Mastaram Stories हवस के गुलाम - Page 11 - SexBaba
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Mastaram Stories हवस के गुलाम

अभी ये सब बात हो ही रही थी कि साक्षी पर व्याग्रा का सुपर एफेक्ट होना शुरू हो जाता है.. साक्षी बाबू पर झपट पड़ती है और देखते ही देखते बाबू का शर्ट दूर कहीं रूम में हवा मे उड़ते हुए दिखता है. साक्षी की इस हरकत पर बाकी सभी लड़कियाँ ताली बजाती है… और बाबू नशे में मुस्कुराता रहता है.. तभी साक्षी अदिति को चॅलेंज करती..है

साक्षी: ज़रा अदिति तुम अपनी डेरिंग दिखाओ ना. या सच में हार मान ली… वैसे एक बार तो हार चुकी या दुबारा भी..
साक्षी की इस बात पर सभी लड़कियाँ हँसने लगती है..

तभी आरती आग में घी डालने के लिए बोल पड़ती है..

आरती: अरे साक्षी इतनी हिम्मत अदिति में कहा…
और फिर से सब लड़कियाँ हँसने लगती है…

अदिति: (गुस्से से आरती की ओर देखती है फिर कुछ सोच कर ) तो ठीक है में अपनी हिम्मत दिखाती हूँ तुझे

अदिति अपने घुटनो पर बैठ कर बाबू की पेंट खोलने लगती है.. आरती अदिति के इस स्टेप से चोंक जाती है और शॉक हो जाती है..
अदिति बाबू की पेंट निकाल कर आरती की ओर फेंक देती है..
अदिति: ले अब तू भी अपनी हिम्मत दिखा..

पूजा अदिति के इस चॅलेंज को सुन कर आरती के पास जाती है..

पूजा को डर था कि कहीं आरती ये सब देख कर फिर से पार्टी बंद करने की ना सोचने लग जाए..

पूजा:आरती तू बस अदिति का ये चॅलेंज पूरा कर दे फिर देख में अदिति के साथ क्या करती हूँ..

आरती पूजा की बात सुन कर थोड़ा सा सम्भल जाती है.. उसे लगता है कि वो अकेली नहीं है..
 
आरती पूजा की बात सुन कर थोड़ा सा सम्भल जाती है.. उसे लगता है कि वो अकेली नहीं है..

आरती: मगर अब क्या करूँ मे..

पूजा: अरे पागल तू इस लड़के की अंडरवेर उतार कर अदिति के मूह पर मार दे.. उसने तो पेंट उतारी तू तो अंडरवेर उतारेगी.. फिर देख में अदिति को क्या चॅलेंज देती हूँ…

आरती: मगर:

पूजा: अगर मगर कुछ नहीं मेरी जान तुझे ये तो करना ही पड़ेगा वरना अपनी ही पार्टी मे तू हार जाएगी..

आरती पूजा की बात को समझ कर अपने हारने के डर से धीरे धीरे बाबू की तरफ बढ़ने लगती है.. बाबू भी नशे की हालत मे आरती की ओर देखता है.. लेकिन तभी साक्षी बाबू का चेहरा अपनी ओर घुमा कर बाबू को किस करने लगती है.

आरती इस बात का फ़ायदा उठा कर बिना देखे बाबू की अंडरवेअर नीचे खींच देती है और बाबू के पैर उठा कर जैसे ही उठने लगती है.. बाबू के7-8 इंच लंबे लंड को देख कर डर जाती है और फिर जल्दी से पलट जाती है,.. उसके पलट ते ही आरती की नज़र अदिति पर जाती है..और आरती बाबू की अंडरवेअर अदिति के मूह पर फेंक देती है… अदिति आउच बोलती हुए उसे ऐसे चेहरे से हटाती है जैसे कोई बहुत गंदी चीज़ उसके चेहरे पर फेंक दी हो….

अदिति की ऐसी हरकत पर एक बार फिर से सबकी हँसी फुट पड़ती है…

तभी पूजा आगे बढ़ती है.. और अपने घुटनो के बल बैठ जाती है. और एक हाथ से बाबू के लंड को पकड़ कर उसे हिलाने लगती है..

पूजा की इस हरकत पर बाबू की हल्की सी सिसकी निकल जाती है.. और फिर साक्षी भी बाबू से किस तोड़ती है तो उसकी साँस फूल रही थी और बाबू भी हाँफ रहा था.. कामया ओर आरती पूजा की इस सेक्सी हरकत पर दोनो मूह खोले पूजा को देख रही थी.. दर असल दोनो नहीं सभी लड़कियाँ पूजा को देख कर स्तंभित खड़ी थी. आख़िर यहाँ पार्टी में मोजूद कोई भी लड़की बाजारू तो थी नही जो इनके लिए ये सब आम बात हो. मगर आज कुछ स्पेशल था और वो ये था कि आज सभी व्याग्रा के नशे में मस्त थी.सबकी पेंटी गीली थी.. साक्षी पूजा को देख कर एक बार फिर से जोश में आजाती है और वो फिर से बाबू को किस करने लगती है… इस बार बाबू भी खुद पर काबू नहीं रख सका और उसने भी साक्षी को किस करना स्टार्ट कर दिया और अपना हाथ साक्षी की पीठ पर रख दिया.

नीचे पूजा बाबू के लंड को हिला रही थी.. पूजा ने एक नज़र कच्ची कली पायल की ओर देखा.. और उसकी ओर मुस्कुराते हुए देखने लगी और धीरे धीरे बड़ी नज़ाकत से बाबू के लंड को मूह मे लेने लगी..

