Mastaram Stories हवस के गुलाम - Page 13 - SexBaba
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Mastaram Stories हवस के गुलाम

अंजलि सलीम के लंड की ओर देखती है तो उसे अपनी लिपस्टिक सलीम के लंड के चारों ओर दिखती है. वो भी उसके आधे से कम लंड पर थी. जिसका मतलब सॉफ था कि अंजलि ने अभी तक सलीम का आधा लंड भी मूह मे नहीं लिया था कि उसका जबड़ा दुखने लगा. अंजलि सलीम के जंग-बहादुर को देख कर यही सोच रही थी कि वो इसे चूत में कैसे ले पाए गी. इसे तो मूह में भी नहीं ले पा रही हूँ ठीक से..

सलीम एक बार फिर से अंजलि के पास जाकर अंजलि के मूह के पास अपना लंड करता है कि. अंजलि अपना मूह दूसरी ओर कर लेती है..
सलीम: देखो अंजलि इस वक़्त में बिल्कुल भी खेलने के मूड मे नहीं हूँ. फटाफट इसे ठंडा करो नहीं तो..

अंजलि सलीम की बात को बीच मे काट कर..
अंजलि: मुझसे नहीं होगा. ये मेरे मूह में नहीं जाएगा सलीम चाचा. आपका बहुत बड़ा है. आप समझते क्यूँ नहीं.

सलीम: अगर तू मूह मे नहीं लेगी तो फिर इसे चूत में डाल देता हूँ. वैसे भी अभी नहीं तो 10-15 मिनिट मे तो डालना है ही..

अंजलि: डर कर पीछे हो जाती है …. नहीं नहीं बिल्कुल भी नहीं सलीम चाचा में इसे नहीं ले पाउन्गि मुझे माफ़ करदो. आप समझने की कोशिश करो. आपका ये बहुत बड़ा है.

चटाअक्ककककककक…… सलीम एक ज़ोर दार झापड़ अंजलि के गाल पर जड़ देता है.

सलीम: साली तेरे को कब से प्यार से समझा रहा हूँ लेकिन तेरे को समझ ही नहीं आता. बेहन की लोडी नाटक किए जा रही है..चल मूह खोल चुप चाप और इस बार नाटक किया ना तो मूह में नहीं गान्ड मे डाल दूँगा समझी.

अंजलि सलीम के चान्टे से बोखला जाती है. चान्टा भी धीरे से नहीं था सलीम की उंगलियाँ अंजलि के गालों पर देखी जा सकती थी.
अंजलि की आँखों मे आँसू आजाते है.. अंजलि रोते हुए..
अंजलि: मुझसे नहीं होगा चाचा. मुझे माफ़ करदो..

सलीम की आँखें इस वक़्त बुरी तरह से लाल हो चुकी थी. सलीम पर अंजलि के आँसुओं का कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.उसे तो बस किसी भी तरह अपनी हवस शांत करनी थी. सलीम आगे बढ़ता है और अंजलि के बालों को पकड़ कर बोलता है मूह खोल अपना नहीं तो...

अंजलि सलीम से बुरी तरह से डरी हुई थी उपर से जब अंजलि सलीम की आँखों को देखती है तो उसे और भी ज़्यादा डर लगने लगता है. उसे लगा कि वो चीख कर सबको यहाँ बुला ले तो शायद वो बच पाए. लेकिन अगले ही पल उसकी नज़र अपने बेड के पास लगे आईने पर जाती है. जिसमे वो एक बुड्ढे के साथ एक दम नंगी बैठी हुई नज़र आती है. और फिर उसकी नज़र बिस्तर पर जाती है जिसकी बेड शीट पर जगह-जगह उसकी चूत के पानी के धब्बे देखे जा सकते थे. तो अंजलि ने ये विचार तो अपने मन से निकाल ही दिया.
 
अभी अंजलि ख्यालों मे ही थी कि सलीम ने थोड़ा ज़ोर लगा कर अंजलि के बाल खींचे और फिर बोला.

सलीम: चल मूह खोल बेहन की लोडी में और नहीं रुक सकता….

अंजलि: धीरे-धीरे अपना मूह खोल देती है और सलीम एक बार फिर से अपना लंड अंजलि के मूह मे डाल देता है..
सलीम: चल अब आराम से लंड चूस.. और अगर इस बार तेरे दाँत लगे ना तो तेरी माँ चोद दूँगा..

