यू इन एनी डेंजर
आदम : वादा सर पक्का वादा (आदम के जैसे आँखो मे आँसू घुल गये थे)
घर आके वो कुछ देर सदमे में रहा फिर उसने सारे डमबेल और बारबेल सेट को बिस्तर के नीचे अच्छे से कारटन में फोल्ड करके रख दिया शायद अब कसरत करने की उसमें ताक़त बची नही थी...
लेकिन वक़्त के साथ साथ आदम फिर अपने रोज़ मरहा की ज़िंदगी में लौट गया....वोई काम वोई अकेलापन...लेकिन चंपा की वो बात वो माँ की एक फॅंटेसी की तरह आदम के ज़हन में घर कर गयी...बीमारी के चलते वो भूल सा गया था कि चंपा ने उससे क्या कह डाला था? खैर उससे ज़्यादा उसे अपनी बीमारी का स्ट्रेस हो गया था....
उसने माँ बाप को अपनी बीमारी के बारे में ज़रा सा भी मालूमत ना चलने दिया....अब उसे अहेसास हुआ था की चंपा ने उसके जल्दी झड जाने पे क्यूँ सवाल उठाया था? कही ना कही शायद उसकी बीमारी का दुष्प्रभाव था
रिकक्षे पे सवार आदम जल्द ही एक एरिया पहुचता है...रिक्शा रुकने के बाद वो अपनी कमर और गान्ड को सहलाते हुए गुस्से भरी निगाहो से रिक्शेवाले की तरफ देखता है....
आदम : साले मेन रोड से लाने को कहा था तेरे शॉर्टकट के चक्कर में गली गली के उबड़ खाबड़ पथरीली रास्तो पे चलके कमर में मोच आ गयी अगर हॅंडल ना पकड़ा होता रिक्शे के बीच बीच में उछलने से तो गिर ही जाता बाइ गॉड
रिक्शेवाला : अर्रे भैया पॅसेंजर तो आराम से आते है उस रास्ते से देखो मेन रोड पे जाम और ट्रॅफिक लगा रहता 2 घंटे के रास्ते को 20 मिनट का रास्ता बना दिया और बाकियो तो मज़े आते है इस रोड से आने में
आदम : क्यूंकी तेरे रिक्शे में गान्डु लोग ज़्यादा चढ़ते होंगे उन लोगो की तरह गन्दू समझ रखा है साला उछल उछल के पूरे रास्ते रिक्शे की सीट पे मेरी तो गान्ड दर्द से फॅट रही है
रिक्शेवाला चुप हो गया....उसने अपना किराया लिया और उल्टे रास्ते वापिस चला गया...आदम पूरे रास्ते खुद को कोस रहा था कि जब माँ ने मना किया था तो खामोखाः अपनी दूसरी मौसी से मिलने चला आया...लेकिन क्या करे बहनों की जंग एक तरफ और अपना अलग रिश्ता एक तरफ....आदम अपनी गान्ड को सहलाता हुआ जीन्स के उपर से ही ताहिरा मौसी के घर पहुचा....
आदम : हान्ं हां अब ठीक्क हूँ अफ
चंपा : ये कैसा दर्द उठा?
आदम : पता नही एक बार डॉक्टर को दिखा लेता हूँ हो सकता है शायद गॅस्ट्रिक प्राब्लम हो
चंपा : तुमको जितना जानती हूँ उसके हिसाब से ना तो तुम शराब पीते हो और ना कोई ड्रग्स लेते हो फिर ये दर्द कैसे? आजकल दिल की शिकायतें आती है मेरी काकी का एक कस्टमर ऐसे ही तो मरा खैर जाने दो तुम चाहो तो आराम कर सकते हो यहाँ
आदम : नही नही अब मुझे निकलना चाहिए रात बहुत हो गयी है
चंपा : पक्का
आदम : हां पक्का और ख्याल रखने का शुक्रिया
चंपा : चाहो तो आज की रात मुफ़्त की राइड मार सकते हो ?
आदम : फ्री राइड? तुम कब्से ऑफर देने लगी ?
चंपा : ऑफर नियमित समय तक ओल्ड यूज़र के लिए आज की रात तक वॅलिड
आदम का मन तो हुआ कि नही अब रुकना ठीक नही पर चंपा ने उसके सामने अपनी टाँगें चौड़ी कर ली?...साली थर्कि हो गयी थी या शायद आदम का मोटा लंड उसे पसंद आ गया था....जब औरत खुद ही ऑफर दे रही थी तो मर्द क्या कर सकता है?...उस रात आदम का जाना हुआ ही नही फ्री की राइड के चक्कर में उसने 2 बार और चंपा की चुदाई कर दी....इस बार उसने वीर्य चंपा के भीतर ही छोड़ दिया...