सबसे पहले तो पूजा ने एक किस की बाबू के लंड पर.. फिर धीरे से जीभ बाहर निकाल कर बाबू का लंड चाटने लगी फिर देखते देखते बाबू के लंड का सुपाडा पूजा के मूह मे घप से अंदर.. और फिर धीरे-धीरे लंड चुसाई जारी हुई..

इस दौरान मज़ाल क्या कि पूजा की नज़र कच्ची कली पायल से हटी हो… पायल भी व्याग्रा के नशे में मचलने लगी.. पायल अपनी दोनो जाँघो को आपस मे घिस रही थी, कि पूजा ने पायल की ओर अपना हाथ बढ़ाया और उसे पास आने का इशारा किया.. पायल के कदम हिल भी नहीं पा रहे थे कि अदिति ने हल्का सा पायल को पुश किया आगे की ओर और पायल के कदम धीरे-धीरे आगे की ओर बढ़ चले.. अब पायल बाबू साक्षी और पूजा के बिल्कुल नज़दीक थी.. पूजा ने पायल का हाथ पकड़ कर उसे नीचे बैठा लिया और अपने मूह से बाबू का लंड बाहर निकाला तो पुच की आवाज़ के साथ बाबू का लंड बाहर आ गया.. पूजा धीरे से पायल का हाथ उठा कर बाबू के लंड पर ले गयी… बाबू का लंड जैसे ही पायल के हाथ से टकराया उसने अपना हाथ वापस पीछे की ओर खींच लिया..

पूजा अदिति की ओर देखी.. अदिति कुछ समझते हुए गर्दन हां मे हिलाई और वो भी पायल के पास आ गयी.. पूजा धीरे से पायल के होंठो की ओर बढ़ी और पायक के होंठो को अपने होंटो की गिरफ़्त मे ले ली.. और बहुत ही प्यार से उसके गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ चूसने लगी.. और वही अदिति धीरे से पायल का हाथ वापस बाबू के लंड के उपर रख दी… इस बार अदिति ने पायल के हाथ को पकड़ रखा था और वो बाबू के लंड को पायल के हाथ पर ज़ोर लगा कर उपर नीचे कर रही थी.. कुछ ही देर में पायल खुद बाबू का लंड हिलाने लगी.. इस दौराम साक्षी बाबू को किस करना छोड़ कर हाँफ रही थी.. और बाबू साक्षी की पीठ से अपना हाथ साक्षी की गान्ड तक कब ले गया किसी को पता भी नहीं चला..अब बाबू साक्षी की गान्ड अपने दोनो हाथो से दबा रहा था और साक्षी उसकी इस कामुक हरक़त पर सिसकियाँ ले रही थी…
 
वही बाबू पूजा और पायल को किस करते देख कर और भी उत्तेजित हो रहा था.. और जब उसने देखा उसका लंड हिलाने वाली कोई और नहीं सबसे क्यूट और कम उम्र की पायल है और उसका साथ अदिति दे रही है तो उसका लंडा और भी औकात में आ गया. अब अदिति भी थोड़ी ओपन होगयि.. उसने झुक कर बाबू के लंड का सुपाडा अपने मूह मे ले लिया.. और बाबू अब मज़े मे अपने दोनो हाथ साक्षी की गान्ड से हटा कर साक्षी की सुडोल छातियों पर रख दिया.. साक्षी बाबू की इस हरकत पर थोड़ी सी शर्मा गयी लेकिन व्याग्रा के असर में उसकी हालत बहुत खराब थी.. उसने अपनी लाल होती आँखों से बाबू को इजाज़त दे दी उन्हे सहलाने की उन्हे मसल्ने की.. बाबू साक्षी की रज़ामंदी पाकर मुस्कुराता हुआ साक्षी के उरोजो को मसल्ने लगा.. साथ ही अपनी उंगली उसके निपल के चारों ओर कपड़े के उपर से फिराने लगा.. इससे साक्षी की चूत में चींटियाँ सी रेंगने लगी… साक्षी सेक्स के नशे में चूर मदहोश हुए जा रही थी…

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वही दूसरी ओर अंजलि और सलीम चाचा सारी दुनिया से बेख़बर अपनी ही दुनिया मे गुम थे…

जहाँ नीचे पार्टी मे सभी लड़कियाँ बाबू के साथ मस्ती कर रही थी वही इधर सलीम अंजलि के साथ लगा हुआ था…. सलीम अंजलि को किस करते हुए अंजलि की साड़ी का पल्लू उसके कंधे से नीचे खींच कर गिरा देता है. सलीम और अंजलि दोनो अपनी किस मे बे खबर थे.. अंजलि की साड़ी इस वक़्त उसकी क़मर में अटकी हुई थी..

अंजलि की साँस फूलने लगती है तो अंजलि सलीम से किस तोड़ कर हाँफ ने लगती है…

सलीम भी ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगता है..

अंजलि: आप बहुत गंदे हो.. कोई ऐसे करता है क्या..

सलीम: मुस्कुराता हुआ. में तो ऐसे ही करता हूँ मेरी जान.

अंजलि: मुस्कुराते हुए.. में नहीं हूँ आपकी जान…. आपकी जान तो वो कामया है ना…

सलीम: भाड़ मे जाए वो.. मुझे तो तुम चाहिए..