अंजलि की आँखों मे आँसू थे और वो धीरे –धीरे सलीम का लंड चूसने लगती है. अभी थोड़ी ही देर हुई थी कि सलीम अपनी कमर हल्के-हल्के हिलाते हुए बीच-बीच मे ज़ोर से धक्का मार देता जिस से सलीम का इंच-आधा इंच लंड अंजलि के मूह मे धीरे-धीरे जाने लगा. यूँ ही धीरे-धीरे अंजलि के मूह में सलीम ने 5-5.5 इंच लंड डाल दिया. और अंजलि सलीम के चान्टे के डर से पूरा ज़ोर लगा कर सलीम का लंड अपने बिना दाँत टच किए मूह मे लेने की कोशिश कर रही थी. सलीम का लंड अंजलि के थूक से गीला हो कर चमक रहा था.

सलीम अंजलि के सर पर प्यार से हाथ फिराते हुए बोलता है. देख अगर में तेरे साथ सख्ती से पेश नहीं आता तो तू ये नहीं कर पाती. तू मेरा लंड ठीक से मूह में भी नहीं ले पा रही थी लेकिन अब तेरे मूह मे मेरा आधे से ज़्यादा लंड घुसा हुआ है.

अंजलि सलीम की बात सुनकर एक बार फिर से नज़रें घुमा कर आईने मे देखती है कि सच मे सलीम ठीक कह रहा है. इस वक़्त अंजलि के मूह मे सलीम का आधे से ज़्यादा लंड था.

तभी सलीम अंजलि का सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से 2-3 धक्के मारता है कि अंजलि की आँखें बाहर आने को हो जाती है… सलीम अंजलि का ध्यान भटका कर पूरे ज़ोर से अपने लंड को अंजलि के मूह मे धकेल रहा था.

सलीम के लंड का सुपाडा अंजलि के गले मे उसके हलक को अंदर तक ठोकर मार रहा था. और अंजलि को साँस लेने में दिक्कत आ रही थी. और अंजलि का जबड़ा बुरी तरह से खिंचा हुआ था. पूरा खुला हुआ.

सलीम अंजलि के मूह में अपना लंड डाल कर उसके मूह की चुदाई कर रहा था. कुछ 2-3 मिनिट बाद सलीम अपना लंड अंजलि के मूह से बाहर निकल लेता है. सलीम के लंड बाहर निकलते ही अंजलि बुरी तरह से खांसने लगती है.

अंजलि: खुउऊँ ओक्क खूओकन खून्म हन्‍ंनननणणन्(ज़ोर से साँस लेती है)
अंजलि की आँखों से आँसू बह रहे थे. उसका पूरा काजल चारों ओर उसके आँसुओ से बह कर उसके चेहरे पर फेल गया था.

अंजलि अपनी साँसे दुरुस्त करने मे लगी थी कि सलीम एक बार फिरसे अपना लंड अंजलि के मूह मे डाल देता है और फिर से अंजलि के मुँह को चोद ने लगता है. अब अंजलि भी धीरे-धीरे सलीम के लंड को लेने की कोशिश कर रही थी. वैसे भी इसके सिवा अंजलि के पास दूसरा कोई रास्ता भी नही था. अंजलि के गले मे जब सलीम के लंड का सुपाडा चोट करता तो अंजलि मचलने लगती है. अंजलि को ऐसा महसूस होने लगता है कि वो अभी उल्टी कर देगी. लेकिन सलीम बेरहमी से उसके मूह को चोदे जा रहा था. जब सलीम को लगा कि उसका लंड और ज़्यादा अकड़ रहा है, दर्द कर रहा है तो उसने अपना लंड बाहर निकाल कर अंजलि को तुरंत अपनी बाहों मे उठा लेता है. अंजलि अभी अपनी साँसों को फिर से दुरुस्त करने मे लगी थी कि सलीम अंजलि को फिरसे बेड पर पटक देता है और अंजलि की टाँगो को खोल कर उनके बीच में आजाता है..

जैसे ही सलीम अंजलि की टांगे खोलता है. अंजलि की गान्ड फट जाती है. सलीम अपने काले भुजंग को लेकर अंजलि की गोरी चिकनी टाँगो के बीच मे. जहाँ सलीम एक बार अपने लंड को अंजलि के चूत के मूह पर रखता है तो अंजलि की पूरी चूत सलीम के लंड के सुपाडे के पीछे छिप जाती है.

