hotaks444
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ज़्यादा ख़ास वक़्त नही लगा चूँकि ये एक बिज़्नेस टूर था इसलिए मिस्टर.जमशेद का बताया आदमी उसी का इन्तिजार स्टेशन से बाहर एक लाल गाड़ी में कर रहा था..आदम उससे मिला फिर तपोती और वो उसके साथ होटेल के लिए रवाना हुए.....उसने जब तपोती को देखा तो बस देखता रह गया उसने पूछा भी रास्ते में आदम से तो आदम ने झूठ कहा कि वो उसकी बीवी है....ड्राइवर सिर्फ़ मुस्कुराया
जल्द ही उस आदमी ने बड़े ही फॉरमॅलिटी से दोनो को दार्जीलिंग के सबसे अच्छे 5 स्टार होटेल में छोड़ा और वहाँ से ये कहते हुए निकल गया कि मिस्टर.जमशेद को आने में अभी 1 दिन और लगेगा कोई बिज़ी शेड्यूल में है क्लाइंट के साथ ही पहुचेंगे बागड़ोगरा एरपोर्ट से सीधा दार्जीलिंग....आदम को महसूस हुआ कि चलो 1 दिन फालतू का उसे मिल गया था आराम और घूमने को....
अपने होटेल रूम पहूचकर आदम थका हारा बिस्तर पे चुर्र होके सो गया....तपोती को जैसे उस पर प्यार आया क्यूंकी उसने नोटीस किया था कि पूरी रात ट्रेन में वो उसके लिए जगा हुआ था जैसे उसकी निगरानी कर रहा हो तपोती ने उससे कुछ नही कहा वो बरामदे में खड़ी बाहर की खूबसूरत हिल को देख रही थी....उँचे पहाड़ और हरी भारी वादियाँ....
जब होटेल स्टाफ खाना लेके पहुचा तब उसने आदम को जगाया....आदम और तपोती दोनो ने साथ में लंच किया फिर फारिग हुए.....दिन अच्छा कट रहा था....तो तपोती ने आदम से कहा कि क्या वो बाहर घूम सकते है?.....आदम ने कहा कि क्यूँ नही? चलो....दोनो होटेल से नीचे आके मॅनेजर से मिले और उससे दार्जीलिंग में कोई घुमने की जगह अच्छी से पूछने लगे...तो मॅनेजर ने बताया कि मिरिक अधिकतर लोग जाते है आप वहाँ जा सकते है....
आदम : तो ठीक है तपोती आज मिरिक ही घूम आते है क्यूँ?
तपोती ने सहमति में मुस्कुराए सर हिलाया....तो आदम ने एक ड्राइवर और एक गाड़ी को हाइयर किया फिर दोनो गाड़ी में सवार ड्राइवर के साथ मिरिक पहुचे....वहाँ के खूबसूरत नज़ारे को देख जैसे दोनो के आँखे ठंडी सी हो गयी....एक तो सर्दी का मौसम शुरू हो रहा था और उपर से क्या जगह थी मिरिक टाउन.....वो सुमेंडू लेक के किनारे खड़े हुए थे....
आदम ने बोट हाइयर किया और दोनो बोट पे सवार हुए....आदम एकदम सटके तपोती के साथ बैठा हुआ था...सिर्फ़ दो जनों के लायक जैसे वो बोट थी....तपोती कस कर आदम को पकड़ी हुई थी क्यूंकी पानी में बोट एकदम तैर रही थी....आदम बड़े आराम से बोटिंग कर रहा था पाँव से...
कुछ देर बाद दोनो किनारे बोटिंग करते हुए पहुचे..उसके बाद तपोती नाव से उतरी...फिर आदम भी....पेमेंट चुकाने के बाद....दोनो गाड़ी से वापिस अपने होटेल की तरफ रवाना हुए..मौसम बिगड़ ने लगा था जल्द ही कोहरा में बरसात शुरू होने लगी.....
अचानक गाड़ी के सामने एक पेड़ आ गिरा....तो फ़ौरन गाड़ी को थामना पड़ा "क्या हुआ ड्राइवर गाड़ी क्यूँ रोक दी?"........
."सर आगे पेड़ गिर गया है"......
.आदम ने ड्राइवर के कहे अनुसार उसने भी झाँका तो सच में भारी बरसात से एक पेड़ गिरा हुआ था...