अंजलि शरमाते हुए … क्यूँ… मुझमे ऐसा क्या है..

सलीम अंजलि का सवाल सुन कर अंजलि की और आगे बढ़ते हुए बोलता है तुम मे ऐसा क्या है..

सलीम को आगे बढ़ता देख अंजलि भी धीरे धीरे पीछे की ओर चलने लगती है..

तभी अंजलि के पीछे दीवार आ जाती है.. अंजलि एक दम से रुक जाती है… उसके चेहरे पर थोड़ी सी हवस, थोड़ा सा डर और थोड़ी सी शर्म तीनो का मिला जुला रंग देखा जा सकता था …

सलीम अंजलि के होंटो को छूते हुए बोलता है… तुम्हारे ये गुलाबी होंठ मुझे मदमस्त कर देते है… उसकी आँखों में झाँक ते हुए बोलता है… तुम्हारी ये आँखे मुझे मेरे होने का एहसास दिलाती है… तुम्हारे ये लंबे घने बाल मुझे तुम्हारी ओर खींच लाने वाली रस्सी जैसे लगते है.. ऐसा बोलते हुए सलीम अंजलि के होंठो को किस करने को झुकता है कि अंजलि तुरंत अपनी गर्दन घुमा लेती है.

अंजलि: ये सब फिल्मी है… ऐसा कह कर अंजलि मुस्स्कुराने लगती है..

सलीम: अच्छा अगर ये सब फिल्मी है तो और सुनो.. तुम्हारा ये दूध जैसा गोरा रंग मुझे तुम में डूब जाने को मजबूर करता है… तुम्हारी ये पतली क़मर मेरे दिल को झूम ने को मजबूर कर देती है… तुम्हारी ये बड़ी बड़ी चूंचियाँ मुझे मेरे भूखे होने का एहसास दिलाती है.. इन मे आने वाला दूध में बेसबरों की तरह पीना चाहता हूँ..

अंजलि सलीम के मूह से अपने हुश्न ख़ास तौर पर अपने बूब्स की तारीफ़ और उनके लिए उसकी तड़प सुन कर और मचल उठती है… उसके मूह से एक सिसकी निकल जाती है… सस्सीसीई अया ह्म…. और नतीजा व्याग्रा उस पर और हावी हो जाती है और अंजलि की बुर से पानी बहने लगता है..
 
अब सलीम फिर से अंजलि को किस करते हुए उसकी नंगी पीठ पर हाथ फिराने लगता है.. जैसे ही सलीम के खुरदारे हाथ अंजलि की सॉफ्ट पीठ पर चलने लगते है उसे एहसास हो जाता है कि उसका ब्लाउज उसके बदन से अलग हो चुका है. अंजलि ये बात सोच कर कि वो एक बुड्ढे चाचा के साथ अपने ही बेडरूम मे ब्रा और पेटिकोट मे खड़ी है बुरी तरह से शरमा जाती है. लेकिन अगले ही पल वो एग्ज़ाइट हो जाती है क्यूँ कि सलीम अब अंजलि की ब्रा को उसकी पीठ से नही खोल रहा था बल्कि उसके कंधो से खोल रहा था और अंजलि की गर्दन चूम रहा था.

अंजाई सलीम की इस हरकत पर

अंजलि: अयाया एम्म्म चाचाा… एम्म क्या कर रहे हो….? आअहह

सलीम कोई रिप्लाइ नहीं देता और देखते ही देखते अंजलि की ब्रा के स्ट्रॅप्स कंधे से खुल जाते है लेकिन अंजलि की ब्रा ज्यो की त्यों उसकी चुचियों को क़ैद कर रखी थी.. क्यूँ कि ब्रा अभी भी चूंचियो को नीचे से सपोर्ट दिए हुए उसकी पीठ वाले स्टारप्स के भरोसे टिकी हुई थी.

अब सलीम अंजलि को एक बार फिर से अपनी ओर घूमता है लेकिन अंजलि को अब अपनी हालत का अनुमान हो चुका होता है. तो वो जैसे ही सलीम की और मुड़ती है अपने दोनो हाथों को अपने सीने पे रख लेती है.

इन हालातों में अंजलि और सलीम दोनो आमने सामने थे मगर सलीम के सिने और अंजलि की छाती के बीच अब अंजलि के हाथ थे.

सलीम अंजलि की इस हरकत पर मुस्कुरा देता है और अंजलि की ठुड्डी को अपनी उंगली से उपर की और करते हुए बोलता है..

सलीम: अंजलि… मेरी तरफ देखो..

अंजलि धीरे से शरमाते हुए अपनी गर्दन को उपर की ओर कर तो देती है लेकिन शर्म की वजह से अपनी आँखें बंद कर लेती है..

सलीम अंजलि की बंद आँखों को देख कर उसकी मासूमियत मे खो जाता है… और मन ही मन सोचता है.. कितनी भोली हो तुम अंजलि… ऐसे आँखे बंद कर रखी हो जैसे मे यहाँ हूँ ही नही..

ठीक उस कबूतर की तरह जिसके सामने बिल्ली आजाती है तो वो अपनी आँखें बंद कर लेता है और सोचने लगता है कि बिल्ली चली गयी लेकिन नतीजा क्या होता है वो मारा जाता है… और यहाँ तुम नहीं तुम्हारी मारी जाएगी….

सलीम अपने हाथ अंजलि के कंधों पर रख कर मेरी ओर देखो अंजलि..