 
अंजलि अपनी साँसे दुरुस्त करने मे लगी थी कि सलीम एक बार फिरसे अपना लंड अंजलि के मूह मे डाल देता है और फिर से अंजलि के मुँह को चोद ने लगता है. अब अंजलि भी धीरे-धीरे सलीम के लंड को लेने की कोशिश कर रही थी. वैसे भी इसके सिवा अंजलि के पास दूसरा कोई रास्ता भी नही था. अंजलि के गले मे जब सलीम के लंड का सुपाडा चोट करता तो अंजलि मचलने लगती है. अंजलि को ऐसा महसूस होने लगता है कि वो अभी उल्टी कर देगी. लेकिन सलीम बेरहमी से उसके मूह को चोदे जा रहा था. जब सलीम को लगा कि उसका लंड और ज़्यादा अकड़ रहा है, दर्द कर रहा है तो उसने अपना लंड बाहर निकाल कर अंजलि को तुरंत अपनी बाहों मे उठा लेता है. अंजलि अभी अपनी साँसों को फिर से दुरुस्त करने मे लगी थी कि सलीम अंजलि को फिरसे बेड पर पटक देता है और अंजलि की टाँगो को खोल कर उनके बीच में आजाता है..

जैसे ही सलीम अंजलि की टांगे खोलता है. अंजलि की गान्ड फट जाती है. सलीम अपने काले भुजंग को लेकर अंजलि की गोरी चिकनी टाँगो के बीच मे. जहाँ सलीम एक बार अपने लंड को अंजलि के चूत के मूह पर रखता है तो अंजलि की पूरी चूत सलीम के लंड के सुपाडे के पीछे छिप जाती है.

अंजलि: नो….. नहीं नहीं.. प्लीज़ चाचा जो आपने कहा मेने किया ना.. प्लीज़ ये मत करो.. में आपका हाथ से कर देती हूँ.

सलीम: हाथ से क्या कर देगी तू..?

अंजलि: चाचा प्लीज़ ,मेने आपकी सारी बात मानी आप मेरी एक बात मान लीजिए..

सलीम: क्यूँ मान लूँ..? तू मेरी बात मानी क्या..?

अंजलि : आपकी सारी बात तो कब्से मान रही हूँ.

सलीम: तो तू तैयार है तेरी ननदों को मुझसे चुदवाने के लिए..?

अंजलि: लगभग चिल्लाते हुए.. चाचा…

सलीम: तो ठीक है ना तू नहीं करती मुझसे प्यार..

अंजलि: अब इसमे प्यार की बात कहाँ से आ गई..

सलीम: तो और क्या कहूँ. ना तो तू खुद चुदवाती है ना तेरी नंदों को चोदने देती है..

अंजलि: चाचा वो अभी बच्ची है दोनो. मेरी ही ये हालत हो गयी तो उनकी तो फट ही जाएगी..

अंजलि ऐसा बोलकर शरमाने लगती है.. और फिर से अपनी बात मे सुधार करते हुए बोलती है..
अंजलि: मेरा मतलब है कि अभी उन दोनो मे से किसी की भी शादी नहीं हुई है. दोनो कुँवारी है. आप तो जानते है सब. उनकी ज़िंदगी खराब हो जायगी.

सलीम अंजलि को बातों मे उलझा कर अपना लंड अंजलि की चूत पर सेट कर चुका था.

अंजलि इन सब से बेख़बर अपनी नंदों को बचाने मे लगी थी. तभी सलीम अंजलि की ओर देख कर बोलता है.

सलीम: अंजलि….

अंजलि बोलते-बोलते रुक जाती है और सलीम की ओर देखने लगती है..????

सलीम: आइ लव यू जान.. ऐसा बोल कर सलीम अपनी बत्तीसी निकाल कर अंजलि की ओर मुस्कुरा देता है. अंजलि अभी सलीम की मुस्कुराहट को ठीक से समझ भी नहीं पाई थी कि सलीम अपने लंड के सुपाडे को ज़ोर लगा कर अंजलि की चूत पर दबाने लगता है लेकिन. सलीम का सुपाडा बहुत मोटा था.. अंजलि की चूत में इतनी आसानी से कैसे घुसता. उपर से अंजलि और सलीम दोनो नशे में थे. फिर भी सलीम को कुछ याद आता है और वो शराब का ग्लास लेने के लिए एक बार अंजलि की टाँगो के बीच से निकल जाता है..
 
सलीम: आइ लव यू जान.. ऐसा बोल कर सलीम अपनी बत्तीसी निकाल कर अंजलि की ओर मुस्कुरा देता है. अंजलि अभी सलीम की मुस्कुराहट को ठीक से समझ भी नहीं पाई थी कि सलीम अपने लंड के सुपाडे को ज़ोर लगा कर अंजलि की चूत पर दबाने लगता है लेकिन. सलीम का सुपाडा बहुत मोटा था.. अंजलि की चूत में इतनी आसानी से कैसे घुसता. उपर से अंजलि और सलीम दोनो नशे में थे. फिर भी सलीम को कुछ याद आता है और वो शराब का ग्लास लेने के लिए एक बार अंजलि की टाँगो के बीच से निकल जाता है..