ड्राइवर : सच ऐसे में आगे गाड़ी को क्रॉस करना मुस्किल है और उपर से फिसलन वाली रोड है अगर ज़रा सी भी चूक हुई तो पहाड़ से गाड़ी गिरने का ख़तरा हो सकता है....
जल्द ही उस आदमी ने बड़े ही फॉरमॅलिटी से दोनो को दार्जीलिंग के सबसे अच्छे 5 स्टार होटेल में छोड़ा और वहाँ से ये कहते हुए निकल गया कि मिस्टर.जमशेद को आने में अभी 1 दिन और लगेगा कोई बिज़ी शेड्यूल में है क्लाइंट के साथ ही पहुचेंगे बागड़ोगरा एरपोर्ट से सीधा दार्जीलिंग....आदम को महसूस हुआ कि चलो 1 दिन फालतू का उसे मिल गया था आराम और घूमने को....
अपने होटेल रूम पहूचकर आदम थका हारा बिस्तर पे चुर्र होके सो गया....तपोती को जैसे उस पर प्यार आया क्यूंकी उसने नोटीस किया था कि पूरी रात ट्रेन में वो उसके लिए जगा हुआ था जैसे उसकी निगरानी कर रहा हो तपोती ने उससे कुछ नही कहा वो बरामदे में खड़ी बाहर की खूबसूरत हिल को देख रही थी....उँचे पहाड़ और हरी भारी वादियाँ....
जब होटेल स्टाफ खाना लेके पहुचा तब उसने आदम को जगाया....आदम और तपोती दोनो ने साथ में लंच किया फिर फारिग हुए.....दिन अच्छा कट रहा था....तो तपोती ने आदम से कहा कि क्या वो बाहर घूम सकते है?.....आदम ने कहा कि क्यूँ नही? चलो....दोनो होटेल से नीचे आके मॅनेजर से मिले और उससे दार्जीलिंग में कोई घुमने की जगह अच्छी से पूछने लगे...तो मॅनेजर ने बताया कि मिरिक अधिकतर लोग जाते है आप वहाँ जा सकते है....
आदम : तो ठीक है तपोती आज मिरिक ही घूम आते है क्यूँ?
तपोती ने सहमति में मुस्कुराए सर हिलाया....तो आदम ने एक ड्राइवर और एक गाड़ी को हाइयर किया फिर दोनो गाड़ी में सवार ड्राइवर के साथ मिरिक पहुचे....वहाँ के खूबसूरत नज़ारे को देख जैसे दोनो के आँखे ठंडी सी हो गयी....एक तो सर्दी का मौसम शुरू हो रहा था और उपर से क्या जगह थी मिरिक टाउन.....वो सुमेंडू लेक के किनारे खड़े हुए थे....
आदम ने बोट हाइयर किया और दोनो बोट पे सवार हुए....आदम एकदम सटके तपोती के साथ बैठा हुआ था...सिर्फ़ दो जनों के लायक जैसे वो बोट थी....तपोती कस कर आदम को पकड़ी हुई थी क्यूंकी पानी में बोट एकदम तैर रही थी....आदम बड़े आराम से बोटिंग कर रहा था पाँव से...
कुछ देर बाद दोनो किनारे बोटिंग करते हुए पहुचे..उसके बाद तपोती नाव से उतरी...फिर आदम भी....पेमेंट चुकाने के बाद....दोनो गाड़ी से वापिस अपने होटेल की तरफ रवाना हुए..मौसम बिगड़ ने लगा था जल्द ही कोहरा में बरसात शुरू होने लगी.....
अचानक गाड़ी के सामने एक पेड़ आ गिरा....तो फ़ौरन गाड़ी को थामना पड़ा "क्या हुआ ड्राइवर गाड़ी क्यूँ रोक दी?"........
."सर आगे पेड़ गिर गया है"......
.आदम ने ड्राइवर के कहे अनुसार उसने भी झाँका तो सच में भारी बरसात से एक पेड़ गिरा हुआ था...
ड्राइवर : सच ऐसे में आगे गाड़ी को क्रॉस करना मुस्किल है और उपर से फिसलन वाली रोड है अगर ज़रा सी भी चूक हुई तो पहाड़ से गाड़ी गिरने का ख़तरा हो सकता है....