अंजलि सलीम की बात सुन कर मुस्कुरा पड़ती है और अपनी गर्दन ना मे हिलाती है… उसके भोले पन को देख कर सलीम बहुत ही रोमॅंटिक तरीके से हौले से उसके होंठो के नज़दीक जाता है और उन पर अपनी जीभ फिराता है.. अंजलि सलीम की इस हरकत पर थोड़ी सी सहम जाती है और पीछे हट ती है मगर कहाँ हट ती आधे कदम में ही फिर से दीवार के टकरा जाती है. सलीम फिर से अंजलि के होंठो को अपनी गिरफ़्त मे लेने मे कामयाब हो जाता है. अंजलि थोड़ी देर तक स्तब्ध खड़ी रहती है. मगर जल्द ही धीरे धीरे सलीम का साथ देने लगती है…
 
अभी एक मिनिट भी नहीं हुआ था कि सलीम अंजलि के होंटो से अपने होंठ हटा लेता है. और फिर से अपने होन्ट अंजलि के होंटो पर रख देता है फिर जल्दी ही वापस हटा लेता है… सलीम 2 से 3 बार ऐसा करता है जैसे अंजलि को सता रहा हो. अंजलि बार-बार सलीम के किस मे गुम होकर उसका साथ देने के लिए सलीम के होंटो को अपने होंटो मे लेने की कोशिश करती है मगर. सलीम हर बार अपने होन्ट दूर कर लेता है.

अंजलि सलीम की इस हरकत पर फ्रस्टरेट होकर अपनी आँखें खोलने की कोशिश करती है मगर नशे के कारण उसकी आँखें खुलते ही फिर बंद होने लगती है.. थोड़ी सी कोशिस के बाद अंजलि की आँखें खुलती है. अंजलि के हाथ अभी भी अपनी छातियों पर थे. अंजलि सलीम की आँखों मे देखते हुए इशारा करती है कि क्यूँ परेशान कर रहे हो.

सलीम मुस्कुराता हुआ अंजलि को बोलता है.
सलीम: अपने हाथ हटाओ..

अंजलि शरमा जाती है और गर्दन नीचे करके ना में सर हिलाती है..

सलीम फिर से अंजलि की ठुड्डी उपर की ओर करके बोलता है..
सलीम: हाथ हटा लो ना जान.

अंजलि सलीम के जान बोलने पर थोड़ी और शरमा जाती है लेकिन फिर भी सलीम को सताने के लिए वो ना मे इनकार करती है.

सलीम: क्यूँ क्या तुम मुझ से प्यार नहीं करती?

अंजलि: फिर से सलीम की ओर देखती है.. फिर मुस्कुराते हुएनीचे देखने लगती है.. फिर वो सलीम को सताने के लिए नीचे गर्दन किए ही ना में हिला देती है..

सलीम अंजलि की ठुड्डी फिर से उपर की ओर करता है.. अंजलि का मूह इस बार खुल जाता है जैसे वो खुद अपने होंठ सलीम को परोस रही हो. और इस बार सलीम ने भी अंजलि की ठुड्डी ज़रा से झटके से उपर की थी..

सलीम धीरे-धीरे अंजलि के होंटो पर झुकता है. अंजलि सलीम की गरम साँसे अपने चेहरे पर महसूस करके अपनी आँखें बंद कर लेती है और अपने होंटो को सलीम की ओर कर देती है… सलीम अंजलि की इस हरकत पर मुस्कुरा देता है और कुछ सोच कर रुक जाता है. तभी सलीम अचानक से अंजलि के पेटी कोट की गाँठ खोलने की कोशिश करता है मगर अंजलि साड़ी पहनते वक़्त उस गाँठ को अंदर की ओर दबा लिया करती थी. जिस कारण से सलीम अंजलि के पेटिकोट की गाँठ खोलने में सफल नहीं हो पाता लेकिन सलीम की इस हरकत पर अंजलि झटके से अपने हाथ नीचे ले जा कर सलीम के हाथ हटा देती है और ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगती है.
 
अंजलि नीचे की ओर देख कर अपनी क़मर पर अपने पेटिकोट को पकड़ती है. लेकिन जल्द ही उसे एहसास हो जाता है कि उसका पेटिकोट अभी भी उसके साथ है.. अंजलि मुस्कुराते हुए सलीम की ओर देखती है. जैसे सलीम को बोल रही हो कि में जीत गयी और तुम हार गये. तुम मेरा पेटिकोट उतारने मे सफल नहीं हो पाए. लेकिन जैसे ही अंजलि की नज़र सलीम पर पड़ती है तो अंजलि सलीम को अपनी चूंचियाँ घूरते हुए पाती है. तब अंजलि सोचती है कि सलीम मेरा हाथ यहाँ से हटाने के लिए उसने मेरा ध्यान मेरे पेटिकोट की ओर ले गया. बुड्ढ़ा कितना चालाक है.

इस वक़्त अंजलि का नशा थोड़ा थोड़ा था.. हालाँकि नशे में थी लेकिन उसने जो नींबू पानी पिया था उस कारण से उसे नशा इतना नहीं था लेकिन व्याग्रा का असर और नशा मिल कर उसे सिड्यूस्ड अवस्था मे अनकनसियस कर रहा था.

सलीम अंजलि को वापस अपनी चूंचिया छिपाते देख कर मुस्कुरा पड़ता है और फिर से अंजलि से पूछता है..

सलीम: अंजलि… तुम मुझसे प्यार करती हो ना?

