hotaks444
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सलोनी बिना कोई ज्वाब दिए घूम जाती है | "इधर भी देखो ना.... अच्छी तरह से ठीक कर दो नही तो मुझे बैठने उठने में बहुत असूबिधा होगी" स्लोनी फिर से नखरा करते हुए बोलती है |
राहुल की नज़र जब सलोनी के नितंबो पर जाती है ओह 'उफफफफफफफ्फ़' उसका लौड़ा और भी ज़ोर से झटके मारने लग जाता है | सलोनी की कच्छी बहुत टाइट थी | इतनी टाइट कि उसके दोनो नितंबो पर चमड़ी की तरह चिपकी हुई थी | उसके दोनो नितंब उनकी गोलाई, मोटाई सब कुछ सामने से नज़र आ रहा था | कच्छी पर कोई बल कोई सिलवट नही थी मगर राहुल इस मौके को हाथ से कैसे जाने देता | वो सलोनी के दोनो नितंबो पर अपने हाथ रख उन्हे बड़े प्यार से सहलाता है | वो कच्छी को ठीक करने के बहाने सलोनी के नितंबो को मसलता है उसकी गांड की गहराई में अपना हाथ घुसाता है |
"देखना एकदम सही हो जाए.... अच्छे से करना बेटा......" सलोनी मादक स्वर में धीमे से बोलती है |
राहुल को भी कोई जल्दबाजी नही थी | वो भी कच्छी की सिलवटे निकालने के बहाने उसके नितंबो को अपने अंगूठे और उंलगी में भर मसलता | कई बार सलोनी 'सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईई' की आवाज़ के साथ तीखी सिसकी लेती | आख़िरकार राहुल अपनी मम्मी की गांड को सहलाते उसकी मादक खुशबू लेते रुक गया | उसे डर था कहीं इतना ज़्यादा समय लगाने पर सलोनी उसे फिर से छेड़ने ना लगे |
"हुं अब ठीक है" सलोनी अपने बेटे के सामने घूमती है | वो फिर से आईने के सामने जाकर अपना शिंगार पूरा करने लग जाती है | आईने में से राहुल को देखती जो अपना लौड़ा मसल रहा था वो मुस्करा रही थी |
"अब मैं कपड़े कोन से पहनू? साड़ी जा फिर चूड़ीदार?" सलोनी मेकअप के बाद सीट से उठती राहुल से पूछती है |
"जो आपको अच्छा लगे पहन लीजिए" राहुल को समझ नही आया वो क्या कहे |
"तो तुम्हारी कोई पसंद नही है? अपनी मम्मी की इतनी सी भी हेल्प नही कर सकते?" सलोनी झूठ मूठ की नाराज़गी जाहिर करती है |
"अब म्म्मी मैं क्या कहूँ......आप साड़ी पहन लीजिए"
"हुं साड़ी ठीक है... मगर बेटा सब्ज़ी मंडी जाना है बहुत भीड़ और गर्मी होगी, साड़ी में कैसे जाऊँगी?" सलोनी राहुल की पेंट में बने टेंट को देखते पूछती है |
"तो फिर चूड़ीदार पहन लीजिए.......अगर आपको गर्मी का डर है तो.......आप कुर्ता डाल लीजिए"
"हाँ ....... बिल्कुल ठीक कहा तुमने कुर्ता डाल लेती हूँ.... गर्मी में आराम रहेगा और अंदर हवा भी लगती रहेगी ..... अब तुमने इतनी टाइट ब्रा और कच्छी पहना दी है और कुछ डालूंगी तो गर्मी से मर ही जायूंगी" सलोनी कुर्ता और उसके साथ एक जीन्स निकालती है | उन्हे बेड पर फेंक वो अपनी बाहें सामने को फैला देती है | राहुल कुछ समझ नही पाता |
"अरे बुद्धू अब क्या हर बार बोलकर समझना पड़ेगा ........ पहनायो" सलोनी तीखे स्वर में बोलती है तो राहुल फटाफट उसका कुर्ता उठाकर उसे पहनाने लगता है |
आख़िरकार राहुल की इतनी मेहनत के बाद सलोनी अब कपड़े पहन ही चुकी थी | वो एक बार फिर से खुद को आईने में देखती है अपने बाल संवारती है और मेकअप ठीक करती है | फिर वो अपना पर्स उठाती है और टेबल से कार की कीज़ लेती है |
"हुं...... कैसी लग रही हूँ" सलोनी राहुल के सामने जाकर खड़ी हो जाती है |
"बहुत खूबसूरत ...... मम्मी आप सच में बहुत सुंदर हो" | राहुल मन्त्रमुग्ध सा बोलता है |
"खूबसूरत..... सुंदर ......... यह क्या तारीफ हुई भला.......... जैसे कोई बाप अपनी बेटी को बोलता है.... अरे थोड़ा सा खुलकर बता ना ....... कैसे लग रही हूँ?" सलोनी का स्वर इतना उत्तेजित और मादक था कि राहुल का लौड़ा पेंट फाड़ने पर तूल गया |
