hotaks444
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रूपाली : ओह नाइस टू मीट यू तपोती (रूपाली ने हाथ आगे बढ़ाए दोनो ने हाथ मिलाया)
इतने में राहिल तपोती के गले आने लगा.
."अरे तपोती लो ना इसे"........तपोती ने उसे अपने बाहों में लिया...उसे चुप करती हुई उसके साथ खेलने लगी वो जैसे तपोती को बड़े गौर से देख रहा था....तपोती ने देखा की वो कुछ कुछ आदम जैसा दिख रहा था
आदम : मीट माइ भाभी रूपाली ये मेरी मौसेरी बताया था ना तुम्हें ताहिरा मौसी उनकी यह बहू है
तपोती : अच्छा अच्छा
रूपाली : अरे ये तो तुम्हारी गोद में आते ही चुप हो गया लगता है आदम से ज़्यादा तुम्हारी गोदी इसे भाई
तीनो हंस पड़े....आदम खामोसी से राहिल की तरफ तो कभी दोनो लड़कियो की तरफ देख रहा था...."और सब ठीक?".....आदम ने सवाल किया....
."हां बस चल रहा है तुम्हारा भाई तो पड़ा रहता है"...........
"अभी भी सेम किस्सा"..........
."बदल सकता है कभी".......जैसे रूपाली ने मांयुसी से कहा
रूपाली ने फिर राहिल को अपनी गोद में लिया और कहा कि वो बाज़ार आई तो एकदम से दोनो की तरफ निगाह हुई....आदम ने कहा कि वो बस तपोती को घुमाने लाया है....रूपाली को लगा शायद आदम उसके साथ शादी करने के प्रस्ताव से उसके साथ घूम रहा है क्यूंकी वो वाक़िफ़ थी जो कुछ निशा और आदम के साथ हुआ था उसके बाद से ही....रूपाली ने कुछ देर बात की फिर तीनो थ्री वीलर में सवार हुए..
उसके बाद स्टॉपेज आते ही रूपाली उतर गयी...फिर उसने दोनो से विदा लिया...उसके जाते ही गोदी में देख रहे राहिल की तरफ मुस्कुराए नज़रों से तपोती ने फिर आदम को देखा.
..."तुमने उस बच्चे को देखा वो मेरा बेटा है राहिल".......जैसे एक पल को सकते में तपोती उसकी तरफ देख रही थी
आदम : शायद मेरी ही भूल कि आज रूपाली भाभी के पास वो है और अगर ना होता तो भाई मेरा उसे सुख नही लेने देता...
तपोती : तभी सोचु कि तुम्हारी तरह वो क्यूँ दिख रहा था मुझे? लेकिन बड़ा प्यारा है
आदम : हाहाहा (अपने आँसू पोंछते हुए) जाने दो अब क्या कह सकता हूँ? तुम ही सोचो रूपाली भाभी एक टाइम था मुझसे बड़ी नफ़रत
करती थी आज मुझसे उसका रिश्ता महेज़ वहीं देवर भाभी का है ये सब मेरी भूल है तपोती की मैने ऐसे व्याबचार रिश्तो को जनम दिया
इतने में राहिल तपोती के गले आने लगा.
."अरे तपोती लो ना इसे"........तपोती ने उसे अपने बाहों में लिया...उसे चुप करती हुई उसके साथ खेलने लगी वो जैसे तपोती को बड़े गौर से देख रहा था....तपोती ने देखा की वो कुछ कुछ आदम जैसा दिख रहा था
आदम : मीट माइ भाभी रूपाली ये मेरी मौसेरी बताया था ना तुम्हें ताहिरा मौसी उनकी यह बहू है
तपोती : अच्छा अच्छा
रूपाली : अरे ये तो तुम्हारी गोद में आते ही चुप हो गया लगता है आदम से ज़्यादा तुम्हारी गोदी इसे भाई
तीनो हंस पड़े....आदम खामोसी से राहिल की तरफ तो कभी दोनो लड़कियो की तरफ देख रहा था...."और सब ठीक?".....आदम ने सवाल किया....
."हां बस चल रहा है तुम्हारा भाई तो पड़ा रहता है"...........
"अभी भी सेम किस्सा"..........
."बदल सकता है कभी".......जैसे रूपाली ने मांयुसी से कहा
रूपाली ने फिर राहिल को अपनी गोद में लिया और कहा कि वो बाज़ार आई तो एकदम से दोनो की तरफ निगाह हुई....आदम ने कहा कि वो बस तपोती को घुमाने लाया है....रूपाली को लगा शायद आदम उसके साथ शादी करने के प्रस्ताव से उसके साथ घूम रहा है क्यूंकी वो वाक़िफ़ थी जो कुछ निशा और आदम के साथ हुआ था उसके बाद से ही....रूपाली ने कुछ देर बात की फिर तीनो थ्री वीलर में सवार हुए..
उसके बाद स्टॉपेज आते ही रूपाली उतर गयी...फिर उसने दोनो से विदा लिया...उसके जाते ही गोदी में देख रहे राहिल की तरफ मुस्कुराए नज़रों से तपोती ने फिर आदम को देखा.
..."तुमने उस बच्चे को देखा वो मेरा बेटा है राहिल".......जैसे एक पल को सकते में तपोती उसकी तरफ देख रही थी
आदम : शायद मेरी ही भूल कि आज रूपाली भाभी के पास वो है और अगर ना होता तो भाई मेरा उसे सुख नही लेने देता...
तपोती : तभी सोचु कि तुम्हारी तरह वो क्यूँ दिख रहा था मुझे? लेकिन बड़ा प्यारा है
आदम : हाहाहा (अपने आँसू पोंछते हुए) जाने दो अब क्या कह सकता हूँ? तुम ही सोचो रूपाली भाभी एक टाइम था मुझसे बड़ी नफ़रत
करती थी आज मुझसे उसका रिश्ता महेज़ वहीं देवर भाभी का है ये सब मेरी भूल है तपोती की मैने ऐसे व्याबचार रिश्तो को जनम दिया