अंजलि: जानती थी कि मेरा जवाब ना देना सलीम को तडपाएगा. इसलिए अंजलि सलीम को ना में सर हिला कर पहली दफ़ा बोलती ही है..

अंजलि: नहीं…

सलीम: मुस्कुराते हुए क्यूँ ? क्यूँ नहीं करती तुम मुझसे प्यार? क्या कमी है मुझमे?

अंजलि: मुस्कुराते हुए…सलीम की ओर देखती है मगर बोलती कुछ नहीं.

 
सलीम: अंजलि… तुम मुझसे प्यार करती हो ना?

अंजलि: जानती थी कि मेरा जवाब ना देना सलीम को तडपाएगा. इसलिए अंजलि सलीम को ना में सर हिला कर पहली दफ़ा बोलती ही है..

अंजलि: नहीं…

सलीम: मुस्कुराते हुए क्यूँ ? क्यूँ नहीं करती तुम मुझसे प्यार? क्या कमी है मुझमे?

अंजलि: मुस्कुराते हुए…सलीम की ओर देखती है मगर बोलती कुछ नहीं.

सलीम अंजलि से कोई रिप्लाइ ना पाकर अंजलि के बाल अपने हाथ मे पकड़ कर पीछे की ओर खींच देता है अंजलि की दर्द से चीख निकल पड़ती है.. और आँखों में आँसू भी तैर आते है..

अंजलि: आआहह

सलीम: अंजलि की आँखों में आँसू देख कर सोचता है. साला कुछ ज़्यादा तो नहीं कर दिया.. सलीम बिना सोचे समझे अंजलि के होंठो को फिर से चूमने लगता है..

अंजलि सलीम की किस का जवाब नहीं देती उसे इस वक़्त सलीम पर गुस्सा आ रहा था.. लेकिन तभी सलीम अंजलि के बालों को छोड़ कर उसके होंटो को चूसने लगता है. अंजलि की एक आँख से आँसू दर्द की वजह से बह निकल ते है. तभी सलीम अंजलि के नीचे के होंठ को अपने दाँतों मे भींच लेता है और फिर चूसने लगता है. अंजलि को फिर से अपने होंटो में दर्द होने लगता है लेकिन जल्द ही उसे सलीम की होंठ चुसाई पसंद आने लगती है.. वो अब उस दर्द को एंजाय कर रही थी कि तभी सलीम अंजलि की क़मर में हाथ डाल कर उपर पीठ की ओर धीरे धीरे अपने हाथ ले जाने लगता है.. अंजलि सलीम के इस तरह छूने से बहक ने लगती है.

तभी सलीम अंजलि को फिर से दीवार की ओर कर देता है.. अंजलि अपने दोनो हाथ दीवार पर लगा कर दीवार पर छिपकली की तरह चिपकी हुई थी और सलीम अंजलि की क़मर को ठीक वहाँ से किस करना स्टार्ट करता है जहाँ पर अंजलि का पेटिकोट बँधा हुआ था. सलीम के किस करने से अंजलि एक बार फिर से बुरी तरह से मचलने लगती है. धीरे धीरे सलीम किस करते हुए अंजलि की पीठ के बीच मे आजाता है. अंजलि बार बार अपनी पीठ पीछे की ओर सिकोडती है लेकिन सलीम जैसे उसकी पीठ को चूमने के साथ चूस रहा हो ऐसे मूह खोल कर किस कर रहा था. अंजलि पूरी तरह से एग्ज़ाइट हो चुकी थी.. तभी सलीम अंजलि की ब्रा के स्ट्रॅप्स को अपने मूह मे ले कर चबाने लगता है..और हल्के से अंजलि की पीठ पर किस करता है…

अंजलि सलीम द्वारा अपनी ब्रा के पीछे की हुक को खुलते हुए महसूस कर सकती थी इस लिए उसने अपनी पीठ पीछे की ओर सिकोड ली जिस से उसकी ब्रा सामने चुचियों पर और कस गयी लेकिन उसकी पीठ की ओर से ढीली पड़ गई. अंजलि ने ऐसा इस लिए किया ताकि सलीम का मुँह उसकी पीठ से दूर रहे और उसे इस अजीब सी झन्झावत ऑर झुरजुरी का एहसास ना हो..

लेकिन शायद यही अंजलि की सबसे बड़ी ग़लती हो गयी थी. अब सलीम बिना अंजलि को पता चले ब्रा के स्ट्रॅप्स को चबा कर छोड़ दिया.. अंजलि रिलॅक्स होती है. अब सलीम अंजलि को अपनी ओर घुमाता है. जब अंजलि सलीम की ओर देखती है तो सलीम अंजलि की आँखें देख कर डर जाता है.. इस वक़्त अंजलि की आँखें इस तरह से लाल हुई पड़ी थी जैसे कि वो अंजलि नहीं कोई चुड़ैल हो..
 
