desiaks
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सलीम मुस्कुराते हुए सुलोचना को जवाब देता है.
सलीम: मालकिन ठीक ही तो बोला अल्लाह हो या भगवान, मेहनत करेगा इंसान तो होगी संतान, बिना मेहनत के कैसे कुछ देगा आपका भगवान..
सुलोचना: अरे तेरी बात 16 आना सच है लेकिन अंजलि बहू है घर की उसके सामने....
सलीम सुलोचना की बात बीच में ही काट देता है..
सलीम: अरे मालकिन छोड़ो वो सब जाने दो.. अभी आपने पोते पोतियों की बात कर ही दी है तो सुनो. में आज एक हकीम के पास गया था... मालकिन बहुत पहुँचा हुआ है वो.. उसने कहा है कि ये दवा किसी भी औरत को 10 से 15 दिन सुबह शाम खिला दो तो बच्चा 100% ठहर जाएगा..
ऐसा कह कर सलीम एक पोटली खोल कर दवा दिखाने लगता है.
सुलोचना: सच सलीम, क्या ये दवा कारगर साबित होगी.
सलीम: माजी ज़रूर होगी.. आज पहली बार थोड़े ही ले रहा हूँ में उनसे दवा...
सुलोचना: तो क्या तुम्हारी बीवी भी अब तक पेट से नहीं हुई...
सलीम: अरे क्या बात करती हो मेम साहेब. मेरी बीवी तो कब की हथियार से खोफ़ खा कर भाग गयी.. अम्मा कहाँ से बनेगी..
सुलोचना: क्या लेकिन क्यूँ..अच्छे भले तो हो.. फिर तुम्हारी बीवी क्यूँ भागी..
सलीम: बेशर्मी से हाथ अपने लोड्े पर लगाता है.. और बोलता है.. साली रंडी इसकी वजह से भाग गयी..
सुलोचना : गुस्से से ज़ोर से चिल्लाती है..सलीम? ये क्या बदतमीज़ी है...
सलीम: माफी दे दो मालकिन लेकिन जो भी बोला सच बोला.. आप खुद देख लो.. अल्लाह ने कितनी बड़ी सज़ा दी है मुझे..
ऐसा कह कर सलीम अपना पाजामा उतार देता है..और अपना लंड पकड़ कर सुलोचना को देखता है...
देखो आप और रोने लगता है या यूँ कहूँ कि रोने का नाटक करने लगता है..
और सुलोचना..
सुलोचना तो एक टक सलीम के जंगबहादुर को देखती रहती है... उसके ललाट पर पसीने की बूंदे छलक आती है सुलोचना को कुछ समझ नहीं आता कि क्या करे..
सलीम: मालकिन ठीक ही तो बोला अल्लाह हो या भगवान, मेहनत करेगा इंसान तो होगी संतान, बिना मेहनत के कैसे कुछ देगा आपका भगवान..
सुलोचना: अरे तेरी बात 16 आना सच है लेकिन अंजलि बहू है घर की उसके सामने....
सलीम सुलोचना की बात बीच में ही काट देता है..
सलीम: अरे मालकिन छोड़ो वो सब जाने दो.. अभी आपने पोते पोतियों की बात कर ही दी है तो सुनो. में आज एक हकीम के पास गया था... मालकिन बहुत पहुँचा हुआ है वो.. उसने कहा है कि ये दवा किसी भी औरत को 10 से 15 दिन सुबह शाम खिला दो तो बच्चा 100% ठहर जाएगा..
ऐसा कह कर सलीम एक पोटली खोल कर दवा दिखाने लगता है.
सुलोचना: सच सलीम, क्या ये दवा कारगर साबित होगी.
सलीम: माजी ज़रूर होगी.. आज पहली बार थोड़े ही ले रहा हूँ में उनसे दवा...
सुलोचना: तो क्या तुम्हारी बीवी भी अब तक पेट से नहीं हुई...
सलीम: अरे क्या बात करती हो मेम साहेब. मेरी बीवी तो कब की हथियार से खोफ़ खा कर भाग गयी.. अम्मा कहाँ से बनेगी..
सुलोचना: क्या लेकिन क्यूँ..अच्छे भले तो हो.. फिर तुम्हारी बीवी क्यूँ भागी..
सलीम: बेशर्मी से हाथ अपने लोड्े पर लगाता है.. और बोलता है.. साली रंडी इसकी वजह से भाग गयी..
सुलोचना : गुस्से से ज़ोर से चिल्लाती है..सलीम? ये क्या बदतमीज़ी है...
सलीम: माफी दे दो मालकिन लेकिन जो भी बोला सच बोला.. आप खुद देख लो.. अल्लाह ने कितनी बड़ी सज़ा दी है मुझे..
ऐसा कह कर सलीम अपना पाजामा उतार देता है..और अपना लंड पकड़ कर सुलोचना को देखता है...
देखो आप और रोने लगता है या यूँ कहूँ कि रोने का नाटक करने लगता है..
और सुलोचना..
सुलोचना तो एक टक सलीम के जंगबहादुर को देखती रहती है... उसके ललाट पर पसीने की बूंदे छलक आती है सुलोचना को कुछ समझ नहीं आता कि क्या करे..