अगले दिन वो घर सुबह सुबह पहुचा फिर 2 घंटे की नींद ली...उठा नाश्ता किया....पर आज कसरत ना कर सका...नहा धोके सीधे क्लिनिक पहुचा
आदम के कुछ टेस्ट हुए....जिन रिपोर्ट्स को देखने के बाद डॉक्टर ने सबकुछ नॉर्मल करार दिया...."ह्म आदम सुनो तुम्हारे चेस्ट में गॅस्ट्रिक का पेन उठा था क्यूंकी तुम्हारा डाइजेस्टिव सिस्टम बहुत कमज़ोर हो गया है जैसा तुमने बताया कि तुमने 19 साल की उमर से लेके 21 तक सप्प्लिमेंट्स लिए जिनका लोंग कन्स्यूम करना तुम्हारे लिए महँगा पड़ा है यू हॅव यूज़्ड ओरल स्टेराइड्स समझते भी हो".........आदम ने कोई जवाब नही दिया शर्मिंदा था
डॉक्टर : बॉडी को नॅचुरली ग्रो करना चाहिए तुम्हें खैर ये तो आजकल के जेनरेशन का एक शौक है जो बाद में जाके उन्हें शॉक ही देता है जैसे हार्ट फेल्यूर,किड्नी डॅमेज,लिवर इन्फेक्षन,डिप्रेशन,हार्ट अटॅक और पूअर लिबीडो
आदम : खैर कर भी क्या सकता हूँ? जो अरमान था वो पूरा ना हो सका....रेसलिंग करने का बहुत शौक था लेकिन जिम के डमब्बेल हाथ में लेते ही गिर पड़ता खुद का मज़ाक बनते देख मैने ये रास्ता चुना हालाँकि मुझे इससे कोई ख़ास फरक ना पड़ा पर मुझमें थोड़ा बदलाव आ गया
डॉक्टर : देखो आदम बॉडी वोडी बनाने पे कम और अपने बीमारी को ठीक करने की कोशिश करो नो फ्राइड फुड्स जंक फुड्स आंड आल्कोहॉल आंड नोट ईवन एनी काइंड ऑफ ड्रग आइ आम पर्सनली रेकोंमेड इट टू यू
आदम : नो प्राब्लम सर अब तो ऐम ही कहाँ है? अगर ऐम होता तो इस छोटे शहर में क्या करता परिवार से दूर? खैर जाने दीजिए वैसे मेरे सेक्षुयल ड्राइव को तो कोई!
डॉक्टर : लकी पर्सन हो बच गये पर हेवी डोस और कंटिन्यू करते या आगे कोई भी दवाई लेने की सोच रखी है तो आइ विल से यस हो सकता है इंपोटएन्सी एरेक्टीले डिसफंकशन सो बेटर बी अवेर ये लिवर की टॉनिक है इसे सुबह शाम ले लेना आंड वादा करो नो डिज़ाइर टू पुट यू इन एनी डेंजर
आदम : वादा सर पक्का वादा (आदम के जैसे आँखो मे आँसू घुल गये थे)
घर आके वो कुछ देर सदमे में रहा फिर उसने सारे डमबेल और बारबेल सेट को बिस्तर के नीचे अच्छे से कारटन में फोल्ड करके रख दिया शायद अब कसरत करने की उसमें ताक़त बची नही थी...
लेकिन वक़्त के साथ साथ आदम फिर अपने रोज़ मरहा की ज़िंदगी में लौट गया....वोई काम वोई अकेलापन...लेकिन चंपा की वो बात वो माँ की एक फॅंटेसी की तरह आदम के ज़हन में घर कर गयी...बीमारी के चलते वो भूल सा गया था कि चंपा ने उससे क्या कह डाला था? खैर उससे ज़्यादा उसे अपनी बीमारी का स्ट्रेस हो गया था....
उसने माँ बाप को अपनी बीमारी के बारे में ज़रा सा भी मालूमत ना चलने दिया....अब उसे अहेसास हुआ था की चंपा ने उसके जल्दी झड जाने पे क्यूँ सवाल उठाया था? कही ना कही शायद उसकी बीमारी का दुष्प्रभाव था
रिकक्षे पे सवार आदम जल्द ही एक एरिया पहुचता है...रिक्शा रुकने के बाद वो अपनी कमर और गान्ड को सहलाते हुए गुस्से भरी निगाहो से रिक्शेवाले की तरफ देखता है....
आदम : साले मेन रोड से लाने को कहा था तेरे शॉर्टकट के चक्कर में गली गली के उबड़ खाबड़ पथरीली रास्तो पे चलके कमर में मोच आ गयी अगर हॅंडल ना पकड़ा होता रिक्शे के बीच बीच में उछलने से तो गिर ही जाता बाइ गॉड
रिक्शेवाला : अर्रे भैया पॅसेंजर तो आराम से आते है उस रास्ते से देखो मेन रोड पे जाम और ट्रॅफिक लगा रहता 2 घंटे के रास्ते को 20 मिनट का रास्ता बना दिया और बाकियो तो मज़े आते है इस रोड से आने में
आदम : क्यूंकी तेरे रिक्शे में गान्डु लोग ज़्यादा चढ़ते होंगे उन लोगो की तरह गन्दू समझ रखा है साला उछल उछल के पूरे रास्ते रिक्शे की सीट पे मेरी तो गान्ड दर्द से फॅट रही है
रिक्शेवाला चुप हो गया....उसने अपना किराया लिया और उल्टे रास्ते वापिस चला गया...आदम पूरे रास्ते खुद को कोस रहा था कि जब माँ ने मना किया था तो खामोखाः अपनी दूसरी मौसी से मिलने चला आया...लेकिन क्या करे बहनों की जंग एक तरफ और अपना अलग रिश्ता एक तरफ....आदम अपनी गान्ड को सहलाता हुआ जीन्स के उपर से ही ताहिरा मौसी के घर पहुचा....