hotaks444
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यकीन करना मुश्किल है
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक ओर नई कहानी लेकर हाजिर हूँ वैसे तो आप सब मेरे द्वारा पेश की गई कहानियो को पसंद करते हैं लेकिन अपने विचार बहुत कम प्रकट करते हैं दोस्तो अगर कहानी पढ़ने के साथ साथ अगर आप अपने कमेंट दें तो सोने पे सुहागा वाली बात होगी . क्योंकि किसी ने कहा है चरसी यार किसके दम लगा के खिसके .
इसका मतलब है कहानी पढ़ी पसंद भी आई लेकिन कोई कमेंट नही दिया . तो भाई अब तो ऐसा मत करो . दोस्तो आरएसएस ( राजशर्मास्टोरीज ) को अगर एक अच्छी और उम्दा साइट बनाना है तो अपना सहयोग ज़रूर दें . ताकि जो भी राइटर अपनी कहानी यहाँ पोस्ट करे उसे कमेंट मिलते रहे .
मेरा नाम आरा है. मैं उस वक़्त 21 साल की थी और उस वक़्त मैने बी.ए. पास कर लिया था. मेरे घर मे शुरू से ही लड़कियो को अकेले बाहर जाने की इजाज़त नही है. मैं एक लोवर मिड्ल क्लास की लड़की हूँ और बड़े ही साधारण से परिवार से हूँ. हम वही लोग हैं जो एक छोटे से कस्बे मे अपनी सारी उमर बिता देते हैं. हम मोटर साइकल ही अफोर्ड कर सकते है.
मैं भी एक आम लड़की जिसकी आम सी सहेलिया और आम सी ज़िंदगी थी. मैने बी.ए प्राइवेट किया है और मैं इंग्लीश मे अच्छी नही हूँ.
मेरी ज़िंदगी मे मैं अपने शौहर,देवर, ससुर और भाई से संबंध बना चुकी हूँ. इस बात पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है लेकिन यही मेरी ज़िंदगी है. मैं तो सिर्फ़ अपने शौहर को ही अपना जिस्म देना चाहती थी लेकिन कुदरत के खेल मे फँस कर हार कर रह गयी.
आज जब मैं पीछे देखती हूँ तो सिर्फ़ तकलीफ़ के कुछ और नही पाती. रोना मेरी किस्मत और लुटना मेरी किस्मत की लकीर बन गयी है.
आज भी याद है मुझे सब मेरे ससुराल वाले मुझे देखने आए थे.
लालची लोग लेकिन बातो से शरीफ.
मैं अपने मा बाप की एकलौती लड़की हूँ और अपने बड़े भाई से छोटी हूँ.
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक ओर नई कहानी लेकर हाजिर हूँ वैसे तो आप सब मेरे द्वारा पेश की गई कहानियो को पसंद करते हैं लेकिन अपने विचार बहुत कम प्रकट करते हैं दोस्तो अगर कहानी पढ़ने के साथ साथ अगर आप अपने कमेंट दें तो सोने पे सुहागा वाली बात होगी . क्योंकि किसी ने कहा है चरसी यार किसके दम लगा के खिसके .
इसका मतलब है कहानी पढ़ी पसंद भी आई लेकिन कोई कमेंट नही दिया . तो भाई अब तो ऐसा मत करो . दोस्तो आरएसएस ( राजशर्मास्टोरीज ) को अगर एक अच्छी और उम्दा साइट बनाना है तो अपना सहयोग ज़रूर दें . ताकि जो भी राइटर अपनी कहानी यहाँ पोस्ट करे उसे कमेंट मिलते रहे .
मेरा नाम आरा है. मैं उस वक़्त 21 साल की थी और उस वक़्त मैने बी.ए. पास कर लिया था. मेरे घर मे शुरू से ही लड़कियो को अकेले बाहर जाने की इजाज़त नही है. मैं एक लोवर मिड्ल क्लास की लड़की हूँ और बड़े ही साधारण से परिवार से हूँ. हम वही लोग हैं जो एक छोटे से कस्बे मे अपनी सारी उमर बिता देते हैं. हम मोटर साइकल ही अफोर्ड कर सकते है.
मैं भी एक आम लड़की जिसकी आम सी सहेलिया और आम सी ज़िंदगी थी. मैने बी.ए प्राइवेट किया है और मैं इंग्लीश मे अच्छी नही हूँ.
मेरी ज़िंदगी मे मैं अपने शौहर,देवर, ससुर और भाई से संबंध बना चुकी हूँ. इस बात पर यकीन करना बड़ा मुश्किल है लेकिन यही मेरी ज़िंदगी है. मैं तो सिर्फ़ अपने शौहर को ही अपना जिस्म देना चाहती थी लेकिन कुदरत के खेल मे फँस कर हार कर रह गयी.
आज जब मैं पीछे देखती हूँ तो सिर्फ़ तकलीफ़ के कुछ और नही पाती. रोना मेरी किस्मत और लुटना मेरी किस्मत की लकीर बन गयी है.
आज भी याद है मुझे सब मेरे ससुराल वाले मुझे देखने आए थे.
लालची लोग लेकिन बातो से शरीफ.
मैं अपने मा बाप की एकलौती लड़की हूँ और अपने बड़े भाई से छोटी हूँ.