अंजलि इस का फ़ायदा उठा कर अपनी दोनो टाँगो को समेट लेती है.. लेकिन अंजलि कुछ और कर पाती इस से पहले सलीम एक बार फिर से अंजलि के पास पहुँच जाता है.. सलीम अंजलि को घूर कर देखता है..

सलीम: मादर चोद.. फिरसे नाटक ?

सलीम अपनी थप्पड़ वाला हाथ उठा ता है कि अंजलि अपना रोने वाला मूह बना कर सलीम की ओर देखने लगती है..

सलीम: टांगे खोल दे..चुप चाप वरना फिर से झापड़ पड़ेगा ना तो मुझसे मत कहना.

अंजलि: प्लीज़ मत मारो मुझे,..

सलीम: में भी कहाँ तुझे मारना चाहता हूँ,, मुझे भी ये सब पसंद नहीं है. लेकिन में तेरी मारना चाहता हूँ मुझे यही पसंद है.. और तू मुझे चुप चाप मार लेने दे

अंजलि सलीम की ओर देखती है..

अंजलि की आँखों से आँसू बहने लगते है.. जब सब कुछ आजमा कर अंजलि हार जाती है तो अपनी टांगे आख़िर में खोल देती है और सलीम पर आख़िरी वार करते हुए बोलती है..

अंजलि: लो जो चाहते हो वो कर दिया.. अब जो करना है कर लो.. बस इसे प्यार का नाम मत देना. तुम्हे मुझसे सिर्फ़ यही चाहिए था ना.

सलीम: बड़ी बेपरवाही से अंजलि की ओर देखता है और अंजलि को फिरसे अपनी बत्तीसी दिखाते हुए बेशर्मो की तरह बोलता है..
सलीम: ठीक है.. (कंधे उचकाते हुए)

अंजलि: सलीम की ओर बड़ी बड़ी आँखें निकाल कर देखने लगती है और मन ही मन सोचती है कैसा आदमी है एमोशनल भी नहीं हुआ…

तभी .................
 
अंजलि: सलीम की ओर बड़ी बड़ी आँखें निकाल कर देखने लगती है और मन ही मन सोचती है कैसा आदमी है एमोशनल भी नहीं हुआ…

तभी सलीम जो शराब का ग्लास लाया था उसे अंजलि की चूत पर गिरा देता है. और अंजलि की चूत चाटने लगता है.. कुछ 2-3 मिनिट मे फिर से अंजलि गरम हो जाती है और उसकी चूत अंदर तक गीली हो जाती है. इस दौरान अंजलि खूब कोशिश करती है कि वो सलीम का मूह अपनी चूत पर से हटा दे. लेकिन अंजलि के हाथ आज सिर्फ़ नाकामी ही लगनी थी.

सलीम: जान अब चुदाइ शुरू करें..?

अंजलि सलीम की और नहीं देख कर दूसरी और मूह कर लेती है..लेकिन सलीम को इस बात से कुछ भी फ़र्क नहीं पड़ता.

सलीम एक बार फिर से खड़ा होकर अंजलि की चूत के मूह पर अपने लंड का सुपाडा लगाता है.. फिर अपने मूह में ढेर सारा थूक इकट्ठा करके अंजलि की चूत पर गिरा कर अपने लंड को उसकी चूत के उपर घिस ने लगता है.. जब सलीम को लगता है कि उसका लंड पूरी तरह से थूक मे चिकना हो गया और अंजलि की चूत भी गीली लगने लगती है तो सलीम अपने लंड के सुपाडे को अंजलि की चूत के मूह पर रख कर धीरे-धीरे दबाव डालने लगता है और अंजलि खुद को आने वाले दर्द के लिए तैयार करने मे लग जाती है. लेकिन अंजलि दर्द से अपनी कमर इधर उधर करने लगती है.. जिस से सलीम का लंड बार बार फिसल कर अंजलि की चूत मे जाने की बजाय अंजलि की चूत के उपर चला जाता. इस सब मे अंजलि को भी ठरक चढ़ने लगती है. क्यूँ कि एक तो अंजलि पर व्याग्रा का असर था उपर से जब सलीम का लंड फिसलता तो वो अंजलि की चूत के दाने को छेड़ता रगड़ता हुआ उपर जाता. अंजलि मज़े से पागल होती हुई अपनी टांगे थोड़ी सी और खोल दी.

