desiaks
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अंजलि सलीम के लंड की ओर देखती है तो उसे अपनी लिपस्टिक सलीम के लंड के चारों ओर दिखती है. वो भी उसके आधे से कम लंड पर थी. जिसका मतलब सॉफ था कि अंजलि ने अभी तक सलीम का आधा लंड भी मूह मे नहीं लिया था कि उसका जबड़ा दुखने लगा. अंजलि सलीम के जंग-बहादुर को देख कर यही सोच रही थी कि वो इसे चूत में कैसे ले पाए गी. इसे तो मूह में भी नहीं ले पा रही हूँ ठीक से..
सलीम एक बार फिर से अंजलि के पास जाकर अंजलि के मूह के पास अपना लंड करता है कि. अंजलि अपना मूह दूसरी ओर कर लेती है..
सलीम: देखो अंजलि इस वक़्त में बिल्कुल भी खेलने के मूड मे नहीं हूँ. फटाफट इसे ठंडा करो नहीं तो..
अंजलि सलीम की बात को बीच मे काट कर..
अंजलि: मुझसे नहीं होगा. ये मेरे मूह में नहीं जाएगा सलीम चाचा. आपका बहुत बड़ा है. आप समझते क्यूँ नहीं.
सलीम: अगर तू मूह मे नहीं लेगी तो फिर इसे चूत में डाल देता हूँ. वैसे भी अभी नहीं तो 10-15 मिनिट मे तो डालना है ही..
अंजलि: डर कर पीछे हो जाती है …. नहीं नहीं बिल्कुल भी नहीं सलीम चाचा में इसे नहीं ले पाउन्गि मुझे माफ़ करदो. आप समझने की कोशिश करो. आपका ये बहुत बड़ा है.
चटाअक्ककककककक…… सलीम एक ज़ोर दार झापड़ अंजलि के गाल पर जड़ देता है.
सलीम: साली तेरे को कब से प्यार से समझा रहा हूँ लेकिन तेरे को समझ ही नहीं आता. बेहन की लोडी नाटक किए जा रही है..चल मूह खोल चुप चाप और इस बार नाटक किया ना तो मूह में नहीं गान्ड मे डाल दूँगा समझी.
अंजलि सलीम के चान्टे से बोखला जाती है. चान्टा भी धीरे से नहीं था सलीम की उंगलियाँ अंजलि के गालों पर देखी जा सकती थी.
अंजलि की आँखों मे आँसू आजाते है.. अंजलि रोते हुए..
अंजलि: मुझसे नहीं होगा चाचा. मुझे माफ़ करदो..
सलीम की आँखें इस वक़्त बुरी तरह से लाल हो चुकी थी. सलीम पर अंजलि के आँसुओं का कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.उसे तो बस किसी भी तरह अपनी हवस शांत करनी थी. सलीम आगे बढ़ता है और अंजलि के बालों को पकड़ कर बोलता है मूह खोल अपना नहीं तो...
अंजलि सलीम से बुरी तरह से डरी हुई थी उपर से जब अंजलि सलीम की आँखों को देखती है तो उसे और भी ज़्यादा डर लगने लगता है. उसे लगा कि वो चीख कर सबको यहाँ बुला ले तो शायद वो बच पाए. लेकिन अगले ही पल उसकी नज़र अपने बेड के पास लगे आईने पर जाती है. जिसमे वो एक बुड्ढे के साथ एक दम नंगी बैठी हुई नज़र आती है. और फिर उसकी नज़र बिस्तर पर जाती है जिसकी बेड शीट पर जगह-जगह उसकी चूत के पानी के धब्बे देखे जा सकते थे. तो अंजलि ने ये विचार तो अपने मन से निकाल ही दिया.
सलीम एक बार फिर से अंजलि के पास जाकर अंजलि के मूह के पास अपना लंड करता है कि. अंजलि अपना मूह दूसरी ओर कर लेती है..
सलीम: देखो अंजलि इस वक़्त में बिल्कुल भी खेलने के मूड मे नहीं हूँ. फटाफट इसे ठंडा करो नहीं तो..
अंजलि सलीम की बात को बीच मे काट कर..
अंजलि: मुझसे नहीं होगा. ये मेरे मूह में नहीं जाएगा सलीम चाचा. आपका बहुत बड़ा है. आप समझते क्यूँ नहीं.
सलीम: अगर तू मूह मे नहीं लेगी तो फिर इसे चूत में डाल देता हूँ. वैसे भी अभी नहीं तो 10-15 मिनिट मे तो डालना है ही..
अंजलि: डर कर पीछे हो जाती है …. नहीं नहीं बिल्कुल भी नहीं सलीम चाचा में इसे नहीं ले पाउन्गि मुझे माफ़ करदो. आप समझने की कोशिश करो. आपका ये बहुत बड़ा है.
चटाअक्ककककककक…… सलीम एक ज़ोर दार झापड़ अंजलि के गाल पर जड़ देता है.
सलीम: साली तेरे को कब से प्यार से समझा रहा हूँ लेकिन तेरे को समझ ही नहीं आता. बेहन की लोडी नाटक किए जा रही है..चल मूह खोल चुप चाप और इस बार नाटक किया ना तो मूह में नहीं गान्ड मे डाल दूँगा समझी.
अंजलि सलीम के चान्टे से बोखला जाती है. चान्टा भी धीरे से नहीं था सलीम की उंगलियाँ अंजलि के गालों पर देखी जा सकती थी.
अंजलि की आँखों मे आँसू आजाते है.. अंजलि रोते हुए..
अंजलि: मुझसे नहीं होगा चाचा. मुझे माफ़ करदो..
सलीम की आँखें इस वक़्त बुरी तरह से लाल हो चुकी थी. सलीम पर अंजलि के आँसुओं का कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था.उसे तो बस किसी भी तरह अपनी हवस शांत करनी थी. सलीम आगे बढ़ता है और अंजलि के बालों को पकड़ कर बोलता है मूह खोल अपना नहीं तो...
अंजलि सलीम से बुरी तरह से डरी हुई थी उपर से जब अंजलि सलीम की आँखों को देखती है तो उसे और भी ज़्यादा डर लगने लगता है. उसे लगा कि वो चीख कर सबको यहाँ बुला ले तो शायद वो बच पाए. लेकिन अगले ही पल उसकी नज़र अपने बेड के पास लगे आईने पर जाती है. जिसमे वो एक बुड्ढे के साथ एक दम नंगी बैठी हुई नज़र आती है. और फिर उसकी नज़र बिस्तर पर जाती है जिसकी बेड शीट पर जगह-जगह उसकी चूत के पानी के धब्बे देखे जा सकते थे. तो अंजलि ने ये विचार तो अपने मन से निकाल ही दिया.