मगर अब सलीम को अंजलि को गरम करने मे मज़ा आ रहा था.. सलीम फिर से अंजलि की क़मर पर हाथ ले जाता है. सलीम अंजलि की आँखों में देखते हुए अंजलि के पेटिकोट की डोर को अपने दाहिने हाथ में पकड़ कर अंजलि की ओर मुस्कुराता है. अंजलि इस बार सलीम को मुस्कुराता देख कर समझ जाती है कि बुड्ढ़ा ज़रूर कुछ ना कुछ उल्टा सीधा कर रहा होगा,.. तभी उसे एहसास होता है की बुड्ढे का एक हाथ उसकी क़मर पर है लेकिन दूरा हाथ नहीं तभी अंजलि अपनी मोटी मोटी आँखें निकाल कर सलीम के दोनो हाथों को झटका देती है.. जिसका नतीजा ये निकलता है कि सलीम अंजलि के पेटिकोट की डोर पकड़े खड़ा था और अंजलि के झटके देने से सलीम पीछे हुआ और उसी झटके से अंजलि के पेटिकोट की गाँठ खुल जाती है लेकिन अभी भी अंजलि का पेटिकोट अंजलि की क़मर पर टिका हुआ था. अंजलि भी पीछे होती है.. लेकिन जब अंजलि अपने पेटिकोट को अपनी क़मर पर फील करती है तो वो फिर मुस्कुरा पड़ती है. उसे फिर से इस बात पर गर्व होता है कि बुड्ढ़ा उसका पेटिकोट उतारने में एक बार नहीं 2 बार असफल रहा…तभी सलीम अंजलि के पास जाता है. अंजलि सलीम से बचने के लिए दूसरी ओर जाने के लिए थोड़ी सी दौड़ते हुए जाती है कि अंजलि को एहसास होता है कि उसका पेटिकोट उसकी क़मर से ढीला पड़ रहा है.. अंजलि जैसे ही अपने पेटिकोट को पकड़ कर उसकी गाँठ देखने की कोशिश करती है तब तक सलीम अंजलि को अपनी बाहों में पकड़ लेता है और अंजलि के होंटो को अपने होंटो में क़ैद करके चूमने लगता है…अंजलि सलीम को रोकने की कोशिश करती है लेकिन सलीम के ज़ोर की आगे उसकी नहीं चली.

किस करते करते सलीम अपना हाथ अंजलि की कमर पर रख देता है. अंजलि कस कर अपने पेटिकोट को पकड़े हुए थी. तभी सलीम अपनी ज़ुबान अंजलि के मूह मे डाल देता है. सलीम की इस हरकत पर अंजलि पीछे होना चाहती है लेकिन सलीम उसकी कमर कस के पकड़े होता है.. इस वक़्त जहाँ अंजलि के दोनो हाथ अपने पेटिकोट को पकड़े थे वही सलीम का एक हाथ अंजलि के सर के पीछे था और दूसरा अंजलि की कमर पकड़े था.

अंजलि इसी बीच अपने पेटिकोट को संभालने के चक्कर में कुछ ज़्यादा ही टाइट पकड़ लेती है जिस से उसका नाडा पूरी तरह से खिंच जाता है और वो अब जब तक अंजलि के हाथो मे था तब तक ही अंजलि के बदन पर था. लेकिन अंजलि इस बात से बेख़बर बस सलीम की किस तोड़ना चाहती थी. धीरे धीरे जहाँ शराब अपना नशा कर रही थी वही व्याग्रा अपना काम कर रही थी. नीचे जहाँ सलीम का तंबू तना हुआ था वही अंजलि की चूत भी गीली हो रही थी.

तभी सलीम एक पल को अंजलि से अपनी किस तोड़ता है. अंजलि हाँफने लगती है. सलीम हल्का सा नीचे झुक कर अंजलि को हवा मे अपनी गोद मे उठा लेता है. सलीम के ऐसा करते ही अंजलि हल्की सी चीखती है.

अंजलि : ऊऊचह क्या कर रहे हो चाचा.. नीचे उतारो.. में गिर जाउन्गि.

सलीम अंजलि को कोई जवाब नहीं देता बस उसकी तरफ देखते हुए अंजलि को उसके बेड की तरफ बस 3-4 कदम की दूरी पर लाकर उतार देता है. अंजलि सलीम को अपने बेड की तरफ लेजाते देख बुरी तरह से शरमा जाती है लेकिन उसकी चूत….. उसकी चूत सलीम की हर हरकत के साथ फड़कते फड़कते अब बुरी तरह से गीली होने लगती है.

अंजलि खुद को अर्धनंगी हालत में एक बुड्ढे को उसके पाजामा में खड़ा देख कर और भी ज़्यादा शरमा जाती है.

ख़ास तौर पर ऐसी हालत में उसके साथ उसी के बेडरूम में , उसी के बेड के पास वो बुड्ढ़ा खड़ा हो. अंजलि अभी भी अपना पेटिकोट पकड़ रखी थी. तभी सलीम अंजलि की आँखों मे देखते हुए मुस्कुराता है और धीरे धीरे अपनी नज़र उसकी 34डी की चुचियों पर लेजाता है. अपने दोनो हाथों को उसकी चुचियों की उँचाई के बराबर लाकर ऐसे झटके से पकड़ने का नाटक करता है जैसे बच्चो को डराते है..( हहेहहे) और अंजलि भी सलीम की इस हरकत से डर जाती है. सलीम की इस हरकत का अंजलि को जहाँ एक और नुकसान हुआ वही दूसरी ओर सलीम को फ़ायदा हुआ.
 
अंजलि खुद को अर्धनंगी हालत में एक बुड्ढे को उसके पाजामा में खड़ा देख कर और भी ज़्यादा शरमा जाती है.

