desiaks
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साक्षी इतना बोल कर पायल का हाथ पकड़ कर आरती और कामया के साथ आरती के रूम की ओर चली जाती है और बाबू भी एक पल को वही ठहरा रहता है लेकिन अगले ही पल चुप चाप आगे बढ़ जाता है साक्षी के पीछे-पीछे.
बाबू दरवाजे पर खड़े-खड़े सभी लड़कियों को हवस भरी नज़रों से देख रहा था कि तभी बाबू के कानों में सलीम की कही बातें गूंजने लगती है. साले चाहे जो मज़े करना लेकिन किसी भी छोरी को चोदना मत. हालाँकि बाबू काफ़ी नशे में था साथ ही व्याग्रा भी ले रखा था लेकिन बाबू सलीम चाचा को बहुत मानता था. इसलिए वो किसी भी हालत में सलीम चाचा की बात नहीं टालता था.
बाबू अभी अस्मन्जस में था कि क्या करे और क्या नहीं कि तभी साक्षी बाबू को उंगली से इशारा करते हुए अपनी ओर बुलाती है.
साक्षी: हे यू.. कम ऑन बेबी वी वाना हॅव सम फन.
बाबू पढ़ा लिखा था ऐसा नहीं था कि अनपढ़ था. लेकिन वो इस कहानी के हिसाब से बिल्कुल अनपढ़ गँवार रहा. इसलिए उसे साक्षी की बात समझ तो आ गई लेकिन उसने ऐसे रिक्ट किया जैसे उसने कुछ समझा ही ना हो. बाबू के ऐसे रियेक्शन पर साक्षी बिस्तर से उठ कर बाबू का हाथ पकड़ कर उसे बिस्तर पर ले जाती है.
साक्षी बाबू को धक्का देकर बेड पर गिरा देती है. बाबू के गिरते ही आरती और कामया बेड के एक साइड में हो जाती है. और पायल बाबू के पास जाकर बाबू के सीने को अपने नाज़ुक कोमल और छोटे-छोटे हाथों से सहलाने लगती है.
बाबू को पायल के हाथ जब अपने सीने पर महसूस होते है तो उसे ऐसा लगता है जैसे कोई पंख लेकर उसकी छाती पर फिरा रहा हो और उसे गुदगुदी कर रहा हो. बाबू अभी पायल के हाथों के नाज़ुक स्पर्श में ही खोया हुआ था कि साक्षी ने बाबू के लंड को एक दम से मूह में ले लिया और उसे चूसने लगी. बाबू साक्षी के इस हमले का जवाब पायल को किस करते हुए देता है..
पायल की नज़र बाबू के मस्क्युलर बॉडी को स्कॅन करते हुए नीचे जाती है जहाँ वो साक्षी को बाबू का लंड चूस्ते हुए देखती है. लंड चूस्ते-चूस्ते साक्षी की नज़र पायल से मिलती है. पायल साक्षी को देख कर मुस्कुराने लगती है.. बाबू के लंड की चुसाई काफ़ी लंबे समय से चल रही थी. इसलिए अब बाबू साक्षी की चुसाई ज़्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर सकता था.
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बाबू दरवाजे पर खड़े-खड़े सभी लड़कियों को हवस भरी नज़रों से देख रहा था कि तभी बाबू के कानों में सलीम की कही बातें गूंजने लगती है. साले चाहे जो मज़े करना लेकिन किसी भी छोरी को चोदना मत. हालाँकि बाबू काफ़ी नशे में था साथ ही व्याग्रा भी ले रखा था लेकिन बाबू सलीम चाचा को बहुत मानता था. इसलिए वो किसी भी हालत में सलीम चाचा की बात नहीं टालता था.
बाबू अभी अस्मन्जस में था कि क्या करे और क्या नहीं कि तभी साक्षी बाबू को उंगली से इशारा करते हुए अपनी ओर बुलाती है.
साक्षी: हे यू.. कम ऑन बेबी वी वाना हॅव सम फन.
बाबू पढ़ा लिखा था ऐसा नहीं था कि अनपढ़ था. लेकिन वो इस कहानी के हिसाब से बिल्कुल अनपढ़ गँवार रहा. इसलिए उसे साक्षी की बात समझ तो आ गई लेकिन उसने ऐसे रिक्ट किया जैसे उसने कुछ समझा ही ना हो. बाबू के ऐसे रियेक्शन पर साक्षी बिस्तर से उठ कर बाबू का हाथ पकड़ कर उसे बिस्तर पर ले जाती है.
साक्षी बाबू को धक्का देकर बेड पर गिरा देती है. बाबू के गिरते ही आरती और कामया बेड के एक साइड में हो जाती है. और पायल बाबू के पास जाकर बाबू के सीने को अपने नाज़ुक कोमल और छोटे-छोटे हाथों से सहलाने लगती है.
बाबू को पायल के हाथ जब अपने सीने पर महसूस होते है तो उसे ऐसा लगता है जैसे कोई पंख लेकर उसकी छाती पर फिरा रहा हो और उसे गुदगुदी कर रहा हो. बाबू अभी पायल के हाथों के नाज़ुक स्पर्श में ही खोया हुआ था कि साक्षी ने बाबू के लंड को एक दम से मूह में ले लिया और उसे चूसने लगी. बाबू साक्षी के इस हमले का जवाब पायल को किस करते हुए देता है..
पायल की नज़र बाबू के मस्क्युलर बॉडी को स्कॅन करते हुए नीचे जाती है जहाँ वो साक्षी को बाबू का लंड चूस्ते हुए देखती है. लंड चूस्ते-चूस्ते साक्षी की नज़र पायल से मिलती है. पायल साक्षी को देख कर मुस्कुराने लगती है.. बाबू के लंड की चुसाई काफ़ी लंबे समय से चल रही थी. इसलिए अब बाबू साक्षी की चुसाई ज़्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर सकता था.
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