बस सलीम को यही चाहिए था.. अंजलि की चूत का जो थोड़ा सा मूह ड्यू ने अपने नॉर्मल लोड्‍े से खोला था सलीम अपने लंड के सुपाडे को उस छेद के थोड़ा नीचे की ओर अपना लंड रख कर धक्का मारता है.. अंजलि इस बार भी हर बार की तारह अपनी कमर उपर कर देती है लेकिन इस बार सलीम ने धक्का नहीं मारा और अंजलि ने सलीम के धक्के से पहले ही अपनी कमर उपर उठा दी.. बस सलीम इसी मोके के इंतजार मे था. सलीम ने बिना वक़्त गवाए अपनी कमर को एक ज़ोर दार धक्का मारा. और सलीम का सुपाडा अंजलि की चूत को खोलते हुए अंजलि की चूत मे घुस गया.. अंजलि का मूह बुरी तरह से खुल गया. अंजलि की आँखें बाहर आने को हो गयी.. अंजलि को ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसकी चूत को ज़बरदस्ती खींच कर फाड़ रहा हो. अंजलि की चूत की दीवारे बुरी तरह से खींची हुई महसूस हो रही थी.

अंजलि चीखना चाहती थी लेकिन सलीम ने अपना हाथ अंजलि के मूह पर रख कर अंजलि की चीख को वही रोक दिया.. अंजलि के मूह से सिर्फ़ ह्म ह्म की आवाज़ आरहि थी. सलीम एक पल भी गवाए बिना एक और जोरदार धक्का जड़ देता है.. और सलीम का 2.5-3 इंच लंड अंजलि की चूत में घुस जाता है..

अंजलि बुरी तारह से तड़पने लगती है.. अंजलि ऐसे तड़प रही थी जैसे जल बिन मछली.. अंजलि की चूत से खून निकल रहा था. अंजलि की दोनो आँखें आँसुओं की बाढ़ ला रही थी.. सलीम को ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसके लंड को अपनी मुट्ठी में बहुत टाइट पकड़ रखा हो. सलीम को भी अपने लंड मे दर्द महसूस हो रहा था.

सलीम अभी उसी हालत में रुक जाता है है और अंजलि को पूरी तरह से शांत होने का मोका देता है..

अंजलि रोते हुए ह्म ह्म की आवाज़ निकाल रही थी.. अंजलि अपने नाखुनो से सलीम की बाजू को स्क्रॅच कर रही थी. यहाँ तक कि सलीम के कंधो से उसकी कोहनी तक अंजलि ने 3-4 ऐसे स्क्रॅच मार दिए थे कि सलीम की बाजू से खून निकलने लगा था..

सलीम थोड़ा सा अंजलि के उपर झुक कर अंजलि की आँखों मे देखते हुए..

सलीम: बस जान तुम्हे जो दर्द होना था वो हो गया अब नहीं हो गा.. देखो आज तुम सही मायनो मे औरत बनी हो.. सलीम अंजलि की चूत पर हाथ लगा कर अंजलि के सामने लाता है और अंजलि को दिखाता है..

अंजलि सलीम के हाथों मे खून देखती है. अंजलि खून देख कर डर जाती है
 
सलीम: बस जान तुम्हे जो दर्द होना था वो हो गया अब नहीं हो गा.. देखो आज तुम सही मायनो मे औरत बनी हो.. सलीम अंजलि की चूत पर हाथ लगा कर अंजलि के सामने लाता है और अंजलि को दिखाता है..

अंजलि सलीम के हाथों मे खून देखती है. अंजलि खून देख कर डर जाती है

सलीम: डरो मत जान. ये तो मेने आज तुम्हारी सील तोड़ी है.. उसका सबूत है. अब तुम पक्का माँ बन पाओगि. आज तुम सही मायने मे कली से फूल बनी हो.

सलीम इतना बोलकर एक बार फिरसे अपनी बत्तीसी दिखा देता है.

अंजलि को बेहद दर्द हो रहा था लेकिन सलीम की बातों को सुन कर अंजलि बुरी तरह से शरमा जाती है.

सलीम अंजलि को शरमाते देख अंजलि के होंठों की ओर बढ़ने लगता है और बड़े प्यार से अंजलि के होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लेता है.. अंजलि को इस वक़्त सलीम का इतना रोमॅंटिक होना बहुत अच्छा लग रहा था क्यूँ कि इस वक़्त अंजलि दर्द मे थी और सलीम का ये किस उसे दर्द से उभरने मे मदद कर रहा था.