ख़ास तौर पर ऐसी हालत में उसके साथ उसी के बेडरूम में , उसी के बेड के पास वो बुड्ढ़ा खड़ा हो. अंजलि अभी भी अपना पेटिकोट पकड़ रखी थी. तभी सलीम अंजलि की आँखों मे देखते हुए मुस्कुराता है और धीरे धीरे अपनी नज़र उसकी 34डी की चुचियों पर लेजाता है. अपने दोनो हाथों को उसकी चुचियों की उँचाई के बराबर लाकर ऐसे झटके से पकड़ने का नाटक करता है जैसे बच्चो को डराते है..( हहेहहे) और अंजलि भी सलीम की इस हरकत से डर जाती है. सलीम की इस हरकत का अंजलि को जहाँ एक और नुकसान हुआ वही दूसरी ओर सलीम को फ़ायदा हुआ.

अंजलि को नुकसान ये हुआ कि डर के कारण अंजलि अपना पेटिकोट छोड़ कर अपने दोनो हाथ अपनी चूंचियो पर रख लेती है और पीछे की ओर दो कदम चली जाती है.. इसका फ़ायदा सलीम को ये हुआ कि अंजलि का पेटिकोट सरक कर उसके घुटने की नीचे आजाता है और पिंडलियों में फँस जाता है. और फिर जब अंजलि पीछे की ओर हट ती है तो पेटिकोट में उलझ कर बिस्तर पर धडाम से गिर जाती है.

अब अंजलि के गिरने से एक और फ़ायदा सलीम को अंजाने मे ही हो जाता है. अंजलि की ब्रा के पिछले हुक को जिसे सलीम चबा कर छोड़ दिया था वो अंजलि के बिस्तर पर गिरने से लगे झटके के साथ टूट गया. सलीम अंजलि को पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन तब तक अंजलि बिस्तर पर गिर जाती है. अब सलीम अंजलि के पैरों मे फँसे पेटिकोट को एक झटके से खींच कर दरवाजे की तरफ फेंक देता है. और अंजलि अपनी दोनो छातियों को संभाले अपनी गीली पेंटी लिए बेड पर गिर जाती है.

मज़े की बात ये है कि अभी अभी अंजलि अपनी ब्रा को पकड़े हुए है लेकिन उसे इस बात का अंदाज़ा भी नहीं कि कैसे जैसे जो ब्रा अटकी हुई थी अब उसके अटकने के रास्ते भी ख़तम हो जाएँगे अगर उसने हाथ हटाया तो.

सलीम अंजलि के पैरों की तरफ बैठ कर उसके एक पैर को पकड़ लेता है. अंजलि कुछ बोलने वाली ही थी कि सलीम अंजलि के पैरो की उंगलियों को चूमने चाटने लगता है और अंजलि सिसकने लगती है. ये पहली बार था कि कोई अंजलि के पैरों को इस तरह से चूम रहा था. ये सब अंजलि के लिए एकदम नया अनुभव था. अंजलि का पति सूरज भी अंजलि के साथ रोमॅन्स करता था लेकिन वो ज़्यादा कुछ नहीं कर के बिल्कुल सिंपल तरीके से सेक्स करता था.इस लिए अंजलि सिड्यूस होने के साथ-साथ अंजलि के मन मे हर पल नई एक्सिटमेंट बढ़ती जा रही थी.

सलीम अंजलि के पैरो की उंगली को मूह मे लेकर चूसने लगता है और अंजलि बिस्तर पर पड़ी काँपने लगती है जैसे कि उसे सर्दी लग रही हो. लेकिन आज अंजलि को इस तरह काँपते देख ये कहा जा सकता था कि इंसान कभी कभी गर्मी में भी काँप सकता है.

सलीम बड़ी ही नज़ाकत और प्यार से अंजलि के टख़नो को चाट ते हुए अंजलि की पिंडलियों तक पहुँच जाता है. अंजलि सलीम की हल्की दाढ़ी और मुछ के बालो को अपने गोरे चिकने हेरलेस पैरों पर महसूस करती है उसे वो बाल हल्के से चुभ भी रहे थे और हल्के – हल्के गुद गुदा रहे थे.. जैसे ही सलीम अंजलि के पैरों को चाट ता हुआ अंजलि के घुटनो तक पहुँचता है अंजलि अपने पैरों को मिला लेती है.. अब सलीम अंजलि की बाहरी जांघों को चाट ते हुए अंजलि की कमर तक पहुँच जाता है जहाँ अंजलि की पेंटी की एलास्टिक थी.

अंजलि एक दम पतली सी एलास्टिक वाली पेंटी पहन रखी थी जो आज कल के टाइम के हिसाब से भी मॉडर्न थी. सलीम अंजलि की पेंटी के एलास्टिक को दाँतों मे फँसा कर उपर खींचता है और फिर छोड़ देता है.. जैसे रब्बर को खींच कर छोड़ने पर वो तेज़ी से जाता है ठीक वैसे ही अंजलि की पेंटी का एलास्टिक अंजलि की कमर से टकराता है.. पत्त्त्टतत्त…. और अंजलि की उसी की साथ फिर से आह निकल जाती है. अब सलीम अंजलि की नाभि को गौर से देखने लगता है.. थोड़ी देर जब अंजलि सलीम की कामुक हरकतों को रुका हुआ फील करती है तो वो आँखें खोल कर सलीम की ओर देखती है. अंजलि सलीम को अपनी नाभि को घूरता पा कर एक बार फिर से शरमा जाती है और वो अपने दोनो हाथ अपनी चुचियों से उठा कर अपनी नाभि पर रख लेती है.
 