"जबरदस्त........आप बहुत......बहुत...........बहुत......अच्छी दिख रही हो....मुझे नही मालूम मम्मी" राहुल वहाँ से हटने की कोशिश करता है | मगर सलोनी उसके कंधो पर हाथ रखके उसे वहीं रोक लेती है |
"अरे बेवकूफ़ अगर तुझसे तेरी गर्लफ्रेंड पूछेगी तो ऐसा बोलेगा क्या ..... क्या बोलेगा तू! बहुत सुंदर हो! बहुत खूबसूरत हो! बहुत अच्छी दिखती हो! ....... वो यकीन ही नही करेगी और शायद उसे इन शब्दो की समझ ही नही लगेगी"
"मुझे नही मालूम क्या बोलना है .... मेरी कौनसी कोई गर्लफ्रेंड है?" राहुल खीझता हुआ बोलता है |
"इसीलिए तो तुझे बता रही हूँ......... अगर तुझसे तेरी गर्लफ्रेंड पूछेगी तो नही बोलेगा कि वो बहुत सेक्सी दिखती है ........ ऐसा कुछ नही बोलेगा?" राहुल हूँ में सर हिलाता है | "हुं ........ आजकल लड़कियों से औरतें सब तारीफ में यही सुनना चाहती हैं .... अब बोल क्या बोलेगा" सलोनी उसके कंधो को अपने हाथो में दबाकर बोलती है |
"मम्मी आप बहुत सेक्सी दिखती हो" राहुल धीमे से कहकर सर झुका लेता है | सलोनी ज़ोरों से हँसने लग जाती है | वो उसके कंधो से हाथ हटाकर अपना मुँह ढक लेती है | उसका पूरा बदन कांप रहा था | वो बेड पर बैठ जाती है | वो कई बार हँसी रोकती है मगर फिर से हँसने लगती है | राहुल को समझ नही आ रहा था वो क्या करे, आख़िर उसकी मम्मी उससे चाहती क्या थी | वो कुछ शर्मिंदा सा खड़ा था |
आख़िरकार सलोनी की हँसी बंद होती है और वो फिर से राहुल के सामने खड़ी हो जाती है | उसके झुके सर को अपने हाथ से उपर उठाती है | राहुल अपनी मम्मी की और देख रहा था | अभी भी सलोनी के चेहरे पर हँसी थी | उसका चेहरा हँसी से कुछ लाल हो गया था और आँखो में कुछ पानी आ गया था | एक तरफ़ तो राहुल कुछ खीझा हुआ था वहीं अपनी मम्मी के हंसते चेहरे को देख वो अंदर से मुस्करा उठा | कितनी सुंदर है वो, किसी परी की तरह वो सोच रहा था और हँसते हुए तो एकदम किसी मलिका के जैसे लगती थी |
राहुल की नज़र जब सलोनी के नितंबो पर जाती है ओह 'उफफफफफफफ्फ़' उसका लौड़ा और भी ज़ोर से झटके मारने लग जाता है | सलोनी की कच्छी बहुत टाइट थी | इतनी टाइट कि उसके दोनो नितंबो पर चमड़ी की तरह चिपकी हुई थी | उसके दोनो नितंब उनकी गोलाई, मोटाई सब कुछ सामने से नज़र आ रहा था | कच्छी पर कोई बल कोई सिलवट नही थी मगर राहुल इस मौके को हाथ से कैसे जाने देता | वो सलोनी के दोनो नितंबो पर अपने हाथ रख उन्हे बड़े प्यार से सहलाता है | वो कच्छी को ठीक करने के बहाने सलोनी के नितंबो को मसलता है उसकी गांड की गहराई में अपना हाथ घुसाता है |
"देखना एकदम सही हो जाए.... अच्छे से करना बेटा......" सलोनी मादक स्वर में धीमे से बोलती है |
राहुल को भी कोई जल्दबाजी नही थी | वो भी कच्छी की सिलवटे निकालने के बहाने उसके नितंबो को अपने अंगूठे और उंलगी में भर मसलता | कई बार सलोनी 'सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईई' की आवाज़ के साथ तीखी सिसकी लेती | आख़िरकार राहुल अपनी मम्मी की गांड को सहलाते उसकी मादक खुशबू लेते रुक गया | उसे डर था कहीं इतना ज़्यादा समय लगाने पर सलोनी उसे फिर से छेड़ने ना लगे |
"हुं अब ठीक है" सलोनी अपने बेटे के सामने घूमती है | वो फिर से आईने के सामने जाकर अपना शिंगार पूरा करने लग जाती है | आईने में से राहुल को देखती जो अपना लौड़ा मसल रहा था वो मुस्करा रही थी |
"अब मैं कपड़े कोन से पहनू? साड़ी जा फिर चूड़ीदार?" सलोनी मेकअप के बाद सीट से उठती राहुल से पूछती है |
"जो आपको अच्छा लगे पहन लीजिए" राहुल को समझ नही आया वो क्या कहे |
"तो तुम्हारी कोई पसंद नही है? अपनी मम्मी की इतनी सी भी हेल्प नही कर सकते?" सलोनी झूठ मूठ की नाराज़गी जाहिर करती है |