अभी अंजलि दर्द से पूरी तरह से उभर भी नहीं पाई थी कि सलीम अपना लंड हल्के से बाहर खींचने लगता है..

सलीम के ऐसा करते ही अंजलि को दर्द होता है. अंजलि सलीम को रोकने के लिए किस तोड़ने की कोशिश करती है लेकिन सलीम अंजलि के होंठो को नही छोड़ता . ऐसे मे अंजलि सलीम को रोकने के लिए अपने दोनो पैरों को उठा कर सलीम की कमर के दोनो तरफ से जकड कर अंदर की ओर खींचने लगती है ताकि सलीम उपर उठ कर लंड बाहर ना निकाले और उसे दर्द ना हो.. लेकिन सलीम ज़ोर लगा कर अपनी कमर को पीछे की ओर खींचता है जिस से सलीम का लंड सुपडे तक बाहर आ जाता है और फिर सलीम अपनी कमर एक दम से ढीली छोड़ देता है जिससे अंजलि सलीम की कमर को अपनी ओर खींच रही थी तो सलीम का लंड एक बार फिर से अंदर चला जाता है. सलीम फिर से अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल देता है और अंजलि उसे रोकने के चक्कर मे फिरसे सलीम का लंड चूत मे ले लेती है.. जैसे जैसे सलीम का लंड अंदर बाहर होता है वैसे वैसे अंजलि की सिसकारिया निकलना शुरू हो जाती है.

अंजलि को बेतहाशा दर्द हो रहा था, अंजलि बुरी तरह से फडफडा रही थी. कि सलीम ने अंजलि का किस तोड़ दिया. किस तोड़ते ही अंजलि फफक के रो पड़ती है. अंजलि की आँखों से आँसू बह रहे थे. अंजलि सलीम से रिक्वेस्ट करते हुए बोलती है..

अंजलि: प्लीज़ चाचा रुक जाओ. आहम्‍म्म बहुत दर…द हो रहा है.. प्ल.. प्लीज़..

सलीम पर जैसे अंजलि की चीख चीत्कार का कोई असर ही नहीं हो रहा था. सलीम एक पल को अपने लंड को बहुत ज़्यादा कसा-कसा महसूस करके थोड़ा सा धीरे होता है लेकिन अगले ही पल सलीम को कुछ याद आजाता है और वो पूरा दम लगा कर अचानक से धक्का मार देता है..

अंजलि सलीम को रोकने की खूब कोशिश कर रही थी लेकिन सलीम अंजलि की कोई बात नहीं सुन रहा था.

करीब 5-7 मिनिट की दर्द भरी चुदाई के बाद अंजलि की चूत सलीम के लंड को स्वीकारने लगती है. लेकिन दर्द तो अंजलि को अब भी हो रहा था. अंजलि का गला जैसे बैठ गया हो ऐसे उसके मूह से सिसकारियाँ और दर्द भरी आह निकल रही थी. अंजलि का सारा शराब का नशा इस दर्द भरी चुदाई से काफूर हो चुका था. व्याग्रा का असर भी अब काफ़ी हद तक कम हो चुका था. दरअसल अंजलि के दर्द के सामने नशे की मात्रा कम पड़ गयी.

अंजलि: चाचा.. प्लीज़ धीरे करो. मुझे सच्ची बहुत दर्द हो रहा है..
 
सलीम: क्या खाक धीरे-धीरे करूँ. तेरे उस नामर्द पति से तेरी सील भी ढंग से नहीं तोड़ी गयी. सारी मेहनत तो मुझे करनी पड़ रही है. उपर से बहन्चोद तेरी ये चूत मेरे लंड को कस कर पकड़ रखी है मुझे भी दर्द हो रहा है और तू ये क्या धीरे-धीरे करो लगा रखी. है

अंजलि सलीम की ओर देखती है.

अंजलि: आप मेरे पति के बारे में कुछ नहीं बोलेंगे आप.. आआअहह अंजलि बोल ही रही थी कि सलीम ज़ोर से धक्का मार देता है और अंजलि की फिर से चीख निकल जाती है.

सलीम: तेरे को ना ज़्यादा दिमाग़ नहीं लगाना चाहिए. क्या मेरा पति मेरा पति. वो बहन्चोद इतना ही अच्छा है तो मेरे नीचे क्या लेने आई है. बहनचोद रंडी सतीसावित्री बन रही..

अंजलि आँखों में आँसू लिए सलीम को गुस्से से देख रही थी. अंजलि यही सोच रही थी कि जो आदमी कुछ दिनो पहले तक ये बोल रहा था कि वो मुझसे प्यार करता है आज उसे मेरी तकलीफ़ और दर्द से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा.