सलीम अंजलि के नाभि छुपाने पर आउट ऑफ कंट्रोल सा हो जाता है और वो अंजलि के दोनो हाथों को जल्दी से पकड़ कर दूर कर देता है और फिर से अंजलि की नाभि को देखने लगता है. अंजलि सलीम की बेक़रारी देख कर फिरसे शरारत से अपने हाथो से अपनी नाभि छिपा लेती है. सलीम फिर से अंजलि के हाथ हटा कर अंजलि की नाभि को घूर्ने लगता है. अंजलि फिरसे अपने हाथ नाभि की ओर ले जाती है कि सलीम अंजलि के दोनो हाथो को पकड़ कर अपने एक हाथ मे थाम लेता है और अंजलि की ओर देखता हुआ मुस्कुराता है और अंजलि की नाभि की ओर अपना मूह बढ़ा देता है. अंजलि सलीम को स्लो मोशन में अपनी नाभि की ओर बढ़ता देख एक बार फिर से सिहर जाती है लेकिन अगले ही पल अंजलि पेट के बल लेट जाती है.

अंजलि की इस अचानक से हुई हरकत से सलीम के हाथो से अंजलि के हाथ छूट जाते है. अंजलि इस बात का फ़ायदा उठाते हुए फुर्ती से अपने हाथ अपनी नाभि पर रख कर पेट के बल लेट जाती है.

सलीम अंजलि को इस अवस्था मे देख कर एक दम स्तब्ध रह जाता है. सलीम की नज़रों के सामने इस वक़्त अंजलि की 36-38 की गान्ड थी जो कि एक पतली सी नेट की पेंटी मे क़ैद थी.अंजलि पीठ के बल लेट कर अपनी आँखें बंद करके मुस्कुराने लगती है. लेकिन सलीम तुरंत उठ कर अपना पाजामा और अंडरवेर खोल देता है. अंजलि धीरे से अपनी आँखें खोलती है वो देखने के लिए पीछे मुड़ती है कि सलीम क्या कर रहा है? लेकिन उसके पीछे मुड़ने से पहले ही सलीम अंजलि की कमर के दोनो ओर पैर करके अंजलि पर चढ़ जाता है और अंजलि की गुदाज गान्ड के दो पाटों को पकड़ कर ज़ोर से मसल देता है.. और एक हाथ से गान्ड पर थोड़ी सी तेज थप्पड़ मारता है. जिस से अंजलि की आअहह और आउच दोनो निकल जाती है.

सलीम: साली मेरे साथ खेल खेल रही है तू. कभी पेटिकोट नहीं उतरारने देती कभी ब्लाउज नहीं उतारने देती कभी नाभि नहीं देखने देती.

सलीम के ऐसे बोलने से अंजलि की हल्की सी हँसी छूट पड़ती है. लेकिन अगले ही पल फिरसे सलीम का थप्पड़ अंजलि की गान्ड पर पड़ता है.. चटाअक्ककककक

अंजलि: आआआहह .. प्लीज़ मत मारो..

सलीम: बेहन्चोद अभी मारा कहाँ है .. वो तो अब मारूँगा..

अंजलि: शट अप हहेहहे (शट अप बोल कर हँसने लगती है)

फिर सलीम अंजलि की गान्ड के दोनो पाटों को पकड़ कर ज़ोर से मसल्ते हुए उसकी लोवर बॅक को चूमने चाटने लगता है. धीरे-धीरे सलीम अंजलि की लोवर बॅक को चूमते चाट ते अंजलि की पीठ तक पहुँच जाता है.. जहाँ अंजलि की ब्रा के स्ट्रॅप्स टूटे पड़े थे.. सलीम अंजलि की ब्रा की कंडीशन देख कर फिर से मुस्कुराने लगता है.. सलीम अंजलि की पीठ को चूमते हुए अंजलि की गर्दन को चूमने लगता हैजिस से अंजलि अपनी गर्दन इधर उधरे करने लगती है.अब सलीम अंजलि के बदन से उठ जाता है और अंजलि की पेंटी को साइड से दोनो तरफ से पकड़ का खींचने लगता है.

अंजलि इस के लिए तैयार नहीं थी. सलीम के झटके से अंजलि की पेंटी का एलास्टिक एक साइड से टूट जाता है और पेंटी घुटनो से थोड़ा सा उपर आकर अटक जाता है. अंजलि अपनी पेंटी को पकड़ने के लिए अपना पेट थोड़ा सा उपर उठा ती है ताकि वो अपने दोनो हाथ बाहर निकाल सके लेकिन सलीम इस बात का भी फ़ायदा उठा लेता है और अंजलि की पेंटी को उसके दूसरे पैर से खींचता है जिस से अंजलि की पेंटी का एलास्टिक दोनो पैरों के साइड से टूट जाता है. इसका मतलब ये हुआ कि अब वो पेंटी अंजलि के किसी काम किन ही थी क्यूँ की अब वो अंजलि की कमर पर रुकने के लायक ही नहीं बची थी.

सलीम कुछ देर तक अंजलि के मादर जात नंगे बदन को देखता रहता है और अंजलि अपनी आँख बंद करके अपने पैर सिकोड़ने लगती है. लेकिन सलीम अंजलि का एक पैर पकड़ कर उसे फिर से सीधा कर देता है. सलीम फिर से अंजलि की गुदाज गोरी चिट्टी गान्ड को घूर्ने लगता है. सलीम बहुत ही प्यार से उसकी गान्ड के दोनो पाटों को चूमता है..

सलीम: मुउववाह मुऊुआाहह..
 
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