"अब म्म्मी मैं क्या कहूँ......आप साड़ी पहन लीजिए"
"हुं साड़ी ठीक है... मगर बेटा सब्ज़ी मंडी जाना है बहुत भीड़ और गर्मी होगी, साड़ी में कैसे जाऊँगी?" सलोनी राहुल की पेंट में बने टेंट को देखते पूछती है |
"तो फिर चूड़ीदार पहन लीजिए.......अगर आपको गर्मी का डर है तो.......आप कुर्ता डाल लीजिए"
"हाँ ....... बिल्कुल ठीक कहा तुमने कुर्ता डाल लेती हूँ.... गर्मी में आराम रहेगा और अंदर हवा भी लगती रहेगी ..... अब तुमने इतनी टाइट ब्रा और कच्छी पहना दी है और कुछ डालूंगी तो गर्मी से मर ही जायूंगी" सलोनी कुर्ता और उसके साथ एक जीन्स निकालती है | उन्हे बेड पर फेंक वो अपनी बाहें सामने को फैला देती है | राहुल कुछ समझ नही पाता |
"अरे बुद्धू अब क्या हर बार बोलकर समझना पड़ेगा ........ पहनायो" सलोनी तीखे स्वर में बोलती है तो राहुल फटाफट उसका कुर्ता उठाकर उसे पहनाने लगता है |
आख़िरकार राहुल की इतनी मेहनत के बाद सलोनी अब कपड़े पहन ही चुकी थी | वो एक बार फिर से खुद को आईने में देखती है अपने बाल संवारती है और मेकअप ठीक करती है | फिर वो अपना पर्स उठाती है और टेबल से कार की कीज़ लेती है |
"हुं...... कैसी लग रही हूँ" सलोनी राहुल के सामने जाकर खड़ी हो जाती है |
"बहुत खूबसूरत ...... मम्मी आप सच में बहुत सुंदर हो" | राहुल मन्त्रमुग्ध सा बोलता है |
"खूबसूरत..... सुंदर ......... यह क्या तारीफ हुई भला.......... जैसे कोई बाप अपनी बेटी को बोलता है.... अरे थोड़ा सा खुलकर बता ना ....... कैसे लग रही हूँ?" सलोनी का स्वर इतना उत्तेजित और मादक था कि राहुल का लौड़ा पेंट फाड़ने पर तूल गया |
"जबरदस्त........आप बहुत......बहुत...........बहुत......अच्छी दिख रही हो....मुझे नही मालूम मम्मी" राहुल वहाँ से हटने की कोशिश करता है | मगर सलोनी उसके कंधो पर हाथ रखके उसे वहीं रोक लेती है |
"अरे बेवकूफ़ अगर तुझसे तेरी गर्लफ्रेंड पूछेगी तो ऐसा बोलेगा क्या ..... क्या बोलेगा तू! बहुत सुंदर हो! बहुत खूबसूरत हो! बहुत अच्छी दिखती हो! ....... वो यकीन ही नही करेगी और शायद उसे इन शब्दो की समझ ही नही लगेगी"
"मुझे नही मालूम क्या बोलना है .... मेरी कौनसी कोई गर्लफ्रेंड है?" राहुल खीझता हुआ बोलता है |
"इसीलिए तो तुझे बता रही हूँ......... अगर तुझसे तेरी गर्लफ्रेंड पूछेगी तो नही बोलेगा कि वो बहुत सेक्सी दिखती है ........ ऐसा कुछ नही बोलेगा?" राहुल हूँ में सर हिलाता है | "हुं ........ आजकल लड़कियों से औरतें सब तारीफ में यही सुनना चाहती हैं .... अब बोल क्या बोलेगा" सलोनी उसके कंधो को अपने हाथो में दबाकर बोलती है |
"मम्मी आप बहुत सेक्सी दिखती हो" राहुल धीमे से कहकर सर झुका लेता है | सलोनी ज़ोरों से हँसने लग जाती है | वो उसके कंधो से हाथ हटाकर अपना मुँह ढक लेती है | उसका पूरा बदन कांप रहा था | वो बेड पर बैठ जाती है | वो कई बार हँसी रोकती है मगर फिर से हँसने लगती है | राहुल को समझ नही आ रहा था वो क्या करे, आख़िर उसकी मम्मी उससे चाहती क्या थी | वो कुछ शर्मिंदा सा खड़ा था |
आख़िरकार सलोनी की हँसी बंद होती है और वो फिर से राहुल के सामने खड़ी हो जाती है | उसके झुके सर को अपने हाथ से उपर उठाती है | राहुल अपनी मम्मी की और देख रहा था | अभी भी सलोनी के चेहरे पर हँसी थी | उसका चेहरा हँसी से कुछ लाल हो गया था और आँखो में कुछ पानी आ गया था | एक तरफ़ तो राहुल कुछ खीझा हुआ था वहीं अपनी मम्मी के हंसते चेहरे को देख वो अंदर से मुस्करा उठा | कितनी सुंदर है वो, किसी परी की तरह वो सोच रहा था और हँसते हुए तो एकदम किसी मलिका के जैसे लगती थी |