तभी सलीम सोचता है कि अंजलि को अपने वश में करने पर ही मेरा काम हो सकता है. इसलिए सलीम कुछ सोच कर अंजलि को ख्यालों की दुनिया से वास्तविकता में में लाते हुए पूछता है.

सलीम: तू एक बात बता ये क्या लगा रखा है धीरे करो धीरे करो. इसका नाम नहीं है क्या..

अंजलि कुछ भी नहीं बोलती..
 
अंजलि आँखों में आँसू लिए सलीम को गुस्से से देख रही थी. अंजलि यही सोच रही थी कि जो आदमी कुछ दिनो पहले तक ये बोल रहा था कि वो मुझसे प्यार करता है आज उसे मेरी तकलीफ़ और दर्द से कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा.

तभी सलीम सोचता है कि अंजलि को अपने वश में करने पर ही मेरा काम हो सकता है. इसलिए सलीम कुछ सोच कर अंजलि को ख्यालों की दुनिया से वास्तविकता में में लाते हुए पूछता है.

सलीम: तू एक बात बता ये क्या लगा रखा है धीरे करो धीरे करो. इसका नाम नहीं है क्या..

अंजलि कुछ भी नहीं बोलती..

सलीम अंजलि को खामोश देख कर ज़ोर-ज़ोर से 3-4 बार अपना मूसल लंड अंजलि की चूत में पेल देता है.

अंजलि बिस्तर पर से अपनी पीठ उपर उठा कर सलीम की ओर उठ जाती है है और गहरी साँस लेते हुए दर्द से चीख पड़ती है… अयाया हा एम्म्म अया

सलीम: चुप क्यूँ है रंडी हम क्या कर रहे है इसका नाम नहीं है क्या कोई..

अंजलि का सलीम के मूह से रंडी शब्द सुन कर होश उड़ जाते है. वो एक टक सलीम की ओर देखने लगती है..

सलीम: लगता है तुझे दर्द लेने में और चूत देने मे बड़ा मज़ा आता है.

सलीम इतना बोलकर अंजलि की चूत की ठुकाइ फिर से दम लगा कर करने लगता है.

अंजलि सलीम के लंड को नोन-स्टॉप चूत में अंदर बाहर होते फील करती है. उसकी चूत सलीम के लंड से फट चुकी थी. जिस कारण से जब भी सलीम का लंड अंजलि की चूत मे जाता तो ज़्यादा जलन करते हुए जाता. जिस से अंजलि बुरी तरह से अंदर तक काँप जाती है. हालाँकि अंजलि की चूत अब थोड़ी-थोड़ी गीली होने लगी थी लेकिन सलीम के बीच-बीच मे जानवरों की तरह चूत मे लंड पेलने से अंजलि को दर्द होता था.. जिस से अंजलि की सारी मस्ती एक ही झटके में उतर जाती और वो आसमान में जाकर फिर से धडाम से ज़मीन पर आ जाती.

अंजलि अया ओह्ह करते हुए सलीम से बोलती है कि किस चीज़ का नाम.. ??

जिस पर सलीम रुक जाता है. और अंजलि की आँखों में देखता है और चुदाई को रोक कर अंजलि से सवाल पूछता है..

सलीम:बहन्चोद में तेरे साथ क्या कर रहा हूँ?

 
अंजलि: जी..(शरमाते हुए) जी वो स.. स.. (बोलते रुक जाती है)

सलीम: माँ की लोडी तुझे गाली सुन ने मे मज़ा आता है क्या जल्दी बोल..

अंजलि: (शरमाते हुए) जी जी वो से.. सेक्स..

सलीम:क्या कहा??

अंजलि जान गयी थी कि सलीम जान बुझ कर उसे ह्युमिलियेट कर रहा है. इसलिए वो और दर्द सहन करने से बेहतर अभी जो बोले वो कर लेना चाहिए. यही सोच कर थोड़ा ज़ोर से बोलती है

अंजलि: जी सेक्स.... हम सेक्स कर रहे है..

सलीम: तू पहले ये बता सेक्स कौन करते है.?

अंजलि:??? (सलीम का सवाल नहीं समझ पाती)

सलीम: तू जवाब देती है कि में फिरसे चालू हो जाउ.

अंजलि तपाक से बोल पड़ती है..

अंजलि: आपके हर सवाल का जवाब दे तो रही हूँ बस आपका ये सवाल समझ नहीं आ रहा.

सलीम: बेहन की लोडी ऐसा कॉन्सा सवाल पूछ लिया मेने..तूने बोला हम सेक्स कर रहे है तो यही तो पूछा ना कि सेक्स कौन-कौन करते है.

अंजलि: सभी करते है.?

सलीम: सभी मतलब इंसान , जानवर सब..?

अंजलि: जी.. जी ...हां

सलीम: मतलब तू तेरे पति के साथ खूब सेक्स करती होगी..

अंजलि शरमा जाती है. अंजलि कैसे किसी गैर मर्द को अपने पति के साथ बिताए अंतरंग पलों के बारे मे बताती.

सलीम: बोल ना छिनाल..

अंजलि: नहीं.. मेरा मतलब हां.. इतना बोल कर अंजलि अपने चेहरे पर हाथ रख लेती है..

अंजलि के लिए ये बड़ी विचित्र परिस्थिति थी एक तरफ उसकी चूत में उसके घर मे काम करने वाले एक बुड्ढे का लंड था दूसरी तरफ वो उसी बुड्ढे को ये बता रही है कि वो अपने पति के साथ सेक्स करती है.

सलीम अंजलि को शरमाते देख अगला सवाल और पूछ लेता है..

सलीम: इसका मतलब में तेरा पति हुआ.?

अंजलि: व्हातटत्ट? क्य्ाआअ? ये कैसे हो सकता है?

सलीम: अरे तूने ही तो बोला तू अपने पति के साथ सेक्स करती है. और इस वक़्त तू मेरे साथ सेक्स कर रही है इसका मतलब मे तेरा पति हुआ.

सलीम का तर्क सुन कर अंजलि की बड़ी बड़ी आँखें बाहर आजाती है.

अंजलि: नहीं-नहीं मेने ऐसा तो नहीं कहा

 
सलीम का तर्क सुन कर अंजलि की बड़ी बड़ी आँखें बाहर आजाती है.

अंजलि: नहीं-नहीं मेने ऐसा तो नहीं कहा

अंजलि के ऐसा बोलते ही सलीम बहुत ही धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे पीछे करने लगता है. सलीम अंजलि को बड़े प्यार से धीरे-धीरे चोदने लगता है. इतना धीरे कि अंजलि को अपनी चूत मे सलीम का लंड चूत की दीवारों को घिसता हुआ अंदर जाता हुआ और फिर वैसे ही चूत की दीवारों को घिसता हुआ बाहर आते हुए महसूस करने लगती है. सलीम की ऐसी सॉफ्ट चुदाई से अंजलि की चूत में चींटियाँ काटने लगती है और अंजलि चूत गीली होने लगती है.

एक बार फिरसे अंजलि दर्द से हट कर सेक्स पर फोकस हो जाती है. और अंजलि का शरीर धीरे-धीरे व्याग्रा के प्रभाव मे आने लगता है
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सलीम: अरे कैसे नहीं बोला तूने ही तो बोला.

अंजलि: जी मेरा मतलब में अपने पति के साथ भी सेक्स करती हूँ..

सलीम: मतलब? मतलब तू तेरे पति के अलावा भी किसी और के साथ सेक्स करती है.

अंजलि: आअहह ह्म एम्म्म न.. न्ह,, नहिणीईिइ.. जी नहीं बिल्कुल भ..भी ..नही..नहिनी

सलीम: तूने बोला ना तू अपने पति के साथ भी(पर ज़ोर डालते हुए) सेक्स करती है.

सलीम: अगर ऐसा है तो तू सेक्स तो तेरे पति के साथ करती है बाकियों के साथ तो तू चुदाई करती है.. क्यूँ ठीक कहा ना..

अंजलि: हान्न्न आअहह नूऊ नहीं ईई ह्म.. रूको..

सलीम बिना रुके वैसे ही धीरे-धीरे अंजलि को चोदे जा रहा था और अंजलि सलीम की इस चुदायि से बहुत गरम हो रही थी.

सलीम अंजलि की चूत से पहले तो हल्का सा लंड बाहर निकाल कर फिर अंदर डाल रहा था लेकिन अब सलीम वैसे ही धीरे-धीरे अंजलि की चूत से अपना लंड सुपाडे तक बाहर निकाल कर फिरसे अंदर डाल रहा था.. अंजलि की चूत पूरी तरह से गीली हो गई थी और अब वो आराम से सलीम का लंड ले पा रही थी. अब अंजलि को चूत मे दर्द नहीं हो रहा था.. मेरा मतलब इतना नहीं हो रहा था. अब अंजलि सलीम के साथ चुदाई एंजाय कर रही थी.
 
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